बाइबिल के पद

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103 ब्रह्मांड की रचना पर बाइबिल के पद

आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की रचना की (उत्पत्ति 1:1)। यह "रचना" शब्द परमेश्वर की अपार शक्ति के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। मतलब, उन्होंने इस पूरे ब्रह्मांड को बनाया! रचना करना केवल परमेश्वर का ही गुण है। कोई और रचना नहीं कर सकता; हम विकास का परिणाम नहीं हैं, बल्कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के हाथों की रचना हैं।

क्योंकि हम उसी के काम हैं, मसीह यीशु में नए जीवन के लिए सृष्टि किए गए हैं ताकि हम अच्छे काम करें, जिन्हें परमेश्वर ने पहले से ही तैयार किया है ताकि हम उनमें चलें (इफिसियों 2:10)। परमेश्वर की महान शक्ति उसकी सृष्टि में दिखाई देती है, और हम उसे अंधकार पर उसकी सभी विजयों में भी देखते हैं, लेकिन उसका सबसे बड़ा गुण प्रेम है। प्रेम के कारण उसने अपने पुत्र को भेजा, और प्रेम के कारण यीशु ने हमारे पापों के लिए क्रूस पर अपना जीवन दे दिया।

तुम्हें समझना होगा कि तुम्हें अच्छे काम करने के लिए बनाया गया है। परमेश्वर की इच्छा है कि तुम इस धरती पर वैसे ही चलो जैसे यीशु चले थे। उन्होंने हमेशा अच्छा किया और अपने पिता के मार्गों पर सीधे चले। सृष्टि ही परमेश्वर की महानता को दर्शाती है; प्रकृति उनके बारे में बताती है। हम तो और भी ज़्यादा, जिन्हें इस दुनिया को मसीह के साथ मिलाप करने का काम सौंपा गया है।

तुम्हें समझना होगा कि तुम सिर्फ जन्म लेने, बड़े होने और मरने के लिए नहीं बनाए गए हो। तुम एक-एक दिन ऐसे ही जीने के लिए नहीं बनाए गए हो, बिना इस बात की परवाह किए कि तुम अपना समय कैसे बिता रहे हो। तुम परमेश्वर के हाथों से बनाए गए हो, तुम्हें उनके आत्मा की सांसों से जीवन मिला है ताकि तुम अपने दैनिक जीवन में सकारात्मक प्रभाव डाल सको। तुम स्त्री और पुरुष हो, जिन्हें परमेश्वर की रचनात्मक शक्ति दिखाने के लिए बुलाया गया है। तुम्हें इस धरती पर उनकी छवि होना है और इसके साथ ही सभी चीजों को व्यवस्थित करना है।

एक बार जब तुम समझ जाते हो कि तुम परमेश्वर के द्वारा हो, तो तुम्हें पता चलता है कि तुम्हारा एक मालिक है और तुम्हें उसकी इच्छा पूरी करने के लिए लगातार जीना है। कुलुस्सियों 1:16 कहता है, "क्योंकि उसी में सब वस्तुओं की सृष्टि हुई, स्वर्ग में हो अथवा पृथ्वी पर, दिखाई देने वाली हो अथवा न दिखाई देने वाली, क्या सिंहासन, क्या प्रभुताएँ, क्या प्रधानताएँ, क्या अधिकार, सब कुछ उसी के द्वारा और उसी के लिए सृजा गया है।"

तुम अपने सुखों में डूबे रहने और गलत काम करने के लिए नहीं बनाए गए हो, बल्कि परमेश्वर के लिए बनाए गए हो, उसके द्वारा बनाए गए हो, इस धरती पर महान कार्य करने के लिए।


भजन संहिता 19:1

अम्बर परमेश्वर की महिमा बखानतें हैं, और आकाश परमेश्वर की उत्तम रचनाओं का प्रदर्शन करते हैं।

यशायाह 40:28

सचमुच तूने सुना है और जानता है कि यहोवा परमेश्वर बुद्धिमान है। जो कुछ वह जानता है उन सभी बातों को मनुष्य नहीं सीख सकता। यहोवा कभी थकता नहीं, उसको कभी विश्राम की आवश्यकता नहीं होती। यहोवा ने ही सभी दूरदराज के स्थान धरती पर बनाये। यहोवा सदा जीवित है।

उत्पत्ति 1:26-27

तब परमेश्वर ने कहा, “अब हम मनुष्य बनाएं। हम मनुष्य को अपने स्वरूप जैसा बनाएगे। मनुष्य हमारी तरह होगा। वह समुद्र की सारी मछलियों पर और आकाश के पक्षियों पर राज करेगा। वह पृथ्वी के सभी बड़े जानवरों और छोटे रेंगनेवाले जीवों पर राज करेगा।”

इसलिए परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाया। परमेश्वर ने मनुष्य को अपने ही स्वरुप में सृजा। परमेश्वर ने उन्हें नर और नारी बनाया।

अय्यूब 38:4

अय्यूब, बताओ तुम कहाँ थे, जब मैंने पृथ्वी की रचना की थी? यदि तू इतना समझदार है तो मुझे उत्तर दे।

यशायाह 45:12

सो देख, मैंने धरती बनायी और वे सभी लोग जो इस पर रहते हैं, मेरे बनाये हुए हैं। मैंने स्वयं अपने हाथों से आकाशों की रचना की, और मैं आकाश के सितारों को आदेश देता हूँ।

उत्पत्ति 2:1-2

इस तरह पृथ्वी, आकाश और उसकी प्रत्येक वस्तु की रचना पूरी हुई।

अदन से होकर एक नदी बहती थी और वह बाग़ को पानी देती थी। वह नदी आगे जाकर चार छोटी नदियाँ बन गई।

पहली नदी का नाम पीशोन है। यह नदी हवीला प्रदेश के चारों ओर बहती है।

(उस प्रदेश में सोना है और वह सोना अच्छा है। मोती और गोमेदक रत्न उस प्रदेश में हैं।)

दूसरी नदी का नाम गीहोन है जो सारे कूश प्रदेश के चारों ओर बहती है।

तीसरी नदी का नाम दजला है। यह नदी अश्शूर के पूर्व में बहती है। चौथी नदी फरात है।

यहोवा ने मनुष्य को अदन के बाग में रखा। मनुष्य का काम पेड़—पौधे लगाना और बाग की देख—भाल करना था।

यहोवा परमेश्वर ने मनुष्य को आज्ञा दी, “तुम बग़ीचे के किसी भी पेड़ से फल खा सकते हो।

लेकिन तुम अच्छे और बुरे की जानकारी देने वाले पेड़ का फल नहीं खा सकते। यदि तुमने उस पेड़ का फल खा लिया तो तुम मर जाओगे।”

