परमेश्वर के वचन में हम आगे क्या होने वाला है, इसके बारे में पढ़ते हैं। परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ताओं को अपने लोगों से बात करने के लिए नियुक्त किया है, फिर भी बाइबल में बहुत सी ऐसी बातें पहले से ही लिखी हैं जो आगे होने वाली हैं। उनके वचन में हमें यह सुंदर वचन मिलता है: "क्योंकि कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से कभी नहीं हुई, पर भक्त जन पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जाकर परमेश्वर की ओर से बोलते थे" (२ पतरस १:२१)। भविष्यवाणी परमेश्वर के उद्देश्यों के अनुसार स्वर्ग के द्वारों को खोलने और बंद करने की कुंजी है। जो भविष्यवाणियाँ पूरी हो चुकी हैं, उनकी समय के अनुसार तुलना करनी चाहिए और जो होने वाला है उसे स्पष्ट और क्रमबद्ध रूप से बताना चाहिए। इस तरह, हम घोषणा कर सकते हैं और जो गलत रास्ते पर चल रहे हैं उन्हें चेतावनी दे सकते हैं, उन्हें अनन्त जीवन के मार्ग पर वापस ला सकते हैं। जो लोग मसीह को ग्रहण करने और स्वर्ग में उठाए जाने के लिए तैयार हैं, वे अंत तक उद्धार पाने के लिए दृढ़ बने रहें।
यहोवा के न्याय का विशेष दिन आने को है। इसलिये रोओ! और स्वयं अपने लिये दु:खी होओ! समय आ रहा है जब शत्रु तुम्हारी सम्पत्ति चुरा लेगा। सर्वशक्तिमान परमेश्वर वैसा करवाएगा।
जिब्राएल ने कहा, “देख, मैं तुझे अब उस दर्शन को समझाता हूँ। मैं तुझे बताऊँगा कि परमेश्वर के क्रोध के समय के बाद में क्या कुछ घटेगा।
सूरज अंधकार में बदल जायेगा। चाँद भी खून के रंग में बदलेगा और फिर यहोवा का महान और भयानक दिन आयेगा!
वह समय निकट है जब सब कुछ का अंत हो जाएगा। इसलिए समझदार बनो और अपने पर काबू रखो ताकि तुम्हें प्रार्थना करने में सहायता मिले।
किन्तु हम परमेश्वर के वचन के अनुसार ऐसे नए आकाश और नई धरती की बाट जोह रहे हैं जहाँ धार्मिकता निवास करती है।
स्वर्ग के राज्य का यह सुसमाचार समस्त विश्व में सभी जातियों को साक्षी के रूप में सुनाया जाएगा और तभी अन्त आएगा।
किन्तु प्रभु का दिन चुपके से चोर की तरह आएगा। उस दिन एक भयंकर गर्जना के साथ आकाश विलीन हो जायेंगे और आकाशीय पिंड आग में जलकर नष्ट हो जायेंगे तथा यह धरती और इस धरती पर की सभी वस्तुएँ जल जाएगी।
देखो! यहोवा इस धरती को नष्ट करेगा। यहोवा भूचालों के द्वारा इस धरती को मरोड़ देगा। यहोवा लोगों को कहीं दूर जाने को विवश करेगा। इस नगर का एक अच्छा सा नाम है, “गड़बड़ से भरा”, इस नगर का विनाश किया गया। लोग घरों में नहीं घुस सकते। द्वार बंद हो चुके हैं। गलियों में दुकानों पर लोग अभी भी दाखमधु को पूछते हैं किन्तु समूची प्रसन्नता जा चुकी है। आनन्द तो दूर कर दिया गया है। नगर के लिए बस विनाश ही बच रहा है। द्वार तक चकनाचूर हो चुके हैं। फसल के समय लोग जैतून के पेड़ से जैतून को गिराया करेंगे। किन्तु केवल कुछ ही जैतून पेड़ों पर बचेंगे। जैसे अंगूर की फसल उतारने के बाद थोड़े से अंगूर बचे रह जाते हैं। यह ऐसा ही इस धरती के राष्ट्रों के साथ होगा। बचे हुए लोग चिल्लाने लग जायेंगे। पश्चिम से लोग यहोवा की महानता की स्तुति करेंगे और वे, प्रसन्न होंगे। वे लोग कहा करेंगे, “पूर्व के लोगों, यहोवा की प्रशंसा करो! दूर देश के लोगों, इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के नाम का गुणगान करो।” इस धरती पर हर कहीं हम परमेश्वर के स्तुति गीत सुनेंगे। इन गीतों में परमेश्वर की स्तुति होगी। किन्तु मैं कहता हूँ, “मैं बरबाद हो रहा हूँ। मैं जो कुछ भी देखता हूँ सब कुछ भयंकर है। गद्दार लोग, लोगों के विरोधी हो रहे हैं, और उन्हें चोट पहुँचा रहे हैं।” मैं धरती के वासियों पर खतरा आते देखता हूँ। मैं उनके लिये भय, गके और फँदे देख रहा हूँ। लोग खतरे की सुनकर डर से काँप जायेंगे। कुछ लोग भाग जायेंगे किन्तु वे गके और फँदों में जा गिरेंगे और उन गकों से कुछ चढ़कर बच निकल आयेंगे। किन्तु वे फिर दूसरे फँदों में फँसेंगे। ऊपर आकाश की छाती फट जायेगी जैसे बाढ़ के दरवाजे खुल गये हो। बाढ़े आने लगेंगी और धरती की नींव डगमग हिलने लगेंगी। भूचाल आयेगा और धरती फटकर खुल जायेगी। उस समय, हर किसी के साथ एक जैसी घटनाएँ घटेगी, साधारण मनुष्य और याजक एक जैसे हो जायेंगे। स्वामी और सेवक एक जैसे हो जायेंगे। दासियाँ और उनकी स्वामिनियाँ एक समान हो जायेंगी। मोल लेने वाले और बेचने वाले एक जैसे हो जायेंगे। कर्जा लेने वाले और कर्जा देने वाले लोग एक जैसे हो जायेंगे। धनवान और ऋणी लोग एक जैसे हो जायेंगे। संसार के पाप बहुत भारी हैं। उस भार से दबकर यह धरती गिर जायेगी। यह धरती किसी झोपड़ी सी काँपेगी और नशे में धुत्त किसी व्यक्ति की तरह धरती गिर जायेगी। यह धरती बनी न रहेगी। उस समय यहोवा सबका न्याय करेगा। उस समय यहोवा आकाश में स्वर्ग की सेनाएँ और धरती के राजा उस न्याय का विषय होंगे। इन सबको एक साथ एकत्र किया जायेगा। उनमें से कुछ काल कोठरी में बन्द होंगे और कुछ कारागार में रहेंगे। किन्तु अन्त में बहुत समय के बाद इन सबका न्याय होगा। यरूशलेम में सिय्योन के पहाड़ पर यहोवा राजा के रूप में राज्य करेगा। अग्रजों के सामने उसकी महिमा होगी। उसकी महिमा इतनी भव्य होगी कि चाँद घबरा जायेगा, सूरज लज्जित होगा। सभी लोगों को वहाँ से धकेल बाहर किया जायेगा। सारी धन—दौलत छीन ली जायेंगी। ऐसा इसलिये घटेगा क्योंकि यहोवा ने ऐसा ही आदेश दिया है।
आकाश चर्म पत्र के समान लपेट कर मूंद दिये जायेंगे। ग्रह—तारे मर कर किसी अँगूर की बेल या अंजीर के पत्तों के समान गिरने लगेंगे। आकाश के सभी तारे पिघल जायेंगे।
“ठीक वैसे ही जैसे खरपतवार को इकट्ठा करके आग में जला दिया गया, वैसे ही सृष्टि के अंत में होगा।
यीशु जब जैतून पर्वत पर बैठा था तो एकांत में उसके शिष्य उसके पास आये और बोले, “हमें बता यह कब घटेगा? जब तू वापस आयेगा और इस संसार का अंत होने को होगा तो कैसे संकेत प्रकट होंगे?”
