
सोचो, एक ऐसी दुनिया है, आँखों से न दिखने वाली, जहाँ हमें प्रार्थना और परमेश्वर के वचन से लड़ाई लड़नी है। इस आध्यात्मिक दुनिया में बड़ी-बड़ी लड़ाइयाँ लड़ी जाती हैं। यहीं परमेश्वर के अलौकिक चमत्कार होते हैं। यहाँ न सिर्फ़ बुराई की शक्तियों से लड़ना होता है, बल्कि यहीं तुम अपने जीवन में चमत्कार और विजय पाते हो। क्योंकि हमारी लड़ाई हाड़-माँस के इंसानों से नहीं, बल्कि इस अंधकार से भरी दुनिया पर राज करने वाली शक्तियों, अधिकारियों और प्रधानों से है, और स्वर्गीय स्थानों में दुष्टात्माओं से है। (एफिसियों ६:१२) देखो, परमेश्वर खुद इस आध्यात्मिक दुनिया का ज़िक्र करते हैं, जहाँ सिर्फ़ उनकी उपस्थिति में ही तुम लड़ सकते हो। भले ही हम दुनिया में रहते हैं, पर हम दुनिया की तरह नहीं लड़ते। हमारे हथियार दुनियावी नहीं हैं, बल्कि उनमें गढ़ों को ढा देने की ईश्वरीय शक्ति है। (२ कुरिन्थियों १०:३-४)
यहोवा खरा है। परमेश्वर उन लोगों को न्याय देता है, जिन पर दूसरे लोगों ने अत्याचार किये।
जो गरीब को सताती है, वह तो सबके सृजनहार का अपमान करता है। किन्तु वह जो भी कोई गरीब पर दयालु रहता है, वह परमेश्वर का आदर करता है।
विधवाओ, अनाथों, अजनबियों या दीन लोगों को चोट न पहुँचाओ। एक दुसरे का बुरा करने का विचार भी मन में न आने दो!’”
इस्राएल का पवित्र (परमेश्वर) कहता है, “तुम लोगों ने यहोवा से इस सन्देश को स्वीकार करने से मना कर दिया है। तुम लोग सहायता के लिये लड़ाई—झगड़ों और झूठ पर निर्भर रहना चाहते हो।तुम क्योंकि इन बातों के लिए अपराधी हो, इसलिए तुम एक ऐसी ऊँची दीवार के समान हो जिसमें दरारें आ चुकी हैं। वह दीवार ढह जायेगी और छोटे—छोटे टुकड़ों में टूट कर ढेर हो जायेगी।
तू गरीब का शोषण मत कर। इसलिये कि वे बस दरिद्र हैं; और अभावग्रस्त को कचहरी में मत खींच।क्योंकि परमेश्वर उनकी सुनवाई करेगा और जिन्होंने उन्हें लूटा है वह उन्हें लूट लेगा।
अच्छे काम करना सीखो। दूसरे लोगों के साथ न्याय करो। जो लोग दूसरों को सताते हैं, उन्हें दण्ड दो। अनाथ बच्चों के अधिकारों के लिए संघर्ष करो। जिन स्त्रियों के पति मर गये हैं, उन्हें न्याय दिलाने के लिए उनकी पैरवी करो।”
मैंने इस्राएल के लोगों की पुकार सुनी है। मैंने देखा है कि मिस्रियों ने किस तरह उनके लिए जीवन को कठिन कर दिया है।
राजा, निर्धन लोगों के प्रति न्यायपूर्ण रहे। वह असहाय लोगों की सहायता करे। वे लोग दण्डित हो जो उनको सताते हो।
उन नियम बनाने वालों को देखो जो अन्यायपूर्ण नियम बना कर लिखते हैं। ऐसे नियम बनाने वाले ऐसे नियम बना कर लिखते हैं जिससे लोगों का जीवन दूभर होता है।वे नियम बनाने वाले गरीब लोगों के प्रति सच्चे नहीं हैं। वे गरीबों के अधिकार छीनते हैं। वे लोगों को विधवाओं और अनाथों के यहाँ चोरी करने की अनुमति देते हैं।
ऐसा मनुष्य जो गरीब की हंसी उड़ाता, उसके सृजनहार से वह घृणा दिखाता है। वह दुःख में खुश होता है।
यरूशलेम के लोग अपने माता—पिता का सम्मान नहीं करते। वे उस नगर में विदेशियों को सताते हैं। वे अनाथों और विधवाओं को उस स्थान पर ठगते हैं।
मैंने फिर यह भी देखा है कि कुछ लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। मैंने उनके आँसू देखे हैं और फिर यह भी देखा है कि उन दुःखी लोगों को ढाढ़स बँधाने वाला भी कोई नहीं है। मैंने देखा है कि कठोर लोगों के पास समूची शक्ति है और ये लोग जिन लोगों को क्षति पहुँचाते हैं उन्हें ढाढ़स बँधाने वाला भी कोई नहीं है।
यहोवा यह कहता है: “मैं इस्राएल को उनके द्वारा किये गए अनेकों अपराधों के लिये दण्ड अवश्य दूँगा। क्यों क्योंकि उन्होंने चाँदी के चन्द टुकड़ों के लिये अच्छे और भोले—भाले लोगों को दास के रूप में बेचा। उन्होंने एक जोड़ी जूते के लिये गरीब लोगों को बेचा।
तुम गरीबों से अनुचित कर वसूलते हो। तुम उनसे ढेर सारा गेहूँ लेते हो और इस धन का उपयोग तुम तराशे पत्थरों से सुन्दर महल बनाने में करते हो। किन्तु तुम उन महलों मे नहीं रहोगे। तुम अंगूरों की बेलों के सुन्दर खेत बनाते हो। किन्तु तुम उनसे प्राप्त दाखमधु को नहीं पीओगे।
“मैं तुम्हें बताऊँगा कि मुझे कैसा विशेष दिन चाहिये—एक ऐसा दिन जब लोगों को आज़ाद किया जाये। मुझे एक ऐसा दिन चाहिये जब तुम लोगों के बोझ को उन से दूर कर दो। मैं एक ऐसा दिन चाहता हूँ जब तुम दु:खी लोगों को आज़ाद कर दो। मुझे एक ऐसा दिन चाहिये जब तुम उनके कंधों से भार उतार दो।
ऐसे उन लोगों पर विपत्तियाँ गिरेंगी, जो पापपूर्ण योजना बनाते हैं। ऐसे लोग बिस्तर में सोते हुए षड़यन्त्र रचते हैं और पौ फटते ही वे अपने षड़यन्त्रों पर चलने लगते हैं। क्यों क्योकि उन के पास उन्हें पूरा करने की शक्ति है।उन्हें खेत चाहिये सो वे उनको ले लेते हैं। उनको घर चाहिये सो वे उनको ले लेते हैं। वे किसी व्यक्ति को छलते हैं और उसका घर छींन लेते हैं। वे किसी व्यक्ति को छलते हैं और वे उससे उसकी वस्तुएँ छीन लेते हैं।इसलिये यहोवा ये बातें कहता है, “देखो, मैं इस परिवार पर विपत्तियाँ ढाने की योजना रच रहा हूँ। तुम अपनी सुरक्षा नहीं कर पाओगे। इस जुए के बोझ से तुम सिर ऊँचा करके नहीं चल पाओगे। क्यों क्योंकि यह एक बुरा समय होगा।
