जब परमेश्वर ने स्त्री के बारे में सोचा, तो उन्होंने एक वफ़ादार, बहादुर और निष्ठावान साथी की कल्पना की, एक ऐसी दोस्त जिस पर भरोसा किया जा सके, एक मेहनती और योद्धा, जो परिस्थितियों के आगे नहीं झुकती, पूरी तरह से सच्ची, जो तूफ़ान में भी नाच सकती है, ठंड में पनाह और गर्मी में आत्मा को ठंडक दे सकती है।
तुम प्रेम का प्रतीक हो, तुम्हारे दिल बड़े, क्षमाशील और विश्वास से भरे हैं, इसलिए तुम यीशु के नाम पर बड़ी लड़ाइयाँ लड़ सकती हो। सृष्टि के आरंभ से ही, तुम्हारी भूमिका महत्वपूर्ण रही है, क्योंकि तुम्हारे माध्यम से ही जीवन है। तुम्हारे साहस और समर्थन के कारण ही एक प्राणी इस दुनिया में आता है, और तुम इतनी अथक हो कि कोई भी बीमारी तुम्हें रोक नहीं सकती। तुम्हारा एकमात्र दुश्मन हमेशा तुम्हारे अपने विचार ही होंगे।
सभी अच्छी बातों पर मनन करने की कोशिश करो, क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हें इतना संपूर्ण बनाया है कि शैतान तुम्हें रोकने के लिए हमेशा हमला करने की कोशिश करेगा। तुम बहादुर हो और हर अच्छे काम के लिए समर्पित, इसलिए विश्वास रखो कि परमेश्वर और अपने आसपास के लोगों की सेवा के लिए तुम्हें स्वर्ग से इनाम मिलेगा। तुम जो भी करती हो, वो व्यर्थ नहीं है। पिता तुम्हारे कर्मों को देखता है और अपने समय पर तुम्हें लोगों के सामने सम्मानित करेगा।
इसलिए अच्छा करने से पीछे मत हटो, पवित्र आत्मा की इच्छा पूरी करने की प्रतीक्षा करो और उसके वचन से दूर मत जाओ। परमेश्वर और उसके वादों पर विश्वास करो, और भले ही उसके वचन की पूर्ति में देर हो, हौसला रखो, क्योंकि परमेश्वर ने जो तुमसे वादा किया है, उसे पूरा करने में देर नहीं करता। तुम्हारा परिवार, बच्चे और पति यीशु के हाथों में हैं, इसलिए अपने भविष्य के लिए डरो मत और उस अनुग्रह की शक्ति से मज़बूत बनो जो तुम्हें हर सुबह उठाता है।
और अब, मेरी बेटियों, डरो मत। मैं तुम्हारे लिए वो सब करूँगा जो तुम माँगोगी। मेरे सभी लोग जानते हैं कि तुम आदर्श महिलाएँ हो (रूत 3:11)।
गुणवंती पत्नी कौन पा सकता है वह जो मणि—मणिकों से कही अधिक मूल्यवान।
जिसका पति उसका विश्वास कर सकता है। वह तो कभी भी गरीब नहीं होगा।
सद्पत्नी पति के संग उत्तम व्यवहार करती। अपने जीवन भर वह उसके लिये कभी विपत्ति नहीं उपजाती।
वह सदा ऊनी और सूती कपड़े बुनाने में व्यस्त रहती।
वह जलयान जो दूर देश से आता है वह हर कहीं से घर पर भोज्य वस्तु लाती।
तड़के उठाकर वह भोजन पकाती है। अपने परिवार का और दासियों का भाग उनको देती है।
वह देखकर एवं परख कर खेत मोल लेती है जोड़े धन से वह दाख की बारी लगाती है।
वह बड़ा श्रम करती है। वह अपने सभी काम करने को समर्थ है।
जब भी वह अपनी बनायी वस्तु बेचती है, तो लाभ ही कमाती है। वह देर रात तक काम करती है।
