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यिर्मयाह 10:12 - पवित्र बाइबल

12 वह परमेश्वर एक ही है जिसने अपनी शक्ति से पृथ्वी बनाई। परमेश्वर ने अपने बुद्धि का उपयोग किया और संसार की रचना कर डाली। अपनी समझ के अनुसार परमेश्वर ने पृथ्वी के ऊपर आकाश को फैलाया।

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Hindi Holy Bible

12 उसी ने पृथ्वी को अपनी सामर्थ से बनाया, उसने जगत को अपनी बुद्धि से स्थिर किया, और आकाश को अपनी प्रवीणता से तान दिया है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

12 प्रभु परमेश्‍वर ने ही पृथ्‍वी को अपने सामर्थ्य से बनाया है; उसने ही संसार को अपनी बुद्धि से स्‍थित किया है। प्रभु परमेश्‍वर ने आकाश को अपनी समझ से फैलाया है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

12 उसी ने पृथ्वी को अपनी सामर्थ्य से बनाया, उस ने जगत को अपनी बुद्धि से स्थिर किया, और आकाश को अपनी प्रवीणता से तान दिया है।

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सरल हिन्दी बाइबल

12 याहवेह ही हैं जिन्होंने अपने सामर्थ्य से पृथ्वी की सृष्टि की; जिन्होंने विश्व को अपनी बुद्धि द्वारा प्रतिष्ठित किया है, अपनी सूझ-बूझ से उन्होंने आकाश को विस्तीर्ण कर दिया.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

12 उसी ने पृथ्वी को अपनी सामर्थ्य से बनाया, उसने जगत को अपनी बुद्धि से स्थिर किया, और आकाश को अपनी प्रवीणता से तान दिया है।

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यिर्मयाह 10:12
38 क्रॉस रेफरेंस  

केवल परमेश्वर ने आकाशों की रचना की। वह सागर की लहरों पर विचरण कर सकता है।


आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी को बनाया।


यहोवा ने धरती की नींव बुद्धि से धरी, उसने समझ से आकाश को स्थिर किया।


यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है! वही धरती के चक्र के ऊपर बैठता है! उसकी तुलना में लोग टिड्डी से लगते हैं। उसने आकाशों को किसी कपड़े के टुकड़े की भाँति खोल दिया। उसने आकाश को उसके नीचे बैठने को एक तम्बू की भाँति तान दिया।


क्योंकि जो कुछ स्वर्ग में है और धरती पर है, उसी की शक्ति से उत्पन्न हुआ है। कुछ भी चाहे दृश्यमान हो और चाहे अदृश्य, चाहे सिंहासन हो चाहे राज्य, चाहे कोई शासक हो और चाहे अधिकारी, सब कुछ उसी के द्वारा रचा गया है और उसी के लिए रचा गया है।


दुनिया की हर वस्तु उसी से उपजी। उसके बिना किसी की भी रचना नहीं हुई।


यहोवा ने इस धरती को जल पर रचा है। उसने इसको जल—धारों पर बनाया।


इस्राइल के बारे में यहोवा का दु:ख सन्देश। यहोवा ने पृथ्वी और आकाश को बनाया। उसने मनुष्य की आत्मा को रचा और यहोवा ने ये बातें कहीं,


“परमेश्वर यहोवा, तूने पृथ्वी और आकाश बनाया। तूने उन्हें अपनी महान शक्ति से बनाया। तेरे लिये कुछ भी करना अति कठिन नहीं है।


परमेश्वर कड़कती बिजली बनाता है और वह आकाश से बड़े जल की बाढ़ को गिराता है। वह पृथ्वी के हर एक स्थान पर, आकाश में मेघों को उठाता है। वह बिजली को वर्षा के साथ भेजता है। वह अपने गोदामों से पवन को निकालता है।


यहोवा कहता है, “उचित समय आने पर मैं तुम्हारी प्रार्थनाओं का उत्तर दूँगा। मैं तुमको सहारा दूँगा। मुक्ति के दिनों में मैं तुम्हारी रक्षा करूँगा और तुम इसका प्रमाण होगे कि लोगों के साथ में मेरी वाचा है। अब देश उजड़ चुका है, किन्तु तुम यह धरती इसके स्वामियों को लौटवाओगे।


मैंने स्वयं अपने हाथों से धरती की रचना की। मेरे दाहिने हाथ ने आकाश को बनाया। यदि मैं उन्हें पुकारूँ तो दोनों साथ—साथ मेरे सामने आयेंगे।


यहोवा ही परमेश्वर है। उसने आकाश रचे हैं, और उसी ने धरती बनायी है। यहोवा ही ने धरती को अपने स्थान पर स्थापित किया है। जब यहोवा ने धरती बनाई उसने ये नहीं चाहा कि धरती खाली रहे। उसने इसको रचा ताकि इसमें जीवन रहे। मैं यहोवा हूँ। मेरे सिवा कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है।


सो देख, मैंने धरती बनायी और वे सभी लोग जो इस पर रहते हैं, मेरे बनाये हुए हैं। मैंने स्वयं अपने हाथों से आकाशों की रचना की, और मैं आकाश के सितारों को आदेश देता हूँ।


जो कुछ भी तू है वह यहोवा ने तुझे बनाया। यहोवा ने यह किया जब तू अभी माता के गर्भ में ही था। यहोवा तेरा रखवाला कहता है। “मैं यहोवा ने सब कुछ बनाया! मैंने ही वहाँ आकाश ताना है, और अपने सामने धरती को बिछाया!”


