10 समस्त देश एक मैदान के रूप में बदल जाएगा: देश गेबा नगर से यरूशलेम के दक्षिण में स्थित रिम्मोन नगर तक एक विस्तृत सपाट भूमि हो जाएगा। परन्तु यरूशलेम अपने ऊंचे स्थान पर बसा रहेगा। उसकी नगर-सीमा बिन्यामिन-द्वार से नुक्कड़वाले फाटक तक (जहां प्राचीन काल में प्रवेश-द्वार था), हननएल मीनार से राजा के अंगूर-रस कुण्डों तक होगी।
10 उस समय यरूशलेम के चारों ओर का क्षेत्र अराबा मरूभूमि की तरह सूना हो जाएगा। गेब से लेकर नेगब में रिम्मोन तक देश मरूभूमि सा हो जाएगा। किन्तु यरूशलेम का पूरा नगर फिर से, बिन्यामीन द्वार से प्रथम द्वार (अर्थात् कोने का द्वार) और हननेल की मीनार से राजा के दाखमधु निष्कासक तक बनेगा।
10 गेबा से ले कर यरूशलेम की दक्खिन ओर के रिम्मोन तक सब भूमि अराबा के समान हो जाएगी। परन्तु वह ऊंची हो कर बिन्यामीन के फाटक से ले कर पहिले फाटक के स्थान तक, और कोने वाले फाटक तक, और हननेल के गुम्मट से ले कर राजा के दाखरस कुण्ड़ों तक अपने स्थान में बसेगी।
10 गेबा से लेकर यरूशलेम के दक्षिण की ओर के रिम्मोन तक सब भूमि अराबा के समान हो जाएगी। परन्तु वह ऊँची होकर बिन्यामीन के फाटक से लेकर पहले फाटक के स्थान तक, और कोनेवाले फाटक तक, और हननेल के गुम्मट से लेकर राजा के दाखरसकुण्डों तक अपने स्थान में बसेगी।
10 सारी भूमि, गेबा से लेकर येरूशलेम के दक्षिण में रिम्मोन तक अराबाह के समान हो जाएगी. परंतु बिन्यामिन द्वार से लेकर पहले द्वार के लिए चिन्हित स्थान तक, तथा कोने के द्वार तक और हनानेल के मीनार से लेकर राजा के रसकुण्डों तक येरूशलेम को ऊंचा उठाया जाएगा, और यह अपने स्थान में बना रहेगा.
10 गेबा से लेकर यरूशलेम के दक्षिण की ओर के रिम्मोन तक सब भूमि अराबा के समान हो जाएगी। परन्तु वह ऊँची होकर बिन्यामीन के फाटक से लेकर पहले फाटक के स्थान तक, और कोनेवाले फाटक तक, और हननेल के गुम्मट से लेकर राजा के दाखरस कुण्डों तक अपने स्थान में बसेगी।
राजा आसा ने समस्त यहूदा प्रदेश में अनिवार्य सैनिक सेवा की घोषणा कर दी। एक भी व्यक्ति नहीं छोड़ा गया। जिन पत्थरों और लकड़ियों से बाशा रामाह की किलाबन्दी कर रहा था, उनको यहूदा प्रदेश के लोग ढोकर ले गए। राजा आसा ने उन पत्थरों और लकड़ियों से बिन्यामिन कुल के भूमिक्षेत्र के गेबा नगर और मिस्पाह नगर की किलाबन्दी की।
इस्राएल प्रदेश के राजा यहोआश ने यहूदा प्रदेश के राजा अमस्याह को, जो अहज्याह का पौत्र और योआश का पुत्र था, बेत-शेमेश नगर में बन्दी बना लिया। वह यरूशलेम नगर में आया। उसने एफ्रइम प्रवेश-द्वार से कोने वाले प्रवेश-द्वार तक, लगभग एक सौ अस्सी मीटर, यरूशलेम की शहरपनाह तोड़ दी।
इस्राएल प्रदेश के राजा यहोआश ने यहूदा प्रदेश के राजा अमस्याह को, जो अहज्याह का पौत्र और योआश का पुत्र था, बेत-शेमश नगर में बन्दी बना लिया। वह उसे यरूशलेम नगर ले गया। उसने एफ्रइम प्रवेश-द्वार से कोनेवाले प्रवेश-द्वार तक, लगभग एक सौ अस्सी मीटर यरूशलेम की शहरपनाह तोड़ दी।
