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रोमियों 12:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 आप इस संसार के अनुरूप आचरण न करें, बल्‍कि सब कुछ नयी दृष्‍टि से देखें और अपना स्‍वभाव बदल लें। इस प्रकार आप जान जायेंगे कि परमेश्‍वर क्‍या चाहता है और उसकी दृष्‍टि में क्‍या भला, सुग्राह्य तथा सर्वोत्तम है।

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पवित्र बाइबल

2 अब और आगे इस दुनिया की रीति पर मत चलो बल्कि अपने मनों को नया करके अपने आप को बदल डालो ताकि तुम्हें पता चल जाये कि परमेश्वर तुम्हारे लिए क्या चाहता है। यानी जो उत्तम है, जो उसे भाता है और जो सम्पूर्ण है।

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Hindi Holy Bible

2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो॥

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारे मन के नए हो जाने से तुम्हारा चाल–चलन भी बदलता जाए, जिससे तुम परमेश्‍वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो।

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नवीन हिंदी बाइबल

2 इस संसार के सदृश्य न बनो, बल्कि अपने मन के नए हो जाने के द्वारा तुम परिवर्तित होते जाओ, जिससे तुम परमेश्‍वर की इच्छा को पहचान सको, जो भली, ग्रहणयोग्य और सिद्ध है।

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सरल हिन्दी बाइबल

2 इस संसार के स्वरूप में न ढलो, परंतु मन के नए हो जाने के द्वारा तुममें जड़ से परिवर्तन हो जाए कि तुम परमेश्वर की इच्छा को, जो उत्तम, ग्रहण करने योग्य तथा त्रुटिहीन है, सत्यापित कर सको.

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रोमियों 12:2
61 क्रॉस रेफरेंस  

इसलिए अब तुम अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्‍वर से अपना पाप स्‍वीकार करो, और उसकी इच्‍छा के अनुसार कार्य करो। स्‍वयं को इस देश में रहने वाली जातियों से अलग करो। जिन विदेशी कन्‍याओं से तुमने विवाह किया है, उनसे सम्‍बन्‍ध-विच्‍छेद कर लो।’


तेरे वचन मेरी जीभ को कितने स्‍वादिष्‍ट लगते हैं! वे मेरे मुंह में मधु से अधिक मीठे हैं।


तेरे समस्‍त आदेशों के अनुरूप अपने आचरण को ढालता हूं; मैं प्रत्‍येक असत्‍य पथ से घृणा करता हूं।


हे प्रभु, मैं तेरे उद्धार की अभिलाषा करता हूं; क्‍योंकि तेरी व्‍यवस्‍था मेरा हर्ष है।


सोने-चांदी के लाखों टुकड़ों की अपेक्षा तेरे मुंह की व्‍यवस्‍था मेरे लिए उत्तम है।


मैं तेरी व्‍यवस्‍था से कितना प्रेम करता हूं! दिन-भर मैं उसका पाठ करता हूं।


परखकर देखो कि प्रभु कितना भला है। धन्‍य है वह व्यक्‍ति जो प्रभु की शरण में आता है।


हे परमेश्‍वर, मुझ में शुद्ध हृदय उत्‍पन्न कर। तू मेरे भीतर नई और स्‍थिर आत्‍मा निर्मित कर।


तू बुरा कार्य करने के लिए भीड़ का अनुसरण नहीं करना। तू न्‍याय को विकृत करने के उद्देश्‍य से भीड़ का अनुसरण मत करना और मुकद्दमे में झूठी साक्षी नहीं देना।


तुमने मेरे विरुद्ध अनेक कुकर्म किए हैं। उन-सब को अपने से दूर करो; और तब अपने भीतर नया हृदय और नई आत्‍मा धारण करो। ‘ओ इस्राएल के कुल, तू क्‍यों मरना चाहता है?


