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याकूब 5:13 - पवित्र बाइबल

13 यदि तुम में से कोई विपत्ति में पड़ा है तो उसे प्रार्थना करनी चाहिए और यदि कोई प्रसन्न है तो उसे स्तुति-गीत गाने चाहिए।

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Hindi Holy Bible

13 यदि तुम में कोई दुखी हो तो वह प्रार्थना करे: यदि आनन्दित हो, तो वह स्तुति के भजन गाए।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 यदि आप लोगों में से कोई कष्‍ट में हो, तो वह प्रार्थना करे। कोई प्रसन्न हो, तो भजन गाये।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 यदि तुम में कोई दु:खी है, तो वह प्रार्थना करे। यदि आनन्दित है, तो वह स्तुति के भजन गाए।

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नवीन हिंदी बाइबल

13 क्या तुममें से कोई दुःखी है? तो वह प्रार्थना करे। क्या कोई आनंदित है? तो वह भजन गाए।

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सरल हिन्दी बाइबल

13 यदि तुममें से कोई मुसीबत में है, तो वह प्रार्थना करे; यदि आनंदित है, तो वह स्तुति गीत गाए.

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याकूब 5:13
34 क्रॉस रेफरेंस  

यहोवा के गीत गाओ, यहोवा की स्तुतियाँ गाओ। उसके सभी अद्भूत कामों का गुणगान करो।


वह व्यक्ति परमेश्वर की स्तुति करेगा और परमेश्वर उसकी स्तुति का उत्तर देगा। वह फिर परमेश्वर को वैसा ही पायेगा जैसे वह उसकी उपासना करता है, और वह अति प्रसन्न होगा। क्योंकि परमेश्वर उसे निरपराध घोषित कर के पहले जैसा जीवन कर देगा।


यहोवा के लिये तुम गाओ। तुम उसके प्रशंसा गीत गाओ। उन सभी आश्चर्यपूर्ण बातों का वर्णन करो जिनको वह करता है।


मैं संकट में था सो सहारा पाने को मैंने यहोवा को पुकारा। यहोवा ने मुझको उत्तर दिया और यहोवा ने मुझको मुक्त किया।


मैं घिरा हुआ था और यहोवा को सहायता के लिये पुकारा। मैंने अपने परमेश्वर को पुकारा। परमेश्वर पवित्र निज मन्दिर में विराजा। उसने मेरी पुकार सुनी और सहायता की।


“इस्राएल के लोगों, जब तुम पर विपदा पड़े, मेरी प्रार्थना करो, मैं तुम्हें सहारा दूँगा। तब तुम मेरा मान कर सकोगे।”


मेरे भक्त मुझको सहारा पाने को पुकरेंगे और मैं उनकी सुनूँगा। वे जब कष्ट में होंगे मैं उनके साथ रहूँगा। मैं उनका उद्धार करूँगा और उन्हें आदर दूँगा।


आओ हम यहोवा के लिये धन्यवाद के गीत गाएं। आओ हम उसके प्रशंसा के गीत आनन्दपूर्वक गायें।


मेरे दासों के मन खरे हैं इसलिये वे प्रसन्न होंगे। किन्तु अरे ओ दुष्टों, तुम रोया करोगे क्योंकि तुम्हारे मनों में पीड़ा बसेगी। तुम अपने टूटे हुए मन से बहुत दु:खी रहोगे।


दाखमधु पीते हुए वे अपने देवताओं की मूर्तियों की स्तुति कर रहे थे। उन्होंने उन देवताओं की स्तुति की जो देवता सोने, चाँदी, काँसे, लोहे, लकड़ी और पत्थर के मूर्ति मात्र थे।


आओ, हम यहोवा के पास लौट आयें। उसने आघात दिये थे वही हमें चंगा करेगा। उसने हमें आघात दिये थे वही उन पर मरहम भी लगायेगा।


“मैं गहरी विपत्ति में था। मैंने यहोवा की दुहाई दी और उसने मुझको उत्तर दिया! मैं गहरी कब्र के बीच था हे यहोवा, मैंने तुझे पुकारा और तूने मेरी पुकार सुनी!


“जब मैं मूर्छित हो रहा था। तब मैंने यहोवा का स्मरण किया हे यहोवा, मैंने तुझसे विनती की और तूने मेरी प्रार्थनाएं अपने पवित्र मन्दिर में सुनी।


दूसरे देशों के सभी लोग अपने देवताओं का अनुसरण करते हैं। किन्तु हम अपने परमेश्वर यहोवा के नाम में सदा—सर्वदा जिया करेंगे!


फिर वे फ़सह का भजन गाकर जैतून पर्वत पर चले गये।


उधर यीशु बड़ी बेचैनी के साथ और अधिक तीव्रता से प्रार्थना करने लगा। उसका पसीना रक्त की बूँदों के समान धरती पर गिर रहा था।


फिर वह बोला, “यीशु जब तू अपने राज्य में आये तो मुझे याद रखना।”


तो फिर क्या करना चाहिये? मैं अपनी आत्मा से तो प्रार्थना करूँगा ही किन्तु साथ ही अपनी बुद्धि से भी प्रार्थना करूँगा। अपनी आत्मा से तो उसकी स्तुति करूँगा ही किन्तु अपनी बुद्धि से भी उसकी स्तुति करूँगा।


हे भाईयों, तो फिर क्या करना चाहिये? तुम जब इकट्ठे होते हो तो तुममें से कोई भजन, कोई उपदेश और कोई आध्यात्मिक रहस्य का उद्घाटन करता है। कोई किसी अन्य भाषा में बोलता है तो कोई उसकी व्याख्या करता है। ये सब बाते कलीसिया की आत्मिक सुदृढ़ता के लिये की जानी चाहिये।


आपस में भजनों, स्तुतियों और आध्यात्मिक गीतों का, परस्पर आदानप्रदान करते रहो। अपने मन में प्रभु के लिए गीत गाते उसकी स्तुति करते रहो।


यीशु ने इस धरती पर के जीवनकाल में जो उसे मृत्यु से बचा सकता था, ऊँचे स्वर में पुकारते हुए और रोते हुए उससे प्रार्थनाएँ तथा विनतियाँ की थीं और आदरपूर्ण समर्पण के कारण उसकी सुनी गयी।


हे भाईयों, उन भविष्यवक्ताओं को याद रखो जिन्होंने प्रभु के लिए बोला। वे हमारे लिए यातनाएँ झेलने और धैर्यपूर्ण सहनशीलता के उदाहरण हैं।


वे लोग सिंहासन, चारों प्राणियों तथा प्राचीनों के सामने एक नया गीत गा रहे थे। जिन एक लाख चवालीस हज़ार लोगों को धरती पर फिरौती देकर बन्धन से छुड़ा लिया गया था उन्हें छोड़ अन्य कोई भी व्यक्ति उस गीत को नहीं सीख सकता था।


वे पुकार रहे थे, “सिंहासन पर विराजमान हमारे परमेश्वर की जय हो और मेमने की जय हो।”


हमारे पर का पालन करें:

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