ऐसा मनुष्य जो अपना धन बढ़ाने गरीब को दबाता है; और वह, जो धनी को उपहार देता, दोनों ही ऐसे जन निर्धन हो जाते हैं।
वह अनाथ बच्चों की सहायता करता है। वह विधवाओं की सहायता करता है। वह हमारे देश में अजनबियों से भी प्रेम करता है। वह उन्हें भोजन और वस्त्र देता है।
“ओ फरीसियों! तुम्हें धिक्कार है क्योंकि तुम अपने पुदीने और सुदाब बूटी और हर किसी जड़ी बूटी का दसवाँ हिस्सा तो अर्पित करते हो किन्तु परमेश्वर के लिये प्रेम और न्याय की उपेक्षा करते हो। किन्तु इन बातों को तुम्हें उन बातों की उपेक्षा किये बिना करना चाहिये था।
हे यहोवा, दीन दु:खी लोग जो चाहते हैं वह तूने सुन ली। उनकी प्रार्थनाएँ सुन और उन्हें पूरा कर जिनको वे माँगते हैं!हे यहोवा, अनाथ बच्चों की तू रक्षा कर। दु:खी जनों को और अधिक दु:ख मत पाने दे। दुष्ट जनों को तू इतना भयभीत कर दे कि वे यहाँ न टिक पायें।
किन्तु यहोवा कहता है: “बुरे मनुष्यों ने दीन दुर्बलों से वस्तुएँ चुरा ली हैं। उन्होंने असहाय दीन जन से उनकी वस्तुएँ ले लीं। किन्तु अब मैं उन हारे थके लोगों की रक्षा खड़ा होकर करुँगा।”
“याद रखो इससे पहले तुम लोग मिस्र देश में विदेशी थे। अतः तुम लोग उस व्यक्ति को न ठगो, न ही चोट पहुँचाओ जो तुम्हारे देश में विदेशी हो।“निश्चय ही तुम लोग ऐसी स्त्रियों का कभी बुरा नहीं करोगे जिनके पति मर चुके हों या उन बच्चों का जिनके माता—पिता न हों।यदि तुम लोग उन विधवाओं या अनाथ बच्चों का कुछ बुरा करोगे तो वे मेरे आगे रोएंगे और मैं उनके कष्टों को सुनूँगा
“तुम्हें किसी मजदूरी पर रखे गए गरीब और जरूरतमन्द सेवक को धोखा नहीं देना चाहिए। इसका कोई महत्व नहीं कि वह तुम्हारा साथी इस्राएली है या वह कोई विदेशी है जो तुम्हारे नगरों में से किसी एक में रह रहा है।सूरज डूबने से पहले प्रतिदिन उसकी मजदूरी दे दो। क्यों क्योंकि वह गरीब है और उसी धन पर आश्रित है। यदि तुम उसका भुगतान नहीं करते तो वह यहोवा से तुम्हारे विरुद्ध शिकायत करेगा और तुम पाप करने के अपराधी होगे।
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “इस्राएल और यहूदा के लोग दास हैं। शत्रु उन्हें ले गया, और शत्रु इस्राएल को निकल जाने नहीं देगा।किन्तु परमेश्वर उन लोगों को वापस लाएगा। उसका नाम सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा है। वह दृढ़ शक्ति से उन लोगों की रक्षा करेगा। वह उनकी रक्षा करेगा जिससे वह पृथ्वी को विश्राम दे सके। किन्तु वह बाबुल के निवासियों को विश्राम नहीं देगा।”
उन्हें खेत चाहिये सो वे उनको ले लेते हैं। उनको घर चाहिये सो वे उनको ले लेते हैं। वे किसी व्यक्ति को छलते हैं और उसका घर छींन लेते हैं। वे किसी व्यक्ति को छलते हैं और वे उससे उसकी वस्तुएँ छीन लेते हैं।
परमेश्वर दीन व्यक्ति को मृत्यु से बचाता है और उन्हें शक्तिशाली चतुर लोगों की शक्ति से बचाता है।
तब तुम अपने पुत्र से कहोगे, ‘हम मिस्र में फिरौन के दास थे, किन्तु यहोवा हमें बड़ी शक्ति से मिस्र से बाहर लाया।
तब मैं तुम्हारे पास आऊँगा और तब मैं ठीक काम करूगा। मैं उस गवाह की तरह होऊँगा जो लोगों द्वारा किये गये बुरे कामों के बारे में न्यायाधीश से कहता है। कुछ लोग बुरे जादू करते हैं। कुछ लोग बुरे जादू करते हैं। कुछ लोग व्यभिचार का पाप करते हैं। कुछ लोग झूठी प्रतिज्ञायें करते हैं। कुछ लोग अपने मजदूरों को ठगते हैं—वे अपनी वाचा की गई रकम नहीं देते। लोग विधवाओं और अनाथों की सहायता नहीं करते। लोग अजनबियों की सहायता नहीं करते। लोग मेरा सम्मान नहीं करते!” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
मैं अपने सम्पूर्ण मन से कहूँगा, हे “यहोवा, तेरे समान कोई नहीं है। तू सबलों से दुर्बलों को बचाता है। जो जन शक्तिशाली होते हैं, उनसे तू वस्तुओं को छीन लेता है और दीन और असहाय लोगों को देता है।”
कुछ देशों में तुम ऐसे दीन—हीन लोगों को देखोगे जिन्हें कड़ी मेहनत करने को विवश किया जाता है। तुम देख सकते हो कि निर्धन लोगों के साथ यह व्यवहार उचित नहीं है। यह गरीब लोगों के अधिकारों के विरूद्ध है। किन्तु आश्चर्य मत करो। जो अधिकारी उन व्यक्तियों को कार्य करने के लिये विवश करता है, और वे दोनों अधिकारी किसी अन्य अधिकारी द्वारा विवश किये जाते हैं।
ऐसे उस संकट में सहारा पाने को उन्होंने यहोवा को पुकारा। यहोवा ने उन सभी लोगों को उनके संकट से बचा लिया।
यहोवा कहता है: वे काम करो जो अच्छे और न्यायपूर्ण हों। उस व्यक्ति की रक्षा जिसकी चोरी की गई हो उस व्यक्ति से करो जिसने चोरी की है। विदेशी अनाथ बच्चों और विधवाओं को मत मारो।
यहोवा तुम्हारे श्रम को समाप्त करेगा और तुम्हें आराम देगा। पहले तुम दास हुआ करते थे, लोग तुम्हें कड़ी मेहनत करने को विवश करते थे किन्तु यहोवा तुम्हारी इस कड़ी मेहनत को अब समाप्त कर देगा।उस समय बाबुल के राजा के बारे में तुम यह गीत गाने लगोगे: वह राजा दुष्ट था जब वह हमारा शासक था किन्तु अब उसके राज्य का अन्त हुआ।
“सर्वशक्तिमान यहोवा ने ये बातें कहीं, ‘तुम्हें जो सत्य और उचित हो, करना चाहिये। तम्हें हर एक को एक दुसरे के प्रति दयालु और करूणापूर्ण होना चाहिये।विधवाओ, अनाथों, अजनबियों या दीन लोगों को चोट न पहुँचाओ। एक दुसरे का बुरा करने का विचार भी मन में न आने दो!’”
