सोचो, यीशु के दोबारा जी उठने का मतलब क्या है? इसका मतलब है आज़ादी, एक नयी ज़िन्दगी! यीशु ने तुम्हारे लिए, एक पापी के लिए अपनी जान दे दी, ताकि तुम्हारे सारे पाप उसके लहू से धुल जाएँ। कितना बड़ा प्यार है ये!
जब हम "पुनरुत्थान" कहते हैं, तो हमें यीशु के बलिदान को याद करना चाहिए। अपने दिल में उस पल को महसूस करो, उस कृपा के लिए शुक्रगुज़ार रहो जिसने तुम्हें बचाया।
यीशु की तकलीफों को याद करके, तुम समझ पाओगे कि उसने तुम्हारे लिए क्या किया। तुम महसूस करोगे कि उसकी मौजूदगी से तुम्हारे अंदर सब कुछ बदल सकता है।
उसके पुनरुत्थान की शक्ति से सब कुछ नया हो जाता है। बीमार ठीक हो जाते हैं, दुखी लोगों को राहत मिलती है, टूटे रिश्ते जुड़ जाते हैं, और हमारी आत्मा में नयी जान आ जाती है। ये सब उस नाम की बदौलत होता है जो सबसे ऊपर है: यीशु नासरी।
जैसे परमेश्वर ने यीशु को जिलाया, वैसे ही वो हमें भी अपनी शक्ति से जिलाएगा (1 कुरिन्थियों 6:14)।
किन्तु अब वास्तविकता यह है कि मसीह को मरे हुओं में से जिलाया गया है। वह मरे हुओं की फ़सह का पहला फल है। क्योंकि जब एक मनुष्य के द्वारा मृत्यु आयी तो एक मनुष्य के द्वारा ही मृत्यु से पुनर्जीवित हो उठना भी आया। क्योंकि ठीक वैसे ही जैसे आदम के कर्मों के कारण हर किसी के लिए मृत्यु आयी, वैसे ही मसीह के द्वारा सब को फिर से जिला उठाया जायेगा
सो उसकी मृत्यु में बपतिस्मा लेने से हम भी उसके साथ ही गाड़ दिये गये थे ताकि जैसे परमपिता की महिमामय शक्ति के द्वारा यीशु मसीह को मरे हुओं में से जिला दिया गया था, वैसे ही हम भी एक नया जीवन पायें।
फिर युवक ने उनसे कहा, “डरो मत, तुम जिस यीशु नासरी को ढूँढ रही हो, जिसे क्रूस पर चढ़ाया गया था, वह जी उठा है! वह यहाँ नहीं है। इस स्थान को देखो जहाँ उन्होंने उसे रखा था।
क्योंकि यदि हम यह विश्वास करते हैं कि यीशु की मृत्यु हो गयी और वह फिर से जी उठा, तो उसी प्रकार जिन्होंने उसमें विश्वास करते हुए प्राण त्याग दिए हैं, उनके साथ भी परमेश्वर वैसा ही करेगा। और यीशु के साथ वापस ले जायेगा।
हमारे प्रभु यीशु मसीह का परम पिता परमेश्वर धन्य हो। मरे हुओं में से यीशु मसीह के पुनरुत्थान के द्वारा उसकी अपार करुणा में एक सजीव आशा पा लेने कि लिए उसने हमें नया जन्म दिया है।
तब स्वर्गदूत ने उन स्त्रियों से कहा, “डरो मत, मैं जानता हूँ कि तुम यीशु को खोज रही हो जिसे क्रूस पर चढ़ा दिया गया था। वह यहाँ नहीं है। जैसा कि उसने कहा था, वह मौत के बाद फिर जिला दिया गया है। आओ, उस स्थान को देखो, जहाँ वह लेटा था।
वह यहाँ नहीं है। वह जी उठा है। याद करो जब वह अभी गलील में ही था, उसने तुमसे क्या कहा था। उसने कहा था कि मनुष्य के पुत्र का पापियों के हाथों सौंपा जाना निश्चित है। फिर वह क्रूस पर चढ़ा दिया जायेगा और तीसरे दिन उसको फिर से जीवित कर देना निश्चित है।”
