बाइबिल के पद

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68 बाइबल के श्लोक: पश्चाताप और क्षमा

सोचो, अगर तुम किसी से सच्चा प्यार करते हो, तो क्या तुम उन्हें दुखी करना चाहोगे? भगवान के साथ भी ऐसा ही है। जब हम पश्चाताप करते हैं, तो असल में हम अपने प्यार का इज़हार करते हैं, उनकी आज्ञाओं का पालन करने की इच्छा दिखाते हैं। प्रेरितों 3:191 में लिखा है, "इसलिए, मन फिराओ और लौट आओ कि तुम्हारे पाप मिटाए जाएँ, जिस से प्रभु के सामने से विश्राम के दिन आएँ।" यह सुसमाचार का एक सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत है, इस जीवन और अनंत काल में हमारी खुशी के लिए ज़रूरी है।

पश्चाताप सिर्फ़ एक एहसास नहीं है, यह सोच और दिल में बदलाव है। इससे भगवान, खुद के बारे में, और दुनिया के बारे में आपका नज़रिया बदल जाता है। यह आपको पाप से दूर ले जाता है और एक पवित्र जीवन की ओर, जो भगवान को पसंद है। आँसू बहाना ही काफी नहीं, बल्कि सच्चा परिवर्तन ज़रूरी है। मतलब, अब आप अपनी इच्छाओं के गुलाम नहीं रहोगे, बल्कि पूरे मन, पूरे दिल और पूरी ताकत से भगवान को खुश करने की कोशिश करोगे।

केवल वही दिल जो पूरी तरह से पश्चाताप करता है, मोक्ष प्राप्त कर सकता है, उसके पाप माफ़ किए जाते हैं और वह मसीह यीशु में अनंत जीवन का आनंद ले सकता है। इसलिए, सबसे पहले पवित्र आत्मा से प्रार्थना करो कि वह तुम्हें जाँचे और तुम्हें तुम्हारे बुरे कामों से दूर करे, ताकि तुम अंधकार से निकलकर प्रकाश की संतान बन सको।


मत्ती 4:17

उस समय से यीशु ने सुसंदेश का प्रचार शुरू कर दिया: “मन फिराओ! क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट है।”

प्रकाशितवाक्य 3:3

सो जिस उपदेश को तूने सुना है और प्राप्त किया है, उसे याद कर। उसी पर चल और मनफिराव कर। यदि तू जागा नहीं तो अचानक चोर के समान मैं चला आऊँगा। मैं तुझे कब अचरज में डाल दूँ, तुझे पता भी नहीं चल पाएगा।

प्रेरितों के काम 17:30

ऐसे अज्ञान के युग की परमेश्वर ने उपेक्षा कर दी है और अब हर कहीं के मनुष्यों को वह मन फिराव ने का आदेश दे रहा है।

2 पतरस 3:9

प्रभु अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने में देर नहीं लगाता। जैसा कि कुछ लोग सोचते हैं। बल्कि वह हमारे प्रति धीरज रखता है क्योंकि वह किसी भी व्यक्ति को नष्ट नहीं होने देना चाहता। बल्कि वह तो चाहता है कि सभी मन फिराव की ओर बढ़ें।

लूका 5:32

मैं धर्मियों को नहीं, बल्कि पापियों को मन फिराने के लिए बुलाने आया हूँ।”

प्रेरितों के काम 8:22

इसलिए अपनी इस दुष्टता से मन फिराव कर और प्रभु से प्रार्थना कर। हो सकता है तेरे मन में जो विचार था, उस विचार के लिये तू क्षमा कर दिया जाये।

प्रकाशितवाक्य 3:19

“उन सभी को जिन्हें मैं प्रेम करता हूँ, मैं डाँटता हूँ और अनुशासित करता हूँ। तो फिर कठिन जतन और मनफिराव कर।

मत्ती 3:2

वह प्रचार करने लगा, “मन फिराओ! क्योंकि स्वर्ग का राज्य आने को है।”

