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यिर्मयाह 31:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

12 अब इस्राएली सियोन पर्वत पर आएंगे, और उच्‍च स्‍वर में प्रभु का गुणगान करेंगे। प्रभु की भलाई के कारण उनके मुख पर चमक होगी; क्‍योंकि प्रभु उनको अनाज, अंगूर-रस, जैतून का तेल भेड़-बकरियों और गायों के बच्‍चे देगा। जल से सींचे गये उद्यान के सदृश उनके प्राण हरे-भरे होंगे; इस्राएली फिर कभी दु:खी न होंगे।

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पवित्र बाइबल

12 इस्राएल के लोग सिय्योन की ऊँचाइयों पर आएंगे, और वे आनन्द घोष करेंगे। उनके मुख यहोवा द्वारा दी गई अच्छी चीज़ों के कारण प्रसन्नता से झूम उठेंगे। यहोवा उन्हें अन्न, नयी दाखमधु, तेल, नयी भेड़ें और गायें देगा। वे उस उद्यान की तरह होंगे जिसमें प्रचुर जल हो और इस्राएल के लोग भविष्य में तंग नहीं किये जाएंगे।

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Hindi Holy Bible

12 इसलिये वे सिय्योन की चोटी पर आकर जयजयकार करेंगे, और यहोवा से अनाज, नया दाखमधु, टटका तेल, भेड़-बकरियां और गाय-बैलों के बच्चे आदि उत्तम उत्तम दान पाने के लिये तांता बान्ध कर चलेंगे; और उनका प्राण सींची हुई बारी के समान होगा, और वे फिर कभी उदास न होंगे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

12 इसलिये वे सिय्योन की चोटी पर आकर जयजयकार करेंगे, और यहोवा से अनाज, नया दाखमधु, टटका तेल, भेड़–बकरियाँ और गाय–बैलों के बच्‍चे आदि उत्तम उत्तम दान पाने के लिये ताँता बाँधकर चलेंगे; और उनका प्राण सींची हुई बारी के समान होगा, और वे फिर कभी उदास न होंगे।

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सरल हिन्दी बाइबल

12 वे लौटेंगे तथा ज़ियोन की ऊंचाइयों पर आकर हर्षोल्लास करेंगे; याहवेह की कृपादृष्टि के कारण वे आनंदित हो जाएंगे— अन्‍न, नई दाखमधु तथा प्रचूर तेल के कारण, भेड़ों एवं पशुओं के बच्चों के कारण. उनका जीवन सिंचित उद्यान सदृश होगा, वे पुनः अंत न होंगे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

12 इसलिए वे सिय्योन की चोटी पर आकर जयजयकार करेंगे, और यहोवा से अनाज, नया दाखमधु, टटका तेल, भेड़-बकरियाँ और गाय-बैलों के बच्चे आदि उत्तम-उत्तम दान पाने के लिये ताँता बाँधकर चलेंगे; और उनका प्राण सींची हुई बारी के समान होगा, और वे फिर कभी उदास न होंगे।

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यिर्मयाह 31:12
35 क्रॉस रेफरेंस  

पर तेरे साथ क्षमा है, ताकि हम तेरी भक्‍ति करें।


क्‍योंकि तुम उस बांज वृक्ष के समान हो जाओगे, जिसके पत्ते मुर्झा गए हैं। तुम उस उद्यान के समान सूख जाओगे, जिसको पानी नहीं मिलता।


प्रभु के द्वारा मुक्‍त किए गए लोग सियोन को लौटेंगे; वे हर्ष के गीत गाते हुए आएंगे। शाश्‍वत आनन्‍द से उनके मुख चमकते होंगे। उन्‍हें हर्ष और सुख प्राप्‍त होगा; उनके दु:ख और आहों का अन्‍त हो जाएगा।


प्रभु के द्वारा मुक्‍त किए गए लोग हर्ष के गीत गाते हुए सियोन में आएंगे। शाश्‍वत आनन्‍द से उनके मुख चमकते होंगे। उन्‍हें हर्ष और सुख प्राप्‍त होगा। उनके दु:ख और आहों का अन्‍त हो जाएगा।


