सोचो, एक ऐसी खुशहाली है जो इस दुनिया की नहीं है, न ही वो पल भर की है। वो समय के साथ कम नहीं होती, बल्कि हर हाल में बनी रहती है। ये खुशहाली परमात्मा से मिलती है, जो अनंत है, जो तुम्हारे पास मौजूद धन-दौलत पर नहीं, बल्कि तुम्हारे अंदर के विकास पर निर्भर करती है।
हाँ, परमात्मा यही चाहता है कि तुम हर तरह से फल-फूलो, लेकिन ये तभी होता है जब तुम्हारी आत्मा फलती-फूलती है। मतलब, जब भी तुम अपने डर और मुश्किलों से पार पाते हो, इंसान के रूप में आगे बढ़ते हो और हर दिन बेहतर बनते हो। यहोशू 1:8 कहता है, "व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरे, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरा काम सफल होगा, और तू प्रभावशाली बनेगा।" बहुत लोग परमात्मा को अपने दिल में रखे बिना भी फलते-फूलते हैं, लेकिन वो इस खुशहाली का आनंद नहीं ले पाते क्योंकि वो परमात्मा के वचन पर मनन नहीं करते। वो उसकी आज्ञाओं और नियमों से दूर रहना पसंद करते हैं। आखिरकार, ऐसे लोग सिर्फ़ कुछ समय के लिए ही अच्छे रहते हैं, लेकिन आज़ादी से जीने का सुख नहीं पाते।
परमात्मा नहीं चाहता कि उसके बच्चे ऐसा करें, इसीलिए वो तुम्हें खुशहाल बनाने से पहले तुम्हें तैयार करता है ताकि तुम पैसों के चक्कर में न पड़ो, क्योंकि "धन का लोभ सब बुराइयों की जड़ है"। इसलिए, तुम्हें उन नीतियों पर चलना चाहिए जो पिता ने बाइबल में बताई हैं ताकि तुम अच्छा जीवन जियो और तुम्हारा रास्ता खुशहाली से भरा रहे। परमात्मा से सबसे ज़्यादा प्रेम करो, उसे अपनी ज़िंदगी में सबसे ऊपर रखो, और वो तुमसे प्रसन्न होगा, तुम्हारे हर काम पर आशीर्वाद देगा, तुम्हें लोगों का प्यार मिलेगा और उसकी कृपा तुम्हारे साथ हर जगह रहेगी।
व्यवस्थाविवरण 8:18 याद रखना, "परन्तु तू अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण रखना, क्योंकि वही तुझे यह सामर्थ्य देता है कि तू धन प्राप्त करे, जिस से वह उस वाचा को पूरी करे जो उसने शपथ खाकर तेरे पूर्वजों से की थी, जैसी आज है।"
अय्यूब, यदि तू फिर सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास आये तो फिर से पहले जैसा हो जायेगा। तुझको अपने घर से पाप को बहुत दूर करना चाहिए। तुझको चाहिये कि तू निज सोना धूल में और निज ओपीर का कुन्दन नदी में चट्टानो पर फेंक दे। तब सर्वशक्तिमान परमेश्वर तेरे लिये सोना और चाँदी बन जायेगा। तब तू अति प्रसन्न होगा और तुझे सुख मिलेगा। परमेश्वर के सामने तू बिना किसी शर्म के सिर उठा सकेगा। जब तू उसकी विनती करेगा तो वह तेरी सुना करेगा, जो प्रतिज्ञा तूने उससे की थी, तू उसे पूरा कर सकेगा।
मैं यह इसलिये कहता हूँ क्योंकि मैं उन अपनी योजनाओं को जानता हूँ जो तुम्हारे लिये हैं।” यह सन्देश यहोवा का है। “तुम्हारे लिये मेरी अच्छी योजनाएं हैं। मैं तुम्हें चोट पहुँचाने की योजना नहीं बना रहा हूँ। मैं तुम्हें आशा और उज्जवल भविष्य देने की योजना बना रहा हूँ।
सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है, “इस परीक्षा की जांच करो। अपनी चीजों का दसवा भाग मुझको लाओ। उन चीज़ों को खजाने में रखो। मेरे घर भोजन लाओ। मुझे परख कर तो देखो। तुम यदि उन कामों को करोगे तो मैं, सच ही, तुम्हें आशीर्वाद दूँगा। तुम्हारे पास अच्छी चीज़ें वैसे ही हो जाएंगी जैसे गगन से वर्षा होती हैं। तुम हर चीज़ आवश्यकता से अधिक पाओगे।
जो अपने खेत में काम करता है उसके पास खाने की बहुतायत होंगी; किन्तु पीछे भागता रहता जो ना समझ के उसके पास विवेक का अभाव रहता है।