प्रेरितों के काम 2:38

पतरस ने उनसे कहा, “मन फिराओ और अपने पापों की क्षमा पाने के लिये तुममें से हर एक को यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा लेना चाहिये। फिर तुम पवित्र आत्मा का उपहार पा जाओगे।

मत्ती 3:8

तुम्हें प्रमाण देना होगा कि तुममें वास्तव में मन फिराव हुआ है।

प्रेरितों के काम 11:18

विश्वासियों ने जब यह सुना तो उन्होंने प्रश्न करना बन्द कर दिया। वे परमेश्वर की महिमा करते हुए कहने लगे, “अच्छा, तो परमेश्वर ने विधर्मियों तक को मन फिराव का वह अवसर दिया है, जो जीवन की ओर ले जाता है!”

लूका 5:31-32

उत्तर में यीशु ने उनसे कहा, “स्वस्थ लोगों को नहीं, बल्कि रोगियों को चिकित्सक की आवश्यकता होती है।

मैं धर्मियों को नहीं, बल्कि पापियों को मन फिराने के लिए बुलाने आया हूँ।”

प्रेरितों के काम 3:19

इसलिये तुम अपना मन फिराओ और परमेश्वर की ओर लौट आओ ताकि तुम्हारे पाप धुल जायें।

लूका 13:3

नहीं, मैं तुम्हें बताता हूँ, यदि तुम मन नहीं, फिराओगे तो तुम सब भी वैसी ही मौत मरोगे जैसी वे मरे थे।

योएल 2:13

अरे वस्त्र नहीं, तुम अपने ही मन को फाड़ो। तुम लौट कर अपने परमेश्वर यहोवा के पास जाओ। वह दयालु और करूणापूर्ण है। उसको शीघ्र क्रोध नहीं आता है। उसका प्रेम महान है। सम्भव है जो क्रोध दण्ड उसने तुम्हारे लिये सोचा है, उसके लिये अपना मन बदल ले।

याकूब 4:8

परमेश्वर के पास आओ, वह भी तुम्हारे पास आएगा। अरे पापियों! अपने हाथ शुद्ध करो और अरे सन्देह करने वालों, अपने हृदयों को पवित्र करो।

1 यूहन्ना 1:9

यदि हम अपने पापों को स्वीकार कर लेते हैं तो हमारे पापों को क्षमा करने के लिए परमेश्वर विश्वसनीय है और न्यायपूर्ण है और समुचित है। तथा वह सभी पापों से हमें शुद्ध करता है।

2 कुरिन्थियों 7:10

क्योंकि वह दुःख जिसे परमेश्वर देता है एक ऐसे मनफिराव को जन्म देता है जिसके लिए पछताना नहीं पड़ता और जो मुक्ति दिलाता है। किन्तु वह दुःख जो सांसारिक होता है, उससे तो बस मृत्यु जन्म लेती है।

मत्ती 3:11

“मैं तो तुम्हें तुम्हारे मन फिराव के लिये जल से बपतिस्मा देता हूँ किन्तु वह जो मेरे बाद आने वाला है, मुझ से महान है। मैं तो उसके जूते के तस्मे खोलने योग्य भी नहीं हूँ। वह तुम्हें पवित्र आत्मा और अग्नि से बपतिस्मा देगा।

नीतिवचन 28:13

जो निज पापों पर पर्दा डालता है, वह तो कभी नहीं फूलता—फलता है किन्तु जो निज दोषों को स्वीकार करता और त्यागता है, वह दया पाता है।

लूका 15:7

मैं तुमसे कहता हूँ, इसी प्रकार किसी एक मन फिराने वाले पापी के लिये, उन निन्यानबे धर्मी पुरुषों से, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं है, स्वर्ग में कहीं अधिक आनन्द मनाया जाएगा।

मरकुस 1:15

उसने कहा, “समय पूरा हो चुका है। परमेश्वर का राज्य आ रहा है। मन फिराओ और सुसमाचार में विश्वास करो।”