तब यहोवा परमेश्वर ने कहा, “मैं समझता हूँ कि मनुष्य का अकेला रहना ठीक नहीं है। मैं उसके लिए एक सहायक बनाऊँगा जो उसके लिए उपयुक्त होगा।”

यहोवा ने पृथ्वी के हर एक जानवर और आकाश के हर एक पक्षी को भूमि की मिट्टी से बनाया। यहोवा इन सभी जीवों को मनुष्य के सामने लाया और मनुष्य ने हर एक का नाम रखा।

परमेश्वर ने अपने किए जा रहे काम को पूरा कर लिया। अतः सातवें दिन परमेश्वर ने अपने काम से विश्राम किया।

भजन संहिता 104:24-25

हे यहोवा, तूने अचरज भरे बहुतेरे काम किये। धरती तेरी वस्तुओं से भरी पड़ी है। तू जो कुछ करता है, उसमें निज विवेक दर्शाता है।

यह सागर देखे! यह कितना विशाल है! बहुतेरे वस्तुएँ सागर में रहती हैं! उनमें कुछ विशाल है और कुछ छोटी हैं! सागर में जो जीवजन्तु रहते हैं, वे अगणित असंख्य हैं।

मत्ती 19:4

उत्तर देते हुए यीशु ने कहा, “क्या तुमने शास्त्र में नहीं पढ़ा कि जगत को रचने वाले ने प्रारम्भ में, ‘उन्हें एक स्त्री और एक पुरुष के रूप में रचा था?’

भजन संहिता 148:1-5

यहोवा के गुण गाओ! स्वर्ग के स्वर्गदूतों, यहोवा की प्रशंसा स्वर्ग से करो!

परमेश्वर ने सारे बनैले पशु और सब मवेशी रचे हैं। रेंगने वाले जीव और पक्षियों को उसने बनाया।

परमेश्वर ने राजा और राष्ट्रों की रचना धरती पर की। परमेश्वर ने प्रमुखों और न्यायधीशों को बनाया।

परमेश्वर ने युवक और युवतियों को बनाया। परमेश्वर ने बूढ़ों और बच्चों को रचा है।

यहोवा के नाम का गुण गाओ! सदा उसके नाम का आदर करो! हर वस्तु ओर धरती और व्योम, उसका गुणगान करो!

परमेश्वर अपने भक्तों को दृढ़ करेगा। लोग परमेश्वर के भक्तों की प्रशंसा करेंगे। लोग इस्राएल के गुण गायेंगे, वे लोग है जिनके लिये परमेश्वर युद्ध करता है, यहोवा की प्रशंसा करो।

हे सभी स्वर्गदूतों, यहोवा का यश गाओ! ग्रहों और नक्षत्रों, उसका गुण गान करो!

सूर्य और चाँद, तुम यहोवा के गुण गाओ! अम्बर के तारों और ज्योतियों, उसकी प्रशंसा करो!

यहोवा के गुण सर्वोच्च अम्बर में गाओ। हे जल आकाश के ऊपर, उसका यशगान कर!

यहोवा के नाम का बखान करो। क्यों? क्योंकि परमेश्वर ने आदेश दिया, और हम सब उसके रचे थे।

उत्पत्ति 1:3

तब परमेश्वर ने कहा, “उजियाला हो” और उजियाला हो गया।

भजन संहिता 8:3-4

हे यहोवा, जब मेरी दृष्टि गगन पर पड़ती है, जिसको तूने अपने हाथों से रचा है और जब मैं चाँद तारों को देखता हूँ जो तेरी रचना है, तो मैं अचरज से भर उठता हूँ।

लोग तेरे लिये क्यों इतने महत्वपूर्ण हो गये? तू उनको याद भी किस लिये करता है? मनुष्य का पुत्र तेरे लिये क्यों महत्वपूर्ण है? क्यों तू उन पर ध्यान तक देता है?

यशायाह 42:5

सच्चे परमेश्वर यहोवा ने ये बातें कही हैं: (यहोवा ने आकाशों को बनाया है। यहोवा ने आकाश को धरती पर ताना है। धरती पर जो कुछ है वह भी उसी ने बनाया है। धरती पर सभी लोगों में वही प्राण फूँकता है। धरती पर जो भी लोग चल फिर रहे हैं, उन सब को वही जीवन प्रदान करता है।)

अय्यूब 26:7

उत्तर के नभ को परमेश्वर फैलाता है। परमेश्वर ने व्योम के रिक्त पर अधर में धरती लटकायी है।

भजन संहिता 139:14

हे यहोवा, तुझको उन सभी अचरज भरे कामों के लिये मेरा धन्यवाद, और मैं सचमुच जानता हूँ कि तू जो कुछ करता है वह आश्चर्यपूर्ण है।

उत्पत्ति 1:14-19

तब परमेश्वर ने कहा, “आकाश में ज्योति होने दो। यह ज्योति दिन को रात से अलग करेंगी। यह ज्योति एक विशेष चिन्ह के रूप में प्रयोग की जाएंगी जो यह बताएंगी कि विशेष सभाएं कब शुरू की जाएं और यह दिनों तथा वर्षों के समय को निश्चित करेंगी।

पृथ्वी पर प्रकाश देने के लिए आकाश में ज्योति ठहरें” और ऐसा ही हुआ।

तब परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियाँ बनाईं। परमेश्वर ने उन में से बड़ी ज्योति को दिन पर राज करने के लिए बनाया और छोटी को रात पर राज करने के लिए बनाया। परमेश्वर ने तारे भी बनाए।

परमेश्वर ने इन ज्योतियों को आकाश में इसलिए रखा कि वेह पृथ्वी पर चमकें।

परमेश्वर ने इन ज्योतियों को आकाश में इसलिए रखा कि वह दिन तथा रात पर राज करें। इन ज्योतियों ने उजियाले को अंधकार से अलग किया और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है।

तब शाम हुई और सवेरा हुआ। यह चौथा दिन था।

नीतिवचन 3:19

यहोवा ने धरती की नींव बुद्धि से धरी, उसने समझ से आकाश को स्थिर किया।

भजन संहिता 95:5

सागर उसका है, उसने उसे बनाया है। परमेश्वर ने स्वयं अपने हाथों से धरती को बनाया है।

यशायाह 40:21-22

निश्चय ही, तुम सच्चाई जानते हो, बोलो निश्चय ही तुमने सुना है! निश्चय ही बहुत पहले किसी ने तुम्हें बताया है! निश्चय ही तुम जानते हो कि धरती को किसने बनाया है!

यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है! वही धरती के चक्र के ऊपर बैठता है! उसकी तुलना में लोग टिड्डी से लगते हैं। उसने आकाशों को किसी कपड़े के टुकड़े की भाँति खोल दिया। उसने आकाश को उसके नीचे बैठने को एक तम्बू की भाँति तान दिया।

उत्पत्ति 1:20-22

तब परमेश्वर ने कहा, “जल, अनेक जलचरों से भर जाए और पक्षी पृथ्वी के ऊपर वायुमण्डल में उड़ें।”

इसलिए परमेश्वर ने समुद्र में बहुत बड़े—बड़े जलजन्तु बनाए। परमेश्वर ने समुद्र में विचरण करने वाले प्राणियों को बनाया। समुद्र में भिन्न—भिन्न जाति के जलजन्तु हैं। परमेश्वर ने इन सब की सृष्टि की। परमेश्वर ने हर तरह के पक्षी भी बनाए जो आकाश में उड़ते हैं। परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है।

परमेश्वर ने इन जानवरों को आशीष दी, और कहा, “जाओ और बहुत से बच्चे उत्पन्न करो और समुद्र के जल को भर दो। पक्षी भी बहुत बढ़ जाएं।”

सभोपदेशक 3:11

अपने संसार के बारे में सोचने के लिये परमेश्वर ने हमें क्षमता प्रदान की है। परन्तु परमेश्वर जो करता है, उन बातों को पूरी तरह से हम कभी नहीं समझ सकते। फिर भी परमेश्वर हर बात, उचित और उपयुक्त समय पर करता है।

भजन संहिता 104:5

हे परमेश्वर, तूने ही धरती का उसकी नीवों पर निमार्ण किया। इसलिए उसका नाश कभी नहीं होगा।

रोमियों 4:17

शास्त्र बताता है, “मैंने तुझे (इब्राहीम) अनेक राष्ट्रों का पिता बनाया।” उस परमेश्वर की दृष्टि में वह इब्राहीम हमारा पिता है जिस पर उसका विश्वास है। परमेश्वर जो मरे हुए को जीवन देता है और जो नहीं है, जो अस्तित्व देता है।

भजन संहिता 136:5-9

परमेश्वर के गुण गाओ जिसने अपनी बुद्धि से आकाश को रचा है। उसका सच्चा प्रेम सदा ही बना रहता है।

परमेश्वर ने सागर के बीच में सूखी धरती को स्थापित किया। उसका सच्चा प्रेम सदा ही बना रहता है।

परमेश्वर ने महान ज्योतियाँ रची। उसका सच्चा प्रेम सदा ही बना रहता है।

परमेश्वर ने सूर्य को दिन पर शासन करने के लिये बनाया। उसका सच्चा प्रेम सदा ही बना रहता है।

परमेश्वर ने चाँद तारों को बनाया कि वे रात पर शासन करें। उसका सच्चा प्रेम सदा ही बना रहता है।

उत्पत्ति 1:24-25

तब परमेश्वर ने कहा, “पृथ्वी हर एक जाति के जीवजन्तु उत्पन्न करे। बहुत से भिन्न जाति के जानवर हों। हर जाति के बड़े जानवर और छोटे रेंगनेवाले जानवर हों और यह जानवर अपनी जाति के अनुसार और जानवर बनाएं” और यही सब हुआ।

तो, परमेश्वर ने हर जाति के जानवरों को बनाया। परमेश्वर ने जंगली जानवर, पालतू जानवर, और सभी छोटे रेंगनेवाले जीव बनाए और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है।

भजन संहिता 147:4-5

परमेश्वर सितारों को गिनता है और हर एक तारे का नाम जानता है।

हमारा स्वामी अति महान है। वह बहुत ही शक्तिशाली है। वे सीमाहीन बातें है जिनको वह जानता है।

यशायाह 66:1

यहोवा यह कहता है, “आकाश मेरा सिंहासन है। धरती मेरे पाँव की चौकी बनी है। सो क्या तू यह सोचता है कि तू मेरे लिये भवन बना सकता है नहीं, तू नहीं बना सकता। क्या तू मुझको विश्रामस्थल दे सकता है नहीं, तू नहीं दे सकता।

कुलुस्सियों 1:17

सबसे पहले उसी का अस्तित्व था, उसी की शक्ति से सब वस्तुएँ बनी रहती हैं।

भजन संहिता 148:6

परमेश्वर ने इन सबको बनाया कि सदा—सदा बने रहें। परमेश्वर ने विधान के विधि को बनाया, जिसका अंत नहीं होगा।

उत्पत्ति 1:12

पृथ्वी ने घास और पौधे उपजाए जो अन्न उत्पन्न करते हैं और ऐसे पेड़, पौधे उगाए जिनके फलों के अन्दर बीज होते हैं। हर एक पौधे ने अपने जाति अनुसार बीज उत्पन्न किए और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है।

भजन संहिता 104:19

हे परमेश्वर, तूने हमें चाँद दिया जिससे हम जान पायें कि छुट्टियाँ कब है। सूरज सदा जानता है कि उसको कहाँ छिपना है।

यशायाह 45:18

यहोवा ही परमेश्वर है। उसने आकाश रचे हैं, और उसी ने धरती बनायी है। यहोवा ही ने धरती को अपने स्थान पर स्थापित किया है। जब यहोवा ने धरती बनाई उसने ये नहीं चाहा कि धरती खाली रहे। उसने इसको रचा ताकि इसमें जीवन रहे। मैं यहोवा हूँ। मेरे सिवा कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है।

भजन संहिता 103:22

हर कहीं हर वस्तु यहोवा ने रची है। परमेश्वर का शासन हर कहीं वस्तु पर है। सो हे समूची सृष्टि, यहोवा को तू धन्य कह। ओ मेरे मन यहोवा की प्रशंसा कर।

मत्ती 6:26

देखो! आकाश के पक्षी न तो बुआई करते हैं और न कटाई, न ही वे कोठारों में अनाज भरते हैं किन्तु तुम्हारा स्वर्गीय पिता उनका भी पेट भरता है। क्या तुम उनसे कहीं अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो?

भजन संहिता 104:31

यहोवा की महिमा सदा सदा बनी रहे! यहोवा अपनी सृष्टि से सदा आनन्दित रहे!

