ज़िंदगी में हमेशा खुशियाँ ही नहीं होतीं, पर इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं कि उम्मीद खत्म हो गई है। परमेश्वर का वचन हमें दुःख के उदाहरण तो दिखाता है, लेकिन साथ ही ये भी सिखाता है कि हम अपने दुःखों के बीच भी परमेश्वर की महिमा कैसे कर सकते हैं। ये भावनाएँ आपका उत्साह और जीने की इच्छा छीन सकती हैं, लेकिन परमेश्वर आपकी दुनिया को रंगों से भरना चाहता है और आपको जीने का असली मज़ा दिखाना चाहता है!
याद रखिए, आपकी ये हालत बस कुछ समय के लिए है। आज जो आपको दुखी कर रहा है, वो कल ठीक हो जाएगा और आप प्रभु का शुक्रिया अदा करेंगे! इस बीच, शैतान को अपने परम पिता से दूर मत होने दीजिये! उनसे लिपटे रहिए, उनकी शांति पाइए, उनके सामने रोइए और अपनी आत्मा में आज़ादी पाइए, क्योंकि आप अपने परमेश्वर, जो विश्वासयोग्य है और आपको थामे हुए है, के अद्भुत कार्यों के बारे में बताएँगे!
परमेश्वर नहीं चाहता कि आप दुःख में डूबे रहें, वो चाहता है कि आप उठ खड़े हों! फ़र्क तब पड़ता है जब हम दुःख को ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए एक सबक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अगर हम निराशा को अपने दिल पर हावी होने दें, तो हम आसानी से उदासी और अवसाद में फँस सकते हैं। याद रखिए: मसीह में आप सब कुछ कर सकते हैं, वो आपको बल देता है! (फिलिप्पियों 4:13)
लोगों को विपत्तियाँ आ सकती है और वे अभिमानी होना छोड़ते हैं। यहोवा उन लोगों के निकट रहता है। जिनके टूटे मन हैं उनको वह बचा लेगा।
“तुम्हारे हृदय दुःखी नहीं होने चाहिये। परमेश्वर में विश्वास रखो और मुझमें भी विश्वास बनाये रखो।
अपनी चिंताये तुम यहोवा को सौंप दो। फिर वह तुम्हारी रखवाली करेगा। यहोव सज्जन को कभी हारने नहीं देगा।
हंसी के ठहाके से शोक उत्तम है। क्योंकि जब हमारे मुख पर उदासी का वास होता है, तो हमारे हृदय शुद्ध होते है।
यदि तुम में से कोई विपत्ति में पड़ा है तो उसे प्रार्थना करनी चाहिए और यदि कोई प्रसन्न है तो उसे स्तुति-गीत गाने चाहिए।
मैं घिरा हुआ था और यहोवा को सहायता के लिये पुकारा। मैंने अपने परमेश्वर को पुकारा। परमेश्वर पवित्र निज मन्दिर में विराजा। उसने मेरी पुकार सुनी और सहायता की।
यहोवा मेरी चट्टान, मेरा गढ़, मेरा शरणस्थल है।” मेरा परमेश्वर मेरी चट्टान है। मैं तेरी शरण मे आया हूँ। उसकी शक्ति मुझको बचाती है। यहोवा ऊँचे पहाड़ों पर मेरा शरणस्थल है।
क्योंकि यहोवा ऐसे मनुष्यों की सहायता करता है जो विपति में होते हैं। यहोवा उन से घृणा नहीं करता है। यदि लोग सहायता के लिये यहोवा को पुकारे तो वह स्वयं को उनसे न छिपायेगा।
क्योंकि वह दुःख जिसे परमेश्वर देता है एक ऐसे मनफिराव को जन्म देता है जिसके लिए पछताना नहीं पड़ता और जो मुक्ति दिलाता है। किन्तु वह दुःख जो सांसारिक होता है, उससे तो बस मृत्यु जन्म लेती है।
मैं मृत्यु की अंधेरी घाटी से गुजरते भी नहीं डरुँगा, क्योंकि यहोवा तू मेरे साथ है। तेरी छड़ी, तेरा दण्ड मुझको सुख देते हैं।
हे यहोवा, मैं पीड़ित और अकेला हूँ। मेरी ओर मुड़ और मुझ पर दया दिखा।
मेरी विपतियों से मुझको मुक्त कर। मेरी समस्या सुलझाने की सहायता कर।
मेरे दु:खों के लिये रोते रोते मेरी आँखे सूज गई हैं। हे यहोवा, मैं तुझसे निरतंर प्रार्थना करता हूँ। तेरी ओर मैं अपने हाथ फैला रहा हूँ।
मुझे भरोसा है कि मरने से पहले मैं सचमुच यहोवा की धार्मिकता देखूँगा।
यहोवा से सहायता की बाट जोहते रहो! साहसी और सुदृढ़ बने रहो और यहोवा की सहायता की प्रतीक्षा करते रहो।
यहोवा क्रोधित हुआ, सो निर्णय हुआ “मृत्यु।” किन्तु उसने अपना प्रेम प्रकट किया और मुझे “जीवन” दिया। मैं रात को रोते बिलखाते सोया। अगली सुबह मैं गाता हुआ प्रसन्न था।
मैंने प्रार्थना की और तूने सहायता की! तूने मेरे रोने को नृत्य में बदल दिया। मेरे शोक वस्त्र को तूने उतार फेंका, और मुझे आनन्द में सराबोर कर दिया।