मैं तुझे स्वर्ग के राज्य की कुंजियाँ दे रहा हूँ। ताकि धरती पर जो कुछ तू बाँधे, वह परमेश्वर के द्वारा स्वर्ग में बाँधा जाये और जो कुछ तू धरती पर छोड़े, वह स्वर्ग में परमेश्वर के द्वारा छोड़ दिया जाये।”
हर रविवार को अपनी आय में से कुछ न कुछ अपने घर पर ही इकट्ठा करते रहो। ताकि जब मैं आऊँ, उस समय दान इकट्ठा न करना पड़े।
हाँ, किसी ऊँट के लिये सूई के नकुए से निकल जाना तो सम्भव है पर किसी धनिक का परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर पाना असम्भव है।”
तू मुझसे मिथ्या को, व्यर्थ को दूर रख। मुझे दरिद्र मत कर और न ही मुझको धनी बना। मुझको बस प्रतिदिन खाने को देता रह। कहीं ऐसा न हो जाये बहुत कुछ पा करके मैं तुझको त्याग दूँ; और कहने लगूँ “कौन परमेश्वर है” और यदि निर्धन बनूँ और चोरी करूँ, और इस प्रकार मैं अपने परमेश्वर के नाम को लजाऊँ।
और परमेश्वर तुम पर हर प्रकार के उत्तम वरदानों की वर्षा कर सकता है जिससे तुम अपनी आवश्यकता की सभी वस्तुओं में सदा प्रसन्न हो सकते हो और सभी अच्छे कार्यों के लिये फिर तुम्हारे पास आवश्यकता से भी अधिक रहेगा।
आज जो बलवान हैं दुर्बल और भूखे हो जाएंगे। किन्तु जो परमेश्वर के शरण आते हैं वे लोग हर उत्तम वस्तु पाएंगे।
यहोवा पर भरोसा रख और उसके सहारे की बाट जोह। तू दुष्टों की सफलता देखकर घबराया मत कर। तू दुष्टों की दुष्ट योजनाओं को सफल होते देख कर मत घबरा।
हर एक व्यक्ति उतना देगा जितना वह दे सकेगा। कितना देना है, उसका निश्चय वह यह सोचकर करेगा कि उसे यहोवा ने कितना दिया है।
वर्तमान युग की वस्तुओं के कारण जो धनवान बने हुए हैं, उन्हें आज्ञा दे कि वे अभिमान न करें। अथवा उस धन से जो शीघ्र चला जाएगा कोई आशा न रखें। परमेश्वर पर ही अपनी आशा टिकाए जो हमें हमारे आनन्द के लिए सब कुछ भरपूर देता है। उन्हें आज्ञा दे कि वे अच्छे-अच्छे काम करें। उत्तम कामों से ही धनी बनें। उदार रहें और दूसरों के साथ अपनी वस्तुएँ बाँटें। ऐसा करने से ही वे एक स्वर्गीय कोष का संचय करेंगे जो भविष्य के लिए सुदृढ़ नींव सिद्ध होगा। इसी से वे सच्चे जीवन को थामे रहेंगे।
इसीलिये मैं तुम्हें बताता हूँ कि तुम प्रार्थना में जो कुछ माँगोगे, विश्वास करो वह तुम्हें मिल गया है, वह तुम्हारा हो गया है।
बहुत से लोगों ने उन्हें जाते देखा और पहचान लिया कि वे कौन थे। इसलिये वे सारे नगरों से धरती के रास्ते चल पड़े और उनसे पहले ही वहाँ जा पहुँचे। जब यीशु नाव से बाहर निकला तो उसने एक बड़ी भीड़ देखी। वह उनके लिए बहुत दुखी हुआ क्योंकि वे बिना चरवाहे की भेड़ों जैसे थे। सो वह उन्हें बहुत सी बातें सिखाने लगा।
“किन्तु जो व्यक्ति यहोवा में विश्वास करता है, आशीर्वाद पाएगा। क्यों क्योंकि यहोवा उसको ऐसा दिखायेगा कि उन पर विश्वास किया जा सके। वह व्यक्ति उस पेड़ की तरह शक्तिशाली होगा जो पानी के पास लगाया गया हो। उस पेड़ की लम्बी जड़ें होती हैं जो पानी पाती हैं। वह पेड़ गर्मी के दिनों से नहीं डरता इसकी पत्तियाँ सदा हरी रहती हैं। यह वर्ष के उन दिनों में परेशान नहीं होता जब वर्षा नहीं होती। उस पेड़ में सदा फल आते हैं।
इसलिये सुबह होते ही रूपाई शुरू कर दो और दिन ढले तक काम मत रोको। क्योंकि तुम नहीं जानते कि कौन सी बात तुम्हें धनवान बना देगी। हो सकता है तुम जो कुछ करो सब में सफल हो।
दुर्भाग्य पापियों का पीछा करता रहता है किन्तु नेक प्रतिफल में खुशहाली पाते हैं। सज्जन अपने नाती—पोतों को धन सम्पति छोड़ता है जबकि पापी का धन धर्मियों के निमित्त संचित होता रहता है।