वे धन्य हैं जो परमेश्वर के इस दैवी सुसन्देश के शब्दों को सुनते हैं और जो बातें इसमें लिखी हैं, उन पर चलते हैं। क्योंकि संकट की घड़ी निकट है।
इसके बाद जब मसीह सभी शासकों, अधिकारियों, हर प्रकार की शक्तियों का अंत करके राज्य को परम पिता परमेश्वर के हाथों सौंप देगा, तब प्रलय हो जायेगी।
और यदि परमेश्वर ने उन दिनों को घटा न दिया होता तो कोई भी नहीं बचता। किन्तु उन चुने हुए व्यक्तियों के कारण जिन्हें उसने चुना है, उसने उस समय को कम किया है।
तुम पास के युद्धों की बातें या दूर के युद्धों की अफवाहें सुनोगे पर देखो तुम घबराना मत! ऐसा तो होगा ही किन्तु अभी अंत नहीं आया है।
ऊपर आकाशों को देखो। अपने चारों ओर फैली हुई धरती को देखो, आकाश ऐसे लोप हो जायेगा जैसे धुएँ का एक बादल खो जाता है और धरती ऐसे ही बेकार हो जायेगी जैसे पुराने वस्त्र मूल्यहीन होते हैं। धरती के वासी अपने प्राण त्यागेंगे किन्तु मेरी मुक्ति सदा ही बनी रहेगी। मेरी उत्तमता कभी नहीं मिटेगी।
“देखो, मैं एक नये स्वर्ग और नयी धरती की रचना करूँगा। लोग मेरे लोगों की पिछली बात याद नहीं रखेंगे। उनमें से कोई बात याद में नहीं रहेगी।
“मैं एक नये संसार की रचना करूँगा। ये नये आकाश और नयी धरती सदा—सदा टिके रहेंगे और उसी प्रकार तुम्हारे नाम और तुम्हारे वंशज भी सदा मेरे साथ रहेंगे। हर सब्त के दिन और महीने के पहले दिन वे सभी लोग मेरी उपासना के लिये आया करेंगे। “ये लोग मेरी पवित्र नगरी में होंगे और यदि कभी वे नगर से बाहर जायेंगे, तो उन्हें उन लोगों की लाशें दिखाई देंगी जिन्होंने मेरे विरूद्ध पाप किये हैं। उन लाशों में कीड़े पड़े हुए होंगे और वे कीड़े कभी नहीं मरेंगे। उन देहों को आग जला डालेगी और वह आग कभी समाप्त नहीं होगी।”
मैंने धरती को देखा। धरती खाली थी, इस पर कुछ नहीं था। मैंने गगन को देखा, और इसका प्रकाश चला गया था। मैंने पर्वतों पर नजर डाली और वे काँप रहे थे। सभी पहाड़ियाँ लड़खड़ा रही थीं। मैंने ध्यान से देखा, किन्तु कोई मनुष्य नहीं था, आकाश के सभी पक्षी उड़ गए थे। मैंने देखा कि सुहावना प्रदेश मरुभूमि बन गया था। उस देश के सभी नगर नष्ट कर दिये गये थे। यहोवा ने यह कराया। यहोवा और उसके प्रचण्ड क्रोध ने यह कराया। यहोवा ये बातें कहता है: “पूरा देश बरबाद हो जाएगा। (किन्तु मैं देश को पूरी तरह नष्ट नहीं करूँगा।) अत: इस देश के लोग मेरे लोगों के लिये रोयेंगे। आकाश अँधकारपूर्ण होगा। मैंने कह दिया है, और बदलूँगा नहीं। मैंने एक निर्णय किया है, और मैं अपना विचार नहीं बदलूँगा।”
मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं। “एक के बाद एक विपत्तियाँ आयेंगी! अन्त आ रहा है और यह बहुत जल्दी आयेगा! इस्राएल के तुम लोगों, क्या तुमने सीटी सुनी है शत्रु आ रहा है। वह दण्ड का समय शीघ्र आ रहा है! शत्रुओं का शोरगुल पर्वतों पर अधिकाधिक बढ़ता जा रहा है।
वह दिन समीप है! हाँ, न्याय करने का यहोवा का दिन समीप है। यह एक दुर्दिन होगा। यह राष्ट्रों के साथ न्याय करने का समय होगा!
“चौथे राज्य के उन राज्यों के समय में ही स्वर्ग का परमेश्वर एक दूसरे राज्य की स्थापना कर देगा। इस राज्य का कभी अंत नहीं होगा और यह सदा—सदा बना रहेगा! यह एक ऐसा राज्य होगा जो कभी किसी दूसरे समूह के लोगों के हाथ में नहीं जायेगा। यह राज्य उन दूसरे राज्य को कुचल देगा। यह उन राज्यों का विनाश कर देगा। किन्तु वह राज्य अपने आप सदा—सदा बना रहेगा।
“रात को मैंने अपने दिव्य स्वप्न में देखा कि मेरे सामने कोई खड़ा है, जो मनुष्य जैसा दिखाई देता था। वह आकाश में बादलों पर आ रहा था। वह उस सनातन राजा के पास आया था। सो उसे उसके सामने ले आया गया। “वह जो मनुष्य के समान दिखाई दे रहा था, उसे अधिकार, महिमा और सम्पूर्ण शासन सत्ता सौंप दी गयी। सभी लोग, सभी जातियाँ और प्रत्येक भाषा—भाषी लोग उसकी आराधना करेंगे। उसका राज्य अमर रहेगा। उसका राज्य सदा बना रहेगा। वह कभी नष्ट नहीं होगा।
“‘किन्तु जो कुछ होना है, उसका निर्णय न्यायालय करेगा और उस राजा से उसकी शक्ति छीन ली जायेगी। उसके राज्य का पूरी तरह अन्त हो जायेगा। फिर परमेश्वर के पवित्र लोग उस राज्य का शासन चलायेंगे। धरती के सभी राज्यों के सभी लोगों पर उनका शासन होगा। यह राज्य सदा सदा अटल रहेगा, और अन्य सभी राज्यों के लोग उन्हें आदर देंगे और उनकी सेवा करेंगे।’
“दर्शन वाले व्यक्ति ने कहा, ‘हे दानिय्येल, उस समय मीकाएल नाम का वह प्रधान स्वर्गदूत उठ खड़ा होगा। मीकाएल तुम्हारे यहूदी लोगों का संरक्षक है। फिर एक विपत्तिपूर्ण समय आयेगा। वह समय इतना भयानक होगा, जितना भयानक इस धरती पर, जब से कोई जाति अस्तित्व में आयी है, कभी नहीं आया होगा। किन्तु हे दानिय्येल, उस समय तेरे लोगों में से हर वह व्यक्ति जिसका नाम, जीवन की पुस्तक में लिखा मिलेगा, बच जायेगा। बहुत से लोगों को शुद्ध किया जायेगा। वह लोग स्वयं अपने आप को स्वच्छ करेंगे किन्तु दुष्ट लोग, दुष्ट ही बने रहेंगे और वे दुष्ट लोग इन बातों को नहीं समझेंगे किन्तु बुद्धिमान इन बातों को समझ जायेंगे। “जब दैनिक बलियाँ रोक दी जायेंगी तब से अब तक, जब वहाँ कुछ ऐसी भयानक घृणित वस्तु स्थापित होगा जो सचमुच विनाशक होगा, एक हजार दो सौ नब्बे दिनों का समय बीत चुका होगा। वह व्यक्ति जो प्रतीक्षा करते हुए इन एक हजार तीन सौ पैंतीस दिनों के समय के अंत तक पहुँचेगा, वह बहुत अधिक भाग्यशाली होगा। “हे दानिय्येल। जहाँ तक तेरी बात है, जा और अंत समय तक अपना जीवन जी। तुझे तेरा विश्राम प्राप्त होगा और अंत में तू अपना भाग प्राप्त करने के लिये मृत्यु से फिर उठ खड़ा होगा।” धरती के वे असंख्य लोग जो मर चुके हैं और जिन्हें दफ़नाया जा चुका है, उठ खड़े होंगे और उनमें से कुछ अन्नत जीवन जीने के लिए उठ जायेंगे। किन्तु कुछ इसलिये जागेंगे कि उन्हें कभी नहीं समाप्त होने वाली लज्जा और घृणा प्राप्त होगी। आकाश की भव्यता के समान बुद्धिमान पुरूष चमक उठेंगे। ऐसे बुद्धिमान पुरूष जिन्होंने दूसरों को अच्छे जीवन की राह दिखाई थी, अनन्त काल के लिये तारों के समान चमकने लगेंगे।’
