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इफिसियों 2:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

क्‍योंकि आपका आचरण पहले इस युग-संसार की रीति के अनुकूल, आकाश में अधिकार जमाने वाले नायक के अनुकूल था। आप उस आत्‍मा के वश में थे, जो अब तक परमेश्‍वर के विरोधियों में क्रियाशील है।

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पवित्र बाइबल

जिनमें तुम पहले, संसार के बुरे रास्तों पर चलते हुए और उस आत्मा का अनुसरण करते हुए जीते थे जो इस धरती के ऊपर की आत्मिक शक्तियों का स्वामी है। वही आत्मा अब उन व्यक्तियों में काम कर रही है जो परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानते।

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Hindi Holy Bible

जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जिनमें तुम पहले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात् उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य करता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

जिनमें तुम पहले इस संसार की रीति के अनुसार अर्थात् आकाश पर अधिकार रखनेवाले उस शासक के अनुसार चलते थे, जिसकी आत्मा अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य करती है।

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सरल हिन्दी बाइबल

जिनमें तुम पहले इस संसार के अनुसार और आकाशमंडल के अधिकारी, उस आत्मा के अनुसार जी रहे थे, जो आत्मा अब भी आज्ञा न माननेवालों में काम कर रहा है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जिनमें तुम पहले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के अधिपति अर्थात् उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य करता है।

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इफिसियों 2:2
64 क्रॉस रेफरेंस  

किसान यह कह ही रहा था कि एक चरवाहा आया, और उसने यह कहा, ‘आकाश से परमेश्‍वर की आग गिरी, और उसने भेड़-बकरियों और सेवकों को भस्‍म कर दिया। केवल मैं बच गया और अब आपको यह खबर देने के लिए आया हूँ।’


कि अचानक मरुस्थल की ओर से एक भीषण आंधी आयी। उसने मकान के चारों से ऐसा धक्‍का दिया कि वह आपके जवान पुत्र-पुत्रियों पर गिर पड़ा और वे दबकर मर गये। केवल मैं ही बच गया और अब आपको यह खबर देने के लिये आया हूं।’


प्रभु ने शैतान से पूछा, ‘तू कहाँ से आ रहा है?’ शैतान ने प्रभु को बताया, ‘मैं पृथ्‍वी पर इधर-उधर घूमते-फिरते हुए यहाँ आया हूँ।’


यदि मेरे पैर सन्‍मार्ग से भटक गए थे और मेरा हृदय आंखों के बताए हुए कुमार्ग पर चला था; यदि मेरे हाथ किसी दुष्‍कर्म से कलंकित हुए


अपने हाथों द्वारा दुर्जनों से, पृथ्‍वी के उन पुरुषों से, जिनका भाग इसी जीवन में है, मेरे प्राण को मुक्‍त कर। उनके पेट तेरे दण्‍ड-भण्‍डार से भरे जाएं; उनके पुत्रों को यथेष्‍ट से अधिक दण्‍ड मिले; वे अपने बच्‍चों के लिए भी पर्याप्‍त दण्‍ड छोड़ जाएं।


प्रभु कहता है; “ओ विद्रोही पुत्रो, धिक्‍कार है तुम्‍हें! तुम योजना तो बनाते हो, परन्‍तु मेरी सम्‍मति से नहीं; तुम सन्‍धि तो करते हो, पर मेरे आत्‍मा की प्रेरणा से नहीं। यों तुम पाप पर पाप करे रहे हो।


तुम किसका मजाक उड़ा रहे हो? तुमने किसके विरुद्ध अपना मुंह खोला है? तुम किसको जीभ निकालकर चिढ़ा रहे हो? क्‍या तुम अपराध की सन्‍तान, झूठ की औलाद नहीं हो?


देश व्‍यभिचारियों से भर गया है; शाप के कारण धरती शोक में डूबी है। निर्जन प्रदेश के विशाल चरागाह सूखे पड़े हैं; पुरोहित और नबी दुष्‍कर्म करने को मानो कमर कसे रहते हैं, उनकी वीरता केवल हिंसा के लिए होती है। प्रभु कहता है, ‘ये दोनों धर्म से गिर गए हैं, स्‍वयं मैंने अपने भवन में इनके दुष्‍कर्म देखे हैं!


