बाइबिल के पद

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39 बच्चों के दिन के लिए बाइबल के पद

सोचो, हर बच्चा ईश्वर की अनोखी और अद्भुत रचना है! वो हर बच्चे में खुश होते हैं। तो फिर हम बच्चों को बोझ या बड़ी ज़िम्मेदारी क्यों समझें? बच्चे तो आशीर्वाद हैं, ईश्वर की दी हुई धरोहर हैं, हमारी ज़िंदगी के लिए एक अनमोल तोहफ़ा।

उनका बढ़ता हुआ देखना, उन्हें प्रभु के मार्ग पर चलना सिखाना, ये कितना बड़ा सौभाग्य है, कितना बड़ा सम्मान! उनके शरीर का हर एक अंग ईश्वर ने बनाया है। उनके लिए प्रार्थना करो। उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार ढाला है। उनकी ज़िंदगी के लिए धन्यवाद दो, क्योंकि वही तो हैं जो उन्हें जन्म लेते, बढ़ते और अपनी प्रतिभा और क्षमता का भला कामों में इस्तेमाल करते देखकर खुश होते हैं।

जैसा कि भजन संहिता 139:13-14¹ में लिखा है, "तू ने मेरे अन्तड़ियों को रचा; तू ने मुझे माँ के गर्भ में बनाया। मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ, क्योंकि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूँ; तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली-भाँति जानता हूँ!"

¹भजन संहिता 139:13-14


मत्ती 19:14

इस पर यीशु ने कहा, “बच्चों को रहने दो, उन्हें मत रोको, मेरे पास आने दो क्योंकि स्वर्ग का राज्य ऐसों का ही है।”

भजन संहिता 139:13-14

हे यहोवा, तूने मेरी समूची देह को बनाया। तू मेरे विषय में सबकुछ जानता था जब मैं अभी माता की कोख ही में था।

हे यहोवा, तुझको उन सभी अचरज भरे कामों के लिये मेरा धन्यवाद, और मैं सचमुच जानता हूँ कि तू जो कुछ करता है वह आश्चर्यपूर्ण है।

मरकुस 10:14

जब यीशु ने यह देखा तो उसे बहुत क्रोध आया। फिर उसने उनसे कहा, “नन्हे-मुन्ने बच्चों को मेरे पास आने दो। उन्हें रोको मत क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों का ही है।

भजन संहिता 139:13

हे यहोवा, तूने मेरी समूची देह को बनाया। तू मेरे विषय में सबकुछ जानता था जब मैं अभी माता की कोख ही में था।

नीतिवचन 20:11

बालक भी अपने कर्मो से जाना जाता है, कि उसका चालचलन शुद्ध है, या नहीं।

लूका 18:16

किन्तु यीशु ने बच्चों को अपने पास बुलाया और शिष्यों से कहा, “इन छोटे बच्चों को मेरे पास आने दो, इन्हें रोको मत, क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों का ही है।

नीतिवचन 1:8-9

हे मेरे पुत्र, अपने पिता की शिक्षा पर ध्यान दे और अपनी माता की नसीहत को मत भूल।

वे तेरा सिर सजाने को मुकुट और शोभायमान करने तेरे गले का हार बनेंगे।

मत्ती 18:3

“मैं तुमसे सत्य कहता हूँ जब तक कि तुम लोग बदलोगे नहीं और बच्चों के समान नहीं बन जाओगे, स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकोगे।

मत्ती 18:2-5

तब यीशु ने एक बच्चे को अपने पास बुलाया और उसे उनके सामने खड़ा करके कहा,

क्योंकि जहाँ मेरे नाम पर दो या तीन लोग मेरे अनुयायी के रूप में इकट्ठे होते हैं, वहाँ मैं उनके साथ हूँ।”

फिर पतरस यीशु के पास गया और बोला, “प्रभु, मुझे अपने भाई को कितनी बार अपने प्रति अपराध करने पर भी क्षमा कर देना चाहिए? यदि वह सात बार अपराध करे तो भी?”

