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भजन संहिता 37:39 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

39 धार्मिक मनुष्‍यों का उद्धार प्रभु से है; वह संकटकाल में उनका सुदृढ़ गढ़ है।

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पवित्र बाइबल

39 यहोवा नेक मनुष्यों की रक्षा करता है। सज्जनों पर जब विपत्ति पड़ती है तब यहोवा उनकी शक्ति बन जाता है।

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Hindi Holy Bible

39 धर्मियों की मुक्ति यहोवा की ओर से होती है; संकट के समय वह उनका दृढ़ गढ़ है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

39 धर्मियों की मुक्‍ति यहोवा की ओर से होती है; संकट के समय वह उनका दृढ़ गढ़ है।

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नवीन हिंदी बाइबल

39 धर्मियों का उद्धार तो यहोवा से होता है; संकट के समय वह उनका दृढ़ गढ़ है।

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सरल हिन्दी बाइबल

39 याहवेह धर्मियों के उद्धार का उगम स्थान हैं; वही विपत्ति के अवसर पर उनके आश्रय होते हैं.

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भजन संहिता 37:39
20 क्रॉस रेफरेंस  

परन्‍तु हगारई आदि सेनाओं को इस्राएली सैनिकों के विरुद्ध सहायता प्राप्‍त हुई। तब इस्राएली सैनिकों ने परमेश्‍वर से प्रार्थना की। परमेश्‍वर ने उनकी विनती को सुना; क्‍योंकि उन्‍होंने परमेश्‍वर पर भरोसा किया था। अत: उसने हगारई सेना तथा उसके पक्ष की अन्‍य जातियों की सेनाओं को जो उसके साथ थीं, इस्राएलियों के हाथ में सौंप दिया।


इस प्रकार प्रभु ने हिजकियाह और यरूशलेम के निवासियों को असीरिया के राजा सनहेरिब के पंजे से तथा इस्राएलियों के सब शत्रुओं के हाथ से बचाया, और उनको चारों ओर शान्‍ति प्रदान की।


प्रभु मेरी शक्‍ति और ढाल है। उस पर ही मैं भरोसा करता हूँ। अत: मुझे सहायता मिली है। मेरा हृदय हर्षित होता है; और मैं अपने गीतों द्वारा उसकी स्‍तुति करता हूँ।


उद्धार प्रभु से है : प्रभु, तू अपने निज लोगों को आशिष दे! सेलाह


वह उसकी समस्‍त अस्‍थियों को सुरक्षित रखता है; उनमें से एक भी नहीं टूटेगी।


परमेश्‍वर हमारा गढ़ और शक्‍ति है; वह संकट में उपलब्‍ध महा सहायक है।


इसलिए हम नहीं डरेंगे, चाहे पृथ्‍वी उलट जाए- चाहे पर्वत सागर के पेट में डूब जाएं;


वही मेरा चट्टान और मेरा उद्धार है, वह मेरा गढ़ है, मैं अधिक नहीं हिलूंगा।


प्रभु, तेरे नाम को जानने वाले तुझ पर भरोसा करते हैं; क्‍योंकि तू उन लोगों को नहीं छोड़ता है, जो तुझको खोजते हैं।


प्रभु उत्‍पीड़ित व्यक्‍ति के लिए गढ़ है; वह संकट में शरण-स्‍थल है।


जब वह मुझे पुकारेगा, मैं उसे उत्तर दूंगा; संकट में मैं उसके साथ रहूंगा; मैं उसे मुक्‍त करूंगा और उसे महिमान्‍वित करूंगा।


धार्मिक मनुष्‍य संकट से मुक्‍त होता है, परन्‍तु दुर्जन उसमें फंस जाता है।


“देखो, प्रभु परमेश्‍वर ही मेरा उद्धारकर्ता है; मुझे उसपर पूर्ण भरोसा है, मैं डरूंगा नहीं; क्‍योंकि प्रभु ही मेरा बल, और मेरी रक्षा है। वह मेरा उद्धारकर्ता बन गया है।”


हे प्रभु, हम पर कृपा कर, हम तेरी प्रतीक्षा करते हैं। रोज सबेरे तू हमारा सम्‍बल बन और संकट के दिन हमारा उद्धारकर्ता!


मैं तुझ को इन लोगों के लिए एक किलाबन्‍द नगर, एक कांस्‍य दीवार बना दूंगा। वे तुझसे लड़ेंगे, पर तुझको पराजित न कर पाएंगे। क्‍योंकि मैं तुझ को बचाने के लिए तुझ को उनके हाथ से छुड़ाने के लिए, तेरे साथ हूं, ‘यह प्रभु की वाणी है,


यदि हमारे साथ ऐसा व्‍यवहार किया जाएगा, तो हम जिस परमेश्‍वर की सेवा-आराधना करते हैं, वह हमें धधकती हुइ अग्‍नि की भट्ठी में से भी छुड़ा लेगा। महाराज, वह हमें आपके हाथ से भी छुड़ा सकता है।


पर मैं धन्‍यवाद-रूपी स्‍तुति-बलि तुझे अर्पित करूंगा। जो मन्नत मैंने मानी है, उसको पूरा करूंगा। निस्‍सन्‍देह प्रभु ही उद्धार करता है।’


परमेश्‍वर की कृपा ने विश्‍वास द्वारा आप लोगों का उद्धार किया है। यह आपके किसी पुण्‍य का फल नहीं है। यह तो परमेश्‍वर का वरदान है।


आप परमेश्‍वर की महिमामय शक्‍ति से अत्‍यधिक बल पा कर सदा दृढ़ बने रहेंगे, सब कुछ आनन्‍द के साथ सह सकेंगे


परन्‍तु प्रभु ने मेरी सहायता की और मुझे बल प्रदान किया, जिससे मैं शुभ संदेश पूर्ण रूप से सुना सकूँ और सभी जातियां उसे सुन सकें। मैं सिंह के मुँह से बच निकला।


हमारे पर का पालन करें:

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