तब परमेश्वर ने ये बातें कहीं, किन्तु सातवाँ दिन तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की प्रतिष्ठा में आराम का दिन है। इसलिए उस दिन कोई व्यक्ति चाहे तुम, या तुम्हारे पुत्र और पुत्रियाँ, तुम्हारे दास और दासियाँ, पशु तथा तुम्हारे नगर में रहने वाले सभी विदेशी काम नहीं करेंगे। क्यों? क्योंकि यहोवा ने छ: दिन काम किया और आकाश, धरती, सागर और उनकी हर चीज़ें बनाईं। और सातवें दिन परमेश्वर ने आराम किया। इस प्रकार यहोवा ने शनिवार को वरदान दिया कि उसे आराम के पवित्र दिन के रूप में मनाया जाएगा। यहोवा ने उसे बहुत ही विशेष दिन के रूप में स्थापित किया। “अपने माता और अपने पिता का आदर करो। यह इसलिए करो कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा जिस धरती को तुम्हें दे रहा है, उसमें तुम दीर्घ जीवन बिता सको। “तुम्हें किसी व्यक्ति की हत्या नहीं करनी चाहिए। “तुम्हें व्यभिचार नहीं करना चाहिए। “तुम्हें चोरी नहीं करनी चाहिए। “तुम्हें अपने पड़ोसियों के विरुद्ध झूठी गवाही नहीं देनी चाहिए। “दूसरे लोगों की चीज़ों को लेने की इच्छा तुम्हें नहीं करनी चाहिए। तुम्हें अपने पड़ोसी का घर, उसकी पत्नी, उसके सेवक और सेविकाओं, उसकी गायों, उसके गधों को लेने की इच्छा नहीं करनी चाहिए। तुम्हें किसी की भी चीज़ को लेने की इच्छा नहीं करनी चाहिए।”
“यह मत सोचो कि मैं मूसा के धर्म-नियम या भविष्यवक्ताओं के लिखे को नष्ट करने आया हूँ। मैं उन्हें नष्ट करने नहीं बल्कि उन्हें पूर्ण करने आया हूँ। मैं तुम से सत्य कहता हूँ कि जब तक धरती और आकाश समाप्त नहीं हो जाते, मूसा की व्यवस्था का एक एक शब्द और एक एक अक्षर बना रहेगा, वह तब तक बना रहेगा जब तक वह पूरा नहीं हो लेता।
और तुम्हें यहोवा, अपने परमेश्वर से अपने सम्पूर्ण हृदय, आत्मा और शक्ति से प्रेम करना चाहिए। इन आदेशों को सदा याद रखो जिन्हें मैं आज तुम्हें दे रहा हूँ।
मैं अपने पूर्ण मन से परमेश्वर कि सेवा का जतन करता हूँ। परमेश्वर, तेरे आदेशों पर चलने में मेरी सहायता कर। बुजुर्ग प्रमुखों से भी अधिक समझता हूँ। क्योंकि मैं तेरे आदेशों को पालता हूँ। हे यहोवा, तू मुझे राह में हर कदम बुरे मार्ग से बचाता है, ताकि जो तू मुझे बताता है वह मैं कर सकूँ। यहोवा, तू मेरा शिक्षक है। सो मैं तेरे विधान पर चलना नहीं छोड़ूँगा। तेरे वचन मेरे मुख के भीतर शहद से भी अधिक मीठे हैं। तेरी शिक्षाएँ मुझे बुद्धिमान बनाती है। सो मैं झूठी शिक्षाओं से घृणा करता हूँ। हे यहोवा, तेरा वचन मेरे पाँव के लिये दीपक और मार्ग के लिये उजियाला है। तेरे नियम उत्तम हैं। मैं उन पर चलने का वचन देता हूँ, और मैं अपने वचन का पालन करूँगा। हे यहोवा, बहुत समय तक मैंने दु:ख झेले हैं, कृपया मुझे अपना आदेश दे और तू मुझे फिर से जीवित रहने दे! हे यहोवा, मेरी विनती को तू स्वीकार कर, और मुझ को अपनी विधान कि शिक्षा दे। मेरा जीवन सदा जोखिम से भरा हुआ है। किन्तु यहोवा मैं तेरे उपदेश भूला नहीं हूँ। मैं बड़े ध्यान से तेरे आदेशों का मनन किया करता हूँ। क्यों ताकि मैं तेरे विरूद्ध पाप पर न चलूँ।
“इस्राएल के लोगो, अब सुनो! यहोवा तुम्हारा परमेश्वर चाहता है कि तुम ऐसा करोः यहोवा अपने परमेश्वर का सम्मान करो और वह जो कुछ तुमसे कहे, करो। यहोवा अपने परमेश्वर से प्रेम करो और उसकी सेवा हृदय और आत्मा से करो। आज मैं जिस यहोवा के नियमों और आदेशों को बता रहा हूँ, उसका पालन करो। ये आदेश और नियम तुम्हारी अपनी भलाई के लिए हैं।
यदि तुम मेरे आदेशों का पालन करोगे तो तुम मेरे प्रेम में बने रहोगे। वैसे ही जैसे मैं अपने परम पिता के आदेशों को पालते हुए उसके प्रेम में बना रहता हूँ।
यहोवा की शिक्षायें सम्पूर्ण होती हैं, ये भक्त जन को शक्ति देती हैं। यहोवा की वाचा पर भरोसा किया जा सकता हैं। जिनके पास बुद्धि नहीं है यह उन्हैं सुबुद्धि देता है। यहोवा के नियम न्यायपूर्ण होते हैं, वे लोगों को प्रसन्नता से भर देते हैं। यहोवा के आदेश उत्तम हैं, वे मनुष्यों को जीने की नयी राह दिखाते हैं।
उसके आदेशों का पालन करते हुए हम यह दर्शाते हैं कि हम परमेश्वर से प्रेम करते हैं। उसके आदेश अत्यधिक कठोर नहीं हैं।
किन्तु मैं उन व्यक्तियों पर बहुत कृपालू रहूँगा जो मुझसे प्रेम करेंगे और मेरे आदेशों को मानेंगे। मैं उनके परिवारों के प्रति सहस्रों पीढ़ी तक कृपालु रहूँगा।
यीशु ने उससे कहा, “‘सम्पूर्ण मन से, सम्पूर्ण आत्मा से और सम्पूर्ण बुद्धि से तुझे अपने परमेश्वर प्रभु से प्रेम करना चाहिये।’ यह सबसे पहला और सबसे बड़ा आदेश है। फिर ऐसा ही दूसरा आदेश यह है: ‘अपने पड़ोसी से वैसे ही प्रेम कर जैसे तू अपने आप से करता है।’ “उसने अपने सेवकों को फिर भेजा, उसने कहा कि जिन लोगों को विवाह भोज पर बुलाया गया है उनसे कहो, ‘देखो मेरी दावत तैयार है। मेरे साँडों और मोटे ताजे पशुओं को काटा जा चुका है। सब कुछ तैयार है। ब्याह की दावत में आ जाओ।’ सम्पूर्ण व्यवस्था और भविष्यवक्ताओं के ग्रन्थ इन्हीं दो आदेशों पर टिके हैं।”
मुझको सहारा दे कि मैं उनको समझूँ और मैं तेरी शिक्षाओं का पालन करुँगा। मैं पूरी तरह उनका पालन करूँगा।
