2 मैंने परमेश्वर के दर्शन देखे। परमेश्वर ने अपने दर्शन में मुझे इस्राएल देश में पहुंचाया, और वहां एक अत्यन्त ऊंचे पहाड़ पर खड़ा कर दिया। मैंने देखा कि मेरे सामने नगर के आकार-सा कुछ है।
2 अपने दर्शनों में परमेश्वर ने मुझे इस्राएल के देश में पहुँचाया और वहाँ एक बहुत ऊँचे पहाड़ पर खड़ा किया, जिस पर दक्षिण की ओर मानो किसी नगर का आकार था।
2 परमेश्वर के इस दर्शन में वह मुझे इस्राएल के देश में ले गए और मुझे एक बहुत ऊंचे पर्वत पर खड़ा कर दिया, जिसके दक्षिण ओर कुछ भवन थे, जो एक शहर की तरह दिखता था.
“इसके बाद मैंने रात के दर्शनों में चौथा पशु देखा। वह देखने में भयानक, डरावना और अत्यन्त विशाल था। उसके मुंह में लोहे के बड़े-बड़े दांत थे। वह सब कुछ खाता और टुकड़े-टुकड़े कर देता था। जो उसके मुंह से बच जाता, उसको वह अपने पंजों से रौंद डालता था। वह पहलेवाले तीनों पशुओं से भिन्न था। उसके दस सींग थे।
बेबीलोन देश के राजा बेलशस्सर के राज्यकाल के प्रथम वर्ष में दानिएल ने एक स्वप्न तथा अनेक दर्शन देखे जब वह पलंग पर सो रहे थे। उन्होंने स्वप्न को लिख लिया तथा स्वप्न का सारांश बताया।
तीसवें वर्ष के चौथे महीने की पांचवीं तारीख को यह घटना घटी। उस समय कबार नदी के तट पर यहूदा प्रदेश से निष्कासित बन्दियों का शिविर था। मैं भी इन्हीं बन्दियों में था। तब स्वर्ग खुल गया, और मैंने परमेश्वर के दर्शन देखे।
आनेवाले दिनों में यह होगा: प्रभु-भवन का पहाड़ पहाड़ों में सर्वश्रेष्ठ माना जाएगा; वह पहाड़ियों में ऊपर रहेगा। हर राष्ट्र के लोग जल-धारा के समान उसकी ओर बहेंगे।
तब उस आकृति ने हाथ के समान कुछ बढ़ाया, और मेरे सिर के बालों का गुच्छा पकड़ लिया, और आत्मा ने मुझे आकाश और भूमि के मध्य उठा लिया। वह मुझे परमेश्वर के दर्शन में यरूशलेम ले गया। मैं ने परमेश्वर के दर्शन में यह देखा कि मैं यरूशलेम के मन्दिर के भीतरी आंगन के प्रवेश-द्वार पर खड़ा हूं जो उत्तर दिशा में है, और जहां ‘ईष्र्या की मूर्ति’ का सिंहासन है, और जिसको देखकर ईष्र्या जाग्रत होती है।
तूने अपने हृदय में सोचा था, “मैं आकाश पर चढ़ूंगा, परमेश्वर के तारों के ऊपर, ऊंचे से ऊंचे स्थान पर मैं अपना सिंहासन प्रतिष्ठित करूंगा। मैं दूरस्थ उत्तर में स्थित ‘देवताओं के पर्वत’ पर विराजूंगा।
इनके अतिरिक्त उसके मस्तिष्क में प्रभु-भवन के आंगनों, चहुंओर के कक्षों, प्रभु-भवन के भण्डार-गृहों तथा प्रभु को अर्पित भेंटों के लिए निर्मित भण्डार-गृहों का नमूना था। यह भी उसने सुलेमान को बताया।
वहाँ पौलुस ने रात में एक दर्शन देखा : एक मकिदुनिया-निवासी उनके सामने खड़ा हो कर यह अनुरोध कर रहा है, “आप समुद्र पार कर मकिदुनिया में आइए और हमारी सहायता कीजिए।”
परमेश्वर यह कहता है : ‘मैं अन्तिम दिनों में सब मनुष्यों पर अपना आत्मा उंडेलूंगा। तुम्हारे पुत्र और पुत्रियाँ नबूवत करेंगे, तुम्हारे नवयुवक दिव्य दर्शन पायेंगे और तुम्हारे बड़े-बूढ़े स्वप्न देखेंगे।
‘स्वामी-प्रभु यों कहता है : इस्राएल के सब वंशज अपने देश में, इस्राएल देश के उच्च पहाड़ी शिखर पर, मेरे पवित्र पर्वत पर मेरी आराधना करेंगे। वहां मैं उनकी सेवा-आराधना को स्वीकार करूंगा। वहीं मैं तुम्हारी सब प्रकार की बलि, सर्वोत्तम वस्तुएं, उपहार, तुम्हारी पवित्र भेंट लूंगा।
मैं उनके देश में, इस्राएल के पहाड़ों पर, उनको एक राष्ट्र के रूप में पुन: प्रतिष्ठित करूंगा। उनके ऊपर एक ही राजा राज्य करेगा, और वे फिर कभी दो राष्ट्रों के रूप में विभाजित नहीं होंगे। उनके अलग-अलग दो राज्य नहीं होंगे।