हमारा नियन्ता तो मसीह का प्रेम है क्योंकि हमने अपने मन में यह धार लिया है कि वह एक व्यक्ति (मसीह) सब लोगों के लिये मरा। अतः सभी मर गये। और वह सब लोगों के लिए मरा क्योंकि जो लोग जीवित हैं, वे अब आगे बस अपने ही लिये न जीते रहें, बल्कि उसके लिये जियें जो मरने के बाद फिर जीवित कर दिया गया।
इसलिये आगे जो घटने वाला है, उसे देखते हुए उसने जब यह कहा था: ‘उसे अधोलोक में नहीं छोड़ा गया और न ही उसकी देह ने सड़ने गलने का अनुभव किया।’ तो उसने मसीह की फिर से जी उठने के बारे में ही कहा था। इसी यीशु को परमेश्वर ने पुनर्जीवित कर दिया। इस तथ्य के हम सब साक्षी हैं।
क्योंकि जब एक मनुष्य के द्वारा मृत्यु आयी तो एक मनुष्य के द्वारा ही मृत्यु से पुनर्जीवित हो उठना भी आया।
कुछ ही समय बाद जगत मुझे और नहीं देखेगा किन्तु तुम मुझे देखोगे क्योंकि मैं जीवित हूँ और तुम भी जीवित रहोगे।
मैं मसीह को जानना चाहता हूँ और उस शक्ति का अनुभव करना चाहता हूँ जिससे उसका पुनरुत्थान हुआ था। मैं उसकी यातनाओं का भी सहभागी होना चाहता हूँ। और उसी रूप को पा लेना चाहता हूँ जिसे उसने अपनी मृत्यु के द्वारा पाया था।
किन्तु हमारी जन्मभूमि तो स्वर्ग में है। वहीं से हम अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के आने की बाट जोह रहे हैं। अपनी उस शक्ति के द्वारा जिससे सब वस्तुओं को वह अपने अधीन कर लेता है, हमारी दुर्बल देह को बदल कर अपनी दिव्य देह जैसा बना देगा।
वह धन्य है और पवित्र भी है जो पहले पुनरुत्थान में भाग ले रहा है। इन व्यक्तियों पर दूसरी मृत्यु को कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। बल्कि वे तो परमेश्वर और मसीह के अपने याजक होंगे और उसके साथ एक हज़ार वर्ष तक राज्य करेंगे।
क्योंकि जब हम उसकी मृत्यु में उसके साथ रहे हैं तो उसके जैसे पुनरुत्थान में भी उसके साथ रहेंगे।
और यदि वह आत्मा जिसने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया था, तुम्हारे भीतर वास करती है, तो वह परमेश्वर जिस ने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया था, तुम्हारे नाशवान शरीरों को अपनी आत्मा से जो तुम्हारे ही भीतर बसती है, जीवन देगा।
और मुझे भेजने वाले की यही इच्छा है कि मैं जिनको परमेश्वर ने मुझे सौंपा है, उनमें से किसी को भी न खोऊँ और अन्तिम दिन उन सबको जिला दूँ।
सुनो, मैं तुम्हें एक रहस्यपूर्ण सत्य बताता हूँ: हम सभी मरेंगे नहीं, बल्कि हम सब बदल दिये जायेंगे। जब अंतिम तुरही बजेगी तब पलक झपकते एक क्षण में ही ऐसा हो जायेगा क्योंकि तुरही बजेगी और मरे हुए अमर हो कर जी उठेंगे और हम जो अभी जीवित हैं, बदल दिये जायेंगे।
कि मसीह को यातनाएँ भोगनी होंगी और वही मरे हुओं में से पहला जी उठने वाला होगा और वह यहूदियों और ग़ैर यहूदियों को ज्योति का सन्देश देगा।”