अय्यूब 37:14-16

“अय्यूब, तू क्षण भर के लिये रुक और सुन। रुक जा और सोच उन अद्भुत कार्यो के बारे में जिन्हें परमेश्वर किया करता हैं।

अय्यूब, क्या तू जानता है कि परमेश्वर बादलों पर कैसे काबू रखता है क्या तू जानता है कि परमेश्वर अपनी बिजली को क्यों चमकाता है

क्या तू यह जानता है कि आकाश में बादल कैसे लटके रहते हैं। ये एक उदाहरण मात्र हैं। परमेश्वर का ज्ञान सम्पूर्ण है और ये बादल परमेश्वर की अद्भुत कृति हैं।

उत्पत्ति 1:28

परमेश्वर ने उन्हें आशीष दी। परमेश्वर ने उनसे कहा, “तुम्हारी बहुत सी संताने हों। पृथ्वी को भर दो और उस पर राज करो। समुद्र की मछलियों और आकाश के पक्षियों पर राज करो। हर एक पृथ्वी के जीवजन्तु पर राज करो।”

भजन संहिता 121:2

मुझको तो सहारा यहोवा से मिलेगा जो स्वर्ग और धरती का बनाने वाला है।

नीतिवचन 8:22-23

“यहोवा ने मुझे अपनी रचना के प्रथम अपने पुरातन कर्मो से पहले ही रचा है।

मेरी रचना सनातन काल से हुई। आदि से, जगत की रचना के पहले से हुई।

उत्पत्ति 1:29-30

परमेश्वर ने कहा, “देखो, मैंने तुम लोगों को सभी बीज वाले पेड़ पौधे और सारे फलदार पेड़ दिए हैं। ये अन्न तथा फल तुम्हारा भोजन होगा।

तब परमेश्वर ने कहा, “उजियाला हो” और उजियाला हो गया।

मैं प्रत्येक हरे पेड़ पौधो जानवरों के लिए दे रहा हूँ। ये हरे पेड़—पौधे उनका भोजन होगा। पृथ्वी का हर एक जानवर, आकाश का हर एक पक्षी और पृथ्वी पर रेंगने वाले सभी जीवजन्तु इस भोजन को खाएंगे।” ये सभी बातें हुईं।

भजन संहिता 148:3

सूर्य और चाँद, तुम यहोवा के गुण गाओ! अम्बर के तारों और ज्योतियों, उसकी प्रशंसा करो!

यशायाह 38:8

“देख, आहाज़ की धूप घड़ी की वह छाया जो अंशों पर पड़ी हैं, मैं उसे दस अंश पीछे हटा दूँगा। सूर्य की वह छाया दस अंश तक पीछे चली जायेगी।”

उत्पत्ति 1:4

परमेश्वर ने उजियाले को देखा और वह जान गया कि यह अच्छा है। तब परमेश्वर ने उजियाले को अंधियारे से अलग किया।

भजन संहिता 139:15-16

मेरे विषय में तू सब कुछ जानता है। जब मैं अपनी माता की कोख में छिपा था, जब मेरी देह रूप ले रही थी तभी तूने मेरी हड्डियों को देखा।

हे यहोवा, तूने मेरी देह को मेरी माता के गर्भ में विकसते देखा। ये सभी बातें तेरी पुस्तक में लिखीं हैं। हर दिन तूने मुझ पर दृष्टी की। एक दिन भी तुझसे नहीं छूटा।

यशायाह 40:26

ऊपर आकाशों को देखो। किसने इन सभी तारों को बनाया किसने वे सभी आकाश की सेना बनाई किसको सभी तारे नाम—बनाम मालूस हैं सच्चा परमेश्वर बहुत ही सुदृढ़ और शक्तिशाली है इसलिए कोई तारा कभी निज मार्ग नहीं भूला।

भजन संहिता 104:14-15

परमेश्वर, पशुओं को खाने के लिये घास उपजाई, हम श्रम करते हैं और वह हमें पौधे देता है। ये पौधे वह भोजन है जिसे हम धरती से पाते हैं।

परमेश्वर, हमें दाखमधु देता है, जो हमको प्रसन्न करती है। हमारा चर्म नर्म रखने को तू हमें तेल देता है। हमें पुष्ट करने को वह हमें खाना देता है।

उत्पत्ति 1:5

परमेश्वर ने उजियाले का नाम “दिन” और अंधियारे का नाम “रात” रखा। शाम हुई और तब सवेरा हुआ। यह पहला दिन था।

सभोपदेशक 11:5

हवा का रूख कहाँ होगा तुम नहीं जान सकते। तुम नहीं जानते कि माँ के गर्भ में बच्चा प्राण कैसे पाता है? इसी प्रकार तुम यह भी नहीं जान सकते कि परमेश्वर क्या करेगा? सब कुछ को घटित करने वाला तो वही है।

भजन संहिता 24:1-2

यह धरती और उस पर की सब वस्तुएँ यहोवा की है। यह जगत और इसके सब व्यक्ति उसी के हैं।

वह प्रतापी राजा कौन है? यहोवा सर्वशक्तिमान ही वह राजा है। वह प्रतापी राजा वही है।

यहोवा ने इस धरती को जल पर रचा है। उसने इसको जल—धारों पर बनाया।

यशायाह 44:24

जो कुछ भी तू है वह यहोवा ने तुझे बनाया। यहोवा ने यह किया जब तू अभी माता के गर्भ में ही था। यहोवा तेरा रखवाला कहता है। “मैं यहोवा ने सब कुछ बनाया! मैंने ही वहाँ आकाश ताना है, और अपने सामने धरती को बिछाया!”

उत्पत्ति 1:10

परमेश्वर ने सूखी भूमि का नाम “पृथ्वी” रखा और जो पानी इकट्ठा हुआ था, उसे “समुद्र” का नाम दिया। परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है।

भजन संहिता 148:1-2

यहोवा के गुण गाओ! स्वर्ग के स्वर्गदूतों, यहोवा की प्रशंसा स्वर्ग से करो!

परमेश्वर ने सारे बनैले पशु और सब मवेशी रचे हैं। रेंगने वाले जीव और पक्षियों को उसने बनाया।

परमेश्वर ने राजा और राष्ट्रों की रचना धरती पर की। परमेश्वर ने प्रमुखों और न्यायधीशों को बनाया।

परमेश्वर ने युवक और युवतियों को बनाया। परमेश्वर ने बूढ़ों और बच्चों को रचा है।

यहोवा के नाम का गुण गाओ! सदा उसके नाम का आदर करो! हर वस्तु ओर धरती और व्योम, उसका गुणगान करो!

परमेश्वर अपने भक्तों को दृढ़ करेगा। लोग परमेश्वर के भक्तों की प्रशंसा करेंगे। लोग इस्राएल के गुण गायेंगे, वे लोग है जिनके लिये परमेश्वर युद्ध करता है, यहोवा की प्रशंसा करो।

हे सभी स्वर्गदूतों, यहोवा का यश गाओ! ग्रहों और नक्षत्रों, उसका गुण गान करो!