मैं युवक हुआ करता था पर अब मैं बूढा हूँ। मैंने कभी यहोवा को सज्जनों को असहाय छोड़ते नहीं देखा। मैंने कभी सज्जनों की संतानों को भीख माँगते नहीं देखा।
जो निज पापों पर पर्दा डालता है, वह तो कभी नहीं फूलता—फलता है किन्तु जो निज दोषों को स्वीकार करता और त्यागता है, वह दया पाता है।
जो मुझसे प्रेम करते हैं, मैं भी उन्हें प्रेम करती हूँ, मुझे जो खोजते हैं, मुझको पा लेते हैं। सम्पत्तियाँ और आदर मेरे साथ हैं। मैं खरी सम्पत्ति और यश देती हूँ।
हे यहोवा, तू निश्चय ही धर्मी को वरदान देता है। अपनी कृपा से तू उनको एक बड़ी ढाल बन कर फिर ढक लेता है।
सचमुच वह जन धन्य होगा यदि वह दुष्टों की सलाह को न मानें, और यदि वह किसी पापी के जैसा जीवन न जीए और यदि वह उन लोगों की संगति न करे जो परमेश्वर की राह पर नहीं चलते। वह नेक मनुष्य है जो यहोवा के उपदेशों से प्रीति रखता है। वह तो रात दिन उन उपदेशों का मनन करता है। इससे वह मनुष्य उस वृक्ष जैसा सुदृढ़ बनता है जिसको जलधार के किनारे रोपा गया है। वह उस वृक्ष समान है, जो उचित समय में फलता और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। वह जो भी करता है सफल ही होता है।
इसलिए, इस वाचा के आदेशों का पालन पूरी तरह करो। तब जो कुछ तुम करोगे उसमे सफल होगे।
“और यहोवा तुम्हें बहुत सी अच्छी चीजें देगा। वह तुम्हें बहुत से बच्चे देगा। वह तुम्हें मवेशी और बहुत से बछड़े देगा। वह उस देश में तुम्हें बहुत अच्छी फसल देगा जिसे उन्होंने तुम्हारे पूर्वजों को देने का वचन दिया था।
“यहोवा तुम्हें भरे कृषि—भंडार का आशीर्वाद देगा। तुम जो कुछ करोगे वह उसके लिये आशीर्वाद देगा जिसे वह तुमको दे रहा है।
यहोवा अपने परमेश्वर को याद रखो। याद रखो कि वह ही एक है जो तुम्हें ये कार्य करने की शक्ति देता है। यहोवा ऐसा क्यों करता है? क्योंकि इन दिनों वह तुम्हारे पूर्वजों के साथ की गई वाचा को पूरा कर रहा है।
यदि घर का निर्माता स्वयं यहोवा नहीं है, तो घर को बनाने वाला व्यर्थ समय खोता है। यदि नगर का रखवाला स्वयं यहोवा नहीं है, तो रखवाले व्यर्थ समय खोते हैं।
दूसरों को दो, तुम्हे भी दिया जायेगा। वे पूरा नाप दबा-दबा कर और हिला-हिला कर बाहर निकलता हुआ तुम्हारी झोली में उडेंलेंगे क्योंकि जिस नाप से तुम दूसरों को नापते हो, उसी से तुम्हें भी नापा जायेगा।”
और तुम्हें सफलता तब मिलेगी जब तुम उन नियमों और व्यवस्था के पालन में सावधान रहोगे जो यहोवा ने मूसा को इस्राएल के लिये दी थी। तुम शक्तिशाली और वीर बनो। डरो नहीं।
किन्तु तुम्हें एक दूसरी बात के विषय में भी दृढ़ और साहसी रहना होगा। तुम्हें उन आदेशों का पालन निश्चय के साथ करना चाहिए, जिन्हें मेरे सेवक मूसा ने तुम्हें दिया। यदि तुम उसकी शिक्षाओं का ठीक—ठीक पालन करोगे, तो तुम जो कुछ करोगे उसमें सफल होगे। उस व्यवस्था की किताब में लिखी गई बातों को सदा यादा रखो। तुम उस किताब का अध्ययन दिन रात करो, तभी तुम उसमें लिखे गए आदेशों के पालन के विषय में विश्वस्त रह सकते हो। यदि तुम यह करोगे, तो तुम बुद्धिमान बनोगे और जो कुछ करोगे उसमें सफल होगे।
यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें उन सब में सफल बनाएगा जो तुम करोगे। वह तुम्हें बहुत से बच्चों के लिये, तुम्हारे मवेशियों को बहुत बछड़े और तुम्हारे खेतों को अच्छी फ़सल होने का वरदान देगा। यहोवा तुम्हारे लिए भला होगा। यहोवा तुम्हारा भला करने में वैसा ही आनन्दित होगा जैसा आनन्दित वह तुम्हारे पूर्वजों का भला करने में होता था।