मैं तुम्‍हें एक नया हृदय दूंगा, और तुम्‍हारे भीतर एक नई आत्‍मा उत्‍पन्न करूंगा। मैं तुम्‍हारी देह से तुम्‍हारा पाषाण हृदय निकाल कर तुम्‍हें संवेदनशीलहृदय दूंगा


जो काँटों में बोया गया है : यह वह है, जो वचन सुनता है; परन्‍तु संसार की चिन्‍ता और धन का मोह वचन को दबा देता है और वह फल नहीं लाता।


परन्‍तु संसार की चिन्‍ताएँ, धन का मोह और अन्‍य बातों की इच्‍छाएँ उन में प्रवेश कर वचन को दबा देती हैं और वह फल नहीं लाता।


“अब मैं तुम से और अधिक बातें नहीं करूँगा, क्‍योंकि इस संसार का अधिपति आ रहा है। वह मेरा कुछ नहीं कर सकता,


यदि तुम संसार के होते, तो संसार तुम्‍हें अपना समझ कर प्‍यार करता। परन्‍तु तुम संसार के नहीं हो, क्‍योंकि मैंने तुम्‍हें संसार में से चुन लिया है। इसीलिए संसार तुम से बैर करता है।


मैंने उन्‍हें तेरा वचन प्रदान किया है। संसार ने उनसे बैर किया, क्‍योंकि जिस तरह मैं संसार का नहीं हूँ, उसी तरह वे भी संसार के नहीं हैं।


संसार तुम से बैर नहीं कर सकता; किन्‍तु वह मुझ से बैर करता है, क्‍योंकि मैं उसके विषय में यह साक्षी देता हूँ कि उसके काम बुरे हैं।


अत:, भाइयो और बहिनो! मैं परमेश्‍वर की दया के नाम पर अनुरोध करता हूँ कि आप जीवन्‍त, पवित्र तथा सुग्राह्य बलि के रूप में अपने को परमेश्‍वर के प्रति अर्पित करें; यही आपकी आत्‍मिक उपासना है।


आप प्रभु येशु मसीह को धारण करें और शरीर की वासनाएँ तृप्‍त करने का विचार छोड़ दें।


इस प्रकार हम देखते हैं कि व्‍यवस्‍था पवित्र है और आज्ञा पवित्र, उचित एवं कल्‍याणकारी।


हम जानते हैं कि व्‍यवस्‍था आध्‍यात्‍मिक है, किन्‍तु मैं शारीरिक और पाप के हाथ बिका हुआ दास हूँ,


मेरा अन्‍तर्मन परमेश्‍वर की व्‍यवस्‍था पर मुग्‍ध है,


क्‍योंकि इस संसार का ज्ञान परमेश्‍वर की दृष्‍टि में ‘मूर्खता’ है। धर्मग्रन्‍थ में यह लिखा है, “वह ज्ञानियों को उनकी चतुराई में ही फंसाता है”


इस युग-संसार के देवता ने अविश्‍वासियों का मन इतना अन्‍धा कर दिया है कि वे परमेश्‍वर के प्रतिरूप, अर्थात् मसीह के तेजोमय शुभ समाचार की ज्‍योति को देखने में असमर्थ हैं।


इसका अर्थ यह है कि यदि कोई मसीह के साथ एक हो गया है, तो वह नयी सृष्‍टि बन गया है। पुरानी बातें समाप्‍त हो गयी हैं और अब नई बातें आ गयी हैं।


मसीह ने हमारे पापों के कारण अपने को अर्पित किया, जिससे वह हमारे पिता परमेश्‍वर की इच्‍छानुसार वर्तमान पापमय युग-संसार से हमारा उद्धार करें।


वह आप लोगों के मन की आंखों को ज्‍योति प्रदान करे, जिससे आप यह देख सकें कि उसके द्वारा बुलाये जाने के कारण आप लोगों की आशा कितनी महान है और सन्‍तों के साथ आप लोगों को जो विरासत मिली है, वह कितनी वैभवपूर्ण तथा महिमामय है,


क्‍योंकि आपका आचरण पहले इस युग-संसार की रीति के अनुकूल, आकाश में अधिकार जमाने वाले नायक के अनुकूल था। आप उस आत्‍मा के वश में थे, जो अब तक परमेश्‍वर के विरोधियों में क्रियाशील है।