अय्यूब 26:6

मृत्यु का स्थान परमेश्वर की आँखों के सामने खुला है, परमेश्वर के आगे विनाश का स्थान ढका नहीं है।

भजन संहिता 102:25

बहुत समय पहले तूने संसार रचा! तूने स्वयं अपने हाथों से आकाश रचा।

रोमियों 1:19-20

और ऐसा हो रहा है क्योंकि परमेश्वर के बारे में वे पूरी तरह जानते है क्योंकि परमेश्वर ने इसे उन्हें बताया है।

जिसकी पहले ही नबियों द्वारा पवित्र शास्त्रों में घोषणा कर दी गयी

जब से संसार की रचना हुई उसकी अदृश्य विशेषताएँ अनन्त शक्ति और परमेश्वरत्व साफ साफ दिखाई देते हैं क्योंकि उन वस्तुओं से वे पूरी तरह जानी जा सकती हैं, जो परमेश्वर ने रचीं। इसलिए लोगों के पास कोई बहाना नहीं।

अय्यूब 38:31-33

“अय्यूब, सप्तर्षि तारों को क्या तू बाँध सकता है? क्या तू मृगशिरा का बन्धन खोल सकता है?

अय्यूब, क्या तू तारा समूहों को उचित समय पर उगा सकता है, अथवा क्या तू भालू तारा समूह की उसके बच्चों के साथ अगुवाई कर सकता है?

अय्यूब क्या तू उन नियमों को जानता है, जो नभ का शासन करते हैं? क्या तू उन नियमों को धरती पर लागू कर सकता है?

यशायाह 40:15

देखो, जगत के सारे देश घड़े में एक छोटी बूंद जैसे हैं। यदि यहोवा सुदूरवर्ती देशों तक को लेकर अपनी तराजू पर धर दे, तो वे छोटे से रजकण जैसे लगेंगे।

भजन संहिता 104:1-4

हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह! हे यहोवा, हे मेरे परमेश्वर, तू है अतिमहान! तूने महिमा और आदर के वस्त्र पहने हैं।

हे परमेश्वर, तूने ही जल बहाया। सोतों से नदियों से नीचे पहाड़ी नदियों से पानी बह चला।

सभी वन्य पशुओं को धाराएँ जल देती हैं, जिनमें जंगली गधे तक आकर के प्यास बुझाते हैं।

वन के परिंदे तालाबों के किनारे रहने को आते हैं और पास खड़े पेड़ों की डालियों में गाते हैं।

परमेश्वर पहाड़ों के ऊपर नीचे वर्षा भेजता है। परमेश्वर ने जो कुछ रचा है, धरती को वह सब देता है जो उसे चाहिए।

परमेश्वर, पशुओं को खाने के लिये घास उपजाई, हम श्रम करते हैं और वह हमें पौधे देता है। ये पौधे वह भोजन है जिसे हम धरती से पाते हैं।

परमेश्वर, हमें दाखमधु देता है, जो हमको प्रसन्न करती है। हमारा चर्म नर्म रखने को तू हमें तेल देता है। हमें पुष्ट करने को वह हमें खाना देता है।

लबानोन के जो विशाल वृक्ष हैं वह परमेश्वर के हैं। उन विशाल वृक्षों हेतु उनकी बढ़वार को बहुत जल रहता है।

पक्षी उन वृक्षों पर निज घोंसले बनाते। सनोवर के वृक्षों पर सारस का बसेरा है।

बनैले बकरों के घर ऊँचे पहाड़ में बने हैं। बिच्छुओं के छिपने के स्थान बड़ी चट्टान है।

हे परमेश्वर, तूने हमें चाँद दिया जिससे हम जान पायें कि छुट्टियाँ कब है। सूरज सदा जानता है कि उसको कहाँ छिपना है।

तू प्रकाश से मण्डित है जैसे कोई व्यक्ति चोंगा पहने। तूने व्योम जैसे फैलाये चंदोबा हो।

तूने अंधेरा बनाया जिससे रात हो जाये और देखो रात में बनैले पशु बाहर आ जाते और इधर—उधर घूमते हैं।

वे झपटते सिंह जब दहाड़ते हैं तब ऐसा लगता जैसे वे यहोवा को पुकारते हों, जिसे माँगने से वह उनको आहार देता।

और पौ फटने पर जीवजन्तु वापस घरों को लौटते और आराम करते हैं।

फिर लोग अपना काम करने को बाहर निकलते हैं। साँझ तक वे काम में लगे रहते हैं।

हे यहोवा, तूने अचरज भरे बहुतेरे काम किये। धरती तेरी वस्तुओं से भरी पड़ी है। तू जो कुछ करता है, उसमें निज विवेक दर्शाता है।

यह सागर देखे! यह कितना विशाल है! बहुतेरे वस्तुएँ सागर में रहती हैं! उनमें कुछ विशाल है और कुछ छोटी हैं! सागर में जो जीवजन्तु रहते हैं, वे अगणित असंख्य हैं।

सागर के ऊपर जलयान तैरते हैं, और सागर के भीतर महामत्स्य जो सागर के जीव को तूने रचा था, क्रीड़ा करता है।

यहोवा, यह सब कुछ तुझ पर निर्भर है। हे परमेश्वर, उन सभी जीवों को खाना तू उचित समय पर देता है।

हे परमेश्वर, खाना जिसे वे खाते है, वह तू सभी जीवों को देता है। तू अच्छे खाने से भरे अपने हाथ खोलता है, और वे तृप्त हो जाने तक खाते हैं।

फिर जब तू उनसे मुख मोड़ लेता तब वे भयभीत हो जाते हैं। उनकी आत्मा उनको छोड़ चली जाती है। वे दुर्बल हो जाते और मर जाते हैं और उनकी देह फिर धूल हो जाती है।

हे परमेश्वर, तूने उनके ऊपर अपना घर बनाया, गहरे बादलों को तू अपना रथ बनाता है, और पवन के पंखों पर चढ़ कर आकाश पार करता है।

हे यहोवा, निज आत्मा का अंश तू उन्हें दे। और वह फिर से स्वस्थ हो जोयेंगे। तू फिर धरती को नयी सी बना दे।

यहोवा की महिमा सदा सदा बनी रहे! यहोवा अपनी सृष्टि से सदा आनन्दित रहे!

यहोवा की दृष्टि से यह धरती काँप उठेगी। पर्वतों से धुआँ उठने लग जायेगा।

मैं जीवन भर यहोवा के लिये गाऊँगा। मैं जब तक जीता हूँ यहोवा के गुण गाता रहूँगा।

मुझको यह आज्ञा है कि जो कुछ मैंने कहा है वह उसे प्रसन्न करेगा। मैं तो यहोवा के संग में प्रसन्न हूँ!

