अपने पिता के लिए, उस अद्भुत इंसान के लिए, जिसे परमेश्वर ने हमारे जीवन में हमारा मार्गदर्शन करने के लिए भेजा है, चलो दिल से परमात्मा का शुक्रिया अदा करें। उनके लिए प्रार्थना करें कि उन्हें शक्ति मिले और हर पल पवित्र आत्मा उनका मार्गदर्शन करे। माता-पिता ईश्वर का दिया हुआ एक अनमोल उपहार हैं और पवित्र शास्त्र में लिखा है कि हमें उनका सम्मान करना चाहिए, क्योंकि यह दस आज्ञाओं में से एक है और पहली आज्ञा जिसमें प्रतिज्ञा भी जुड़ी है।
जैसा कि इफिसियों 6:2-3 में लिखा है: "अपने माता-पिता का आदर कर (जो पहली आज्ञा है, जिसमें प्रतिज्ञा भी है), कि तेरा भला हो, और तू पृथ्वी पर बहुत दिनों तक जीवित रहे।" चलो, परमात्मा का धन्यवाद करें ऐसे पिता के लिए जो हमारे जीवन में हैं और इन वचनों के साथ उन्हें आशीर्वाद दें। कितना बड़ा आशीर्वाद है कि हमारे जीवन में एक पिता हैं!
नेक जन का पिता महा आनन्दित रहता और जिसका पुत्र विवेक पूर्ण होता है वह उसमें ही हर्षित रहता है।
मेरा परमेश्वर तुम्हारी सभी आवश्यकताओं को मसीह यीशु में प्राप्त अपने भव्य धन से पूरा करेगा।
परमेश्वर तुझे उन सभी वस्तुओं को देवे जिन्हें तू सचमुच चाहे। वह तेरी सभी योजनाएँ पूरी करें।
याद रखो, कि मैंने तुम्हें दृढ़ और साहसी बने रहने का आदेश दिया था। इसलिए कभी भयभीत न होओ, क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे साथ सभी जगह रहेगा, जहाँ तुम जाओगे।”
मुझे आशा है यहोवा तुम्हारी बढ़ोतरी करेगा और मुझे आशा है, वह तुम्हारी संतानों को भी अधिकाधिक देगा।
“उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘शाबाश! तुम भरोसे के लायक अच्छे दास हो। थोड़ी सी रकम के सम्बन्ध में तुम विश्वास पात्र रहे, मैं तुम्हें और अधिक का अधिकार दूँगा। भीतर जा और अपने स्वामी की प्रसन्नता में शामिल हो।’
बच्चे यहोवा का उपहार है, वे माता के शरीर से मिलने वाले फल हैं। जवान के पुत्र ऐसे होते हैं जैसे योद्धा के तरकस के बाण। जो व्यक्ति बाण रुपी पुत्रों से तरकस को भरता है वह अति प्रसन्न होगा। वह मनुष्य कभी हारेगा नहीं। उसके पुत्र उसके शत्रुओं से सर्वजनिक स्थानों पर उसकी रक्षा करेंगे।
और हे पिताओं, तुम भी अपने बालकों को क्रोध मत दिलाओ बल्कि प्रभु से मिली शिक्षा और निर्देशों को देते हुए उनका पालन-पोषण करो।
प्रेम, विश्वसनीयता कभी तुझको छोड़ न जाये, तू इनका हार अपने गले में डाल, इन्हें अपने मन के पटल पर लिख ले। बिना किसी कारण के किसी को मत कोस, जबकि उस जन ने तुझे क्षति नहीं पहुँचाई है। किसी बुरे जन से तू द्वेष मत रख और उसकी सी चाल मत चल। तू अपनी चल। क्यों क्योंकि यहोवा कुटिल जन से घृणा करता है और सच्चरित्र जन को अपनाता है। दुष्ट के घर पर यहोवा का शाप रहता है, वह नेक के घर को आर्शीवाद देता है। वह गर्वीले उच्छृंखल की हंसी उड़ाता है किन्तु दीन जन पर वह कृपा करता है। विवेकी जन तो आदर पायेंगे, किन्तु वह मूर्खों को, लज्जित ही करेगा। फिर तू परमेश्वर और मनुज की दृष्टि में उनकी कृपा और यश पायेगा।