हे मेरे पुत्र, मेरी शिक्षा मत भूल, बल्कि तू मेरे आदेश अपने हृदय में बसा ले। तेरे भण्डार ऊपर तक भर जायेंगे, और तेरे मधुपात्र नये दाखमधु से उफनते रहेंगे। हे मेरे पुत्र, यहोवा के अनुशासन का तिरस्कार मत कर, उसकी फटकार का बुरा कभी मत मान। क्यों क्योंकि यहोवा केवल उन्हीं को डाँटता है जिनसे वह प्यार करता है। वैसे ही जैसे पिता उस पुत्र को डाँटे जो उसको अति प्रिय है। धन्य है वह मनुष्य, जो बुद्धि पाता है। वह मनुष्य धन्य है जो समझ प्राप्त करें। बुद्धि, मूल्यवान चाँदी से अधिक लाभदायक है, और वह सोने से उत्तम प्रतिदान देती है! बुद्धि मणि माणिक से अधिक मूल्यवान है। उसकी तुलना कभी किसी उस वस्तु से नहीं हो सकती है जिसे तू चाह सके! बुद्धि के दाहिने हाथ में सुदीर्घ जीवन है, उसके बायें हाथ में सम्पत्ति और सम्मान है। उसके मार्ग मनोहर हैं और उसके सभी पथ शांति के रहते हैं। बुद्धि उनके लिये जीवन वृक्ष है जो इसे अपनाते हैं, वे सदा धन्य रहेंगे जो दृढ़ता से बुद्धि को थामे रहते हैं! यहोवा ने धरती की नींव बुद्धि से धरी, उसने समझ से आकाश को स्थिर किया। क्योंकि इनसे तेरी आयु वर्षों वर्ष बढ़ेगी और ये तुझको समपन्न कर देगें।
“इसलिए तुम्हें अपने परमेश्वर यहोवा से प्यार करना चाहिए। तुम्हें वही करना चाहिए जो वह करने के लिए तुमसे कहता है। तुम्हें उसके विधियों, नियमों और आदेशों का सदैव पालन करना चाहिए।
“मैं तुम्हें एक नयी आज्ञा देता हूँ कि तुम एक दूसरे से प्रेम करो। जैसा मैंने तुमसे प्यार किया है वैसे ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम करो।
लोग जो यहोवा की विधान पर चलते हैं, वे प्रसन्न रहते हैं। अपने समग्र मन से वे यहोवा की मानते हैं।
जो मैं आदेश देता हूँ उसमें और कुछ जोड़ना नहीं। तुम्हें उसमें से कुछ घटाना भी नहीं चाहिए। तुम्हें अपने यहोवा परमेश्वर के उन आदेशों का पालन करना चाहिए जिन्हें मैंने तुम्हें दिये हैं।
किन्तु जो परमेश्वर की उस सम्पूर्ण व्यवस्था को निकटता से देखता है, जिससे स्वतन्त्रता प्राप्त होती है और उसी पर आचरण भी करता रहता है, और सुन कर उसे भूले बिना अपने आचरण में उतारता रहता है, वही अपने कर्मों के लिए धन्य होगा।
यहोवा की प्रशंसा करो! ऐसा व्यक्ति जो यहोवा से डरता है। और उसका आदर करता है। वह अति प्रसन्न रहेगा। परमेश्वर के आदेश ऐसे व्यक्ति को भाते हैं।
ख़तना तो कुछ नहीं है, और न ही ख़तना नहीं होना कुछ है। बल्कि परमेश्वर के आदेशों का पालन करना ही सब कुछ है।
“इसलिए तुम सभी लोगों को वह सब कुछ करने के लिए सावाधान रहना चाहिए जिसके लिए यहोवा का तुम्हें आदेश है। तुम्हें न दाहिने हाथ मुड़ना चाहिये और न ही बायें हाथ। सदैव उसकी आज्ञाओं का पालन करना चाहिये! तुम्हें उसी तरह रहना चाहिए, जिस प्रकार रहने का आदेश यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने तुमको दिया है। तब तुम सदा जीवित रह सकते हो और हर चीज तुम्हारे लिए अच्छी होगी। उस देश में, जो तुम्हारा होगा, तुम्हारी आयु लम्बी हो जायेगी।
उन सभी आदेशों का सावधानी पूर्वक पालन करो जिन्हें यहोवा परमेश्वर ने हमें दिया है। सावधानीपूर्वक उसके सभी नियमों का पालन करो, और वे कार्य करो जो उसने हमें कहा है। सावधानी से उन नियमों का पालन करो जो मूसा की व्यवस्था की किताब में लिखे हैं। यदि तुम इन सभी का पालन करोगे तो तुम जो कुछ करोगे और जहाँ कहीं जाओगे, सफल होगे
वह जो कुछ कहे उसे मानो। तुम्हें हर एक वह कार्य करना चाहिए जो मैं तुम्हें कहता हूँ। यदि तुम यह करोगे तो मैं तुम्हारे साथ रहूँगा। मैं तुम्हारे सभी शत्रुओं के विरुद्ध होऊँगा और मैं उस हर व्यक्ति का शत्रु होऊँगा जो तुम्हारे विरुद्ध होगा।”
यहोवा ने हमें इन सभी उपदेशों के पालन का आदेश दिया। इस प्रकार हम लोग यहोवा, अपने परमेश्वर का सम्मान करते हैं। तब यहोवा सदा हम लोगों को जीवित रखेगा और हम अच्छा जीवन बिताएंगे जैसा इस समय है।
मुझे सिखाते हुये उसने कहा था—मेरे वचन अपने पूर्ण मन से थामे रह। मेरे आदेश पाल तो तू जीवन रहेगा।
प्रेम का अर्थ यही है कि हम उसके आदेशों पर चलें। यह वही आदेश है जिसे तुमने प्रारम्भ से ही सुना है कि तुम्हें प्रेमपूर्वक जीना चाहिए।
“तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करना चाहिए। उसके बताए मार्ग पर जीवन बिताओ और उसका सम्मान करो।
इस सब कुछ को सुन लेने के बाद अब एक अन्तिम बात यह बतानी है कि परमेश्वर का आदर करो और उसके आदेशों पर चलो क्योंकि यह नियम हर व्यक्ति पर लागू होता है। क्योंकि लोग जो करते हैं, उसे यहाँ तक कि उनकी छिपी से छिपी बातों को भी परमेश्वर जानता है। वह उनकी सभी अच्छी बातों और बुरी बातों के विषय में जानता है। मनुष्य जो कुछ भी करते हैं उस प्रत्येक कर्म का वह न्याय करेगा।
जो लोग पवित्र जीवन जीते हैं, वे प्रसन्न रहते हैं। ऐसे लोग यहोवा की शिक्षाओं पर चलते हैं।
यहोवा ने कहा, “तुम लोगों को अपने परमेश्वर यहोवा का आदेश अवश्य मानना चाहिए। तुम लोगों को वह करना चाहिए जिसे वह ठीक कहता है। यदि तुम लोग यहोवा के आदेशों और नियमों का पालन करोगे तो तुम लोग मिस्रियों की तरह बीमार नहीं होगे। मैं तुम्हारा यहोवा तुम लोगों को कोई ऐसी बीमारी नहीं दूँगा जैसी मैंने मिस्रियों को दी। मैं यहोवा हूँ। मैं ही वह हूँ जो तुम्हें स्वस्थ बनाता है।”
वह जो मेरे आदेशों को स्वीकार करता है और उनका पालन करता है, मुझसे प्रेम करता है। जो मुझमें प्रेम रखता है उसे मेरा परम पिता प्रेम करेगा। मैं भी उसे प्रेम करूँगा और अपने आप को उस पर प्रकट करूँगा।”
वे व्यक्ति सच्ची शांती पायेंगे, जिन्हें तेरी शिक्षाएँ भाती हैं। उसको कुछ भी गिरा नहीं पायेगा।
