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सभोपदेशक 6:10 - पवित्र बाइबल

10-11 जो कुछ घट रहा है उसकी योजना बहुत पहले बन चुकी होती है। एक व्यक्ति बस वैसा ही होता है कि जैसा होने के लिए उसे बनाया गया है। हर कोई जानता है लोग कैसे होते हैं। सो इस विषय में परमेश्वर से तर्क करना बेकार है क्योंकि परमेश्वर किसी भी व्यक्ति से अधिक शक्तिशाली है।

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Hindi Holy Bible

10 जो कुछ हुआ है उसका नाम युग के आरम्भ से रखा गया है, और यह प्रगट है कि वह आदमी है, कि वह उस से जो उस से अधिक शक्तिमान है झगड़ा नहीं कर सकता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

10 जो कुछ भी मनुष्‍य हो, उसे उसका नाम आदि में ही दे दिया गया था : मनुष्‍य के विषय में यह प्रकट कर दिया गया था कि वह केवल मिट्टी है। अत: वह अपने से अधिक बलवान व्यक्‍ति से लड़ नहीं सकता।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

10 जो कुछ हुआ है उसका नाम युग के आरम्भ से रखा गया है, और यह प्रगट है कि वह आदमी है, कि वह उससे जो उससे अधिक शक्‍तिमान है झगड़ा नहीं कर सकता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

10 जो अस्तित्व में है उसे पहले ही एक नाम दिया जा चुका है, और यह भी ज्ञात है कि मनुष्य क्या है; परंतु वह उससे नहीं लड़ सकता जो उससे अधिक बलवान है।

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सरल हिन्दी बाइबल

10 जो हो चुका है उसका नाम भी रखा जा चुका है, और यह भी मालूम हो चुका है कि मनुष्य क्या है? मनुष्य उस व्यक्ति पर हावी नहीं हो सकता जो उससे बलवान है.

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सभोपदेशक 6:10
18 क्रॉस रेफरेंस  

यहोवा परमेश्वर ने पुकार कर पुरुष से पूछा, “तुम कहाँ हो?”


अय्यूब, तू क्यों शिकायत करता है और क्यों परमेश्वर से बहस करता है? तू क्यों शिकायत करता है कि परमेश्वर तुझे हर उस बात के विषय में जो वह करता है स्पष्ट क्यों नहीं बताता है?


“अय्यूब तूने सर्वशक्तिमान परमेश्वर से तर्क किया। तूने बुरे काम करने का मुझे दोषी ठहराया। अब तू मुझको उत्तर दे।”


परमेश्वर, मुझ जैसा मनुष्य नहीं है। इसलिए उसको मैं उत्तर नहीं दे सकता। हम दोनों न्यायालय में एक दूसरे से मिल नहीं सकते।


परमेश्वर जानता है कि हमारा जीवन छोटा सा है। वह जानता है हमारा जीवन घास जैसा है।


वह जीवन जिसको हम लोग जीते हैं, वह झूठी छाया भर होता है। जीवन की सारी भाग दौड़ निरर्थक होती है। हम तो बस व्यर्थ ही चिन्ताएँ पालते हैं। धन दौलत, वस्तुएँ हम जोड़ते रहते हैं, किन्तु नहीं जानते उन्हें कौन भोगेगा।


यदि यहोवा न चाहें तो, न ही कोई बुद्धि और न ही कोई अर्न्तदृष्टि, न ही कोई योजना पूरी हो सकती है।


जो अब हो रहा है पहले भी हो चुका हैं। जो कुछ भविष्य में होगा वह पहले भी हुआ था। परमेश्वर घटनाओं को बार—बार घटित करता है।


“कभी यरदन नदी के समीप की घनी झाड़ियों से एक सिंह निकलेगा और वह सिंह उन खेतों में जाएगा जहाँ लोग अपनी भेड़ें और अपने पशु रखते हैं। मैं उस सिंह के समान हूँ। मैं एदोम जाऊँगा और मैं उन लोगों को आतंकित करूँगा। मैं उन्हें भगाऊँगा। उनका कोई युवक मुझको नहीं रोकेगा। कोई भी मेरे समान नहीं है। कोई भी मुझको चुनौती नहीं देगा। उनके गडेरियों (प्रमुखों) में से कोई भी हमारे विरुद्ध खड़ा नहीं होगा।”


क्या हम प्रभु को चिढ़ाना चाहते हैं? क्या जितना शक्तिशाली वह है, हम उससे अधिक शक्तिशाली हैं?


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