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लूका 11:42 - पवित्र बाइबल

42 “ओ फरीसियों! तुम्हें धिक्कार है क्योंकि तुम अपने पुदीने और सुदाब बूटी और हर किसी जड़ी बूटी का दसवाँ हिस्सा तो अर्पित करते हो किन्तु परमेश्वर के लिये प्रेम और न्याय की उपेक्षा करते हो। किन्तु इन बातों को तुम्हें उन बातों की उपेक्षा किये बिना करना चाहिये था।

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Hindi Holy Bible

42 पर हे फरीसियों, तुम पर हाय ! तुम पोदीने और सुदाब का, और सब भांति के साग-पात का दसवां अंश देते हो, परन्तु न्याय को और परमेश्वर के प्रेम को टाल देते हो: चाहिए तो था कि इन्हें भी करते रहते और उन्हें भी न छोड़ते।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

42 “फरीसियो! धिक्‍कार है तुम लोगों को! क्‍योंकि तुम पुदीने, सदाब और हर प्रकार के साग का दशमांश तो देते हो; लेकिन न्‍याय और परमेश्‍वर के प्रति प्रेम की उपेक्षा करते हो। तुम्‍हारे लिए उचित तो यह था कि तुम इन्‍हें भी करते रहते और उनकी भी उपेक्षा नहीं करते।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

42 “पर हे फरीसियो, तुम पर हाय! तुम पोदीने और सुदाब का और सब भाँति के साग–पात का दसवाँ अंश देते हो, परन्तु न्याय को और परमेश्‍वर के प्रेम को टाल देते हो; चाहिए तो था कि इन्हें भी करते रहते और उन्हें भी न छोड़ते।

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नवीन हिंदी बाइबल

42 “परंतु हे फरीसियो, तुम पर हाय! क्योंकि तुम पुदीने, सिताब और हर प्रकार के साग-पात का दशमांश तो देते हो, परंतु परमेश्‍वर के न्याय और प्रेम की उपेक्षा करते हो; चाहिए था कि इन्हें करते और उनमें भी कमी न आने देते।

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सरल हिन्दी बाइबल

42 “धिक्कार है तुम पर, फ़रीसियो! तुम परमेश्वर को अपने पुदीना, ब्राम्ही तथा अन्य हर एक साग-पात का दसवां अंश तो देते हो किंतु मनुष्यों के प्रति न्याय और परमेश्वर के प्रति प्रेम की उपेक्षा करते हो. ये ही वे चीज़ें हैं, जिनको पूरा करना आवश्यक है—अन्यों की उपेक्षा किए बिना.

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लूका 11:42
22 क्रॉस रेफरेंस  

“हम परमेश्वर के मन्दिर के भण्डार में याजकों के पास ये वस्तुएँ भी लाया करेंगे: पहला पिसा खाना, पहली अन्न— बलियाँ, हमारे सभी पेड़ों के पहले फल, हमारी नयी दाखमधु और तेल का पहला भाग। हम लेवीवंशियों के लिये अपनी उपज का दसवाँ हिस्सा भी दिया करेंगे क्योंकि प्रत्येक नगर में जहाँ हम काम करते हैं, लेवीवंशी हमसे ये वस्तुएँ लिया करते हैं।


तेरा उस कर्म का करना जो उचित और नेक है यहोवा को अधिक चढ़ावा चढ़ाने से ग्राह्य है।


थोड़ा यह बनों और थोड़ा वह। यहाँ तक कि परमेश्वर के अनुयायी भी कुछ अच्छा करेंगे तो बुरा भी।


हे मनुष्य, यहोवा ने तुझे वह बातें बतायीं हैं जो उत्तम हैं। ये वे बातें हैं, जिनकी यहोवा को तुझ से अपेक्षा है। ये वे बातें हैं—तू दुसरे लोगों के साथ में सच्चा रह; तू दूसरों से दया के साथ प्रेम कर, और अपने जीवन नम्रता से परमेश्वर के प्रति बिना उपहारों से तुम उसे प्रभावित करने का जतन मत करो।


