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सभोपदेशक 6:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जो कुछ भी मनुष्‍य हो, उसे उसका नाम आदि में ही दे दिया गया था : मनुष्‍य के विषय में यह प्रकट कर दिया गया था कि वह केवल मिट्टी है। अत: वह अपने से अधिक बलवान व्यक्‍ति से लड़ नहीं सकता।

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पवित्र बाइबल

जो कुछ घट रहा है उसकी योजना बहुत पहले बन चुकी होती है। एक व्यक्ति बस वैसा ही होता है कि जैसा होने के लिए उसे बनाया गया है। हर कोई जानता है लोग कैसे होते हैं। सो इस विषय में परमेश्वर से तर्क करना बेकार है क्योंकि परमेश्वर किसी भी व्यक्ति से अधिक शक्तिशाली है।

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Hindi Holy Bible

जो कुछ हुआ है उसका नाम युग के आरम्भ से रखा गया है, और यह प्रगट है कि वह आदमी है, कि वह उस से जो उस से अधिक शक्तिमान है झगड़ा नहीं कर सकता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जो कुछ हुआ है उसका नाम युग के आरम्भ से रखा गया है, और यह प्रगट है कि वह आदमी है, कि वह उससे जो उससे अधिक शक्‍तिमान है झगड़ा नहीं कर सकता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

जो अस्तित्व में है उसे पहले ही एक नाम दिया जा चुका है, और यह भी ज्ञात है कि मनुष्य क्या है; परंतु वह उससे नहीं लड़ सकता जो उससे अधिक बलवान है।

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सरल हिन्दी बाइबल

जो हो चुका है उसका नाम भी रखा जा चुका है, और यह भी मालूम हो चुका है कि मनुष्य क्या है? मनुष्य उस व्यक्ति पर हावी नहीं हो सकता जो उससे बलवान है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जो कुछ हुआ है उसका नाम युग के आरम्भ से रखा गया है, और यह प्रगट है कि वह आदमी है, कि वह उससे जो उससे अधिक शक्तिमान है झगड़ा नहीं कर सकता है।

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सभोपदेशक 6:10
18 क्रॉस रेफरेंस  

परन्‍तु प्रभु परमेश्‍वर ने मनुष्‍य को पुकारा, ‘तू कहाँ है?’


तुम उसके विरुद्ध यह क्‍यों कहते हो कि वह तुम्‍हारी किसी भी बात का उत्तर नहीं देता?


‘जो व्यक्‍ति दूसरों के दोष ढूंढ़ता है, क्‍या वह मुझ-सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर का सामना कर सकता है? जो मुझसे वाद-विवाद करता है, वह मेरे प्रश्‍न का उत्तर दे।’


तू तो मेरे समान मनुष्‍य नहीं है, अन्‍यथा मैं तुझसे बहस करता, और हम-दोनों न्‍याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाते!


मनुष्‍य की आयु घास के समान है; वह मैदान के फूल के सदृश खिलता है;


निस्‍सन्‍देह मनुष्‍य छाया जैसा चलता-फिरता प्राणी है। निस्‍सन्‍देह वह व्‍यर्थ ही उत्तोजित है; मनुष्‍य धन का ढेर तो लगाता है, पर नहीं जानता कि कौन उसे भोगेगा।


प्रभु के विरुद्ध मनुष्‍य की न बुद्धि, न समझ और न सम्‍मति टिक पाती है।


जो है, वह हो चुका है, और जो होनेवाला है, वह भी हो चुका है। परमेश्‍वर उसको ढूंढ़ता है, जो हांक दिया गया है।


जीवन के विषय में जितना विचार करो, उतना ही वह निस्‍सार लगता है, तो ऐसे जीवन से मनुष्‍य को क्‍या लाभ?


देखो, जैसे सिंह यर्दन के जंगल से निकलता, तथा मजबूत भेड़शाला पर टूट पड़ता और भेड़ों को तितर-बितर कर देता है, वैसे ही मैं एदोम के निवासियों को एदोम देश से अचानक भगा दूंगा। तब जिसको मैं चुनूंगा, उस को उन पर नियुक्‍त करूंगा। ‘मेरे समान ईश्‍वर कौन है? कौन मेरे निर्णय को चुनौती दे सकता है? कौन राजा − अपनी प्रजा का चरवाहा − मेरे सम्‍मुख खड़ा हो सकता है?


क्‍या हम प्रभु को चुनौती देना चाहते हैं? क्‍या हम उससे अधिक बलवान हैं?