हे मेरे पुत्र, अपने पिता की आज्ञा का पालन कर और अपनी माता की सीख को कभी मत त्याग। अपने हृदय पर उनको सदैव बाँध रह और उन्हें अपने गले का हार बना ले। जब तू आगे बढ़ेगा, वे राह दिखायेंगे। जब तू सो जायेगा, वे तेरी रखवाली करेंगे और जब तू जागेगा, वे तुझसे बातें करेंगे।
मैं आज तुम्हें आदेश देता हूँ कि यहोवा अपने परमेश्वर से प्रेम करो, उसके मार्ग पर चलो और उसके आदेशों, विधियों और नियमों का पालन करो। तब तुम जीवित रहोगे और तुम्हारा राष्ट्र अधिक बड़ा होगा। और यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें उस देश में आशीर्वाद देगा जिसे अपना बनाने के लिए तुम वहाँ जा रहे हो।
यदि हम परमेश्वर के आदेशों का पालन करते हैं तो यही वह मार्ग है जिससे हम निश्चय करते हैं कि हमने सचमुच उसे जान लिया है। यदि कोई कहता है कि, “मैं परमेश्वर को जानता हूँ!” और उसकी आज्ञाओं का पालन नहीं करता तो वह झूठा है। उसके मन में सत्य नहीं है।
मुझको सहायता दे कि मैं तेरे वचनों के अनुसार कार्य कर सकूँ, और मुझे तू अपना गीत गाने दे। हे यहोवा, तेरे सभी नियम उत्तम हैं।
उस व्यवस्था की किताब में लिखी गई बातों को सदा यादा रखो। तुम उस किताब का अध्ययन दिन रात करो, तभी तुम उसमें लिखे गए आदेशों के पालन के विषय में विश्वस्त रह सकते हो। यदि तुम यह करोगे, तो तुम बुद्धिमान बनोगे और जो कुछ करोगे उसमें सफल होगे।
ऐसा मनुष्य जो निर्देशों पर चलता वह अपने जीवन की रखवाली करता है। किन्तु जो सदुपदेशों उपेक्षा करता है वह मृत्यु अपनाता है।
“मेरे नियमों और आदेशों को याद रखो और उनका पालन कोरो। मैं तुम्हारे ऊँचे स्थानों को नष्ट करूँगा। मैं तुम्हारी सुगन्धित वेदियों को काट डालूँगा। मैं तुम्हारे शवों को तुमहारी निर्जीव मूर्तियों के शवों पर डालूँगा। तुम मुझको अत्यन्त घेनौने लगोगे। मैं तुम्हारे नगरों को नष्ट करूँगा। मैं ऊँचे पवित्र स्थानों को खाली कर दूँगा। मैं तुम्हारी भेंटों की मधुर सुगन्ध को नहीं लूँगा। मैं तुम्हारे देश को इतना खाली कर दूँगा की तुम्हारे शत्रु तक जो इसमें रहने आएंगे, वे इस पर चकित होंगे। और मैं तुम्हें विभिन्न प्रदेशों में बिखेर दूँगा। मैं अपनी तलवार खीचूँगा और तुम्हें नष्ट करूँगा। तुमहारी भूमि ख़ाली हो जाएगी और तुम्हारे नगर उजाड़ हो जाएंगे। “तुम अपने शत्रु के देशों में ले जाये जाओगे। तुमहारी धरती खाली हो जायेगी और वह अंत में उस विश्राम को पायेगी। जिसे तुमने उसे तब नहीं दिया था जब तुम उस पर रहते थे। बचे हुए व्यक्ति अपने शत्रुओं के देश में अपना साहस खो देंगे। वह हर चीज से भयभीत होंगे। वह हवा में उड़ती पत्ती की तरह चारों ओर भागेंगें। वे ऐसे भागेंगे मानों कोई तलवरा लिए उनका पीछा कर रहा हो। वे एक दूसरे पर तब भी गिरेंगे जब कोई भी उनका पीछा नहीं कर रहा होगा। “तुम इतने शक्तिशाली नहीं रहोगे कि अपने शत्रुओं के मुकाबले खड़े रह सको। तुम अन्य लोगों में विलीन हो जाओगे। तुम अपने शत्रुओं के देश में लुप्त हो जाओगे। इस प्रकार तुमहारी सन्तानें तुम्हारे शत्रुओं के देश में अपने पापों में सड़ेंगी। वे अपने पापों में ठीक वैसे ही सड़ेंगी जैसे उनके पूर्वज सड़े। यदि तुम ऐसा करोगे तो मैं जिस समय वर्षा आनी चाहिए, उसी समय वर्षा कराऊँगा। भूमि फ़सलें पैदा करेगी और पेड़ अपने फल देंगे।
मैं केवल यह चाहता हूँ कि वे हृदय से मेरा सम्मान करें और मेरे आदेशों को मानें। तब हर एक चीज उनके तथा उनके वंशजों के लिए सदैव अच्छी रहेगी।
हे यहोवा, मुझे तेरी व्यवस्थाओं का मनन भाता है। तेरी व्यवस्थाओं से मुझको प्रेम है। हे यहोवा, मैं तेरी व्यवस्थाओं के गुण गाता हूँ, वे मुझे प्यारी हैं और मैं उनका पाठ करूँगा।
सो यीशु उन यहूदी नेताओं से कहने लगा जो उसमें विश्वास करते थे, “यदि तुम लोग मेरे उपदेशों पर चलोगे तो तुम वास्तव में मेरे अनुयायी बनोगे। और सत्य को जान लोगे। और सत्य तुम्हें मुक्त करेगा।”
जो उसके आदेशों का पालन करता है वह उसी में बना रहता है। और उसमें परमेश्वर का निवास रहता है। इस प्रकार, उस आत्मा के द्वारा जिसे परमेश्वर ने हमें दिया है, हम यह जानते हैं कि हमारे भीतर परमेश्वर निवास करता है।
सचमुच वह जन धन्य होगा यदि वह दुष्टों की सलाह को न मानें, और यदि वह किसी पापी के जैसा जीवन न जीए और यदि वह उन लोगों की संगति न करे जो परमेश्वर की राह पर नहीं चलते। वह नेक मनुष्य है जो यहोवा के उपदेशों से प्रीति रखता है। वह तो रात दिन उन उपदेशों का मनन करता है।
“इसलिए आज तुम्हें याद रखना चाहिए और स्वीकार करना चाहिए कि यहोवा परमेश्वर है। वहाँ ऊपर स्वर्ग में तथा यहाँ धरती का परमेश्वर है। यहाँ और कोई दूसरा परमेशवर नहीं है! किन्तु तुम लोग सभी जो यहोवा अपने परमेश्वर के साथ रहे आज जीवित हो। और तुम्हें उसके उन नियमों और आदेशों का पालन करना चाहिए जिन्हें मैं आज तुम्हें दे रहा हूँ। तब हर एक बात तुम्हारे और तुम्हारे उन बच्चों के लिए ठीक रहेगी जो तुम्हारे बाद होंगे और तुम लम्बे समय तक उस देश में रहोगे जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें सदा के लिए दे रहा है।”
मेरे आदेशों का पालन करता रहा तो तू जीवन पायेगा। तू मेरे उपदेशों को अपनी आँखों की पुतली सरीखा सम्भाल कर रख।
यह है वह वाचा जिसे मैं इस्राएल के घराने से करूँगा। और फिर उसके बाद प्रभु घोषित करता है। उनके मनों में अपनी व्यवस्था बसाऊँगा, उनके हृदयों पर मैं उसको लिख दूँगा। मैं उनका परमेश्वर बनूँगा, और वे मेरे जन होंगे।
हे यहोवा, तू मुझको अपने आदेशों की राह पर ले चल। मुझे सचमुच तेरे आदेशों से प्रेम है। मेरा भला कर और मुझे जीने दे।