भजन संहिता 51:17

हे परमेश्वर, मेरी टूटी आत्मा ही तेरे लिए मेरी बलि हैं। हे परमेश्वर, तू एक कुचले और टूटे हृदय से कभी मुख नहीं मोड़ेगा।

2 इतिहास 7:14

और मेरे नाम से पुकारे जाने वाले लोग यदि विनम्र होते तथा प्रार्थना करते हैं, और मुझे ढूंढ़ते हैं और अपने बुरे रास्तों से दूर हट जाते हैं तो मैं स्वर्ग से उनकी सुनूँगा और मैं उनके पाप को क्षमा करूँगा और उनके देश को अच्छा कर दूँगा।

प्रेरितों के काम 20:21

यहूदियों और यूनानियों को मैं समान भाव से मन फिराव के परमेश्वर की तरफ़ मुड़ने को कहता रहा हूँ और हमारे प्रभु यीशु में विश्वास के प्रति उन्हें सचेत करता रहा हूँ।

प्रेरितों के काम 5:21

जब उन्होंने यह सुना तो भोर के तड़के वे मन्दिर में प्रवेश कर गये और उपदेश देने लगे। फिर जब महायाजक और उसके साथी वहाँ पहुँचे तो उन्होंने यहूदी संघ तथा इस्राएल के बुजुर्गों की पूरी सभा बुलायी। फिर उन्होंने बंदीगृह से प्रेरितों को बुलावा भेजा।

रोमियों 2:4

या तू उसके महान अनुग्रह, सहनशक्ति और धैर्य को हीन समझता है? और इस बात की उपेक्षा करता है कि उसकी करुणा तुझे प्रायश्चित्त की तरफ़ ले जाती है।

मत्ती 11:20

फिर यीशु ने उन नगरों को धिक्कारा जिनमें उसने बहुत से आश्चर्यकर्म किये थे। क्योंकि वहाँ के लोगों ने पाप करना नहीं छोड़ा और अपना मन नहीं फिराया था।

मत्ती 12:41

न्याय के दिन नीनेवा के निवासी आज की इस पीढ़ी के लोगों के साथ खड़े होंगे और उन्हें दोषी ठहरायेंगे। क्योंकि नीनेवा के वासियों ने योना के उपदेश से मन फिराया था। और यहाँ तो कोई योना से भी बड़ा मौजूद है!

भजन संहिता 51:10-12

परमेश्वर, तू मेरा मन पवित्र कर दे। मेरी आत्मा को फिर सुदृढ कर दे।

अपनी पवित्र आत्मा को मुझसे मत दूर हटा, और मुझसे मत छीन।

वह उल्लास जो तुझसे आता है, मुझमें भर जायें। मेरा चित अडिग और तत्पर कर सुरक्षित होने को और तेरा आदेश मानने को।

लूका 15:10

मैं तुमसे कहता हूँ कि इसी प्रकार एक मन फिराने वाले पापी के लिये भी परमेश्वर के दूतों की उपस्थिति में वहाँ आनन्द मनाया जायेगा।”

यहेजकेल 18:30

क्यों क्योंकि इस्राएल के परिवार, मैं हर एक व्यक्ति के साथ न्याय केवल उसके उन कर्मों के लिये करुँगा जिन्हें वह व्यक्ति करता है!” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं: “इसलिये मेरे पास लौटो! पाप करना छोड़ो! उन भयंकर चीजों (मूर्तियों) को अपने द्वारा पाप मत करने दो!