यहोवा से विनती करो, वह तुम्हारी सुनेगा। वह तुम्हें तुम्हारी सब विपत्तियों से बचा लेगा।
लोगों को विपत्तियाँ आ सकती है और वे अभिमानी होना छोड़ते हैं। यहोवा उन लोगों के निकट रहता है। जिनके टूटे मन हैं उनको वह बचा लेगा।
यहोवा, सैनिक की सावधानी से चलने में सहायता करता है। और वह उसको पतन से बचाता है।
सैनिक यदि दौड़ कर शत्रु पर प्रहार करें, तो उसके हाथ को यहोवा सहारा देता है, और उसको गिरने से बचाता है।
यहोवा को मैंने पुकारा। उसने मेरी सुनी। उसने मेरे रुदन को सुन लिया।
यहोवा, मैं तेरे भले कर्मो को बखानूँगा। उन भले कर्मो को मैं रहस्य बनाकर मन में नहीं छिपाए रखूँगा। हे यहोवा, मैं लोगों को रक्षा के लिए तुझ पर आश्रित होने को कहूँगा। मैं महासभा में तेरी करुणा और तेरी सत्यता नहीं छिपाऊँगा।
इसलिए हे यहोवा, तूअपनी दया मुझसे मत छिपा! तू अपनी करुणा और सच्चाई से मेरी रक्षा कर।
मुझको दुष्ट लोगों ने घेर लिया, वे इतने अधिक हैं कि गिने नहीं जाते। मुझे मेरे पापों ने घेर लिया है, और मैं उनसे बच कर भाग नहीं पाता हूँ। मेरे पाप मेरे सिर के बालों से अधिक हैं। मेरा साहस मुझसे खो चुका है।
हे यहोवा, मेरी ओर दौड़ और मेरी रक्षा कर! आ, देर मत कर, मुझे बचा ले!
वे दुष्ट मनुष्य मुझे मारने का जतन करते हैं। हे यहोवा, उन्हें लज्जित कर और उनको निराश कर दे। वे मनुष्य मुझे दु:ख पहुँचाना चाहते हैं। तू उन्हें अपमानित होकर भागने दे!
वे दुष्ट जन मेरी हँसी उड़ाते हैं। उन्हें इतना लज्जित कर कि वे बोल तक न पायें!
किन्तु वे मनुष्य जो तुझे खोजते हैं, आनन्दित हो। वे मनुष्य सदा यह कहते रहें, “यहोवा के गुण गाओ!” उन लोगों को तुझ ही से रक्षित होना भाता है।
हे मेरे स्वामी, मैं तो बस दीन, असहाय व्यक्ति हूँ। मेरी रक्षा कर, तू मुझको बचा ले। हे मेरे परमेश्वर, अब अधिक देर मत कर!
यहोवा ने मुझे विनाश के गर्त से उबारा। उसने मुझे दलदली गर्त से उठाया, और उसने मुझे चट्टान पर बैठाया। उसने ही मेरे कदमों को टिकाया।
यहोवा ने मेरे मुँह में एक नया गीत बसाया। परमेश्वर का एक स्तुति गीत। बहुतेरे लोग देखेंगे जो मेरे साथ घटा है। और फिर परमेश्वर की आराधना करेंगे। वे यहोवा का विश्वास करेंगे।
मैं इतना दुखी क्यों हूँ? मैं इतना व्याकुल क्यों हूँ? मुझे परमेश्वर के सहारे की बाट जोहनी चाहिए। मुझे अब भी उसकी स्तुति का अवसर मिलेगा। वह मुझे बचाएगा। हे मेरे परमेश्वर, मैं अति दुखी हूँ। इसलिए मैंने तुझे यरदन की घाटी में, हेर्मोन की पहाड़ी पर और मिसगार के पर्वत पर से पुकारा।
जब भी डरता हूँ, तो मैं तेरा ही भरोसा करता हूँ।
मैं परमेश्वर के भरोसे हूँ, सो मैं भयभीत नहीं हूँ। लोग मुझको हानि नहीं पहुँचा सकते! मैं परमेश्वर के वचनों के लिए उसकी प्रशंसा करता हूँ जो उसने मुझे दिये।
जहाँ भी मैं कितनी ही निर्बलता में होऊँ, मैं सहायता पाने को तुझको पुकारूँगा! जब मेरा मन भारी हो और बहुत दु:खी हो, तू मुझको बहुत ऊँचे सुरक्षित स्थान पर ले चल।
मैं धीरज के साथ अपने उद्धार के लिए यहोवा का बाट जोहता हूँ।
तुम बल पर भरोसा मत रखो की तुम शक्ति के साथ वस्तुओं को छीन लोगे। मत सोचो तुम्हें चोरी करने से कोई लाभ होगा। और यदि धनवान भी हो जाये तो कभी दौलत पर भरोसा मत करो, कि वह तुमको बचा लेगी।
एक बात ऐसी है जो परमेश्वर कहता है, जिसके भरोसे तुम सचमुच रह सकते हो: “शक्ति परमेश्वर से आती है!”
मेरे स्वामी, तेरा प्रेम सच्चा है। तू किसी जन को उसके उन कामों का प्रतिफल अथवा दण्ड देता है, जिन्हें वह करता है।
परमेश्वर मेरा गढ़ है। परमेश्वर मुझको बचाता है। ऊँचे पर्वत पर, परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थान है। मुझको महा सेनायें भी पराजित नहीं कर सकतीं।
यहोवा के गुण गाओ! वह प्रति दिन हमारी, हमारे संग भार उठाने में सहायता करता है। परमेश्वर हमारी रक्षा करता है!