सिय्योन पर नरसिंगा फूँको। मेरे पवित्र पर्वत पर चेतावनी सुनाओ। उन सभी लोगों को जो इस धरती पर रहते हैं, तुम भय से कँपा दो। यहोवा का विशेष दिन आ रहा है। यहोवा का विशेष दिन पास ही आ पहुँचा है। धरती और आकाश तक उनके सामने काँपते हैं। सूरज और चाँद भी काले पड़ जाते हैं और तोर चमकना छोड़ देते हैं। यहोवा जोर से अपनी सेना को पुकारता है। उसकी छावनी विशाल है। वह सेना उसके आदेशों को मानती है। वह सेना अति बलशाली है। यहोवा का विशेष दिन महान और भयानक है। काई भी व्यक्ति उसे रोक नही सकता। यहोवा का यह संदेश है: “अपने पूर्ण मन के साथ अब मेरे पास लौट आओ। तुमने बुरे कर्म किये हैं। विलाप करो और निराहार रहो!” अरे वस्त्र नहीं, तुम अपने ही मन को फाड़ो। तुम लौट कर अपने परमेश्वर यहोवा के पास जाओ। वह दयालु और करूणापूर्ण है। उसको शीघ्र क्रोध नहीं आता है। उसका प्रेम महान है। सम्भव है जो क्रोध दण्ड उसने तुम्हारे लिये सोचा है, उसके लिये अपना मन बदल ले। कौन जानता है, सम्भव है यहोवा अपना मन बदल ले और यह भी सम्भव है कि वह तुम्हारे लिये कोई वरदान छोड़ जाये। फिर तुम अपने परमेश्वर यहोवा को अन्नबलि और पेय भेंट अर्पित कर पाओगे। सिय्योन पर नरसिंगा फूँको। उस विशेष सभा के लिये बुलावा दो। उस उपवास के विशेष समय का बुलावा दो। तुम, लोगों को जुटाओ। उस विशेष सभा के लिये उन्हें बुलाओ। तुम बूढ़े पुरूषों को एकत्र करो और बच्चे भी साथ एकत्र करो। वे छोटे शिशु भी जो अभी भी स्तन पीते हों, लाओ। नयी दुल्हन को और उसके पति को सीधे उनके शयन—कक्षों से बुलाओ। हे याजकों और यहोवा के दासों, आँगन और वेदी के बीच में बुहार करो। सभी लोगों ये बातें तुम्हें कहनी चाहिये: “यहोवा ने तुम्हारे लोगों पर करूणा की। तुम अपने लोगों को लज्जित मत होने दो। तुम अपने लोगों को दूसरों के बीच में हँसी का पात्र मत बनने दो। तुम दूसरे देशों को हँसते हुए कहने का अवसर मत दो कि, ‘उनका परमेश्वर कहाँ है?’” फिर यहोवा अपनी धरती के बारे में बहुत अधिक चिन्तित हुआ। उसे अपने लोगों पर दया आयी। यहोवा ने अपने लोगों से कहा। वह बोला, “मैं तुम्हारे लिये अन्र, दाखमधु और तेल भिजवाऊँगा। ये तुमको भरपूर मिलेंगे। मैं तुमको अब और अधिक जातियों के बीच में लज्जित नहीं करूँगा। वह दिन अंधकार भरा होगा, वह दिन उदासी का होगा, वह दिन काला होगा और वह दिन दुर्दिन होगा। भोर की पहली किरण के साथ तुम्हें पहाड़ पर सेना फैलती हुई दिखाई देगी। वह सेना विशाल और शक्तिशीली भी होगी। ऐसा पहले तो कभी भी घटा नहीं था और आगे भी कभी ऐसा नहीं घटेगा, न ही भूत काल में, न ही भविष्य में।
धरती और आकाश तक उनके सामने काँपते हैं। सूरज और चाँद भी काले पड़ जाते हैं और तोर चमकना छोड़ देते हैं। यहोवा जोर से अपनी सेना को पुकारता है। उसकी छावनी विशाल है। वह सेना उसके आदेशों को मानती है। वह सेना अति बलशाली है। यहोवा का विशेष दिन महान और भयानक है। काई भी व्यक्ति उसे रोक नही सकता।
धरती पर और आकाश में मैं अद्भत चिन्ह प्रकट करूँगा। वहाँ खून, आग और गहरा धुआँ होगा। सूरज अंधकार में बदल जायेगा। चाँद भी खून के रंग में बदलेगा और फिर यहोवा का महान और भयानक दिन आयेगा!
तुममे से कुछ यहोवा के न्याय के विशेष दिन को देखना चाहते हैं। तुम उस दिन को क्यों देखना चाहते हो यहोवा का विशेष दिन तुम्हारे लिये अन्धकार लाएगा, प्रकाश नहीं। तुम किसी सिंह के सामने से बचकर भाग निकलने वाले ऐसे व्यक्ति के समान होगे जिस पर भागते समय रीछ आक्रमण कर देता है और फिर जब वह उस रीछ से भी बच निकलकर किसी घर में जा घुसता है तो वहाँ दीवार पर हाथ रखते ही, उसे साँप डस लेता है! इस्राएल की कुमारी गिर गई है। वह अब कभी उठेगी नहीं। वह धूली में पड़ी अकेली छोड़ दी गई है। उसे उठाने वाला कोई व्यक्ति नहीं है। अत: यहोवा का विशेष दिन अन्धकार लाएगा, प्रकाश नहीं, यह शोक का समय होगा उल्लास का नहीं।
यहोवा के न्याय का विशेष दिन शीघ्र आ रहा है! वह दिन निकट है, और तेज़ी से आ रहा है। यहोवा के न्याय के विशेष दिन लोग चीखों भरे स्वर सुनेंगे। यहाँ तक कि वीर योद्धा भी चीख उठेंगे! उस समय परमेश्वर अपना क्रोध प्रकट करेगा। यह भयंकर विपत्तियों का समय होगा। यह विध्वंस का समय होगा। यह काले, घिरे हुए बादल और तूफानी दिन के अन्धकार का समय होगा। यह युद्ध के ऐसे समय की तरह होगा जब लोग सुरक्षा मीनारों और सुरक्षित नगरों से सीगों और तुरही का नाद सुनेंगे। यहोवा ने कहा, “मैं लोगों का जीवन बहुत दूभर कर दूँगा। लोग उन अन्धों की तरह चारों ओर जाएंगे जिन्हें यह भी मालूम नहीं कि वे कहाँ जा रहे हैं क्यों क्योंकि उन लोगों ने यहोवा के विरूद्ध पाप किये। अनेक लोग मार डाले जाएंगे। उनका खून जमीन पर बहेगा। उनके शव गोबर की तरह जमीन पर पड़े सड़ते रहेंगे। उनका सोना—चाँदी उनकी सहायता नहीं कर पाएंगे! उस समय, यहोवा बहुत क्षुब्द और क्रोधित होगा। यहोवा पूरे संसार को अपने क्रोध की अग्नि में जलाकर नष्ट कर देगा! यहोवा पूरी तरह पृथ्वी पर सब कुछ नष्ट कर देगा!”
यहोवा ने कहा, “अत: तनिक प्रतीक्षा करो! मेरे खड़े होने और अपने न्याय किये जाने के लिये मेरी प्रतीक्षा करो। अनेक राष्ट्रों से लोगों को लाने और तुमको दण्ड देने के लिये उनका उपयोग करने का निर्णय मेरा है। मैं उन लोगों का उपयोग अपना क्रोध तुम्हारे विरूद्ध प्रकट करने के लिये करूँगा। मैं उनका उपयोग यह दिखाने के लिये करूँगा कि मैं कितना क्षुब्ध हूँ, और यहूदा का पूरा प्रदेश नष्ट होगा!