“यहोवा तुम्हरा परमेश्वर तुम्हें उस देश में ले जाएगा जिसके लिए उसने तुम्हारे पूर्वजों—इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने का वचन दिया था। तब वह तुम्हें बड़े और सम्पन्न नगर देगा जिनहें तुमने नहीं बनाया। यहोवा तुम्हें अच्छी चीजों से भरे घर देगा जिन्हें तुमने वहाँ नहीं रखा। यहोवा तुम्हें कुएँ देगा जिन्हें तुमने नहीं खोदा है। यहोवा तुम्हें अंगूर और जैतून के बाग देगा जिन्हें तुमने नहीं लगाया। तुम्हारे खाने के लिए भरपूर होगा। “किन्तु सावधान रहो। यहोवा को मत भूलो जो तुम्हें मिस्र से लाया, जहाँ तुम दास थे।
मेरा परमेश्वर तुम्हारी सभी आवश्यकताओं को मसीह यीशु में प्राप्त अपने भव्य धन से पूरा करेगा।
मसीह ने हमारे शाप को अपने ऊपर ले कर व्यवस्था के विधान के शाप से हमें मुक्त कर दिया। शास्त्र कहता है: “हर कोई जो वृक्ष पर टाँग दिया जाता है, शापित है।” मसीह ने हमें इसलिए मुक्त किया कि, इब्राहीम को दी गयी आषीष मसीह यीशु के द्वारा ग़ैर यहूदियों को भी मिल सके ताकि विश्वास के द्वारा हम उस आत्मा को प्राप्त करें, जिसका वचन दिया गया था।
क्योंकि हमारे प्रभु यीशु मसीह के अनुग्रह से तुम परिचित हो। तुम यह जानते हो कि धनी होते हुए भी तुम्हारे लिये वह निर्धन बन गया। ताकि उसकी निर्धनता से तुम मालामाल हो जाओ।
आपसी प्रेम के अलावा किसी का ऋण अपने ऊपर मत रख क्योंकि जो अपने साथियों से प्रेम करता है, वह इस प्रकार व्यवस्था को ही पूरा करता है।
किन्तु मैंने तो उन लोगों से बस इतना ही कहा: “हमें सफल होने में स्वर्ग का परमेश्वर हमारी सहायता करेगा। हम परमेश्वर के सेवक हैं औऱ हम इस नगर का फिर से निर्माण करेंगे। इस काम में तुम हमारी मदद नहीं कर सकते। यहाँ यरूशलेम में तुम्हारा कोई भी पूर्वज पहले कभी भी नहीं रहा। इस धरती का कोई भी भाग तुम्हारा नहीं है। इस स्थान में बने रहने का तुम्हें कोई अधिकार नहीं है!”
अपने पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रख! तू अपनी समझ पर भरोसा मत रख। उसको तू अपने सब कामों में याद रख। वही तेरी सब राहों को सीधी करेगा।
यहोवा की प्रशंसा करो! ऐसा व्यक्ति जो यहोवा से डरता है। और उसका आदर करता है। वह अति प्रसन्न रहेगा। परमेश्वर के आदेश ऐसे व्यक्ति को भाते हैं। कुटिल जन उसको देखेंगे और कुपित होंगे। वे क्रोध में अपने दाँतों को पीसेंगे और फिर लुप्त हो जायेंगे। दुष्ट लोग उसको कभी नहीं पायेंगे जिसे वह सब से अधिक पाना चाहते हैं। धरती पर ऐसे व्यक्ति की संतानें महान होंगी। अच्छे व्यक्तियों कि संताने सचमुच धन्य होंगी। ऐसे व्यक्ति का घराना बहुत धनवान होगा और उसकी धार्मिकता सदा सदा बनी रहेगी।
किन्तु यहोवा ने यूसुफ की सहायता की। यूसुफ एक सफल व्यक्ति बन गया। यूसुफ अपने मिस्री स्वामी पोतीपर के घर में रहा।
यहोवा के सभी भक्त आनन्दित रहते हैं। वे लोग परमेश्वर जैसा चाहता, वैसा गाते हैं। तूने जिनके लिये काम किया है, उन वस्तुओं का तू आनन्द लेगा। उन ऐसी वस्तुओं को कोई भी व्यक्ति तुझसे नहीं छिनेगा। तू प्रसन्न रहेगा और तेरे साथ भली बातें घटेंगी।
इसलिये सबसे पहले परमेश्वर के राज्य और तुमसे जो धर्म भावना वह चाहता है, उसकी चिंता करो। तो ये सब वस्तुएँ तुम्हें दे दी जायेंगी।
सम्पत्ति और प्रतिष्ठा तुझसे आती है। तेरा शासन हर एक पर है। तू शक्ति और बल अपने हाथ में रखता है! तेरे हाथ में शक्ति है कि तू किसी को— महान और शक्तिशाली बनाता है!