तूने मुझे बुरे समय और कष्ट देखने दिये। किन्तु तूने ही मुझे उन सब से बचा लिया और जीवित रखा है। इसका कोई अर्थ नहीं, मैं कितना ही गहरा डूबा तूने मुझको मेरे संकटों से उबार लिया।
तू ऐसे काम करने की मुझको सहायता दे जो पहले से भी बड़े हो। मुझको सुख चैन देता रह।
चाहे मेरा मन टूट जाये और मेरी काया नष्ट हो जाये किन्तु वह चट्टान मेरे पास है, जिसे मैं प्रेम करता हूँ। परमेश्वर मेरे पास सदा है!
हे यहोवा, अपने संकट की घड़ी में मैं तेरी विनती कर रहा हूँ। मैं जानता हूँ तू मुझको उत्तर देगा।
तुम परम परमेश्वर की शरण में छिपने के लिये जा सकते हो। तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर की शरण में संरक्षण पाने को जा सकते हो।
तेरे साथ कोई भी बुरी बात नहीं घटेगी। कोई भी रोग तेरे घर में नहीं होगा।
क्योंकि परमेश्वर स्वर्गदूतों को तेरी रक्षा करने का आदेश देगा। तू जहाँ भी जाएगा वे तेरी रक्षा करेंगे।
परमेश्वर के दूत तुझको अपने हाथों पर ऊपर उठायेंगे। ताकि तेरा पैर चट्टान से न टकराए।
तुझमें वह शक्ति होगी जिससे तू सिंहों को पछाडेगा और विष नागों को कुचल देगा।
यहोवा कहता है, “यदि कोई जन मुझ में भरोसा रखता है तो मैं उसकी रक्षा करूँगा। मैं उन भक्तों को जो मेरे नाम की आराधना करते हैं, संरक्षण दूँगा।”
मेरे भक्त मुझको सहारा पाने को पुकरेंगे और मैं उनकी सुनूँगा। वे जब कष्ट में होंगे मैं उनके साथ रहूँगा। मैं उनका उद्धार करूँगा और उन्हें आदर दूँगा।
मैं अपने अनुयायियों को एक लम्बी आयु दूँगा और मैं उनकीरक्षा करूँगा।
मैं यहोवा से विनती करता हूँ, “तू मेरा सुरक्षा स्थल है मेरा गढ़, हे परमेश्वर, मैं तेरे भरोसे हूँ।”
मैं बहुत चिंतित और व्याकुल था, किन्तु यहोवा तूने मुझको चैन दिया और मुझको आनन्दित किया।
यहोवा मेरी प्रार्थना सुन! तू मेरी सहायता के लिये मेरी पुकार सुन।
क्यों क्योंकि यहोवा तू मुझसे रूठ गया है। तूने ही मुझे ऊपर उठाया था, और तूने ही मुझको फेंक दिया।
मेरे जीवन का लगभग अंत हो चुका है। वैसे ही जैसे शाम को लम्बी छायाएँ खो जाती है। मैं वैसा ही हूँ जैसे सूखी और मुरझाती घास।
किन्तु हे यहोवा, तू तो सदा ही अमर रहेगा। तेरा नाम सदा और सर्वदा बना ही रहेगा।
तेरा उत्थान होगा और तू सिय्योन को चैन देगा। वह समय आ रहा है, जब तू सिय्योन पर कृपालु होगा।
तेरे भक्त, उसके (यरूशलेम के) पत्यरों से प्रेम करते हैं। वह नगर उनको भाता है।
लोग यहोवा के नाम कि आराधना करेंगे। हे परमेश्वर, धरती के सभी राजा तेरा आदर करेंगे।
क्यों? क्योंकि यहोवा फिर से सिय्योन को बनायेगा। लोग फिर उसके (यरूशलेम के) वैभव को देखेंगे।
जिन लोगों को उसने जीवित छोड़ा है, परमेश्वर उनकी प्रार्थनाएँ सुनेगा। परमेश्वर उनकी विनतियों का उत्तर देगा।
उन बातों को लिखो ताकि भविष्य के पीढ़ी पढ़े। और वे लोग आने वाले समय में यहोवा के गुण गायेंगे।
यहोवा अपने ऊँचे पवित्र स्थान से नीचे झाँकेगा। यहोवा स्वर्ग से नीचे धरती पर झाँकेगा।
यहोवा जब मैं विपत्ति में होऊँ मुझ से मुख मत मोड़। जब मैं सहायता पाने को पुकारूँ तू मेरी सुन ले, मुझे शीघ्र उत्तर दे।
हे मेरी आत्मा, यहोवा को धन्य कह और मत भूल की वह सचमुच कृपालु है!