ऐसे उन लोगों को जो तुम्हें कष्ट देते हैं मैं ऐसा कर दूँगा कि वे आपस में एक दूसरे के शरीरों को खायें। उनका खून दाखमधु बन जायेगा जिससे वे धुत्त होंगे। तब हर कोई जानेगा कि मैं वही यहोवा हूँ जो तुमको बचाता है। सारे लोग जान जायेंगे कि तुमको बचाने वाला याकूब का समर्थ है।”
मैंने मिस्र में अपने लोगों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को देखा है, परखा है। मैंने उन्हें विलाप करते हुए सुना है। उन्हें मुक्त कराने के लिये मैं नीचे उतरा हूँ। आ, अब मैं तुझे मिस्र भेजूँगा।’
परमेश्वर दीन व्यक्ति को मृत्यु से बचाता है और उन्हें शक्तिशाली चतुर लोगों की शक्ति से बचाता है।इसलिए दीन व्यक्ति को भरोसा है। परमेश्वर बुरे लोगों को नष्ट करेगा जो खरे नहीं हैं।
हे यहोवा, उठ और कुछ तो कर! हे परमेश्वर, ऐसे दुष्ट जनों को दण्ड दे! और इन दीन दुखियों को मत बिसरा!
सीसरा के पास नौ सौ लोहे के रथ थे और वह बीस वर्ष तक इस्राएल के लोगों के प्रति बहुत क्रूर रहा। इस्राएल के लोगों के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया। इसलिए उन्होंने यहोवा की प्रार्थना की और सहायता के लिए रोकर पुकार की।
तू बोल उनके लिये जो कभी भी अपने लिये बोल नहीं पाते हैं; और उन सब के, अधिकारों के लिये बोल जो अभागे हैं।तू डट करके खड़ा रह उन बातों के हेतू जिनको तू जानता है कि वे उचित, न्यायपूर्ण, और बिना पक्ष—पात के सबका न्याय कर। तू गरीब जन के अधिकारों की रक्षा कर और उन लोगों के जिनको तेरी अपेक्षा हो।
हे परमेश्वर, मुझ पर करूणा कर। मुझ पर दयालु हो क्योंकि मेरे मन की आस्था तुझमें है। मैं तेरे पास तेरी ओट पाने को आया हूँ। जब तक संकट दूर न हो।
यहोवा का सेवक कहता है, “मेरे स्वामी यहोवा ने मुझमें अपनी आत्मा स्थापित की है। यहोवा मेरे साथ है, क्योंकि कुछ विशेष काम करने के लिये उसने मुझे चुना है। यहोवा ने मुझे इन कामों को करने के लिए चुना है: दीन दु:खी लोगों के लिए सुसमाचार की घोषणा करना; दु:खी लोगों को सुख देना; जो लोग बंधन में पड़े हैं, उनके लिये मुक्ति की घोषणा करना; बन्दी लोगों को उनके छुटकारे की सूचना देना;
अनाथों और दीन लोगों की रक्षा कर, जिन्हें उचित व्यवहार नहीं मिलता तू उनके अधिकारों कि रक्षा कर।दीन और असहाय जन की रक्षा कर। दुष्टों के चंगुल से उनको बचा ले।
जिन्हें दु:ख दिया गया, यहोवा ऐसे लोगों के संग उचित बात करता है। यहोवा भूखे लोगों को भोजन देता है। यहोवा बन्दी लोगों को छुड़ा दिया करता है।यहोवा के प्रताप से अंधे फिर देखने लग जाते हैं। यहोवा उन लोगों को सहारा देता जो विपदा में पड़े हैं। यहोवा सज्जन लोगों से प्रेम करता है।यहोवा उन परदेशियों की रक्षा किया करता है जो हमारे देश में बसे हैं। यहोवा अनाथों और विधवाओं का ध्यान रखता है किन्तु यहोवा दुर्जनों के कुचक्र को नष्ट करता हैं।
वे लोग ही इस आग में से बच पायेंगे जो अच्छे हैं, सच्चे हैं। वे लोग पैसे के लिये दूसरों को हानि नहीं पहुँचाना चाहते। वे लोग घूस नहीं लेते। दूसरे लोगों की हत्याओं की योजना को वे सुनने तक से मना कर देते हैं। बुरे काम करने की योजनाओं को वे देखना भी नहीं चाहते।
मुझको यह पता है कि कोई एक ऐसा है, जो मुझको बचाता है। मैं जानता हूँ अंत में वह धरती पर खड़ा होगा और मुझे बचायेगा।
हे परमेश्वर, यदि मैं संकट में पडूँ तो मुझको जीवित रख। यदि मेरे शत्रु मुझ पर कभी क्रोध करे तो उन से मुझे बचा ले।
तो फिर जो परमेश्वर की इच्छानुसार दुःख उठाते हैं, उन्हें उत्तम कार्य करते हुए, उस विश्वासमय, सृष्टि के रचयिता को अपनी-अपनी आत्माएँ सौंप देनी चाहिए।
तुम्हें अपने सारे देश में न्याय को नदी की तरह बहने देना चाहिये। अच्छाई को सदा सरिता की धारा की तरह बहने दो जो कभी सूखती नहीं।
“गरीब जन, और जरुरत मंद जल ढूँढ़ते हैं किन्तु उन्हें जल नहीं मिलता है। वे प्यासे हैं और उनकी जीभ सूखी है। मैं उनकी विनतियों का उत्तर दूँगा। मैं उनको न ही तजूँगा और न ही मरने दूँगा।
लोगों को विपत्तियाँ आ सकती है और वे अभिमानी होना छोड़ते हैं। यहोवा उन लोगों के निकट रहता है। जिनके टूटे मन हैं उनको वह बचा लेगा।
किन्तु परमेश्वर दु:ख पाते लोगों को विपत्तियों से बचायेगा। परमेश्वर लोगों को जगाने के लिए विपदाएं भेजता है ताकि लोग उसकी सुने।
धन्य हैं वे जो नीति के हित में यातनाएँ भोगते हैं। स्वर्ग का राज्य उनके लिये ही है।“और तुम भी धन्य हो क्योंकि जब लोग तुम्हारा अपमान करें, तुम्हें यातनाएँ दें, और मेरे लिये तुम्हारे विरोध में तरह तरह की झूठी बातें कहें, बस इसलिये कि तुम मेरे अनुयायी हो,तब तुम प्रसन्न रहना, आनन्द से रहना, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हें इसका प्रतिफल मिलेगा। यह वैसा ही है जैसे तुमसे पहले के भविष्यवक्ताओं को लोगों ने सताया था।
यहोवा के लिये गाओ! यहोवा की स्तुति करो! यहोवा दीनों के जीवन की रक्षा करता है! वह उन्हें दुष्ट लोगों की शक्ति से बचाता है!