तुम्हें अपने परमेश्वर यहोवा की सेवा करनी चाहिए। यदि तुम यह करोगे तो मैं तुम्हें भरपूर रोटी और पानी का वरदान दूँगा। मैं तुम्हारी सारी बीमारियो को दूर कर दूँगा।
नहीं, बस मेरा भाग यहोवा में है। बस यहोवा से ही मेरा अंश और मेरा पात्र आता है। हे यहोवा, मुझे सहारा दे और मेरा भाग दे। मेरा भाग अति अद्भुत है। मेरा क्षय अति सुन्दर है।
परमेश्वर तुझे उन सभी वस्तुओं को देवे जिन्हें तू सचमुच चाहे। वह तेरी सभी योजनाएँ पूरी करें।
यहोवा जो मुक्तिदाता है और इस्राएल का पवित्र है, कहता है, “तेरा यहोवा परमेश्वर हूँ। मैं तुझको सिखाता हूँ कि क्या हितकर है। मैं तुझको राह पर लिये चलता हूँ जैसे तुझे चलना चाहिए।
“क्योंकि हर उस व्यक्ति को, जिसने जो कुछ उसके पास था उसका सही उपयोग किया, और अधिक दिया जायेगा। और जितनी उसे आवश्यकता है, वह उससे अधिक पायेगा। किन्तु उससे, जिसने जो कुछ उसके पास था उसका सही उपयोग नहीं किया, सब कुछ छीन लिया जायेगा।
और हम जानते हैं कि हर परिस्थिति में वह आत्मा परमेश्वर के भक्तों के साथ मिल कर वह काम करता है जो भलाई ही लाते हैं उन सब के लिए जिन्हें उसके प्रयोजन के अनुसार ही बुलाया गया है।
कुछ लोग मेरा नेक चाहते हैं। मैं आशा करता हूँ कि वे बहुत आनन्दित होंगे! वे हमेशा कहते हैं, “यहोवा महान है! वह अपने सेवक की अच्छाई चाहता है।”
“यदि तुम यहोवा अपने परमेश्वर के इन आदेशों के पालन में सावधान रहोगे जिन्हें मैं आज तुम्हें बता रहा हूँ तो योहवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें पृथ्वी के सभी राष्ट्रों के ऊपर श्रेष्ठ करेगा। तब पृथ्वी के सभी लोग देखेंगे कि तुम यहोवा के नाम से जाने जाते हो और वे तुमसे भयभीत होंगे। “और यहोवा तुम्हें बहुत सी अच्छी चीजें देगा। वह तुम्हें बहुत से बच्चे देगा। वह तुम्हें मवेशी और बहुत से बछड़े देगा। वह उस देश में तुम्हें बहुत अच्छी फसल देगा जिसे उन्होंने तुम्हारे पूर्वजों को देने का वचन दिया था। “यहोवा अपने भण्डार खोल देगा जिनमें वह अपना कीमती वरदान रखता है तथा तुम्हारी भूमि के लिये ठीक समय पर वर्षा देगा। यहोवा जो कुछ भी तुम करोगे उसके लिए आशीर्वाद देगा और बहुत से राष्ट्रों को कर्ज देने के लिए तुम्हारे पास धन होगा। किन्तु तुम्हें उनसे कुछ उधार लेने की आवश्यकता नहीं होगी। यहोवा तुम्हें सिर बनाएगा, पूँछ नहीं। तुम चोटी पर होगे, तलहटी पर नहीं। यह तब होगा जह तुम यहोवा अपने परमेश्वर के उन आदेशों पर ध्यान दोगे जिन्हें मैं आज तुम्हें दे रहा हूँ। तुम्हें उन शिक्षाओं में से किसी की उपेक्षा नहीं करनी चाहिये जिन्हें मैं आज तुम्हें दे रहा हूँ। तुम्हें इनसे दाँयी या बाँयी ओर नहीं जाना चाहिए। तुम्हें उपासना के लिये अन्य देवताओं का अनुसरण नहीं करना चाहिए। “किन्तु यदि तुम यहोवा अपने परमेश्वर द्वारा कही गई बातों पर ध्यान नहीं देते और आज मैं जिन आदेशों और नियमों को बता रहा हूँ, पालन नहीं करते तो ये सभी अभिशाप तुम पर आयेंगेः “यहोवा तुम्हारे नगरों और गाँवों को अभिशाप देगा। यहोवा तुम्हारी टोकरियों व बर्तनों को अभिशाप देगा और तुम्हें पर्याप्त भोजन नहीं मिलेगा। तुम्हारे बच्चे अभिशप्त होंगे। तुम्हारी भूमि की फसलें तुम्हारे मवेशियों के बछड़े और तुम्हारी रेवड़ों के मेमनें अभिशप्त होंगे। तुम्हारा आगमन और प्रस्थान अभिशप्त होगा। यदि तुम यहोवा अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करोगे तो ये वरदान तुम्हारे पास आएंगे और तुम्हारे होंगे:
मुझे आशा है यहोवा तुम्हारी बढ़ोतरी करेगा और मुझे आशा है, वह तुम्हारी संतानों को भी अधिकाधिक देगा। यहोवा तुझको वरदान दिया करता है! यहोवा ने ही स्वर्ग और धरती बनाये हैं!
