सोचो, कितना कुछ है हमारे पास शुक्रगुज़ार होने के लिए! ईश्वर का प्रेम पाकर, हम कितने भाग्यशाली हैं। हमारी आज़ादी, हमारी मुक्ति, ये सब ईसा मसीह की बदौलत है, एक अनमोल दिव्य उपहार। पर सिर्फ़ ज़ुबानी शुक्रिया अदा करना काफ़ी नहीं है। असली शुक्रगुज़ारी तो तब होती है जब हम परमेश्वर की शिक्षाओं पर चलते हैं, उनके आदेशों का पालन करते हैं। हमारे कर्मों से ही प्रभु का हृदय आनंदित होता है।
सुबह की पहली किरण से लेकर शाम के आखिरी साँस तक, हर सुख-दुःख में, हमें परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए। उनकी दया और अटूट प्रेम पर भरोसा रखना चाहिए। ईसा मसीह के ज़रिए हमें उससे भी ज़्यादा मिला है जिसके हम काबिल थे।
और सिर्फ़ परमेश्वर का ही नहीं, बल्कि उन सभी का भी शुक्रिया अदा करना चाहिए जो हमारे जीवन में आशीर्वाद बनकर आते हैं। जैसा कि भजन संहिता 100:4¹ में लिखा है, "धन्यवाद के साथ उसके द्वारों में प्रवेश करो, स्तुति के साथ उसके आंगनों में आओ; उसका धन्यवाद करो, उसके नाम को धन्य कहो।"
¹भजन संहिता 100:4सदा प्रसन्न रहो। प्रार्थना करना कभी न छोड़ो। हर परिस्थिति में परमेश्वर का धन्यवाद करो।
किसी बात कि चिंता मत करो, बल्कि हर परिस्थिति में धन्यवाद सहित प्रार्थना और विनय के साथ अपनी याचना परमेश्वर के सामने रखते जाओ।
तुम्हारे मन पर मसीह से प्राप्त होने वाली शांति का शासन हो। इसी के लिये तुम्हें उसी एक देह में बुलाया गया है। सदा धन्यवाद करते रहो। अपनी सम्पन्नता के साथ मसीह का संदेश तुम में वास करे। भजनों, स्तुतियों और आत्मा के गीतों को गाते हुए बड़े विवेक के साथ एक दूसरे को शिक्षा और निर्देश देते रहो। परमेश्वर को मन ही मन धन्यवाद देते हुए गाते रहो। और तुम जो कुछ भी करो या कहो, वह सब प्रभु यीशु के नाम पर हो। उसी के द्वारा तुम हर समय परम पिता परमेश्वर को धन्यवाद देते रहो।
किन्तु परमेश्वर धन्य है जो मसीह के द्वारा अपने विजय-अभियान में हमें सदा राह दिखाता है। और हमारे द्वारा हर कहीं अपने ज्ञान की सुगंध फैलाता है।
और तुम जो कुछ भी करो या कहो, वह सब प्रभु यीशु के नाम पर हो। उसी के द्वारा तुम हर समय परम पिता परमेश्वर को धन्यवाद देते रहो।
मैं परमेश्वर के नाम का गुण गीतों में गाऊँगा। मैं उसका यश धन्यवाद के गीतों से गाऊँगा।
अतः क्योंकि जब हमें एक ऐसा राज्य मिल रहा है, जिसे झकझोरा नहीं जा सकता, तो आओ हम धन्यवादी बनें और आदर मिश्रित भय के साथ परमेश्वर की उपासना करें।
परमेश्वर का धन्यवाद करो उसके प्रेम के लिये और उन अद्भुत कर्मों के लिये जिन्हें वह अपने लोगों के लिये करता है।
मैं अपने सम्पूर्ण मन से यहोवा की स्तुति करता हूँ। हे यहोवा, तूने जो अद्भुत कर्म किये हैं, मैं उन सब का वर्णन करुँगा।