यशायाह 55:7

हे पापियों! अपने पापपूर्ण जीवन को त्यागो। तुमको चाहिये कि तुम बुरी बातें सोचना त्याग दो। तुमको चाहिये कि तुम यहोवा के पास लौट आओ। जब तुम ऐसा करोगे तो यहोवा तुम्हें सुख देगा। उन सभी को चाहिये कि वे यहोवा की शरण में आयें क्योंकि परमेश्वर हमें क्षमा करता है।

इब्रानियों 12:16-17

देखो कि कोई भी व्यभिचार न करे अथवा उस एसाव के समान परमेश्वर विहीन न हो जाये जिसे सबसे बड़ा पुत्र होने के नाते उत्तराधिकार पाने का अधिकार था किन्तु जिसने उसे बस एक निवाला भर खाना के लिए बेच दिया।

जैसा कि तुम जानते ही हो बाद में जब उसने इस वरदान को प्राप्त करना चाहा तो उसे अयोग्य ठहराया गया। यद्यपि उसने रो-रो कर वरदान पाना चाहा किन्तु वह अपने किये का पश्चाताप नहीं कर पाया।

मत्ती 11:28-30

“हे थके-माँदे, बोझ से दबे लोगो, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें सुख चैन दूँगा।

मेरा जुआ लो और उसे अपने ऊपर सँभालो। फिर मुझसे सीखो क्योंकि मैं सरल हूँ और मेरा मन कोमल है। तुम्हें भी अपने लिये सुख-चैन मिलेगा।

पूछा कि “क्या तू वही है ‘जो आने वाला था’ या हम किसी और आने वाले की बाट जोहें?”

क्योंकि वह जुआ जो मैं तुम्हें दे रहा हूँ बहुत सरल है। और वह बोझ जो मैं तुम पर डाल रहा हूँ, हल्का है।”

भजन संहिता 38:18

हे यहोवा, मैंने तुझको अपने कुकर्म बता दिये। मैं अपने पापों के लिए दु:खी हूँ।

गलातियों 6:7-8

अपने आपको मत छलो। परमेश्वर को कोई बुद्धू नहीं बना सकता क्योंकि जो जैसा बोयेगा, वैसा ही काटेगा।

जो अपनी काया के लिए बोयेगा, वह अपनी काया से विनाश की फसल काटेगा। किन्तु जो आत्मा के खेत में बीज बोएगा, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की फसल काटेगा।

गलातियों 6:1

हे भाईयों, तुममें से यदि कोई व्यक्ति कोई पाप करते पकड़ा जाए तो तुम आध्यात्मिक जनों को चाहिये कि नम्रता के साथ उसे धर्म के मार्ग पर वापस लाने में सहायता करो। और स्वयं अपने लिये भी सावधानी बरतो कि कहीं तुम स्वयं भी किसी परीक्षा में न पड़ जाओ।

लूका 24:47

और पापों की क्षमा के लिए मनफिराव का यह संदेश यरूशलेम से आरंभ होकर सब देशों में प्रचारित किया जाएगा। तुम इन बातों के साक्षी हो।

प्रकाशितवाक्य 2:5

सो याद कर कि तू कहाँ से गिरा है, मनफिरा तथा उन कर्मों को कर जिन्हें तू प्रारम्भ में किया करता था, नहीं तो, यदि तूने मन न फिराया, तो मैं तेरे पास आऊँगा और तेरे दीपाधार को उसके स्थान से हटा दूँगा।

रोमियों 6:23

क्योंकि पाप का मूल्य तो बस मृत्यु ही है जबकि हमारे प्रभु यीशु मसीह में अनन्त जीवन, परमेश्वर का सेंतमेतका वरदान है।

भजन संहिता 119:59

मैंने ध्यान से अपनी राह पर मनन किया और मैं तेरी वाचा पर चलने को लौट आया।

मत्ती 9:13

इसलिये तुम लोग जाओ और समझो कि शास्त्र के इस वचन का अर्थ क्या है, ‘मैं बलिदान नहीं चाहता बल्कि दया चाहता हूँ।’ मैं धर्मियों को नहीं, बल्कि पापियों को बुलाने आया हूँ।”

1 पतरस 5:6

इसलिए परमेश्वर के महिमावान हाथ के नीचे अपने आपको नवाओ। ताकि वह उचित अवसर आने पर तुम्हें ऊँचा उठाए।

