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यशायाह 27:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 उस दिन महा नरसिंगा फूंका जाएगा। तब जो इस्राएली असीरिया देश में खो गए थे, और जो मिस्र देश को खदेड़ दिए गए थे, वे सब आएंगे, और यरूशलेम नगर में, पवित्र पर्वत पर प्रभु की आराधना करेंगे।

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पवित्र बाइबल

13 अश्शूर में अभी मेरे बहुत से लोग खोये हुए हैं। मेरे कुछ लोग मिस्र को भाग गये हैं। किन्तु उस समय एक विशाल भेरी बजाई जायेगी और वे सभी लोग वापस यरूशलेम आजायेंगे और उस पवित्र पर्वत पर यहोवा के सामने वे सभी लोग झुक जायेंगे।

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Hindi Holy Bible

13 उस समय बड़ा नरसिंगा फूंका जाएगा, और जो अश्शूर देश में नाश हो रहे थे और जो मिस्र देश में बरबस बसाए हुए थे वे यरूशलेम में आकर पवित्र पर्वत पर यहोवा को दण्डवत करेंगे॥

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 उस समय बड़ा नरसिंगा फूँका जाएगा, और जो अश्शूर देश में नष्‍ट हो रहे थे और जो मिस्र देश में बरबस बसाए हुए थे वे यरूशलेम में आकर पवित्र पर्वत पर यहोवा को दण्डवत् करेंगे।

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सरल हिन्दी बाइबल

13 उस दिन नरसिंगा फूंका जाएगा. वे जो अश्शूर देश में नष्ट किए गए थे और वे जो मिस्र देश में तितर-बितर कर दिए गए थे, वे सब आएंगे और येरूशलेम में पवित्र पर्वत पर याहवेह की आराधना करेंगे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

13 उस समय बड़ा नरसिंगा फूँका जाएगा, और जो अश्शूर देश में नाश हो रहे थे और जो मिस्र देश में बरबस बसाए हुए थे वे यरूशलेम में आकर पवित्र पर्वत पर यहोवा को दण्डवत् करेंगे। (मत्ती 24:31)

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यशायाह 27:13
51 क्रॉस रेफरेंस  

होशे के राज्‍य-काल के नौवें वर्ष में असीरिया देश के राजा ने राजधानी सामरी नगर पर अधिकार कर लिया। वह इस्राएलियों को बन्‍दी बनाकर असीरिया देश में ले गया। उसने इस्राएलियों को हलह नगर में तथा गोजान क्षेत्र की हाबोर नदी के तट पर, और मादय देश के नगरों में बसाया।


ये पुरोहित परमेश्‍वर की मंजूषा के सम्‍मुख तुरहियां बजाएंगे: शबनयाह, योशापाट, नटनएल, अमासई, जकर्याह, बनायाह और एलीएजेर। ओबेद-एदोम और यहियाह भी मंजूषा के प्रहरी होंगे।


भक्‍तों के जयजयकार के समय, तुरही की ध्‍वनि के समय प्रभु परमेश्‍वर ऊपर गया!


नवचंद्र के दिन नरसिंगा बजाओ; पूर्णिमा को, यात्रा-पर्व मनाओ।


धन्‍य हैं वे, जो पर्व के उल्‍लास को जानते हैं; जो, हे प्रभु, तेरे मुख की ज्‍योति में चलते हैं;


उस दिन दूसरी बार स्‍वामी अपना भुजबल प्रकट करेगा: वह अपनी प्रजा के बचे हुए लोगों को मुक्‍त करेगा। वह उन्‍हें असीरिया, मिस्र, पतरोस, इथियोपिआ, एलाम, शिनआर, हमात और समुद्र तटीय देशों से छुड़ा लेगा।


वह इन राष्‍ट्रों को चेतावनी देने के लिए झण्‍डा फहराएगा, वह इस्राएली राष्‍ट्र से निष्‍कासित लोगों को एकत्र करेगा। वह पृथ्‍वी की चारों दिशाओं से यहूदा के बिखरे हुए निवासियों को बटोरेगा।