हे मेरे पुत्रों, एक पिता की शिक्षा को सुनों उस पर ध्यान दो और तुम समझ बूझ पा लो! सुन, हे मेरे पुत्र। जो मैं कहता हूँ तू उसे ग्रहण कर! तू अनगिनत सालों साल जीवित रहेगा। मैं तुझे बुद्धि के मार्ग की राह दिखाता हूँ, और सरल पथों पर अगुवाई करता हूँ। जब तू आगे बढ़ेगा तेरे चरण बाधा नहीं पायेंगे, और जब तू दौड़ेगा ठोकर नहीं खायेगा। शिक्षा को थामे रह, उसे तू मत छोड़। इसकी रखवाली कर। यही तेरा जीवन है। तू दुष्टों के पथ पर चरण मत रख या पापी जनों की राह पर मत चल। तू इससे बचता रह, इसपर कदम मत बढ़ा। इससे तू मुड़ जा। तू अपनी राह चल। वे बुरे काम किये बिना सो नहीं पाते। वे नींद खो बैठते हैं जब तक किसी को नहीं गिराते। वे तो बस सदा नीचता की रोटी खाते और हिंसा का दाखमधु पीते हैं। किन्तु धर्मी का पथ वैसा होता है जैसी प्रात: किरण होती है। जो दिन की परिपूर्णता तक अपने प्रकाश में बढ़ती ही चली जाती है। किन्तु पापी का मार्ग सघन, अन्धकार जैसा होता है। वे नहीं जान पाते कि किससे टकराते हैं। मैं तुम्हें गहन—गम्भीर ज्ञान देता हूँ। मेरी इस शिक्षा का त्याग तुम मत करना।
क्यों क्योंकि यहोवा केवल उन्हीं को डाँटता है जिनसे वह प्यार करता है। वैसे ही जैसे पिता उस पुत्र को डाँटे जो उसको अति प्रिय है।
एलिय्याह माता—पिता को अपने बच्चों के समीप होने में सहायता करेगा। यह अवश्य घटित होगा, या मैं (परमेश्वर) आऊँगा और तुम्हारे देश को पूरी तरह नष्ट कर दूँगा!”
मरुभूमि में जाते देखा। तुमने देखा कि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें वैसे ले आया जैसे कोई व्यक्ति अपने पुत्र को लाता है। यहोवा न पूरे रास्ते तुम लोगों की रक्षा करते हुए तुम्हें यहाँ पहुँचाया है।’
सावधान रहो। दृढ़ता के साथ अपने विश्वास में अटल बने रहो। साहसी बनो, शक्तिशाली बनो।
हे मनुष्य, यहोवा ने तुझे वह बातें बतायीं हैं जो उत्तम हैं। ये वे बातें हैं, जिनकी यहोवा को तुझ से अपेक्षा है। ये वे बातें हैं—तू दुसरे लोगों के साथ में सच्चा रह; तू दूसरों से दया के साथ प्रेम कर, और अपने जीवन नम्रता से परमेश्वर के प्रति बिना उपहारों से तुम उसे प्रभावित करने का जतन मत करो।
इन आदेशों को सदा याद रखो जिन्हें मैं आज तुम्हें दे रहा हूँ। इनकी शिक्षा अपने बच्चों को देने के लिए सावधान रहो। इन आदेशों के बारे में तुम अपने घर में बैठे और सड़क पर घूमते बातें करो। जब तुम लेटो और जब जागो तब इनके बारे में बातें करो।
हे पिताओं, अपने बालकों को कड़ुवाहट से मत भरो। कहीं ऐसा न हो कि वे जतन करना ही छोड़ दें।
हे मेरे पुत्र, यहोवा के अनुशासन का तिरस्कार मत कर, उसकी फटकार का बुरा कभी मत मान। क्यों क्योंकि यहोवा केवल उन्हीं को डाँटता है जिनसे वह प्यार करता है। वैसे ही जैसे पिता उस पुत्र को डाँटे जो उसको अति प्रिय है।
“किन्तु संभव है कि तुम यहोवा की सेवा करना नहीं चाहते। तुम्हें स्वयं ही आज यह चुन लेना चाहिए। तुम्हें आज निश्चय कर लेना चाहिए कि तुम किसकी सेवा करोगे। तुम उन देवताओं की सेवा करोगे जिनकी सेवा तुम्हारे पूर्वज उस समय करते थे जब वे नदी की दूसरी ओर रहते थे? या तुम उन एमोरी लोगों के देवताओं की सेवा करना चाहते हो जो यहाँ रहते थे? किन्तु मैं तुम्हें बताता हूँ कि मैं क्या करूँगा। जहाँ तक मेरी और मेरे परिवार की बात है, हम यहोवा की सेवा करेंगे!”