1 पतरस 5:6-7

इसलिए परमेश्वर के महिमावान हाथ के नीचे अपने आपको नवाओ। ताकि वह उचित अवसर आने पर तुम्हें ऊँचा उठाए।

तुम अपनी सभी चिंताएँ उस पर छोड़ दो क्योंकि वह तुम्हारे लिए चिंतित है।

इब्रानियों 12:17

जैसा कि तुम जानते ही हो बाद में जब उसने इस वरदान को प्राप्त करना चाहा तो उसे अयोग्य ठहराया गया। यद्यपि उसने रो-रो कर वरदान पाना चाहा किन्तु वह अपने किये का पश्चाताप नहीं कर पाया।

यिर्मयाह 25:5

उन नबियों ने कहा, “अपने जीवन को बदलो। उन बुरे कामों को करना छोड़ो। यदि तुम बदल जाओगे, तो तुम उस भूमि पर वापस लौट और रह सकोगे जिसे यहोवा ने तुम्हें और तुम्हारे पूर्वजों को बहुत पहले दी थी। उसने यह भूमि तुम्हें सदैव रहने को दी।

लूका 19:10

क्योंकि मनुष्य का पुत्र जो कोई खो गया है, उसे ढूँढने और उसकी रक्षा के लिए आया है।”

1 तीमुथियुस 2:4

वह सभी व्यक्तियों का उद्धार चाहता है और चाहता है कि वे सत्य को पहचाने

भजन संहिता 102:13

तेरा उत्थान होगा और तू सिय्योन को चैन देगा। वह समय आ रहा है, जब तू सिय्योन पर कृपालु होगा।

1 कुरिन्थियों 15:34

होश में आओ, अच्छा जीवन अपनाओ, जैसा कि तुम्हें होना चाहिये। पाप करना बंद करो। क्योंकि तुममें से कुछ तो ऐसे हैं जो परमेश्वर के बारे में कुछ भी नहीं जानते। मैं यह इसलिए कह रहा हूँ कि तुम्हें लज्जा आए।

भजन संहिता 130:3-4

हे यहोवा, यदि तू लोगों को उनके सभी पापों का सचमुच दण्ड दे तो फिर कोई भी बच नहीं पायेगा।

हे यहोवा, निज भक्तों को क्षमा कर। फिर तेरी अराधना करने को वहाँ लोग होंगे।

भजन संहिता 145:18

जो लोग यहोवा की उपासना करते हैं, यहोवा उनके निकट रहता है। सचमुच जो उसकी उपासना करते है, यहोवा हर उस व्यक्ति के निकट रहता है।

मत्ती 21:28-31

“अच्छा बताओ तुम लोग इसके बारे में क्या सोचते हो? एक व्यक्ति के दो पुत्र थे। वह बड़े के पास गया और बोला, ‘पुत्र आज मेरे अंगूरों के बगीचे में जा और काम कर।’

“किन्तु पुत्र ने उत्तर दिया, ‘मेरी इच्छा नहीं है’ पर बाद में उसका मन बदल गया और वह चला गया।

यदि कोई तुमसे कुछ कहे तो उससे कहना, ‘प्रभु को इनकी आवश्यकता है। वह जल्दी ही इन्हें लौटा देगा।’”

“फिर वह पिता दूसरे बेटे के पास गया और उससे भी वैसे ही कहा। उत्तर में बेटे ने कहा, ‘जी हाँ,’ मगर वह गया नहीं।

“बताओ इन दोनों में से जो पिता चाहता था, किसने किया?” उन्होंने कहा, “बड़े ने।” यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कर वसूलने वाले और वेश्याएँ परमेश्वर के राज्य में तुमसे पहले जायेंगे।