हे आकाशों, हे धरती, तुम प्रसन्न हो जाओ! हे पर्वतों, आनन्द से जयकारा बोलो! क्यों क्योंकि यहोवा अपने लोगों को सुख देता है। यहोवा अपने दीन हीन लोगों के लिये बहुत दयालु है।
हे यहोवा, वे लोग तेरे भक्तों को दु:ख देते हैं। वे तेरे भक्तों को सताया करते हैं।वे दुष्ट लोग विधवाओं और उन अतिथियों की जो उनके देश में ठहरे हैं, हत्या करते हैं। वे उन अनाथ बालकों की जिनके माता पिता नहीं हैं हत्या करते हैं।
सिय्योन, आनन्दित हो! यरूशलेम के लोगों आनन्दघोष करो! देखो तुम्हारा राजा तम्हारे पास आ रहा है! वह विजय पानेवाला एक अच्छा राजा है। किन्तु वह विनम्र है। वह गधे के बच्चे पर सवार है, एक गधे के बच्चे पर सवार है।
“तुम किसी विदेशी के साथ कभी बुरा बरताव न करो। याद रखो जब तुम मिस्र देश में रहते थे तब तुम विदेशी थे।”
उनके परिवार विनाश और संकट के कारण छोटे थे और वे दुर्बल थे।परमेश्वर ने उनके प्रमुखों को कुचला और अपमानित किया था। परमेश्वर ने उनको पथहीन मरूभूमि में भटकाया।किन्तु परमेश्वर ने तभी उन दीन लोगों को उनकी याचना से बचा कर निकाल लिया। अब तो उनके घराने बड़े हैं, उतने बड़े जितनी भेड़ों के झुण्ड।
यहोवा कहता है, “मैं वही हूँ जो तुमको चैन दिया करता है। इसलिए तुमको दूसरे लोगों से क्यों डरना चाहिए वे तो बस मनुष्य है जो जिया करते हैं और मर जाते हैं। वे बस मानवमात्र हैं। वे वैसे मर जाते हैं जैसे घास मर जाती है।”यहोवा ने तुम्हें रचा है। उसने निज शक्ति से इस धरती को बनाया है! उसने निज शक्ति से धरती पर आकाश तान दिया किन्तु तुम उसको और उसकी शक्ति को भूल गये। इसलिए तुम सदा ही उन क्रोधित मनुष्यों से भयभीत रहते हो जो तुम को हानि पहुँचाते हैं। तुम्हारा नाश करने को उन लोगों ने योजना बनाई किन्तु आज वे कहाँ हैं (वे सभी चले गये!)
यहोवा यह कहता है: “मैं इस्राएल को उनके द्वारा किये गए अनेकों अपराधों के लिये दण्ड अवश्य दूँगा। क्यों क्योंकि उन्होंने चाँदी के चन्द टुकड़ों के लिये अच्छे और भोले—भाले लोगों को दास के रूप में बेचा। उन्होंने एक जोड़ी जूते के लिये गरीब लोगों को बेचा।उन्होंने उन गरीब लोगों को धक्का दे मुँह के बल गिराया और वे उनको कुचलते हुए गए। उन्होंने कष्ट भोगते लोगों की एक न सुनी। पिताओं और पुत्रों ने एक ही युवती के साथ शारीरिक सम्बंध किया। उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र किया है।
मिस्र के लोग इस्राएल के लोगों का जीवन कठिन बनाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने इस्राएल के लोगों पर दास—स्वामी नियुक्त किए। उन स्वामियों ने फ़िरौन के लिए पितोम और रामसेस नगरों को बनाने के लिए इस्राएली लोगों को विवश किया। उन्होंने इन नगरों में अन्न तथा अन्य चीज़ें इकट्ठी कीं।मिस्री लोगों ने इस्राएल के लोगों को कठिन से कठिन काम करने को विवश किया। किन्तु जितना अधिक काम करने के लिए इस्राएली लोगों को विवश किया गया उनकी संख्या उतनी ही बढ़ती चली गई और मिस्री लोग इस्राएली लोगों से अधिकाधिक भयभीत होते गए।इसलिए मिस्र के लोगों ने इस्राएली लोगों को और भी अधिक कठिन काम करने को विवश किया।मिस्री लोगों ने इस्राएली लोगों का जीवन दूभर कर दिया। उन्होंने इस्राएली लोगों को ईंट—गारा बनाने का बहुत कड़ा काम करने के लिए विवश किया। उन्होंने उन्हें खेतों में भी बहुत कड़ा काम करने को विवश किया। वे जो कुछ करते थे उन्हें कठिन परिश्रम के साथ करने को विवश किया।
यह राज्य तुम्हारा है क्योंकि मैं भूखा था और तुमने मुझे कुछ खाने को दिया, मैं प्यासा था और तुमने मुझे कुछ पीने को दिया। मैं पास से जाता हुआ कोई अनजाना था, और तुम मुझे भीतर ले गये।मैं नंगा था, तुमने मुझे कपड़े पहनाए। मैं बीमार था, और तुमने मेरी सेवा की। मैं बंदी था, और तुम मेरे पास आये।’“फिर उत्तर में धर्मी लोग उससे पूछेंगे, ‘प्रभु, हमने तुझे कब भूखा देखा और खिलाया या प्यासा देखा और पीने को दिया?तुझे हमने कब पास से जाता हुआ कोई अनजाना देखा और भीतर ले गये या बिना कपड़ों के देखकर तुझे कपड़े पहनाए?और हमने कब तुझे बीमार या बंदी देखा और तेरे पास आये?’“फिर राजा उत्तर में उनसे कहेगा, ‘मैं तुमसे सत्य कह रहा हूँ जब कभी तुमने मेरे भोले-भाले भाईयों में से किसी एक के लिए भी कुछ किया तो वह तुमने मेरे ही लिये किया।’
परम पिता परमेश्वर के सामने सच्ची और शुद्ध भक्ति वही है जिसमें अनाथों और विधवाओं की उनके दुःख दर्द में सुधि ली जाए और स्वयं को कोई सांसारिक कलंक न लगने दिया जाए।