यीशु ने कहा, “न केवल सात बार, बल्कि मैं तुझे बताता हूँ तुझे उसे सात बार के सतत्तर गुना तक क्षमा करते रहना चाहिये।”

“सो स्वर्ग के राज्य की तुलना उस राजा से की जा सकती है जिसने अपने दासों से हिसाब चुकता करने की सोची थी।

जब उसने हिसाब लेना शुरू किया तो उसके सामने एक ऐसे व्यक्ति को लाया गया जिस पर दसियों लाख रूपया निकलता था।

पर उसके पास चुकाने का कोई साधन नहीं था। उसके स्वामी ने आज्ञा दी कि उस दास को, उसकी घर वाली, उसके बाल बच्चों और जो कुछ उसका माल असबाब है, सब समेत बेच कर कर्ज़ चुका दिया जाये।

“तब उसका दास उसके पैरों में गिर कर गिड़गिड़ाने लगा, ‘धीरज धरो, मैं सब कुछ चुका दूँगा।’

इस पर स्वामी को उस दास पर दया आ गयी। उसने उसका कर्ज़ा माफ करके उसे छोड़ दिया।

“फिर जब वह दास वहाँ से जा रहा था, तो उसे उसका एक साथी दास मिला जिसे उसे कुछ रूपये देने थे। उसने उसका गिरहबान पकड़ लिया और उसका गला घोटते हुए बोला, ‘जो तुझे मेरा देना है, लौटा दे!’

“इस पर उसका साथी दास उसके पैरों में गिर पड़ा और गिड़गिड़ाकर कहने लगा, ‘धीरज धर, मैं चुका दूँगा।’

“मैं तुमसे सत्य कहता हूँ जब तक कि तुम लोग बदलोगे नहीं और बच्चों के समान नहीं बन जाओगे, स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकोगे।

“पर उसने मना कर दिया। इतना ही नहीं उसने उसे तब तक के लिये, जब तक वह उसका कर्ज़ न चुका दे, जेल भी भिजवा दिया।

दूसरे दास इस सारी घटना को देखकर बहुत दुःखी हुए। और उन्होंने जो कुछ घटा था, सब अपने स्वामी को जाकर बता दिया।

“तब उसके स्वामी ने उसे बुलाया और कहा, ‘अरे नीच दास, मैंने तेरा वह सारा कर्ज़ माफ कर दिया क्योंकि तूने मुझ से दया की भीख माँगी थी।

क्या तुझे भी अपने साथी दास पर दया नहीं दिखानी चाहिये थी जैसे मैंने तुम पर दया की थी?’

सो उसका स्वामी बहुत बिगड़ा और उसे तब तक दण्ड भुगताने के लिए सौंप दिया जब तक समूचा कर्ज़ चुकता न हो जाये।

“सो जब तक तुम अपने भाई-बंदों को अपने मन से क्षमा न कर दो मेरा स्वर्गीय परम पिता भी तुम्हारे साथ वैसा ही व्यवहार करेगा।”

इसलिये अपने आपको जो कोई इस बच्चे के समान नम्र बनाता है, वही स्वर्ग के राज्य में सबसे बड़ा है।

“और जो कोई ऐसे बालक जैसे व्यक्ति को मेरे नाम में स्वीकार करता है वह मुझे स्वीकार करता है।

मत्ती 18:10

“सो देखो, मेरे इन मासूम अनुयायियों में से किसी को भी तुच्छ मत समझना। मैं तुम्हें बताता हूँ कि उनके रक्षक स्वर्गदूतों की पहुँच स्वर्ग में मेरे परम पिता के पास लगातार रहती है।

मरकुस 9:36-37

और फिर एक छोटे बच्चे को लेकर उसने उनके सामने खड़ा किया। बच्चे को अपनी गोद में लेकर वह उनसे बोला,

“मेरे नाम में जो कोई इनमें से किसी भी एक बच्चे को अपनाता है, वह मुझे अपना रहा हैं; और जो कोई मुझे अपनाता है, न केवल मुझे अपना रहा है, बल्कि उसे भी अपना रहा है, जिसने मुझे भेजा है।”

मरकुस 10:13-16

फिर लोग यीशु के पास नन्हें-मुन्ने बच्चों को लाने लगे ताकि वह उन्हें छू कर आशीष दे। किन्तु उसके शिष्यों ने उन्हें झिड़क दिया।

जब यीशु ने यह देखा तो उसे बहुत क्रोध आया। फिर उसने उनसे कहा, “नन्हे-मुन्ने बच्चों को मेरे पास आने दो। उन्हें रोको मत क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों का ही है।