वहाँ से जुलूस ‘एफ्रइम-द्वार’, ‘प्राचीन-द्वार’, ‘मत्स्य-द्वार’, हननेल-बुर्ज और हम्मेआ-बुर्ज से निकलते हुए ‘मेष-द्वार’ पर पहुँचा और वहाँ से ‘निरीक्षण-द्वार’ पर जाकर रुक गया।
महापुरोहित एल्याशीब अपने सहयोगी पुरोहितों के साथ शहरपनाह की मरम्मत करने को तैयार हुआ। उन्होंने ‘मेष-द्वार’ को बनाया। उन्होंने उसकी प्रतिष्ठा कर उसमें दरवाजे लगाए। तत्पश्चात् उन्होंने शहरपनाह की ‘हम्मेआ-बुर्ज’ तथा ‘हननेल-बुर्ज’ तक प्रतिष्ठा की, और उसको बनाया।
आनेवाले दिनों में यह होगा : जिस पर्वत पर प्रभु का भवन निर्मित है, वह विश्व के पर्वतों में उच्चतम स्थान पर, गौरवमय स्थान पर प्रतिष्ठित होगा। वह पहाड़ियों के मध्य उच्चतम स्थान ग्रहण करेगा; विश्व के राष्ट्र जलधारा के समान उसकी ओर बहेंगे।
‘प्रभु यों कहता है : देखो, मैं याकूब के ध्वस्त मकानों का वैभव लौटाऊंगा : उसके निवास-स्थानों पर दया करूंगा। नगर का पुनर्निर्माण उसके मलबों के ढेर पर होगा। राजमहल वहां फिर खड़ा होगा, जहां वह पहले था।
किन्तु जब वह यरूशलेम की दीवार से बिन्यामिन-द्वार पर पहुंचे, तब उनको यिरियाह नामक पहरेदार ने पकड़ लिया। यिरियाह शेलेम्याह बेन-हनन्याह का पुत्र था। पहरेदार ने कहा, ‘तुम कसदी सेना के पास भाग रहे हो।’
एबेद-मेलेक नामक एक खोजा था। वह कूश देश का निवासी था। वह उस समय राजभवन में था। जब उसने सुना कि यिर्मयाह अंधे-कुएं में डाल दिए गए हैं, तब वह राजभवन से बाहर निकला, और राजा के पास गया। उस समय राजा बिन्यामिन द्वार पर न्यायासन पर बैठा था।
‘उस दिन मैं दाऊद की ध्वस्त झोपड़ी को खड़ा कर दूंगा, मैं उसकी दीवारों की दरारों को भरूंगा, उसके मलवे को उठाऊंगा, और प्राचीनकाल के समान उसका पुन: निर्माण करूंगा।
आनेवाले दिनों में यह होगा: प्रभु-भवन का पहाड़ पहाड़ों में सर्वश्रेष्ठ माना जाएगा; वह पहाड़ियों में ऊपर रहेगा। हर राष्ट्र के लोग जल-धारा के समान उसकी ओर बहेंगे।
‘उस दिन मैं यहूदा वंश के कुलों को लकड़ी के ढेर में भभकती हुई अंगीठी या पूले में जलती हुई मशाल बना दूंगा और वे आस-पास के राष्ट्र को भस्म कर डालेंगे। पर यरूशलेम अपने स्थान पर आबाद रहेगा।’
दूत ने उससे कहा, ‘दौड़, और उस जवान से यह कह: “यरूशलेम नगर की आबादी इतनी बढ़ जाएगी, उसमें इतने मनुष्य और पशु बसेंगे कि वह गाँवों के सदृश बिना दीवारों का नगर बन जाएगा!
प्रभु यों कहता है: मैं सियोन पर्वत को लौटूंगा। मैं यरूशलेम के मध्य निवास करूंगा और यरूशलेम “सत्य नगर” कहलाएगा। स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का पर्वत “पवित्र पर्वत” होगा।
शेष बिन्यामिनी सैनिक मुड़े और वे निर्जन प्रदेश की दिशा में रिम्मोन की चट्टान की ओर भागे। इस्राएलियों ने उनमें से पांच हजार सैनिकों को पहाड़ी मार्गों पर चुन-चुनकर मार डाला। तत्पश्चात् उन्होंने बिन्यामिनियों का गिदोम नगर तक पीछा किया और उनके दो हजार सैनिकों का संहार कर दिया।
किन्तु छ: सौ बिन्यामिनी सैनिक मुड़े और निर्जन प्रदेश की दिशा में रिम्मोन की चट्टान की ओर भाग गए। उन्होंने चार महीने तक रिम्मोन की चट्टान में निवास किया।