यों उसकी प्रजा के अवशिष्‍ट लोगों के लिए असीरिया देश में बचे हुए लोगों के लिए, एक राजमार्ग बन जाएगा, जैसा उस दिन इस्राएलियों के लिए बना था, जब वे मिस्र देश से बाहर निकले थे।


ओ संसार के सब रहनेवालो! ओ पृथ्‍वी के सब निवासियो! जब ध्‍वजा पर्वतों पर फहरायी जाएगी, तब तुम उस को देखोगे; जब तुरही फूंकी जाएगी, तब तुम उस को सुनोगे।”


प्रभु मिस्र-निवासियों पर स्‍वयं को प्रकट करेगा, और उस दिन मिस्र-निवासी प्रभु का अनुभव करेंगे, और वे पशु-बलि और अग्‍नि-बलि के द्वारा प्रभु की आराधना करेंगे। वे प्रभु के लिए मन्नतें मानेंगे और उनको पूर्ण करेंगे।


यद्यपि प्रभु मिस्र-निवासियों को मारेगा, तथापि वह उनको मार के द्वारा स्‍वस्‍थ भी करेगा। वे पश्‍चात्ताप कर प्रभु की ओर उन्‍मुख होंगे। प्रभु उनकी प्रार्थना सुनेगा, और तब उन्‍हें स्‍वस्‍थ करेगा।


मनुष्‍य-जाति की चढ़ी हुई आंखें नीची की जाएंगी; मनुष्‍य का घमण्‍ड चूर-चूर किया जाएगा। उस दिन केवल प्रभु ही उच्‍च स्‍थान पर विराजमान होगा।


आनेवाले दिनों में यह होगा : जिस पर्वत पर प्रभु का भवन निर्मित है, वह विश्‍व के पर्वतों में उच्‍चतम स्‍थान पर, गौरवमय स्‍थान पर प्रतिष्‍ठित होगा। वह पहाड़ियों के मध्‍य उच्‍चतम स्‍थान ग्रहण करेगा; विश्‍व के राष्‍ट्र जलधारा के समान उसकी ओर बहेंगे।


देश-देश के लोग वहाँ जाएंगे और यह कहेंगे : ‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें; आओ, हम याकूब के परमेश्‍वर के भवन की ओर चलें, ताकि प्रभु हमें अपना मार्ग सिखाए, और हम उसके सिखाए हुए मार्ग पर चलें।’ सियोन पर्वत से प्रभु की व्‍यवस्‍था प्रकट होगी, यरूशलेम नगर से ही प्रभु का शब्‍द सुनाई देगा।


स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु सियोन पर्वत पर सब जातियों के लिए महाभोज तैयार करेगा, जिस में छप्‍पन व्‍यंजन, शुद्ध किया हुआ अंगूर का रस होगा; जिसमें स्‍निग्‍ध भोजन, और पुराने अंगूर रस के पेय होंगे।


मैं उत्तर के राज्‍यों को आदेश दूंगा, “इन्‍हें छोड़ दो।” मैं दक्षिण के राज्‍यों से यह कहूंगा, ‘इन्‍हें मत रोको।” मेरे पुत्रों को दूर-दूर देशों से लाओ, मेरी पुत्रियों को पृथ्‍वी के सीमान्‍तों से एकत्र करो।


अपने सेवक से जिसको मनुष्‍य सर्वथा तुच्‍छ समझते हैं, जिससे राष्‍ट्र घृणा करते हैं, जो शासकों का गुलाम है, उससे प्रभु इस्राएल का मुक्‍तिदाता और उसका पवित्र परमेश्‍वर यों कहता है : ‘तुझे देखकर राजा अपने सिंहासन से खड़े हो जाएंगे, सामन्‍त तेरे सम्‍मुख भूमि पर लेटकर तुझे साष्‍टांग प्रणाम करेंगे, क्‍योंकि मैं-प्रभु ने, जो सच्‍चा परमेश्‍वर हूं, जो इस्राएल का पवित्र परमेश्‍वर हूं, तुझे मनोनीत किया है।’