हे स्वर्गदूत, यहोवा के गुण गाओ। हे स्वर्गदूतों, तुम वह शक्तिशाली सैनिक हो जो परमेश्वर के आदेशों पर चलते हो। परमेश्वर की आज्ञाएँ सुनते और पालते हो।
हे सब उसके सैनिकों, यहोवा के गुण गाओ, तुम उसके सेवक हो। तुम वही करते हो जो परमेश्वर चाहता है।
हर कहीं हर वस्तु यहोवा ने रची है। परमेश्वर का शासन हर कहीं वस्तु पर है। सो हे समूची सृष्टि, यहोवा को तू धन्य कह। ओ मेरे मन यहोवा की प्रशंसा कर।
उन सब पापों के लिये परमेश्वर हमको क्षमा करता है जिनको हम करते हैं। हमारी सब व्याधि को वह ठीक करता है।
परमेश्वर हमारे प्राण को कब्र से बचाता है, और वह हमे प्रेम और करुणा देता है।
वे व्यक्ति संकट में थे, इसलिए सहारा पाने को यहोवा को पुकारा। यहोवा ने उनके संकटों से उनकी रक्षा की।
परमेश्वर ने उनको उनके अंधेरे कारागारों से उबार लिया। परमेश्वर ने वे रस्से काटे जिनसे उनको बाँधा गया था।
मैं संकट में था सो सहारा पाने को मैंने यहोवा को पुकारा। यहोवा ने मुझको उत्तर दिया और यहोवा ने मुझको मुक्त किया।
यहोवा मेरे साथ है सो मैं कभी नहीं डरूँगा। लोग मुझको हानि पहुँचाने कुछ नहीं कर सकते।
मैं ऊपर पर्वतों को देखता हूँ। किन्तु सचमुच मेरी सहायता कहाँ से आएगी
मुझको तो सहारा यहोवा से मिलेगा जो स्वर्ग और धरती का बनाने वाला है।
हे परमेश्वर, यदि मैं संकट में पडूँ तो मुझको जीवित रख। यदि मेरे शत्रु मुझ पर कभी क्रोध करे तो उन से मुझे बचा ले।
मेरे शत्रुओं ने मेरे लिये जाल बिछाया है। मेरी आशा छूट रही है किन्तु यहोवा जानता है। कि मेरे साथ क्या घट रहा है।
हे यहोवा, मुझे शीघ्र उत्तर दे। मेरा साहस छूट गया: मुझसे मुख मत मोड़। मुझको मरने मत दे और वैसा मत होने दे, जैसा कोई मरा व्यक्ति कब्र में लेटा हो।
हे यहोवा, इस भोर के फूटते ही मुझे अपना सच्चा प्रेम दिखा। मैं तेरे भरोसे हूँ। मुझको वे बाते दिखा जिनको मुझे करना चाहिये।
अपने पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रख! तू अपनी समझ पर भरोसा मत रख।
उसको तू अपने सब कामों में याद रख। वही तेरी सब राहों को सीधी करेगा।
हे यहोवा, तू हमें सच्ची शांति प्रदान करता है। तू उनको शान्ति दिया करता है, जो तेरे भरोसे हैं और तुझ पर विश्वास रखते हैं।
अत: सदैव यहोवा पर विश्वास करो। क्यों क्योंकि यहोवा याह ही तुम्हारा सदा सर्वदा के लिये शरणस्थल होगा!
लोग डरे हुए हैं और असमंजस में पड़े हैं। उन लोगों से कहो, “शक्तिशाली बनो! डरो मत!” देखो, तुम्हारा परमेश्वर आयेगा और तुम्हारे शत्रुओं को जो उन्होंने किया है, उसका दण्ड देगा। वह आयेगा और तुम्हें तुम्हारा प्रतिफल देगा और तुम्हारी रक्षा करेगा।
यहोवा शक्तिहीनों को शक्तिशाली बनने में सहायता देता है। वह ऐसे उन लोगों को जिनके पास शक्ति नहीं है, प्रेरित करता है कि वह शक्तिशाली बने।
सुनो! एक व्यक्ति का जोर से पुकारता हुआ स्वर: “यहोवा के लिये बियाबान में एक राह बनाओ! हमारे परमेश्वर के लिये बियाबान में एक रास्ता चौरस करो!
युवक थकते हैं और उन्हें विश्राम की जरुरत पड़ जाती है। यहाँ तक कि किशोर भी ठोकर खाते हैं और गिरते हैं।
किन्तु वे लोग जो यहोवा के भरोसे हैं फिर से शक्तिशाली बन जाते हैं। जैसे किसी गरुड़ के फिर से पंख उग आते हैं। ये लोग बिना विश्राम चाहे निरंतर दौड़ते रहते हैं। ये लोग बिना थके चलते रहते हैं।
तू चिंता मत कर, मैं तेरे साथ हूँ। तू भयभीत मत हो, मैं तेरा परमेश्वर हूँ। मैं तुझे सुदृढ़ करुँगा। मैं तुझे अपने नेकी के दाहिने हाथ से सहारा दूँगा।
मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ। मैंने तेरा सीधा हाथ थाम रखा है। मैं तुझ से कहता हूँ कि मत डर! मैं तुझे सहारा दूँगा।
याकूब, तुझको यहोवा ने बनाया था! इस्राएल, तेरी रचना यहोवा ने की थी और अब यहोवा का कहना है: “भयभीत मत हो! मैंने तुझे बचा लिया है। मैंने तुझे नाम दिया है। तू मेरा है।