गिबआ नगर के दिनों से इस्राएली पाप करते आ रहे हैं; वहाँ उन्‍होंने मेरे विरुद्ध विद्रोह किया था। गिबआ में उन्‍हें विवश हो युद्ध करना पड़ा।


शुतुरमुर्ग, रात-शिकरा, जल-कुक्‍कुट, सब प्रकार के शिकरे,


मानव पुत्र आया। वह साधारण मनुष्‍य के समान खाता-पीता है और लोग कहते हैं : ‘देखो, यह आदमी पेटू और पियक्‍कड़ है। चुंगी-अधिकारियों और पापियों का मित्र है।’ किन्‍तु परमेश्‍वर की प्रज्ञ अपने कर्मों से प्रमाणित होती है। ”


जो काँटों में बोया गया है : यह वह है, जो वचन सुनता है; परन्‍तु संसार की चिन्‍ता और धन का मोह वचन को दबा देता है और वह फल नहीं लाता।


खेत संसार है। अच्‍छा बीज राज्‍य की संतान है; जंगली बीज दुष्‍ट आत्‍मा की संतान है।


परन्‍तु संसार की चिन्‍ताएँ, धन का मोह और अन्‍य बातों की इच्‍छाएँ उन में प्रवेश कर वचन को दबा देती हैं और वह फल नहीं लाता।


स्‍वामी ने अधर्मी प्रबंधक की प्रशंसा की; क्‍योंकि उसने चतुराई से काम किया था। इस युग की सन्‍तान अपनी पीढ़ी के साथ आपसी लेन-देन में ज्‍योति की सन्‍तान से अधिक चतुर है।


“सिमोन! सिमोन! शैतान ने तुम लोगों को गेहूँ की तरह फटकने की माँग की है।


अब इस संसार का न्‍याय हो रहा है। अब इस संसार का अधिपति निकाल दिया जाएगा।


येशु अपने शिष्‍यों के साथ भोजन कर रहे थे। शैतान शिमोन इस्‍करियोती के पुत्र यूदस के मन में येशु को पकड़वाने का विचार उत्‍पन्न कर चुका था।


रोटी का टुकड़ा लेते ही यूदस में शैतान समा गया। तब येशु ने उससे कहा, “तुम्‍हें जो करना है, वह शीघ्र करो।”


“अब मैं तुम से और अधिक बातें नहीं करूँगा, क्‍योंकि इस संसार का अधिपति आ रहा है। वह मेरा कुछ नहीं कर सकता,


यदि तुम संसार के होते, तो संसार तुम्‍हें अपना समझ कर प्‍यार करता। परन्‍तु तुम संसार के नहीं हो, क्‍योंकि मैंने तुम्‍हें संसार में से चुन लिया है। इसीलिए संसार तुम से बैर करता है।


दण्‍डाज्ञा के विषय में, क्‍योंकि इस संसार का अधिपति दोषी ठहराया जा चुका है।


संसार तुम से बैर नहीं कर सकता; किन्‍तु वह मुझ से बैर करता है, क्‍योंकि मैं उसके विषय में यह साक्षी देता हूँ कि उसके काम बुरे हैं।


येशु ने उन से कहा, “तुम लोग नीचे के हो, मैं ऊपर का हूँ। तुम इस संसार के हो, मैं इस संसार का नहीं हूँ।


“तुम तो अपने पिता शैतान से हो और अपने पिता की इच्‍छा पूरी करना चाहते हो। वह तो प्रारम्‍भ से ही हत्‍यारा था। वह सत्‍य पर स्‍थिर नहीं रहता, क्‍योंकि उसमें सत्‍य है ही नहीं। जब वह झूठ बोलता है, तो अपने ही स्‍वभाव के अनुसार बोलता है; क्‍योंकि वह झूठा है और झूठ का पिता है।


नगर के प्रशासक ने भीड़ को शान्‍त करने के बाद कहा, “इफिसुस नगर के सज्‍जनो! कौन मनुष्‍य यह नहीं जानता कि इफिसुस नगर महती देवी अरतिमिस के मंदिर का और आकाश से गिरी हुई उनकी मूर्ति का संरक्षक है।


इस पर पतरस ने कहा, “हनन्‍याह! शैतान ने क्‍यों तुम्‍हारे हृदय पर इस प्रकार अधिकार कर लिया है कि तुम पवित्र आत्‍मा से झूठ बोलो और जमीन की बिक्री से प्राप्‍त धनराशि का कुछ अंश रख लो?


