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इफिसियों 2:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

3 हम सभी पहले उन विरोधियों में सम्‍मिलित थे, जब हम अपनी कुप्रवृत्तियों के वशीभूत हो कर अपने शरीर और मन की वासनाओं को तृप्‍त करते थे। हम दूसरों की तरह अपने स्‍वभाव के कारण परमेश्‍वर के कोप के पात्र थे।

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पवित्र बाइबल

3 एक समय हम भी उन्हीं के बीच जीते थे और अपनी पापपूर्ण प्रकृति की भौतिक इच्छाओं को तृप्त करते हुए अपने हृदयों और पापपूर्ण प्रकृति की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए संसार के दूसरे लोगों के समान परमेश्वर के क्रोध के पात्र थे।

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Hindi Holy Bible

3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

3 इनमें हम भी सब के सब पहले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर और मन की इच्छाएँ पूरी करते थे, और अन्य लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।

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नवीन हिंदी बाइबल

3 हम सब भी पहले उन्हीं के बीच अपने शरीर की लालसाओं में जीते थे, और शरीर तथा मन की इच्छाएँ पूरी करते थे, और अन्य लोगों के समान ही स्वभाव से क्रोध के पात्र थे।

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सरल हिन्दी बाइबल

3 एक समय था जब हम भी इन्हीं में थे और अपनी वासनाओं में लीन रहते थे, शरीर और मन की अभिलाषाओं को पूरा करने में लगे हुए अन्यों के समान क्रोध की संतान थे

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इफिसियों 2:3
54 क्रॉस रेफरेंस  

क्‍योंकि हम भी तो पहले नासमझ, अवज्ञाकारी, भटके हुए, हर प्रकार की वासनाओं और भोगों के वशीभूत थे। हम विद्वेष और ईष्‍र्या में जीवन बिताते थे। हम घृणित थे और एक दूसरे से बैर करते थे।


आप आज्ञाकारी सन्‍तान बन कर अपनी वासनाओं के अनुसार आचरण नहीं करें, जैसा कि पहले किया करते थे जब आप लोगों को ज्ञान नहीं मिला था।


तो आप लोगों को अपना पहला आचरण और पुराना स्‍वभाव त्‍याग देना चाहिए, क्‍योंकि वह बहकाने वाली दुर्वासनाओं के कारण बिगड़ता जा रहा है।


आप प्रभु येशु मसीह को धारण करें और शरीर की वासनाएँ तृप्‍त करने का विचार छोड़ दें।


अब आप लोग अपने मरणशील शरीर में पाप का राज्‍य स्‍वीकार नहीं करें और उसकी वासनाओं के अधीन नहीं रहें।


मैं अधर्म में उत्‍पन्न हुआ था; और पाप में मेरी मां ने मुझे गर्भ में धारण किया था।


संसार में जो शरीर की वासना, आँखों का लोभ और धन-सम्‍पत्ति का घमण्‍ड है, वह सब पिता से नहीं, बल्‍कि संसार से आता है।


क्‍योंकि आपका आचरण पहले इस युग-संसार की रीति के अनुकूल, आकाश में अधिकार जमाने वाले नायक के अनुकूल था। आप उस आत्‍मा के वश में थे, जो अब तक परमेश्‍वर के विरोधियों में क्रियाशील है।


“तुम तो अपने पिता शैतान से हो और अपने पिता की इच्‍छा पूरी करना चाहते हो। वह तो प्रारम्‍भ से ही हत्‍यारा था। वह सत्‍य पर स्‍थिर नहीं रहता, क्‍योंकि उसमें सत्‍य है ही नहीं। जब वह झूठ बोलता है, तो अपने ही स्‍वभाव के अनुसार बोलता है; क्‍योंकि वह झूठा है और झूठ का पिता है।


प्रिय भाइयो और बहिनो! हमें इस प्रकार की प्रतिज्ञाएं मिली हैं। इसलिए हम शरीर और मन के हर प्रकार के दूषण से अपने को शुद्ध करें और परमेश्‍वर पर श्रद्धा-भक्‍ति रखते हुए पवित्रता की परिपूर्णता तक पहुँचने का प्रयत्‍न करते रहें।


कौन है वह, जो तुम को दूसरों की अपेक्षा अधिक महत्व देता है? तुम्‍हारे पास क्‍या है, जो तुम्‍हें न दिया गया हो? और यदि तुम को सब कुछ दान में मिला है, तो इस पर क्‍यों गर्व करते हो, मानो यह तुम्‍हें न दिया गया हो?


मैं जानता हूँ कि मुझ में, अर्थात् मेरे शारीरिक स्‍वभाव में, मसीह का निवास नहीं है; क्‍योंकि अच्‍छे कार्य करने की इच्‍छा तो मुझ में विद्यमान है, किन्‍तु उन्‍हें कार्यान्‍वित करने की शक्‍ति मुझमें नहीं है।


परन्‍तु संसार की चिन्‍ताएँ, धन का मोह और अन्‍य बातों की इच्‍छाएँ उन में प्रवेश कर वचन को दबा देती हैं और वह फल नहीं लाता।


प्रभु ने देखा कि पृथ्‍वी पर मनुष्‍य का दुराचार बढ़ गया है, और उसके मन के सारे विचार निरन्‍तर बुराई के लिए ही होते हैं।


जिस तरह आप लोग पहले परमेश्‍वर की अवज्ञा करते थे और अब, यहूदियों की अवज्ञा के कारण, परमेश्‍वर के कृपापात्र बन गए हैं,


यदि परमेश्‍वर ने अपना क्रोध प्रदर्शित करने तथा अपना सामर्थ्य प्रकट करने के उद्देश्‍य से बहुत धैर्य से कोप के उन पात्रों को सहन किया, जो विनाश के लिए तैयार थे, तो कौन आपत्ति कर सकता है?


