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प्रकाशितवाक्य 20:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 उसने पंखदार सर्प को, उस पुराने साँप अर्थात् दोष लगानेवाले शैतान को, पकड़ कर एक हजार वर्ष के लिए बाँधा

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पवित्र बाइबल

2 उसने उस पुराने महा सर्प को पकड़ लिया जो दैत्य यानी शैतान है फिर एक हज़ार वर्ष के लिए उसे साँकल से बाँध दिया।

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Hindi Holy Bible

2 और उस ने उस अजगर, अर्थात पुराने सांप को, जो इब्लीस और शैतान है; पकड़ के हजार वर्ष के लिये बान्ध दिया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 उस ने उस अजगर, अर्थात् पुराने साँप को, जो इब्लीस और शैतान है, पकड़ के हज़ार वर्ष के लिये बाँध दिया,

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नवीन हिंदी बाइबल

2 उसने अजगर अर्थात् उस पुराने साँप को, जो इब्लीस और शैतान है, पकड़ लिया, और उसे एक हज़ार वर्ष के लिए बाँध दिया,

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सरल हिन्दी बाइबल

2 उसने उस परों वाले सांप को—उस पुराने सांप को, जो वस्तुतः दियाबोलॉस या शैतान है, एक हज़ार वर्ष के लिए बांध दिया.

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प्रकाशितवाक्य 20:2
31 क्रॉस रेफरेंस  

उन सब वन-प्राणियों में जिन्‍हें प्रभु परमेश्‍वर ने रचा था, सबसे अधिक धूर्त सांप था। उसने स्‍त्री से पूछा, ‘क्‍या सचमुच परमेश्‍वर ने कहा है कि तुम उद्यान के किसी भी पेड़ का फल न खाना?’


मैं तेरे और स्‍त्री के बीच, तेरे वंश और स्‍त्री के वंश के मध्‍य शत्रुता उत्‍पन्न करूँगा। वह तेरा सिर कुचलेगा, और तू उसकी एड़ी डसेगा।’


प्रभु ने शैतान से पूछा, ‘तू कहाँ से आ रहा है?’ शैतान ने प्रभु को बताया, ‘मैं पृथ्‍वी पर इधर-उधर घूमते-फिरते हुए यहाँ आया हूँ।’


वे अधोलोक के गड्ढे में बन्‍दी के रूप में एकत्र होंगे। वे बन्‍दीगृह में अनेक दिन तक बन्‍द रहेंगे। तत्‍पश्‍चात् उनको दण्‍ड दिया जाएगा।


उस दिन प्रभु अपनी मजबूत, कठोर और विशाल तलवार से वेगवान, वक्र सर्पासुर लिव्‍यातान को दण्‍ड देगा, वह समुद्र में रहने वाले जल-पशु का वध करेगा।


उसने फिर पांच सौ मीटर नापा, और मुझे पानी में चलाया। किन्‍तु मैं उसमें चल न सका; क्‍योंकि वह एक नदी थी, और उसका पानी बढ़ गया था। वह इतना गहरा था कि उसको केवल तैर कर पार किया जा सकता था। नदी इतनी गहरी थी कि उसको कोई पैदल चलकर पार नहीं कर सकता था।


और जिस किसी ने मेरे नाम के लिए घरबार, भाइयों, बहिनों, पिता, माता, बाल-बच्‍चों अथवा खेतों को छोड़ दिया है, वह सौ गुना पाएगा और शाश्‍वत जीवन का अधिकारी होगा।


वे चिल्‍ला उठे, “परमेश्‍वर के पुत्र! हम से आप को क्‍या काम? क्‍या आप यहाँ समय से पहले हमें सताने आए हैं?”