यीशु ने उससे कहा, “अच्छा क्या है, इसके बारे में तू मुझसे क्यों पूछ रहा है? क्योंकि अच्छा तो केवल एक ही है! फिर भी यदि तू अनन्त जीवन में प्रवेश करना चाहता है, तो तू आदेशों का पालन कर।”
“आज मैं तुम्हें दो मार्ग को चुनने की छूट दे रहा हूँ। मैं धरती—आकाश को तुम्हारे चुनाव का साक्षी बना रहा हूँ। तुम जीवन को चुन सकते हो, या तुम मृत्यु को चुन सकते हो। जीवन का चुनना वरदान लाएगा और मृत्यु को चुनना अभिशाप। इसलिए जीवन को चुनो। तब तुम और तुम्हारे बच्चे जीवित रहेंगे। उस समय तुम और तुम्हारे वंशज यहोवा, अपने परमेश्वर के पास लौटेंगे। तुम पूरे हृदय और आत्मा से उन आदेशों का पालन करोगे जो आज हम ने दिये हैं उनका पूरा पालन करोगे। तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर को प्रेम करना चाहिए और उसकी आज्ञा माननी चाहिए। उससे कभी विमुख न हो। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा जीवन है, और यहोवा तुम्हें उस देश में लम्बा जीवन देगा जिसे उसने तुम्हारे पूर्वजों इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने का वचन दिया था।”
इस प्रकार जब हम परमेश्वर को प्रेम करते हैं और उसके आदेशों का पालन करते हैं तो हम जान लेते हैं कि हम परमेश्वर की सन्तानों से प्रेम करते हैं। किन्तु हमको पता है कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें वह ज्ञान दिया है ताकि हम उस परमेश्वर को जान लें जो सत्य है। और यह कि हम उसी में स्थित हैं, जो सत्य है, क्योंकि हम उसके पुत्र यीशु मसीह में स्थिर हैं। परम पिता ही सच्चा परमेश्वर है और वही अनन्त जीवन है। हे बच्चों, अपने आप को झूठे देवताओं से दूर रखो। उसके आदेशों का पालन करते हुए हम यह दर्शाते हैं कि हम परमेश्वर से प्रेम करते हैं। उसके आदेश अत्यधिक कठोर नहीं हैं।
आ हा, यहोवा तेरी शिक्षाओं से मुझे प्रेम है। हर घड़ी मैं उनका ही बखान किया करता हूँ।
मूसा ने चर्म पत्र पर लिखे विशेष साक्षीपत्र को पढ़ा। मूसा ने साक्षीपत्र को इसलिए पढ़ा कि सभी लोग उसे सुन सकें और लोगों ने कहा, “हम लोगों ने उन नियमों को जिन्हें यहोवा ने हमें दिया, सुन लिया है और हम सब लोग उनके पालन करने का वचन देते हैं।”
विवेक भय और यहोवा के आदर से उपजता है। वे लोग बुद्धिमान होतेहैं जो यहोवा का आदर करते हैं। यहोवा की स्तुति सदा गायी जायेगी।
सो मैं सुरक्षित जीवन जीऊँगा। क्यों मैं तेरी व्यवस्था को पालने का कठिन जतन करता हूँ।
“मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। मैं तुम्हें मिस्र देश से बाहर लाया। मैंने तुम्हें दासता से मुक्त किया। इसलिए तुम्हें निश्चय ही इन आदेशों का पालन करना चाहिए। तब मूसा ने लोगों से कहा, “डरो मत! यहोवा यह प्रमाणित करने आया है कि वह तुमसे प्रेम करता है।” लोग उस समय उठकर पर्वत से दूर चले आए जबकि मूसा उस गहरे बादल में गया जहाँ यहोवा था। तब यहोवा ने मूसा से इस्राएलियों को बताने के लिए ये बातें कहीं: “तुम लोगों ने देखा कि मैंने तुमसे आकाश से बातें की। इसलिए तुम लोग मेरे विरोध में सोने या चाँदी की मूर्तियाँ न बनाना। तुम्हें इन झूठे देवताओं की मूर्तियाँ कदापि नहीं बनानी हैं।” “मेरे लिए एक विशेष वेदी बनाओ। इस वेदी को बनाने के लिए धूलि का उपयोग करो। इस वेदी पर बलि के रूप में होमबलि तथा मेलबलि चढ़ाओ। इस काम के लिए अपनी भेड़ों और गाय, बकरियों का उपयोग करो। उन सभी स्थानों पर यही करो जहाँ मैं अपने को याद करने के लिए कह रहा हूँ। तब मैं आऊँगा और तुम्हें आशीर्वाद दूँगा। यदि तुम लोग वेदी को बनाने के लिए चट्टानों का उपयोग करो तो तुम लोग उन चट्टानों का उपयोग न करो जिन्हें तुम लोगों ने अपने किसी लोहे के औज़ारों से चिकना किया है। यदि तुम लोग चट्टानों पर किसी औज़ारो का उपयोग करोगे तो मैं वेदी को स्वीकार नहीं करूँगा। तुम लोग वेदी तक पहुँचाने वाली सीढ़ियाँ भी न बनाना। यदि सीढ़ियाँ होंगी तो जब लोग ऊपर वेदी को देखेंगे तो वे तुम्हारे वस्त्रों के भीतर नीचे से तुम्हारी नग्नता को भी देख सकेंगे।” “तुम्हे मेरे अतिरिक्त किसी अन्य देवता को, नहीं मानना चाहिए।
इसलिए तुमहें वह सब कुछ करना चाहिए जो यहोवा तुम्हारा परमेश्वर कहता है। तुम्हें उसके उन आदेशों और नियमों का पालन करना चाहिए जिन्हें मैं आज तुम्हें दे रहा हूँ।”
मैं यह इसलिए कह रहा हूँ, “व्यभिचार मत कर, हत्या मत कर, चोरी मत कर, लालच मत रख।” और जो भी दूसरी व्यवस्थाएँ हो सकती हैं, इस वचन में समा जाती हैं, “तुझे अपने साथी को ऐसे ही प्यार करना चाहिए, जैसे तू अपने आप को करता है।”
ऐ लोगो, तुम्हें यहोवा, हमारे परमेश्वर का भक्त और उसके प्रति सच्चा होना चाहिये। तुम्हें उसके सभी नियमों और आदेशों का अनुसरण और पालन करना चाहिये। तुम्हें इस समय की तरह, भविष्य में भी उसकी आज्ञा का पालन करते रहना चाहिये।”
यीशु ने उत्तर दिया, “शास्त्र में लिखा है, ‘मनुष्य केवल रोटी से ही नहीं जीता बल्कि वह प्रत्येक उस शब्द से जीता है जो परमेश्वर के मुख से निकालता है।’”
तम्हें मेरे नियमों का पालन करना चाहिए। और मेरे नियमों के अनुसार चलना चाहिए। उन नियमों के अनुसार चलना चाहिए। उन नियमों के पालन में सावधान रहो! क्यों? क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। इसलिए तुम्हें मेरे नियमों और निर्णयों का पालन करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति मेरे विधियों और नियमों का पालन करता है तो वह जीवित रहेगा! मैं यहोवा हूँ!
