नहूम 1:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु भला है। वह संकट-काल में आश्रय-स्थल है। वह अपने शरणागत को जानता है। पवित्र बाइबल यहोवा संकट के काल में उत्तम है। वह सुरक्षित शरण ऐसे उन लोगों का है जो उसके भरोसे हैं। वह उनकी देख रेख करता है। Hindi Holy Bible यहोवा भला है; संकट के दिन में वह दृढ़ गढ़ ठहरता है, और अपने शरणागतों की सुधी रखता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यहोवा भला है; संकट के दिन में वह दृढ़ गढ़ ठहरता है, और अपने शरणागतों की सुधि रखता है। सरल हिन्दी बाइबल याहवेह भले हैं, और संकट के समय दृढ़ गढ़ ठहरते हैं. वे उनका ध्यान रखते हैं जो उन पर भरोसा रखते हैं, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यहोवा भला है; संकट के दिन में वह दृढ़ गढ़ ठहरता है, और अपने शरणागतों की सुधि रखता है। |
परन्तु हगारई आदि सेनाओं को इस्राएली सैनिकों के विरुद्ध सहायता प्राप्त हुई। तब इस्राएली सैनिकों ने परमेश्वर से प्रार्थना की। परमेश्वर ने उनकी विनती को सुना; क्योंकि उन्होंने परमेश्वर पर भरोसा किया था। अत: उसने हगारई सेना तथा उसके पक्ष की अन्य जातियों की सेनाओं को जो उसके साथ थीं, इस्राएलियों के हाथ में सौंप दिया।
उस समय इस्राएली दब गए, और यहूदा प्रदेश के सैनिक प्रबल हो गए; क्योंकि उन्होंने अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्वर पर भरोसा किया था।
क्या हिजकियाह तुम्हें नहीं बहका रहा है? वह तुमसे कहता है, “हमारा प्रभु परमेश्वर हमें असीरिया के राजा के पंजे से छुड़ाएगा!” यह कहकर वह तुम्हें अकाल के मुंह में डाल रहा है। तुम प्यास से मर जाओगे।
प्रभु ने उनकी प्रार्थना सुनी, और अपने दूत को भेजा। दूत ने असीरिया के राजा के शिविर में उसके शक्तिशाली योद्धाओं, सेनापतियों और उच्चाधिकारियों का वध कर दिया। अत: वह पराजय की लज्जा में डूबा हुआ अपने देश को लौट गया। एक दिन जब वह अपने इष्ट देवता के मन्दिर में पूजा कर रहा था, तब उसके पुत्रों ने ही तलवार से उसकी हत्या कर दी।
असीरिया के राजा का सामर्थ्य मानवीय है, किन्तु हमारे साथ है स्वयं हमारा प्रभु परमेश्वर! वह हमारी सहायता करेगा; वह हमारी ओर से युद्ध करेगा!’ राजा हिजकियाह की ये बातें सुनकर लोगों में आत्मविश्वास जागा।
उन्होंने उत्तर-प्रत्युत्तर की पद्धति पर प्रभु को धन्यवाद देते हुए उसकी स्तुति में यह गीत गाया : ‘प्रभु भला है; वह इस्राएल पर सदा करुणा करता है।’ इन शब्दों में उन्होंने प्रभु की स्तुति की। उसी समय प्रभु के भवन की नींव डाली गई। तब उपस्थित लोगों ने उच्च-स्वर में जय-जयकार किया।
प्रभु संकट के दिन मुझे अपने मंडप में छिपा लेगा; वह अपने शिविर के भीतर मुझे आश्रय देगा; वह मुझे चट्टान पर ऊंचा उठाएगा।
प्रभु धार्मिक मनुष्यों की सहायता करता और उन्हें मुक्त करता है; वह दुर्जनों से उन्हें छुड़ाकर उनकी रक्षा करता है; क्योंकि वे उसकी शरण में आते हैं।
मैं तेरे सामर्थ्य के गीत गाऊंगा; प्रात: मैं तेरी करुणा का जयजयकार करूंगा, क्योंकि तू मेरे लिए सुदृढ़ गढ़ था; मेरे संकट के लिए तू शरण-स्थल था।
मेरे लिए आश्रय की चट्टान बन, और मुझे बचाने के लिए एक दृढ़ गढ़। क्योंकि प्रभु, तू ही मेरी चट्टान और मेरा गढ़ है।
प्रभु, तेरे नाम को जानने वाले तुझ पर भरोसा करते हैं; क्योंकि तू उन लोगों को नहीं छोड़ता है, जो तुझको खोजते हैं।
जब वह मुझे पुकारेगा, मैं उसे उत्तर दूंगा; संकट में मैं उसके साथ रहूंगा; मैं उसे मुक्त करूंगा और उसे महिमान्वित करूंगा।
प्रभु का नाम मानो मजबूत किला है, जिसमें धार्मिक मनुष्य भागकर शरण लेते हैं और सुरक्षित रहते हैं।
तू गरीबों का सुदृढ़ आश्रय रहा है; तू संकट में पड़े निर्धन का सहारा रहा है। तू तूफान से रक्षा करनेवाला शरण-स्थल, ग्रीष्म-ताप से बचानेवाली शीतल छाया है। निर्दयी जन का फूत्कार उस तूफान के झोंके-सा है, जो दीवार से टकराता है;
राजा और प्रशासक जनता के लिए मानो आंधी से छिपने का आश्रय-स्थल तूफान से बचने का आड़-स्थल होंगे। वे मानो निर्जल प्रदेश में जल के झरने उत्तप्त भूमि में विशाल चट्टान की छाया होंगे।
तुममें कौन ऐसा व्यक्ति है, जो प्रभु की श्रद्धा-भक्ति करता है, जो प्रभु के सेवक के वचन का पालन करता है, जिसके साथ दीपक का प्रकाश नहीं है, और अन्धकार में चलता है, वह प्रभु के नाम पर भरोसा करे, वह परमेश्वर का सहारा ले!