सुन, तेरे पहरेदार उच्‍चस्‍वर में सब मिलकर, आनन्‍द से गीत गा रहे है; वे साक्षात् देख रहे हैं कि प्रभु सियोन को लौट रहा है।


प्रभु निरन्‍तर तेरा मार्गदर्शन करता रहेगा, और वह अभाव के दिनों में भी तुझे तृप्‍त करेगा। वह तेरी हड्डियों को मजबूत बनाएगा, और तू सिंचे हुए उद्यान के सदृश हरा-भरा होगा; तू उस झरने के समान होगा, जिसका जल कभी नहीं सूखता।


तेरा यह सूर्य कभी अस्‍त न होगा, और न चन्‍द्रमा की चांदनी मलिन पड़ेगी; क्‍योंकि प्रभु तेरा शाश्‍वत प्रकाश होगा, और तेरे शोक के दिन समाप्‍त हो जाएंगे।


मैं स्‍वयं यरूशलेम में हर्षित, और अपने निज लोगों से आनन्‍दित होऊंगा। यरूशलेम नगर में फिर कभी न रोने का स्‍वर, और न सहायता के लिए पुकार सुनाई देगी।


प्रभु यों कहता है: ‘ओ विश्‍वासघातिनी जनता, लौट आ! क्‍योंकि मैं तेरा स्‍वामी हूं। मैं प्रत्‍येक नगर से एक व्यक्‍ति और हरएक गोत्र से दो जन लूंगा, ओर यों तुझको सियोन में पहुंचा दूंगा।


‘यहूदा प्रदेश के सब नगर-निवासी, किसान और चरवाहे जो भेड़-बकरियों के साथ यहां-वहां भटकते हैं, अब शांति से अपने देश में निवास करेंगे।


मैं थके-मांदे लोगों को तृप्‍त करूंगा, और उदास लोगों को नवजीवन दूंगा।’


मैं तेरा पुनर्निर्माण करूंगा, और तू फिर बसेगी, तू फिर सोलह श्रृंगार करेगी, और आनन्‍द मनानेवालों के बीच में नाचते-गाते हुए निकलेगी।


ओ इस्राएल! एक दिन ऐसा भी आएगा जब पहरेदार एफ्रइम के पहाड़ी क्षेत्र में पुकार-पुकार कर कहेगा, “ओ सोनेवालो, उठो! और सियोन पर्वत पर अपने प्रभु परमेश्‍वर के पास चलो।” ’


प्रभु यों कहता है : ‘याकूब के स्‍वागत में उल्‍लासपूर्वक उच्‍च स्‍वर में गाओ। पहाड़ों के शिखरों से ऊंचे स्‍वर में जय-जयकार करो; प्रभु के इस कार्य के लिए यह घोषित करो; प्रभु की स्‍तुति करो, और यह कहो, “प्रभु ने इस्राएल के बचे हुए लोगों का, अपने निज लोगों का उद्धार किया।” ’


इस्राएल का परमेश्‍वर, स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु, यों कहता है: इस देश के निवासी अपने ही मकानों, खेतों और अंगूर-उद्यानों को फिर खरीदेंगे।”


स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : ‘यह स्‍थान उजाड़ पड़ा है। यहां न मनुष्‍य रहते हैं, और न पशु। मैं इस स्‍थान को, इस प्रदेश के सब नगरों को आबाद कर दूंगा। यहां चरवाहे बसेंगे, और वे अपने रेवड़ को चराएंगे।


पहाड़ी क्षेत्र के नगरों में, मैदानी क्षेत्र के नगरों में, दक्षिण क्षेत्र के नगरों में, बिन्‍यामिन कुल-क्षेत्र के नगरों में तथा यरूशलेम के आसपास के गांवों में भेड़-बकरियां फिर चराई जाएंगी; वे चरवाहे के हाथ के नीचे से गुजरेंगी, और वह उनको गिनेगा।’ प्रभु की यह वाणी है।