यहोवा कहता है, “तुम ही लोग तो मेरे साक्षी हो। तू मेरा वह सेवक है जिसे मैंने चुना है। मैंने तुझे इसलिए चुना है ताकि तू समझ ले कि ‘वह मैं ही हूँ’ और मुझ में विश्वास करे। मैं सच्चा परमेश्वर हूँ। मुझसे पहले कोई परमेश्वर नहीं था और मेरे बाद भी कोई परमेश्वर नहीं होगा।
मैं स्वयं ही यहोवा हूँ। मेरे अतिरिक्त और कोई दूसरा उद्धारकर्ता नहीं है, बस केवल मैं ही हूँ।
वह मैं ही हूँ जिसने तुझसे बात की थी। तुझे मैंने बचाया है। वे बातें तुझे मैंने बतायी थीं। जो तेरे साथ था, वह कोई अनजाना देवता नहीं था। तू मेरा साक्षी है और मैं परमेश्वर हूँ।” (ये बातें स्वयं यहोवा ने कही थीं)
“मैं तो सदा से ही परमेश्वर रहा हूँ। जब मैं कुछ करता हूँ तो मेरे किये को कोई भी व्यक्ति नहीं बदल सकता और मेरी शक्ति से कोई भी व्यक्ति किसी को बचा नहीं सकता।”
इस्राएल का पवित्र यहोवा तुझे छुड़ाता है। यहोवा कहता है, “मैं तेरे लिये बाबुल में सेनाएँ भेजूँगा। सभी ताले लगे दरवाजों को मैं तोड़ दूँगा। कसदियों के विजय के नारे दु:खभरी चीखों में बदल जाएँगे।
मैं तेरा पवित्र यहोवा हूँ। इस्राएल को मैंने रचा है। मैं तेरा राजा हूँ।”
यहोवा सागर में राहें बनायेगा। यहाँ तक कि पछाड़ें खाते हुए पानी के बीच भी वह अपने लोगों के लिए राह बनायेगा। यहोवा कहता है,
“वे लोग जो अपने रथों, घोड़ों और सेनाओं को लेकर मुझसे युद्ध करेंगे, पराजित हो जायेंगे। वे फिर कभी नहीं उठ पायेंगे। वे नष्ट हो जायेंगे। वे दीये की लौ की तरह बुझ जायेंगे।
सो उन बातों को याद मत करो जो प्रारम्भ में घटी थीं। उन बातों को मत सोचो जो कभी बहुत पहले घटी थीं।
क्यों क्योंकि मैं नयी बातें करने वाला हूँ! अब एक नये वृक्ष के समान तुम्हारा विकास होगा। तुम जानते हो कि यह सत्य है। मैं मरूभूमि में सचमुच एक मार्ग बनाऊँगा। मैं सचमुच सूखी धरती पर नदियाँ बहा दूँगा।
जब तुझ पर विपत्तियाँ पड़ती हैं, मैं तेरे साथ रहता हूँ। जब तू नदी पार करेगा, तू बहेगा नहीं। तू जब आग से होकर गुज़रेगा, तो तू जलेगा नहीं। लपटें तुझे हानि नहीं पहुँचायेंगी।
हे आकाशों, हे धरती, तुम प्रसन्न हो जाओ! हे पर्वतों, आनन्द से जयकारा बोलो! क्यों क्योंकि यहोवा अपने लोगों को सुख देता है। यहोवा अपने दीन हीन लोगों के लिये बहुत दयालु है।
यहोवा अपने लोगों की रक्षा करेगा। वे सिय्योन पर्वत की ओर आनन्द मनाते हुए लौट आयेंगे। ये सभी आनन्द मग्न होंगे। सारे ही दु:ख उनसे दूर कहीं भागेंगे।
यहोवा कहता है, “तुम्हारे विचार वैसे नहीं, जैसे मेरे हैं। तुम्हारी राहें वैसी नहीं जैसी मेरी राहें हैं।
जैसे धरती से ऊँचे स्वर्ग हैं वैसे ही तुम्हारी राहों से मेरी राहें ऊँची हैं और मेरे विचार तुम्हारे विचारों से ऊँचे हैं।” ये बातें स्वयं यहोवा ने ही कहीं हैं।
वह जो ऊँचा है और जिसको ऊपर उठाया गया है, वह जो अमर है, वह जिसका नाम पवित्र है, वह यह कहता है, “एक ऊँचे और पवित्र स्थान पर रहा करता हूँ, किन्तु मैं उन लोगों के बीच भी रहता हूँ जो दु:खी और विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो हृदय से दु:खी हैं।
“किन्तु जो व्यक्ति यहोवा में विश्वास करता है, आशीर्वाद पाएगा। क्यों क्योंकि यहोवा उसको ऐसा दिखायेगा कि उन पर विश्वास किया जा सके।
वह व्यक्ति उस पेड़ की तरह शक्तिशाली होगा जो पानी के पास लगाया गया हो। उस पेड़ की लम्बी जड़ें होती हैं जो पानी पाती हैं। वह पेड़ गर्मी के दिनों से नहीं डरता इसकी पत्तियाँ सदा हरी रहती हैं। यह वर्ष के उन दिनों में परेशान नहीं होता जब वर्षा नहीं होती। उस पेड़ में सदा फल आते हैं।
मैं यह इसलिये कहता हूँ क्योंकि मैं उन अपनी योजनाओं को जानता हूँ जो तुम्हारे लिये हैं।” यह सन्देश यहोवा का है। “तुम्हारे लिये मेरी अच्छी योजनाएं हैं। मैं तुम्हें चोट पहुँचाने की योजना नहीं बना रहा हूँ। मैं तुम्हें आशा और उज्जवल भविष्य देने की योजना बना रहा हूँ।
यहोवा के प्रेम और करुणा का तो अत कभी नहीं होता। यहोवा की कृपाएं कभी समाप्त नहीं होती।
हर सुबह वे नये हो जाते हैं! हे यहोवा, तेरी सच्चाई महान है!