सर्वशक्तिमान यहोवा ने कहा, “बच्चे अपने पिता का सम्मान करते हैं। सेवक अपने स्वामियों का सम्मान करते हैं। मैं तुम्हारा पिता हूँ, अत: तुम मेरा सम्मान क्यों नहीं करते? मैं तुम्हारा स्वामी हूँ, अत: तुम मेरा सम्मान क्यों नहीं करते याजकों, तुम मेरे नाम का सम्मान नहीं करते।” “किन्तु तुम कहते हो, ‘हमने क्या किया है, जो प्रकट करता है कि हम तेरे नाम का सम्मान नहीं करते?’”


तुमने गलत शिक्षा दी है। और उन गलत शिक्षाओं ने यहोवा को बहुत अधिक दु:खी किया है। तुमने यह शिक्षा दी कि परमेश्वर उन्हें पसन्द करता है जो बुरे काम करते हैं। तुमने कहा कि परमेश्वर उन्हें अच्छे लोग समझता है और तुमने यह शिक्षा दी कि परमेश्वर लोगों को बुरा काम करने के लिये दण्ड नहीं देता।


“परमेश्वर को लूटना बन्द करो! लोगों को परमेश्वर की चीज़ें नहीं चुरानी चाहियें किन्तु तुमने मेरी चीज़ेंचुराई! “तुम कहते हो, ‘हमने तेरा क्या चुराया?’ “तुम्हें मुझको अपनी चीज़ों का दसवां भाग देना चाहिये था। तम्हें मुझे विशेष भेंट देनी चाहिये थी। किन्तु तुमने वे चीज़ें मुझे नहीं दीं।


“अरे कपटी धर्मशास्त्रियों! और फरीसियों! तुम्हें धिक्कार है। तुम लोगों के लिए स्वर्ग के राज्य का द्वार बंद करते हो। न तो तुम स्वयं उसमें प्रवेश करते हो और न ही उनको जाने देते हो जो प्रवेश के लिए प्रयत्न कर रहे हैं।


“अरे कपटी यहूदी धर्मशास्त्रियों और फरीसियों! तुम्हारा जो कुछ है, तुम उसका दसवाँ भाग, यहाँ तक कि अपने पुदीने, सौंफ और जीरे तक के दसवें भाग को परमेश्वर को देते हो। फिर भी तुम व्यवस्था की महत्वपूर्ण बातों यानी न्याय, दया और विश्वास का तिरस्कार करते हो। तुम्हें उन बातों की उपेक्षा किये बिना इनका पालन करना चाहिये था।


“अरे कपटी यहूदी धर्मशास्त्रियों! और फरीसियों! तुम्हें धिक्कार है। तुम लिपी-पुती समाधि के समान हो जो बाहर से तो सुंदर दिखती हैं किन्तु भीतर से मरे हुओं की हड्डियों और हर तरह की अपवित्रता से भरी होती हैं।


मैं सप्ताह में दो बार उपवास रखता हूँ और अपनी समूची आय का दसवाँ भाग दान देता हूँ।’


किन्तु मैं जानता हूँ कि तुम्हारे भीतर परमेश्वर का प्रेम नहीं है।


यदि कोई कहता है, “मैं परमेश्वर को प्रेम करता हूँ,” और अपने भाई से घृणा करता है तो वह झूठा है। क्योंकि अपने उस भाई को, जिसे उसने देखा है, जब वह प्रेम नहीं करता, तो परमेश्वर को जिसे उसने देखा ही नहीं है, वह प्रेम नहीं कर सकता।


किन्तु शमूएल ने उत्तर दिया, “यहोवा को इन दो में से कौन अधिक प्रसन्न करता है: होमबलियाँ और बलियाँ या यहोवा की आज्ञा का पालन करना? यह अधिक अच्छा है कि परमेश्वर की आज्ञा का पालन किया जाये इसकी अपेक्षा कि उसे बलि भेंट की जाये। यह अधिक अच्छा है कि परमेश्वर की बातें सुनी जायें इसकी अपेक्षा कि मेढ़ों से चर्बी—भेंट की जाये।


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