यदि परमेश्वर किसी को धन, सम्पत्ति, और उन वस्तुओं का आनन्द लेने की शक्ति देता है तो उस व्यक्ति को उनका आनन्द लेना चाहिये। उस व्यक्ति को जो कुछ उसके पास है उसे स्वीकार करना चाहिये और अपने काम के जो परमेश्वर की ओर से एक उपहार है उसका रस लेना चाहिये।
अपने आपको मत छलो। परमेश्वर को कोई बुद्धू नहीं बना सकता क्योंकि जो जैसा बोयेगा, वैसा ही काटेगा।
वह मनुष्य जिसको यहोवा सुधारता, अति प्रसन्न होगा। परमेश्वर उस व्यक्ति को खरी राह सिखायेगा।
बीते समय में लोग तुम्हें लज्जित करते थे और तुम्हारे बारे में बुरी बुरी बातें बनाया करते थे। तुम इतने लज्जित थे जितना और कोई दूसरा व्यक्ति नहीं था। इसलिए तुम्हें अपनी धरती में दूसरे लोगों से दुगुना हिस्सा प्राप्त होगा। तुम ऐसी प्रसन्नता पाओगे जिसका कभी अंत नहीं होगा।
“परमेश्वर से माँगते रहो, तुम्हें दिया जायेगा। खोजते रहो तुम्हें प्राप्त होगा खटखटाते रहो तुम्हारे लिए द्वार खोल दिया जायेगा। क्योंकि हर कोई जो माँगता ही रहता है, प्राप्त करता है। जो खोजता है पा जाता है और जो खटखटाता ही रहता है उसके लिए द्वार खोल दिया जाएगा।
अब और आगे इस दुनिया की रीति पर मत चलो बल्कि अपने मनों को नया करके अपने आप को बदल डालो ताकि तुम्हें पता चल जाये कि परमेश्वर तुम्हारे लिए क्या चाहता है। यानी जो उत्तम है, जो उसे भाता है और जो सम्पूर्ण है।
मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि वह परमेश्वर जिसने तुम्हारे बीच ऐसा उत्तम कार्य प्रारम्भ किया है, वही उसे उसी दिन तक बनाए रखेगा, जब मसीह यीशु फिर आकर उसे पूरा करेगा।
इसलिये मैं तुम्हें बुद्धि और ज्ञान दूँगा। मैं तुम्हें धन, वैभव और सम्मान भी दूँगा। तुम्हारे पहले होने वाले राजाओं के पास इतना धन और इतना सम्मान कभी नहीं था और तुम्हारे बाद होने वाले राजाओं के पास भी इतना धन और सम्मान नहीं होगा।”
तूने जिनके लिये काम किया है, उन वस्तुओं का तू आनन्द लेगा। उन ऐसी वस्तुओं को कोई भी व्यक्ति तुझसे नहीं छिनेगा। तू प्रसन्न रहेगा और तेरे साथ भली बातें घटेंगी।
यहोवा के भक्त जो उससे करवाना चाहते हैं, वह उन बातों को करता है। यहोवा अपने भक्तों की सुनता है। वह उनकी प्रार्थनाओ का उत्तर देता है और उनकी रक्षा करता है।
“तुझे हराने के लिए लोग हथियार बनायेंगे किन्तु वे हथियार तुझे कभी हरा नहीं पायेंगे। कुछ लोग तेरे विरोध में बोलेंगे। किन्तु हर ऐसे व्यक्ति को बुरा प्रमाणित किया जायेगा जो तेरे विरोध में बोलेगा।” यहोवा कहता है, “यहोवा के सेवकों को क्या मिलता है उन्हें न्यायिक विजय मिलती है। यह उन्हें मुझसे मिलती हैं।”
वे मनुष्य अभिमान और कुटिल हैं, किन्तु वे निरन्तर धनी और अधिक धनी होते जा रहे हैं। सो मैं अपना मन पवित्र क्यों बनाता रहूँ? अपने हाथों को सदा निर्मल क्यों करता रहूँ?
इससे वह मनुष्य उस वृक्ष जैसा सुदृढ़ बनता है जिसको जलधार के किनारे रोपा गया है। वह उस वृक्ष समान है, जो उचित समय में फलता और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। वह जो भी करता है सफल ही होता है।
यहोवा, यह सब कुछ तुझ पर निर्भर है। हे परमेश्वर, उन सभी जीवों को खाना तू उचित समय पर देता है। हे परमेश्वर, खाना जिसे वे खाते है, वह तू सभी जीवों को देता है। तू अच्छे खाने से भरे अपने हाथ खोलता है, और वे तृप्त हो जाने तक खाते हैं।
“अपने लिये धरती पर भंडार मत भरो। क्योंकि उसे कीड़े और जंग नष्ट कर देंगे। चोर सेंध लगाकर उसे चुरा सकते हैं। “इसलिये जब तुम किसी दीन-दुःखी को दान देते हो तो उसका ढोल मत पीटो, जैसा कि आराधनालयों और गलियों में कपटी लोग औंरों से प्रशंसा पाने के लिए करते हैं। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कि उन्हें तो इसका पूरा फल पहले ही दिया जा चुका है। बल्कि अपने लिये स्वर्ग में भण्डार भरो जहाँ उसे कीड़े या जंग नष्ट नहीं कर पाते। और चोर भी वहाँ सेंध लगा कर उसे चुरा नहीं पाते।
इसहाक ने उस भूमि पर खेती की और उस साल उसे बहुत फसल हुई। यहोवा ने उस पर बहुत अधिक कृपा की। इसहाक धनी हो गया। वह अधिक से अधिक धन तब तक बटोरता रहा जब तक वह धनी नहीं हो गया।
मैं तुझे अन्धेरे में रखी हुई दौलत दूँगा। मैं तुझको छिपी हुई सम्पत्ति दूँगा। मैं ऐसा करूँगा ताकि तुझको पता चल जाये कि मैं इस्राएल का परमेश्वर हूँ, और मैं तुझको तेरे नाम से पुकार रहा हूँ!