आप इस संसार के अनुरूप आचरण न करें, बल्‍कि सब कुछ नयी दृष्‍टि से देखें और अपना स्‍वभाव बदल लें। इस प्रकार आप जान जायेंगे कि परमेश्‍वर क्‍या चाहता है और उसकी दृष्‍टि में क्‍या भला, सुग्राह्य तथा सर्वोत्तम है।


मेरा अभिप्राय यह नहीं था कि इस संसार के व्‍यभिचारियों, लोभियों, धोखेबाज़ों या मूर्तिपूजकों से कोई भी सम्‍बन्‍ध नहीं रखें। ऐसा करने के लिए आप को संसार को ही छोड़ देना पड़ता,


आप लोगों में से कुछ ऐसे ही थे। किन्‍तु अब प्रभु येशु मसीह के नाम पर और हमारे परमेश्‍वर के आत्‍मा के द्वारा आप धोये गए तथा पवित्र किये गए और धार्मिक ठहराये गये हैं।


इस युग-संसार के देवता ने अविश्‍वासियों का मन इतना अन्‍धा कर दिया है कि वे परमेश्‍वर के प्रतिरूप, अर्थात् मसीह के तेजोमय शुभ समाचार की ज्‍योति को देखने में असमर्थ हैं।


मसीह ने हमारे पापों के कारण अपने को अर्पित किया, जिससे वह हमारे पिता परमेश्‍वर की इच्‍छानुसार वर्तमान पापमय युग-संसार से हमारा उद्धार करें।


परमेश्‍वर ने उन्‍हें प्रत्‍येक आधिपत्‍य, अधिकार, शक्‍ति, प्रभुत्‍व एवं नामी पद से बहुत ऊपर स्‍थान दिया-चाहे ये इस युग के हों अथवा आने वाले युग के।


आप जन्‍म से गैर-यहूदी हैं और उन लोगों द्वारा “बेखतने वाले” कहे जाते हैं, जिनके शरीर में खतना किया गया है।


आप लोग पहले दूर थे, किन्‍तु येशु मसीह से संयुक्‍त हो कर आप अब मसीह के रक्‍त द्वारा निकट आ गये हैं;


हम सभी पहले उन विरोधियों में सम्‍मिलित थे, जब हम अपनी कुप्रवृत्तियों के वशीभूत हो कर अपने शरीर और मन की वासनाओं को तृप्‍त करते थे। हम दूसरों की तरह अपने स्‍वभाव के कारण परमेश्‍वर के कोप के पात्र थे।


मैं आप लोगों से यह कहता हूँ और प्रभु के नाम पर यह अनुरोध करता हूँ कि आप अब से विधर्मियों-जैसा आचरण नहीं करें, जो निस्‍सार बातों की चिन्‍ता करते हैं।


तो आप लोगों को अपना पहला आचरण और पुराना स्‍वभाव त्‍याग देना चाहिए, क्‍योंकि वह बहकाने वाली दुर्वासनाओं के कारण बिगड़ता जा रहा है।


कोई निरर्थक तर्कों से आप लोगों को धोखा न दे। इन बातों के कारण परमेश्‍वर का क्रोध विद्रोही लोगों पर आ पड़ता है।


आप लोग पहले ‘अन्‍धकार’ थे, अब प्रभु के शिष्‍य होने के नाते ‘ज्‍योति’ बन गये हैं। इसलिए ज्‍योति की सन्‍तान की तरह आचरण करें।


क्‍योंकि हमें निरे मनुष्‍यों से नहीं, बल्‍कि वर्तमान अन्‍धकार के अधिपतियों, अधिकारियों तथा महाशासकों से, स्‍वर्गिक क्षेत्र के दुष्‍ट आत्‍माओं से ही संघर्ष करना पड़ता है।


आप लोग भी अपने कुकर्मों के कारण परमेश्‍वर से दूर हो गये थे और आपके मन में शत्रुता भर गयी थी।