जो मार्ग के किनारे हैं, जहाँ वचन बोया जाता है : ये वे लोग हैं जिन्‍होंने परमेश्‍वर का वचन सुना, परन्‍तु शैतान तुरन्‍त ही आकर वह वचन ले जाता है, जो उन में बोया गया है।


ऊंचे स्‍वर से चिल्‍लाया, “हे येशु! सर्वोच्‍च परमेश्‍वर के पुत्र! मुझ से आप को क्‍या काम? आप को परमेश्‍वर की शपथ, मुझे न सताइए।”


अब इस संसार का न्‍याय हो रहा है। अब इस संसार का अधिपति निकाल दिया जाएगा।


दण्‍डाज्ञा के विषय में, क्‍योंकि इस संसार का अधिपति दोषी ठहराया जा चुका है।


शान्‍ति का परमेश्‍वर शीघ्र ही शैतान को आपके पैरों तले कुचल देगा। हमारे प्रभु येशु की कृपा आप लोगों पर बनी रहे।


परिवार की समस्‍त सन्‍तति का रक्‍त-मांस एक ही होता है, इसलिए येशु ने भी हमारा रक्‍त-मांस धारण किया, जिससे वह अपनी मृत्‍यु द्वारा मृत्‍यु पर अधिकार रखने वाले शैतान को परास्‍त करें


आप संयम रखें और जागते रहें! आपका विरोधी, शैतान, दहाड़ते हुए सिंह की तरह विचरता है और ढूँढ़ता रहता है कि किसे फाड़ खाये।


स्‍मरण रखें : परमेश्‍वर ने पापी स्‍वर्गदूतों को भी क्षमा नहीं किया, बल्‍कि उन्‍हें नरक के अंधकार में न्‍याय-दिवस के लिए जंजीरों में जकड़ दिया है।


जिन स्‍वर्गदूतों ने अपनी मर्यादा का उल्‍लंघन किया और अपना निजी निवासस्‍थान छोड़ दिया, परमेश्‍वर उन्‍हें न्‍याय के महान् दिन के लिए नरक के अन्‍धकार में अकाट्‍य बेड़ियों से बांधे रखता है।


जब पंखदार सर्प ने देखा कि उसे पृथ्‍वी पर पटक दिया गया है, तो वह उस महिला का पीछा करने लगा, जिसने उस पुत्र-पुरुष को जन्‍म दिया था।


सर्प ने नदी-जैसी जलधारा अपने मुँह से उगल कर महिला के पीछे छोड़ दी, जिससे वह महिला को अपनी बाढ़ में बहा ले जाये,।


इस पर पंखदार सर्प को महिला पर बड़ा क्रोध आया और वह उसकी शेष सन्‍तान से युद्ध करने निकला, अर्थात उन लोगों से जो परमेश्‍वर की आज्ञाओं का पालन करते और येशु के विषय में दी हुई साक्षी पर अटल रहते हैं।


तब आकाश में एक अन्‍य चिह्‍न दिखाई पड़ा: लाल रंग का एक बहुत बड़ा पंखदार सर्प। उसके सात सिर थे, दस सींग थे और हर एक सिर पर एक मुकुट था।


उसकी पूँछ ने आकाश के एक तिहाई तारे बुहार कर पृथ्‍वी पर फेंक दिये। वह पंखदार सर्प प्रसव-पीड़ित महिला के सामने खड़ा रहा, जिससे वह नवजात शिशु को निगल जाये।


तब वह विशालकाय पंखदार सर्प-वह पुराना साँप, जो दोष लगाने वाला शैतान कहलाता और सारे संसार को भटकाता है-अपने दूतों के साथ पृथ्‍वी पर पटक दिया गया।


मैंने जिस पशु को देखा, वह चीते के सदृश था, किन्‍तु उसके पैर भालू के पैरों-जैसे थे और उसका मुँह सिंह के मुँह-जैसा था। पंखदार सर्प ने उसे अपना सामर्थ्य, अपना सिंहासन और महान अधिकार प्रदान किया।


लोगों ने पंखदार सर्प की पूजा की, क्‍योंकि उसने पशु को अधिकार प्रदान किया था और उन्‍होंने यह कहते हुए पशु की भी पूजा की, “इस पशु की बराबरी कौन कर सकता है? इस से युद्ध करने में कौन समर्थ है?”


उन्‍हें बहकाने वाले शैतान को आग और गन्‍धक के कुण्‍ड में डाल दिया गया, जहाँ पशु और झूठा नबी डाल दिये गये थे। वे युग-युगों तक दिन रात यन्‍त्रणा भोगेंगे।


एक हजार वर्ष पूरे हो जाने के बाद शैतान बन्‍दीगृह से छोड़ दिया जायेगा


उनका एक राजा था, अर्थात अगाध गर्त्त का दूत, जिसका नाम इब्रानी में अबद्दोन है और यूनानी में अप्‍पुलयोन।


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