धरती से पाप का लोप हो जाये और दुष्ट लोग सदा के लिये मिट जाये। ओ मेरे मन यहोवा कि प्रशंसा कर। यहोवा के गुणगान कर!

हे परमेश्वर, तूने निज दूतों को वैसे बनाया जैसे पवन होता है। तूने निज दासों को अग्नि के समान बनाया।

उत्पत्ति 2:4

यह पृथ्वी और आकाश का इतिहास है। यह कथा उन चीज़ों की है, जो परमेश्वर द्वारा पृथ्वी और आकाश बनाते समय, घटित हुईं।

भजन संहिता 104:25-26

यह सागर देखे! यह कितना विशाल है! बहुतेरे वस्तुएँ सागर में रहती हैं! उनमें कुछ विशाल है और कुछ छोटी हैं! सागर में जो जीवजन्तु रहते हैं, वे अगणित असंख्य हैं।

सागर के ऊपर जलयान तैरते हैं, और सागर के भीतर महामत्स्य जो सागर के जीव को तूने रचा था, क्रीड़ा करता है।

मत्ती 10:29-31

एक पैसे की दो चिड़ियाओं में से भी एक तुम्हारे परम पिता के जाने बिना और उसकी इच्छा के बिना धरती पर नहीं गिर सकती।

फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, कर वसूलने वाला मत्ती, हलफै का बेटा याकूब और तद्दै,

अरे तुम्हारे तो सिर का एक एक बाल तक गिना हुआ है।

इसलिये डरो मत तुम्हारा मूल्य तो वैसी अनेक चिड़ियाओं से कहीं अधिक है।

भजन संहिता 145:10-12

हे यहोवा, तेरे कर्मो से तुझे प्रशंसा मिलती है। तुझको तेरे भक्त धन्य कहा करते हैं।

वे लोग तेरे महिमामय राज्य का बखान किया करते हैं। तेरी महानता को वे बताया करते हैं।

ताकि अन्य लोग उन महान बातों को जाने जिनको तू करता है। वे लोग तेरे महिमामय राज्य का मनन किया करते हैं।

अय्यूब 26:13

परमेश्वर का श्वास नभ को साफ कर देता है। परमेश्वर के हाथ ने उस साँप को मार दिया जिसमें भाग जाने का यत्न किया था।

भजन संहिता 95:4-5

गहरी गुफाएँ और ऊँचे पर्वत यहोवा के हैं।

सागर उसका है, उसने उसे बनाया है। परमेश्वर ने स्वयं अपने हाथों से धरती को बनाया है।

उत्पत्ति 1:7

इसलिए परमेश्वर ने वायुमण्डल बनाया और जल को अलग किया। कुछ जल वायुमण्डल के ऊपर था और कुछ वायुमण्डल के नीचे।

रोमियों 8:19-22

क्योंकि यह सृष्टि बड़ी आशा से उस समय का इंतज़ार कर रही है जब परमेश्वर की संतान को प्रकट किया जायेगा।

क्योंकि आत्मा की व्यवस्था ने जो यीशु मसीह में जीवन देती है, तुझे पाप की व्यवस्था से जो मृत्यु की ओर ले जाती है, स्वतन्त्र कर दिया है।

यह सृष्टि निःसार थी अपनी इच्छा से नहीं, बल्कि उसकी इच्छा से जिसने इसे इस आशा के अधीन किया

कि यह भी कभी अपनी विनाशमानता से छुटकारा पाकर परमेश्वर की संतान की शानदार स्वतन्त्रता का आनन्द लेगी।

क्योंकि हम जानते हैं कि आज तक समूची सृष्टि पीड़ा में कराहती और तड़पती रही है।

उत्पत्ति 1:15

पृथ्वी पर प्रकाश देने के लिए आकाश में ज्योति ठहरें” और ऐसा ही हुआ।

भजन संहिता 148:4

यहोवा के गुण सर्वोच्च अम्बर में गाओ। हे जल आकाश के ऊपर, उसका यशगान कर!

नीतिवचन 8:27

मेरा अस्तित्व उससे भी पहले वहाँ था। जब उसने आकाश का वितान ताना था और उसने सागर के दूसरे छोर पर क्षितिज को रेखांकित किया था।

अय्यूब 38:9

उस समय मैंने बादलों से समुद्र को ढक दिया और अन्धकार में सागर को लपेट दिया था (जैसे बालक को चादर में लपेटा जाता है।)

भजन संहिता 104:16

लबानोन के जो विशाल वृक्ष हैं वह परमेश्वर के हैं। उन विशाल वृक्षों हेतु उनकी बढ़वार को बहुत जल रहता है।

यशायाह 66:22

“मैं एक नये संसार की रचना करूँगा। ये नये आकाश और नयी धरती सदा—सदा टिके रहेंगे और उसी प्रकार तुम्हारे नाम और तुम्हारे वंशज भी सदा मेरे साथ रहेंगे।

भजन संहिता 136:5

परमेश्वर के गुण गाओ जिसने अपनी बुद्धि से आकाश को रचा है। उसका सच्चा प्रेम सदा ही बना रहता है।

उत्पत्ति 1:18

परमेश्वर ने इन ज्योतियों को आकाश में इसलिए रखा कि वह दिन तथा रात पर राज करें। इन ज्योतियों ने उजियाले को अंधकार से अलग किया और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है।

भजन संहिता 33:9

क्योंकि परमेश्वर को केवल बात भर कहनी है, और वह बात तुरंत घट जाती है। यदि वह किसी को रुकने का आदेश दे, तो वह तुरंत थम दाती है।

यशायाह 40:29-31

यहोवा शक्तिहीनों को शक्तिशाली बनने में सहायता देता है। वह ऐसे उन लोगों को जिनके पास शक्ति नहीं है, प्रेरित करता है कि वह शक्तिशाली बने।

सुनो! एक व्यक्ति का जोर से पुकारता हुआ स्वर: “यहोवा के लिये बियाबान में एक राह बनाओ! हमारे परमेश्वर के लिये बियाबान में एक रास्ता चौरस करो!

