बाइबिल के पद

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37 बाइबल के वचन: बाइबल दिवस के लिए

सोचो, बाइबल दिवस हमें कितना खास मौका देता है! परमेश्वर के वचन को न सिर्फ़ याद करने का, बल्कि इसे लोगों तक पहुँचाने का भी, इसके अनुवाद और प्रकाशन के काम को आगे बढ़ाने का भी। पौलुस ने भी यही कहा था कि हम सब एक ही विश्वास में एक होकर रहें, ताकि हम सब मिलकर परमेश्वर की सेवा कर सकें और प्रभु यीशु के सुसमाचार से विश्वासियों का समुदाय बना सकें।

जैसे कि लिखा है, "परमेश्वर का वचन जीवित और सक्रिय है, और दोधारी तलवार से भी ज़्यादा तेज़ है; यह आत्मा और प्राण, जोड़ों और मज्जा को अलग करता है, और मन के विचारों और इरादों को जाँचता है" (इब्रानियों 4:12)।

इस खास दिन को यादगार बनाने का एक बेहतरीन तरीका ये है कि हम सब मिलकर समाज के उन लोगों तक पहुँचें जिनके पास बाइबल नहीं है, और उन्हें बाइबल भेंट करें। इससे वे भी प्रभु यीशु की सच्चाई में आगे बढ़ सकेंगे और उनका जीवन भी धन्य होगा।


यशायाह 40:8

घास मर जाती है और जंगली फूल नष्ट हो जाता है। किन्तु हमारे परमेश्वर के वचन सदा बने रहते हैं।”

मत्ती 24:35

चाहे धरती और आकाश मिट जायें किन्तु मेरा वचन कभी नहीं मिटेगा।”

भजन संहिता 18:30

परमेश्वर के विधान पवित्र और उत्तम हैं और यहोवा के शब्द सत्यपूर्ण होते हैं। वह उसको बचाता है जो उसके भरोसे हैं।

रोमियों 15:4

हर वह बात जो शास्त्रों में पहले लिखी गयी, हमें शिक्षा देने के लिए थी ताकि जो धीरज और बढ़ावा शास्त्रों से मिलता है, हम उससे आशा प्राप्त करें।

भजन संहिता 119:130

कब शुरू करेंगे लोग तेरा वचन समझना यह एक ऐसे प्रकाश सा है जो उन्हें जीवन की खरी राह दिखाया करता है। तेरा वचन मूर्ख तक को बुद्धिमान बनाता है।

भजन संहिता 19:7-8

यहोवा की शिक्षायें सम्पूर्ण होती हैं, ये भक्त जन को शक्ति देती हैं। यहोवा की वाचा पर भरोसा किया जा सकता हैं। जिनके पास बुद्धि नहीं है यह उन्हैं सुबुद्धि देता है।

यहोवा के नियम न्यायपूर्ण होते हैं, वे लोगों को प्रसन्नता से भर देते हैं। यहोवा के आदेश उत्तम हैं, वे मनुष्यों को जीने की नयी राह दिखाते हैं।

यहोशू 1:8

उस व्यवस्था की किताब में लिखी गई बातों को सदा यादा रखो। तुम उस किताब का अध्ययन दिन रात करो, तभी तुम उसमें लिखे गए आदेशों के पालन के विषय में विश्वस्त रह सकते हो। यदि तुम यह करोगे, तो तुम बुद्धिमान बनोगे और जो कुछ करोगे उसमें सफल होगे।

यूहन्ना 8:31-32

सो यीशु उन यहूदी नेताओं से कहने लगा जो उसमें विश्वास करते थे, “यदि तुम लोग मेरे उपदेशों पर चलोगे तो तुम वास्तव में मेरे अनुयायी बनोगे।

और सत्य को जान लोगे। और सत्य तुम्हें मुक्त करेगा।”

मत्ती 4:4

यीशु ने उत्तर दिया, “शास्त्र में लिखा है, ‘मनुष्य केवल रोटी से ही नहीं जीता बल्कि वह प्रत्येक उस शब्द से जीता है जो परमेश्वर के मुख से निकालता है।’”

भजन संहिता 33:4

परमेश्वर का वचन सत्य है। जो भी वह करता है उसका तुम भरोसा कर सकते हो।

भजन संहिता 119:11

मैं बड़े ध्यान से तेरे आदेशों का मनन किया करता हूँ। क्यों ताकि मैं तेरे विरूद्ध पाप पर न चलूँ।