प्रेरितों के काम 26:20

बल्कि उसके विपरीत मैं पहले उन्हें दमिश्क में, फिर यरूशलेम में और यहूदिया के समूचे क्षेत्र में और ग़ैर यहूदियों को भी उपदेश देता रहा कि मनफिराव के, परमेश्वर की ओर मुड़े और मनफिराव के योग्य काम करें।

यहेजकेल 33:11

“तुम्हें उनसे कहना चाहिए, ‘मेरा स्वामी यहोवा कहता है: मैं अपनी जीवन की शपथ खाकर विश्वास दिलाता हूँ कि मैं लोगों को मरता देख कर आनन्दित नहीं होता, पापी व्यक्तियों को भी नहीं। मैं नहीं चाहता कि वे मरें। मैं उन पापी व्यक्तियों को अपने पास लौटाना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि वे अपने जीवन को बदलें जिससे वे जीवित रह सकें। अत: मेरे पास लौटो! बुरे काम करना छोड़ो! इस्राएल के परिवार, तुम्हें मरना ही क्यों चाहिए?’

यशायाह 1:18

यहोवा कहता है, “आओ, हम इन बातों पर विचार करें। तुम्हारे पाप यद्यपि रक्त रंजित हैं, किन्तु उन्हें धोया जा सकता है। जिससे तुम बर्फ के समान उज्जवल हो जाओगे। तुम्हारे पाप लाल सुर्ख हैं। किन्तु वे सन के समान श्वेत हो सकते हो।

लूका 17:3-4

सावधान रहो! “यदि तुम्हारा भाई पाप करे तो उसे डाँटो और यदि वह अपने किये पर पछताये तो उसे क्षमा कर दो।

उस दिन भी जब मनुष्य का पुत्र प्रकट होगा, ठीक ऐसा ही होगा।

“उस दिन यदि कोई व्यक्ति छत पर हो और उसका सामान घर के भीतर हो तो उसे लेने वह नीचे न उतरे। इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति खेत में हो तो वह पीछे न लौटे।

लूत की पत्नी को याद करो,

“जो कोई अपना जीवन बचाने का प्रयत्न करेगा, वह उसे खो देगा और जो अपना जीवन खोयेगा, वह उसे बचा लेगा।

मैं तुम्हें बताता हूँ, उस रात एक चारपाई पर जो दो मनुष्य होंगे, उनमें से एक उठा लिया जायेगा और दूसरा छोड़ दिया जायेगा।

दो स्त्रियाँ जो एक साथ चक्की पीसती होंगी, उनमें से एक उठा ली जायेगी और दूसरी छोड़ दी जायेगी।”

फिर यीशु के शिष्यों ने उससे पूछा, “हे प्रभु, ऐसा कहाँ होगा?” उसने उनसे कहा, “जहाँ लाश पड़ी होगी, गिद्ध भी वहीं इकट्ठे होंगे।”

यदि हर दिन वह तेरे विरुद्ध सात बार पाप करे और सातों बार लौटकर तुझसे कहे कि मुझे पछतावा है तो तू उसे क्षमा कर दे।”

गलातियों 5:19-21

अब देखो! हमारे शरीर की पापपूर्ण प्रकृति के कामों को तो सब जानते हैं। वे हैं: व्यभिचार अपवित्रता, भोगविलास,

सुनो! स्वयं मैं, पौलुस तुमसे कह रहा हूँ कि यदि ख़तना करा कर तुम फिर से व्यवस्था के विधान की ओर लौटते हो तो तुम्हारे लिये मसीह का कोई महत्त्व नहीं रहेगा।

मूर्ति पूजा, जादू-टोना, बैर भाव, लड़ाई-झगड़ा, डाह, क्रोध, स्वार्थीपन, मतभेद, फूट, ईर्ष्या,

नशा, लंपटता या ऐसी ही और बातें। अब मैं तुम्हें इन बातों के बारे में वैसे ही चेता रहा हूँ जैसे मैंने तुम्हें पहले ही चेता दिया था कि जो लोग ऐसी बातों में भाग लेंगे, वे परमेश्वर के राज्य का उत्तराधिकार नहीं पायेंगे।

