23 यह सुनकर सम्राट दारा बहुत प्रसन्न हुआ। उसने दानिएल को मांद से बाहर निकालने का आदेश दिया। सम्राट के कर्मचारियों ने दानिएल को मांद से बाहर निकाला। दानिएल के शरीर पर खरोंच भी नहीं लगी थी; क्योंकि वह अपने परमेश्वर पर भरोसा करते थे।
23 राजा दारा बहुत प्रसन्न था। राजा ने अपने सेवकों को आदेश दिया कि वे दानिय्येल को शेरों की माँद से बाहर खींच लें। जब दानिय्येल को शेरों की माँद से बाहर लाया गया तो उन्हें उस पर कहीं कोई घाव नहीं दिखाई दिया। शेरों ने दानिय्येल को कोई हानि नहीं पहुँचाई थी क्योंकि दानिय्येल को अपने परमेश्वर पर विश्वास था।
23 तब राजा ने बहुत आनन्दित हो कर, दानिय्येल को गड़हे में से निकालने की आज्ञा दी। सो दानिय्येल गड़हे में से निकाला गया, और उस पर हानि का कोई चिन्ह न पाया गया, क्योंकि वह अपने परमेश्वर पर विश्वास रखता था।
23 तब राजा ने बहुत आनन्दित होकर, दानिय्येल को गड़हे में से निकालने की आज्ञा दी। अत: दानिय्येल गड़हे में से निकाला गया, और उस पर हानि का कोई चिह्न न पाया गया, क्योंकि वह अपने परमेश्वर पर विश्वास रखता था।
23 तब राजा अति आनंदित हुआ और उसने आज्ञा दी कि दानिएल को मांद से बाहर निकाला जाए. और जब दानिएल को मांद से ऊपर खींचकर बाहर निकाला गया, तो उसमें किसी भी प्रकार का चोट का निशान नहीं पाया गया, क्योंकि उसने अपने परमेश्वर पर भरोसा रखा था.
23 तब राजा ने बहुत आनन्दित होकर, दानिय्येल को माँद में से निकालने की आज्ञा दी। अतः दानिय्येल माँद में से निकाला गया, और उस पर हानि का कोई चिन्ह न पाया गया, क्योंकि वह अपने परमेश्वर पर विश्वास रखता था।
परन्तु हगारई आदि सेनाओं को इस्राएली सैनिकों के विरुद्ध सहायता प्राप्त हुई। तब इस्राएली सैनिकों ने परमेश्वर से प्रार्थना की। परमेश्वर ने उनकी विनती को सुना; क्योंकि उन्होंने परमेश्वर पर भरोसा किया था। अत: उसने हगारई सेना तथा उसके पक्ष की अन्य जातियों की सेनाओं को जो उसके साथ थीं, इस्राएलियों के हाथ में सौंप दिया।
राजा ने कहा, ‘किन्तु मैं चार व्यक्तियों को आग के ऊपर चलते-फिरते देख रहा हूं। वे बन्धन-मुक्त हैं। उनका शरीर तनिक भी झुलसा नहीं है। चौथे व्यक्ति का रूप ईश-पुत्र के सदृश है।’
तत्पश्चात् सम्राट दारा अपने महल में चला गया। उसने उस रात भोजन नहीं किया। उसने अपने मनोरंजन करनेवालों को मना कर दिया; अत: उस रात में उसके पास कोई नहीं आया। उसकी आंखों से नींद उड़ गई।
दूसरे दिन सबेरे यहोशाफट के सैनिक उठे, और वे तकोअ के निर्जन प्रदेश की ओर गए। वे प्रस्थान कर ही रहे थे कि यहोशाफट उनके मध्य में खड़ा हुआ, और उसने उनसे कहा, ‘ओ यहूदा प्रदेश के निवासियो, ओ यरूशलेम के रहने वालो, मेरी बात सुनो: अपने प्रभु परमेश्वर पर विश्वास करो, तब तुम दृढ़ रह सकोगे; प्रभु के नबियों पर भरोसा रखो, तब तुम सफल होगे।’
ये बातें सुनकर सम्राट दारा को बड़ा दु:ख हुआ। वह दानिएल को बचाने के लिए उपाय सोचने लगा। वह सबेरे से शाम तक दानिएल की रक्षा के लिए मन ही मन प्रयत्न करता रहा।
जब हीराम ने सुलेमान के ये शब्द सुने तब वह अत्यन्त आनन्दित हुआ। उसने कहा, ‘धन्य है प्रभु, आज जिसने इस महान राष्ट्र पर शासन करने के लिए दाऊद को ऐसा बुद्धिमान पुत्र प्रदान किया।’
यदि हमारे साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा, तो हम जिस परमेश्वर की सेवा-आराधना करते हैं, वह हमें धधकती हुइ अग्नि की भट्ठी में से भी छुड़ा लेगा। महाराज, वह हमें आपके हाथ से भी छुड़ा सकता है।