स्‍वामी-प्रभु जो इस्राएल के निष्‍कासित लोगों को एकत्र करता है, यह कहता है : ‘जो एकत्र हो चुके हैं उनके अतिरिक्‍त अन्‍य लोगों को भी मैं उनके पास एकत्र करूंगा।’


‘मैं उनके काम और उनके विचार जानता हूं। मैं सब राष्‍ट्रों और सब भाषाओं की कौमों को एकत्र करने के लिए आ रहा हूं। वे यरूशलेम में आएंगे और मेरे वैभव का दर्शन करेंगे।


मैं-प्रभु यह कहता हूं; नए चांद के दिन से दूसरे नए चांद के दिन तक, एक विश्राम-दिवस से दूसरे विश्राम-दिवस तक समस्‍त प्राणी मेरी आराधना के लिए मेरे सम्‍मुख उपस्‍थित होंगे।


ओ इस्राएल! एक दिन ऐसा भी आएगा जब पहरेदार एफ्रइम के पहाड़ी क्षेत्र में पुकार-पुकार कर कहेगा, “ओ सोनेवालो, उठो! और सियोन पर्वत पर अपने प्रभु परमेश्‍वर के पास चलो।” ’


उन्‍होंने प्रभु की वाणी को अनसुना कर दिया। वे मिस्र देश के तहपन्‍हेस नगर में पहुंचे।


जो लोग तलवार की मार से बच जाएंगे, वे मिस्र देश से यहूदा प्रदेश को लौटेंगे, किन्‍तु उनकी संख्‍या थोड़ी ही होगी। तब यहूदा प्रदेश के ये बचे हुए लोग जो मिस्र देश में बसने के लिए आए हैं, इस सच्‍चाई को जानेंगे के मेरा वचन सच सिद्ध हुआ अथवा उनका।


मैं तुम्‍हें राष्‍ट्रों के मध्‍य से निकालूंगा। जिन देशों में तुम तितर-बितर हो गए हो, वहां से मैं अपनी सामर्थ्यपूर्ण भुजा, और उद्धार के हेतु बढ़ाए गए अपने हाथ से तुम्‍हें निकालूंगा, और उन पर अपनी क्रोधाग्‍नि की वर्षा करूंगा।


जब मैं राष्‍ट्रों के मध्‍य से तुम्‍हें निकाल कर लाऊंगा, जिन देशों में तुम बिखरे हुए हो, मैं वहां से तुम्‍हें एकत्र करूंगा, तब मैं तुम्‍हें सुगन्‍धित धूप-द्रव्‍य के रूप में ग्रहण करूंगा। मैं सब राष्‍ट्रों के सम्‍मुख स्‍वयं की पवित्रता प्रकट करूंगा, जिसके द्वारा तुम्‍हें ज्ञात होगा कि मैं पवित्र हूं।


‘स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : मैं याकूब के वंशजों को गुलामी से छुड़ाकर वापस लाऊंगा, और उनको पुन: समृद्ध करूंगा। मैं सम्‍पूर्ण इस्राएल वंशियों पर दया करूंगा। मैं अपने पवित्र नाम के लिए ईष्‍र्यालु होऊंगा।


वह समुद्र और तेजोमय पवित्र पर्वत के मध्‍य अपने राजसी तम्‍बू गाड़ेगा। तो भी उसका अन्‍त होगा ही। उसको बचाने वाला कोई न होगा।


वे मिस्र देश से पक्षी के समान, असीरिया देश से कबूतर के सदृश कांपते हुए आएंगे। मैं उन्‍हें उनके देश में पुन: बसा दूंगा − प्रभु यों कहता है।


इस्राएली बलि चढ़ाना पसंद करते हैं। वे मुझे पशु-बलि चढ़ाते हैं, और स्‍वयं मांस खा जाते हैं! पर मैं–प्रभु बलि पसंद नहीं करता। अब मैं उनके अधर्म को स्‍मरण करूंगा, और उनके पाप-कर्मों के लिए उन्‍हें दण्‍ड दूंगा। वे मिस्र देश की गुलामी में लौट जाएंगे।


तू मुझ-प्रभु के देश में रह न सकेगा; ओ एफ्रइम, तुझे मिस्र देश की गुलामी में लौटना होगा। तू असीरिया देश में अशुद्ध वस्‍तुएँ खाएगा।