परमेश्वर ने केवल प्रभु को ही पुनर्जीवित नहीं किया बल्कि अपनी शक्ति से वह मृत्यु से हम सब को भी जिला उठायेगा।
क्योंकि हम जानते हैं कि जिसने प्रभु यीशु को मरे हुओं में से जिला कर उठाया, वह हमें भी उसी तरह जीवित करेगा जैसे उसने यीशु को जिलाया था। और हमें भी तुम्हारे साथ अपने सामने खड़ा करेगा।
“इस पर आश्चर्य मत करो कि वह समय आ रहा है जब वे सब जो अपनी कब्रों में है, उसका वचन सुनेंगे और बाहर आ जायेंगे। जिन्होंने अच्छे काम किये हैं वे पुनरुत्थान पर जीवन पाएँगे पर जिन्होंने बुरे काम किये हैं उन्हें पुनरुत्थान पर दण्ड दिया जायेगा।
क्योंकि यदि तुम्हें मसीह के साथ मरे हुओं में से जिला कर उठाया गया है तो उन वस्तुओं के लिये प्रयत्नशील रहो जो स्वर्ग में हैं जहाँ परमेश्वर की दाहिनी ओर मसीह विराजित है।
जब मसीह, जो हमारा जीवन है, फिर से प्रकट होगा तो तुम भी उसके साथ उसकी महिमा में प्रकट होओगे।
क्योंकि स्वर्गदूतों का मुखिया जब अपने ऊँचे स्वर से आदेश देगा तथा जब परमेश्वर का बिगुल बजेगा तो प्रभु स्वयं स्वर्ग से उतरेगा। उस समय जिन्होंने मसीह में प्राण त्यागे हैं, वे पहले उठेंगे।
यहाँ तक कि कब्रें खुल गयीं और परमेश्वर के मरे हुए बंदों के बहुत से शरीर जी उठे। वे कब्रों से निकल आये और यीशु के जी उठने के बाद पवित्र नगर में जाकर बहुतों को दिखाई दिये।
तूने मुझे बुरे समय और कष्ट देखने दिये। किन्तु तूने ही मुझे उन सब से बचा लिया और जीवित रखा है। इसका कोई अर्थ नहीं, मैं कितना ही गहरा डूबा तूने मुझको मेरे संकटों से उबार लिया।
लोगों को जीवन की राह दिखाने वाले को तुमने मार डाला किन्तु परमेश्वर ने मरे हुओं में से उसे फिर से जिला दिया है। हम इसके साक्षी हैं।
कि यदि तू अपने मुँह से कहे, “यीशु मसीह प्रभु है,” और तू अपने मन में यह विश्वास करे कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जीवित किया तो तेरा उद्धार हो जायेगा।
पौलुस की ओर से, जो एक प्रेरित है, जिसने एक ऐसा सेवा व्रत धारण किया है, जो उसे न तो मनुष्यों से प्राप्त हुआ है और न किसी एक मनुष्य द्वारा दिया गया है, बल्कि यीशु मसीह द्वारा उस परम पिता परमेश्वर से, जिसने यीशु मसीह को मरे हुओं में से फिर से जिला दिया था, दिया गया है।
अब यह तीसरी बार थी जब मरे हुओं में से जी उठने के बाद यीशु अपने शिष्यों के सामने प्रकट हुआ था।
जिसने भेड़ों के उस महान रखवाले हमारे प्रभु यीशु के लहू द्वारा उस सनातन करार पर मुहर लगाकर मरे हुओं में से जिला उठाया, वह शांतिदाता परमेश्वर तुम्हें सभी उत्तम साधनों से सम्पन्न करे। जिससे तुम उसकी इच्छा पूरी कर सको। और यीशु मसीह के द्वारा वह हमारे भीतर उस सब कुछ को सक्रिय करे जो उसे भाता है। युग-युगान्तर तक उसकी महिमा होती रहे। आमीन!
मेरा स्वामी यहोवा तुम से यह कहता है: मैं तुममें आत्मा को आने दूँगा और तुम जीवित हो जाओगे!