सुनो, मैं उसको इस्राएल प्रदेश के उच्‍चतम पर्वत पर रोपूंगा; तब उसमें डालियां फूटेंगी, और उसमें फल लगेंगे। वह एक शानदार देवदार वृक्ष बन जाएगी। उसके नीचे सब जाति के पशु आश्रय लेंगे; उसकी घनी शाखाओं में सब प्रकार के पक्षी अपना घोंसला बनाएंगे।


‘स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : इस्राएल के सब वंशज अपने देश में, इस्राएल देश के उच्‍च पहाड़ी शिखर पर, मेरे पवित्र पर्वत पर मेरी आराधना करेंगे। वहां मैं उनकी सेवा-आराधना को स्‍वीकार करूंगा। वहीं मैं तुम्‍हारी सब प्रकार की बलि, सर्वोत्तम वस्‍तुएं, उपहार, तुम्‍हारी पवित्र भेंट लूंगा।


मैं उनको हरे-भरे चरागाह में चराऊंगा। इस्राएल देश के ऊंचे पठारों पर उनके चरागाह होंगे। वहां वे हरे-भरे घास के मैदान में आराम करेंगी। उन्‍हें इस्राएल के पहाड़ों के उत्तम चरागाह में पेटभर आहार प्राप्‍त होगा।


मैं प्रचुर मात्रा में पेड़ों में फल और खेतों में अन्न उत्‍पन्न करूंगा। तब तुम्‍हारे देश में कभी अकाल नहीं पड़ेगा, और न राष्‍ट्रों में तुम्‍हारा अपमान होगा।


तत्‍पश्‍चात् इस्राएली लौटेंगे, और अपने प्रभु परमेश्‍वर तथा अपने राजा दाऊद को खोजेंगे। वे प्रभु की आशिष के लिए, जो वह आनेवाले दिनों में उन्‍हें देगा, भय से कांपते हुए प्रभु के पास आएंगे।


‘उस दिन यह घटना घटेगी : पहाड़ों से अंगूर-रस चूएगा, पहाड़ियों पर दूध की नदियां बहेंगी, यहूदा प्रदेश की बरसाती नदियां जल से भर जाएंगी। प्रभु के भवन से एक झरना फूटेगा, जो शिट्टीम घाटी को सींचेगा।


क्‍या बीज अब तक बखार में है? क्‍या अंगूर, अंजीर, अनार और जैतून के वृक्षों में फल नहीं लगे? आज के दिन से मैं तुम्‍हें आशिष देता रहूंगा।’


वे पूर्ण निश्‍चिन्‍तता के साथ खेती-किसानी करेंगे, और समृद्ध होंगे। अंगूर-उद्यानों में फल लगेंगे। भूमि पर प्रचुरता से फसल होगी और आकाश से ओस की वर्षा होगी। मैं इस्राएल के शेष वंशजों को ये वस्‍तुएं प्रदान करूंगा और वे इन्‍हें प्राप्‍त करेंगे।


इसी तरह तुम लोग अभी दु:खी हो, किन्‍तु मैं तुम्‍हें फिर देखूँगा और तुम्‍हारा मन आनन्‍दित होगा। तुम से तुम्‍हारा आनन्‍द कोई छीन नहीं सकेगा।


अथवा क्‍या तुम परमेश्‍वर की असीम दयालुता, सहनशीलता और धैर्य का तिरस्‍कार करते और यह नहीं समझते कि परमेश्‍वर की दयालुता तुम्‍हें पश्‍चात्ताप की ओर ले जाना चाहती है?


वह उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा। इसके बाद न मृत्‍यु रहेगी, न शोक, न विलाप और न दु:ख, क्‍योंकि पुरानी बातें बीत चुकी हैं।”


क्‍योंकि सिहासन के सामने विद्यमान मेमना इनका चरवाहा होगा और इन्‍हें संजीवन जल के स्रोतों के पास ले जाएगा। और परमेश्‍वर इनकी आंखों से सब आँसू पोंछ डालेगा।”


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