इसलिए अब मैं कहता हूँ तुम लोग मेरा आदेश मानो। मेरे साक्षीपत्र का पालन करो। यदि तुम मेरे आदेश मानोगे तो तुम मेरे विशेष लोग बनोगे। समस्त संसार मेरा है।
“अपने माता—पिता का सम्मान करो। यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें यह करने का आदेश दिया है। यदि तुम इस आदेश का पालन करते हो तो तुम्हारी उम्र लम्बी होगी और उस देश में जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुमको दे रहा है तुम्हारे साथ सब कुछ अच्छा होगा।
और मेरे नाम से पुकारे जाने वाले लोग यदि विनम्र होते तथा प्रार्थना करते हैं, और मुझे ढूंढ़ते हैं और अपने बुरे रास्तों से दूर हट जाते हैं तो मैं स्वर्ग से उनकी सुनूँगा और मैं उनके पाप को क्षमा करूँगा और उनके देश को अच्छा कर दूँगा।
“इसलिये जो इन आदेशों में से किसी छोटे से छोटे को भी तोड़ता है और लोगों को भी वैसा ही करना सिखाता है, वह स्वर्ग के राज्य में कोई महत्व नहीं पायेगा। किन्तु जो उन पर चलता है और दूसरों को उन पर चलने का उपदेश देता है, वह स्वर्ग के राज्य में महान समझा जायेगा।
“जिन आदेशों, विधियों और नियमों को यहोवा, तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें सिखाने को मुझे कहा है, वे ये हैं। इनका पालन उस देश में करो जिसमे रहने के लिए तुम प्रवेश कर रहे हो। “यहोवा तुम्हरा परमेश्वर तुम्हें उस देश में ले जाएगा जिसके लिए उसने तुम्हारे पूर्वजों—इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने का वचन दिया था। तब वह तुम्हें बड़े और सम्पन्न नगर देगा जिनहें तुमने नहीं बनाया। यहोवा तुम्हें अच्छी चीजों से भरे घर देगा जिन्हें तुमने वहाँ नहीं रखा। यहोवा तुम्हें कुएँ देगा जिन्हें तुमने नहीं खोदा है। यहोवा तुम्हें अंगूर और जैतून के बाग देगा जिन्हें तुमने नहीं लगाया। तुम्हारे खाने के लिए भरपूर होगा। “किन्तु सावधान रहो। यहोवा को मत भूलो जो तुम्हें मिस्र से लाया, जहाँ तुम दास थे। यहोवा अपने परमेश्वर का सम्मान करो और केवल उसी की सेवा करो। वचन देने के लिए तुम केवल उसी के नाम का उपयोग करोगे। तुम्हें अन्य देवताओं का अनुसरण नहीं करना चाहिए। तुम्हें अपने चारों ओर रहने वाले लोगों के देवताओं का अनुसरण नहीं करना चाहिए। यहोवा तुम्हारा परमेश्वर सदा तुम्हारे साथ है और यदि तुम दूसरे देवताओं का अनुसरण करोगे तो वह तुम पर बहुत क्रोधित होगा! वह धरती से तुम्हारा सफाया कर देगा। यहोवा अपने लोगों द्वारा अन्य देवताओं की पूजा से घृणा करता है। “तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर का परीक्षण उस प्रकार नहीं करना चाहिए जिस प्रकार तुमने मस्सा में किया। तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर के आदेशों के पालन के लिए दृढ़ निश्चय रखना चाहिए। तुम्हें उसके सभी उन उपदेशों और नियमों का पालन करना चाहिए जिन्हें उसने तुमको दिया है। तुम्हें वे बातें करनी चाहिए जो ठीक और अच्छी अर्थात् यहोवा को प्रसन्न करने वाली हों। तब तुम्हारे लिये हर एक बात ठीक होगी और तुम उस अच्छे देश में जा सकते हो जिसके लिए यहोवा ने तुम्हारे पूर्वजों को वचन दिया था और तुम अपने सभी शत्रुओं को बलपूर्वक बाहर निकाल सकोगे, जैसा यहोवा ने कहा है। तुम और तुम्हारे वंशजों को जब तक जीवित रहो, यहोवा अपने परमेश्वर का सम्मान करना चाहिए। तुम्हें उन सभी नियमों और आदेशों का पालन करना चाहिए जिन्हें मैं तुम्हें दे रहा हूँ। यदि तुम ऐसा करोगे तो उस नये देश में लम्बी उम्र पाओगे।
जो जन शिक्षा का अनादर करता है, उसको इसका मूल्य चुकाना पड़ेगा। किन्तु जो शिक्षा का आदर करता है, वह तो इसका प्रतिफल पाता है।
फिर भी स्वर्ग और धरती का डिग जाना तो सरल है किन्तु व्यवस्था के विधि के एक-एक बिंदु की शक्ति सदा अटल है।
“सावधान रहो कि तुम उस हर एक आदेश का पालन करते रहो जिसे पालन करने के लिए मैने तुमसे कहा है: अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम करो, उसके बताये सभी मार्गों पर चलो और उसके ऊपर विश्वास रखने वाले बनो।
हे यहोवा, मेरी आँख खोल दे और मैं तेरी शिक्षाओं के भीतर देखूँगा। मैं उन अद्भुत बातों का अध्ययन करूँगा जिन्हें तूने किया है।
इस प्रकार परमेश्वर ने मूसा से सीनै पर्वत पर बात करना समाप्त किया। तब परमेश्वर ने उसे आदेश लिखे हुए दो समतल पत्थर दिए। परमेश्वर ने अपनी उगुलियों का उपयोग किया और पत्थर पर उन नियमों को लिखा।
“प्रभु-प्रभु कहने वाला हर व्यक्ति स्वर्ग के राज्य में नहीं जा पायेगा बल्कि वह जो स्वर्ग में स्थित मेरे परम पिता की इच्छा पर चलता है, वही उसमें प्रवेश पायेगा।
मूसा वहाँ यहोवा के साथ चालीस दिन और चालीस रात रहा। उस पूरे समय उसने न भोजन किया न ही पानी पिया। और मूसा ने साक्षीपत्र के शब्दों के (दस आदेशों) को, पत्थर की दो समतल पट्टियों पर लिखा।
हे मेरे पुत्र, यदि तू मेरे बोध वचनों को ग्रहण करे और मेरे आदेश मन में संचित करे, बुद्धि तेरे मन में प्रवेश करेगी और ज्ञान तेरी आत्मा को भाने लगेगा। तुझको अच्छे—बुरे का बोध बचायेगा, समझ बूझ भरी बुद्धि तेरी रखवाली करेगी, बुद्धि तुझे कुटिलों की राह से बचाएगी जो बुरी बात बोलते हैं। अंधेरी गलियों में आगे बढ़ जाने को वे सरल—सीधी राहों को तजते रहते हैं। वे बुरे काम करने में सदा आनन्द मनाते हैं, वे पापपूर्ण कर्मों में सदा मग्न रहते हैं। उन लोगों पर विश्वास नहीं कर सकते। वे झूठे हैं और छल करने वाले हैं। किन्तु तेरी बुद्धि और समझ तुझे इन बातों से बचायेगी। यह बुद्धि तुझको वेश्या और उसकी फुसलाती हुई मधुर वाणी से बतायेगी। जिसने अपने यौवन का साथी त्याग दिया जिससे वाचा कि उपेक्षा परमेश्वर के समक्ष किया था। क्योंकि उसका निवास मृत्यु के गर्त में गिराता है और उसकी राहें नरक में ले जाती हैं। जो भी निकट जाता है कभी नहीं लौट पाता और उसे जीवन की राहें कभी नहीं मिलती! और तू बुद्धि की बातों पर कान लगाये, मन अपना समझदारी में लगाते हुए अत: तू तो भले लोगों के मार्ग पर चलेगा और तू सदा नेक राह पर बना रहेगा। क्योंकि खरे लोग ही धरती पर बसे रहेंगे और जो विवेकपूर्ण हैं वे ही टिक पायेंगे। किन्तु जो दुष्ट है वे तो उस देश से काट दिये जायेगें। और यदि तू अर्न्तदृष्टि के हेतु पुकारे, और तू समझबूझ के निमित्त चिल्लाये, यदि तू इसे ऐसे ढूँढे जैसे कोई मूल्यवान चाँदी को ढूँढता है, और तू इसे ऐसे ढूँढ, जैसे कोई छिपे हुए कोष को ढूँढता है तब तू यहोवा के भय को समझेगा और परमेश्वर का ज्ञान पायेगा।
तुम्हें सभी उत्तम साधनों से सम्पन्न करे। जिससे तुम उसकी इच्छा पूरी कर सको। और यीशु मसीह के द्वारा वह हमारे भीतर उस सब कुछ को सक्रिय करे जो उसे भाता है। युग-युगान्तर तक उसकी महिमा होती रहे। आमीन!
तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर का अनुसरण करना चाहिए। तुम्हें उसका सम्मान करना चाहिए। यहोवा के आदेशों का पालन करो और वह करो जो वह कहता है। यहोवा की सेवा करो और उसे कभी न छोड़ो!
फिर सभी लोग एक साथ बोले, “हम लोग यहोवा की कही हर बात मानेंगे।” तब मूसा परमेश्वर के पास पर्वत पर लौट आया। मूसा ने कहा कि लोग उसके आदेश का पालन करेंगे।
और मैं जानता हूँ कि उसके आदेश का अर्थ है अनन्त जीवन। इसलिये मैं जो बोलता हूँ, वह ठीक वही है जो परम पिता ने मुझ से कहा है।”
“अपने माता और अपने पिता का आदर करो। यह इसलिए करो कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा जिस धरती को तुम्हें दे रहा है, उसमें तुम दीर्घ जीवन बिता सको।
उत्तर में यीशु ने उससे कहा, “यदि कोई मुझमें प्रेम रखता है तो वह मेरे वचन का पालन करेगा। और उससे मेरा परम पिता प्रेम करेगा। और हम उसके पास आयेंगे और उसके साथ निवास करेंगे।
मुझे सिखाते हुये उसने कहा था—मेरे वचन अपने पूर्ण मन से थामे रह। मेरे आदेश पाल तो तू जीवन रहेगा। तू बुद्धि प्राप्त कर और समझ बूझ प्राप्त कर! मेरे वचन मत भूल और उनसे मत डिग।
तब उसने उनसे कहा, “तुम्हें निश्चय करना चाहिए कि तुम उन सभी आदेशों को याद रखोगे जिसे मैं आज तुम्हें बता रहा हूँ और तुम्हें अपने बच्चों को यह बताना चाहिए कि इन व्यवस्था के आदेशों का वे पूरी तरह पालन करें। यह मत समझो कि ये उपदेश महत्वपूर्ण नहीं हैं! ये तुम्हारा जीवन है! इन उपदेशों से तुम उस यरदन नदी के पार के देश में लम्बे समय तक रहोगे जिसे लेने के लिये तुम तैयार हो।”
मैंने तेरी वाचा का और तेरे आदेशों का पालन किया है। हे यहोवा, तू सब कुछ जानता है जो मैंने किया है।
मैंने उन्हें केवल यह आदेश दिया, ‘मेरी आज्ञा का पालन करो और मैं तुम्हारा परमेश्वर रहूँगा तथा तुम मेरे लोग होगे। जो मैं आदेश देता हूँ वह करो, और तुम्हारे लिए सब अच्छा होगा।’
“इसलिये जो कोई भी मेरे इन शब्दों को सुनता है और इन पर चलता है उसकी तुलना उस बुद्धिमान मनुष्य से होगी जिसने अपना मकान चट्टान पर बनाया,
तब यहोवा ने मूसा से कहा, “दो और समतल चट्टानें ठीक वैसी ही बनाओ जैसी पहली दो थीं जो टूट गईं। मैं इन पर उन्हीं शब्दों को लिखूँगा जो पहले दोनों पर लिखे थे।
“यदि तुम यहोवा अपने परमेश्वर के इन आदेशों के पालन में सावधान रहोगे जिन्हें मैं आज तुम्हें बता रहा हूँ तो योहवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें पृथ्वी के सभी राष्ट्रों के ऊपर श्रेष्ठ करेगा। तब पृथ्वी के सभी लोग देखेंगे कि तुम यहोवा के नाम से जाने जाते हो और वे तुमसे भयभीत होंगे। “और यहोवा तुम्हें बहुत सी अच्छी चीजें देगा। वह तुम्हें बहुत से बच्चे देगा। वह तुम्हें मवेशी और बहुत से बछड़े देगा। वह उस देश में तुम्हें बहुत अच्छी फसल देगा जिसे उन्होंने तुम्हारे पूर्वजों को देने का वचन दिया था। “यहोवा अपने भण्डार खोल देगा जिनमें वह अपना कीमती वरदान रखता है तथा तुम्हारी भूमि के लिये ठीक समय पर वर्षा देगा। यहोवा जो कुछ भी तुम करोगे उसके लिए आशीर्वाद देगा और बहुत से राष्ट्रों को कर्ज देने के लिए तुम्हारे पास धन होगा। किन्तु तुम्हें उनसे कुछ उधार लेने की आवश्यकता नहीं होगी। यहोवा तुम्हें सिर बनाएगा, पूँछ नहीं। तुम चोटी पर होगे, तलहटी पर नहीं। यह तब होगा जह तुम यहोवा अपने परमेश्वर के उन आदेशों पर ध्यान दोगे जिन्हें मैं आज तुम्हें दे रहा हूँ। तुम्हें उन शिक्षाओं में से किसी की उपेक्षा नहीं करनी चाहिये जिन्हें मैं आज तुम्हें दे रहा हूँ। तुम्हें इनसे दाँयी या बाँयी ओर नहीं जाना चाहिए। तुम्हें उपासना के लिये अन्य देवताओं का अनुसरण नहीं करना चाहिए। “किन्तु यदि तुम यहोवा अपने परमेश्वर द्वारा कही गई बातों पर ध्यान नहीं देते और आज मैं जिन आदेशों और नियमों को बता रहा हूँ, पालन नहीं करते तो ये सभी अभिशाप तुम पर आयेंगेः “यहोवा तुम्हारे नगरों और गाँवों को अभिशाप देगा। यहोवा तुम्हारी टोकरियों व बर्तनों को अभिशाप देगा और तुम्हें पर्याप्त भोजन नहीं मिलेगा। तुम्हारे बच्चे अभिशप्त होंगे। तुम्हारी भूमि की फसलें तुम्हारे मवेशियों के बछड़े और तुम्हारी रेवड़ों के मेमनें अभिशप्त होंगे। तुम्हारा आगमन और प्रस्थान अभिशप्त होगा। यदि तुम यहोवा अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करोगे तो ये वरदान तुम्हारे पास आएंगे और तुम्हारे होंगे:
हे यहोवा, मेरी यातना देख और मुझको बचा ले, मैं तेरे उपदेशों को भूला नहीं हूँ। हे यहोवा, मेरे लिये मेरी लड़ाई लड़ और मेरी रक्षा कर। मुझको वैसे जीने दे जैसे तूने वचन दिया।
क्योंकि वे जो केवल व्यवस्था की कथा सुनते हैं परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी नहीं है। बल्कि जो व्यवस्था पर चलते है वे ही धर्मी ठहराये जायेंगे।
“तुम्हें कोई भी मूर्ति नहीं बनानी चाहिए। किसी भी उस चीज़ की आकृति मत बनाओ जो ऊपर आकाश में या नीचे धरती पर अथवा धरती के नीचे पानी में हो। किसी भी प्रकार की मूर्ति की पूजा मत करो, उसके आगे मत झुको। क्यों? क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। मेरे लोग जो दूसरे देवताओं की पूजा करते हैं मैं उनसे घृणा करता हूँ। यदि कोई व्यक्ति मेरे विरुद्ध पाप करता है तो मैं उसका शत्रु हो जाता हूँ। मैं उस व्यक्ति की सन्तानों की तीसरी और चौथी पीढ़ी तक को दण्ड दूँगा।