वह सूत कातती और निज वस्तु बुनती है।
तू मेरा पुत्र है वह पुत्र जो मुझ को प्यारा है। जिसके पाने को मैंने मन्नत मानी थी।
वह सदा ही दीन—दुःखी को दान देती है, और अभाव ग्रस्त जन की सहायता करती है।
जब शीत पड़ती तो वह अपने परिवार हेतु चिंतित नहीं होती है। क्योंकि उसने सभी को उत्तम गर्म वस्त्र दे रख है।
वह चादर बनाती है और गद्दी पर फैलाती है। वह सन से बने कपड़े पहनती है।
लोग उसके पति का आदर करते हैं वह स्थान पाता है नगर प्रमुखों के बीच।
वह अति उत्तम व्यापारी बनती है। वह वस्त्रों और कमरबंदों को बनाकर के उन्हें व्यापारी लोगों को बेचती है।
वह शक्तिशाली है, और लोग उसको मान देते हैं।
जब वह बोलती है, वह विवेकपूर्ण रहती है। उसकी जीभ पर उत्तम शिक्षायें सदा रहती है।
वह कभी भी आलस नहीं करती है और अपने घर बार का ध्यान रखती है।
उसके बच्चे खड़े होते और उसे आदर देते हैं। उसका पति उसकी प्रशंसा करता है।
उसका पति कहता है, “बहुत सी स्त्रियाँ होती हैं। किन्तु उन सब में तू ही सर्वोत्तम अच्छी पत्नी है।”
तू व्यर्थ अपनी शक्ति स्त्रियों पर मत व्यय करो स्त्री ही राजाओं का विनाश करती हैं। इसलिये तू उन पर अपना क्षय मत कर।
मिथ्या आकर्षण और सुन्दरता दो पल की है, किन्तु वह स्त्री जिसे यहोवा का भय है, प्रशंसा पायेगी।
उसे वह प्रतिफल मिलना चाहिये जिसके वह योग्य है, और जो काम उसने किये हैं, उसके लिये चाहिये कि सारे लोग के बीच में उसकी प्रशंसा करें।
एक उत्तम पत्नी के साथ पति खुश और गर्वीला होता है। किन्तु वह पत्नी जो अपने पति को लजाती है वह उसको शरीर की बीमारी जैसे होती है।
इसी प्रकार स्त्रियों को भी सम्मान के योग्य होना चाहिए। वे निंदक नहीं होनी चाहिए बल्कि शालीन और हर बात में विश्वसनीय होनी चाहिए।
युवती, अब डरो नहीं। मैं वही करूँगा जो तुम चाहती हो। मेरे नगर के सभी लोग जानते हैं कि तुम एक अच्छी स्त्री हो।
बल्कि तुम्हारा श्रृंगार तो तुम्हारे मन का भीतरी व्यक्तित्व होना चाहिए जो कोमल और शान्त आत्मा के अविनाशी सौन्दर्य से युक्त हो। परमेश्वर की दृष्टि में जो मूल्यवान हो।
जब शीत पड़ती तो वह अपने परिवार हेतु चिंतित नहीं होती है। क्योंकि उसने सभी को उत्तम गर्म वस्त्र दे रख है।
घर पर तेरी घरवाली अंगूर की बेल सी फलवती होगी। मेज के चारों तरफ तेरी संतानें ऐसी होंगी, जैसे जैतून के वे पेड़ जिन्हें तूने रोपा है।
वह अति उत्तम व्यापारी बनती है। वह वस्त्रों और कमरबंदों को बनाकर के उन्हें व्यापारी लोगों को बेचती है।
यहोवा मेरी शक्ति है, वह मेरी ढाल है। मुझे उसका भरोसा था। उसने मेरी सहायता की। मैं अति प्रसन्न हूँ, और उसके प्रशंसा के गीत गाता हूँ।
यहोवा परमेश्वर ने मनुष्य की पसली से स्त्री की रचना की। तब यहोवा परमेश्वर स्त्री को मनुष्य के पास लाया।
