क्योंकि वह कहता था, ‘जब हम एक दुसरे से अलग होंगे तब प्रभु मेरा और तुम्हारा निरीक्षण करता रहेगा।
1 शमूएल 7:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: वे मिस्पाह में एकत्र हुए। उन्होंने पानी भरा और उसको प्रभु के सम्मुख उण्डेला। उन्होंने उस दिन उपवास किया। उन्होंने वहाँ यह स्वीकार किया, ‘हमने प्रभु के विरुद्ध पाप किया है।’ इस प्रकार शमूएल मिस्पाह में इस्राएलियों पर शासन करने लगा। पवित्र बाइबल इस्राएली मिस्पा में एक साथ इकट्ठे हुए। वे जल लाये और यहोवा के सामने वह जल चढ़ाया। इस प्रकार उन्होंने उपवास का समय आरम्भ किया। उन्होने उस दिन भोजन नहीं किया और उन्होंने अपने पापों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “हम लोगों ने यहोवा के विरूद्ध पाप किया है।” इस प्रकार शमूएल ने मिस्पा में इस्राएल के न्यायाधीश के रूप में काम किया। Hindi Holy Bible तब वे मिस्पा में इकट्ठे हुए, और जल भरके यहोवा के साम्हने उंडेल दिया, और उस दिन उपवास किया, और वहां कहने लगे, कि हम ने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है। और शमूएल ने मिस्पा में इस्राएलियों का न्याय किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब वे मिस्पा में इकट्ठा हुए, और जल भर के यहोवा के सामने उंडेल दिया, और उस दिन उपवास किया, और वहाँ कहने लगे, “हम ने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है।” और शमूएल ने मिस्पा में इस्राएलियों का न्याय किया। सरल हिन्दी बाइबल वे सभी मिज़पाह में इकट्ठा हो गए और उन्होंने जल निकाला और याहवेह के सामने उंडेल दिया. उस दिन उन्होंने उपवास किया और यह स्वीकार किया, “हमने याहवेह के विरुद्ध पाप किया है.” मिज़पाह ही वह स्थान था, जहां से शमुएल ने इस्राएल राष्ट्र के न्यायाध्यक्ष के पद पर काम करना शुरू किया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब वे मिस्पा में इकट्ठे हुए, और जल भर के यहोवा के सामने उण्डेल दिया, और उस दिन उपवास किया, और वहाँ कहने लगे, “हमने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है।” और शमूएल ने मिस्पा में इस्राएलियों का न्याय किया। |
क्योंकि वह कहता था, ‘जब हम एक दुसरे से अलग होंगे तब प्रभु मेरा और तुम्हारा निरीक्षण करता रहेगा।
हम सबको एक न एक दिन मरना ही है। हम भूमि पर उण्डेले गए जल के समान हैं जिसको फिर एकत्र नहीं किया जा सकता है; और न परमेश्वर शव को खड़ा करता है। अब महाराज ऐसी योजना बनाएँ कि निर्वासित व्यक्ति उनसे दूर न रहे, वह देश-निकाला हुआ न रहे।
तब यदि वे बन्दी-देश में होश में आएंगे, पश्चात्ताप करेंगे और अपने विजेताओं के देश में तुझसे विनती करेंगे, और यह कहेंगे, “हमने पाप किया; हमने अधर्म और दुष्कर्म किया” ,
तब ये तीन महायोद्धा पलिश्ती पड़ाव को चीरकर बेतहेलम के प्रवेश-द्वार पर पहुंचे। उन्होंने कुएं से पानी खींचा। वे पानी लेकर दाऊद के पास आए। परन्तु दाऊद ने पानी पीने से इनकार कर दिया। उसने पानी को प्रभु के नाम पर अर्पण कर उण्डेल दिया।
यह खबर सुनकर यहोशाफट डर गया, और उसने प्रभु की इच्छा जानने का प्रयत्न किया। उसने समस्त यहूदा प्रदेश में सामूहिक उपवास की घोषणा कर दी।
अत: तूने हमारे पूर्वजों को उनके शत्रुओं के हाथ में सौंप दिया, जिन्होंने उनको दु:ख-कष्ट दिए। पर संकट के समय उन्होंने तुझे पुकारा, और तूने स्वर्ग में उनकी पुकार सुनी। तूने अपने अपार दयामय स्वभाव के कारण उनको छुड़ानेवाले मुक्तिदाता भेजे, जिन्होंने शत्रुओं के हाथ से उनको छुड़ाया।
मनुष्य लोगों के सम्मुख गीत गाता है, और यह कहता है, “मैंने पाप किया था, मैंने उचित कार्य को अनुचित बना दिया था, तो भी मुझे इस अधर्म का दण्ड नहीं दिया गया।
‘प्रभु, मैं एक तुच्छ मनुष्य हूँ, मैं तुझे क्या उत्तर दे सकता हूँ? मैंने अपने ओंठ सिल लिये हैं।
मेरी आंखें आंसुओं की धाराएं प्रवाहित करती हैं; क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था का पालन नहीं करते हैं।
रात और दिन मेरे आंसू ही मेरा आहार रहे हैं। लोग निरन्तर मुझसे पूछते हैं, “कहां है तेरा परमेश्वर?”