और यदि मसीह को फिर से जीवित नहीं किया गया है, फिर तो तुम्हारा विश्वास ही निरर्थक है और तुम अभी भी अपने पापों में फँसे हो।
यहोवा कहता है, मरे हुए तेरे लोग फिर से जी जायेंगे! मेरे लोगों की देह मृत्यु से जी उठेगी। हे मरे हुए लोगों, हे धूल में मिले हुओं, उठो और तुम प्रसन्न हो जाओ। वह ओस जो तुझको घेरे हुए है, ऐसी है जैसे प्रकाश में चमकती हुई ओस। धरती उन्हें फिर जन्म देगी जो अभी मरे हुए हैं।
क्योंकि, यहोवा, तू मेरा प्राण कभी भी मृत्यु के लोक में न तजेगा। तू कभी भी अपने भक्त लोगों का क्षय होता नहीं देखेगा।
हम जानते हैं कि मसीह जिसे मरे हुओं में से जीवित किया था अमर है। उस पर मौत का वश कभी नहीं चलेगा।
और वे प्रेरित समूची शक्ति के साथ प्रभु यीशु के फिर से जी उठने की साक्षी दिया करते थे। परमेश्वर का महान वरदान उन सब पर बना रहता।
सो जब यह नाशमान देह अविनाशी चोले को धारण कर लेगी और वह मरणशील काया अमर चोले को ग्रहण कर लेगी तो शास्त्र का लिखा यह पूरा हो जायेगा: “विजय ने मृत्यु को निगल लिया है।” “हे मृत्यु तेरी विजय कहाँ है? ओ मृत्यु, तेरा दंश कहाँ है?”
किन्तु अब हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के प्रकट होने के साथ-साथ हमारे लिये प्रकाशित किया गया है। उसने मृत्यु का अंत कर दिया तथा जीवन और अमरता को सुसमाचार के द्वारा प्रकाशित किया है।
और मैं ही वह हूँ, जो जीवित है। मैं मर गया था, किन्तु देख, अब मैं सदा-सर्वदा के लिए जीवित हूँ। मेरे पास मृत्यु और अधोलोक की कुंजियाँ हैं।
किन्तु परमेश्वर मेरा मूल्य चुकाएगा और मेरा जीवन कब्र की शक्ति से बचाएगा। वह मुझको बचाएगा।
किन्तु मृत्यु का सदा के लिये अंत कर दिया जायेगा और मेरा स्वामी यहोवा हर आँख का हर आँसू पोंछ देगा। बीते समय में उसके सभी लोग शर्मिन्दा थे। यहोवा उन की लज्जा का इस धरती पर से हरण कर लेगा। यह सब कुछ घटेगा क्योंकि यहोवा ने कहा था, ऐसा हो।
और वह साक्षी यह है: परमेश्वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है और वह जीवन उसके पुत्र में प्राप्त होता है। वह जो उसके पुत्र को धारण करता है, उस जीवन को धारण करता है। किन्तु जिसके पास परमेश्वर का पुत्र नहीं है, उसके पास वह जीवन भी नहीं है।
हे परमेश्वर, तू मुझे मार्ग दिखलाता, और मुझे सम्मति देता है। अंत में तू अपनी महिमा में मेरा नेतृत्व करेगा।
इस देह, अर्थात् कलीसिया का सिर वही है। वही आदि है और मरे हुओं को फिर से जी उठाने का सर्वोच्च अधिकारी भी वही है ताकि हर बात में पहला स्थान उसी को मिले।
इसी सिलसिले में तुम्हारे लाभ के लिए परमेश्वर ने मरे हुओं के पुनरुत्थान के बारे में जो कहा है, क्या तुमने कभी नहीं पढ़ा? उसने कहा था, ‘मैं इब्राहीम का परमेश्वर हूँ, इसहाक का परमेश्वर हूँ, और याकूब का परमेश्वर हूँ।’ वह मरे हुओं का नहीं बल्कि जीवितों का परमेश्वर है।”
और उसे दफना दिया गया। और शास्त्र कहता है कि फिर तीसरे दिन उसे जिला कर उठा दिया गया।
तब भी उसके द्वारा जो हमें प्रेम करता है, इन सब बातों में हम एक शानदार विजय पा रहे हैं। क्योंकि मैं मान चुका हूँ कि न मृत्यु और न जीवन, न स्वर्गदूत और न शासन करने वाली आत्माएँ, न वर्तमान की कोई वस्तु और न भविष्य की कोई वस्तु, न आत्मिक शक्तियाँ, न कोई हमारे ऊपर का और न हमसे नीचे का, न सृष्टि की कोई और वस्तु हमें प्रभु के उस प्रेम से, जो हमारे भीतर प्रभु यीशु मसीह के प्रति है, हमें अलग कर सकेगी।