जिसका पति उसका विश्वास कर सकता है। वह तो कभी भी गरीब नहीं होगा।
सद्पत्नी पति के संग उत्तम व्यवहार करती। अपने जीवन भर वह उसके लिये कभी विपत्ति नहीं उपजाती।
मूर्ख पुत्र विनाश का बाढ़ होता है; अपने पिता के लिए और पत्नी के नित्य झगड़े हर दम का टपका है।
उसका पति कहता है, “बहुत सी स्त्रियाँ होती हैं। किन्तु उन सब में तू ही सर्वोत्तम अच्छी पत्नी है।”
हे पत्नियो, अपने-अपने पतियों के प्रति ऐसे समर्पित रहो, जैसे तुम प्रभु को समर्पित होती हो।
क्योंकि अपनी पत्नी के ऊपर उसका पति ही प्रमुख है। वैसे ही जैसे हमारी कलीसिया का सिर मसीह है। वह स्वयं ही इस देह का उद्धार करता है।
उसे वह प्रतिफल मिलना चाहिये जिसके वह योग्य है, और जो काम उसने किये हैं, उसके लिये चाहिये कि सारे लोग के बीच में उसकी प्रशंसा करें।
मेरी प्रिये, तुम अति सुन्दर हो! तुम सुन्दर हो! घूँघट की ओट में तेरी आँखें कपोत की आँखों जैसी सरल हैं। तेरे केश लम्बे और लहराते हुए हैं जैसे बकरी के बच्चे गिलाद के पहाड़ के ऊपर से नाचते उतरते हों।
तब यहोवा परमेश्वर ने कहा, “मैं समझता हूँ कि मनुष्य का अकेला रहना ठीक नहीं है। मैं उसके लिए एक सहायक बनाऊँगा जो उसके लिए उपयुक्त होगा।”
किन्तु उसने मुझसे कह दिया है, “तेरे लिये मेरा अनुग्रह पर्याप्त है क्योंकि निर्बलता में ही मेरी शक्ति सबसे अधिक होती है” इसलिए मैं अपनी निर्बलता पर प्रसन्नता के साथ गर्व करता हूँ। ताकि मसीह की शक्ति मुझ में रहे।
अर्थात् जो केशों की वेणियाँ सजाने, सोने के आभूषण पहनने और अच्छे-अच्छे कपड़ों से किया जाता है,
बल्कि तुम्हारा श्रृंगार तो तुम्हारे मन का भीतरी व्यक्तित्व होना चाहिए जो कोमल और शान्त आत्मा के अविनाशी सौन्दर्य से युक्त हो। परमेश्वर की दृष्टि में जो मूल्यवान हो।
हे यहोवा, तुझको उन सभी अचरज भरे कामों के लिये मेरा धन्यवाद, और मैं सचमुच जानता हूँ कि तू जो कुछ करता है वह आश्चर्यपूर्ण है।
“हे यरूशलेम, हे मेरे प्रकाश, तू उठ जाग! तेरा प्रकाश (परमेश्वर) आ रहा है! यहोवा की महिमा तेरे ऊपर चमकेगी।
अपने पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रख! तू अपनी समझ पर भरोसा मत रख।
उसको तू अपने सब कामों में याद रख। वही तेरी सब राहों को सीधी करेगा।
मेरा जीवन का अंत दु:ख में हो रहा है। मेरे वर्ष आहों में बीतते जाते हैं। मेरी वेदनाएँ मेरी शक्ति को निचोड़ रही हैं। मेरा बल मेरा साथ छोड़ता जा रहा है।
किन्तु यहोवा, तू मेरी ढाल है। तू ही मेरी महिमा है। हे यहोवा, तू ही मेरा सिर ऊँचा करता है।
मैं यहोवा को ऊँचे स्वर में पुकारुँगा। वह अपने पवित्र पर्वत से मुझे उत्तर देगा।
ताकि युवतियों को अपने-अपने बच्चों और पतियों से प्रेम करने की सीख दे सकें।