तुम जानते ही हो कि जैसे एक पिता अपने बच्चों के साथ व्यवहार करता है वैसे ही हमने तुम में से हर एक को आग्रह के साथ सुख चैन दिया है। और उस रीति से जीने को कहा है जिससे परमेश्वर, जिसने तुम्हें अपने राज्य और महिमा में बुला भेजा है, प्रसन्न होता है।
ऐसा मनुष्य जो यहोवा से डरता है, उसके पास एक संरक्षित गढ़ी होती है। और वहीं उसके बच्चों को शरण मिलती है।
कठिनाई को अनुशासन के रूप में सहन करो। परमेश्वर तुम्हारे साथ अपने पुत्र के समान व्यवहार करता है। ऐसा पुत्र कौन होगा जिसे अपने पिता के द्वारा ताड़ना न दी गई हो?
मुझे यह सुनने से अधिक आनन्द और किसी में नहीं आता कि मेरे बालक सत्य के मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं।
मैंने इब्राहीम के साथ खास वाचा की है। मैंने यह इसलिए किया है कि वह अपने बच्चे और अपने वंशज को उस तरह जीवन बिताने के लिए आज्ञा देगा जिस तरह का जीवन बिताना यहोवा चाहता है। मैंने यह इसलिए किया कि वे सच्चाई से रहेंगे और भले बनेंगे। तब मैं यहोवा प्रतिज्ञा की गई चीज़ों को दूँगा।”
किन्तु यदि कोई अपने रिश्तेदारों, विशेषकर अपने परिवार के सदस्यों की सहायता नहीं करता, तो वह विश्वास से फिर गया है तथा किसी अविश्वासी से भी अधिक बुरा है।
सो वह उठकर अपने पिता के पास चल दिया। “अभी वह पर्याप्त दूरी पर ही था कि उसके पिता ने उसे देख लिया और उसके पिता को उस पर बहुत दया आयी। सो दौड़ कर उसने उसे अपनी बाहों में समेट लिया और चूमा। पुत्र ने पिता से कहा, ‘पिताजी, मैंने तुम्हारी दृष्टि में और स्वर्ग के विरुद्ध पाप किया है, मैं अब और अधिक तुम्हारा पुत्र कहलाने योग्य नहीं हूँ।’ “किन्तु पिता ने अपने सेवकों से कहा, ‘जल्दी से उत्तम वस्त्र निकाल लाओ और उन्हें इसे पहनाओ। इसके हाथ में अँगूठी और पैरों में चप्पल पहनाओ। कोई मोटा ताजा बछड़ा लाकर मारो और आओ उसे खाकर हम आनन्द मनायें। क्योंकि मेरा यह बेटा जो मर गया था अब जैसे फिर जीवित हो गया है। यह खो गया था, पर अब यह मिल गया है।’ सो वे आनन्द मनाने लगे।
सावधान रहो। दृढ़ता के साथ अपने विश्वास में अटल बने रहो। साहसी बनो, शक्तिशाली बनो। तुम जो कुछ करो, प्रेम से करो।
यहोवा ने याकूब से वाचा किया। परमेश्वर ने इस्राएल को व्यवस्था का विधान दिया, और परमेश्वर ने हमारे पूर्वजों को आदेश दिया। उसने हमारे पूर्वजों को व्यवस्था का विधान अपने संतानों को सिखाने को कहा। परमेश्वर ने क्रोध प्रकट करने के लिये एक राह पायी। उनमें से किसी को जीवित रहने नहीं दिया। हिंसक महामारी से उसने सारे ही पशुओं को मर जाने दिया। परमेश्वर ने मिस्र के हर पहले पुत्र को मार डाला। हाम के घराने के हर पहले पुत्र को उसने मार डाला। फिर उसने इस्राएल की चरवाहे के समान अगुवाई की। परमेश्वर ने अपने लोगों को ऐसे राह दिखाई जैसे जंगल में भेड़ों कि अगुवाई की है। वह अपनेनिज लोगों को सुरक्षा के साथ ले चला। परमेश्वर के भक्तों को किसी से डर नहीं था। परमेश्वर ने उनके शत्रुओं को लाल सागर में