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लैव्यव्यवस्था 16:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

29 ‘यह तुम्‍हारे लिए स्‍थायी संविधि होगी: तुम सातवें महीने के दसवें दिन स्‍वयं को उपवास के द्वारा पीड़ित करना। उस दिन कोई भी व्यक्‍ति चाहे वह देशी हो अथवा तुम्‍हारे मध्‍य में निवास करने वाला प्रवासी हो, काम नहीं करेगा;

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पवित्र बाइबल

29 “यह नियम तुम्हारे लिए सदैव रहेगा: सातवें महीने के दसवें दिन तुम्हें उपवास करना चाहिए। तुम्हें कोई काम नहीं करना चाहिए। तुम्हारे साथ रहने वाले यात्री या विदेशी भी कोई काम नहीं कर सगेंगे।

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Hindi Holy Bible

29 और तुम लोगों के लिये यह सदा की विधि होगी कि सातवें महीने के दसवें दिन को तुम अपने अपने जीव को दु:ख देना, और उस दिन कोई, चाहे वह तुम्हारे निज देश को हो चाहे तुम्हारे बीच रहने वाला कोई पर देशी हो, कोई भी किसी प्रकार का काम काज न करे;

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

29 “तुम लोगों के लिये यह सदा की विधि होगी कि सातवें महीने के दसवें दिन को तुम अपने अपने जीव को दु:ख देना, और उस दिन कोई, चाहे वह तुम्हारे निज देश का हो चाहे तुम्हारे बीच रहने वाला कोई परदेशी हो, कोई भी किसी प्रकार का काम–काज न करे;

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नवीन हिंदी बाइबल

29 “यह तुम्हारे लिए सदा की एक विधि ठहरे कि सातवें महीने के दसवें दिन तुम स्वयं को कष्‍ट दो, और उस दिन तुम्हारे बीच रहनेवाला कोई भी व्यक्‍ति चाहे वह देशवासी हो या परदेशी, कोई काम-काज न करे।

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सरल हिन्दी बाइबल

29 “तुम्हारे लिए सदा की विधि यह होगी: सातवें महीने में, उस महीने के दसवें दिन अपने-अपने जीव को दुःख देने के अंतर्गत तुम—स्वदेशी अथवा विदेशी जो तुम्हारे बीच में रहते हैं—कोई भी कार्य न करना;

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लैव्यव्यवस्था 16:29
28 क्रॉस रेफरेंस  

सब इस्राएली पुरुष राजा सुलेमान के पास, वर्ष के सातवें महीने में, अर्थात् एतानीम महीने में, यात्रा-पर्व के अवसर पर एकत्र हुए।


कुलपति इस्राएल के वंशज अपने-अपने नगर में बस चुके थे। जब सातवां महीना आया तब सब इस्राएली संगठित होकर यरूशलेम में एकत्र हुए।


तब मैंने अहवा नदी के तट पर सामूहिक उपवास की घोषणा की ताकि हम परमेश्‍वर के सम्‍मुख विनम्र बनें, और उससे स्‍वयं की, अपने बच्‍चों की तथा सम्‍पत्ति की रक्षा के लिए निर्विघ्‍न यात्रा की मांग करें।


परन्‍तु जब वे रोगी थे, तब मैंने पश्‍चात्ताप के लिए टाट ओढ़ा था। स्‍वयं को भूख-प्‍यास से पीड़ित किया था। मैंने नतमस्‍तक हो प्रार्थना की थी।


जब मैंने उपवास से अपनी आत्‍मा को विनम्र किया, तब वह भी मेरे लिए निन्‍दा बन गया।


तुम पहले दिन और सातवें दिन पवित्र सभा बुलाना। इन दोनों दिनों में कोई भी काम न किया जाए; प्रत्‍येक मनुष्‍य के लिए जो भोजन चाहिए, केवल उसको तुम पका सकते हो।


किन्‍तु सातवां दिन तेरे प्रभु परमेश्‍वर का विश्राम दिवस है। इसलिए तू, तेरे पुत्र-पुत्री, सेवक-सेविका, तेरे पशु और तेरे नगरों में रहने वाले प्रवासी व्यक्‍ति उस दिन कोई कार्य न करें।


हारून वर्ष में एक बार उसके सींगों पर प्रायश्‍चित्त करेगा। तुम्‍हारी पीढ़ी से पीढ़ी, वर्ष में एक बार, प्रायश्‍चित्त की पाप-बलि के रक्‍त से उस पर प्रायश्‍चित्त किया जाए। यह वेदी प्रभु के लिए परम पवित्र है।’


तुम विश्राम-दिवस मनाना, क्‍योंकि वह तुम्‍हारे लिए पवित्र दिवस है। उसे अपवित्र करने वाले व्यक्‍ति को निश्‍चय ही मृत्‍यु-दण्‍ड दिया जाएगा। जो व्यक्‍ति उस दिन कोई कार्य करेगा, वह अपने समाज में से नष्‍ट किया जाएगा।


छ: दिन तक काम किया जाएगा, पर सातवां दिन परम विश्राम-दिवस है, प्रभु के लिए पवित्र दिवस है। जो व्यक्‍ति विश्राम-दिवस पर कार्य करेगा, उसे मृत्‍यु-दण्‍ड दिया जाएगा।