जिससे वे संयमी, पवित्र, अपने-अपने घरों की देखभाल करने वाली, दयालु अपने पतियों की आज्ञा मानने वाली बनें जिससे परमेश्वर के वचन की निन्दा न हो।
“तुझे हराने के लिए लोग हथियार बनायेंगे किन्तु वे हथियार तुझे कभी हरा नहीं पायेंगे। कुछ लोग तेरे विरोध में बोलेंगे। किन्तु हर ऐसे व्यक्ति को बुरा प्रमाणित किया जायेगा जो तेरे विरोध में बोलेगा।” यहोवा कहता है, “यहोवा के सेवकों को क्या मिलता है उन्हें न्यायिक विजय मिलती है। यह उन्हें मुझसे मिलती हैं।”
यहोवा संकट के काल में उत्तम है। वह सुरक्षित शरण ऐसे उन लोगों का है जो उसके भरोसे हैं। वह उनकी देख रेख करता है।
“मैंने ये बातें तुमसे इसलिये कहीं कि मेरे द्वारा तुम्हें शांति मिले। जगत में तुम्हें यातना मिली है किन्तु साहस रखो, मैंने जगत को जीत लिया है।”
हे पत्नियो, अपने-अपने पतियों के प्रति ऐसे समर्पित रहो, जैसे तुम प्रभु को समर्पित होती हो।
क्योंकि अपनी पत्नी के ऊपर उसका पति ही प्रमुख है। वैसे ही जैसे हमारी कलीसिया का सिर मसीह है। वह स्वयं ही इस देह का उद्धार करता है।
जैसे कलीसिया मसीह के अधीन है, वैसे ही पत्नियों को सब बातों में अपने अपने पतियों के प्रति समर्पित रहना चाहिए।
जबकि पवित्र आत्मा, प्रेम, प्रसन्नता, शांति, धीरज, दयालुता, नेकी, विश्वास,
नम्रता और आत्म-संयम उपजाता है। ऐसी बातों के विरोध में कोई व्यवस्था का विधान नहीं है।
हे राजपुत्री, मेरी बात को सुन। ध्यानपूर्वक सुन, तब तू मेरी बात को समझेगी। तू अपने निज लोगों और अपने पिता के घराने को भूल जा।
राजा तेरे सौन्दर्य पर मोहित है। यह तेरा नया स्वामी होगा। तुझको इसका सम्मान करना है।
हे पत्नियों, अपने पतियों के प्रति उस प्रकार समर्पित रहो जैसे प्रभु के अनुयायियों को शोभा देता है।
सद्पत्नी पति के संग उत्तम व्यवहार करती। अपने जीवन भर वह उसके लिये कभी विपत्ति नहीं उपजाती।
भाई चारे के साथ एक दूसरे के प्रति समर्पित रहो। आपस में एक दूसरे को आदर के साथ अपने से अधिक महत्व दो।
बुद्धि मणि माणिक से अधिक मूल्यवान है। उसकी तुलना कभी किसी उस वस्तु से नहीं हो सकती है जिसे तू चाह सके!
वहाँ शिप्रा और पूआ नाम की दो धाइयाँ थीं। ये धाइयाँ इस्राएली स्त्रियों के बच्चों का जन्म देने में सहायता करती थीं। मिस्र के राजा ने धाइयों से बातचीत की।
राजा ने कहा, “तुम हिब्रू स्त्रियों को बच्चा जनने में सहायता करती रहोगी। यदि लड़की पैदा हो तो उसे जीवित रहने दो किन्तु यदि लड़का पैदा हो तो तुम लोग उसे मार डालो।”
किन्तु धाइयों ने परमेश्वर पर विश्वास? किया। इसलिए उन्होंने मिस्र के राजा के आदेश का पालन नहीं किया। उन्होंने सभी लड़कों को जीवित रहने दिया।
मिस्र के राजा ने धाइयों को बुलाया और कहा, “तुम लोगों ने ऐसा क्यों किया? तुम लोगों ने पुत्रों (लड़कों) को क्यों जीवित रहने दिया?”