देखो, यहोवा निर्णय का विशेष दिन रखता है और जो धन तुमने लिया है वह तुम्हारे नगर में बँटेगा। उस समय यरूशलेम के चारों ओर का क्षेत्र अराबा मरूभूमि की तरह सूना हो जाएगा। गेब से लेकर नेगब में रिम्मोन तक देश मरूभूमि सा हो जाएगा। किन्तु यरूशलेम का पूरा नगर फिर से, बिन्यामीन द्वार से प्रथम द्वार (अर्थात् कोने का द्वार) और हननेल की मीनार से राजा के दाखमधु निष्कासक तक बनेगा। प्रतिबन्ध उठ जाएगा और लोग वहाँ अपने घर बनायेंगे। यरूशलेम सुरक्षित होगा। किन्तु यहोवा उन राष्ट्रों को दण्ड देगा जो यरूशलेम के विरूद्ध लड़े। वह उन्हें भयन्कर बीमारी लगा देगा। खड़े खड़े उनका शरीर गल जयेगा। उनकी आँखें उनके कोटर में गलेंगी। तथा उनकी जीभ उनके मुखों में गलेगी। वह भयंकर बीमारी शत्रुओं के डेरे में होगा और उनके घोड़ों, खच्चरों, ऊँटों और गधों को वह भयंकर बीमारी लग जाएगी। उस समय वे लोग, सचमुच, यहोवा से डरेंगे। वे एक दुसरे का गला दबायेंगे। वे एक दुसरे पर प्रहार करने के लिये हाथ उठाएंगे। यहूदा के लोग यरूशलेम में युद्ध करेंगे, किन्तु वे नगर के चारों ओर के राष्ट्रों से धन प्राप्त करेंगे। वे बहुत अधिक सोना, चाँदी, और वस्त्र प्राप्त करेंगे। कुछ लोग जो यरूशलेम में युद्ध करने आएंगे। वे बच जाएंगे और हर वर्ष वे राजा, सर्वशक्तिमान यहोवा की उपासना को आएंगे। वे झोंपड़ीयों का पर्व मनाने आएंगे औक यदि पृथ्वी के किसी परिवार के लाग राजा, सर्वशक्तिमान यहोवा की उपासना करने यरूशलेम नहीं जाएंगे तो यहोवा उन्हें वर्षा से वंचित कर देगा। यदि मिस्र का कोई परिवार बटोरने का पर्व मनाने नहीं आएगा, ता उसे वही भयंकर बीमारी होगी, जो यहोवा ने अन्य शत्रु राष्ट्रों को लगा दी थी। वह मिस्र के लिये तथा किसी भी राष्ट्र के लिये दण्ड होगा, जो बटोरने का पर्व मनाने नहीं आएगा। मैं सभी राष्ट्रों को यरूशलेम के विरूद्ध लड़ने के लिये एक साथ लाऊँगा। वे नगर पर अधिकार करेंगे तथा घरों को नष्ट करेंगे। स्त्रियों के साथ कुकर्म होगा, और लोगों में से आधे बन्दी बनाए जाएंगे। किन्तु बाकी लोग नगर से नहीं ले जाएंगे।
“न्याय का समय आ रहा है। यह गर्म भट्टी —सा होगा। वे सभी गर्वीलें व्यक्ति दण्डित होंगे। वे सभी पापी लोग सूखी घास की तरह जलेंगे। उस समय वे आग में ऐसी जलती झाड़ी—से होंगे जिसकी कोई शाखा याजड़ बची नहीं रहेगी।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
यहोवा ने कहा, “देखो, मैं नबी एलिय्याह को तुम्हारे पास भेजूँगा। वह यहोवा के यहाँ से उस महान और भयंकर न्याय के समय से पहले आएगा। एलिय्याह माता—पिता को अपने बच्चों के समीप होने में सहायता करेगा। यह अवश्य घटित होगा, या मैं (परमेश्वर) आऊँगा और तुम्हारे देश को पूरी तरह नष्ट कर दूँगा!”
“ठीक वैसे ही जैसे खरपतवार को इकट्ठा करके आग में जला दिया गया, वैसे ही सृष्टि के अंत में होगा। मनुष्य का पुत्र अपने दूतों को भेजेगा और वे उसके राज्य से सभी पापियों को और उनको, जो लोगों को पाप के लिये प्रेरित करते हैं, इकट्ठा करके धधकते भाड़ में झोंक देंगे जहाँ बस दाँत पीसना और रोना ही रोना होगा। तब धर्मी अपने परम पिता के राज्य में सूरज की तरह चमकेंगे। जो सुन सकता है, सुन ले!
सृष्टि के अन्त में ऐसा ही होगा। स्वर्गदूत आयेंगे और धर्मियों में से पापियों को छाँट कर थोड़े बीज चट्टानी धरती पर जा गिरे। वहाँ मिट्टी बहुत उथली थी। बीज तुरंत उगे, क्योंकि वहाँ मिट्टी तो गहरी थी नहीं; धधकते भाड़ में झोंक देंगे जहाँ बस रोना और दाँत पीसना होगा।”
तुम पास के युद्धों की बातें या दूर के युद्धों की अफवाहें सुनोगे पर देखो तुम घबराना मत! ऐसा तो होगा ही किन्तु अभी अंत नहीं आया है। हर एक जाति दूसरी जाति के विरोध में और एक राज्य दूसरे राज्य के विरोध में खड़ा होगा। अकाल पड़ेंगें। हर कहीं भूचाल आयेंगे। किन्तु ये सब बातें तो केवल पीड़ाओं का आरम्भ ही होगा।
उन दिनों ऐसी विपत्ति आयेगी जैसी जब से परमेश्वर ने यह सृष्टि रची है, आज तक कभी नहीं आयी और न कभी आयेगी। “और यदि परमेश्वर ने उन दिनों को घटाने का निश्चय न कर लिया होता तो कोई भी न बचता किन्तु अपने चुने हुओं के कारण वह उन दिनों को कम करेगा।
“उन दिनों जो मुसीबत पड़ेगी उसके तुरंत बाद: ‘सूरज काला पड़ जायेगा, चाँद से उसकी चाँदनी नहीं छिटकेगी आसमान से तारे गिरने लगेंगे और आकाश में महाशक्तियाँ झकझोर दी जायेंगी।’ यीशु जब जैतून पर्वत पर बैठा था तो एकांत में उसके शिष्य उसके पास आये और बोले, “हमें बता यह कब घटेगा? जब तू वापस आयेगा और इस संसार का अंत होने को होगा तो कैसे संकेत प्रकट होंगे?” “उस समय मनुष्य के पुत्र के आने का संकेत आकाश में प्रकट होगा। तब पृथ्वी पर सभी जातियों के लोग विलाप करेंगे और वे मनुष्य के पुत्र को शक्ति और महिमा के साथ स्वर्ग के बादलों में प्रकट होते देखेंगे। वह ऊँचे स्वर की तुरही के साथ अपने दूतों को भेजेगा। फिर वे स्वर्ग के एक छोर से दूसरे छोर तक सब कहीं से अपने चुने हुए लोगों को इकट्ठा करेगा।
चाहे धरती और आकाश मिट जायें किन्तु मेरा वचन कभी नहीं मिटेगा।” “उस दिन या उस घड़ी के बारे में कोई कुछ नहीं जानता। न स्वर्ग में दूत और न स्वयं पुत्र। केवल परम पिता जानता है।
इसलिए तुम भी तैयार रहो क्योंकि तुम जब उसकी सोच भी नहीं रहे होगे, मनुष्य का पुत्र आ जायेगा।
“मनुष्य का पुत्र जब अपनी स्वर्गिक महिमा में अपने सभी दूतों समेत अपने शानदार सिंहासन पर बैठेगा तो सभी जातियाँ उसके सामने इकट्ठी की जायेंगी और वह एक को दूसरे से वैसे ही अलग करेगा, जैसे एक गडरिया अपनी बकरियों से भेड़ों को अलग करता है।
वे सभी आदेश जो मैंने तुम्हें दिये हैं, उन्हें उन पर चलना सिखाओ। और याद रखो इस सृष्टि के अंत तक मैं सदा तुम्हारे साथ रहूँगा।”
जब तुम युद्धों या युद्धों की अफवाहों के बारे में सुनो तो घबराना मत। ऐसा तो होगा ही किन्तु अभी अंत नहीं है। एक जाति दूसरी जाति के विरोध में और एक राज्य दूसरे राज्य के विरोध में खड़े होंगे। बहुत से स्थानों पर भूचाल आयेंगे और अकाल पड़ेंगे। वे पीड़ाओं का आरम्भ ही होगा।
