भजन संहिता 30:11 - पवित्र बाइबल11 मैंने प्रार्थना की और तूने सहायता की! तूने मेरे रोने को नृत्य में बदल दिया। मेरे शोक वस्त्र को तूने उतार फेंका, और मुझे आनन्द में सराबोर कर दिया। अध्याय देखेंHindi Holy Bible11 तू ने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला, तू ने मेरा टाट उतरवाकर मेरी कमर में आनन्द का पटुका बान्धा है; अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)11 तूने मेरे विलाप को हर्ष में बदल दिया; तूने मेरा शोक-सूचक टाट उतार कर मुझे आनन्द के वस्त्र पहनाए, अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)11 तू ने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला; तू ने मेरा टाट उतरवाकर मेरी कमर में आनन्द का पटुका बाँधा है, अध्याय देखेंनवीन हिंदी बाइबल11 तूने मेरे विलाप को नृत्य में बदल दिया है; तूने मेरा टाट उतारकर आनंद का कमरबंध बाँधा है, अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल11 आपने मेरे विलाप को उल्लास-नृत्य में बदल दिया; आपने मेरे शोक-वस्त्र टाट उतारकर मुझे हर्ष का आवरण दे दिया, अध्याय देखें |
सिय्योन के दु:खी लोगों को आदर देना (अभी तो उनके पास बस राख हैं); सिय्योन के लोगों को प्रसन्नता का स्नेह प्रदान करना; (अभी तो उनके पास बस दु:ख हैं) सिय्योन के लोगों को परमेश्वर की स्तुति के गीत प्रदान करना (अभी तो उनके पास बस उनके दर्द हैं); सिय्योन के लोगों को उत्सव के वस्त्र देना (अभी तो उनके पास बस उनके दु:ख ही हैं।) उन लोगों को ‘उत्तमता के वृक्ष’ का नाम देना; उन लोगों को यहोवा के अद्भुत वृक्ष की संज्ञा देना।”
यहोवा मुझको अति प्रसन्न करता है। मेरा सम्पूर्ण व्यक्तित्व परमेश्वर में स्थिर है और प्रसन्नता में मगन है। यहोवा ने उद्धार के वस्त्र से मुझको ढक लिया। वे वस्त्र ऐसे ही भव्य हैं जैसे भव्य वस्त्र कोई पुरूष अपने विवाह के अवसर पर पहनता है। यहोवा ने मुझे नेकी के चोगे से ढक लिया है। यह चोगा वैसा ही सुन्दर है जैसा सुन्दर किसी नारी का विवाह वस्त्र होता है।
यहूदियों को इन दिनों को पर्व के रूप में इसलिए मनाना था कि उन्हीं दिनों यहूदियों ने अपने शत्रुओं से छुटकारा पाया था। उन्हें उस महीने को इसलिए भी मनाना था कि यही वह महीना था जब उनका दु:ख उनके आनन्द में बदल गया था। वही यह महीना था जब उनका रोना—धोना एक उत्सव के दिन के रूप में बदल गया था। मोर्दकै ने सभी यहूदियों को पत्र लिखा। उसने उन लोगों से कहा कि वे उन दिनों को उत्सव के रूप में मनाएँ। यह समय एक ऐसा समय हो जब लोग आपस में एक दूसरे को उत्तम भोजन अर्पित करें तथा गरीब लोगों को उपहार दें।