युवक थकते हैं और उन्हें विश्राम की जरुरत पड़ जाती है। यहाँ तक कि किशोर भी ठोकर खाते हैं और गिरते हैं।

किन्तु वे लोग जो यहोवा के भरोसे हैं फिर से शक्तिशाली बन जाते हैं। जैसे किसी गरुड़ के फिर से पंख उग आते हैं। ये लोग बिना विश्राम चाहे निरंतर दौड़ते रहते हैं। ये लोग बिना थके चलते रहते हैं।

भजन संहिता 102:26

यह जगत और आकाश नष्ट हो जायेंगे, किन्तु तू सदा ही जीवित रहेगा! वे वस्त्रों के समान जीर्ण हो जायेंगे। वस्त्रों के समान ही तू उन्हें बदलेगा। वे सभी बदल दिये जायेंगे।

उत्पत्ति 1:13

तब शाम हुई और सवेरा हुआ। यह तीसरा दिन था।

भजन संहिता 103:19

परमेश्वर का सिंहासन स्वर्ग में संस्थापित है। हर वस्तु पर उसका ही शासन है।

भजन संहिता 145:16

हे यहोवा, तू निज मुट्ठी खोलता है, और तू सभी प्राणियों को वह हर एक वस्तु जिसकी उन्हें आवश्यकता देता है।

उत्पत्ति 1:21

इसलिए परमेश्वर ने समुद्र में बहुत बड़े—बड़े जलजन्तु बनाए। परमेश्वर ने समुद्र में विचरण करने वाले प्राणियों को बनाया। समुद्र में भिन्न—भिन्न जाति के जलजन्तु हैं। परमेश्वर ने इन सब की सृष्टि की। परमेश्वर ने हर तरह के पक्षी भी बनाए जो आकाश में उड़ते हैं। परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है।

सभोपदेशक 12:1

बचपन से ही अपने बनाने वाले का स्मरण करो। इससे पहले कि बुढ़ापे के बुरे दिन तुम्हें आ घेरें। पहले इसके कि तुम्हें यह कहना पड़े कि “हाय, में जीवन का रस नहीं ले सका।”

भजन संहिता 36:6

हे यहोवा, तेरी धार्मिकता सर्वोच्च पर्वत से भी ऊँची है। तेरी शोभा गहरे सागर से गहरी है। हे यहोवा, तू मनुष्यों और पशुओ का रक्षक है।

यशायाह 43:7

उन सभी लोगों को, जो मेरे हैं, मेरे पास ले आ अर्थात् उन लोगों को जो मेरा नाम लेते हैं। मैंने उन लोगों को स्वयं अपने लिये बनाया है। उनकी रचना मैंने की है और वे मेरे हैं।”

उत्पत्ति 1:1

आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी को बनाया।

इब्रानियों 11:3

विश्वास के आधार पर ही हम यह जानते हैं कि परमेश्वर के आदेश से ब्रह्माण्ड की रचना हुई थी। इसलिए जो दृश्य है, वह दृश्य से ही नहीं बना है।

कुलुस्सियों 1:16

क्योंकि जो कुछ स्वर्ग में है और धरती पर है, उसी की शक्ति से उत्पन्न हुआ है। कुछ भी चाहे दृश्यमान हो और चाहे अदृश्य, चाहे सिंहासन हो चाहे राज्य, चाहे कोई शासक हो और चाहे अधिकारी, सब कुछ उसी के द्वारा रचा गया है और उसी के लिए रचा गया है।

उत्पत्ति 2:7

तब यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी से धूल उठाई और मनुष्य को बनाया। यहोवा ने मनुष्य की नाक में जीवन की साँस फूँकी और मनुष्य एक जीवित प्राणी बन गया।

प्रकाशितवाक्य 4:11

“हे हमारे प्रभु और हमारे परमेश्वर! तू ही महिमा, आदर और शक्ति पाने को सुयोग्य है। क्योंकि तूने ही अपनी इच्छा से सभी वस्तु सृजी हैं। तेरी ही इच्छा से उनका अस्तित्व है। और तेरी ही इच्छा से हुई है उनकी सृष्टि।”

यूहन्ना 1:1-3

आदि में शब्द था। शब्द परमेश्वर के साथ था। शब्द ही परमेश्वर था।

वह इस जगत में ही था और यह जगत उसी के द्वारा अस्तित्व में आया पर जगत ने उसे पहचाना नहीं।

वह अपने घर आया था और उसके अपने ही लोगों ने उसे अपनाया नहीं।

पर जिन्होंने उसे अपनाया उन सबको उसने परमेश्वर की संतान बनने का अधिकार दिया।

परमेश्वर की संतान के रूप में वह कुदरती तौर पर न तो लहू से पैदा हुआ था, ना किसी शारीरिक इच्छा से और न ही माता-पिता की योजना से। बल्कि वह परमेश्वर से उत्पन्न हुआ।

उस आदि शब्द ने देह धारण कर हमारे बीच निवास किया। हमने परम पिता के एकमात्र पुत्र के रूप में उसकी महिमा का दर्शन किया। वह करुणा और सत्य से पूर्ण था।

यूहन्ना ने उसकी साक्षी दी और पुकार कर कहा, “यह वही है जिसके बारे में मैंने कहा था, ‘वह जो मेरे बाद आने वाला है, मुझसे महान है, मुझसे आगे है क्योंकि वह मुझसे पहले मौजूद था।’”

उसकी करुणा और सत्य की पूर्णता से हम सबने अनुग्रह पर अनुग्रह प्राप्त किये।

हमें व्यवस्था का विधान देने वाला मूसा था पर करुणा और सत्य हमें यीशु मसीह से मिले।

परमेश्वर को कभी किसी ने नहीं देखा किन्तु परमेश्वर के एकमात्र पुत्र ने, जो सदा परम पिता के साथ है उसे हम पर प्रकट किया।

जब यरूशलेम के यहूदियों ने उसके पास लेवियों और याजकों को यह पूछने के लिये भेजा, “तुम कौन हो?”

यह शब्द ही आदि में परमेश्वर के साथ था।

तो उसने साक्षी दी और बिना झिझक स्वीकार किया, “मैं मसीह नहीं हूँ।”

उन्होंने यूहन्ना से पूछा, “तो तुम कौन हो, क्या तुम एलिय्याह हो?” यूहन्ना ने जवाब दिया, “नहीं मैं वह नहीं हूँ।” यहूदियों ने पूछा, “क्या तुम भविष्यवक्ता हो?” उसने उत्तर दिया, “नहीं।”

फिर उन्होंने उससे पूछा, “तो तुम कौन हो? हमें बताओ ताकि जिन्होंने हमें भेजा है, उन्हें हम उत्तर दे सकें। तुम अपने विषय में क्या कहते हो?”

यूहन्ना ने कहा, “मैं उसकी आवाज़ हूँ जो जंगल में पुकार रहा है: ‘प्रभु के लिये सीधा रास्ता बनाओ।’”

इन लोगों को फरीसियों ने भेजा था।

उन्होंने उससे पूछा, “यदि तुम न मसीह हो, न एलिय्याह हो और न भविष्यवक्ता तो लोगों को बपतिस्मा क्यों देते हो?”