मैं तुमसे सत्य कहता हूँ जो कोई परमेश्वर के राज्य को एक छोटे बच्चे की तरह नहीं अपनायेगा, उसमें कभी प्रवेश नहीं करेगा।”

फिर उन बच्चों को यीशु ने गोद में उठा लिया और उनके सिर पर हाथ रख कर उन्हें आशीष दी।

नीतिवचन 20:7

धर्मी जन निष्कलंक जीवन जीता है उसका बाद आनेवाली संतानें धन्य हैं।

लूका 18:16-17

किन्तु यीशु ने बच्चों को अपने पास बुलाया और शिष्यों से कहा, “इन छोटे बच्चों को मेरे पास आने दो, इन्हें रोको मत, क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों का ही है।

मैं सच्चाई के साथ तुमसे कहता हूँ कि ऐसा कोई भी जो परमेश्वर के राज्य को एक अबोध बच्चे की तरह ग्रहण नहीं करता, उसमें कभी प्रवेश नहीं पायेगा!”

व्यवस्थाविवरण 6:6-7

इन आदेशों को सदा याद रखो जिन्हें मैं आज तुम्हें दे रहा हूँ।

इनकी शिक्षा अपने बच्चों को देने के लिए सावधान रहो। इन आदेशों के बारे में तुम अपने घर में बैठे और सड़क पर घूमते बातें करो। जब तुम लेटो और जब जागो तब इनके बारे में बातें करो।

इफिसियों 6:1-3

हे बालकों, प्रभु में आस्था रखते हुए माता-पिता की आज्ञा का पालन करो क्योंकि यही उचित है।

मतलब यह कि प्रभु में स्थित होकर उसकी असीम शक्ति के साथ अपने आपको शक्तिशाली बनाओ।

परमेश्वर के सम्पूर्ण कवच को धारण करो। ताकि तुम शैतान की योजनाओं के सामने टिक सको।

क्योंकि हमारा संघर्ष मनुष्यों से नहीं है, बल्कि शासकों, अधिकारियों इस अन्धकारपूर्ण युग की आकाशी शक्तियों और अम्बर की दुष्टात्मिक शक्तियों के साथ है।

इसलिए परमेश्वर के सम्पूर्ण कवच को धारण करो ताकि जब बुरे दिन आयें तो जो कुछ सम्भव है, उसे कर चुकने के बाद तुम दृढ़तापूर्वक अडिग रह सको।

सो अपनी कमर पर सत्य का फेंटा कस कर धार्मिकता की झिलम पहन कर तथा पैरों में शांति के सुसमाचार सुनाने की तत्परता के जूते धारण करके तुम लोग अटल खड़े रहो।

इन सब से बड़ी बात यह है कि विश्वास को ढाल के रूप में ले लो। जिसके द्वारा तुम उन सभी जलते तीरों को बुझा सकोगे, जो बदी के द्वारा छोड़े गये हैं।

छुटकारे का शिरस्त्राण पहन लो और परमेश्वर के संदेश रूपी आत्मा की तलवार उठा लो।

हर प्रकार की प्रार्थना और निवेदन सहित आत्मा की सहायता से हर अवसर पर विनती करते रहो। इस लक्ष्य से सभी प्रकार का यत्न करते हुए सावधान रहो। तथा सभी संतों के लिये प्रार्थना करो।

और मेरे लिये भी प्रार्थना करो कि मैं जब भी अपना मुख खोलूँ, मुझे एक सुसंदेश प्राप्त हो ताकि निर्भयता के साथ सुसमाचार के रहस्यपूर्ण सत्य को प्रकट कर सकूँ।

“अपने माता-पिता का सम्मान कर।” यह पहली आज्ञा है जो इस प्रतिज्ञा से भी युक्त है,

इसी के लिए मैं ज़ंजीरों में जकड़े हुए राजदूत के समान सेवा कर रहा हूँ। प्रार्थना करो कि मैं, जिस प्रकार मुझे बोलना चाहिए, उसी प्रकार निर्भयता के साथ सुसमाचार का प्रवचन कर सकूँ।

