2 पतरस 2:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)14 उनकी आँखें व्यभिचार से भरी हैं और उन में कभी तृप्त न होनेवाली पाप की भूख बनी हुई है। वे दुर्बल आत्माओं को लुभाते हैं। उनका मन लोभ में प्रशििक्षत हो चुका है। यह अभिशप्त सन्तति अध्याय देखेंपवित्र बाइबल14 ये सदा किसी ऐसी स्त्री की ताक में रहते हैं जिसके साथ व्यभिचार किया जा सके। इस प्रकार इनकी आँखें पाप करने से बाज़ नहीं आतीं। ये अस्थिर लोगों को पाप के लिए फुसला लेते हैं। इनके मन पूरी तरह लालच के आदी हैं। ये अभिशाप के पुत्र हैं। अध्याय देखेंHindi Holy Bible14 उन ही आंखों में व्यभिचार बसा हुआ है, और वे पाप किए बिना रूक नहीं सकते: वे चंचल मन वालों को फुसला लेते हैं; उन के मन को लोभ करने का अभ्यास हो गया है, वे सन्ताप के सन्तान हैं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)14 उनकी आँखों में व्यभिचार बसा हुआ है, और वे पाप किए बिना रुक नहीं सकते। वे चंचल मनवालों को फुसला लेते हैं। उनके मन को लोभ करने का अभ्यास हो गया है; वे सन्ताप की सन्तान हैं। अध्याय देखेंनवीन हिंदी बाइबल14 उनकी आँखें व्यभिचार से भरी हैं और वे पाप करने से नहीं रुकते। वे अस्थिर मनवालों को फुसला लेते हैं। उनका मन लोभ का आदी हो गया है, और वे शापित संतान हैं। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल14 इनकी आंखें व्यभिचार से भरी हुई हैं और ये पाप करने से नहीं चूकते. ये चंचल व्यक्तियों को लुभाते हैं, इनके हृदय में लालच भरा है, ये शापित संतान हैं. अध्याय देखें |
उनसे कह, स्वामी-प्रभु यों कहता है : धिक्कार है तुम्हें! तुम प्राणियों का शिकार करने के लिए ताबीज बनाती हो और बुरकों की सिलाई करती हो। तुम उनको सब लोगों की कलाइयों पर बान्धती, और हर एक कद के लोगों के सिरों पर ओढ़ाती हो। तुम मेरे निज लोगों के प्राणों का शिकार करती हो और अपनी जीविका के लिए दूसरे प्राणों को छोड़ देती हो। क्या यह उचित है?