यह इसलिए है कि यहूदियों और ग़ैर यहूदियों में कोई भेद नहीं क्योंकि सब का प्रभु तो एक ही है। और उसकी दया उन सब के लिए, जो उसका नाम लेते है, अपरम्पार है।
यहोवा सिय्योन से तुझ को आशीर्वाद दे यह मेरी कामना है। जीवन भर यरूशलेम में तुझको वरदानों का आनन्द मिले।
हे यहोवा, तुझको उन सभी अचरज भरे कामों के लिये मेरा धन्यवाद, और मैं सचमुच जानता हूँ कि तू जो कुछ करता है वह आश्चर्यपूर्ण है।
किन्तु वे लोग जो यहोवा के भरोसे हैं फिर से शक्तिशाली बन जाते हैं। जैसे किसी गरुड़ के फिर से पंख उग आते हैं। ये लोग बिना विश्राम चाहे निरंतर दौड़ते रहते हैं। ये लोग बिना थके चलते रहते हैं।
जब संकट होगा, सज्जन नष्ट नहीं होंगे। जब अकाल पड़ेगा, सज्जनों के पास खाने को भरपूर होगा।
वर्तमान युग की वस्तुओं के कारण जो धनवान बने हुए हैं, उन्हें आज्ञा दे कि वे अभिमान न करें। अथवा उस धन से जो शीघ्र चला जाएगा कोई आशा न रखें। परमेश्वर पर ही अपनी आशा टिकाए जो हमें हमारे आनन्द के लिए सब कुछ भरपूर देता है।
यहोवा उन लोगों से प्रसन्न रहता है। जो उसकी आराधना करते हैं। यहोवा प्रसन्न हैं, ऐसे उन लोगों से जिनकी आस्था उसके सच्चे प्रेम में है।
जो लोग, याकूब के परमेश्वर से अति सहायता माँगते, वे अति प्रसन्न रहते हैं। वे लोग अपने परमेश्वर यहोवा के भरोसे रहा करते हैं।
ये सभी चीज़ें मुझसे और मेरे लोगों से नहीं आई हैं! ये सभी चीज़े तुझ से आईं और हमने तुझको वे चीज़ें दीं जो तुझसे आई हैं।
उसने जिसने अपने पुत्र तक को बचा कर नहीं रखा बल्कि उसे हम सब के लिए मरने को सौंप दिया। वह भला हमें उसके साथ और सब कुछ क्यों नहीं देगा?
जबकि पवित्र आत्मा, प्रेम, प्रसन्नता, शांति, धीरज, दयालुता, नेकी, विश्वास, नम्रता और आत्म-संयम उपजाता है। ऐसी बातों के विरोध में कोई व्यवस्था का विधान नहीं है।
यहोवा सदा तुम्हारी अगुवाई करेगा। मरूस्थल में भी वह तेरे मन की प्यास बुझायेगा। यहोवा तेरी हड्डियों को मज़बूत बनायेगा। तू एक ऐसे बाग़ के समान होगा जिसमें पानी की बहुतायत है। तू एक ऐसे झरने के समान होगा जिसमें सदा पानी रहता है।
यदि तू यहोवा पर भरोसा रखेगा और भले काम करेगा तो तू जीवित रहेगा और उन वस्तुओं का भोग करेगा जो धरती देती है।
और मैं जानता हूँ कि जब मैं तुम्हारे पास आऊँगा तो तुम्हारे लिए मसीह के पूरे आर्शीवादों समेत आऊँगा।
यहोवा मुझको अति प्रसन्न करता है। मेरा सम्पूर्ण व्यक्तित्व परमेश्वर में स्थिर है और प्रसन्नता में मगन है। यहोवा ने उद्धार के वस्त्र से मुझको ढक लिया। वे वस्त्र ऐसे ही भव्य हैं जैसे भव्य वस्त्र कोई पुरूष अपने विवाह के अवसर पर पहनता है। यहोवा ने मुझे नेकी के चोगे से ढक लिया है। यह चोगा वैसा ही सुन्दर है जैसा सुन्दर किसी नारी का विवाह वस्त्र होता है।
चाहे मेरा मन टूट जाये और मेरी काया नष्ट हो जाये किन्तु वह चट्टान मेरे पास है, जिसे मैं प्रेम करता हूँ। परमेश्वर मेरे पास सदा है!
परमेश्वर चाहता है कि हर व्यक्ति खाये पीये और अपने कर्म का आनन्द लेता रहे। ये बातें परमेश्वर की ओर से प्राप्त उपहार हैं।
बहुत से लोग कहते हैं, “परमेश्वर की नेकी हमें कौन दिखायेगा? हे यहोवा, अपने प्रकाशमान मुख का प्रकाश मुझ पर चमका।” हे यहोवा, तुने मुझे बहुत प्रसन्न बना दिया। कटनी के समय भरपूर फसल और दाखमधु पाकर जब हम आन्नद और उल्लास मनाते हैं उससे भी कहीं अधिक प्रसन्न मैं अब हूँ।
क्योंकि हम अपने विश्वास के कारण परमेश्वर के लिए धर्मी हो गये है, सो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमारा परमेश्वर से मेल हो गया है।
यहोवा क्रोधित हुआ, सो निर्णय हुआ “मृत्यु।” किन्तु उसने अपना प्रेम प्रकट किया और मुझे “जीवन” दिया। मैं रात को रोते बिलखाते सोया। अगली सुबह मैं गाता हुआ प्रसन्न था।
वह परमेश्वर ही बोने वाले को बीज और खाने वाले को भोजन सुलभ कराता है। वहाँ तुम्हें बीज देगा और उसकी बढ़वार करेगा, उसी से तुम्हारे धर्म की खेती फूलेगी फलेगी।