तुम भी, मैं कैसा हूँ और क्या कर रहा हूँ, इसे जान जाओ। सो तुखिकुस तुम्हें सब कुछ बता देगा। वह हमारा प्रिय बंधु है और प्रभु में स्थित एक विश्वासपूर्ण सेवक है

इसीलिए मैं उसे तुम्हारे पास भेज रहा हूँ ताकि तुम मेरे समाचार जान सको और इसलिए भी कि वह तुम्हारे मन को शांति दे सके।

हे भाइयों, तुम सब को परम पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से विश्वास शांति और प्रेम प्राप्त हो।

जो हमारे प्रभु यीशु मसीह से अमर प्रेम रखते हैं, उन पर परमेश्वर का अनुग्रह होता है।

“तेरा भला हो और तू धरती पर चिरायु हो।”

भजन संहिता 139:14

हे यहोवा, तुझको उन सभी अचरज भरे कामों के लिये मेरा धन्यवाद, और मैं सचमुच जानता हूँ कि तू जो कुछ करता है वह आश्चर्यपूर्ण है।

भजन संहिता 71:5

मेरे स्वामी, तू मेरी आशा है। मैं अपने बचपन से ही तेरे भरोसे हूँ।

कुलुस्सियों 3:20

हे बालकों, सब बातों में अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करो। क्योंकि प्रभु के अनुयायियों के इस व्यवहार से परमेश्वर प्रसन्न होता है।

1 कुरिन्थियों 13:11

जब मैं बच्चा था तो एक बच्चे की तरह ही बोला करता था, वैसे ही सोचता था और उसी प्रकार सोच विचार करता था, किन्तु अब जब मैं बड़ा होकर पुरूष बन गया हूँ, तो वे बचपने की बातें जाती रही हैं।

यशायाह 54:13

तेरी सन्तानें यहोवा द्वारा शिक्षित होंगी। तेरी सन्तानों की सम्पन्नता महान होगी।

रोमियों 15:13

सभी आशाओं का स्रोत परमेश्वर, तुम्हें सम्पूर्ण आनन्द और शांति से भर दे जैसा कि उसमें तुम्हारा विश्वास है। ताकि पवित्र आत्मा की शक्ति से तुम आशा से भरपूर हो जाओ।

यशायाह 11:6

उसके समय में, भेड़ और भेड़िये शांति से साथ—साथ रहेंगे, सिंह और बकरी के बच्चों के साथ शांति से पड़े रहेंगे। बछड़े, सिंह और बैल आपस में शांति के साथ रहेंगे। एक छोटा सा बच्चा उनकी अगुवाई करेगा।

भजन संहिता 8:2

बालकों और छोटे शिशुओं के मुख से, तेरे प्रशंसा के गीत उच्चरित होते हैं। तू अपने शत्रुओं को चुप करवाने के लिये ऐसा करता है।

भजन संहिता 34:11

हे बालकों, मेरी सुनो, और मैं तुम्हें सिखाऊँगा कि यहोवा की सेवा कैसे करें।

भजन संहिता 78:4

इस कहानी को हम नहीं भूलेंगे। हमारे लोग इस कथा को अगली पीढ़ी को सुनाते रहेंगे। हम सभी यहोवा के गुण गायेंगे। हम उन के अद्भुत कर्मो का जिनको उसने किया है बखान करेंगे।

3 यूहन्ना 1:4

मुझे यह सुनने से अधिक आनन्द और किसी में नहीं आता कि मेरे बालक सत्य के मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं।

यिर्मयाह 1:5

“तुम्हारी माँ के गर्भ में रखने के पहले मैंने तुमको जान लिया। तुम्हारे जन्म लेने के पहले, मैंने तुम्हें विशेष कार्य के लिये चुना था। मैंने तुम्हें राष्ट्रों का नबी होने को चुना था।”

1 तीमुथियुस 4:12

तू अभी युवक है। इसी से कोई तुझे तुच्छ न समझे। बल्कि तू अपनी बात-चीत, चाल-चलन, प्रेम-प्रकाशन, अपने विश्वास और पवित्र जीवन से विश्वासियों के लिए एक उदाहरण बन जा।

इफिसियों 4:32

परस्पर एक दूसरे के प्रति दयालु और करुणावान बनो। तथा आपस में एक दूसरे के अपराधों को वैसे ही क्षमा करो जैसे मसीह के द्वारा तुम को परमेश्वर ने भी क्षमा किया है।