यहोवा को धन्यवाद देने बलि अर्पित करो, सभी कार्मो को जो उसने किये हैं। यहोवा ने जिनको किया है, उन बातों को आनन्द के साथ बखानो।
आओ हम यहोवा के लिये धन्यवाद के गीत गाएं। आओ हम उसके प्रशंसा के गीत आनन्दपूर्वक गायें।
आओ हम यहोवा के लिये धन्यवाद के गीत गाएं। आओ हम उसके प्रशंसा के गीत आनन्दपूर्वक गायें। क्यों? क्योंकि यहोवा महान परमेश्वर है। वह महान राजा सभी अन्य “देवताओं” पर शासन करता है।
प्रार्थना में सदा लगे रहो। और जब तुम प्रार्थना करो तो सदा परमेश्वर का धन्यवाद करते रहो।
सचमुच जिस बलि की परमेश्वर को अपेक्षा है, वह तुम्हारी स्तुति है। तुम्हारी मनौतियाँ उसकी सेवा की हैं। सो परमेश्वर को निज धन्यवाद की भेटें चढ़ाओ। उस सर्वोच्च से जो मनौतियाँ की हैं उसे पूरा करो।
अतः आओ हम यीशु के द्वारा परमेश्वर को स्तुति रूपी बलि अर्पित करें जो उन होठों का फल है जिन्होंने उसके नाम को पहचाना है।
यहोवा की स्तुति करो उसका नाम लो लोगों में उन महान कार्यों का वर्णन करो—जिन्हें यहोवा ने किया है।
हर किसी बात के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम पर हमारे परमपिता परमेश्वर का सदा धन्यवाद करो।
हे यहोवा, मैं महासभा में तेरी स्तुति करुँगा। मैं बलशाली लोगों के संग रहते तेरा यश बखानूँगा।
तुम हर प्रकार से सम्पन्न बनाये जाओगे ताकि तुम हर अवसर पर उदार बन सको। तुम्हारी उदारता परमेश्वर के प्रति लोगों के धन्यवाद को पैदा करेगी।
मैं परमेश्वर के नाम का गुण गीतों में गाऊँगा। मैं उसका यश धन्यवाद के गीतों से गाऊँगा। परमेश्वर इससे प्रसन्न हो जायेगा। ऐसा करना एक बैल की बलि या पूरे पशु की ही बलि चढ़ाने से अधिक उत्तम है।
इसलिए तुमने जैसे यीशु को मसीह और प्रभु के रूप में ग्रहण किया है, तुम उसमें वैसे ही बने रहो। तुम्हारी जड़ें उसी में हों और तुम्हारा निर्माण उसी पर हो तथा तुम अपने विश्वास में दृढ़ता पाते रहो जैसा कि तुम्हें सिखाया गया है। परमेश्वर के प्रति अत्यधिक आभारी बनो।
यद्यपि वे परमेश्वर को जानते है किन्तु वे उसे परमेश्वर के रूप में सम्मान या धन्यवाद नहीं देते। बल्कि वे अपने विचारों में निरर्थक हो गये। और उनके जड़ मन अन्धेरे से भर गये।
फिर तू कहेगा, “यहोवा की स्तुति करो! उसके नाम की तुम उपासना किया करो! उसने जो कार्य किये हैं उसका लोगों से बखान करो। तुम उनको बताओ कि वह कितना महान है!” तुम यहोवा के स्तुति गीत गाओ! क्यों क्योंकि उसने महान कार्य किये हैं! इस शुभ समाचार को जो परमेशवर का है, सारी दुनियाँ में फैलाओ ताकि सभी लोग ये बातें जान जायें।
यहोवा मेरी शक्ति है, वह मेरी ढाल है। मुझे उसका भरोसा था। उसने मेरी सहायता की। मैं अति प्रसन्न हूँ, और उसके प्रशंसा के गीत गाता हूँ।
यहोवा की प्रशंसा करो! यहोवा का धन्यवाद करो क्योंकि वह उत्तम है! परमेश्वर का प्रेम सदा ही रहता है!