यहोवा गिरे हुए लोगों को ऊपर उठाता है। यहोवा विपदा में पड़े लोगों को सहारा देता है।
स्त्रियों ने अपने मरे हुओं को फिर से जीवित पाया। बहुतों को सताया गया, किन्तु उन्होंने छुटकारा पाने से मना कर दिया ताकि उन्हें एक और अच्छे जीवन में पुनरूत्थान मिल सके।
परमेश्वर को जगत से इतना प्रेम था कि उसने अपने एकमात्र पुत्र को दे दिया, ताकि हर वह आदमी जो उसमें विश्वास रखता है, नष्ट न हो जाये बल्कि उसे अनन्त जीवन मिल जाये।
और उसने उनसे कहा, “यह वही है, जो लिखा है कि मसीह यातना भोगेगा और तीसरे दिन मरे हुओं में से जी उठेगा।
ताकि जैसे मृत्यु के द्वारा पाप ने राज्य किया ठीक वैसे ही हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनन्त जीवन को लाने के लिये परमेश्वर की अनुग्रह धार्मिकता के द्वारा राज्य करे।
इसी से अब आगे मैं जीवित नहीं हूँ किन्तु मसीह मुझ में जीवित है। सो इस शरीर में अब मैं जिस जीवन को जी रहा हूँ, वह तो विश्वास पर टिका है। परमेश्वर के उस पुत्र के प्रति विश्वास पर जो मुझसे प्रेम करता था, और जिसने अपने आप को मेरे लिए अर्पित कर दिया।
ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जो सदा जीवित रहेगा और कभी मरेगा नहीं। कब्र से कोई व्यक्ति बच नहीं पाया।
“उनसे मत डरो जो तुम्हारे शरीर को नष्ट कर सकते हैं किन्तु तुम्हारी आत्मा को नहीं मार सकते। बस उस परमेश्वर से डरो जो तुम्हारे शरीर और तुम्हारी आत्मा को नरक में डालकर नष्ट कर सकता है।
यही मेरे परम पिता की इच्छा है कि हर वह व्यक्ति जो पुत्र को देखता है और उसमें विश्वास करता है, अनन्त जीवन पाये और अंतिम दिन मैं उसे जिला उठाऊँगा।”
इसलिए मसीह मरा; और इसलिए जी उठा ताकि वह, वे जो अब मर चुके हैं और वे जो अभी जीवित हैं, दोनों का प्रभु हो सके।
यह पानी उस बपतिस्मा के समान है जिससे अब तुम्हारा उद्धार होता है। इसमें शरीर का मैल छुड़ाना नहीं, वरन एक शुद्ध अन्तःकरण के लिए परमेश्वर से विनती है। अब तो बपतिस्मा तुम्हें यीशु मसीह के पुनरुत्थान द्वारा बचाता है।
अपनी मृत्यु के बाद उसने अपने आपको बहुत से ठोस प्रमाणों के साथ उनके सामने प्रकट किया कि वह जीवित है। वह चालीस दिनों तक उनके सामने प्रकट होता रहा तथा परमेश्वर के राज्य के विषय में उन्हें बताता रहा।
सो जैसे हम उस मिट्टी से बने का रूप धारण करते हैं, वैसे ही उस स्वर्गिक का रूप भी हम धारण करेंगे।
किन्तु वह तो उन बुरे कामों के लिये बेधा जा रहा था, जो हमने किये थे। वह हमारे अपराधों के लिए कुचला जा रहा था। जो कर्ज़ हमें चुकाना था, यानी हमारा दण्ड था, उसे वह चुका रहा था। उसकी यातनाओं के बदले में हम चंगे (क्षमा) किये गये थे।
यह इसलिए हुआ कि जब तुम्हें बपतिस्मा में उसके साथ गाड़ दिया गया तो जिस परमेश्वर ने उसे मरे हुओं के बीच से जिला दिया था, उस परमेश्वर के कार्य में तुम्हारे विश्वास के कारण, उसी के साथ तुम्हें भी पुनःजीवित कर दिया गया।
बपतिस्माओं की शिक्षा हाथ रखना, मरने के बाद फिर से जी उठना और वह न्याय जिससे हमारा भावी अनन्त जीवन निश्चित होगा।
और फिर तुरंत जाओ और उसके शिष्यों से कहो, ‘वह मरे हुओं में से जिला दिया गया है और अब वह तुमसे पहले गलील को जा रहा है तुम उसे वहीं देखोगे’ जो मैंने तुमसे कहा है, उसे याद रखो।”
किसी एक की भी मृत्यु जो यहोवा का अनुयायी है, यहोवा के लिये अति महत्वपूर्ण है। हे यहोवा, मैं तो तेरा एक सेवक हूँ!