फिलिप्पियों 4:13

जो मुझे शक्ति देता है, उसके द्वारा मैं सभी परिस्थितियों का सामना कर सकता हूँ।

1 यूहन्ना 3:1

विचार कर देखो कि परम पिता ने हम पर कितना महान प्रेम दर्शाया है! ताकि हम उसके पुत्र-पुत्री कहला सकें और वास्तव में वे हम हैं ही। इसलिए संसार हमें नहीं पहचानता क्योंकि वह मसीह को नहीं पहचानता।

लूका 1:76

“हे बालक, अब तू परमप्रधान का नबी कहलायेगा, क्योंकि तू प्रभु के आगे-आगे चल कर उसके लिए राह तैयार करेगा।

भजन संहिता 127:3

बच्चे यहोवा का उपहार है, वे माता के शरीर से मिलने वाले फल हैं।

नीतिवचन 22:6

बच्चे को यहोवा की राह पर चलाओ वह बुढ़ापे में भी उस से भटकेगा नहीं।

गिनती 6:24-26

‘यहोवा तुम पर कृपा करे और तुम्हारी रक्षा करे।

यहोवा की कृपादृष्टि तुम पर प्रकाशित हो। वह तुमसे प्रेम करे।

यहोवा की दृष्टि तुम पर हो। वह तुम्हें शान्ति दे।’

मत्ती 11:25

उस अवसर पर यीशु बोला, “परम पिता, तू स्वर्ग और धरती का स्वामी है, मैं तेरी स्तुति करता हूँ क्योंकि तूने इन बातों को, उनसे जो ज्ञानी हैं और समझदार हैं, छिपा कर रखा है। और जो भोले भाले हैं उनके लिए प्रकट किया है।

नीतिवचन 17:6

नाती—पोते वृद्ध जन का मुकुट होते हैं, और माता—पिता उनके बच्चों का मान हैं।

लूका 9:47-48

यीशु ने जान लिया कि उनके मन में क्या विचार हैं। सो उसने एक बच्चे को लिया और उसे अपने पास खड़ा करके

उनसे बोला, “जो कोई इस छोटे बच्चे का मेरे नाम में सत्कार करता है, वह मानों मेरा ही सत्कार कर रहा है। और जो कोई मेरा सत्कार करता है, वह उसका ही सत्कार कर रहा है जिसने मुझे भेजा है। इसीलिए जो तुममें सबसे छोटा है, वही सबसे बड़ा है।”

ईश्वर से प्रार्थना

प्रभु, आपका नाम पवित्र है, आपकी पवित्रता अतुलनीय है! केवल आप ही सारे यश और सम्मान के योग्य हैं। इस खास दिन पर, जो घर के नन्हें-मुन्नों को समर्पित है, मैं आपका धन्यवाद करता/करती हूँ। प्रार्थना करता/करती हूँ कि वे आपको जान पाएँ और उनका जीवन आपकी उपस्थिति से परिपूर्ण और रूपांतरित हो। प्रभु, उनके लिए समर्पित इस उत्सव के दिन, मैं अपने बच्चों के लिए भी आपका धन्यवाद करता/करती हूँ। प्रार्थना करता/करती हूँ कि वे हर दिन ज्ञान, अनुग्रह और कद में बढ़ते जाएँ, आपके वचन को प्यार करें और उसका पालन करें। मैं घोषणा करता/करती हूँ कि आप उनमें अपना उद्देश्य पूरा करेंगे और वे आपके हृदय के अनुरूप, आपके और अपने माता-पिता के आज्ञाकारी बच्चे बनेंगे। जैसे हन्ना ने शमूएल को छोटी उम्र से ही प्रभु की सेवा में समर्पित कर दिया था, वैसे ही मैं भी उन्हें आपके मार्गों पर चलना सिखा सकूँ। हे पिता, मुझे उन्हें आपके मार्गों पर चलाने और ढालने के लिए बुद्धि और विवेक दीजिये। मैं प्रार्थना करता/करती हूँ कि आप उनके आने-जाने की रक्षा करें, उन्हें दुश्मन की हर चाल और झूठ से बचाएँ। यीशु के नाम में, आमीन।