“उन दिनों यातना के उस काल के बाद, ‘सूरज काला पड़ जायेगा, चाँद से उसकी चाँदनी नहीं छिटकेगी। आकाश से तारे गिरने लगेंगे और आकाश में महाशक्तियाँ झकझोर दी जायेंगी।’ “तब लोग मनुष्य के पुत्र को महाशक्ति और महिमा के साथ बादलों में प्रकट होते देखेंगे। फिर वह अपने दूतों को भेज कर चारों दिशाओं, पृथ्वी के एक छोर से आकाश के दूसरे छोर तक सब कहीं से अपने चुने हुए लोगों को इकट्ठा करेगा।
“उस दिन या उस घड़ी के बारे में किसी को कुछ पता नहीं, न स्वर्ग में दूतों को और न अभी मनुष्य के पुत्र को, केवल परम पिता परमेश्वर जानता है। सावधान! जागते रहो! क्योंकि तुम नहीं जानते कि वह समय कब आ जायेगा।
“वैसे ही जैसे नूह के दिनों में हुआ था, मनुष्य के पुत्र के दिनों में भी होगा। उस दिन तक जब नूह ने नौका में प्रवेश किया, लोग खाते-पीते रहे, ब्याह रचाते और विवाह में दिये जाते रहे। फिर जल प्रलय आया और उसने सबको नष्ट कर दिया। “इसी प्रकार लूत के दिनों में भी ठीक ऐसे ही हुआ था। लोग खाते-पीते, मोल लेते, बेचते खेती करते और घर बनाते रहे। किन्तु उस दिन जब लूत सदोम से बाहर निकला तो आकाश से अग्नि और गंधक बरसने लगे और वे सब नष्ट हो गये। सावधान रहो! “यदि तुम्हारा भाई पाप करे तो उसे डाँटो और यदि वह अपने किये पर पछताये तो उसे क्षमा कर दो। उस दिन भी जब मनुष्य का पुत्र प्रकट होगा, ठीक ऐसा ही होगा।
“सूरज, चाँद और तारों में संकेत प्रकट होंगे और धरती पर की सभी जातियों पर विपत्तियाँ आयेंगी और वे सागर की उथल-पुथल से घबरा उठेंगे। लोग डर और संसार पर आने वाली विपदाओं के डर से मूर्छित हो जायेंगे क्योंकि स्वर्गिक शक्तियाँ हिलाई जायेंगी। और तभी वे मनुष्य के पुत्र को अपनी शक्ति और महान् महिमा के साथ एक बादल में आते हुए देखेंगे।
धरती और आकाश नष्ट हो जाएँगे, पर मेरा वचन सदा अटल रहेगा। “अपना ध्यान रखो, ताकि तुम्हारे मन कहीं डट कर पीने पिलाने और सांसारिक चिंताओं से जड़ न हो जायें। और वह दिन एक फंदे की तरह तुम पर अचानक न आ पड़े। निश्चय ही वह इस समूची धरती पर रहने वालों पर ऐसे ही आ गिरेगा। हर क्षण सतर्क रहो, और प्रार्थना करो कि तुम्हें उन सभी बातों से, जो घटने वाली हैं, बचने की शक्ति प्राप्त हो। और आत्म-विश्वास के साथ मनुष्य के पुत्र के सामने खड़े हो सको।”
“इस पर आश्चर्य मत करो कि वह समय आ रहा है जब वे सब जो अपनी कब्रों में है, उसका वचन सुनेंगे और बाहर आ जायेंगे। जिन्होंने अच्छे काम किये हैं वे पुनरुत्थान पर जीवन पाएँगे पर जिन्होंने बुरे काम किये हैं उन्हें पुनरुत्थान पर दण्ड दिया जायेगा।
और मुझे भेजने वाले की यही इच्छा है कि मैं जिनको परमेश्वर ने मुझे सौंपा है, उनमें से किसी को भी न खोऊँ और अन्तिम दिन उन सबको जिला दूँ। यहूदियों का फ़सह पर्व निकट था। यही मेरे परम पिता की इच्छा है कि हर वह व्यक्ति जो पुत्र को देखता है और उसमें विश्वास करता है, अनन्त जीवन पाये और अंतिम दिन मैं उसे जिला उठाऊँगा।”
जो मुझे नकारता है और मेरे वचनों को स्वीकार नहीं करता, उसके लिये एक है जो उसका न्याय करेगा। वह है मेरा वचन जिसका उपदेश मैंने दिया है। अन्तिम दिन वही उसका न्याय करेगा।
और कहा, “हे गलीली लोगों, तुम वहाँ खड़े-खड़े आकाश में टकटकी क्यों लगाये हो? यह यीशु जिसे तुम्हारे बीच से स्वर्ग में ऊपर उठा लिया गया, जैसे तुमने उसे स्वर्ग में जाते देखा, वैसे ही वह फिर वापस लौटेगा।”
मैं ऊपर आकाश में अद्भुत कर्म और नीचे धरती पर चिन्ह दिखाऊँगा लहू, आग और धुएँ के बादल। तभी अचानक वहाँ आकाश से भयंकर आँधी का शब्द आया और जिस घर में वे बैठे थे, उसमें भर गया। सूर्य अन्धेरे में और चाँद रक्त में बदल जायेगा। तब प्रभु का महान और महिमामय दिन आएगा।
इसलिये तुम अपना मन फिराओ और परमेश्वर की ओर लौट आओ ताकि तुम्हारे पाप धुल जायें। तभी एक ऐसे व्यक्ति को जो जन्म से ही लँगड़ा था, ले जाया जा रहा था। वे हर दिन उसे मन्दिर के सुन्दर नामक द्वार पर बैठा दिया करते थे। ताकि वह मन्दिर में जाने वाले लोगों से भीख के पैसे माँग लिया करे। ताकि प्रभु की उपस्थिति में आत्मिक शांति का समय आ सके और प्रभु तुम्हारे लिये मसीह को भेजे जिसे वह तुम्हारे लिये चुन चुका है, यानी यीशु को। “मसीह को उस समय तक स्वर्ग में रहना होगा जब तक सभी बातें पहले जैसी न हो जायें जिनके बारे में बहुत पहले से ही परमेश्वर ने अपने पवित्र नबियों के मुख से बता दिया था।
ऐसे अज्ञान के युग की परमेश्वर ने उपेक्षा कर दी है और अब हर कहीं के मनुष्यों को वह मन फिराव ने का आदेश दे रहा है। उसने एक दिन निश्चित किया है जब वह अपने नियुक्त किये गये एक पुरुष के द्वारा न्याय के साथ जगत का निर्णय करेगा। मरे हुओं में से उसे जिलाकर उसने हर किसी को इस बात का प्रमाण दिया है।”
किन्तु अपनी कठोरता और कभी पछतावा नहीं करने वाले मन के कारण उसके क्रोध को अपने लिए उस दिन के वास्ते इकट्ठा कर रहा है जब परमेश्वर का सच्चा न्याय प्रकट होगा।
क्योंकि मेरे विचार में इस समय की हमारी यातनाएँ प्रकट होने वाली भावी महिमा के आगे कुछ भी नहीं है। क्योंकि यह सृष्टि बड़ी आशा से उस समय का इंतज़ार कर रही है जब परमेश्वर की संतान को प्रकट किया जायेगा।
कि यह भी कभी अपनी विनाशमानता से छुटकारा पाकर परमेश्वर की संतान की शानदार स्वतन्त्रता का आनन्द लेगी। क्योंकि हम जानते हैं कि आज तक समूची सृष्टि पीड़ा में कराहती और तड़पती रही है। न केवल यह सृष्टि बल्कि हम भी जिन्हें आत्मा का पहला फल मिला है, अपने भीतर कराहते रहे है। क्योंकि हमें उसके द्वारा पूरी तरह अपनाये जाने का इंतजार है कि हमारी देह मुक्ति हो जायेगी।
हे भाइयो, मैं तो यही कह रहा हूँ, वक्त बहुत थोड़ा है। इसलिए अब से आगे, जिनके पास पत्नियाँ हैं, वे ऐसे रहें, मानो उनके पास पत्नियाँ हैं ही नहीं। पति को चाहिये कि पत्नी के रूप में जो कुछ पत्नी का अधिकार बनता है, उसे दे। और इसी प्रकार पत्नी को भी चाहिये कि पति को उसका यथोचित प्रदान करे। और वे जो बिलख रहे हैं, वे ऐसे रहें, मानो कभी दुखी ही न हुए हों। और जो आनान्दित हैं, वे ऐसे रहें, मानो प्रसन्न ही न हुए हों। और वे जो वस्तुएँ मोल लेते हैं, ऐसे रहें मानो उनके पास कुछ भी न हो। और जो सांसारिक सुख-विलासों का भोग कर रहे हैं, वे ऐसे रहें, मानों वे वस्तुएँ उनके लिए कोई महत्व नहीं रखतीं। क्योंकि यह संसार अपने वर्तमान स्वरूप में नाषमान है।