मैं सिसकते-सिसकते थक गया; मैं प्रति रात अपने बिछौने को आंसुओं से भिगोता हूं, अश्रुधारा से मेरी शैया डूब जाती है।
लोगो, हर समय परमेश्वर पर ही भरोसा करो। उसके सम्मुख अपना हृदय उण्डेल दो, परमेश्वर ही हमारे लिए शरण-स्थल है। सेलाह
तुझ से विमुख हो जाने के बाद मैं पछताया; जब मैं दुष्कर्म के अधीन हो गया तब मैंने छाती पीट कर विलाप किया। मैं अपनी जवानी के पापों का स्मरण कर लज्जित हो जाता हूं, शर्म से मेरा सिर झुक जाता है।”
यहूदा प्रदेश के राजा यहोयाकीम बेन-योशियाह के राज्य-काल के पांचवें वर्ष के नौवें महीने में उपवास दिवस था। यहूदा प्रदेश के नगरों से लोग यरूशलेम नगर में आए थे। इन लोगों ने तथा यरूशलेम के रहनेवालों ने प्रभु के सम्मुख घोषणा की कि वे सामूहिक रूप से उपवास करेंगे।
काश, मेरा मस्तिष्क सागर होता, मेरी आंखें आँसुओं की झील होती, तो मैं अपने लोगों के महासंहार के कारण दिन-रात फूट-फूट कर रोता।
रोते-रोते मेरी आंखें धुंधली पड़ गईं; मेरी अंतड़ियाँ ऐंठ रही हैं; मेरा कलेजा मुंह को आ रहा है; क्योंकि मेरे लोगों की नगरी का सर्वनाश हो गया; शिशु और बच्चे नगर के चौराहों पर मूर्च्छित पड़े हैं।
स्वतंत्र राष्ट्र का प्रतीक मुकुट हमारे सिर से नीचे गिर गया। धिक्कार है हमें! क्योंकि हमने पाप किया है।
ओ मानव-सन्तान, तू ही उनका न्याय कर। तू स्वयं न्याय-निर्णय कर कि कौन दोषी है। उनके पूर्वजों ने जो घृणित कार्य किए हैं, वे उनको बता,
ओ पुरोहितो, यह सुनो। ओ इस्राएल वंश, ध्यान दे। ओ राज-परिवार, कान दे। तेरा न्याय किया जाएगा। तुम मिस्पाह नगर में एक फन्दा हो, ताबोर पर्वत पर बिछे एक जाल हो।
प्रभु का यह सन्देश है : ‘अब भी तुम पूर्ण हृदय से उपवास करते, शोक मनाते और रोते हुए मेरे पास लौटो। पश्चात्ताप करने के लिए
‘यह तुम्हारे लिए स्थायी संविधि होगी: तुम सातवें महीने के दसवें दिन स्वयं को उपवास के द्वारा पीड़ित करना। उस दिन कोई भी व्यक्ति चाहे वह देशी हो अथवा तुम्हारे मध्य में निवास करने वाला प्रवासी हो, काम नहीं करेगा;
‘यदि वे अपने अधर्म को और पूर्वजों के अधर्म को स्वीकारते हैं, जो उन्होंने मेरे विरुद्ध विश्वासघात करके और मेरे विरुद्ध चलकर किया था,
मैं उठ कर अपने पिता के पास जाऊंगा और उन से कहूँगा, “पिताजी! मैंने स्वर्ग के विरुद्ध और आपके प्रति पाप किया है।
तब इस्राएलियों ने प्रभु की दुहाई दी। उन्होंने कहा, ‘हे प्रभु, हमने तेरे विरुद्ध पाप किया; क्योंकि हमने तुझे, अपने परमेश्वर को, त्याग दिया और बअल देवता की पूजा की।’
इस्राएलियों ने प्रभु से कहा, ‘हमने पाप किया है! अब जो कार्य तेरी दृष्टि में उचित हो वही हमारे साथ कर। हम विनती करते हैं, कृपया, आज हमारा उद्धार कर।’
जब प्रभु के दूत ने ये बातें समस्त इस्राएली समाज से कहीं तब वे ऊंचे स्वर में रोने लगे।
इस्राएली प्रभु के पास गए। वे सन्ध्या समय तक उसके सम्मुख रोते रहे। उन्होंने प्रभु से पूछा, ‘क्या हम अपने जाति-भाई बिन्यामिनियों से युद्ध करने के लिए फिर जाएँ?’ प्रभु ने कहा, ‘उन पर चढ़ाई करो।’
तब सब इस्राएली लोग, समस्त सेना बेत-एल गई। वे प्रभु के सम्मुख आए। वे वहाँ प्रभु के सम्मुख बैठ गए। वे रोए। उन्होंने सन्ध्या समय तक उपवास किया, और प्रभु के सम्मुख अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि अर्पित की।
प्रभु का आत्मा उस पर उतरा। उसने इस्राएलियों पर शासन किया। वह मसोपोतामिया के राजा कूशन-रिश्आतइम से युद्ध करने बाहर निकला। प्रभु ने राजा को उसके हाथ में सौंप दिया। कूशन-रिश्आतइम शासक ओतनीएल के अधीन हो गया।
हन्नाह ने उत्तर दिया, ‘नहीं, मेरे स्वामी, मैं ऐसी स्त्री हूँ, जिसके दिन कठिनाई से बीत रहे हैं। न मैंने अंगूर का रस पीया है, और न शराब। मैं प्रभु के सम्मुख अपने प्राण को उण्डेल रही थी।
उन्होंने प्रभु की दुहाई दी, और यह कहा, “हमने पाप किया, क्योंकि हमने तुझ प्रभु को त्यागकर बअल देवता और अशेराह देवी की सेवा की। अब प्रभु, हमारे शत्रुओं के हाथ से हमें मुक्त कर। हम तेरी सेवा करेंगे।”