तब याकूब ने अपने पुत्रों को बुलाकर उनसे कहा, ‘परस्पर एकत्र हो। मैं तुम्हें आगामी दिनों की बातें बताऊंगा जो तुम्हारे साथ घटेंगी।
यशायाह 2:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आनेवाले दिनों में यह होगा : जिस पर्वत पर प्रभु का भवन निर्मित है, वह विश्व के पर्वतों में उच्चतम स्थान पर, गौरवमय स्थान पर प्रतिष्ठित होगा। वह पहाड़ियों के मध्य उच्चतम स्थान ग्रहण करेगा; विश्व के राष्ट्र जलधारा के समान उसकी ओर बहेंगे। पवित्र बाइबल यहोवा का मन्दिर पर्वत पर है। भविष्य में, उस पर्वत को अन्य सभी पर्वतों में सबसे ऊँचा बनाया जायेगा। उस पर्वत को सभी पहाड़ियों से ऊँचा बनाया जायेगा। सभी देशों के लोग वहाँ जाया करेंगे। Hindi Holy Bible अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाडिय़ों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लागे धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाड़ियों से अधिक ऊँचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा के समान उसकी ओर चलेंगे। सरल हिन्दी बाइबल कि अंत के दिनों में वह पर्वत और पहाड़ जिस पर याहवेह का भवन है; उसे दृढ़ और ऊंचा किया जायेगा, और सब जाति के लोग बहती हुई नदी के समान उस ओर आएंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाड़ियों से अधिक ऊँचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा के समान उसकी ओर चलेंगे। |
तब याकूब ने अपने पुत्रों को बुलाकर उनसे कहा, ‘परस्पर एकत्र हो। मैं तुम्हें आगामी दिनों की बातें बताऊंगा जो तुम्हारे साथ घटेंगी।
किन्तु मैं जानता हूँ कि मेरा उद्धारकर्ता जीवित है; और वह अन्त में पृथ्वी पर खड़ा होगा।
मुझसे मांग, और मैं राष्ट्रों को तेरी पैतृक- सम्पत्ति और सम्पूर्ण पृथ्वी को तेरे अधिकार में कर दूंगा।
समस्त पृथ्वी की कौमें प्रभु का नाम स्मरण करेंगी, और प्रभु की ओर उन्मुख होंगी; राष्ट्रों के परिवार उसके सम्मुख आराधना करेंगे।
उसका पवित्र पर्वत, जिसकी उठान सुन्दर है, समस्त पृथ्वी के हर्ष का कारण है। सियोन पर्वत श्रेष्ठ पर्वत है, और वह राजाधिराज का नगर है।
परमेश्वर के रथ हजारों हैं, हजारों-हजार है; स्वामी सीनय पर्वत से पवित्र स्थान में आया।
हे स्वामी, समस्त राष्ट्र, जिन्हें तूने रचा है, तेरे सम्मुख आकर दण्डवत् करेंगे; वे तेरे नाम की महिमा करेंगे।
उस दिन यिशय का वंश-मूल देश-देश के लोगों के लिए एक पताका बनेगा। राष्ट्र उसको ढूंढ़ेंगे। उसका निवास-स्थान तेजोमय होगा।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु सियोन पर्वत पर सब जातियों के लिए महाभोज तैयार करेगा, जिस में छप्पन व्यंजन, शुद्ध किया हुआ अंगूर का रस होगा; जिसमें स्निग्ध भोजन, और पुराने अंगूर रस के पेय होंगे।
उस दिन महा नरसिंगा फूंका जाएगा। तब जो इस्राएली असीरिया देश में खो गए थे, और जो मिस्र देश को खदेड़ दिए गए थे, वे सब आएंगे, और यरूशलेम नगर में, पवित्र पर्वत पर प्रभु की आराधना करेंगे।