“प्रभु का आत्मा मुझमें समाया है उसने मेरा अभिषेक किया है ताकि मैं दीनों को सुसमाचार सुनाऊँ। उसने मुझे बंदियों को यह घोषित करने के लिए कि वे मुक्त हैं, अन्धों को यह सन्देश सुनाने को कि वे फिर दृष्टि पायेंगे, दलितो को छुटकारा दिलाने को और
हमसे नेकी को पीछे ढकेला गया। निष्पक्षता दूर ही खड़ी रही। गलियों में सत्य गिर पड़ा था मानों नगर में अच्छाई का प्रवेश नहीं हुआ।सच्चाई चली गई और वे लोग लूटे गये जो भला करना चाहते थे। यहोवा ने ढूँढा था किन्तु कोई भी, कहीं भी अच्छाई न मिल पायी।
क्योंकि यहोवा ऐसे मनुष्यों की सहायता करता है जो विपति में होते हैं। यहोवा उन से घृणा नहीं करता है। यदि लोग सहायता के लिये यहोवा को पुकारे तो वह स्वयं को उनसे न छिपायेगा।
“दुष्ट लोगों के लिये परमेश्वर ने ऐसी योजना बनाई है, दुष्ट लोगों को सर्वशक्तिशाली परमेश्वर से ऐसा ही मिलेगा।दुष्ट की चाहे कितनी ही संताने हों, किन्तु उसकी संताने युद्ध में मारी जायेंगी। दुष्ट की संताने कभी भरपेट खाना नहीं पायेंगी।और यदि दुष्ट की संताने उसकी मृत्यु के बाद भी जीवित रहें तो महामारी उनको मार डालेंगी! उनके पुत्रों की विधवायें उनके लिये दु:खी नहीं होंगी।दुष्ट जन चाहे चाँदी के ढेर इकट्ठा करे, इतने विशाल ढेर जितनी धूल होती है, मिट्टी के ढेरों जैसे वस्त्र हो उसके पासजिन वस्त्रों को दुष्ट जन जुटाता रहा उन वस्त्रों को सज्जन पहनेगा, दुष्ट की चाँदी निर्दोषों में बँटेगी।
परमेश्वर देवों की सभा के बीच विराजता है। उन देवों की सभा का परमेश्वर न्यायाधीश है।परमेश्वर कहता है, “कब तक तुम लोग अन्यायपूर्ण न्याय करोगे? कब तक तुम लोग दुराचारी लोगों को यूँ ही बिना दण्ड दिए छोड़ते रहोगे?”अनाथों और दीन लोगों की रक्षा कर, जिन्हें उचित व्यवहार नहीं मिलता तू उनके अधिकारों कि रक्षा कर।दीन और असहाय जन की रक्षा कर। दुष्टों के चंगुल से उनको बचा ले।
यहोवा अभिमानी के घर को छिन्न—भिन्न करता है; किन्तु वह विवश विधवा के घर की सीमा बनाये रखता है।
बुजुर्गों और अगुवाओं ने जो काम किये हैं यहोवा उनके विरुद्ध अभियोग चलाएगा। यहोवा कहता है, “तुम लोगों ने अँगूर के बागों को (यहूदा को) जला डाला है। तुमने गरीब लोगों की वस्तुएँ ले लीं और वे वस्तुएँ अभी भी तुम्हारे घरों में हैं।मेरे लोगों को सताने का अधिकार तुम्हें किसने दिया गरीब लोगों को मुँह के बल धूल में धकेलने का अधिकार तुम्हें किसने दिया” मेरे स्वामी, सर्वशक्तिशाली यहोवा ने यें बातें कहीं थीं।
ऐसा क्यों होगा क्योंकि तुम पर से भारी बोझ उतर जायेगा। लोगों की पीठों पर रखे हुए भारी बल्लों को तुम उतरवा दोगे। तुम उस दण्ड को छीन लोगे जिससे शत्रु तुम्हारे लोगों को दण्ड दिया करता है। यह वैसा समय होगा जैसा वह समय था जब तुमने मिद्यानियों को हराया था।
राजा यहोयाकीम के लिये यह बहुत बुरा होगा। वह बुरे कर्म कर रहा है अत: वह अपना महल बना लेगा। वह लोगों को ठग रहा है, अत: वह ऊपर कमरे बना सकता है। वह अपने लोगों से बेगार ले रहा है। वह उनके काम की मजदूरी नहीं दे रहा है।
हे मनुष्य, यहोवा ने तुझे वह बातें बतायीं हैं जो उत्तम हैं। ये वे बातें हैं, जिनकी यहोवा को तुझ से अपेक्षा है। ये वे बातें हैं—तू दुसरे लोगों के साथ में सच्चा रह; तू दूसरों से दया के साथ प्रेम कर, और अपने जीवन नम्रता से परमेश्वर के प्रति बिना उपहारों से तुम उसे प्रभावित करने का जतन मत करो।
मेरी सुनो! लोगों तुम असहायों को कुचलते हो। तुम इस देश के गरीबों को नष्ट करना चाहते हो।व्यापारियों, तुम कहते हो, “नवचन्द्र कब बीतेगा, जिससे हम अन्न बेच सकेंगे सब्त कब बीतेगा, जिससे हम अपना गेहूँ बेचने को ला सकेंगे हम कीमतें बढ़ा सकेंगे, बाटों को हलका कर सकेंगे, और हम तराजुओं को ऐसा व्यवस्थित कर लेंगे कि लोगों को ठग सकें।गरीब अपना ऋण वापस नहीं कर सकते अत: हम उन्हें दास के रूप में खरीदेंगे। हम उऩ गरीबों को एक जोड़ी जूतों की कीमत में खरीदेंगे। अहो! हम उस खराब गेहूँ को भी बेच सकते हैं, जो फर्श पर बिखर गया हो।”यहोवा ने प्रतिज्ञा की। उसने “याकूब गर्व” नामक अपने नाम का उपयोग किया और यह प्रतिज्ञा की: “मैं उन लोगों के किये कामों के लिये उन्हें क्षमा नहीं कर सकता।
जो लोग, याकूब के परमेश्वर से अति सहायता माँगते, वे अति प्रसन्न रहते हैं। वे लोग अपने परमेश्वर यहोवा के भरोसे रहा करते हैं।यहोवा ने स्वर्ग और धरती को बनाया है। यहोवा ने सागर और उसमें की हर वस्तु बनाई है। यहोवा उनको सदा रक्षा करेगा।जिन्हें दु:ख दिया गया, यहोवा ऐसे लोगों के संग उचित बात करता है। यहोवा भूखे लोगों को भोजन देता है। यहोवा बन्दी लोगों को छुड़ा दिया करता है।
