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1 इतिहास 29:14 - पवित्र बाइबल

14 ये सभी चीज़ें मुझसे और मेरे लोगों से नहीं आई हैं! ये सभी चीज़े तुझ से आईं और हमने तुझको वे चीज़ें दीं जो तुझसे आई हैं।

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Hindi Holy Bible

14 मैं क्या हूँ? और मेरी प्रजा क्या है? कि हम को इस रीति से अपनी इच्छा से तुझे भेंट देने की शक्ति मिले? तुझी से तो सब कुछ मिलता है, और हम ने तेरे हाथ से पाकर तुझे दिया है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

14 ‘पर प्रभु, मैं कौन हूँ और मेरी जनता क्‍या है कि हम यों स्‍वेच्‍छा से तुझे भेंट चढ़ाने में समर्थ हो सकें? क्‍योंकि सब वस्‍तुओं का स्रोत तू ही है। हमने तुझे तेरी ही वस्‍तु अर्पित की है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

14 “मैं क्या हूँ और मेरी प्रजा क्या है कि हम को इस रीति से अपनी इच्छा से तुझे भेंट देने की शक्‍ति मिले? तुझी से तो सब कुछ मिलता है, और हम ने तेरे हाथ से पाकर तुझे दिया है।

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सरल हिन्दी बाइबल

14 “कौन हूं मैं और क्या है मेरी प्रजा कि हम ऐसे अपनी इच्छा से भेंट चढ़ा सकें? क्योंकि सभी कुछ आपसे ही मिलता है. हमने जो कुछ दिया है, वह हमको आपने आपके ही हाथों से दिया हुआ है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

14 “मैं क्या हूँ और मेरी प्रजा क्या है? कि हमको इस रीति से अपनी इच्छा से तुझे भेंट देने की शक्ति मिले? तुझी से तो सब कुछ मिलता है, और हमने तेरे हाथ से पाकर तुझे दिया है।

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1 इतिहास 29:14
24 क्रॉस रेफरेंस  

इस जगह, जहाँ मैंने यह पत्थर खड़ा किया है, परमेश्वर का पवित्र स्थान होगा और परमेश्वर जो कुछ तू मुझे देगा उसका दशमांश मैं तुझे दूँगा।”


तू मुझ पर बहुत दयालु रहा है। तूने मेरे लिए बहुत अच्छी चीजें की हैं। पहली बार मैंने यरदन नदी के पास यात्रा की, मेरे पास टहलने की छड़ी के अतिरिक्त कुछ भी न था। किन्तु मेरे पास अब इतनी चीजें हैं कि मैं उनको पूरे दो दलों में बाँट सकूँ।


तब राजा दाऊद भीतर गया और यहोवा के सामने बैठ गया। दाऊद ने कहा, “यहोवा, मेरे स्वामी, मैं तेरे लिये इतना महत्वपूर्ण क्यों हूँ? मेरा परिवार महत्वपूर्ण क्यों है? तूने मुझे महत्वपूर्ण क्यों बना दिया।


तब दाऊद पवित्र तम्बू में गया और यहोवा के सामने बैठा। दाऊद ने कहा, “यहोवा परमेश्वर, तूने मेरे लिये और मेरे परिवार के लिये इतना अधिक किया है और मैं नहीं समझता कि क्यों


अब, हमारे परमेश्वर हम तुझको धन्यवाद देते हैं, और हम तेरे यशस्वी नाम की स्तुति करते हैं!


हम अजनबी और यात्रियों के समान हैं! हमारे सारे पूर्वज भी अजनबी हैं, और यात्री रहे। इस धरती पर हमारा समय जाती हुई छाया सा है और हम इसे नहीं पकड़ सकते,


हे यहोवा हमारा परमेश्वर, हमने ये सभी चीज़ों तेरा मन्दिर बनाने के लिये इकट्ठी की हैं। हम लोग तेरा मन्दिर तेरे नाम के सम्मान के लिये बनायेंगे किन्तु ये सभी चीज़ें तुझसे आई हैं हर चीज़ तेरी है।


लोग बहुत प्रसन्न थे क्योंकि उनके प्रमुख उतना अधिक देने में प्रसन्न थे। प्रमुख स्वतन्त्रता पूर्वक खुले दिल से देने में प्रसन्न थे। राजा दाऊद भी बहुत प्रसन्न था।


“जो मन्दिर मैं बनाऊँगा वह महान होगा, क्योंकि हमारा परमेश्वर सभी देवताओं से बड़ा है।


यहोवा! हमको कोई गौरव ग्रहण नहीं करना चाहिये। गौरव तो तेरा है। तेरे प्रेम और निष्ठा के कारण गौरव तेरा है।


किन्तु मूसा ने परमेश्वर से कहा, “मैं कोई महत्वपूर्ण आदमी नहीं हूँ। मैं ही वह व्यक्ति हूँ जो फ़िरौन के पास जाए और इस्राएल के लोगों को मिस्र के बाहर निकाल कर ले चले?”


‘उनकी चाँदी मेरी हैं और उनका सोना मेरा है।’ सर्वशक्तिमान यहोवा यही कहता है।


क्योंकि सब का रचने वाला वही है। उसी से सब स्थिर है और वह उसी के लिए है। उसकी सदा महिमा हो! आमीन।


हर रविवार को अपनी आय में से कुछ न कुछ अपने घर पर ही इकट्ठा करते रहो। ताकि जब मैं आऊँ, उस समय दान इकट्ठा न करना पड़े।


ऐसा नहीं है कि हम अपने आप में इतने समर्थ हैं जो सोचने लगे हैं कि हम अपने आप से कुछ कर सकते हैं बल्कि हमें सामर्थ्य तो परमेश्वर से मिलता है।


तब यहोवा अपने परमेश्वर के लिए सप्ताहों का पर्व करो। इसे एक स्वेच्छा बलि उसे लाकर करो। तुम्हें कितना देना है, इसका निश्चय यह सोचकर करो कि यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें कितना आशीर्वाद दिया है।


हर एक व्यक्ति उतना देगा जितना वह दे सकेगा। कितना देना है, उसका निश्चय वह यह सोचकर करेगा कि उसे यहोवा ने कितना दिया है।


क्योंकि वह परमेश्वर ही है जो उन कामों की इच्छा और उन्हें पूरा करने का कर्म, जो परमेश्वर को भाते हैं, तुम में पैदा करता है।


प्रत्येक उत्तम दान और परिपूर्ण उपहार ऊपर से ही मिलते हैं। और वे उस परम पिता के द्वारा जिसने स्वर्गीय प्रकाश को जन्म दिया है, नीचे लाए जाते हैं। वह नक्षत्रों की गतिविधि से उप्तन्न छाया से कभी बदलता नहीं है।


वे चौबीसों प्राचीन उसके चरणों में गिरकर, उस सदा सर्वदा जीवित रहने वाले की उपासना करते हैं। वे सिंहासन के सामने अपने मुकुट डाल देते हैं और कहते हैं:


हमारे पर का पालन करें:

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