कुलुस्सियों 3:5

इसलिए तुममें जो कुछ सांसारिक बातें है, उसका अंत कर दो। व्यभिचार, अपवित्रता, वासना, बुरी इच्छाएँ और लालच जो मूर्ति उपासना का ही एक रूप है,

रोमियों 8:1

इस प्रकार अब उनके लिये जो यीशु मसीह में स्थित हैं, कोई दण्ड नहीं है।

भजन संहिता 119:176

एक भटकी हुई भेड़ सा, मैं इधर-उधर भटका हूँ। हे यहोवा, मुझे ढूँढते आ। मैं तेरा दास हूँ, और मैं तेरे आदेशों को भूला नहीं हूँ।

फिलिप्पियों 3:13-14

हे भाईयों! मैं यह नहीं सोचता कि मैं उसे प्राप्त कर चुका हूँ। पर बात यह है कि बीती को बिसार कर जो मेरे सामने है, उस लक्ष्य तक पहुँचने के लिये मैं संघर्ष करता रहता हूँ।

मैं उस लक्ष्य के लिये निरन्तर यत्न करता रहता हूँ कि मैं अपने उस पारितोषिक को जीत लूँ, जिसे मसीह यीशु में पाने के लिये परमेश्वर ने हमें ऊपर बुलाया है।

याकूब 5:16

इसलिए अपने पापों को परस्पर स्वीकार और एक दूसरे के लिए प्रार्थना करो ताकि तुम भले चंगे हो जाओ। धार्मिक व्यक्ति की प्रार्थना शक्तिशाली और प्रभावपूर्ण होती है।

रोमियों 6:1-2

तो फिर हम क्या कहें? क्या हम पाप ही करते रहें ताकि परमेश्वर का अनुग्रह बढ़ता रहे?

जो मौत वह मरा है, वह सदा के लिए पाप के लिए मरा है किन्तु जो जीवन वह जी रहा है, वह जीवन परमेश्वर के लिए है।

इसी तरह तुम अपने लिए भी सोचो कि तुम पाप के लिए मर चुके हो किन्तु यीशु मसीह में परमेश्वर के लिए जीवित हो।

इसलिए तुम्हारे नाशवान् शरीरों के ऊपर पाप का वश न चले। ताकि तुम पाप की इच्छाओं पर कभी न चलो।

अपने शरीर के अंगों को अधर्म की सेवा के लिए पाप के हवाले न करो बल्कि मरे हुओं में से जी उठने वालों के समान परमेश्वर के हवाले कर दो। और अपने शरीर के अंगों को धार्मिकता की सेवा के साधन के रूप में परमेश्वर के हवाले कर दो।

तुम पर पाप का शासन नहीं होगा क्योंकि तुम व्यवस्था के सहारे नहीं जीते हो बल्कि परमेश्वर के अनुग्रह के सहारे जीते हो।

तो हम क्या करें? क्या हम पाप करें? क्योंकि हम व्यवस्था के अधीन नहीं, बल्कि परमेश्वर के अनुग्रह के अधीन जीते हैं। निश्चय ही नहीं।

क्या तुम नहीं जानते कि जब तुम किसी की आज्ञा मानने के लिए अपने आप को दास के रूप में उसे सौंपते हो तो तुम दास हो। फिर चाहे तुम पाप के दास बनो, जो तुम्हें मार डालेगा और चाहे आज्ञाकारिता के, जो तुम्हें धार्मिकता की तरफ ले जायेगी।

किन्तु प्रभु का धन्यवाद है कि यद्यपि तुम पाप के दास थे, तुमने अपने मन से उन उपदेशों की रीति को माना जो तुम्हें सौंपे गये थे।