सच्चे परमेश्वर यहोवा ने ये बातें कही हैं: (यहोवा ने आकाशों को बनाया है। यहोवा ने आकाश को धरती पर ताना है। धरती पर जो कुछ है वह भी उसी ने बनाया है। धरती पर सभी लोगों में वही प्राण फूँकता है। धरती पर जो भी लोग चल फिर रहे हैं, उन सब को वही जीवन प्रदान करता है।)


हे यहोवा, तूने अचरज भरे बहुतेरे काम किये। धरती तेरी वस्तुओं से भरी पड़ी है। तू जो कुछ करता है, उसमें निज विवेक दर्शाता है।


यहोवा ने आदेश दिया और सृष्टि तुरंत अस्तित्व में आई। परमेश्वर के श्वास ने धरती पर हर वस्तु रची।


स्वर्ग से कोई नहीं आया और वहाँ के रहस्य ला सका पवन को मुट्ठी में कोई नहीं बाँध सका। कोई नहीं बाँध सका पानी को कपड़े में और कोई नहीं जान सका धरती का छोर। और यदि कोई इन बातों को कर सका है, तो मुझसे कहो, उसका नाम और उसके पुत्र का नाम मुझको बता, यदि तू उसको जानता हो।


सदा सर्वदा के लिये तू ही सच्चा है। हे यहोवा, तूने धरती रची, और यह अब तक टिकी है।


उस ऊँचे पर्वत पर परमेश्वर ने अपना पवित्र मन्दिर बनाया। जैसे धरती अडिग है वैसे ही परमेश्वर ने निज पवित्र मन्दिर को सदा बने रहने दिया।


उत्तर के नभ को परमेश्वर फैलाता है। परमेश्वर ने व्योम के रिक्त पर अधर में धरती लटकायी है।


तू प्रकाश से मण्डित है जैसे कोई व्यक्ति चोंगा पहने। तूने व्योम जैसे फैलाये चंदोबा हो।


यहोवा राजा है। वह सामर्थ्य और महिमा का वस्त्र पहने है। वह तैयार है, सो संसार स्थिर है। वह नहीं टलेगा।


तब पृथ्वी पर कोई पेड़ पौधा नहीं था और खेतों में कुछ भी नहीं उग रहा था, क्योंकि यहोवा ने तब तक पृथ्वी पर वर्षा नहीं भेजी थी तथा पेड़ पौधों की देख—भाल करने वाला कोई व्यक्ति भी नहीं था।


अय्यूब, क्या तू परमेश्वर की मदद आकाश को फैलाने में और उसे झलकाये गये दर्पण की तरह चमकाने में कर सकता है?


“इस्राएल के परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा, तू राजा के समान करुब (स्वर्गदूतों) पर विराजता है। तू और बस केवल तू ही परमेश्वर है, जिसका धरती के सभी राज्यों पर शासन है। तूने स्वर्गों और धरती की रचना की है।


किन्तु याकूब का परमेश्वर उन देवमूर्तियों के समान नहीं है। परमेश्वर ने सभी वस्तुओं की सृष्टि की, और इस्राएल वह परिवार है जिसे परमेश्वर ने अपने लोग के रूप में चुना। परमेश्वर का नाम “सर्वशक्तिमान यहोवा” है।


मैंने पृथ्वी और इस पर रहने वाले सभी लोगों को बनाया। मैंने पृथ्वी के सभी जानवरों को बनाया। मैंने यह अपनी बड़ी शक्ति और शक्तिशाली भुजा से किया। मैं यह पृथ्वी किसी को भी जिसे चाहूँ दे सकता हूँ।


क्यों क्योंकि उन लोगों के सभी देवता मात्र मूर्तियाँ हैं। किन्तु यहोवा ने आकाश को बनाया।


परमेश्वर ने उफनते हुए सागर शांत किया। परमेश्वर ने जगत के सभी असंख्य लोगों को बनाया है।


विदेशी देवमूर्तियों में वर्षा लाने की शक्ति नहीं हैं, आकाश में पानी बरसाने की शक्ति नहीं है। केवल तू ही हमारी आशा है, एकमात्र तू ही है जिसने यह सब कुछ बनाया है।


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