1 पतरस 1:25

किन्तु प्रभु का सुसमाचार सदा-सर्वदा टिका रहता है।” और यह वही सुसमाचार है जिसका तुम्हें उपदेश दिया गया है।

भजन संहिता 119:14

तेरे नियमों पर मनन करना, मुझको अन्य किसी भी वस्तु से अधिक भाता है।

कुलुस्सियों 3:16

अपनी सम्पन्नता के साथ मसीह का संदेश तुम में वास करे। भजनों, स्तुतियों और आत्मा के गीतों को गाते हुए बड़े विवेक के साथ एक दूसरे को शिक्षा और निर्देश देते रहो। परमेश्वर को मन ही मन धन्यवाद देते हुए गाते रहो।

यूहन्ना 15:7

यदि तुम मुझमें रहो, और मेरे उपदेश तुम में रहें, तो जो कुछ तुम चाहते हो माँगो, वह तुम्हें मिलेगा।

भजन संहिता 1:2-3

वह नेक मनुष्य है जो यहोवा के उपदेशों से प्रीति रखता है। वह तो रात दिन उन उपदेशों का मनन करता है।

इससे वह मनुष्य उस वृक्ष जैसा सुदृढ़ बनता है जिसको जलधार के किनारे रोपा गया है। वह उस वृक्ष समान है, जो उचित समय में फलता और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। वह जो भी करता है सफल ही होता है।

यशायाह 55:11

ऐसे ही मेरे मुख में से मेरे शब्द निकलते हैं और जब तक घटनाओं को घटा नहीं लेते, वे वापस नहीं आते हैं। मेरे शब्द ऐसी घटनाओं को घटाते हैं जिन्हें मैं घटवाना चाहता हूँ। मेरे शब्द वे सभी बातें पूरी करा लेते हैं जिनको करवाने को मैं उनको भेजता हूँ।

भजन संहिता 119:160

हे यहोवा, सनातन काल से तेरे सभी वचन विश्वास योग्य रहे हैं। तेरा उत्तम विधान सदा ही अमर रहेगा।

भजन संहिता 130:5

मैं यहोवा की बाट जोह रहा हूँ कि वह मुझको सहायता दे। मेरी आत्मा उसकी प्रतीक्षा में है। यहोवा जो कहता है उस पर मेरा भरोसा है।

यूहन्ना 1:1

आदि में शब्द था। शब्द परमेश्वर के साथ था। शब्द ही परमेश्वर था।

नीतिवचन 4:5

तू बुद्धि प्राप्त कर और समझ बूझ प्राप्त कर! मेरे वचन मत भूल और उनसे मत डिग।

1 पतरस 1:23-25

तुमने नाशमान बीज से पुर्नजीवन प्राप्त नहीं किया है बल्कि यह उस बीज का परिणाम है जो अमर है। तुम्हारा पुर्नजन्म परमेश्वर के उस सुसंदेश से हुआ है जो सजीव और अटल है।

क्योंकि शास्त्र कहता है: “सभी प्राणी घास की तरह हैं, और उनकी सज-धज जंगली फूल की तरह है। घास मर जाती है और फूल गिर जाते हैं।

किन्तु प्रभु का सुसमाचार सदा-सर्वदा टिका रहता है।” और यह वही सुसमाचार है जिसका तुम्हें उपदेश दिया गया है।

व्यवस्थाविवरण 8:3

यहोवा ने तुमको विनम्र बनाया और तुम्हें भूखा रहने दिया। तब उसने तुम्हें मन्ना खिलाया, जिसे तुम पहले से नहीं जानते थे, जिसे तुम्हारे पूर्वजों ने कभी नहीं देखा था। यहोवा ने यह क्यों किया? क्योंकि वह चाहता था कि तुम जानो कि केवल रोटी ही ऐसी नहीं है जो लोगों को जीवित रखती है। लोगों का जीवन यहोवा के वचन पर आधारित है।

इफिसियों 6:7

उत्साह के साथ एक सेवक के रूप में ऐसे काम करो जैसे मानो तुम लोगों की नहीं प्रभु की सेवा कर रहे हो।

रोमियों 10:17

सो उपदेश के सुनने से विश्वास उपजता है और उपदेश तब सुना जाता है जब कोई मसीह के विषय में उपदेश देता है।

लूका 11:28

इस पर उसने कहा, “धन्य तो बल्कि वे हैं जो परमेश्वर का वचन सुनते हैं और उस पर चलते हैं!”