जैसे पवित्र पर्व की रात में तुम गीत गाते हो, वैसे ही तुम उस दिन गीत गाओगे। जैसे प्रभु के पर्वत, इस्राएल की चट्टान पर आनेवाला तीर्थयात्री मार्ग में बांसुरी बजाता हुआ आनन्द मनाता है, वैसे ही तुम हृदय से आनन्द मनाओगे।
वह कहता है, ‘यह साधारण-सी बात है कि याकूब के कुलों को पुन: स्थापित करने के लिए, इस्राएल के बचे हुए लोगों को वापस लाने के लिए तू मेरा सेवक बने; पर यह पर्याप्त नहीं है : मैं तुझे राष्ट्रों के लिए ज्योति बनाऊंगा, जिससे मेरा उद्धार पृथ्वी के सीमान्तों तक पहुँच सके।’
मैं उसको अपने गृह में, अपनी शहरपनाह के भीतर ऐसा स्थायी नाम दूंगा जो पुत्रों और पुत्रियों से श्रेष्ठ होगा। मैं उसको शाश्वत नाम दूंगा जो कभी न मिटेगा।
उनको मैं अपने पवित्र पर्वत पर लाऊंगा; अपने प्रार्थनाघर में उन्हें आनन्द प्रदान करूंगा। जब वे वेदी पर अपनी अग्निबलि तथा अन्न-बलि चढ़ाएंगे तब मैं उनकी बलि स्वीकार करूंगा; क्योंकि मेरा घर सब जातियों के लिए प्रार्थना का घर कहलागा।’
किन्तु तुम लोग, जिन्होंने मुझ-प्रभु को त्याग दिया है, जिन्होंने मेरे पवित्र पर्वत को भुला दिया है, जो भाग्य-देवता की मेज पर अन्न की भेंट अर्पित करते हो, नियति देवी को मसाला मिश्रित मदिरा चढ़ाते हो,
प्रभु की यह वाणी है : ‘जैसे इस्राएली आराधक अन्नबलि को शुद्ध पात्र में रखकर प्रभु-गृह में लाते हैं, वैसे ही वे सभी राष्ट्रों में से तुम्हारे जाति-भाई-बन्धुओं को घोड़ों, रथों, पालकियों, खच्चरों और ऊंटनियों पर बैठा कर पवित्र पर्वत यरूशलेम में लाएंगे, और मुझे भेंट के रूप में अर्पित करेंगे।
मैं-प्रभु यह कहता हूं; नए चांद के दिन से दूसरे नए चांद के दिन तक, एक विश्राम-दिवस से दूसरे विश्राम-दिवस तक समस्त प्राणी मेरी आराधना के लिए मेरे सम्मुख उपस्थित होंगे।
हे प्रभु, तू ही मेरा बल और मेरा गढ़ है; संकट के समय मैं तेरी ही शरण में आता हूं। प्रभु, विश्व के कोने-कोने से, सब राष्ट्रों के लोग तेरे सम्मुख आएंगे, और यह कहेंगे : ‘निस्सन्देह, हमारे पूर्वजों को पैतृक अधिकार में असत्य के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला; उन्हें निस्सार वस्तुएं प्राप्त हुई जो मनुष्य को लाभ नहीं पहुंचातीं।
जब तक प्रभु अपने हृदय के संकल्प को कार्य रूप में परिणत नहीं करेगा, और उसको पूर्ण नहीं कर लेगा, तब तक वह अपने क्रोध को शांत नहीं करेगा। अन्तिम दिनों में तुम्हें यह बात स्पष्ट समझ में आ जाएगी।
‘भाइयो, हमारे यहूदा प्रदेश के राजा हिजकियाह के राज्य-काल में मोरेशेत नगर के रहनेवाले नबी मीकायाह नबूवत करते थे। उन्होंने यहूदा की समस्त जनता से यह कहा था: “स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यह कहता है : सियोन की पवित्र भूमि पर शत्रु-सेना का हल चलेगा; यरूशलेम नगर मलवों का ढेर बन जाएगा; और मन्दिर का पहाड़ पूजास्थल का जंगल बन जाएगा!”