और रोटियाँ तोड़ीं और अपने शिष्यों को देने लगा। फिर उसके शिष्यों ने उन्हें आगे लोगों में बाँट दिया।
हे मेरी आत्मा, तू यहोवा के गुण गा! हे मेरी अंग—प्रत्यंग, उसके पवित्र नाम की प्रशंसा कर। हम ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किये, किन्तु परमेश्वर हमें दण्ड नहीं देता जो हमें मिलना चाहिए। अपने भक्तों पर परमेश्वर का प्रेम वैसे महान है जैसे धरती पर है ऊँचा उठा आकाश। परमेश्वर ने हमारे पापों को हमसे इतनी ही दूर हटाया जितनी पूरब कि दूरी पश्चिम से है। अपने भक्तों पर यहोवा वैसे ही दयालु है, जैसे पिता अपने पुत्रों पर दया करता है। परमेश्वर हमारा सब कुछ जानता है। परमेश्वर जानता है कि हम मिट्टी से बने हैं। परमेश्वर जानता है कि हमारा जीवन छोटा सा है। वह जानता है हमारा जीवन घास जैसा है। परमेश्वर जानता है कि हम एक तुच्छ बनफूल से हैं। वह फूल जल्दी ही उगता है। फिर गर्म हवा चलती है और वह फूल मुरझाता है। औप फिर शीघ्र ही तुम देख नहीं पातेकि वह फूल कैसे स्थान पर उग रहा था। किन्तु यहोवा का प्रेम सदा बना रहता है। परमेश्वर सदा—सर्वदा निज भक्तों से प्रेम करता है परमेश्वर की दया उसके बच्चों से बच्चों तक बनी रहती है। परमेश्वर ऐसे उन लोगों पर दयालु है, जो उसकी वाचा को मानते हैं। परमेश्वर ऐसे उन लोगों पर दयालु है जो उसके आदेशों का पालन करते हैं। परमेश्वर का सिंहासन स्वर्ग में संस्थापित है। हर वस्तु पर उसका ही शासन है। हे मेरी आत्मा, यहोवा को धन्य कह और मत भूल की वह सचमुच कृपालु है! हे स्वर्गदूत, यहोवा के गुण गाओ। हे स्वर्गदूतों, तुम वह शक्तिशाली सैनिक हो जो परमेश्वर के आदेशों पर चलते हो। परमेश्वर की आज्ञाएँ सुनते और पालते हो। हे सब उसके सैनिकों, यहोवा के गुण गाओ, तुम उसके सेवक हो। तुम वही करते हो जो परमेश्वर चाहता है। हर कहीं हर वस्तु यहोवा ने रची है। परमेश्वर का शासन हर कहीं वस्तु पर है। सो हे समूची सृष्टि, यहोवा को तू धन्य कह। ओ मेरे मन यहोवा की प्रशंसा कर। उन सब पापों के लिये परमेश्वर हमको क्षमा करता है जिनको हम करते हैं। हमारी सब व्याधि को वह ठीक करता है। परमेश्वर हमारे प्राण को कब्र से बचाता है, और वह हमे प्रेम और करुणा देता है।
हे परमेश्वर मैं स्वेच्छा से तुझे बलियाँ अर्पित करुँगा। हे परमेश्वर, मैं तेरे नेक भजन की प्रशंसा करुँगा।
हे यहोवा, तेरे कर्मो से तुझे प्रशंसा मिलती है। तुझको तेरे भक्त धन्य कहा करते हैं। वे लोग तेरे महिमामय राज्य का बखान किया करते हैं। तेरी महानता को वे बताया करते हैं। ताकि अन्य लोग उन महान बातों को जाने जिनको तू करता है। वे लोग तेरे महिमामय राज्य का मनन किया करते हैं।
हे यहोवा, मैं तेरा सदा यशगान करुँगा। मैं ऐसा करुँगा जिससे कभी नीरवता न व्यापे। तेरी प्रशंसा सदा कोई गाता रहेगा।
