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मरकुस 4:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

19 परन्‍तु संसार की चिन्‍ताएँ, धन का मोह और अन्‍य बातों की इच्‍छाएँ उन में प्रवेश कर वचन को दबा देती हैं और वह फल नहीं लाता।

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पवित्र बाइबल

19 किन्तु इस जीवन की चिंताएँ, धन दौलत का लालच और दूसरी वस्तुओं को पाने की इच्छा उनमें आती है और वचन को दबा लेती है। जिससे उस पर फल नहीं लग पाता।

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Hindi Holy Bible

19 और संसार की चिन्ता, और धन का धोखा, और और वस्तुओं का लोभ उन में समाकर वचन को दबा देता है। और वह निष्फल रह जाता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

19 और संसार की चिन्ता, और धन का धोखा, और अन्य वस्तुओं का लोभ उनमें समाकर वचन को दबा देता है और वह निष्फल रह जाता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

19 परंतु संसार की चिंताएँ, धन का धोखा और अन्य वस्तुओं की लालसाएँ आकर वचन को दबा देती हैं और वे बिना फल के ही रह जाते हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

19 संसार की चिंताएं, धन-संपत्ति का छलावा तथा अन्य वस्तुओं की लालसाओं का प्रवेश उस सुसमाचार को दबा देता है, जिससे उसका फलदाई होना असंभव हो जाता है.

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मरकुस 4:19
28 क्रॉस रेफरेंस  

पूंजीपति बनने के लिए अपना पसीना मत बहाना; इस लोभ से बचने में ही बुद्धिमानी है।


धन-सम्‍पत्ति चंचल होती है, पलक झपकते वह हाथ से निकल जाती है; मानो उसको पंख उग आते हैं, और वह गरुड़ के समान तीव्र गति से आकाश की ओर उड़ जाती है।


यद्यपि मनुष्‍य अकेला है, उसका पुत्र नहीं, भाई नहीं, तथापि वह निरन्‍तर कमाता ही जाता है, उसके परिश्रम का कोई अन्‍त नहीं। उसकी आंखें धन-सम्‍पत्ति से तृप्‍त नहीं होतीं। वह अपने आपसे कभी पूछता नहीं, “मैं यह सब परिश्रम किसके लिए कर रहा हूं, और क्‍यों स्‍वयं को सुख-चैन से वंचित कर रहा हूं?” यह भी व्‍यर्थ है, और एक दु:खद कार्य-व्‍यापार है।


उसने भूमि को खोदा, उसके पत्‍थर-कंकड़ बीने, और उसमें उत्तम जाति की अंगूर-बेल लगाई। उसने अंगूर-उद्यान के मध्‍य एक मचान बनाया, और वहाँ अंगूर-रस के लिए कुण्‍ड खोदा। उसने आशा की, कि अंगूर-उद्यान में उसे मीठे अंगूर मिलेंगे, पर उसमें केवल खट्टे अंगूर लगे!


मेरे अंगूर-उद्यान में और क्‍या करने को शेष था, जो मैंने उसके लिए नहीं किया? पर जब मैंने उसके मीठे अंगूर की आशा की, तब मुझे उससे केवल खट्टे अंगूर मिले।


जो काँटों में बोया गया है : यह वह है, जो वचन सुनता है; परन्‍तु संसार की चिन्‍ता और धन का मोह वचन को दबा देता है और वह फल नहीं लाता।


तब येशु ने अपने शिष्‍यों से कहा, “मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ : धनवान के लिए स्‍वर्ग के राज्‍य में प्रवेश करना कठिन है।


अब पेड़ों की जड़ पर कुल्‍हाड़ा लग चुका है। जो पेड़ अच्‍छा फल नहीं देता, वह काटा और आग में झोंक दिया जाएगा।


दूसरे बीज जो काँटों में बोये जाते हैं : ये वे लोग हैं, जो वचन सुनते हैं;


प्रभु ने उसे उत्तर दिया, “मार्था! मार्था! तुम बहुत-सी बातों के विषय में चिन्‍तित और परेशान हो;


“अपने विषय में सावधान रहो। कहीं ऐसा न हो कि भोग-विलास, नशे और इस संसार की चिन्‍ताओं से तुम्‍हारा मन कुण्‍ठित हो जाए और वह दिन फन्‍दे की तरह अचानक तुम पर आ गिरे;


वह उस डाली को, जो मुझ में नहीं फलती, काट देता है और उस डाली को, जो फलती है, छाँटता है, जिससे वह और भी अधिक फल उत्‍पन्न करे।


आप इस संसार के अनुरूप आचरण न करें, बल्‍कि सब कुछ नयी दृष्‍टि से देखें और अपना स्‍वभाव बदल लें। इस प्रकार आप जान जायेंगे कि परमेश्‍वर क्‍या चाहता है और उसकी दृष्‍टि में क्‍या भला, सुग्राह्य तथा सर्वोत्तम है।


क्‍योंकि आपका आचरण पहले इस युग-संसार की रीति के अनुकूल, आकाश में अधिकार जमाने वाले नायक के अनुकूल था। आप उस आत्‍मा के वश में थे, जो अब तक परमेश्‍वर के विरोधियों में क्रियाशील है।


क्‍योंकि हमें निरे मनुष्‍यों से नहीं, बल्‍कि वर्तमान अन्‍धकार के अधिपतियों, अधिकारियों तथा महाशासकों से, स्‍वर्गिक क्षेत्र के दुष्‍ट आत्‍माओं से ही संघर्ष करना पड़ता है।


किसी बात की चिन्‍ता न करें। हर जरूरत में प्रार्थना करें और विनय तथा धन्‍यवाद के साथ परमेश्‍वर के सामने अपने निवेदन प्रस्‍तुत करें।


इस वर्तमान संसार के धनवानों से अनुरोध करो कि वे घमण्‍ड न करें और नश्‍वर धन-सम्‍पत्ति पर नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर पर भरोसा रखें, जो हमारे उपभोग की सब वस्‍तुएं पर्याप्‍त मात्रा में देता है।


क्‍योंकि देमास इस वर्तमान युग-संसार की ओर आकर्षित हो गया और वह मुझे छोड़ कर थिस्‍सलुनीके नगर चला गया है। क्रेसेन्‍स गलातिया प्रदेश को चला गया और तीतुस, दलमतिया प्रदेश को।


यदि ये गुण आप लोगों में विद्यमान हैं और बढ़ते जाते हैं, तो ये हमारे प्रभु येशु मसीह का ज्ञान प्राप्‍त करने में आप को निष्‍क्रिय एवं असफल नहीं होने देंगे।


ये आपके प्रीति-भोजों के लिए कलंक-जैसे हैं, जहाँ वे बिना किसी श्रद्धा के खाते-पीते हैं। ये अपने ही भरण-पोषण को ध्‍यान में रखते हैं। ये पवन द्वारा उड़ाये हुए जलहीन बादल हैं। ये ऐसे वृक्ष हैं, जो फसल के समय पर फल नहीं देते, जो दो बार मर चुके हैं और जड़ से उखाड़े गये हैं।


हमारे पर का पालन करें:

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