जब हमने बीज बोये, हम रो रहे थे, किन्तु कटनी के समय हम खुशी के गीत गायेंगे! हम बीज लेकर रोते हुए खेतों में गये। सो आनन्द मनाने आओ क्योंकि हम उपज के लिए हुए आ रहे हैं।
और मेरे लिए जिसने भी घर-बार या भाईयों या बहनों या पिता या माता या बच्चों या खेतों को त्याग दिया है, वह सौ गुणा अधिक पायेगा और अनन्त जीवन का भी अधिकारी बनेगा।
यहोवा हमें याद रखता है। यहोवा हमें वरदान देगा, यहोवा इस्राएल को धन्य करेगा। यहोवा हारून के घराने को धन्य करेगा।
सज्जन लोग तो लबानोन के विशाल देवदार वृक्ष की तरह है जो यहोवा के मन्दिर में रोपे गए हैं।
यदि कोई व्यक्ति यहोवा का अनुसरण करना चाहे, तो उसे परमेश्वर जीवन का उत्तम राह दिखाएगा। वह व्यक्ति उत्तम वस्तुओं का सुख भोगेगा, और उस व्यक्ति की सन्ताने उस धरती की जिसे परमेश्वर ने वचन दिया था स्थायी रहेंगे।
सिय्योन के दु:खी लोगों को आदर देना (अभी तो उनके पास बस राख हैं); सिय्योन के लोगों को प्रसन्नता का स्नेह प्रदान करना; (अभी तो उनके पास बस दु:ख हैं) सिय्योन के लोगों को परमेश्वर की स्तुति के गीत प्रदान करना (अभी तो उनके पास बस उनके दर्द हैं); सिय्योन के लोगों को उत्सव के वस्त्र देना (अभी तो उनके पास बस उनके दु:ख ही हैं।) उन लोगों को ‘उत्तमता के वृक्ष’ का नाम देना; उन लोगों को यहोवा के अद्भुत वृक्ष की संज्ञा देना।”
हे परमेश्वर, अपनी ढाल से मेरी रक्षा कर। तू मुझको अपनी दाहिनी भुजा से अपनी महान शक्ति प्रदान करके सहारा दे।
“मैं तुम्हें आशीर्वाद दूँगा। मैं तुझसे एक महान राष्ट्र बनाऊँगा। मैं तुम्हारे नाम को प्रसिद्ध करूँगा। लोग तुम्हारे नाम का प्रयोग दूसरों के कल्यान के लिए करेंगे।
हे यहोवा, हमें तू स्वतंत्र कर दे, अब तू हमें मरुस्थल के जल से भरे हुए जलधारा जैसा बना दे।
तुम्हें भूखों की भूख के लिये दु:ख का अनुभव करते हुए उन्हें भोजन देना चाहिये। दु:खी लोगों की सहायता करते हुए तुम्हें उनकी आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिये। जब तुम ऐसा करोगे तो अन्धेरे में तुम्हारी रोशनी चमक उठेगी और तुम्हें कोई दु:ख नहीं रह जायेगा। तुम ऐसे चमक उठोगे जैसे दोपहर के समय धूप चमकती है। यहोवा सदा तुम्हारी अगुवाई करेगा। मरूस्थल में भी वह तेरे मन की प्यास बुझायेगा। यहोवा तेरी हड्डियों को मज़बूत बनायेगा। तू एक ऐसे बाग़ के समान होगा जिसमें पानी की बहुतायत है। तू एक ऐसे झरने के समान होगा जिसमें सदा पानी रहता है।
हे परमेश्वर, तूने अपने भक्तों के लिए बहुत सी अदूभुत वस्तुएँ छिपा कर रखी हैं। तू सबके सामने ऐसे मनुष्यों के लिए जो तेरे विश्वासी हैं, भले काम करता है।
हे यहोवा, तू निज मुट्ठी खोलता है, और तू सभी प्राणियों को वह हर एक वस्तु जिसकी उन्हें आवश्यकता देता है।
उन सभी आदेशों का सावधानी पूर्वक पालन करो जिन्हें यहोवा परमेश्वर ने हमें दिया है। सावधानीपूर्वक उसके सभी नियमों का पालन करो, और वे कार्य करो जो उसने हमें कहा है। सावधानी से उन नियमों का पालन करो जो मूसा की व्यवस्था की किताब में लिखे हैं। यदि तुम इन सभी का पालन करोगे तो तुम जो कुछ करोगे और जहाँ कहीं जाओगे, सफल होगे
वे जब तक बूढ़े होंगे तब तक वे फल देते रहेंगे। वे हरे भरे स्वस्थ वृक्षों जैसे होंगे।
जिसका कोई घर नहीं होता, ऐसे अकेले जन को परमेश्वर घर देता है। निज भक्तों को परमेश्वर बंधन मुक्त करता है। वे अति प्रसन्न रहते हैं। किन्तु जो परमेश्वर के विरूद्ध होते, उनको तपती हुयी धरती पर रहना होगा।
उदार जन तो सदा, फूलेगा फलेगा और जो दूसरों की प्यास बुझायेगा उसकी तो प्यास अपने आप ही बुझेगी।
हे मेरे प्रिय मित्र, मैं प्रार्थना करता हूँ कि तू जैसे आध्यात्मिक रूप से उन्नति कर रहा है, वैसे ही सब प्रकार से उन्नति करता रह और स्वास्थ्य का आनन्द उठाता रह।