तेरे देश में हिंसा और तेरी सीमाओं में तबाही और बरबादी कभी नहीं सुनाई पड़ेगी। तेरे देश में लोग फिर कभी तेरी वस्तुएँ नहीं चुरायेंगे। तू अपने परकोटों का नाम ‘उद्धार’ रखेगा और तू अपने द्वारों का नाम ‘स्तुति’ रखेगा।
“लोगों के विरुद्ध झूठ मत बोलो। यदि तुम न्यायालय में गवाह हो तो बुरे व्यक्ति की सहायता के लिए झूठ मत बोलो।“उस भीड़ का अनुसरण मत करो, जो गलत कर रही हो। जो जनसमूह बुरा कर रहा हो उसका अनुसरण करते हुए न्यायालय में उसका समर्थन मत करो।“न्यायालय में किसी गरीब का इसलिए पक्ष मत लो कि वह गरीब है। तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। यदि वह सही है तब ही उसका समर्थन करो।
क्यों? क्योंकि जब किसी दीन ने सहायता के लिये पुकारा, मैंने सहायता की। उस बच्चे को मैंने सहारा दिया जिसके माँ बाप नहीं और जिसका कोई भी नहीं ध्यान रखने को।मुझको मरते हुये व्यक्ति की आशीष मिली, मैंने उन विधवाओं को जो जरुरत में थी, मैंने सहारा दिया और उनको खुश किया।मेरा वस्त्र खरा जीवन था, निष्पक्षता मेरे चोगे और मेरी पगड़ी सी थी।मैं अंधो के लिये आँखे बन गया और मैं उनके पैर बना जिनके पैर नहीं थे।दीन लोगों के लिये मैं पिता के तुल्य था, मैं पक्ष लिया करता था ऐसे अनजानों का जो विपत्ति में पड़े थे।मैं दुष्ट लोगों की शक्ति नष्ट करता था। निर्दोष लोगों को मैं दुष्टों से छुड़ाता था।
उन मोआब वासियों को अपना घर छोड़ने को विवश किया गया था। अत: तुम उनको अपनी धरती पर रहने दो। तुम उनके शत्रुओं से उनको छुपा लो। यह लूट रुक जायेगी। शत्रु हार जायेंगे और ऐसे पुरुष जो दूसरों की हानि करते हैं, इस धरती से उखड़ेंगे।
यदि तुम अपना जीवन बदलोगे और अच्छा काम करोगे, तो मैं तुम्हें इस स्थान पर रहने दूँगा। तुम्हें एक दूसरे के प्रति निष्ठावान होना चाहिए।तुम्हें अजनबियों के साथ भी निष्ठावान होना चाहिये। तुम्हें विधवा और अनाथ बच्चों के लिये उचित काम करना चाहिये। निरपराध लोगों को न मारो। अन्य देवताओं का अनुसरण न करो। क्यों क्योंकि वे तुम्हारे जीवन को नष्ट कर देंगे।यदि तुम मेरी आज्ञा का पालन करोगे तो मैं तुम्हें इस स्थान पर रहने दूँगा। मैंने यह प्रदेश तुम्हारे पूर्वजों को अपने पास सदैव रखने के लिये दिया।
यहोवा निर्धन लोगों के लिये जो जरुरतमंद हैं, तू सुरक्षा का स्थान है। अनेक विपत्तियाँ उनको पराजित करने को आती हैं किन्तु तू उन्हें बचाता है। तू एक ऐसा भवन है जो उनको तूफानी वर्षा से बचाता है और तू एक ऐसी हवा है जो उनको गर्मी से बचाती है। विपत्तियाँ भयानक आँधी और घनघोर वर्षा जैसी आती हैं। वर्षा दीवारों से टकराती हैं और नीचे बह जाती है किन्तु मकान में जो लोग हैं, उनको हानि नहीं पहुँचती है।
“यदि मेरे लोगों में से कोई गरीब हो और तुम उसे कर्ज़ दो तो उस धन के लिए तुम्हें ब्याज़ नहीं लेना चाहिए। और जल्दी चुकाने के लिए भी तुम उसे मजबूर नहीं करोगे।कोई व्यक्ति उधार लिए हुए धन के भुगतान के लिए अपना लबादा गिरवी रख सकता है। किन्तु तुम सूरज डूबने के पहले उसका वह वस्त्र अवश्य लौटा देना।यदि वह व्यक्ति अपना लबादा नहीं पाता तो उसके पास शरीर ढकने को कुछ भी नहीं रहेगा। जब वह सोएगा तो उसे सर्दी लगेगी। यदि वह मुझे रोकर पुकारेगा तो मैं उसकी सुनूँगा। मैं उसकी बात सुनूँगा क्योंकि मैं कृपालु हूँ।
“तुम्हें अपने पड़ोसी को धोखा नहीं देना चाहिए। तुम्हें उसकी चोरी नहीं करनी चाहिए। तुम्हें मजदूर की मजदूरी पूरी रात, सवेरे तक नही रोकनी चाहिए।
सिय्योन पर्वत को यहोवा वैसे ही आशीर्वाद देगा। यहोवा को यरूशलेम और उसके खंडहरों के लिये खेद होगा और वह उस नगर के लिये कोई बहुत बड़ा काम करेगा। यहोवा रेगिस्तान को बदल देगा। वह रेगिस्तान अदन के उपवन के जैसे एक उपवन में बदल जायेगा। वह उजाड़ स्थान यहोवा के बगीचे के जैसा हो जाएगा। लोग अत्याधिक प्रसन्न होंगे। लोग वहाँ अपना आनन्द प्रकट करेंगे। वे लोग धन्यवाद और विजय के गीत गायेंगे।“हे मेरे लोगों, तुम मेरी सुनो! मेरी व्यवस्थाएँ प्रकाश के समान होंगी जो लोगों को दिखायेंगी कि कैसे जिया जाता है।
क्यों? क्योंकि यहोवा असहाय लोगों का साथ देता है। परमेश्वर उनको दूसरे लोगों से बचाता है, जो प्राणदण्ड दिलवाकर उनके प्राण हरने का यत्न करते हैं।
“लेवीवंशी कहेंगे, ‘वह व्यक्ति अभिशप्त है जो विदेशियों, अनाथों और विधवाओं के साथ न्याय नहीं करता!’ “तब सभी लोग कहेंगे, ‘आमीन!’