धाइयों ने फ़िरौन से कहा, “हिब्रू स्त्रियाँ मिस्री स्त्रियों से अधिक बलवान हैं। उनकी सहायता के लिए हम लोगों के पहुँचने से पहले ही वे बच्चों को जन्म दे देती हैं।”
रूबेन, शिमोन, लेवी, यहूदा,
परमेश्वर धाइयों पर कृपालु था क्योंकि वे परमेश्वर से डरती थीं। इसलिए परमेश्वर उनके लिए अच्छा रहा और उन्हें अपने परिवार बनाने दिया और हिब्रू लोग अधिक बच्चे उत्पन्न करते रहे और वे बहुत शक्तिशाली हो गए।
किन्तु रूत ने कहा, “अपने को छोड़ने के लिये मुझे विवश मत करो! अपने लोगों में लौटने के लिये मुझे विवश मत करो। मुझे अपने साथ चलने दो। जहाँ कहीं तुम जाओगी, मैं सोऊँगी। जहाँ कहीं तुम सोओगी, मैं सोऊँगी। तुम्हारे लोग, मेरे लोग होंगे। तुम्हारा परमेश्वर, मेरा परमेश्वर होगा।
जहाँ तुम मरोगी, मैं भी वहीं मरूँगी और में वहीं दफनाई जाऊँगी। मैं यहोवा से याचना करती हूँ कि यदि मैं अपना वचन तोड़ूँ तो यहोवा मुझे दण्ड देः केवल मृत्यु ही हम दोनों को अलग कर सकती है।”
तू यह जानता है कि मैं बहुत व्याकुल हूँ। तू यह जानता है कि मैंने तुझे कितना पुकारा है तूने निश्चय ही मेरे सब आँसुओं का लेखा जोखा रखा हुआ है।
इसी प्रकार वृद्ध महिलाओं को सिखाओ कि वे पवित्र जनों के योग्य उत्तम व्यवहार वाली बनें। निन्दक न बनें तथा बहुत अधिक दाखमधु पान की लत उन्हें न हो। वे अच्छी-अच्छी बातें सिखाने वाली बनें
लोगों के सामने तुम्हारा प्रकाश ऐसे चमके कि वे तुम्हारे अच्छे कामों को देखें और स्वर्ग में स्थित तुम्हारे परम पिता की महिमा का बखान करें।
क्यों क्योंकि तेरा पति वही था जिसने तुझको रचा था। उसका नाम सर्वशक्तिमान यहोवा है। वही इस्राएल की रक्षा करता है, वही इस्राएल का पवित्र है और वही समूची धरती का परमेश्वर कहलाता है!
उस व्यक्ति का नाम नाबाल था। उसकी पत्नी का नाम अबीगैल था। अबीगैल बुद्धिमती और सुन्दर स्त्री थी। किन्तु नाबल क्रूर और नीच था। नाबाल कालेब के परिवार से था।
इससे वह मनुष्य उस वृक्ष जैसा सुदृढ़ बनता है जिसको जलधार के किनारे रोपा गया है। वह उस वृक्ष समान है, जो उचित समय में फलता और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। वह जो भी करता है सफल ही होता है।
और सबसे बड़ी बात यह है कि एक दूसरे के प्रति निरन्तर प्रेम बनाये रखो क्योंकि प्रेम से अनगिनत पापों का निवारण होता है।
चाहै कोई निपूती बाँझ स्त्री हो, परमेश्वर उसे बच्चे दे देगा और उसको प्रसन्न करेगा। यहोवा का गुणगान करो!