यदि तू विश्राम-दिवस को अपवित्र नहीं करेगा, मेरे पवित्र दिवस पर अपना दैनिक काम-धन्‍धा नहीं करेगा, और विश्राम-दिवस को आनन्‍द-पर्व मानेगा, उसको प्रभु का पवित्र और सम्‍मानीय दिन समझेगा; यदि तू अपने मार्ग पर अपने मन के अनुरूप आचरण नहीं करेगा, अपना काम-काज नहीं करेगा, और न व्‍यर्थ बातों में उसको गुजारेगा और यों उसका सम्‍मान करेगा;


वे मुझसे कहते हैं: ‘हम उपवास करते हैं किन्‍तु तू उसको देखता नहीं, हम अपने प्राण को कष्‍ट देते हैं, परन्‍तु तू उस पर ध्‍यान नहीं देता।’ देखो, जब तुम उपवास करते हो, तब तुम्‍हारा उद्देश्‍य अपनी इच्‍छाओं को पूर्ण करना होता है; तुम अपने मजदूरों पर अत्‍याचार करते हो।


क्‍या मैं ऐसे उपवास से प्रसन्न होता हूं? क्‍या इस दिन उपवास करनेवाले व्यक्‍ति को अपने प्राण को कष्‍ट नहीं देना चाहिए? क्‍या सिर को झाऊ वृक्ष की तरह झुकाना, अपने नीचे राख और टाट-वस्‍त्र बिछाना, उपवास कहलाता है? क्‍या तुम इसको उपवास कहते हो? क्‍या ऐसा उपवास का दिन मुझे स्‍वीकार होगा?


“उसने मुझसे कहा, “दानिएल, मत डर, क्‍योंकि तूने दर्शन का अर्थ समझने का दृढ़ निश्‍चय किया, और उपवास के द्वारा आत्‍मशुद्धि कर स्‍वयं को परमेश्‍वर के सम्‍मुख विनम्र बनाया है। उस दिन ही तेरी प्रार्थना के शब्‍द परमेश्‍वर ने सुन लिये। मैं तेरी प्रार्थना के कारण ही यहाँ आया हूं।


पूरे तीन सप्‍ताह तक मैंने राजसी भोजन नहीं किया। न तो मैंने मांस खाया और न मुंह में शराब ही डाली। मैंने तीन सप्‍ताह तक शरीर पर तेल की मालिश भी नहीं की।


तुम उसी दिन घोषणा करना और पवित्र समारोह का आयोजन करना। तुम किसी प्रकार का कठोर परिश्रम मत करना। यह तुम्‍हारे समस्‍त निवास-स्‍थानों में पीढ़ी से पीढ़ी तक स्‍थायी संविधि है।


छ: दिन तक तो कार्य किया जाएगा; किन्‍तु सातवां दिन परम विश्राम-दिवस, पवित्र समारोह का दिन है। तुम उस दिन कोई कार्य मत करना। वह तुम्‍हारे सब निवास स्‍थानों में प्रभु के हेतु विश्राम-दिवस माना जाएगा।


तुम सात दिन तक प्रभु को अग्‍नि में अर्पित बलि चढ़ाना। आठवें दिन पवित्र समारोह आयोजित करना, और प्रभु को अग्‍नि में अर्पित बलि चढ़ाना। यह गम्‍भीर समारोह है। अत: उस दिन तुम किसी प्रकार का कठोर परिश्रम मत करना।


तब तुम सातवें महीने के दसवें दिन सब स्‍थानों पर नरसिंगा फूंकना। प्रायश्‍चित्त दिवस पर तुम अपने देश के सब स्‍थानों पर नरसिंगा फूंकना।


यह तुम्‍हारी पीढ़ी से पीढ़ी तक, तुम्‍हारे समस्‍त निवास-स्‍थानों में चिरस्‍थायी संविधि होगी कि तुम चर्बी और रक्‍त नहीं खाओगे।’


‘तुम इस सातवें महीने के दसवें दिन एक पवित्र समारोह आयोजित करना। उस दिन तुम स्‍वयं को उपवास के द्वारा पीड़ित करना, और किसी भी प्रकार का कठोर परिश्रम मत करना;


बहुत समय बीत चुका था और समुद्री यात्रा अब ख़तरनाक हो गयी थी। शरतकालीन उपवास का दिन भी बीत चुका था, इसलिए पौलुस ने लोगों को यह सलाह दी,


यदि हम अपने अन्‍त:करण की ठीक-ठीक जाँच करते, तो हमें दोषी नहीं ठहराया जाता।


जिस व्यक्‍ति ने परमेश्‍वर के विश्रामस्‍थान में प्रवेश किया है, उसने, अर्थात् “येशु”† ने अपना कार्य समाप्‍त कर उसी प्रकार विश्राम किया है, जिस प्रकार परमेश्‍वर ने अपना कार्य समाप्‍त कर विश्राम किया।


अत: वे मिस्‍पाह में एकत्र हुए। उन्‍होंने पानी भरा और उसको प्रभु के सम्‍मुख उण्‍डेला। उन्‍होंने उस दिन उपवास किया। उन्‍होंने वहाँ यह स्‍वीकार किया, ‘हमने प्रभु के विरुद्ध पाप किया है।’ इस प्रकार शमूएल मिस्‍पाह में इस्राएलियों पर शासन करने लगा।


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