हुबाया। परमेश्वर अपने निज भक्तों को अपनी पवित्र धरती पर ले आया। उसने उन्हें उस पर्वत पर लाया जिसे उसने अपनी ही शक्ति से पाया। परमेश्वर ने दूसरी जातियों को वह भूमि छोड़ने को विवश किया। परमेश्वर ने प्रत्येक घराने को उनका भाग उस भूमि में दिया। इस तरह इस्राएल के घराने अपने ही घरों में बस गये। इतना होने पर भी इस्राएल के लोगों ने परम परमेश्वर को परखा और उसको बहुत दु:खी किया। वे लोग परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन नहीं करते थे। इस्राएल के लोग परमेश्वर से भटक कर विमुख हो गये थे। वे उसके विरोध में ऐसे ही थे, जैसे उनके पूर्वज थे। वे इतने बुरे थे जैसे मुड़ा धनुष। इस्राएल के लोगों ने ऊँचे पूजा स्थल बनाये और परमेश्वर को कुपित किया। उन्होंने देवताओं की मूर्तियाँ बनाई और परमेश्वर को ईर्ष्यालु बनाया। परमेश्वर ने यह सुना और बहुत कुपित हुआ। उसने इस्राएल को पूरी तरह नकारा! इस तरह लोग व्यवस्था के विधान को जानेंगे। यहाँ तक कि अन्तिम पीढ़ी तक इसे जानेगी। नयी पीढ़ी जन्म लेगी और पल भर में बढ़ कर बड़े होंगे, और फिर वे इस कहानी को अपनी संतानों को सुनायेंगे।
“अपने माता और अपने पिता का आदर करो। यह इसलिए करो कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा जिस धरती को तुम्हें दे रहा है, उसमें तुम दीर्घ जीवन बिता सको।
समझदार पुत्र निज पिता की शिक्षा पर कान देता, किन्तु उच्छृंखल झिड़की पर भी ध्यान नहीं देता।
तू अपने पुत्र को अनुशासित कर और उसे दण्ड दे, जब वह अनुचित हो। बस यही आशा है। यदि तू ऐसा करने को मना करे, तब तो तू उसके विनाश में उसका सहायक बनता है।
तुम उस साहसपूर्ण वचन को भूल गये हो। जो तुम्हेंपुत्र के नाते सम्बोधित है: “हे मेरे पुत्र, प्रभु के अनुशासन का तिरस्कार मत कर, उसकी फटकार का बुरा कभी मत मान, क्योंकि प्रभु उनको डाँटता है जिनसे वह प्रेम करता है। वैसे ही जैसे पिता उस पुत्र को दण्ड देता, जो उसको अति प्रिय है।”
मूर्ख अपने पिता की प्रताड़ना का तिरस्कार करता है किन्तु जो कान सुधार पर देता है बुद्धिमानी दिखाता है।
हे मेरे पुत्र, अपने पिता की शिक्षा पर ध्यान दे और अपनी माता की नसीहत को मत भूल। वे तेरा सिर सजाने को मुकुट और शोभायमान करने तेरे गले का हार बनेंगे।
हे पतियों, अपनी पत्नियों से प्रेम करो। वैसे ही जैसे मसीह ने कलीसिया से प्रेम किया और अपने आपको उसके लिये बलि दे दिया।
हे बालकों, प्रभु में आस्था रखते हुए माता-पिता की आज्ञा का पालन करो क्योंकि यही उचित है। मतलब यह कि प्रभु में स्थित होकर उसकी असीम शक्ति के साथ अपने आपको शक्तिशाली बनाओ। परमेश्वर के सम्पूर्ण कवच को धारण करो। ताकि तुम शैतान की योजनाओं के सामने टिक सको। क्योंकि हमारा संघर्ष मनुष्यों से नहीं है, बल्कि शासकों, अधिकारियों इस अन्धकारपूर्ण युग की आकाशी शक्तियों और अम्बर की दुष्टात्मिक शक्तियों के साथ है। इसलिए परमेश्वर के सम्पूर्ण कवच को धारण करो ताकि जब बुरे दिन आयें तो जो कुछ सम्भव है, उसे कर चुकने