याकूब 1:22

परमेश्वर की शिक्षा पर चलने वाले बनो, न कि केवल उसे सुनने वाले। यदि तुम केवल उसे सुनते भर हो तो तुम अपने आपको छल रहे हो।

यिर्मयाह 15:16

तेरा सन्देश मुझे मिला और मैं उसे निगल गया। तेरे सन्देश ने मुझे बहुत प्रसन्न कर दिया। मैं प्रसन्न था कि मुझे तेरे नाम से पुकारा जाता है। तेरा नाम यहोवा सर्वशक्तिमान है।

2 तीमुथियुस 3:16-17

सम्पूर्ण पवित्र शास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है। यह लोगों को सत्य की शिक्षा देने, उनको सुधारने, उन्हें उनकी बुराइयाँ दर्शाने और धार्मिक जीवन के प्रशिक्षण में उपयोगी है।

जिससे परमेश्वर का प्रत्येक सेवक शास्त्रों का प्रयोग करते हुए हर प्रकार के उत्तम कार्यों को करने के लिये समर्थ और साधन सम्पन्न होगा।

इब्रानियों 4:12

परमेश्वर का वचन तो सजीव और क्रियाशील है, वह किसी दोधारी तलवार से भी अधिक पैना है। वह आत्मा और प्राण, सन्धियों और मज्जा तक में गहरा बेध जाता है। वह मन की वृत्तियों और विचारों को परख लेता है।

भजन संहिता 119:105

हे यहोवा, तेरा वचन मेरे पाँव के लिये दीपक और मार्ग के लिये उजियाला है।

इफिसियों 6:17

छुटकारे का शिरस्त्राण पहन लो और परमेश्वर के संदेश रूपी आत्मा की तलवार उठा लो।

भजन संहिता 119:97

आ हा, यहोवा तेरी शिक्षाओं से मुझे प्रेम है। हर घड़ी मैं उनका ही बखान किया करता हूँ।

भजन संहिता 12:6

यहोवा के वचन सत्य हैं और इतने शुद्ध जैसे आग में पिघलाई हुई श्वेत चाँदी। वे वचन उस चाँदी की तरह शुद्ध हैं, जिसे पिघला पिघला कर सात बार शुद्ध बनाया गया है।

यूहन्ना 17:17

सत्य के द्वारा तू उन्हें अपनी सेवा के लिये समर्पित कर। तेरा वचन सत्य है।

नीतिवचन 30:5

वचन परमेश्वर का दोष रहित होता है, जो उसकी शरण में जाते हैं वह उनकी ढाल होता है।

व्यवस्थाविवरण 12:32

“तुम्हें उन सभी कामों को करने के लिए सावधान रहना चाहिए जिनके लिए मैं आदेश देता हूँ। जो मैं तुमसे कह रहा हूँ उसमें न तो कुछ जोड़ो, न ही उसमें से कुछ कम करो।

ईश्वर से प्रार्थना

हे मेरे प्यारे परमात्मा, मेरे पिता, मेरा हृदय आपके प्रति कृतज्ञता से भरा है। आप मेरे साथ कितने भले रहे हैं, अपनी असीम कृपा और विश्वास मेरे जीवन में दिखाया है, इसके लिए मैं आपको कोटि-कोटि धन्यवाद देता/देती हूँ। हर पल आपने मेरा, मेरी उन्नति का, मेरे कल्याण का ध्यान रखा है। आपकी महानता और शक्ति देखकर मैं विस्मित होता/होती हूँ, और आपके उस रचनात्मक बल पर मुग्ध होता/होती हूँ जिससे आपने अपने भक्तों को प्रेरित कर पवित्र ग्रंथों की रचना करवाई। जीवन के इस दिव्य मार्गदर्शक की बदौलत आज मेरे पास अन्धकार की हर बुराई पर विजय पाने के लिए शक्तिशाली हथियार और उपकरण हैं। आज और हर दिन आपके वचन का जश्न मनाने के लिए धन्यवाद, और इस खास दिन पर भी... यीशु के नाम में, आमीन।