यहोवा का गुण गाना उत्तम है। हे परम परमेश्वर, तेरे नाम का गुणगान उत्तम है। किन्तु तू मुझको बलशाली बनाएगा। मैं शक्तिशाली मेंढ़े सा बन जाऊँगा जिसके कड़े सिंग होते हैं। तूने मुझे विशेष काम के लिए चुना है। तूने मुझ पर अपना तेल ऊँडेला है जो शीतलता देता है। मैं अपने चारों ओर शत्रु देख रहा हूँ। वे ऐसे हैं जैसे विशालकाय सांड़ मुझ पर प्रहार करने को तत्पर है। वे जो मेरे विषय में बाते करते हैं उनको मैं सुनता हूँ। सज्जन लोग तो लबानोन के विशाल देवदार वृक्ष की तरह है जो यहोवा के मन्दिर में रोपे गए हैं। सज्जन लोग बढ़ते हुए ताड़ के पेड़ की तरह हैं, जो यहोवा के मन्दिर के आँगन में फलवन्त हो रहे हैं। वे जब तक बूढ़े होंगे तब तक वे फल देते रहेंगे। वे हरे भरे स्वस्थ वृक्षों जैसे होंगे। वे हर किसी को यह दिखाने के लिये वहाँ है कि यहोवा उत्तम है। वह मेरी चट्टान है! वह कभी बुरा नहीं करता। भोर में तेरे प्रेम के गीत गाना और रात में तेरे भक्ति के गीत गाना उत्तम है।
ये सब बातें तुम्हारे लिये ही की जा रही हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों में फैलती जा रही परमेश्वर का अनुग्रह, परमेश्वर को महिमा मण्डित करने वाले आधिकाधिक धन्यवाद देने में प्रतिफलित हो सके।
किन्तु उनमें से एक ने जब यह देखा कि वह शुद्ध हो गया है, तो वह वापस लौटा और ऊँचे स्वर में परमेश्वर की स्तुति करने लगा। वह मुँह के बल यीशु के चरणों में गिर पड़ा और उसका आभार व्यक्त किया। (और देखो, वह एक सामरी था।)
बालकों और छोटे शिशुओं के मुख से, तेरे प्रशंसा के गीत उच्चरित होते हैं। तू अपने शत्रुओं को चुप करवाने के लिये ऐसा करता है।
अब, हमारे परमेश्वर हम तुझको धन्यवाद देते हैं, और हम तेरे यशस्वी नाम की स्तुति करते हैं!
हे परमेश्वर, हम तेरी प्रशंसा करते हैं! हम तेरे नाम का गुणगान करते हैं! तू समीप है और लोग तेरे उन अद्भत कर्मो का जिनको तू करता है, बखान करते हैं।
हे परमेश्वर, मेरे स्वमी, मैं सम्पूर्ण मन से तेरे गुण गाता हूँ। मैं तेरे नाम का आदर सदा सर्वदा करूँगा।
किन्तु प्रभु का धन्यवाद है कि यद्यपि तुम पाप के दास थे, तुमने अपने मन से उन उपदेशों की रीति को माना जो तुम्हें सौंपे गये थे।
मैं तुम्हारे लिए परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर कर रहा हूँ। अपनी प्रार्थनाओं में मैं तुम्हारा उल्लेख किया करता हूँ।
हम तुम सब के लिए सदा परमेश्वर को धन्यवाद देते रहते हैं और अपनी प्रार्थनाओं में हमें तुम्हारी याद बनी रहती है।
हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तुझको धन्यवाद देता हूँ और तेरे गुण गाता हूँ। तूने ही मझको ज्ञान और शक्ति दी। जो बातें हमने पूछीं थी उनके बारे में तूने हमें बताया! तूने हमें राजा के सपने के बारे में बताया।”
आओ हम यहोवा के गुण गाएं! आओ हम उस चट्टान का जय जयकार करें जो हमारी रक्षा करता है। मैं उन लोगों के साथ चालीस वर्ष तक धीरज बनाये रखा। मैं यह भी जानता था कि वे सच्चे नहीं हैं। उन लोगों ने मेरी सीख पर चलने से नकारा। सो मैं क्रोधित हुआ और मैंने प्रतिज्ञा की वे मेरे विशाल कि धरती पर कभी प्रवेश नहीं कर पायेंगे।” आओ हम यहोवा के लिये धन्यवाद के गीत गाएं। आओ हम उसके प्रशंसा के गीत आनन्दपूर्वक गायें। क्यों? क्योंकि यहोवा महान परमेश्वर है। वह महान राजा सभी अन्य “देवताओं” पर शासन करता है।
