2 इतिहास 7:14 - पवित्र बाइबल14 और मेरे नाम से पुकारे जाने वाले लोग यदि विनम्र होते तथा प्रार्थना करते हैं, और मुझे ढूंढ़ते हैं और अपने बुरे रास्तों से दूर हट जाते हैं तो मैं स्वर्ग से उनकी सुनूँगा और मैं उनके पाप को क्षमा करूँगा और उनके देश को अच्छा कर दूँगा। अध्याय देखेंHindi Holy Bible14 तब यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन हो कर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी हो कर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुन कर उनका पाप क्षमा करूंगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूंगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)14 तब यदि मेरे निज लोग, जो मेरे अपने लोग हैं, जिनको मैंने अपना नाम दिया है, स्वयं को विनम्र और दीन बनाएंगे, मुझसे प्रार्थना करेंगे, और मेरे मुख का दर्शन प्राप्त करने का प्रयत्न करेंगे, और अपने बुरे आचरण को छोड़ देंगे, तो मैं स्वर्ग से उनकी प्रार्थना को सुनूंगा, और उनके पाप क्षमा कर दूंगा, मैं उनके देश को रोग-मुक्त कर दूंगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)14 तब यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन होकर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी होकर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुनकर उनका पाप क्षमा करूँगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूँगा। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल14 और मेरी प्रजा, जो मेरे नाम से जानी जाती है, अपने आपको विनम्र बना ले, प्रार्थना करने लगे, मेरी खुशी चाहे और अपने पाप के स्वभाव से दूर हो जाए, तब मैं स्वर्ग से उनकी सुनूंगा, उनका पाप क्षमा करूंगा और उनके देश के घाव भर दूंगा. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201914 तब यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन होकर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी होकर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुनकर उनका पाप क्षमा करूँगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूँगा। अध्याय देखें |
“तुम्हें उनसे कहना चाहिए, ‘मेरा स्वामी यहोवा कहता है: मैं अपनी जीवन की शपथ खाकर विश्वास दिलाता हूँ कि मैं लोगों को मरता देख कर आनन्दित नहीं होता, पापी व्यक्तियों को भी नहीं। मैं नहीं चाहता कि वे मरें। मैं उन पापी व्यक्तियों को अपने पास लौटाना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि वे अपने जीवन को बदलें जिससे वे जीवित रह सकें। अत: मेरे पास लौटो! बुरे काम करना छोड़ो! इस्राएल के परिवार, तुम्हें मरना ही क्यों चाहिए?’
“मनुष्य के पुत्र, अपने लोगों से कहो: ‘यदि किसी व्यक्ति ने अतीत में पुण्य किया है तो उससे उसका जीवन नहीं बचेगा। यदि वह बच जाये और पाप करना शुरु करे। यदि किसी व्यक्ति ने अतीत में पाप किया, तो वह नष्ट नहीं किया जाएगा, यदि वह पाप से दूर हट जाता है। अत: याद रखो, एक व्यक्ति द्वारा अतीत में किये गए पुण्य कर्म उसकी रक्षा नहीं करेंगे, यदि वह पाप करना आरम्भ करता है।’