के बाद तुम दृढ़तापूर्वक अडिग रह सको। सो अपनी कमर पर सत्य का फेंटा कस कर धार्मिकता की झिलम पहन कर तथा पैरों में शांति के सुसमाचार सुनाने की तत्परता के जूते धारण करके तुम लोग अटल खड़े रहो। इन सब से बड़ी बात यह है कि विश्वास को ढाल के रूप में ले लो। जिसके द्वारा तुम उन सभी जलते तीरों को बुझा सकोगे, जो बदी के द्वारा छोड़े गये हैं। छुटकारे का शिरस्त्राण पहन लो और परमेश्वर के संदेश रूपी आत्मा की तलवार उठा लो। हर प्रकार की प्रार्थना और निवेदन सहित आत्मा की सहायता से हर अवसर पर विनती करते रहो। इस लक्ष्य से सभी प्रकार का यत्न करते हुए सावधान रहो। तथा सभी संतों के लिये प्रार्थना करो। और मेरे लिये भी प्रार्थना करो कि मैं जब भी अपना मुख खोलूँ, मुझे एक सुसंदेश प्राप्त हो ताकि निर्भयता के साथ सुसमाचार के रहस्यपूर्ण सत्य को प्रकट कर सकूँ। “अपने माता-पिता का सम्मान कर।” यह पहली आज्ञा है जो इस प्रतिज्ञा से भी युक्त है, इसी के लिए मैं ज़ंजीरों में जकड़े हुए राजदूत के समान सेवा कर रहा हूँ। प्रार्थना करो कि मैं, जिस प्रकार मुझे बोलना चाहिए, उसी प्रकार निर्भयता के साथ सुसमाचार का प्रवचन कर सकूँ। तुम भी, मैं कैसा हूँ और क्या कर रहा हूँ, इसे जान जाओ। सो तुखिकुस तुम्हें सब कुछ बता देगा। वह हमारा प्रिय बंधु है और प्रभु में स्थित एक विश्वासपूर्ण सेवक है इसीलिए मैं उसे तुम्हारे पास भेज रहा हूँ ताकि तुम मेरे समाचार जान सको और इसलिए भी कि वह तुम्हारे मन को शांति दे सके। हे भाइयों, तुम सब को परम पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से विश्वास शांति और प्रेम प्राप्त हो। जो हमारे प्रभु यीशु मसीह से अमर प्रेम रखते हैं, उन पर परमेश्वर का अनुग्रह होता है। “तेरा भला हो और तू धरती पर चिरायु हो।”
ऐसे ही हे पतियों, तुम अपनी पत्नियों के साथ समझदारी पूर्वक रहो। उन्हें निर्बल समझ कर, उनका आदर करो। जीवन के वरदान में उन्हें अपना सह उत्तराधिकारी भी मानो ताकि तुम्हारी प्रार्थनाओं में बाधा न पड़े।
घर पर तेरी घरवाली अंगूर की बेल सी फलवती होगी। मेज के चारों तरफ तेरी संतानें ऐसी होंगी, जैसे जैतून के वे पेड़ जिन्हें तूने रोपा है। इस प्रकार यहोवा अपने अनुयायिओं को सचमुच आशीष देगा।
इसलिए मैं परमपिता के आगे झुकता हूँ। उसी से स्वर्ग में या धरती पर के सभी वंश अपने अपने नाम ग्रहण करते हैं।
यहोवा की प्रशंसा करो! ऐसा व्यक्ति जो यहोवा से डरता है। और उसका आदर करता है। वह अति प्रसन्न रहेगा। परमेश्वर के आदेश ऐसे व्यक्ति को भाते हैं। कुटिल जन उसको देखेंगे और कुपित होंगे। वे क्रोध में अपने दाँतों को पीसेंगे और फिर लुप्त हो जायेंगे। दुष्ट लोग उसको कभी नहीं पायेंगे जिसे वह सब से अधिक पाना चाहते हैं। धरती पर ऐसे व्यक्ति की संतानें महान होंगी। अच्छे व्यक्तियों कि संताने सचमुच धन्य होंगी।
जब मैं बच्चा था तो एक बच्चे की तरह ही बोला करता था, वैसे ही सोचता था और उसी प्रकार सोच विचार करता था, किन्तु अब जब मैं बड़ा होकर पुरूष बन गया हूँ, तो वे बचपने की बातें जाती रही हैं।