क्योंकि ठीक वैसे ही जैसे आदम के कर्मों के कारण हर किसी के लिए मृत्यु आयी, वैसे ही मसीह के द्वारा सब को फिर से जिला उठाया जायेगा किन्तु हर एक को उसके अपने कर्म के अनुसार सबसे पहले मसीह को, जो फसल का पहला फल है और फिर उसके पुनः आगमन पर उनको, जो मसीह के हैं। इसके बाद जब मसीह सभी शासकों, अधिकारियों, हर प्रकार की शक्तियों का अंत करके राज्य को परम पिता परमेश्वर के हाथों सौंप देगा, तब प्रलय हो जायेगी।
सुनो, मैं तुम्हें एक रहस्यपूर्ण सत्य बताता हूँ: हम सभी मरेंगे नहीं, बल्कि हम सब बदल दिये जायेंगे। जब अंतिम तुरही बजेगी तब पलक झपकते एक क्षण में ही ऐसा हो जायेगा क्योंकि तुरही बजेगी और मरे हुए अमर हो कर जी उठेंगे और हम जो अभी जीवित हैं, बदल दिये जायेंगे।
हम सब को अपने शरीर में स्थित रह कर भला या बुरा, जो कुछ किया है, उसका फल पाने के लिये मसीह के न्यायासन के सामने अवश्य उपस्थित होना होगा।
मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि वह परमेश्वर जिसने तुम्हारे बीच ऐसा उत्तम कार्य प्रारम्भ किया है, वही उसे उसी दिन तक बनाए रखेगा, जब मसीह यीशु फिर आकर उसे पूरा करेगा।
किन्तु हमारी जन्मभूमि तो स्वर्ग में है। वहीं से हम अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के आने की बाट जोह रहे हैं। अपनी उस शक्ति के द्वारा जिससे सब वस्तुओं को वह अपने अधीन कर लेता है, हमारी दुर्बल देह को बदल कर अपनी दिव्य देह जैसा बना देगा।
जब मसीह, जो हमारा जीवन है, फिर से प्रकट होगा तो तुम भी उसके साथ उसकी महिमा में प्रकट होओगे।
जब प्रभु का फिर से आगमन होगा तो हम जो जीवित हैं और अभी यहीं हैं उनसे आगे नहीं निकल पाएँगे जो मर चुके हैं। क्योंकि स्वर्गदूतों का मुखिया जब अपने ऊँचे स्वर से आदेश देगा तथा जब परमेश्वर का बिगुल बजेगा तो प्रभु स्वयं स्वर्ग से उतरेगा। उस समय जिन्होंने मसीह में प्राण त्यागे हैं, वे पहले उठेंगे। उसके बाद हमें जो जीवित हैं, और अभी भी यहीं हैं उनके साथ ही हवा में प्रभु से मिलने के लिए बादलों के बीच ऊपर उठा लिए जायेंगे और इस प्रकार हम सदा के लिए प्रभु के साथ हो जायेंगे।
हे भाईयों, समयों और तिथियों के विषय में तुम्हें लिखने की कोई आवश्यकता नहीं है यीशु मसीह ने हमारे लिए प्राण त्याग दिए ताकि चाहे हम सजीव हैं चाहे मृत, जब वह पुनः आए उसके साथ जीवित रहें। इसलिए एक दूसरे को सुख पहुँचाओ और एक दूसरे को आध्यात्मिकरूप से सुदृढ़ बनाते रहो। जैसा कि तुम कर भी रहे हो। हे भाइयों, हमारा तुमसे निवेदन है कि जो लोग तुम्हारे बीच परिश्रम कर रहे हैं और प्रभु में जो तुम्हें राह दिखाते हैं, उनका आदर करते रहो। हमारा तुमसे निवेदन है कि उनके काम के कारण प्रेम के साथ उन्हें पूरा आदर देते रहो। परस्पर शांति से रहो। हे भाईयों, हमारा तुमसे निवेदन है आलसियों को चेताओ, डरपोकों को प्रोत्साहित करो, दोनों की सहायता में रुचि लो, सब के साथ धीरज रखो। देखते रहो कोई बुराई का बदला बुराई से न दे, बल्कि सब लोग सदा एक दूसरे के साथ भलाई करने का ही जतन करें। सदा प्रसन्न रहो। प्रार्थना करना कभी न छोड़ो। हर परिस्थिति में परमेश्वर का धन्यवाद करो। पवित्र आत्मा के कार्य का दमन मत करते रहो। क्योंकि तुम स्वयं बहुत अच्छी तरह जानते हो कि जैसे चोर रात में चुपके से चला आता है, वैसे ही प्रभु के फिर से लौटने का दिन भी आ जायेगा। नबियों के संदेशों को कभी छोटा मत जानो। हर बात की असलियत को परखो, जो उत्तम है, उसे ग्रहण किए रहो और हर प्रकार की बुराई से बचे रहो। शांति का स्रोत परमेश्वर स्वयं तुम्हें पूरी तरह पवित्र करे। पूरी तरह उसको समर्पित हो जाओ और तुम अपने सम्पूर्ण अस्तित्व अर्थात् आत्मा, प्राण और देह को हमारे प्रभु यीशु मसीह के आने तक पूर्णतः दोष रहित बनाए रखो। वह परमेश्वर जिसने तुम्हें बुलाया है, विश्वास के योग्य है। निश्चयपूर्वक वह ऐसा ही करेगा। हे भाईयों! हमारे लिए भी प्रार्थना करो। सब भाईयों का पवित्र चुम्बन से सत्कार करो। तुम्हें प्रभु की शपथ देकर मैं यह आग्रह करता हूँ कि इस पत्र को सब भाइयों को पढ़ कर सुनाया जाए। हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम्हारे साथ रहे। जब लोग कह रहे होंगे कि “सब कुछ शांत और सुरक्षित है” तभी जैसे एक गर्भवती स्त्री को अचानक प्रसव वेदना आ घेरती है वैसे ही उन पर विनाश उतर आयेगा और वे कहीं बच कर भाग नहीं पायेंगे।
क्योंकि परमेश्वर ने हमें उसके प्रकोप के लिए नहीं, बल्कि हमारे प्रभु यीशु द्वारा मुक्तिप्राप्त करने के लिए बनाया है।
हे भाईयों, अब हम अपने प्रभु यीशु मसीह के फिर से आने और उसके साथ परस्पर एकत्र होने के विषय में निवेदन करते हैं तथा हर प्रकार के पापपूर्ण छल-प्रपंच से भरा होगा। वह इनका उपयोग उन व्यक्तियों के विरुद्ध करेगा जो सर्वनाश के मार्ग में खोए हुए हैं। वे भटक गए हैं क्योंकि उन्होंने सत्य से प्रेम नहीं किया है; कहीं उनका उद्धार न हो जाए। इसलिए परमेश्वर उनमें एक छली शक्ति को कार्यरत कर देगा जिससे वे झूठ में विश्वास करने लगे थे। इससे उनका विश्वास जो झूठा है, उस पर होगा। इससे वे सभी जिन्होंने सत्य पर विश्वास नहीं किया और झूठ में आनन्द लेते रहे, दण्ड पायेंगे। प्रभु में प्रिय भाईयों, तुम्हारे लिए हमें सदा परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि परमेश्वर ने आत्मा के द्वारा तुम्हें पवित्र करके और सत्य में तुम्हारे विश्वास के कारण उद्धार पाने के लिए तुम्हें चुना है। जिन व्यक्तियों का उद्धार होना है, तुम उस पहली फसल के एक हिस्से हो। और इसी उद्धार के लिए जिस सुसमाचार का हमने तुम्हें उपदेश दिया है उसके द्वारा परमेश्वर ने तुम्हें बुलाया ताकि तुम भी हमारे प्रभु यीशु मसीह की महिमा को धारण कर सको। इसलिए भाईयों, अटल बने रहो तथा जो उपदेश तुम्हें मौखिक रूप से या हमारे पत्रों के द्वारा दिया गया है, उसे थामे रखो। अब हमारा प्रभु स्वयं यीशु मसीह और हमारा परम पिता परमेश्वर जिसने हम पर अपना प्रेम दर्शाया है और हमें परम आनन्द प्रदान किया है तथा जिसने हमें अपने अनुग्रह में सुदृढ़ आशा प्रदान की है। तुम्हारे हृदयों को आनन्द दे और हर अच्छी बात में जिसे तुम कहते हो या करते हो, तुम्हें सुदृढ़ बनाये। कि तुम अचानक अपने विवेक को किसी भविष्यवाणी किसी उपदेश अथवा किसी ऐसे पत्र से मत खोना जिसे हमारे द्वारा लिखा गया समझा जाता हो और तथाकथित रूप से जिसमें बताया गया हो कि प्रभु का दिन आ चुका है, तुम अपने मन में डावाँडोल मत होना। तुम अपने आपको किसी के भी द्वारा किसी भी प्रकार छला मत जाने दो। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि वह दिन उस समय तक नहीं आएगा जब तक कि परमेश्वर से मुँह मोड़ लेने का समय नहीं आ जाता और व्यवस्थाहीनता का व्यक्ति प्रकट नहीं हो जाता। उस व्यक्ति की नियति तो विनाश है। वह अपने को हर वस्तु के ऊपर कहेगा और उनका विरोध करेगा। ऐसी वस्तुओं का जो परमेश्वर की हैं या जो पूजनीय हैं। यहाँ तक कि वह परमेश्वर के मन्दिर में जा कर सिंहासन पर बैठ यह दावा करेगा कि वही परमेश्वर है।
तब ही वह व्यवस्थाहीन प्रकट होगा। जब प्रभु यीशु अपनी महिमा में फिर प्रकट होगा वह इसे मार डालेगा तथा अपने पुनः आगमन के अवसर पर अपनी उपस्थिति से उसे नष्ट कर देगा।
जब तक हमारा प्रभु यीशु मसीह प्रकट होता है, तब तक तुझे जो आदेश दिया गया है, तू उसी पर बिना कोई कमी छोड़े हुए निर्दोष भाव से चलता रह। वह उस परम धन्य, एक छत्र, राजाओं के राजा और सम्राटों के प्रभु को उचित समय आने पर प्रकट कर देगा।
परमेश्वर को साक्षी करके और मसीह यीशु को अपनी साक्षी बना कर जो सभी जीवितों और जो मर चुके हैं, उनका न्याय करने वाला है, और क्योंकि उसका पुनःआगमन तथा उसका राज्य निकट है, मैं तुझे शपथ पूर्वक आदेश देता हूँ:
आशा के उस धन्य दिन की प्रतीक्षा करते रहें जब हमारे परम परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा प्रकट होगी।
परमेश्वर यह भी कहता है, “हे प्रभु, जब सृष्टि का जन्म हो रहा था, तूने धरती की नींव धरी। और ये सारे स्वर्ग तेरे हाथ का कतृत्व हैं। ये नष्ट हो जायेंगे पर तू चिरन्तन रहेगा, ये सब वस्त्र से फट जायेंगे। और तू परिधान सा उनको लपेटेगा। वे फिर वस्त्र जैसे बदल जायेंगे। किन्तु तू यूँ ही, यथावत रहेगा ही, तेरे काल का अंत युग युग न होगा।”
नहीं तो फिर मसीह को सृष्टि के आदि से ही अनेक बार यातनाएँ झेलनी पड़तीं। किन्तु अब देखो, इतिहास के चरम बिन्दु पर अपने बलिदान के द्वारा पापों का अंत करने के लिए वह सदा सदा के लिए एक ही बार प्रकट हो गया है। जैसे एक बार मरना और उसके बाद न्याय का सामना करना मनुष्य की नियति है। सो वैसे ही मसीह को, एक ही बार अनेक व्यक्तियों के पापों को उठाने के लिए बलिदान कर दिया गया। और वह पापों को वहन करने के लिए नहीं, बल्कि जो उसकी बाट जोह रहे हैं, उनके लिए उद्धार लाने को फिर दूसरी बार प्रकट होगा।
उसकी वाणी ने उस समय धरती को झकझोर दिया था किन्तु अब उसने प्रतिज्ञा की है, “एक बार फिर न केवल धरती को ही बल्कि आकाशों को भी मैं झकझोर दूँगा।” “एक बार फिर” ये शब्द उस हर वस्तु की ओर इंगित करते हैं जिसे रचा गया है (यानी वे वस्तुएँ जो अस्थिर हैं) वे नष्ट हो जायेंगी। केवल वे वस्तुएँ ही बचेंगी जो स्थिर हैं।
सो भाईयों, प्रभु के फिर से आने तक धीरज धरो। उस किसान का ध्यान धरो जो अपनी धरती की मूल्यवान उपज के लिए बाट जोहता रहता है। इसके लिए वह आरम्भिक वर्षा से लेकर बाद की वर्षा तक निरन्तर धैर्य के साथ बाट जोहता रहता है। तुम्हें भी धैर्य के साथ बाट जोहनी होगी। अपने हृदयों को दृढ़ बनाए रखो क्योंकि प्रभु का दुबारा आना निकट ही है।
हे भाईयों, आपस में एक दूसरे की शिकायतें मत करो ताकि तुम्हें अपराधी न ठहराया जाए। देखो, न्यायकर्त्ता तो भीतर आने के लिए द्वार पर ही खड़ा है।
जो विश्वास से सुरक्षित है, उन्हें वह उद्धार जो समय के अंतिम छोर पर प्रकट होने को है, प्राप्त हो।
क्योंकि परमेश्वर के अपने परिवार से ही आरम्भ होकर न्याय प्रारम्भ करने का समय आ पहुँचा है। और यदि यह हमसे ही प्रारम्भ होता है तो जिन्होंने परमेश्वर के सुसमाचार का पालन नहीं किया है, उनका परिणाम क्या होगा?
सबसे पहले तुम्हें यह जान लेना चाहिए कि अंतिम दिनों में स्वेच्छाचारी हँसी उड़ाने वाले हँसी उड़ाते हुए आयेंगे और कहेंगे, “क्या हुआ उसके फिर से आने की प्रतिज्ञा का? क्योंकि हमारे पूर्वज तो चल बसे। पर जब से सृष्टि बनी है, हर बार, वैसे की वैसी ही चली आ रही है।”
किन्तु यह आकाश और यह धरती जो आज अपने अस्तित्व में हैं, उसी आदेश के द्वारा अग्नि के द्वारा नष्ट होने के लिए सुरक्षित हैं। इन्हें उस दिन के लिए रखा जा रहा है जब अधर्मी लोगों का न्याय होगा और वे नष्ट कर दिए जायेंगे।
और तुम्हें परमेश्वर के दिन की बाट जोहनी चाहिए और उस दिन को लाने के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए। उस दिन के आते ही आकाश लपटों में जल कर नष्ट हो जाएगा और आकाशीय पिण्ड उस ताप से पिघल उठेंगे। किन्तु हम परमेश्वर के वचन के अनुसार ऐसे नए आकाश और नई धरती की बाट जोह रहे हैं जहाँ धार्मिकता निवास करती है।
यह संसार अपनी लालसाओं और इच्छाओं समेत विलीन होता जा रहा है किन्तु वह जो परमेश्वर की इच्छा का पालन करता है, अमर हो जाता है।
इसलिए प्यारे बच्चों, उसी में बने रहो ताकि जब हमें उसका ज्ञान हो तो हम आत्मविश्वास पा सकें। और उसके पुनः आगमन के समय हमें लज्जित न होना पड़े।
आदम से सातवीं पीढ़ी के हनोक ने भी इन लोगों के लिए इन शब्दों में भविष्यवाणी की थी: “देखो वह प्रभु अपने हज़ारों-हज़ार स्वर्गदूतों के साथ सब लोगों का न्याय करने के लिए आ रहा है। ताकि लोगों ने जो बुरे काम किए हैं, उन्हें उनके लिए और उन्होंने जो परमेश्वर के विरुद्ध बुरे वचन बोले हैं, उनके लिए दण्ड दे।”
देखो, मेघों के साथ मसीह आ रहा है। हर एक आँख उसका दर्शन करेगी। उनमें वे भी होंगे, जिन्होंने उसे बेधा था। तथा धरती के सभी लोग उसके कारण विलाप करेंगे। हाँ! हाँ निश्चयपूर्वक ऐसा ही हो-आमीन!