यीशु मसीह ने हमारे लिए प्राण त्याग दिए ताकि चाहे हम सजीव हैं चाहे मृत, जब वह पुनः आए उसके साथ जीवित रहें।
क्योंकि हम जानते हैं कि हमारी यह काया अर्थात् यह तम्बू जिसमें हम इस धरती पर रहते हैं गिरा दिया जाये तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग में एक चिरस्थायी भवन मिल जाता है जो मनुष्य के हाथों बना नहीं होता।
यहोवा तुझे हर संकट से बचाएगा। यहोवा तेरी आत्मा की रक्षा करेगा। आते और जाते हुए यहोवा तेरी रक्षा करेगा। यहोवा तेरी सदा सर्वदा रक्षा करेगा!
मैं मसीह को जानना चाहता हूँ और उस शक्ति का अनुभव करना चाहता हूँ जिससे उसका पुनरुत्थान हुआ था। मैं उसकी यातनाओं का भी सहभागी होना चाहता हूँ। और उसी रूप को पा लेना चाहता हूँ जिसे उसने अपनी मृत्यु के द्वारा पाया था। इस आशा के साथ कि मैं भी इस प्रकार मरे हुओं में से उठ कर पुनरुत्थान को प्राप्त करूँ।
जिन्हें उसने पहले से निश्चित किया, उन्हें भी उसने बुलाया और जिन्हें उसने बुलाया, उन्हें उसने धर्मी ठहराया और जिन्हें उसने धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी प्रदान की।
वे सभी आदेश जो मैंने तुम्हें दिये हैं, उन्हें उन पर चलना सिखाओ। और याद रखो इस सृष्टि के अंत तक मैं सदा तुम्हारे साथ रहूँगा।”
किन्तु जब कि मसीह को मरे हुओं में से पुनरुत्थापित किया गया तो तुममें से कुछ ऐसा क्यों कहते हो कि मृत्यु के बाद फिर से जी उठना सम्भव नहीं है। और यदि मृत्यु के बाद जी उठना है ही नहीं तो फिर मसीह भी मृत्यु के बाद नहीं जिलाया गया। और यदि मसीह को नहीं जिलाया गया तो हमारा उपदेश देना बेकार है और तुम्हारा विश्वास भी बेकार है।
मसीह ने हमारे शाप को अपने ऊपर ले कर व्यवस्था के विधान के शाप से हमें मुक्त कर दिया। शास्त्र कहता है: “हर कोई जो वृक्ष पर टाँग दिया जाता है, शापित है।” मसीह ने हमें इसलिए मुक्त किया कि, इब्राहीम को दी गयी आषीष मसीह यीशु के द्वारा ग़ैर यहूदियों को भी मिल सके ताकि विश्वास के द्वारा हम उस आत्मा को प्राप्त करें, जिसका वचन दिया गया था।
लोग तेरे लिये क्यों इतने महत्वपूर्ण हो गये? तू उनको याद भी किस लिये करता है? मनुष्य का पुत्र तेरे लिये क्यों महत्वपूर्ण है? क्यों तू उन पर ध्यान तक देता है? किन्तु तेरे लिये मनुष्य महत्वपूर्ण है! तूने मनुष्य को ईश्वर का प्रतिरुप बनाया है, और उनके सिर पर महिमा और सम्मान का मुकुट रखा है।
उनकी आँख से वह हर आँसू पोंछ डालेगा। और वहाँ अब न कभी मृत्यु होगी, न शोक के कारण कोई रोना-धोना और नहीं कोई पीड़ा। क्योंकि ये सब पुरानी बातें अब समाप्त हो चुकी हैं।”
किन्तु पवित्र आत्मा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाए जाने के कारण जिसे सामर्थ्य के साथ परमेश्वर का पुत्र दर्शाया गया है, यही यीशु मसीह हमारा प्रभु है।
धनवानों से मत डरो कि वे धनी हैं। लोगों से उनके वैभवपूर्ण घरों को देखकर मत डरना। वे लोग जब मरेंगे कुछ भी साथ न ले जाएंगे। उन सुन्दर वस्तुओं में से कुछ भी न ले जा पाएंगे।