वे न तो रक्‍त से, न शरीर की वासना से, और न किसी पुरुष की इच्‍छा से, बल्‍कि परमेश्‍वर से उत्‍पन्न हुए हैं।


हम-सब भटकी हुई भेड़ों के सदृश थे; प्रत्‍येक व्यक्‍ति अपने-अपने मार्ग पर चल रहा था। परन्‍तु प्रभु ने हमारे सब दुष्‍कर्मों का बोझ उस पर लाद दिया।


तब क्‍या मनुष्‍य उसके सम्‍मुख धार्मिक सिद्ध हो सकता है? नारी से उत्‍पन्न मानव कदापि पवित्र नहीं हो सकता है!


काश! अशुद्ध मनुष्‍यजाति में एक भी मनुष्‍य शुद्ध होता! पर नहीं, एक भी मनुष्‍य शुद्ध नहीं है।


जब प्रभु को अग्‍निबलि की सुखद सुगन्‍ध मिली तब उसने अपने हृदय में कहा, ‘अब मैं मनुष्‍य के कारण भूमि को कभी शाप न दूंगा। बचपन से ही मनुष्‍य के मन के विचार बुराई के लिए होते हैं। जैसा मैंने अभी किया है वैसा जीवित प्राणियों का पुन: विनाश न करूंगा।


जो लोग अभी-अभी भ्रान्‍ति का जीवन बिताने वालों से अलग हुए हैं, वे उन्‍हें व्‍यर्थ शब्‍दाडम्‍बर और शरीर की घृणित वासनाओं द्वारा लुभाते हैं।


उनकी आँखें व्‍यभिचार से भरी हैं और उन में कभी तृप्‍त न होनेवाली पाप की भूख बनी हुई है। वे दुर्बल आत्‍माओं को लुभाते हैं। उनका मन लोभ में प्रशििक्षत हो चुका है। यह अभिशप्‍त सन्‍तति


जो लोग धन बटोरना चाहते हैं और ऐसी मूर्खतापूर्ण तथा हानिकर वासनाओं के शिकार बनते हैं, जो मनुष्‍यों को पतन और विनाश के गर्त्त में ढकेल देती हैं;


परन्‍तु धर्मग्रन्‍थ ने सब कुछ पाप की शक्‍ति के अधीन बंदी बना दिया है, जिससे येशु मसीह में विश्‍वास के द्वारा विश्‍वास करने वालों के लिए प्रतिज्ञा पूरी की जाये।


इसलिए परमेश्‍वर ने उन्‍हें उनके मन की दुर्वासनाओं के अनुसार दुराचरण का शिकार होने दिया और वे एक-दूसरे के शरीर को अपवित्र करते हैं।


फिर भी जो आज्ञा मैं तुम्‍हें लिख रहा हूँ, वह नयी है। वह नयी इसलिए है कि वह मसीह में चरितार्थ हुई और तुम में भी चरितार्थ हो रही है; क्‍योंकि अन्‍धकार हट रहा है और सत्‍य की ज्‍योति अब चमकने लगी है।


उसने बीते युगों में सब जातियों को अपने-अपने मार्ग पर चलने दिया।


जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ तब उसने अपने सदृश, अपने ही स्‍वरूप में एक पुत्र को उत्‍पन्न किया। उसने उसका नाम ‘शेत’ रखा।


जब गैर-यहूदी, जिन्‍हें मूसा की व्‍यवस्‍था नहीं मिली, अपने आप उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं, तो वे व्‍यवस्‍था-विहीन होते हुए भी स्‍वयं अपने लिए व्‍यवस्‍था हैं;


यदि हम मसीह के रक्‍त के कारण धार्मिक ठहराए गये, तो हम निश्‍चय ही मसीह द्वारा परमेश्‍वर के प्रकोप से बच जायेंगे।


हम शत्रु ही थे, जब परमेश्‍वर के साथ हमारा मेल उसके पुत्र की मृत्‍यु द्वारा हो गया था; और परमेश्‍वर के साथ मेल हो जाने के बाद उसके पुत्र के जीवन द्वारा निश्‍चय ही हमारा उद्धार होगा।


आप लोग भी अपने कुकर्मों के कारण परमेश्‍वर से दूर हो गये थे और आपके मन में शत्रुता भर गयी थी।


भाइयो और बहिनो! हम चाहते हैं कि मृतकों के विषय में आप को निश्‍चित जानकारी हो। कहीं ऐसा न हो कि आप उन लोगों की तरह शोक मनायें, जिन्‍हें कोई आशा नहीं है।


इसलिए हम दूसरों की तरह नहीं सोयें, बल्‍कि जागते हुए सतर्क रहें।


हमारे पर का पालन करें:

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