उस व्यक्ति को चाहिये वह याद रखे कि यहोवा किसी को भी सदा—सदा के लिये नहीं बिसराता।
यहोवा दण्ड देते हुए भी अपनी कृपा बनाये रखता है। वह अपने प्रेम और दया के कारण अपनी कृपा रखता है।
यहोवा कभी भी नहीं चाहता कि लोगों को दण्ड दे। उसे नहीं भाता कि लोगों को दु:खी करे।
जब मैंने तेरी दुहाई दी, उसी दिन तू मेरे पास आ गया था। तूने मुझ से कहा था, “भयभीत मत हो।”
हे यहोवा, मेरे अभियोग में तूने मेरा पक्ष लिया। मेरे लिये तू मेरा प्राण वापस ले आया।
“मैं खोई भेड़ की खोज करूँगा। मैं उन भेड़ों को वापस लाऊँगा जो बिखर गई थीं। मैं उन भेड़ों की पट्टी करूँगा जिन्हें चोट लगी थी। मैं कमजोर भेड़ को मजबूत बनाऊँगा। किन्तु मैं उन मोटे और शक्तिशाली गड़ेरियों को नष्ट कर दूँगा। मैं उन्हें वह दण्ड दूँगा जिसके वे पात्र हैं।”
यहोवा संकट के काल में उत्तम है। वह सुरक्षित शरण ऐसे उन लोगों का है जो उसके भरोसे हैं। वह उनकी देख रेख करता है।
अंजीर के वृक्ष चाहे अंजीर न उपजायें, अंगूर की बेलों पर चाहे अंगूर न लगें, वृक्षों के ऊपर चाहे जैतून न मिलें और चाहे ये खेत अन्न पैदा न करें, बाड़ों में चाहे एक भी भेड़ न रहे और पशुशाला पशुधन से खाली हों।
किन्तु फिर भी मैं तो यहोवा में मग्न रहूँगा। मैं अपने रक्षक परमेश्वर में आनन्द लूँगा।
यहोवा, जो मेरा स्वामी है, मुझे मेरा बल देता है। वह मुझको वेग से हिरण सा भागने में सहायता देता है। वह मुझको सुरक्षा के साथ पहाड़ों के ऊपर ले जाता है।
“मैं तुमसे कहता हूँ अपने जीने के लिये खाने-पीने की चिंता छोड़ दो। अपने शरीर के लिये वस्त्रों की चिंता छोड़ दो। निश्चय ही जीवन भोजन से और शरीर कपड़ों से अधिक महत्वपूर्ण हैं।
देखो! आकाश के पक्षी न तो बुआई करते हैं और न कटाई, न ही वे कोठारों में अनाज भरते हैं किन्तु तुम्हारा स्वर्गीय पिता उनका भी पेट भरता है। क्या तुम उनसे कहीं अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो?
तुम में से क्या कोई ऐसा है जो चिंता करके अपने जीवन काल में एक घड़ी भी और बढ़ा सकता है?
कल की चिंता मत करो, क्योंकि कल की तो अपनी और चिंताएँ होंगी। हर दिन की अपनी ही परेशानियाँ होती हैं।
“हे थके-माँदे, बोझ से दबे लोगो, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें सुख चैन दूँगा।
मेरा जुआ लो और उसे अपने ऊपर सँभालो। फिर मुझसे सीखो क्योंकि मैं सरल हूँ और मेरा मन कोमल है। तुम्हें भी अपने लिये सुख-चैन मिलेगा।
पूछा कि “क्या तू वही है ‘जो आने वाला था’ या हम किसी और आने वाले की बाट जोहें?”
क्योंकि वह जुआ जो मैं तुम्हें दे रहा हूँ बहुत सरल है। और वह बोझ जो मैं तुम पर डाल रहा हूँ, हल्का है।”
फिर उसने उनसे कहा, “मेरा मन बहुत दुःखी है, जैसे मेरे प्राण निकल जायेंगे। तुम मेरे साथ यहीं ठहरो और सावधान रहो।”
धन्य हो तुम, जो अभी भूखे रहे हो, क्योंकि तुम तृप्त होगे। धन्य हो तुम जो आज आँसू बहा रहे हो, क्योंकि तुम आगे हँसोगे।
“क्या दो पैसे की पाँच चिड़ियाएँ नहीं बिकतीं? फिर भी परमेश्वर उनमें से एक को भी नहीं भूलता।
और देखो तुम्हारे सिर का एक एक बाल तक गिना हुआ है। डरो मत तुम तो बहुत सी चिड़ियाओं से कहीं अधिक मूल्यवान हो।
“मैं तुम्हारे लिये अपनी शांति छोड़ रहा हूँ। मैं तुम्हें स्वयं अपनी शांति दे रहा हूँ पर तुम्हें इसे मैं वैसे नहीं दे रहा हूँ जैसे जगत देता है। तुम्हारा मन व्याकुल नहीं होना चाहिये और न ही उसे डरना चाहिये।
मैं तुम्हें सत्य कहता हूँ, तुम विलाप करोगे और रोओगे किन्तु यह जगत प्रसन्न होगा। तुम्हें शोक होगा किन्तु तुम्हारा शोक आनन्द में बदल जायेगा।
“मैंने ये बातें तुमसे इसलिये कहीं कि मेरे द्वारा तुम्हें शांति मिले। जगत में तुम्हें यातना मिली है किन्तु साहस रखो, मैंने जगत को जीत लिया है।”
इतना ही नहीं, हम अपनी विपत्तियों में भी आनन्द लेते हैं। क्योंकि हम जानते हैं कि विपत्ति धीरज को जन्म देती है।
और धीरज से परखा हुआ चरित्र निकलता है। परखा हुआ चरित्र आशा को जन्म देता है।
और आशा हमें निराश नहीं होने देती क्योंकि पवित्र आत्मा के द्वारा, जो हमें दिया गया है, परमेश्वर का प्रेम हमारे हृदय में उँडेल दिया गया है।
क्योंकि मेरे विचार में इस समय की हमारी यातनाएँ प्रकट होने वाली भावी महिमा के आगे कुछ भी नहीं है।
ऐसे ही जैसे हम कराहते हैं, आत्मा हमारी दुर्बलता में हमारी सहायता करने आती है क्योंकि हम नहीं जानते कि हम किसके लिये प्रार्थना करें। किन्तु आत्मा स्वयं ऐसी आहें भर कर जिनकी शब्दों में अभिव्यक्ति नहीं की जा सकती, हमारे लिए विनती करती है।
किन्तु वह अन्तर्यामी जानता है कि आत्मा की मनसा क्या है। क्योंकि परमेश्वर की इच्छा से ही वह परमेश्वर के पवित्र जनों के लिए मध्यस्थता करती है।
और हम जानते हैं कि हर परिस्थिति में वह आत्मा परमेश्वर के भक्तों के साथ मिल कर वह काम करता है जो भलाई ही लाते हैं उन सब के लिए जिन्हें उसके प्रयोजन के अनुसार ही बुलाया गया है।
तो इसे देखते हुए हम क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारे पक्ष में है तो हमारे विरोध में कौन हो सकता है?