‘उन दिनों में यरूशलेम नगर “प्रभु का सिंहासन” कहलाएगा। विश्व की सब जातियां यरूशलेम में प्रभु की उपस्थिति में एकत्र होंगी। वे हठ-पूर्वक अपने हृदय के अनुरूप बुरे मार्ग पर नहीं चलेंगी।
जब तक प्रभु अपने हृदय के संकल्प को कार्य रूप में परिणित नहीं कर लेगा, और उसको पूर्ण नहीं कर लेगा, तब तक वह अपने क्रोध को शान्त नहीं करेगा। अंतिम दिनों में यह बात स्पष्ट समझ में आ जाएगी।
अब इस्राएली सियोन पर्वत पर आएंगे, और उच्च स्वर में प्रभु का गुणगान करेंगे। प्रभु की भलाई के कारण उनके मुख पर चमक होगी; क्योंकि प्रभु उनको अनाज, अंगूर-रस, जैतून का तेल भेड़-बकरियों और गायों के बच्चे देगा। जल से सींचे गये उद्यान के सदृश उनके प्राण हरे-भरे होंगे; इस्राएली फिर कभी दु:खी न होंगे।
प्रभु कहता है, “तो भी मैं मोआब की समृद्धि आनेवाले दिनों में पुन: लौटाऊंगा।” मोआब का दण्ड-विचार समाप्त हुआ।’
प्रभु कहता है, मैं बेबीलोन के राष्ट्रीय देवता बेल को दण्ड दूंगा : और उसने जो निगल लिया है, वह उसके मुंह से उगलवा लूंगा। अब विश्व के राष्ट्र उसकी ओर खिंचे हुए नहीं आएंगे; देखो, बेबीलोन की शहरपनाह ढह गई।
जैसे काली घटाएं आकाश को ढक लेती हैं, तू और तेरी सेना वैसे ही मेरे निज लोग इस्राएलियों के देश को ढक लेगी। तू उन पर चढ़ाई करेगा। ओ गोग, जब मेरे निज लोग इस्राएली अपने देश में बस चुके होंगे, उसके पश्चात् मैं स्वयं तुझसे अपने देश पर आक्रमण कराऊंगा, जिससे सब राष्ट्र जानेंगे कि मैं तेरे माध्यम से सब राष्ट्रों की आंखों के सामने अपनी पवित्रता प्रमाणित करता हूं।
मैंने परमेश्वर के दर्शन देखे। परमेश्वर ने अपने दर्शन में मुझे इस्राएल देश में पहुंचाया, और वहां एक अत्यन्त ऊंचे पहाड़ पर खड़ा कर दिया। मैंने देखा कि मेरे सामने नगर के आकार-सा कुछ है।
ताकि तुझे वे बातें समझाऊं जो युगान्त में तेरी कौम के लोगों के साथ घटेंगी। जो दर्शन तूने देखा है वह आगामी कुछ दिनों के बाद पूरा होगा।”
किन्तु स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर सब रहस्यों पर से परदा हटाता है। उसी ने महाराज को भविष्य में घटनेवाली घटनाओं का दर्शन स्वप्न में कराया है। आपका स्वप्न और आपके मन में अंकित दृश्य जो आपने पलंग पर सोते समय देखे हैं, वे ये हैं :
तत्पश्चात् लोहा, मिट्टी, पीतल, चांदी और सोना भी एक साथ चूर-चूर हो गए, और वे ग्रीष्म ऋतु के खलियान के भूसे के समान कण-कण हो गए। पवन ने उनको उड़ा दिया, और वे लुप्त हो गए, उनका चिह्न भी शेष न रहा। “परन्तु जिस पत्थर ने मूर्ति के पांवों पर प्रहार किया था, वह एक विशाल पर्वत के रूप में बदल गया, और सम्पूर्ण पृथ्वी में फैल गया।