क्‍योंकि देमास इस वर्तमान युग-संसार की ओर आकर्षित हो गया और वह मुझे छोड़ कर थिस्‍सलुनीके नगर चला गया है। क्रेसेन्‍स गलातिया प्रदेश को चला गया और तीतुस, दलमतिया प्रदेश को।


पिता परमेश्‍वर की दृष्‍टि में शुद्ध और निर्मल धर्म यह है : विपत्ति में पड़े हुए अनाथों और विधवाओं की सहायता करना और अपने को संसार के दूषण से बचाये रखना।


ऐसा व्यक्‍ति यह न समझे कि उसे प्रभु की ओर से कुछ मिलेगा;


व्‍यभिचारियों के सदृश आचरण करने वाले अनिष्‍ठावान लोगो! क्‍या तुम यह नहीं जानते कि संसार से मित्रता रखने का अर्थ है परमेश्‍वर से बैर करना? जो संसार का मित्र होना चाहता है, वह परमेश्‍वर का शत्रु बन जाता है।


आप आज्ञाकारी सन्‍तान बन कर अपनी वासनाओं के अनुसार आचरण नहीं करें, जैसा कि पहले किया करते थे जब आप लोगों को ज्ञान नहीं मिला था।


आप लोगों ने पहले सांसारिक लोगों की जीवनचर्या के अनुसार व्‍यभिचार, भोग-विलास, मदिरापान, रंगरलियों, मादकता और घृणित मूर्तिपूजा में जो समय बिताया, वही बहुत हुआ।


उनकी आँखें व्‍यभिचार से भरी हैं और उन में कभी तृप्‍त न होनेवाली पाप की भूख बनी हुई है। वे दुर्बल आत्‍माओं को लुभाते हैं। उनका मन लोभ में प्रशििक्षत हो चुका है। यह अभिशप्‍त सन्‍तति


परमेश्‍वर की सन्‍तान और शैतान की सन्‍तान की पहचान यह है: जो भी व्यक्‍ति धर्माचरण नहीं करता, वह परमेश्‍वर की सन्‍तान नहीं है और वह भी नहीं, जो अपने भाई अथवा बहिन से प्रेम नहीं करता।


जो पाप करता है, वह शैतान से है; क्‍योंकि शैतान प्रारम्‍भ से पाप करता आया है। परमेश्‍वर का पुत्र इसीलिए प्रकट हुआ कि वह शैतान के कार्य समाप्‍त कर दे।


बच्‍चो! तुम परमेश्‍वर के हो और तुम ने उन लोगों पर विजय पायी है; क्‍योंकि जो तुम में है, वह उस से महान् है, जो संसार में है।


हम जानते हैं कि हम परमेश्‍वर के हैं, जब कि समस्‍त संसार उस दुष्‍ट के वश में है।


क्‍योंकि जो परमेश्‍वर से उत्‍पन्न हुआ है, वह संसार पर विजय प्राप्‍त करता है। वह विजय, जो संसार को परास्‍त करती है, हमारा विश्‍वास ही है।


तब वह विशालकाय पंखदार सर्प-वह पुराना साँप, जो दोष लगाने वाला शैतान कहलाता और सारे संसार को भटकाता है-अपने दूतों के साथ पृथ्‍वी पर पटक दिया गया।


पशु के निरीक्षण में उस को जिन चमत्‍कारों को दिखाने की अनुमति मिली है, उन चमत्‍कारों द्वारा वह पृथ्‍वी के निवासियों को बहकाता है। वह पृथ्‍वी के निवासियों द्वारा उस पशु के आदर में एक प्रतिमा बनवाता है, जो तलवार का प्रहार सहने पर भी जीवित है।


पृथ्‍वी के वे सब निवासी पशु की पूजा करेंगे, जिनके नाम वध किये हुए मेमने के जीवन-ग्रन्‍थ में संसार के प्रारन्‍भ से अंकित नहीं हैं।


सातवें स्‍वर्गदूत ने हवा पर अपना प्‍याला उँडेला और मन्‍दिर के सिंहासन में से एक गम्‍भीर वाणी यह कहते सुनाई पड़ी, “समाप्‍त हो गया है”।


उसने पंखदार सर्प को, उस पुराने साँप अर्थात् दोष लगानेवाले शैतान को, पकड़ कर एक हजार वर्ष के लिए बाँधा