कौन है जो हमें मसीह के प्यार से अलग करेगा? यातना या कठिनाई या अत्याचार या अकाल या नंगापन या जोख़िम या तलवार?
जैसा कि शास्त्र कहता है: “तेरे लिये (मसीह) सारे दिन हमें मौत को सौंपा जाता है। हम काटी जाने वाली भेड़ जैसे समझे जाते हैं।”
तब भी उसके द्वारा जो हमें प्रेम करता है, इन सब बातों में हम एक शानदार विजय पा रहे हैं।
क्योंकि मैं मान चुका हूँ कि न मृत्यु और न जीवन, न स्वर्गदूत और न शासन करने वाली आत्माएँ, न वर्तमान की कोई वस्तु और न भविष्य की कोई वस्तु, न आत्मिक शक्तियाँ,
न कोई हमारे ऊपर का और न हमसे नीचे का, न सृष्टि की कोई और वस्तु हमें प्रभु के उस प्रेम से, जो हमारे भीतर प्रभु यीशु मसीह के प्रति है, हमें अलग कर सकेगी।
हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमपिता परमेश्वर धन्य है। वह करुणा का स्वामी है और आनन्द का स्रोत है।
हमारी हर विपत्ति में वह हमें शांति देता है ताकि हम भी हर प्रकार की विपत्ति में पड़े लोगों को वैसे ही शांति दे सकें, जैसे परमेश्वर ने हमें दी है।
हम हर समय हर किसी प्रकार से कठिन दबावों में जीते हैं, किन्तु हम कुचले नहीं गये हैं। हम घबराये हुए हैं किन्तु निराश नहीं हैं।
हमें यातनाएँ दी जाती हैं किन्तु हम छोड़े नहीं गये हैं। हम झुका दिये गये हैं, पर नष्ट नहीं हुए हैं।
इसलिए हम निराश नहीं होते। यद्यपि हमारे भौतिक शरीर क्षीण होते जा रहे हैं, तो भी हमारी अंतरात्मा प्रतिदिन नयी से नयी होती जा रही है।
हमारा पल भर का यह छोटा-मोटा दुःख एक अनन्त अतुलनीय महिमा पैदा कर रहा है।
जो कुछ देखा जा सकता है, हमारी आँखें उस पर नहीं टिकी हैं, बल्कि अदृश्य पर टिकी हैं। क्योंकि जो देखा जा सकता है, वह विनाशी है, जबकि जिसे नहीं देखा जा सकता, वह अविनाशी है।
किन्तु दीन दुखियों को सुखी करने वाले परमेश्वर ने तितुस को यहाँ पहुँचा कर हमें सान्त्वना दी है।
मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि वह परमेश्वर जिसने तुम्हारे बीच ऐसा उत्तम कार्य प्रारम्भ किया है, वही उसे उसी दिन तक बनाए रखेगा, जब मसीह यीशु फिर आकर उसे पूरा करेगा।
किसी बात कि चिंता मत करो, बल्कि हर परिस्थिति में धन्यवाद सहित प्रार्थना और विनय के साथ अपनी याचना परमेश्वर के सामने रखते जाओ।
इसी से परमेश्वर की ओर से मिलने वाली शांति, जो समझ से परे है तुम्हारे हृदय और तुम्हारी बुद्धि को मसीह यीशु में सुरक्षित बनाये रखेगी।
वह तुम्हें अपनी महिमापूर्ण शक्ति से सुदृढ़ बनाता जाये ताकि विपत्ति के काल खुशी से महाधैर्य से तुम सब सह लो।
सदा प्रसन्न रहो।
प्रार्थना करना कभी न छोड़ो।
हर परिस्थिति में परमेश्वर का धन्यवाद करो।
किन्तु प्रभु तो विश्वासपूर्ण है। वह तुम्हारी शक्ति बढ़ाएगा और तुम्हें उस दुष्ट से बचाए रखेगा।
क्योंकि परमेश्वर ने हमें जो आत्मा दी है, वह हमें कायर नहीं बनाती बल्कि हमें प्रेम, संयम और शक्ति से भर देती है।
क्योंकि हमारे पास जो महायाजक है, वह ऐसा नहीं है जो हमारी दुर्बलताओं के साथ सहानुभूति न रख सके। उसे हर प्रकार से वैसे ही परखा गया है जैसे हमें फिर भी वह सर्वथा पाप रहित है।
तो फिर आओ, हम भरोसे के साथ अनुग्रह पाने परमेश्वर के सिंहासन की ओर बढ़ें ताकि आवश्यकता पड़ने पर हमारी सहायता के लिए हम दया और अनुग्रह को प्राप्त कर सकें।
तो आओ जिस आशा को हमने अंगीकार किया है, हम अडिग भाव से उस पर डटे रहें क्योंकि जिसने हमें वचन दिया है, वह विश्वासपूर्ण है।
सो अपने निडर विश्वास को मत त्यागो क्योंकि इसका भरपूर प्रतिफल दिया जाएगा।
तुम्हें धैर्य की आवश्यकता है ताकि तुम जब परमेश्वर की इच्छा पूरी कर चुको तो जिसका वचन उसने दिया है, उसे तुम पा सको।
अपने जीवन को धन के लालच से मुक्त रखो। जो कुछ तुम्हारे पास है, उसी में संतोष करो क्योंकि परमेश्वर ने कहा है: “मैं तुझको कभी नहीं छोड़ूँगा; मैं तुझे कभी नहीं तजूँगा।”
इसलिए हम विश्वास के साथ कहते हैं: “प्रभु मेरी सहाय करता है; मैं कभी भयभीत न बनूँगा। कोई मनुष्य मेरा क्या कर सकता है?”