ताकि तुम तुम्हारे लिए स्वर्ग में सुरक्षित रूप से रखे हुए अजर-अमर दोष रहित अविनाशी उत्तराधिकार को पा लो। जो विश्वास से सुरक्षित है, उन्हें वह उद्धार जो समय के अंतिम छोर पर प्रकट होने को है, प्राप्त हो।
यहोवा का सेवक कहता है, “मेरे स्वामी यहोवा ने मुझमें अपनी आत्मा स्थापित की है। यहोवा मेरे साथ है, क्योंकि कुछ विशेष काम करने के लिये उसने मुझे चुना है। यहोवा ने मुझे इन कामों को करने के लिए चुना है: दीन दु:खी लोगों के लिए सुसमाचार की घोषणा करना; दु:खी लोगों को सुख देना; जो लोग बंधन में पड़े हैं, उनके लिये मुक्ति की घोषणा करना; बन्दी लोगों को उनके छुटकारे की सूचना देना;
विश्वास का अर्थ है, जिसकी हम आशा करते हैं, उसके लिए निश्चित होना। और विश्वास का अर्थ है कि हम चाहे किसी वस्तु को देख नहीं रहे हो किन्तु उसके अस्तित्त्व के विषय में निश्चित होना कि वह है।
क्योंकि तूने मुझको मृत्यु से बचाया है। तूने मुझको हार से बचाया है। सो मैं परमेश्वर की आराधना करूँगा, जिसे केवल जीवित व्यक्ति देख सकते हैं।
“परमेश्वर से माँगते रहो, तुम्हें दिया जायेगा। खोजते रहो तुम्हें प्राप्त होगा खटखटाते रहो तुम्हारे लिए द्वार खोल दिया जायेगा।
उसने जिसने अपने पुत्र तक को बचा कर नहीं रखा बल्कि उसे हम सब के लिए मरने को सौंप दिया। वह भला हमें उसके साथ और सब कुछ क्यों नहीं देगा?
सचमुच, इस्राएल के प्रति परमेश्वर भला है। परमेश्वर उन लोगों के लिए भला होता है जिनके हृदय स्वच्छ है।
यीशु ने जब यह सुना तो वह बोला, “यह बीमारी जान लेवा नहीं है। बल्कि परमेश्वर की महिमा को प्रकट करने के लिये है। जिससे परमेश्वर के पुत्र को महिमा प्राप्त होगी।”
प्रभु अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने में देर नहीं लगाता। जैसा कि कुछ लोग सोचते हैं। बल्कि वह हमारे प्रति धीरज रखता है क्योंकि वह किसी भी व्यक्ति को नष्ट नहीं होने देना चाहता। बल्कि वह तो चाहता है कि सभी मन फिराव की ओर बढ़ें।
और हम जानते हैं कि हर परिस्थिति में वह आत्मा परमेश्वर के भक्तों के साथ मिल कर वह काम करता है जो भलाई ही लाते हैं उन सब के लिए जिन्हें उसके प्रयोजन के अनुसार ही बुलाया गया है।
परमेश्वर ने अपना प्रेम इस प्रकार दर्शाया है: उसने अपने एकमात्र पुत्र को इस संसार में भेजा जिससे कि हम उसके पुत्र के द्वारा जीवन प्राप्त कर सकें।
क्योंकि संतान माँस और लहू युक्त थी इसलिए वह भी उनकी इस मनुष्यता में सहभागी हो गया ताकि अपनी मृत्यु के द्वारा वह उसे अर्थात् शैतान को नष्ट कर सके जिसके पास मारने की शक्ति है। और उन व्यक्तियों को मुक्त कर ले जिनका समूचा जीवन मृत्यु के प्रति अपने भय के कारण दासता में बीता है।
क्योंकि ठीक वैसे ही जैसे आदम के कर्मों के कारण हर किसी के लिए मृत्यु आयी, वैसे ही मसीह के द्वारा सब को फिर से जिला उठाया जायेगा
किन्तु वे लोग जो यहोवा के भरोसे हैं फिर से शक्तिशाली बन जाते हैं। जैसे किसी गरुड़ के फिर से पंख उग आते हैं। ये लोग बिना विश्राम चाहे निरंतर दौड़ते रहते हैं। ये लोग बिना थके चलते रहते हैं।