तब तुम सातवें महीने के दसवें दिन सब स्‍थानों पर नरसिंगा फूंकना। प्रायश्‍चित्त दिवस पर तुम अपने देश के सब स्‍थानों पर नरसिंगा फूंकना।


प्रभु, तू अपनी लाठी लेकर अपने निज लोगों को, अपनी मीरास को, अपनी भेड़ों को चरा। वे जंगल में अकेले निवास कर रहे हैं। वे उपजाऊ भूमि के मध्‍य अकेले पड़े हैं। जैसा तू पुराने समय में बाशान और गिलआद क्षेत्र में उन्‍हें चराता था, वैसा ही उन्‍हें अब इन क्षेत्रों में चरा।


यरूशलेम नगर पर आक्रमण करने वाले राष्‍ट्रों में जो राष्‍ट्र नष्‍ट होने से बच जाएगा, वह प्रति वर्ष स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु, समस्‍त पृथ्‍वी के राजा की आराधना करने के लिए यरूशलेम में आएगा। वह झोपड़ियों का पर्व मनाएगा।


स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: देखो, मैं पूर्व और पश्‍चिम के देशों से अपने निज लोगों को छुड़ाऊंगा।


उदयाचल से अस्‍ताचल तक, समस्‍त राष्‍ट्रों में मेरा नाम महान है। हर स्‍थान में मेरे नाम पर धूप-द्रव्‍य और शुद्ध भेंट चढ़ाई जाती है। मैं, स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यह कहता हूं: समस्‍त राष्‍ट्रों में मेरा नाम महान है।


वह तुरही की तुमुल ध्‍वनि के साथ अपने दूतों को भेजेगा और वे चारों दिशाओं से, विश्‍व के कोने-कोने से, उसके चुने हुए लोगों को एकत्र करेंगे।


“प्रभु का आत्‍मा मुझ पर है, क्‍योंकि उसने मेरा अभिषेक किया है कि मैं गरीबों को शुभ-समाचार सुनाऊं, उसने मुझे भेजा है जिससे मैं बन्‍दियों को मुक्‍ति का और अन्‍धों को दृष्‍टि-प्राप्‍ति का सन्‍देश दूँ, मैं दलितों को स्‍वतन्‍त्र करूँ


अब मैं यह पूछता हूँ: “क्‍या उन्‍होंने सुना नहीं?” उन्‍होंने अवश्‍य सुना है, क्‍योंकि “उनकी वाणी समस्‍त संसार में फैल गयी है और उनके शब्‍द पृथ्‍वी के सीमान्‍तों तक।”


क्‍योंकि जब आदेश दिया जायेगा और प्रधान स्‍वर्गदूत की वाणी तथा परमेश्‍वर की तुरही सुनाई पड़ेगी, तो प्रभु स्‍वयं स्‍वर्ग से उतरेंगे। जो मसीह में मर गए हैं, वे पहले जी उठेंगे।


आप लोग सियोन पर्वत, जीवन्‍त परमेश्‍वर के नगर, स्‍वर्गीय यरूशलेम के पास पहुँचे हैं, जहाँ लाखों स्‍वर्गदूत आनन्‍द-उत्‍सव मनाते हैं


जिस दिन सातवें स्‍वर्गदूत की तुरही सुनाई पड़ेगी, उस दिन परमेश्‍वर का गुप्‍त रहस्‍य पूरा हो जायेगा, जैसा कि उसने अपने सेवकों, अर्थात् नबियों को सूचित किया था।”


इसके बाद मैंने देखा कि उन सात स्‍वर्गदूतों को, जो परमेश्‍वर के सामने खड़े रहते हैं, सात तुरहियाँ दी जा रही हैं।


वे सात स्‍वर्गगदूत, जिनके पास सात तुरहियाँ थीं, अपनी-अपनी तुरही बजाने को तैयार हुए।


मैंने उसे तुरहीधारी छठे स्‍वर्गदूत से यह कहते सुना: “महानदी फरात के पास बँधे हुए चार दूतों को खोल दो।”


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