क्योंकि कोई भी यदि समग्र व्यवस्था का पालन करता है और एक बात में चूक जाता है तो वह समूची व्यवस्था के उल्लंघन का दोषी हो जाता है। क्योंकि जिसने यह कहा था, “व्यभिचार मत करो” उस ही ने यह भी कहा था, “हत्या मत करो।” सो यदि तुम व्यभिचार नहीं करते किन्तु हत्या करते हो तो तुम व्यवस्था को तोड़ने वाले हो। तुम उन्हीं लोगों के समान बोलो और उन ही के जैसा आचरण करो जिनका उस व्यवस्था के अनुसार न्याय होने जा रहा है, जिससे छुटकारा मिलता है।
मैं तुम्हें सत्य कहता हूँ यदि कोई मेरे उपदेशों को धारण करेगा तो वह मौत को कभी नहीं देखेगा।”
यहोवा तुम्हें अपने विशेष लोग बनाएगा। यहोवा ने तुम्हें यह वचन दिया है बशर्ते कि तुम यहोवा अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करो और उसके मार्ग पर चलो।
हे यहोवा, मेरी सहायता कर ताकि मैं तेरी व्यवस्था का विधान समझूँ। मुझे उन अद्भुत कर्मो का चिंतन करने दे जिन्हें तूने किया है।
उसने उत्तर दिया, “‘तू अपने सम्पूर्ण मन, सम्पूर्ण आत्मा, सम्पूर्ण शक्ति और सम्पूर्ण बुद्धि से अपने प्रभु से प्रेम कर।’ और ‘अपने पड़ोसी से वैसे ही प्यार कर, जैसे तू अपने आप से करता है।’” तब यीशु ने उस से कहा, “तू ने ठीक उत्तर दिया है। तो तू ऐसा ही कर इसी से तू जीवित रहेगा।”
किन्तु मैं उन लोगों पर बहुत दयालु रहूँगा जो मुझसे प्रेम करते हैं। और मेरे आदेशों को मानते हैं। मैं उनकी सहस्र पीढ़ी तक उन पर दयालु रहूँगा!
मैं उन्हें एक साथ लाऊँगा और उन्हें एक व्यक्ति सा बनाऊँगा। मैं उनमें नयी आत्मा भरूँगा। मैं उनके पत्थर के हृदय को दूर करुँगा और उसके स्थान पर सच्चा हृदय दूँगा। तब परमेश्वर ने मुझसे कहा। उसने बताया, “मनुष्य के पुत्र, ये वे व्यक्ति हैं जो इस नगर में बुरी योजना बनाते हैं। ये सदा लोगों के बुरे काम करने को कहते हैं। तब वे मेरे नियमों का पालन करेंगे। वे मेरे आदेशों का पालन करेंगे, वे वह कार्य करेंगे जिन्हें मैं करने को कहूँगा। वे सचमुच मेरे लोग होंगे और मैं उनका परमेश्वर होऊँगा।”
मैंने ध्यान से अपनी राह पर मनन किया और मैं तेरी वाचा पर चलने को लौट आया। जब मैं तेरे आदेशों को विचारूँगा तो मुझे कभी भी लज्जित नहीं होना होगा। मैंने बिना देर लगाये तेरे आदेशों पर चलने कि शीघ्रता की।
हे यहोवा, तेरे उपदेश तेरे सेवक को आगाह करते है, और जो उनका पालन करते हैं उन्हें तो वरदान मिलते हैं।
“यह वह वाचा है जिसे मैं उनसे करूँगा। और फिर उसके बाद प्रभु घोषित करता है। अपनी व्यवस्था उनके हृदयों में बसाऊँगा। मैं उनके मनों पर उनको लिख दूँगा।”
किन्तु यदि कोई परमेश्वर के उपदेश का पालन करता है तो उसमें परमेश्वर के प्रेम ने परिपूर्णता पा ली है। यही वह मार्ग है जिससे हमें निश्चय होता है कि हम परमेश्वर में स्थित हैं:
यहोवा का भय मानना ज्ञान का आदि है किन्तु मूर्ख जन तो बुद्धि और अनुशासन को तुच्छ मानते हैं।
इन नियमों का सावधानी से पालन करो। यह अन्य राष्ट्रों को सूचित करेगा कि तुम बुद्धि और समझ रखते हो। जब उन देशों के लोग इन नियमों के बारे में सुनेंगे तो वे कहेंगे कि, ‘सचमुच इस महान राष्ट्र (इस्राएल) के लोग बुद्धिमान और समझदार हैं।’ “किसी राष्ट्र का कोई देवता उनके साथ उतना निकट नहीं रहता जिस तरह हमारा परमेश्वर यहोवा जो हम लोगों के पास रहता है, जब हम उसे पुकारते हैं और कोई दूसरा राष्ट्र इतना महान नहीं कि उसके पास वे अच्छे विधि और नियम हों जिनका उपदेश मैं आज कर रहा हूँ।
“भविष्य में यह वाचा मैं इस्राएल के लोगों के साथ करूँगा।” यह सन्देश यहोवा का है। “मैं अपनी शिक्षाओं को उनके मस्तिष्क में रखूँगा तथा उनके हृदयों पर लिखूँगा। मैं उनका परमेश्वर होऊँगा और वे मेरे लोग होंगे।
‘अपने पिता और अपनी माता का आदर कर’ और ‘जैसे तू अपने आप को प्यार करता है, वैसे ही अपने पड़ोसी से भी प्यार कर।’”
यह संसार अपनी लालसाओं और इच्छाओं समेत विलीन होता जा रहा है किन्तु वह जो परमेश्वर की इच्छा का पालन करता है, अमर हो जाता है।
आत्मा ही है जो जीवन देता है, देह का कोई उपयोग नहीं है। वचन, जो मैंने तुमसे कहे हैं, आत्मा है और वे ही जीवन देते हैं।
हे मेरे पुत्र, मेरी शिक्षा मत भूल, बल्कि तू मेरे आदेश अपने हृदय में बसा ले। तेरे भण्डार ऊपर तक भर जायेंगे, और तेरे मधुपात्र नये दाखमधु से उफनते रहेंगे। हे मेरे पुत्र, यहोवा के अनुशासन का तिरस्कार मत कर, उसकी फटकार का बुरा कभी मत मान। क्यों क्योंकि यहोवा केवल उन्हीं को डाँटता है जिनसे वह प्यार करता है। वैसे ही जैसे पिता उस पुत्र को डाँटे जो उसको अति प्रिय है। धन्य है वह मनुष्य, जो बुद्धि पाता है। वह मनुष्य धन्य है जो समझ प्राप्त करें। बुद्धि, मूल्यवान चाँदी से अधिक लाभदायक है, और वह सोने से उत्तम प्रतिदान देती है! बुद्धि मणि माणिक से अधिक मूल्यवान है। उसकी तुलना कभी किसी उस वस्तु से नहीं हो सकती है जिसे तू चाह सके! बुद्धि के दाहिने हाथ में सुदीर्घ जीवन है, उसके बायें हाथ में सम्पत्ति और सम्मान है। उसके मार्ग मनोहर हैं और उसके सभी पथ शांति के रहते हैं। बुद्धि उनके लिये जीवन वृक्ष है जो इसे अपनाते हैं, वे सदा धन्य रहेंगे जो दृढ़ता से बुद्धि को थामे रहते हैं! यहोवा ने धरती की नींव बुद्धि से धरी, उसने समझ से आकाश को स्थिर किया। क्योंकि इनसे तेरी आयु वर्षों वर्ष बढ़ेगी और ये तुझको समपन्न कर देगें। उसके ही ज्ञान से गहरे