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नीतिवचन 28:13 - पवित्र बाइबल

13 जो निज पापों पर पर्दा डालता है, वह तो कभी नहीं फूलता—फलता है किन्तु जो निज दोषों को स्वीकार करता और त्यागता है, वह दया पाता है।

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Hindi Holy Bible

13 जो अपने अपराध छिपा रखता है, उसका कार्य सुफल नहीं होता, परन्तु जो उन को मान लेता और छोड़ भी देता है, उस पर दया की जायेगी।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 जो मनुष्‍य अपने अपराध छिपाता है वह जीवन में उन्नति नहीं करता; परन्‍तु अपने अपराध को स्‍वीकार करनेवाले और उसको पुन: न करनेवाले मनुष्‍य पर परमेश्‍वर दया करता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 जो अपने अपराध छिपा रखता है, उसका कार्य सफल नहीं होता, परन्तु जो उनको मान लेता और छोड़ भी देता है, उस पर दया की जायेगी।

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नवीन हिंदी बाइबल

13 जो अपने अपराध छिपाता है वह सफल नहीं होगा, परंतु जो उन्हें मानकर छोड़ देता है उस पर दया की जाएगी।

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सरल हिन्दी बाइबल

13 जो अपने अपराध को छिपाए रखता है, वह समृद्ध नहीं हो पाता, किंतु वह, जो अपराध स्वीकार कर उनका परित्याग कर देता है, उस पर कृपा की जाएगी.

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नीतिवचन 28:13
38 क्रॉस रेफरेंस  

बाद में यहोवा ने कैन से पूछा, “तुम्हारा भाई हाबिल कहाँ है?” कैन ने जवाब दिया, “मैं नहीं जानता। क्या यह मेरा काम है कि मैं अपने भाई की निगरानी और देख भाल करूँ?”


तब दाऊद ने नातान से कहा, “मैंने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है।” नातान ने दाऊद से कहा, “यहोवा तुम्हें क्षमा कर देगा, यहाँ तक की इस पाप के लिये भी तुम मरोगे नहीं।


अबशालोम ने योआब से कहा, “मैंने तुमको सन्देश भेजा। मैंने तुमसे यहाँ आने को कहा। मैं तुम्हें राजा के पास भेजना चाहता था। मैं उससे पूछना चाहता था कि उसने गशूर से मुझे घर क्यों बुलाया। मैं उससे मिल नहीं सकता, अत: मेरे लिये गशूर में रहना कहीं अधिक अच्छा था। अब मुझे राजा से मिलने दो। यदि मैंने पाप किया है तो वह मुझे मार सकता है।”


यशायाह ने पूछा, “उन्होंने तुम्हारे महल में क्या देखा है” हिजकिय्याह ने उत्तर दिया, “उन्होंने मेरे महल की सबी चीज़ें देखी हैं। मेरे खजानों में ऐसा कुछ नहीं है जिसे मैंने उन्हें न दिखाया हो।”


“आसमान कभी ऐसे बन्द हो सकता है कि वर्षा न हो। वह तब होगा जब इस्राएल के लोग तेरे विरुद्ध पाप करेंगे और यदि इस्राएल के लोगों को इसका पश्चाताप होगा और मन्दिर को देखते हुए प्रार्थना करेंगे, तेरे नाम पर पाप स्वीकार करेंगे और वे पाप करना छोड़ देंगे क्योंकि तू उन्हें दण्ड देता है।


अब तुम लोगों के यहोवा को सामने स्वीकार करना होगा कि तुमने पाप किया है। यहोवा तुम लोगों के पूर्वजों का परमेश्वर है। तुम्हें यहोवा के आदेश का पालन करना चाहिए। अपने चारों ओर रहने वाले लोगों तथा अपनी विदेशी पत्नियों से अपने को अलग करो।”


तब यहीएल के पुत्र शकन्याह ने जो एलाम के वंशजों में से था, एज्रा से बातें कीं। शकन्याह ने कहा, “हम लोग अपने परमेश्वर के भक्त नहीं रहे। हम लोगों ने अपने चारों ओर रहने वाले दूसरी जाति के लोगों के साथ विवाह किया। किन्तु यद्यपि हम यह कर चुके हैं तो भी इस्राएल के लिये आशा है।


वे लोग जो सच्चे इस्राएली थे, उन्होंने बाहर के लोगों से अपने आपको अलग कर दिया। इस्राएली लोगों ने मन्दिर में खड़े होकर अपने और अपने पूर्वजों के पापों को स्वीकार किया।


दूसरे लोग अपने पाप को छुपाने का जतन करते हैं, किन्तु मैंने अपना दोष कभी नहीं छुपाया।


फिर वह व्यक्ति लोगों के सामने स्वीकार करेगा। वह कहेगा: ‘मैंने पाप किये थे, भले को बुरा मैंने किया था, किन्तु मुझे इससे क्या मिला!