आप लोग नासमझ न बनें, बल्‍कि प्रभु की इच्‍छा क्‍या है, यह पहचानें।


जिस दिन से हमने यह सुना, हम निरन्‍तर आप लोगो के लिए प्रार्थना करते रहे हैं। हम परमेश्‍वर से यह निवेदन करते हैं कि वह आप को समस्‍त प्रज्ञ तथा आध्‍यात्‍मिक अन्‍तर्दृष्‍टि प्रदान करें, जिससे आप उसकी इच्‍छा पूर्ण रूप से समझ सकें।


एक नया स्‍वभाव धारण किया है। यह स्‍वभाव अपने सृष्‍टिकर्ता का प्रतिरूप बन कर नवीन होता रहता और पूर्ण ज्ञान की ओर आगे बढ़ता है।


आपके देशवासी इपफ्रास आप लोगों को नमस्‍कार कहते हैं। येशु मसीह के यह सेवक निरन्‍तर आप लोगों के लिए संघर्षमय प्रार्थना करते हैं, जिससे आप लोग सब बातों में परमेश्‍वर की इच्‍छा पूर्ण रूप से पूरी करने में सुदृढ़ बने रहें।


परमेश्‍वर की इच्‍छा यही है कि आप लोग पवित्र बनें और व्‍यभिचार से दूर रहें।


उसने नवजीवन के जल और पवित्र आत्‍मा की संजीवन शक्‍ति द्वारा हमारा उद्धार किया। उसने हमारे किसी पुण्‍य धर्म-कर्म के कारण ऐसा नहीं किया, बल्‍कि इसलिए कि वह दयालु है।


पिता परमेश्‍वर की दृष्‍टि में शुद्ध और निर्मल धर्म यह है : विपत्ति में पड़े हुए अनाथों और विधवाओं की सहायता करना और अपने को संसार के दूषण से बचाये रखना।


व्‍यभिचारियों के सदृश आचरण करने वाले अनिष्‍ठावान लोगो! क्‍या तुम यह नहीं जानते कि संसार से मित्रता रखने का अर्थ है परमेश्‍वर से बैर करना? जो संसार का मित्र होना चाहता है, वह परमेश्‍वर का शत्रु बन जाता है।


आप आज्ञाकारी सन्‍तान बन कर अपनी वासनाओं के अनुसार आचरण नहीं करें, जैसा कि पहले किया करते थे जब आप लोगों को ज्ञान नहीं मिला था।


आप लोग जानते हैं कि पूर्वजों से चली आयी हुई निरर्थक जीवनचर्या से आपका उद्धार सोने-चांदी जैसी नश्‍वर चीजों की क़ीमत पर नहीं हुआ है,


और उसे मानवीय वासनाओं के अनुसार नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर की इच्‍छानुसार अपना शेष जीवन बिताना चाहिए।


उस महिमा और प्रताप के द्वारा उसने हमारे लिए अपनी अमूल्‍य और महती प्रतिज्ञाओं को पूरा किया है। इस प्रकार आप उस दूषण से बच गये, जो वासना के कारण संसार में व्‍याप्‍त है और आप ईश्‍वरीय स्‍वभाव के सहभागी बन गये हैं।


जो व्यक्‍ति हमारे प्रभु एवं मुक्‍तिदाता येशु मसीह का ज्ञान प्राप्‍त कर संसार के दूषण से बच गये, वे यदि फिर उसी में फँस कर उसके अधीन हो जाते हैं, तो उनकी यह पिछली दशा पहली से भी बुरी होती है।


भाइयो और बहिनो! यदि संसार तुम से बैर करे, तो उस पर आश्‍चर्य मत करो।


हम जानते हैं कि हम परमेश्‍वर के हैं, जब कि समस्‍त संसार उस दुष्‍ट के वश में है।


तब वह विशालकाय पंखदार सर्प-वह पुराना साँप, जो दोष लगाने वाला शैतान कहलाता और सारे संसार को भटकाता है-अपने दूतों के साथ पृथ्‍वी पर पटक दिया गया।


पृथ्‍वी के वे सब निवासी पशु की पूजा करेंगे, जिनके नाम वध किये हुए मेमने के जीवन-ग्रन्‍थ में संसार के प्रारन्‍भ से अंकित नहीं हैं।


हमारे पर का पालन करें:

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