यहोवा से कहो, “हे परमेश्वर, हमारे रक्षक, हमारी रक्षा कर। हम लोगों को एक साथ इकट्ठा करो, और हमें अन्य राष्ट्रों से बचाओ। और तब हम तुम्हारे पवित्र नाम की स्तुति कर सकते हैं। तब हम तेरी स्तुति अपने गीतों से कर सकते हैं।”
उस परम पिता का धन्यवाद करो, जिसने तुम्हें इस योग्य बनाया कि परमेश्वर के उन संत जनों के साथ जो प्रकाश में जीवन जीते हैं, तुम उत्तराधिकार पाने में सहभागी बन सके।
यहोवा का धन्यवाद करो! तुम उसके नाम की उपासना करो। लोगों से उनका बखान करो जिन अद्भुत कामों को वह किया करता है।
यहोव, इसी कारण, हे यहोवा मैंने राष्ट्रों के बीच में तुझ को धन्यवाद दिया, यही कारण है कि मैं तेरे नाम की महिमा गाता हूँ।
हे मेरे स्वमी, हर किसी के लिए, मैं तेरा यश गाता हूँ। मैं तेरी यश गाथा हर किसी राष्ट्र को सुनाता हूँ।
(बहुत दिनों पहलें दाऊद और आसाप के दिनों में वह धन्यवाद के गीतों और परमेश्वर की स्तुतियों तथा गायकों के मुखिया हुआ करते थे।) सो जरुब्बबेल और नहेमायाह के दिनों में गायकों और द्वारपालों के रखरखाव के लिये इस्राएल के सभी लोग प्रतिदिन दान दिया करते थे। दूसरे लेवियों के लिए भी वे विशेष दान दिया करते थे और फिर लेवी उस में से हारुन के वंशजों याजकों के लिये विशेष योगदान दिया करते थे।
हे भाईयों, तुम्हारे लिए हमें सदा परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, ऐसा करना उचित भी है। क्योंकि तुम्हारे विश्वास का आश्चर्यजनक रूप से विकास हो रहा है तथा तुममें आपसी प्रेम भी बढ़ रहा है।
हेमान और यदूतून तथा सभी अन्य लेवीवंशी यहोवा का स्तुतिगान करने के लिये नाम लेकर चुने गये थे क्योंकि यहोवा का प्रेम सदैव बना रहता है!
यहोवा के गुण गाओ! यहोवा का अपने सम्पूर्ण मन से ऐसी उस सभा में धन्यवाद करता हूँ जहाँ सज्जन मिला करते हैं।
वे बोले: “हे सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, जो है, जो था, हम तेरा धन्यवाद करते हैं। तूने ही अपनी महाशक्ति को लेकर सबके शासन का आरम्भ किया था।
धन्यवाद के गीत संग लिये यहोवा के नगर में आओ, गुणगान के गीत संग लिये यहोवा के मन्दिर में आओ। उसका आदर करो और नाम धन्य करो।
मुक्ति तो बस केवल यहोवा से आती है! हे यहोवा, मैं तुझे बलियाँ अर्पित करूँगा, और तेरे गुण गाऊँगा। मैं तेरा धन्यवाद करूँगा। मैं तेरी मन्नते मानूँगा और अपनी मन्नतों को पूरा करूँगा।”
तुममें न तो अश्लील भाषा का प्रयोग होना चाहिए, न मूर्खतापूर्ण बातें या भद्दा हँसी ठट्टा। ये तुम्हारी अनुकूल नहीं हैं। बल्कि तुम्हारे बीच धन्यवाद ही दिये जायें।
तुम्हारे मन पर मसीह से प्राप्त होने वाली शांति का शासन हो। इसी के लिये तुम्हें उसी एक देह में बुलाया गया है। सदा धन्यवाद करते रहो।
क्योंकि परमेश्वर की रची हर वस्तु उत्तम है तथा कोई भी वस्तु त्यागने योग्य नहीं है बशर्ते उसे धन्यवाद के साथ ग्रहण किया जाए। क्योंकि वह परमेश्वर के वचन और प्रार्थना से पवित्र हो जाती है।
तुम्हें प्रभु यीशु में जो अनुग्रह प्रदान की गयी है, उसके लिये मैं तुम्हारी ओर से परमेश्वर का सदा धन्यवाद करता हूँ।