किन्तु यहोवा कहता है, “उस बलवान सैनिक से बन्दियों को छुड़ा लिया जायेगा और जीत की वस्तुएँ उससे छीन ली जायेंगी। यह भला क्यों कर होगा मैं तुम्हारे युद्धों को लड़ूँगा और तुम्हारी सन्तानें बचाऊँगा।
यहोवा खरेपन से प्रेम करता है, वह अपने निज भक्त को असहाय नहीं छोड़ता। यहोवा अपने निज भक्तों की सदा रक्षा करता है, और वह दुष्ट जन को नष्ट कर देता है।
मैं तुम्हें शक्तिशाली बनाऊँगा। वे लोग सोचेंगे कि तुम काँसे की बनी दीवार जैसे शक्तिशाली हो यहूदा के लोग तुम्हारे विरुद्ध लड़ेंगे, किन्तु वे तुम्हें हरायेंगे नहीं। वे तुमको नहीं हरायेंगे। क्यों क्योंकि मैं तुम्हारे साथ हूँ। मैं तुम्हारी सहायता करुँगा, तुम्हारा उद्धार करुँगा।” यह सन्देश यहोवा को है।“मैं तुम्हारा उद्धार उन बुरे लोगों से करूँगा। वे लोग तुम्हें डराते हैं। किन्तु मैं तुम्हें उन लोगों से बचाऊँगा।”
तुम गरीबों से अनुचित कर वसूलते हो। तुम उनसे ढेर सारा गेहूँ लेते हो और इस धन का उपयोग तुम तराशे पत्थरों से सुन्दर महल बनाने में करते हो। किन्तु तुम उन महलों मे नहीं रहोगे। तुम अंगूरों की बेलों के सुन्दर खेत बनाते हो। किन्तु तुम उनसे प्राप्त दाखमधु को नहीं पीओगे।क्यों? क्योंकि मैं तुम्हारे अनेक पापों को जानता हूँ। तुमने, सच ही, कुछ बुरे काम किये हैं। तुमने उचित काम करने वालों को चोट पहुँचाई। तुमने घूस के रूप में धन लिया। गरीब लोगों के साथ अनेक मुकद्दमों में तुमने अन्याय किया।
देखो, तुम्हारी रक्षा के लिये यहोवा की शक्ति पर्याप्त है। जब तुम सहायता के लिये उसे पुकारते हो तो वह तुम्हारी सुन सकता है।किन्तु तुम्हारे पाप तुम्हें तुम्हारे परमेश्वर से अलग करते हैं और इसीलिए वह तुम्हारी तरफ से कान बन्द कर लेता है।
“सामान्य जनता एक दूसरे का लाभ उठाते हैं। वे एक दूसरे को धोखा देते और चोरी करते हैं। वे गरीब और असहाय व्यक्ति के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं। वे विदेशियों को भी धोखा देते थे, मानों उनके विरुद्ध कोई नियम न हो!“मैंने लोगों से कहा कि तुम लोग अपना जीवन बदलो और अपने देशों की रक्षा करो। मैंने लोगों को दीवारों को दृढ़ करने के लिये कहा। मैं चाहता था कि वे दीवारों के छेदों पर खड़े रहें और अपने नगर की रक्षा करें। किन्तु कोई व्यक्ति सहायता के लिये नहीं आया!अत: मैं अपना क्रोध प्रकट करुँगा, मैंउन्हें पूरी तरह नष्ट करूँगा! मैं उन्हें उन बुरे कामों के लिये दण्डित करुँगा जिन्हें उन्होंने किये हैं। यह सब उनका दोष है!” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं।
हे यहोवा, अनाथ बच्चों की तू रक्षा कर। दु:खी जनों को और अधिक दु:ख मत पाने दे। दुष्ट जनों को तू इतना भयभीत कर दे कि वे यहाँ न टिक पायें।
लम्बा समय बीता और मिस्र का राजा मर गया। इस्राएली लोगों को जब भी कठिन परिश्रम करने के लिए विवश किया जाता था। वे सहायता के लिए पुकारते थे और परमेशवर ने उनकी पुकार सुनी।परमेश्वर ने उनकी प्रार्थनाएँ सुनीं और उस वाचा को याद किया जो उसने इब्राहीम, इसहाक और याकूब के साथ की थी।परमेश्वर ने इस्राएली लोगों के कष्टों को देखा और उसने सोचा कि वह शीघ्र ही उनकी सहायता करेगा।
“अरे कपटी यहूदी धर्मशास्त्रियों और फरीसियों! तुम्हारा जो कुछ है, तुम उसका दसवाँ भाग, यहाँ तक कि अपने पुदीने, सौंफ और जीरे तक के दसवें भाग को परमेश्वर को देते हो। फिर भी तुम व्यवस्था की महत्वपूर्ण बातों यानी न्याय, दया और विश्वास का तिरस्कार करते हो। तुम्हें उन बातों की उपेक्षा किये बिना इनका पालन करना चाहिये था।
उस समय की घोषणा करना जब यहोवा अपनी करूणा प्रकट करेगा; उस समय की घोषणा करना जब हमारा परमेश्वर दुष्टों को दण्ड देगा; दु:खी लोगों को पुचकारना;सिय्योन के दु:खी लोगों को आदर देना (अभी तो उनके पास बस राख हैं); सिय्योन के लोगों को प्रसन्नता का स्नेह प्रदान करना; (अभी तो उनके पास बस दु:ख हैं) सिय्योन के लोगों को परमेश्वर की स्तुति के गीत प्रदान करना (अभी तो उनके पास बस उनके दर्द हैं); सिय्योन के लोगों को उत्सव के वस्त्र देना (अभी तो उनके पास बस उनके दु:ख ही हैं।) उन लोगों को ‘उत्तमता के वृक्ष’ का नाम देना; उन लोगों को यहोवा के अद्भुत वृक्ष की संज्ञा देना।”
किन्तु परमेश्वर ने तभी उन दीन लोगों को उनकी याचना से बचा कर निकाल लिया। अब तो उनके घराने बड़े हैं, उतने बड़े जितनी भेड़ों के झुण्ड।भले लोग इसको देखते हैं और आनन्दित होते हैं, किन्तु कुटिल इसको देखते हैं और नहीं जानते कि वे क्या कहें।