यहोवा ने सारा को यह वचन दिया था कि वह उस पर कृपा करेगा। यहोवा अपने वचन के अनुसार उस पर दयालु हुआ।
इसलिए सारा ने इब्राहीम से कहा, “उस दासी स्त्री तथा उसके पुत्र को यहाँ से भेज दो। जब हम लोग मरेंगे हम लोगों की सभी चीज़ें इसहाक को मिलेंगी। मैं नहीं चाहती कि उसका पुत्र इसहाक के साथ उन चीज़ों में हिस्सा ले।”
इन सभी बातों ने इब्राहीम को बहुत दुःखी कर दिया। वह अपने पुत्र इश्माएल के लिए दुःखी था।
किन्तु परमेश्वर ने इब्राहीम से कहा, “उस लड़के के बारे में दुःखी मत होओ। उस दासी स्त्री के बारे में भी दुःखी मत होओ। जो सारा चाहती है तुम वही करो। तुम्हारा वंश इसहाक के वंश से चलेगा।
लेकिन मैं तुम्हारी दासी के पुत्र को भी अशीर्वाद दूँगा। वह तुम्हारा पुत्र है इसलिए मैं उसके परिवार को भी एक बड़ा राष्ट्र बनाऊँगा।”
दूसरे दिन बहुत सवेरे इब्राहीम ने कुछ भोजन और पानी लिया। इब्राहीम ने यह चीज़ें हाजिरा को दें दी। हाजिरा ने वे चीज़ें लीं और बच्चे के साथ वहाँ से चली गई। हाजिरा ने वह स्थान छोड़ा और वह बेर्शेबा की मरुभूमि में भटकने लगी।
कुछ समय बाद हाजिरा का सारा पानी स्माप्त हो गया। पीने के लिए कुछ भी पानी न बचा। इसलिए हाजिरा ने अपने बच्चे को एक झाड़ी के नीचे रखा।
हाजिरा वहाँ से कुछ दूर गई। तब वह रुकी और बैठ गई। हाजिरा ने सोचा कि उसका पुत्र मर जाएगा क्योंकि वहाँ पानी नहीं था। वह उसे मरता हुआ देखना नहीं चाहती थी। वह वहाँ बैठ गई और रोने लगी।
परमेश्वर ने बच्चे का रोना सुना। स्वर्ग से एक दूत हाजिरा के पास आया। उसने पूछा, “हाजिरा, तुम्हें क्या कठिनाई है। परमेश्वर ने वहाँ बच्चे का रोना सुन लिया।
जाओ, और बच्चे को संभालो। उसका हाथ पकड़ लो और उसे साथ ले चलो। मैं उसे बहुत से लोगों का पिता बनाऊँगा।”
परमेश्वर ने हाजिरा की आँखे इस प्रकार खोलीं कि वह एक पानी का कुआँ देख सकी। इसलिए कुएँ पर हाजिरा गई और उसके थैले को पानी से भर लिया। तब उसने बच्चे को पीने के लिए पानी दिया।
सारा गर्भवती हुई और बुढ़ापे में इब्राहीम के लिए एक बच्चा जनी। सही समय पर जैसा परमेश्वर ने वचन दिया था वैसा ही हुआ।
मैं इस्राएल के राजभक्त तथा शान्तिप्रिय लोगों में से एक हूँ। तुम इस्राएल के एक महत्वपूर्ण नगर को नष्ट कर रहे हो। तुम्हें, वह कोई भी चीज, जो यहोवा की है, नष्ट नहीं करनी चाहिये।”
हे यहोवा, वे वस्तुएँ जिनको मुझे देने का वचन दिया है मुझे दे। हे यहोवा, तेरा सच्चा प्रेम सदा ही बना रहता है। हे यहोवा, तूने हमको रचा है सो तू हमको मत बिसरा।
तड़के उठाकर वह भोजन पकाती है। अपने परिवार का और दासियों का भाग उनको देती है।
वह देखकर एवं परख कर खेत मोल लेती है जोड़े धन से वह दाख की बारी लगाती है।
यह मेरी कामना है: पुत्र जवान हो कर विशाल पेड़ों जैसे मजबूत हों। और मेरी यह कामनाहै हमारी पुत्रियाँ महल की सुन्दर सजावटों सी हों।