हे मेरे भाईयों, जब कभी तुम तरह तरह की परीक्षाओं में पड़ो तो इसे बड़े आनन्द की बात समझो।
क्योंकि मनुष्य के क्रोध से परमेश्वर की धार्मिकता नहीं उपजती।
हर घिनौने आचरण और चारो ओर फैली दुष्टता से दूर रहो। तथा नम्रता के साथ तुम्हारे हृदयों में रोपे गए परमेश्वर के वचन को ग्रहण करो जो तुम्हारी आत्माओं को उद्धार दिला सकता है।
परमेश्वर की शिक्षा पर चलने वाले बनो, न कि केवल उसे सुनने वाले। यदि तुम केवल उसे सुनते भर हो तो तुम अपने आपको छल रहे हो।
क्योंकि यदि कोई परमेश्वर की शिक्षा को सुनता तो है और उस पर चलता नहीं है, तो वह उस पुरुष के समान ही है जो अपने भौतिक मुख को दर्पण में देखता भर है।
वह स्वयं को अच्छी तरह देखता है, पर जब वहाँ से चला जाता है तो तुरंत भूल जाता है कि वह कैसा दिख रहा था।
किन्तु जो परमेश्वर की उस सम्पूर्ण व्यवस्था को निकटता से देखता है, जिससे स्वतन्त्रता प्राप्त होती है और उसी पर आचरण भी करता रहता है, और सुन कर उसे भूले बिना अपने आचरण में उतारता रहता है, वही अपने कर्मों के लिए धन्य होगा।
यदि कोई सोचता है कि वह भक्त है और अपनी जीभ पर कस कर लगाम नहीं लगाता तो वह धोखे में है। उसकी भक्ति निरर्थक है।
परम पिता परमेश्वर के सामने सच्ची और शुद्ध भक्ति वही है जिसमें अनाथों और विधवाओं की उनके दुःख दर्द में सुधि ली जाए और स्वयं को कोई सांसारिक कलंक न लगने दिया जाए।
क्योंकि तुम यह जानते हो कि तुम्हारा विश्वास जब परीक्षा में सफल होता है तो उससे धैर्यपूर्ण सहन शक्ति उत्पन्न होती है।
और वह धैर्यपूर्ण सहन शक्ति एक ऐसी पूर्णता को जन्म देती है जिससे तुम ऐसे सिद्ध बन सकते हो जिनमें कोई कमी नहीं रह जाती है।
इस पर तुम बहुत प्रसन्न हो। यद्यपि अब तुमको थोड़े समय के लिए तरह तरह की परीक्षाओं में पड़कर दुखी होना बहुत आवश्यक है।
ताकि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास जो आग में परखे हुए सोने से भी अधिक मूल्यवान है, उसे जब यीशु मसीह प्रकट होगा तब परमेश्वर से प्रशंसा, महिमा और आदर प्राप्त हो।
किन्तु यदि तुम्हें भले के लिए दुःख उठाना ही पड़े तो तुम धन्य हो। “इसलिए उनके किसी भी भय से न तो भयभीत होवो और न ही विचलित।”
किन्तु सम्पूर्ण अनुग्रह का स्रोत परमेश्वर जिसने तुम्हें यीशु मसीह में अनन्त महिमा का सहभागी होने के लिए बुलाया है, तुम्हारे थोड़े समय यातनाएँ झेलने के बाद स्वयं ही तुम्हें फिर से स्थापित करेगा, समर्थ बनाएगा और स्थिरता प्रदान करेगा।
हे प्यारे बच्चों, तुम परमेश्वर के हो। इसलिए तुमने मसीह के शत्रुओं पर विजय पा ली है। क्योंकि वह परमेश्वर जो तुममें है, संसार में रहने वाले शैतान से महान है।
प्रेम में कोई भय नहीं होता बल्कि सम्पूर्ण प्रेम तो भय को भगा देता है। भय का संबन्ध तो दण्ड से है। सो जिसमें भय है, उसके प्रेम को अभी पूर्णता नहीं मिली है।
हम प्रेम करते हैं क्योंकि पहले परमेश्वर ने हमें प्रेम किया है।
उनकी आँख से वह हर आँसू पोंछ डालेगा। और वहाँ अब न कभी मृत्यु होगी, न शोक के कारण कोई रोना-धोना और नहीं कोई पीड़ा। क्योंकि ये सब पुरानी बातें अब समाप्त हो चुकी हैं।”