यहोवा निर्धन लोगों के लिये जो जरुरतमंद हैं, तू सुरक्षा का स्थान है। अनेक विपत्तियाँ उनको पराजित करने को आती हैं किन्तु तू उन्हें बचाता है। तू एक ऐसा भवन है जो उनको तूफानी वर्षा से बचाता है और तू एक ऐसी हवा है जो उनको गर्मी से बचाती है। विपत्तियाँ भयानक आँधी और घनघोर वर्षा जैसी आती हैं। वर्षा दीवारों से टकराती हैं और नीचे बह जाती है किन्तु मकान में जो लोग हैं, उनको हानि नहीं पहुँचती है।
यहोवा कहता है, “प्रसन्न होओ और याकूब के लिये गाओ। सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र इस्राएल के लिये उद्घोष करो। अपनी स्तुतियाँ करो, यह उद्घोष करो, ‘यहोवा ने अपने लोगों की रक्षा की है। उसने इस्राएल राष्ट्र के जीवित बचे लोगों की रक्षा की है!’