किन्तु तुम्हें सावधान रहना है। निश्चय कर लो कि जब तक तुम जीवित रहोगे, तब तक तुम देखी गई चीजों को नहीं भूलोगे। तुम्हें इन उपदेशों को अपने पुत्रों और पौत्रों को देना चाहिए।
अपने पिता की सुन जिसने तुझे जीवन दिया है, अपनी माता का निरादर मत कर जब वह वृद्ध हो जाये।
एक बुद्धिमान पुत्र अपने पिता को आनन्द देता है किन्तु एक मूर्ख पुत्र, माता का दुःख होता है।
तुममें ऐसा पिता कौन होगा जो यदि उसका पुत्र मछली माँगे, तो मछली के स्थान पर उसे साँप थमा दे और यदि वह अण्डा माँगे तो उसे बिच्छू दे दे। सो बुरे होते हूए भी जब तुम जानते हो कि अपने बच्चों को उत्तम उपहार कैसे दिये जाते हैं, तो स्वर्ग में स्थित परम पिता, जो उससे माँगते हैं, उन्हें पवित्र आत्मा कितना अधिक देगा।”
उन सभी आदेशों का सावधानी पूर्वक पालन करो जिन्हें यहोवा परमेश्वर ने हमें दिया है। सावधानीपूर्वक उसके सभी नियमों का पालन करो, और वे कार्य करो जो उसने हमें कहा है। सावधानी से उन नियमों का पालन करो जो मूसा की व्यवस्था की किताब में लिखे हैं। यदि तुम इन सभी का पालन करोगे तो तुम जो कुछ करोगे और जहाँ कहीं जाओगे, सफल होगे
“याद करो बीते हुए दिनों को सोचो बीती पीढ़ीयों के वर्षों को, पूछो वृद्ध पिता से, वही कहेंगे पूछो अपने प्रमुखों से; वही कहेंगे।
किन्तु यहोवा का प्रेम सदा बना रहता है। परमेश्वर सदा—सर्वदा निज भक्तों से प्रेम करता है परमेश्वर की दया उसके बच्चों से बच्चों तक बनी रहती है। परमेश्वर ऐसे उन लोगों पर दयालु है, जो उसकी वाचा को मानते हैं। परमेश्वर ऐसे उन लोगों पर दयालु है जो उसके आदेशों का पालन करते हैं।
जिसे तुमने मुझसे सीखा है, पाया है या सुना है या जिसे करते मुझे देखा है। उन बातों का अभ्यास करते रहो। शांति का स्रोत परमेश्वर तुम्हारे साथ रहेगा।
मैं उसका पिता बनूँगा और वह मेरा पुत्र होगा। जब वह पाप करेगा, मैं उसे दण्ड देने के लिये अन्य लोगों का उपयोग करूँगा। उसे दंडित करने के लिये वे मेरे सचेतक होंगे। किन्तु मैं उससे प्रेम करना बन्द नहीं करूँगा। मैं उस पर कृपालु बना रहूँगा। मैंने अपने प्रेम और अपनी कृपा शाऊल से हटा ली। मैंने शाऊल को हटा दिया, जब मैं तुम्हारी ओर मुड़ा। मैं तुम्हारे परिवार के साथ वही नहीं करूँगा।
वे लोग जो जीवित हैं जेसा आज मैं हूँ तेरा यश गाते हैं। एक पिता को अपनी सन्तानों को बताना चाहिए कि तुझ पर भरोसा किया जा सकता है।
और मेरे पुत्र सुलैमान को तेरे प्रति सच्चा होने में सहायता दे तेरे विधियों, नियमों और आदेशों को सर्वदा पालन करने में इसकी सहायता कर। उन कामों को करने में सुलैमान की सहायता कर और उस महल को बनाने में उसकी सहायता कर जिसकी योजना मैंने बनाई है।”
क्योंकि वह आत्मा जो तुम्हें मिली है, तुम्हें फिरसे दास बनाने या डराने के लिए नहींहै, बल्कि वह आत्मा जो तुमने पाया है तुम्हें परमेश्वर की संपालित संतान बनाती है। जिस से हम पुकार उठते हैं, “हे अब्बा, हे पिता!”