उन्हें जवाब देते हुए यूहन्ना ने कहा, “मैं उन्हें जल से बपतिस्मा देता हूँ। तुम्हारे ही बीच एक व्यक्ति है जिसे तुम लोग नहीं जानते।

यह वही है जो मेरे बाद आने वाला है। मैं उसके जूतों की तनियाँ खोलने लायक भी नहीं हूँ।”

ये घटनाएँ यरदन के पार बैतनिय्याह में घटीं जहाँ यूहन्ना बपतिस्मा देता था।

अगले दिन यूहन्ना ने यीशु को अपनी तरफ आते देखा और कहा, “परमेश्वर के मेमने को देखो जो जगत के पाप को हर ले जाता है।

दुनिया की हर वस्तु उसी से उपजी। उसके बिना किसी की भी रचना नहीं हुई।

रोमियों 1:20

जब से संसार की रचना हुई उसकी अदृश्य विशेषताएँ अनन्त शक्ति और परमेश्वरत्व साफ साफ दिखाई देते हैं क्योंकि उन वस्तुओं से वे पूरी तरह जानी जा सकती हैं, जो परमेश्वर ने रचीं। इसलिए लोगों के पास कोई बहाना नहीं।

निर्गमन 20:11

क्यों? क्योंकि यहोवा ने छ: दिन काम किया और आकाश, धरती, सागर और उनकी हर चीज़ें बनाईं। और सातवें दिन परमेश्वर ने आराम किया। इस प्रकार यहोवा ने शनिवार को वरदान दिया कि उसे आराम के पवित्र दिन के रूप में मनाया जाएगा। यहोवा ने उसे बहुत ही विशेष दिन के रूप में स्थापित किया।

अय्यूब 12:7-9

“चाहे तू पशु से पूछ कर देख, वे तुझे सिखादेंगे, अथवा हवा के पक्षियों से पूछ वे तुझे बता देंगे।

अथवा तू धरती से पूछ ले वह तुझको सिखा देगी या सागर की मछलियों को अपना ज्ञान तुझे बताने दे।

हर कोई जानता है कि परमेश्वर ने इन सब वस्तुओं को रचा है।

इब्रानियों 1:10

परमेश्वर यह भी कहता है, “हे प्रभु, जब सृष्टि का जन्म हो रहा था, तूने धरती की नींव धरी। और ये सारे स्वर्ग तेरे हाथ का कतृत्व हैं।

उत्पत्ति 1:26

तब परमेश्वर ने कहा, “अब हम मनुष्य बनाएं। हम मनुष्य को अपने स्वरूप जैसा बनाएगे। मनुष्य हमारी तरह होगा। वह समुद्र की सारी मछलियों पर और आकाश के पक्षियों पर राज करेगा। वह पृथ्वी के सभी बड़े जानवरों और छोटे रेंगनेवाले जीवों पर राज करेगा।”

2 पतरस 3:5

किन्तु जब वे यह आक्षेप करते हैं तो वे यह भूल जाते हैं कि परमेश्वर के वचन द्वारा आकाश युगों से विद्यमान है और पृथ्वी जल में से बनी और जल में स्थिर है,

यिर्मयाह 10:12

वह परमेश्वर एक ही है जिसने अपनी शक्ति से पृथ्वी बनाई। परमेश्वर ने अपने बुद्धि का उपयोग किया और संसार की रचना कर डाली। अपनी समझ के अनुसार परमेश्वर ने पृथ्वी के ऊपर आकाश को फैलाया।

रोमियों 11:36

क्योंकि सब का रचने वाला वही है। उसी से सब स्थिर है और वह उसी के लिए है। उसकी सदा महिमा हो! आमीन।

भजन संहिता 33:6

यहोवा ने आदेश दिया और सृष्टि तुरंत अस्तित्व में आई। परमेश्वर के श्वास ने धरती पर हर वस्तु रची।

ईश्वर से प्रार्थना

मेरे प्यारे भगवान, मेरे दयालु और न्यायी पिता, आप मेरे जीवन के रचयिता हैं, आपके प्रेम से भरे हाथों ने मेरे अस्तित्व के हर हिस्से को गढ़ा है, मुझे वो बनाया है जो मैं हूँ। प्रभु यीशु के नाम में, मैं आपके चरणों में आता हूँ, उन अद्भुत कृतियों के लिए आभार व्यक्त करने, जो आपने बनाई हैं। आप सर्वशक्तिमान, पूर्ण और दयालु हैं। हे प्रभु, आकाश आपका है, पृथ्वी भी आपकी, यह संसार और इसकी समस्त सम्पदा, उत्तर और दक्षिण, सब कुछ आपने ही रचा है। आप अनन्त परमेश्वर हैं, पृथ्वी के छोर तक आप ही के हैं, आप न थकते हैं, न ही कमजोर होते हैं, और आपकी बुद्धि अगम्य है। हे परमेश्वर के पुत्र यीशु, मैं आपके नाम की महिमा करता हूँ, क्योंकि आपके द्वारा ही सब कुछ बनाया गया है और आपके द्वारा ही सब कुछ टिका हुआ है, जैसा कि लिखा है: "क्योंकि उसी की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है। उसी को युगानुयुग महिमा हो। आमीन।" पवित्र आत्मा, आपकी सच्चाई और सांत्वना से, दुनिया को धार्मिकता, पाप और न्याय का बोध कराएँ, ताकि वे पिता के प्रेम की ओर बढ़ें। सृष्टि की कराह सुनिए, हे प्रिय परमेश्वर, अपने बच्चों पर दया कीजिए। आप स्वर्ग में रहते हैं और पृथ्वी आपके चरणों की चौकी है, आप अपना कान झुकाएँ और हमारे पापों को क्षमा करें। मुझे अपनी सृष्टि के माध्यम से आपकी महानता का अनुभव करना सिखाएँ। आप मुझे जो कुछ भी देते हैं, जो कुछ भी मैं जीता हूँ और जिसका आनंद लेता हूँ, वह सब मुझे आपकी ओर ले जाता है, क्योंकि आप ही मेरे पालनहार हैं, जिस हवा में मैं साँस लेता हूँ, उससे लेकर मेरे थाली के भोजन तक, सब कुछ आपकी ही देन है। इस धरती पर रहते हुए, कृतज्ञता और खुशी से जीने के लिए आपने जो कुछ भी बनाया है, उसके लिए धन्यवाद। यीशु के नाम में, आमीन।