इसलिए हे भाइयो परमेश्वर की दया का स्मरण दिलाकर मैं तुमसे आग्रह करता हूँ कि अपने जीवन एक जीवित बलिदान के रूप में परमेश्वर को प्रसन्न करते हुए अर्पित कर दो। यह तुम्हारी आध्यात्मिक उपासना है जिसे तुम्हें उसे चुकाना है। भाई चारे के साथ एक दूसरे के प्रति समर्पित रहो। आपस में एक दूसरे को आदर के साथ अपने से अधिक महत्व दो। उत्साही बनो, आलसी नहीं, आत्मा के तेज से चमको। प्रभु की सेवा करो। अपनी आशा में प्रसन्न रहो। विपत्ति में धीरज धरो। निरन्तर प्रार्थना करते रहो। परमेश्वर के लोगों की आवश्यकताओं में हाथ बटाओ। अतिथि सत्कार के अवसर ढूँढते रहो। जो तुम्हें सताते हैं उन्हें आशीर्वाद दो। उन्हें शाप मत दो, आशीर्वाद दो। जो प्रसन्न हैं उनके साथ प्रसन्न रहो। जो दुःखी है, उनके दुःख में दुःखी होओ। मेलमिलाप से रहो। अभिमान मत करो बल्कि दीनों की संगति करो। अपने को बुद्धिमान मत समझो। बुराई का बदला बुराई से किसी को मत दो। सभी लोगों की आँखों में जो अच्छा हो उसे ही करने की सोचो। जहाँ तक बन पड़े सब मनुष्यों के साथ शान्ति से रहो। किसी से अपने आप बदला मत लो। मेरे मित्रों, बल्कि इसे परमेश्वर के क्रोध पर छोड़ दो क्योंकि शास्त्र में लिखा है: “प्रभु ने कहा है बदला लेना मेरा काम है। प्रतिदान मैं दूँगा।” अब और आगे इस दुनिया की रीति पर मत चलो बल्कि अपने मनों को नया करके अपने आप को बदल डालो ताकि तुम्हें पता चल जाये कि परमेश्वर तुम्हारे लिए क्या चाहता है। यानी जो उत्तम है, जो उसे भाता है और जो सम्पूर्ण है।
हे प्रिय मित्रो, अब हम परमेश्वर की सन्तान हैं किन्तु भविष्य में हम क्या होंगे, अभी तक इसका बोध नहीं कराया गया है। जो भी हो, हम यह जानते हैं कि मसीह के पुनः प्रकट होने पर हम उसी के समान हो जायेंगे क्योंकि वह जैसा है, हम उसे ठीक वैसा ही देखेंगे।
मसीह ने हमें स्वतन्त्र किया है, ताकि हम स्वतन्त्रता का आनन्द ले सकें। इसलिए अपने विश्वास को दृढ़ बनाये रखो और फिर से व्यवस्था के विधान के जुए का बोझ मत उठाओ।
तुम पर पाप का शासन नहीं होगा क्योंकि तुम व्यवस्था के सहारे नहीं जीते हो बल्कि परमेश्वर के अनुग्रह के सहारे जीते हो।
किन्तु परमेश्वर करुणा का धनी है। हमारे प्रति अपने महान् प्रेम के कारण उस समय अपराधों के कारण हम आध्यात्मिक रूप से अभी मरे ही हुए थे, मसीह के साथ साथ उसने हमें भी जीवन दिया (परमेश्वर के अनुग्रह से ही तुम्हारा उद्धार हुआ है।)
मुझको यह पता है कि कोई एक ऐसा है, जो मुझको बचाता है। मैं जानता हूँ अंत में वह धरती पर खड़ा होगा और मुझे बचायेगा। यहाँ तक कि मेरी चमड़ी नष्ट हो जाये, किन्तु काश, मैं अपने जीते जी परमेश्वर को देख सकूँ।
यीशु ने उससे कहा, “मैं ही पुनरुत्थान हूँ और मैं ही जीवन हूँ। वह जो मुझमें विश्वास करता है जियेगा। और हर वह, जो जीवित है और मुझमें विश्वास रखता है, कभी नहीं मरेगा। क्या तू यह विश्वास रखती है।”