हे प्रभु, तू ही मेरा बल और मेरा गढ़ है; संकट के समय मैं तेरी ही शरण में आता हूं। प्रभु, विश्व के कोने-कोने से, सब राष्ट्रों के लोग तेरे सम्मुख आएंगे, और यह कहेंगे : ‘निस्सन्देह, हमारे पूर्वजों को पैतृक अधिकार में असत्य के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला; उन्हें निस्सार वस्तुएं प्राप्त हुई जो मनुष्य को लाभ नहीं पहुंचातीं।
इस्राएल का प्रभु परमेश्वर यों कहता है, ‘इन अच्छे अंजीर फलों के सदृश मैं यहूदा प्रदेश से निष्कासित लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करूंगा। यद्यपि मैंने उनको इस देश से निकाल कर कसदी जाति के देश में भेज दिया है,
वहां आनन्द-उल्लास का स्वर फिर सुनाई देगा, दूल्हा-दुल्हिन के हास-परिहास की आवाज सुनाई देगी। जब आराधक प्रभु के भवन में स्तुति-बलि चढ़ाने के लिए आएंगे तब वे आनन्द से यह गीत गाएंगे: “स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु को धन्यवाद दो, क्योंकि प्रभु भला है, उसकी करुणा सदा बनी रहती है।” मैं-प्रभु कहता हूं : मैं पहले के समान इस देश की दशा समृद्ध कर दूंगा।’
नबूकदनेस्सर ने कहा, ‘धन्य है शद्रक, मेशक और अबेदनगो का परमेश्वर, जिसने दूत भेजकर अपने विश्वस्त सेवकों को बचाया, जिन्होंने मेरी राजाज्ञा की उपेक्षा की, और अपना शरीर आग को अर्पण कर दिया कि वे किसी अन्य देवता की आराधना न कर केवल अपने ही परमेश्वर की आराधना करें।
यह सुनकर सम्राट दारा बहुत प्रसन्न हुआ। उसने दानिएल को मांद से बाहर निकालने का आदेश दिया। सम्राट के कर्मचारियों ने दानिएल को मांद से बाहर निकाला। दानिएल के शरीर पर खरोंच भी नहीं लगी थी; क्योंकि वह अपने परमेश्वर पर भरोसा करते थे।
प्रभु सियोन पर्वत से हुंकार रहा है, वह यरूशलेम नगर से गरज रहा है। आकाश और पृथ्वी कांप उठे। प्रभु अपने निज लोगों का शरण-स्थल है। इस्राएली कौम का वह गढ़ है।
मैं तेरे मध्य में विनम्र और विनीत लोगों का एक समूह छोड़ूंगा। वे मुझ-प्रभु के नाम का आश्रय खोजेंगे।
यह परमेश्वर पर निर्भर रहा। यदि परमेश्वर इससे प्रसन्न है, तो अब इसे छुड़ाये; क्योंकि इसने कहा था, ‘मैं परमेश्वर का पुत्र हूँ।’ ”
तब मैं उन्हें साफ-साफ बता दूँगा, ‘मैंने तुम लोगों को कभी नहीं जाना। कुकर्मियो! मुझ से दूर हटो।’
“अच्छा चरवाहा मैं हूँ। जिस तरह पिता मुझे जानता है और मैं पिता को जानता हूँ, उसी तरह मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँ और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं। मैं भेड़ों के लिए अपना प्राण अर्पित करता हूँ।
परमेश्वर की दयालुता और कठोरता, दोनों पर विचार करो: पतित लोगों के प्रति उसकी कठोरता है और तुम्हारे प्रति उसकी ईश्वरीय दयालुता। शर्त यह है कि तुम उसकी दयालुता के योग्य बने रहो। नहीं तो तुम भी काट कर अलग कर दिये जाओगे।
किन्तु अब आप परमेश्वर को पहचान चुके हैं या यों कहें कि परमेश्वर ने आप को अपना लिया है, तो आप कैसे फिर उन अशक्त एवं असार तत्वों की शरण ले सकते हैं? क्या आप एक बार फिर उनकी दासता स्वीकार करना चाहते हैं?
किन्तु परमेश्वर ने जो पक्की नींव डाली है, वह सुदृढ़ है और उस में ये शब्द अंकित हैं, “प्रभु उन लोगों को जानता है, जो उसके अपने हैं” और “जो प्रभु का नाम लेता है, वह अधर्म से दूर रहे।”