तुम्हें पापों से छुटकारा मिल गया और तुम धार्मिकता के सेवक बन गए हो।

(मैं एक उदाहरण दे रहा हूँ जिसे सभी लोग समझ सकें क्योंकि उसे समझना तुम लोगों के लिए कठिन है।) क्योंकि तुमने अपने शरीर के अंगों को अपवित्रता और व्यवस्था हीनता के आगे उनके दास के रूप में सौंप दिया था जिससे व्यवस्था हीनता पैदा हूई, अब तुम लोग ठीक वैसे ही अपने शरीर के अंगों को दास के रूप में धार्मिकता के हाथों सौंप दो ताकि सम्पूर्ण समर्पण उत्पन्न हो।

निश्चय ही नहीं। हम जो पाप के लिए मर चुके हैं पाप में ही कैसे जियेंगे?

तीतुस 2:11-12

क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह सब मनुष्यों के उद्धार के लिए प्रकट हुआ है।

इससे हमें सीख मिलती है कि हम परमेश्वर विहीनता को नकारें और सांसारिक इच्छाओं का निषेध करते हुए ऐसा जीवन जीयें जो विवेकपूर्ण नेक, भक्ति से भरपूर और पवित्र हो। आज के इस संसार में

ईश्वर से प्रार्थना

हे प्रभु, आपके प्यार के लिए धन्यवाद, मेरे पापों और बुराइयों के लिए अपने इकलौते बेटे को क़ुर्बान करने के लिए धन्यवाद। आपके प्रिय यीशु के लहू के कारण ही मैं आपके करीब आ सकता/सकती हूँ। आज मैं पश्चाताप करता/करती हूँ और आपसे क्षमा माँगता/माँगती हूँ। मुझे एहसास है कि मैं आपसे दूर रहकर जी रहा/रही था/थी और इस वजह से दूसरों को भी दुःख पहुँचाया है। लेकिन आज से, मैं बदलने का और पहले जैसा न रहने का निश्चय करता/करती हूँ। प्रभु यीशु, आज मैं अपनी बुराइयों को स्वीकार करते हुए आपके सामने नतमस्तक हूँ। मैं आपसे प्रार्थना करता/करती हूँ कि आप मुझे ठीक करें, मुझे बदलें और मेरे ज़ख्मों को भर दें। मेरे मन को नया करें ताकि मैं पूरी तरह से आज़ाद हो सकूँ। मैं आपसे विनती करता/करती हूँ कि आप मुझे अपने लहू से धोकर پاک करें और जीवन की पुस्तक में मेरा नाम लिखें। आपकी पवित्र आत्मा आज से मेरे हृदय में निवास करे। धन्यवाद मेरे प्रभु, आपको ही सारा सम्मान और महिमा। यीशु के नाम में, आमीन।

उपश्रेणी

दमनधैर्य का महत्वभावनात्मक दर्द से राहतव्यक्तिगत विकासअँधेराआध्यात्मिक अपरिपक्वतासच्चाई और झूठ में फर्क कैसे करेंईश्वर से जुड़ेंक्रूस का अर्थजीवन का असली मकसदविश्वास की शक्तिज्ञानवर्धक वाणीज्ञानवाणी की दिव्य शक्तिचमत्कारी उपचारभविष्यवाणी की शक्तिआत्माओं को परखने की शक्तिभाषाओं का अनोखा उपहारभाषाओं की अनोखी समझजीवन का असली मकसद खोजेंआज्ञाओं का महत्वशरीर का ख्याल, मंदिर सा सम्मानसच्चा पश्चातापपाप के बारे मेंनर्क के बारे मेंवासनाओं पर विजयभूतग्रस्तपछतावाआत्मा की गहराईस्वतंत्र इच्छाशक्तिबाइबिल से प्रेरणाअमर आत्मा की गाथाआध्यात्मिक वरदानभाषाओं में बातचीतपाताल लोकआध्यात्मिक परिपक्वताव्यक्तिगत विकासथकानसपने देखनासंदेहप्राणिक ऊर्जा चिकित्सायीशु के साथ एकताभूत-प्रेतआध्यात्मिक उदासीनताआह्वानअलग सोच