मैं किंख्रिया की कलीसिया की विशेष सेविका हमारी बहन फ़ीबे की तुम से सिफारिश करता हूँ
मसीह में खरे और सच्चे अपिल्लेस को नमस्कार। अरिस्तुबुलुस के परिवार को नमस्कार।
यहूदी साथी हिरोदियोन को नमस्कार। नरकिस्सुस के परिवार के उन लोगों को नमस्कार जो प्रभु में हैं।
त्रुफेना और त्रुफोसा को जो प्रभु में परिश्रमी कार्यकर्ता हैं, नमस्कार। मेरी प्रिया परसिस को, जिसने प्रभु में कठिन परिश्रम किया है, मेरा नमस्कार।
प्रभु के असाधारण सेवक रूफुस को और उसकी माँ को, जो मेरी भी माँ रही है, नमस्कार।
असुंक्रितुस, फिलगोन, हिर्मेस, पत्रुबास, हिर्मोस और उनके साथी बंधुओं को नमस्कार।
फिलुलुगुस, यूलिया, नेर्युस तथा उसकी बहन उलुम्पास और उनके सभी साथी संतों को नमस्कार।
तुम लोग पवित्र चुंबन द्वारा एक दूसरे का स्वागत करो। तुम्हें सभी मसीही कलीसियों की ओर से नमस्कार।
हे भाइयो, मैं तुमसे प्रार्थना करता हूँ कि तुमने जो शिक्षा पाई हैं, उसके विपरीत तुममें जो फूट डालते हैं और दूसरों के विश्वास को बिगाड़ते हैं, उनसे सावधान रहो, और उनसे दूर रहो।
क्योंकि ये लोग हमारे प्रभु यीशु मसीह की नहीं बल्कि अपने पेट की उपासना करते हैं। और अपनी खुशामद भरी चिकनी चुपड़ी बातों से भोले भाले लोगों के ह्रदय को छलते हैं।
तुम्हारी आज्ञाकारिता की चर्चा बाहर हर किसी तक पहुँच चुकी है। इसलिये तुमसे मैं बहुत प्रसन्न हूँ। किन्तु मैं चाहता हूँ कि तुम नेकी के लिये बुद्धिमान बने रहो और बुराई के लिये अबोध रहो।
कि तुम उसे प्रभु में ऐसी रीति से ग्रहण करो जैसी रीति परमेश्वर के लोगों के योग्य है। उसे तुमसे जो कुछ अपेक्षित हो सब कुछ से तुम उसकी मदद करना क्योंकि वह मुझ समेत बहुतों की सहायक रही है।
मेरे सच्चे साथी तुझसे भी मेरा आग्रह है कि इन महिलाओं की सहायता करना। ये वलैमेन्स तथा मेरे दूसरे सहकर्मियों सहित सुसमाचार के प्रचार में मेरे साथ जुटी रही हैं। इनके नाम जीवन की पुस्तक में लिखे गये है।
तूने जिनके लिये काम किया है, उन वस्तुओं का तू आनन्द लेगा। उन ऐसी वस्तुओं को कोई भी व्यक्ति तुझसे नहीं छिनेगा। तू प्रसन्न रहेगा और तेरे साथ भली बातें घटेंगी।
और राहेल ने अपने पिता से कहा, “पिताजी, मुझ पर क्रोध न हो। मैं आपके सामने खड़ी होने में असमर्थ हूँ। इस समय मेरा मासिकधर्म चल रहा है।” इसलिए लाबान ने पूरे तम्बू में ढूँढा, लेकिन वह उसके घर से देवताओं को नहीं पा सका।
जिससे वे संयमी, पवित्र, अपने-अपने घरों की देखभाल करने वाली, दयालु अपने पतियों की आज्ञा मानने वाली बनें जिससे परमेश्वर के वचन की निन्दा न हो।
तब इसहाक लड़की को अपनी माँ के तम्बू में ले आया। उसी दिन इसहाक ने रिबका से विवाह कर लिया। वह उससे बहुत प्रेम करता था। अतः उसे उसकी माँ की मृत्यु के पश्चात् भी सांत्वना मिली।
क्योंकि तूने मुझको मृत्यु से बचाया है। तूने मुझको हार से बचाया है। सो मैं परमेश्वर की आराधना करूँगा, जिसे केवल जीवित व्यक्ति देख सकते हैं।