महाराज, आपने देखा कि एक पत्थर को किसी अज्ञात हाथ ने (मनुष्य के हाथ ने नहीं) पहाड़ से खोदा और उस पत्थर ने लोहा, पीतल, मिट्टी, चांदी और सोने को चूर-चूर कर डाला। महान परमेश्वर ने महाराज पर यह बात प्रकट की है कि भविष्य में क्या होनेवाला है। महाराज, आपका स्वप्न सच्चा और उसका अर्थ भी निश्चित है।’
तत्पश्चात् इस्राएली लौटेंगे, और अपने प्रभु परमेश्वर तथा अपने राजा दाऊद को खोजेंगे। वे प्रभु की आशिष के लिए, जो वह आनेवाले दिनों में उन्हें देगा, भय से कांपते हुए प्रभु के पास आएंगे।
समस्त देश एक मैदान के रूप में बदल जाएगा: देश गेबा नगर से यरूशलेम के दक्षिण में स्थित रिम्मोन नगर तक एक विस्तृत सपाट भूमि हो जाएगा। परन्तु यरूशलेम अपने ऊंचे स्थान पर बसा रहेगा। उसकी नगर-सीमा बिन्यामिन-द्वार से नुक्कड़वाले फाटक तक (जहां प्राचीन काल में प्रवेश-द्वार था), हननएल मीनार से राजा के अंगूर-रस कुण्डों तक होगी।
महान राष्ट्र और बड़ी-बड़ी कौमें स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु को खोजने के लिए यरूशलेम में जाएंगी। वे प्रभु की कृपा के लिए निवेदन करेंगे।
प्रभु यों कहता है: मैं सियोन पर्वत को लौटूंगा। मैं यरूशलेम के मध्य निवास करूंगा और यरूशलेम “सत्य नगर” कहलाएगा। स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का पर्वत “पवित्र पर्वत” होगा।
तब सब राष्ट्र तुम्हें सुखी राष्ट्र कहेंगे, क्योंकि तुम्हारा देश एक मनोहर देश होगा।’ स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने यह कहा है।
अब, देखिए, मैं अपने भाई-बन्धुओं के पास जा रहा हूं। आइए, मैं आपको बता दूं कि ये इस्राएली लोग आपकी प्रजा के साथ आनेवाले दिनों में क्या करेंगे।’
परमेश्वर यह कहता है : ‘मैं अन्तिम दिनों में सब मनुष्यों पर अपना आत्मा उंडेलूंगा। तुम्हारे पुत्र और पुत्रियाँ नबूवत करेंगे, तुम्हारे नवयुवक दिव्य दर्शन पायेंगे और तुम्हारे बड़े-बूढ़े स्वप्न देखेंगे।
परन्तु वर्तमान अन्तिम युग में वह हम से पुत्र द्वारा बोला है। उसने उस पुत्र के द्वारा समस्त विश्व की सृष्टि की और उसी को सब कुछ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है।
आप लोग सर्वप्रथम यह जान लें कि अन्तिम दिनों में उपहास करने वाले धर्मनिन्दक आयेंगे। वे अपनी दुर्वासनाओं के अनुरूप आचरण करेंगे
सातवें स्वर्गदूत ने तुरही बजायी। इस पर स्वर्ग में वाणियाँ सुनाई पड़ीं, जो ऊंचे स्वर से कह रही थीं : “इस संसार का राज्य हमारे प्रभु और उसके मसीह का राज्य बन गया है। वह युग-युगों तक राज्य करेंगे।”
मैंने सिंहासन देखे। जो उन पर बैठने आये, उन्हें न्याय करने का अधिकार दिया गया। मैंने उन लोगों की आत्माओं को भी देखा, जिनके सिर येशु की साक्षी और परमेश्वर के वचन के कारण काटे गये थे, जिन्होंने पशु और उसकी प्रतिमा की आराधना नहीं की थी तथा अपने माथे और हाथों पर पशु की छाप अंकित नहीं होने दिया था। वे पुनर्जीवित हो कर मसीह के साथ एक हजार वर्ष तक राज्य करते रहे।