“सम्भव है कि कोई परमेश्वर से कहे कि मैं अपराधी हूँ और फिर मैं पाप नहीं करूँगा।


परमेश्वर, तू मेरा मन पवित्र कर दे। मेरी आत्मा को फिर सुदृढ कर दे।


दुष्ट के मुख से घृणा भेद—भावों को उत्तेजित करती है जबकि प्रेम सब दोषों को ढक लेता है।


वह जो बुरी बात पर पर्दा डाल देता है, उघाड़ता नहीं है, प्रेम को बढ़ाता है। किन्तु जो बात को उघाड़ता ही रहता है, गहरे दोस्तों में फूट डाल देता है।


हे पापियों! अपने पापपूर्ण जीवन को त्यागो। तुमको चाहिये कि तुम बुरी बातें सोचना त्याग दो। तुमको चाहिये कि तुम यहोवा के पास लौट आओ। जब तुम ऐसा करोगे तो यहोवा तुम्हें सुख देगा। उन सभी को चाहिये कि वे यहोवा की शरण में आयें क्योंकि परमेश्वर हमें क्षमा करता है।


किन्तु तुम फिर कहते रहते हो, ‘हम निरपराध हैं। परमेश्वर मुझ पर क्रोधित नहीं है।’ अत: मैं तुम्हें झूठ बोलने वाला अपराधी होने का भी निर्णय दूँगा। क्यों क्योंकि तुम कहते हो, “मैंने कुछ भी बुरा नहीं किया है।”


इसलिये हे राजन, आप कृपा करके मेरी सलाह मानें। मैं आपको यह सलाह देता हूँ कि आप पाप करना छोड़ दें और जो उचित है, वही करें। कुकर्मो का त्याग कर दें। गरीबों पर दयालु हों। तभी आप सफल बने रह सकेंगे।”


अत: यदि वह इनमें से किसी का दोषी है तो उसे अपनी बुराई स्वीकार करनी चाहिए।


लोगों ने जो बातें की थी, उन्हें परमेश्वर ने देखा। परमेश्वर ने देखा कि लोगों ने बुरे कर्म करना बन्द कर दिया है। सो परमेश्वर ने अपना मन बदल लिया और जैसा करने की उसने योजना रची थी, वैसा नहीं किया। परमेश्वर ने लोगों को दण्ड नहीं दिया।


बल्कि उसके विपरीत मैं पहले उन्हें दमिश्क में, फिर यरूशलेम में और यहूदिया के समूचे क्षेत्र में और ग़ैर यहूदियों को भी उपदेश देता रहा कि मनफिराव के, परमेश्वर की ओर मुड़े और मनफिराव के योग्य काम करें।


किन्तु इस्राएल के लोगों ने यहोवा से कहा, “हम लोगों ने पाप किया है। तू हम लोगों के साथ जो चाहता है, कर। किन्तु आज हमारी रक्षा कर।”


शमूएल शाऊल के पास पुहँचा। शाऊल ने कहा, स्वागत, “यहोवा आपको आशीर्वाद दे! मैंने यहोवा के आदेशों का पालन किया है।”


तब शाऊल ने शमूएल से कहा, “मैंने पाप किया है। मैंने यहोवा के आदेशों को नहीं माना है और मैंने वह नहीं किया है जो तुमने करने को कहा। मैं लोगों से डरता था इसलिए मैंने वह किया जो उन्होंने कहा।


शाऊल ने उत्तर दिया, “ठीक है, मैंने पाप किया! किन्तु कृपया मेरे साथ लौटो। इस्राएल के लोगों और प्रमुखों के सामने मुझे कुछ सम्मान दो। मेरे साथ लौटो जिससे मैं तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की उपासना कर सकूँ।”


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