हे यहोवा, तू हमें सच्ची शांति प्रदान करता है। तू उनको शान्ति दिया करता है, जो तेरे भरोसे हैं और तुझ पर विश्वास रखते हैं।
उन सभी स्त्रियों ने जो कुशल थीं और हाथ बँटाना चाहती थीं उन्होंने बकरी के बालों से कपड़ा बनाया।
तथा जो बाल बच्चों को पालते हुए, अतिथि सत्कार करते हुए, पवित्र लोगों के पांव धोते हुए दुखियों की सहायता करते हुए, अच्छे कामों के प्रति समर्पित होकर सब तरह के उत्तम कार्यों के लिए जानी-मानी जाती हो।
हे यहोवा, तूने मेरी देह को मेरी माता के गर्भ में विकसते देखा। ये सभी बातें तेरी पुस्तक में लिखीं हैं। हर दिन तूने मुझ पर दृष्टी की। एक दिन भी तुझसे नहीं छूटा।
ऐसे ही हे पतियों, तुम अपनी पत्नियों के साथ समझदारी पूर्वक रहो। उन्हें निर्बल समझ कर, उनका आदर करो। जीवन के वरदान में उन्हें अपना सह उत्तराधिकारी भी मानो ताकि तुम्हारी प्रार्थनाओं में बाधा न पड़े।
जो तुझ पर भरोसा रखते, तेरा नाम जानते हैं। हे यहोवा, यदि कोई जन तेरे द्वार पर आ जाये तो बिना सहायता पाये कोई नहीं लौटता।
सबसे बड़ी बात यह है कि तू अपने विचारों के बारे में सावधान रह। क्योंकि तेरे विचार जीवन को नियंत्रण में रखते हैं।
अब और आगे इस दुनिया की रीति पर मत चलो बल्कि अपने मनों को नया करके अपने आप को बदल डालो ताकि तुम्हें पता चल जाये कि परमेश्वर तुम्हारे लिए क्या चाहता है। यानी जो उत्तम है, जो उसे भाता है और जो सम्पूर्ण है।
वे व्यक्ति सच्ची शांती पायेंगे, जिन्हें तेरी शिक्षाएँ भाती हैं। उसको कुछ भी गिरा नहीं पायेगा।
नहीं तो, वे मदिरा का बहुत अधिक पान करके, विधान की व्यवस्था को भूल जायेगें और वे सारे दीन दलितों के अधिकारों को छीन लेंगे।
हे भाईयों, उन बातों का ध्यान करो जो सत्य हैं, जो भव्य है, जो उचित है, जो पवित्र है, जो आनन्द दायी है, जो सराहने योग्य है या कोई भी अन्य गुण या कोई प्रशंसा
इसलिए एक दूसरे को सुख पहुँचाओ और एक दूसरे को आध्यात्मिकरूप से सुदृढ़ बनाते रहो। जैसा कि तुम कर भी रहे हो।
तूने मुझे बुरे समय और कष्ट देखने दिये। किन्तु तूने ही मुझे उन सब से बचा लिया और जीवित रखा है। इसका कोई अर्थ नहीं, मैं कितना ही गहरा डूबा तूने मुझको मेरे संकटों से उबार लिया।
तू ऐसे काम करने की मुझको सहायता दे जो पहले से भी बड़े हो। मुझको सुख चैन देता रह।
बुद्धिमान स्त्री अपना घर बनाती है किन्तु मूर्ख स्त्री अपने ही हाथों से अपना घर उजाड़ देती है।
गुणवंती पत्नी कौन पा सकता है वह जो मणि—मणिकों से कही अधिक मूल्यवान।
जिसका पति उसका विश्वास कर सकता है। वह तो कभी भी गरीब नहीं होगा।
सद्पत्नी पति के संग उत्तम व्यवहार करती। अपने जीवन भर वह उसके लिये कभी विपत्ति नहीं उपजाती।
मिथ्या आकर्षण और सुन्दरता दो पल की है, किन्तु वह स्त्री जिसे यहोवा का भय है, प्रशंसा पायेगी।