किन्तु यदि कोई डींग मारना ही चाहता है तो उसे इन चीज़ों की डींग मारने दो: उसे इस बैंत की डींग मारने दो कि वह मुझे समझता और जानता है। उसे इस बात की डींग हाँकने दो कि वह यह समझता है कि मैं यहोवा हूँ। उसे इस बात की हवा बांधने दो कि मैं कृपालु और न्यायी हूँ। उसे इस बात का ढींढोरा पीटने दो कि मैं पृथ्वी पर अच्छे काम करता हूँ। मुझे इन कामों को करने से प्रेम है।” यह सन्देश यहोवा का है।
वह गरीब लोगों का न्याय ईमानदारी और सच्चाई के साथ करेगा। धरती के दीन जनों के लिये जो कुछ करने का निर्णय वह लेगा, उसमें वह पक्षपात रहित होगा। यदि वह यह निर्णय करता है कि लोगों पर मार पड़े तो वह आदेश देगा और उन लोगों पर मार पड़ेगी। यदि वह निर्णय करता है कि उन लोगों की मृत्यु होनी चाहिये तो वह आदेश देगा और उन दुष्टों को मौत के घाट उतार दिया जाएगा। नेकी और सच्चाई इस पुत्र को शक्ति प्रदान करेंगी। उसके लिए नेकी और सच्चाई एक ऐसे कमर बंद के समान होंगे जिसे वह अपनी कमर के चारों ओर लपेटता है।
फिर एक नया राजा आयेगा। यह राजा दाऊद के घराने से होगा। वह सत्यपूर्ण, करुण और दयालु होगा। यह राजा न्यायी और निष्पक्ष होगा। वह खरे और नेक काम करेगा।
फिर उसने उन्हें यह बताने के लिए कि वे निरन्तर प्रार्थना करते रहें और निराश न हों, यह दृष्टान्त कथा सुनाई:वह बोला: “किसी नगर में एक न्यायाधीश हुआ करता था। वह न तो परमेश्वर से डरता था और न ही मनुष्यों की परवाह करता था।उसी नगर में एक विधवा भी रहा करती थी। और वह उसके पास बार बार आती और कहती, ‘देख, मुझे मेरे प्रति किए गए अन्याय के विरुद्ध न्याय मिलना ही चाहिये।’सो एक लम्बे समय तक तो वह न्यायाधीश आनाकानी करता रहा पर आखिरकार उसने अपने मन में सोचा, ‘न तो मैं परमेश्वर से डरता हूँ और न लोगों की परवाह करता हूँ।तो भी क्योंकि इस विधवा ने मेरे कान खा डाले हैं, सो मैं देखूँगा कि उसे न्याय मिल जाये ताकि यह मेरे पास बार-बार आकर कहीं मुझे ही न थका डाले।’”फिर प्रभु ने कहा, “देखो उस दुष्ट न्यायाधीश ने क्या कहा था।सो क्या परमेश्वर अपने चुने हुए लोगों पर ध्यान नहीं देगा कि उन्हें, जो उसे रात दिन पुकारते रहते हैं, न्याय मिले? क्या वह उनकी सहायता करने में देर लगायेगा?मैं तुमसे कहता हूँ कि वह देखेगा कि उन्हें न्याय मिल चुका है और शीघ्र ही मिल चुका है। फिर भी जब मनुष्य का पुत्र आयेगा तो क्या वह इस धरती पर विश्वास को पायेगा?”
“तुम्हें यह अच्छी तरह से देख लेना चाहिए कि विदेशियों और अनाथों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए। तुम्हें विधवा से उसके वस्त्र कभी गिरवी रखने के लिए नहीं लेने चाहिए।
वह जो ऊँचा है और जिसको ऊपर उठाया गया है, वह जो अमर है, वह जिसका नाम पवित्र है, वह यह कहता है, “एक ऊँचे और पवित्र स्थान पर रहा करता हूँ, किन्तु मैं उन लोगों के बीच भी रहता हूँ जो दु:खी और विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो हृदय से दु:खी हैं।
मैं जानता हूँ यहोवा कंगालों का न्याय खराई से करेगा। परमेश्वर असहायों की सहायता करेगा।
“मैं खोई भेड़ की खोज करूँगा। मैं उन भेड़ों को वापस लाऊँगा जो बिखर गई थीं। मैं उन भेड़ों की पट्टी करूँगा जिन्हें चोट लगी थी। मैं कमजोर भेड़ को मजबूत बनाऊँगा। किन्तु मैं उन मोटे और शक्तिशाली गड़ेरियों को नष्ट कर दूँगा। मैं उन्हें वह दण्ड दूँगा जिसके वे पात्र हैं।”
लोग डरे हुए हैं और असमंजस में पड़े हैं। उन लोगों से कहो, “शक्तिशाली बनो! डरो मत!” देखो, तुम्हारा परमेश्वर आयेगा और तुम्हारे शत्रुओं को जो उन्होंने किया है, उसका दण्ड देगा। वह आयेगा और तुम्हें तुम्हारा प्रतिफल देगा और तुम्हारी रक्षा करेगा।
फिर मैंने कहा, “हे याकूब के मुखियाओं, अब सुनो। हे इस्राएल के प्रजा के शासकों, अब सुनो। तुमको जानना चाहिये कि न्याय क्या होता है!किन्तु तुमको नेकी से घृणा है और तुम लोगों की खाल तक उतार लेते हो। तुम लोगों की हड्डियों से माँस नोंच लेते हो!तुम मेरे लोगों को नष्ट कर रहे हो! तुम उनकी खाल तक उनसे उतार रहे हो और उनकी हड्डियाँ तोड़ रहे हो। तुम उनकी हड्डियाँ ऐसे तोड़ रहे हो जैसे हांडी में माँस चढ़ाने के लिये।तुम यहोवा से विनती करोगे किन्तु वह तुम्हें उत्तर नहीं देगा। नहीं, यहोवा अपना मुख तुमसे छुपायेगा। क्यों क्योंकि तुमने बुरे कर्म किये हैं।”
वह कोमल होगा। कुचली हुई घास का तिनका तक वह नहीं तोड़ेगा। वह टिमटिमाती हुई लौ तक को नहीं बुझायेगा। वह सच्चाई से न्याय स्थापित करेगा।