सोते फूट पड़े और बादल ओस कण बरसाते हैं। हे मेरे पुत्र, तू अपनी दृष्टि से भले बुरे का भेद और बुद्धि के विवेक को ओझल मत होने दे। वे तो तेरे लिये जीवन बन जायेंगे, और तेरे कंठ को सजाने का एक आभूषण। तब तू सुरक्षित बना निज मार्ग विचरेगा और तेरा पैर कभी ठोकर नहीं खायेगा। तुझको सोने पर कभी भय नहीं व्यापेगा और सो जाने पर तेरी नींद मधुर होगी। आकस्मिक नाश से तू कभी मत डर, या उस विनाश से जो दृष्टों पर आ पड़ता है। क्योंकि तेरा विश्वास यहोवा बन जायेगा और वह ही तेरे पैर को फंदे में फँसने से बचायेगा। जब तक ऐसा करना तेरी शक्ति में हो अच्छे को उनसे बचा कर मत रख जो जन अच्छा फल पाने योग्य है। जब अपने पड़ोसी को देने तेरे पास रखा हो तो उससे ऐसा मत कह कि “बाद में आना कल तुझे दूँगा।” तेरा पड़ोसी विश्वास से तेरे पास रहता हो तो उसके विरुद्ध उसको हानि पहुँचाने के लिये कोई षड़यंत्र मत रच। प्रेम, विश्वसनीयता कभी तुझको छोड़ न जाये, तू इनका हार अपने गले में डाल, इन्हें अपने मन के पटल पर लिख ले। बिना किसी कारण के किसी को मत कोस, जबकि उस जन ने तुझे क्षति नहीं पहुँचाई है। किसी बुरे जन से तू द्वेष मत रख और उसकी सी चाल मत चल। तू अपनी चल। क्यों क्योंकि यहोवा कुटिल जन से घृणा करता है और सच्चरित्र जन को अपनाता है। दुष्ट के घर पर यहोवा का शाप रहता है, वह नेक के घर को आर्शीवाद देता है। वह गर्वीले उच्छृंखल की हंसी उड़ाता है किन्तु दीन जन पर वह कृपा करता है। विवेकी जन तो आदर पायेंगे, किन्तु वह मूर्खों को, लज्जित ही करेगा। फिर तू परमेश्वर और मनुज की दृष्टि में उनकी कृपा और यश पायेगा।
“तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के नाम का उपयोग तुम्हें गलत ढंग से नहीं करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति यहोवा के नाम का उपयोग गलत ढंग से करता है तो वह अपराधी है और यहोवा उसे निरपराध नहीं मानेगा।
“तुम्हें उन सभी कामों को करने के लिए सावधान रहना चाहिए जिनके लिए मैं आदेश देता हूँ। जो मैं तुमसे कह रहा हूँ उसमें न तो कुछ जोड़ो, न ही उसमें से कुछ कम करो।
जो मुझमें प्रेम नहीं रखता, वह मेरे उपदेशों पर नहीं चलता। यह उपदेश जिसे तुम सुन रहे हो, मेरा नहीं है, बल्कि उस परम पिता का है जिसने मुझे भेजा है।
हे यहोवा, मैं सदा तेरी वाचा का पालन करूँगा। यह मुझे अति प्रसन्न किया करता है। मैं सदा तेरे विधान पर चलने का अति कठोर यत्न करूँगा।
इन आदेशों को लिखो और मेरे उपदेशों को याद रखने में सहायता के लिए अपने हाथों पर इसे बांधो तथा प्रतीक रूप मे अपने ललाट पर धारण करो। अपने घरों के दरवाजों, खम्भों और फाटकों पर इसे लिखो।
परमेश्वर की शिक्षा पर चलने वाले बनो, न कि केवल उसे सुनने वाले। यदि तुम केवल उसे सुनते भर हो तो तुम अपने आपको छल रहे हो।
“तो अब, मेरे पुत्रों, मेरी बात सुनो। वो धन्य है! जो जन मेरी राह पर चलते हैं। मेरे उपदेश सुनो और बुद्धिमान बनो। इनकी उपेक्षा मत करो। वही जन धन्य है, जो मेरी बात सुनता और रोज मेरे द्वारों पर दृष्टि लगाये रहता एवं मेरी ड्योढ़ी पर बाट जोहता रहता है। क्योंकि जो मुझको पा लेता वही जीवन पाता और वह यहोवा का अनुग्रह पाता है। किन्तु जो मुझको, पाने में चूकता, वह तो अपनी ही हानि करता है। मुझसे जो भी जन सतत बैर रखते हैं, वे जन तो मृत्यु के प्यारे बन जाते हैं!”
“इस पुस्तक में जितने आदेश और नियम लिखे गए हैं उन सबका पालन तुम्हें करना चाहिए और तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर के आश्चर्य और आतंक उत्पन्न करने वाले नाम का सम्मान करना चाहिए। यदि तुम इनका पालन नहीं करते तो यहोवा तुम्हें भयंकर आपत्ति में डालेगा और तुम्हारे वंशज बड़ी परेशानियाँ उठायेंगे और उन्हें भयंकर रोग होंगे जो लम्बे समय तक रहेंगे
“मैं तुम्हें सत्य बताता हूँ जो मेरे वचन को सुनता है और उस पर विश्वास करता है जिसने मुझे भेजा है, वह अनन्त जीवन पाता है। न्याय का दण्ड उस पर नहीं पड़ेगा। इसके विपरीत वह मृत्यु से जीवन में प्रवेश पा जाता है।
हे यहोवा, तू मेरे पास है। तेरे आदेशों पर विश्वास किया जा सकता है। तेरी वाचा से बहुत दिनों पहले ही मैं जान गया था कि तेरी शिक्षाएँ सदा ही अटल रहेंगी।
वे सभी आदेश जो मैंने तुम्हें दिये हैं, उन्हें उन पर चलना सिखाओ। और याद रखो इस सृष्टि के अंत तक मैं सदा तुम्हारे साथ रहूँगा।”
बल्कि जैसे तुम्हें बुलाने वाला परमेश्वर पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने प्रत्येक कर्म में पवित्र बनो। शास्त्र भी ऐसा ही कहता है: “पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ।”
ध्यान रहे! कि तुम उस बोलने वाले को मत नकारो। यदि वे उसको नकार कर नहीं बच पाये जिसने उन्हें धरती पर चेतावनी दी थी तो यदि हम उससे मुँह मोड़ेंगे जो हमें स्वर्ग से चेतावनी दे रहा है, तो हम तो दण्ड से बिल्कुल भी नहीं बच पायेंगे।
इसलिए, इस वाचा के आदेशों का पालन पूरी तरह करो। तब जो कुछ तुम करोगे उसमे सफल होगे।
धन्य हैं वे जो नीति के प्रति भूखे और प्यासे रहते हैं! क्योंकि परमेश्वर उन्हें संतोष देगा, तृप्ति देगा।
यदि कोई कहता है कि, “मैं परमेश्वर को जानता हूँ!” और उसकी आज्ञाओं का पालन नहीं करता तो वह झूठा है। उसके मन में सत्य नहीं है।
“तुम्हें चोरी नहीं करनी चाहिए। “तुम्हें अपने पड़ोसियों के विरुद्ध झूठी गवाही नहीं देनी चाहिए।