क्योंकि तुमने धैर्यपूर्वक सहनशीलता के मेरे आदेश का पालन किया है। बदले में मैं भी उस परीक्षा की घड़ी से तुम्हारी रक्षा करूँगा जो इस धरती पर रहने वालों को परखने के लिए समूचे संसार पर बस आने ही वाली है।
फिर जब मेमने ने छठी मुहर तोड़ी तो मैंने देखा कि वहाँ एक बड़ा भूचाल आया हुआ है। सूरज ऐसे काला पड़ गया है जैसे किसी शोक मनाते हुए व्यक्ति के वस्त्र होते हैं तथा पूरा चाँद, लहू के जैसा लाल हो गया है। आकाश के तारे धरती पर ऐसे गिर गये थे जैसे किसी तेज आँधी द्वारा झकझोरे जाने पर अंजीर के पेड़ से कच्ची अंजीर गिरती है। आकाश फट पड़ा था और एक पुस्तक के समान सिकुड़ कर लिपट गया था। सभी पर्वत और द्वीप अपने-अपने स्थानों से डिग गये थे।
सातवें स्वर्गदूत ने जब अपनी तुरही फूँकी तो आकाश में तेज आवाज़ें होने लगीं। वे कह रही थीं: “अब जगत का राज्य हमारे प्रभु का है, और उसके मसीह का ही। अब वह सुशासन युगयुगों तक करेगा।”
फिर मैंने देखा कि मेरे सामने वहाँ एक सफेद बादल था। और उस बादल पर एक व्यक्ति बैठा था जो मनुष्य के पुत्र जैसा दिख रहा था। उसने सिर पर एक स्वर्णमुकुट धारण किया हुआ था और उसके हाथ में एक तेज हँसिया था। तभी मन्दिर में से एक और स्वर्गदूत बाहर निकला। उसने जो बादल पर बैठा था, उससे ऊँचे स्वर में कहा, “हँसिया चला और फसल इकट्ठी कर क्योंकि फसल काटने का समय आ पहुँचा है। धरती की फसल पक चुकी है।” सो जो बादल पर बैठा था, उसने धरती पर अपना हँसिया चलाया तथा धरती की फसल काट ली गयी।
“सावधान! मैं दबे पाँव आकर तुम्हें अचरज में डाल दूँगा। वह धन्य है जो जागता रहता है, और अपने वस्त्रों को अपने साथ रखता है ताकि वह नंगा न फिरे और लोग उसे लज्जित होते न देखें।”
फिर मैंने स्वर्ग को खुलते देखा और वहाँ मेरे सामने एक सफेद घोड़ा था। घोड़े का सवार विश्वसनीय और सत्य कहलाता था क्योंकि न्याय के साथ वह निर्णय करता है और युद्ध करता है। उसकी आँखें ऐसी थीं मानों अग्नि की लपट हो। उसके सिर पर बहुत से मुकुट थे। उस पर एक नाम लिखा था, जिसे उसके अतिरिक्त कोई और नहीं जानता। उसने ऐसा वस्त्र पहना था जिसे लहू में डुबाया गया था। उसे नाम दिया गया था, “परमेश्वर का वचन।” सफेद घोड़ों पर बैठी स्वर्ग की सेनाएँ उसके पीछे पीछे चल रही थीं। उन्होंने शुद्ध श्वेत मलमल के वस्त्र पहने थे। अधर्मियों पर प्रहार करने के लिए उसके मुख से एक तेज धार की तलवार बाहर निकल रही थी। वह उन पर लोहे के दण्ड से शासन करेगा और सर्वशक्ति सम्पन्न परमेश्वर के प्रचण्ड क्रोध की धानी में वह अंगूरों का रस निचोड़ेगा। उसके वस्त्र तथा उसकी जाँघ पर लिखा था: राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु
फिर मैंने उस पशु को और धरती के राजाओं को देखा। उनके साथ उनकी सेना थी। वे उस घुड़सवार और उसकी सेना से युद्ध करने के लिए एक साथ आ जुटे थे। उसके न्याय सदा सच्चे हैं, धर्म युक्त हैं, उस महती वेश्या का उसने न्याय किया है, जिसने अपने व्यभिचार से इस धरती को भ्रष्ट किया था जिनको उसने मार दिया उन दास जनों की हत्या का प्रतिशोध हो चुका।” पशु को घेर लिया गया था। उसके साथ वह झूठा नबी भी था जो उसके सामने चमत्कार दिखाया करता था और उनको छला करता था जिन पर उस पशु की छाप लगी थी और जो उसकी मूर्ति की उपासना किया करते थे। उस पशु और झूठे नबी दोनों को ही जलते गंधक की भभकती झील में जीवित ही डाल दिया गया था। घोड़े के सवार के मुख से जो तलवार निकल रही थी, बाकी के सैनिक उससे मार डाले गए फिर पक्षियों ने उनके शवों के माँस को भर पेट खाया।
फिर मैंने एक विशाल श्वेत सिंहासन को और उसे जो उस पर विराजमान था, देखा। उसके सामने से धरती और आकाश भाग खड़े हुए। उनका पता तक नहीं चल पाया। फिर मैंने छोटे और बड़े मृतकों को देखा। वे सिंहासन के आगे खड़े थे। कुछ पुस्तकें खोली गयीं। फिर एक और पुस्तक खोली गयीं—यही “जीवन की पुस्तक” है। उन कर्मों के अनुसार जो पुस्तकों में लिखे गए थे, मृतकों का न्याय किया गया। जो मृतक सागर में थे, उन्हें सागर ने दे दिया, तथा मृत्यु और पाताल ने भी अपने अपने मृतक सौंप दिए। प्रत्येक का न्याय उसके कर्मो के अनुसार किया गया। इसके बाद मृत्यु को और पाताल को आग की झील में झोंक दिया गया। यह आग की झील ही दूसरी मृत्यु है। यदि किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा नहीं मिला, तो उसे भी आग की झील में धकेल दिया गया।
फिर मैंने एक नया स्वर्ग और नयी धरती देखी। क्योंकि पहला स्वर्ग और पहली धरती लुप्त हो चुके थे। और वह सागर भी अब नहीं रहा था।
उनकी आँख से वह हर आँसू पोंछ डालेगा। और वहाँ अब न कभी मृत्यु होगी, न शोक के कारण कोई रोना-धोना और नहीं कोई पीड़ा। क्योंकि ये सब पुरानी बातें अब समाप्त हो चुकी हैं।”
“देखो, मैं शीघ्र ही आ रहा हूँ और अपने साथ तुम्हारे लिए प्रतिफल ला रहा हूँ। जिसने जैसे कर्म किये हैं, मैं उन्हें उसके अनुसार ही दूँगा। मैं ही अल्फा हूँ और मैं ही ओमेगा हूँ। मैं ही पहला हूँ और मैं ही अन्तिम हूँ।” मैं ही आदि और मैं ही अन्त हूँ।