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भजन संहिता 46:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 इसलिए हम नहीं डरेंगे, चाहे पृथ्‍वी उलट जाए- चाहे पर्वत सागर के पेट में डूब जाएं;

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पवित्र बाइबल

2 इसलिए जब धरती काँपती है और जब पर्वत समुद्र में गिरने लगता है, हमको भय नही लगता।

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Hindi Holy Bible

2 इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं;

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएँ;

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नवीन हिंदी बाइबल

2 इसलिए हम नहीं डरेंगे, चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पर्वत समुद्र के बीच जा गिरें;

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सरल हिन्दी बाइबल

2 तब हम भयभीत न होंगे, चाहे पृथ्वी विस्थापित हो जाए, चाहे पर्वत महासागर के गर्भ में जा पड़ें,

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भजन संहिता 46:2
22 क्रॉस रेफरेंस  

वह मेरा परमेश्‍वर, मेरी चट्टान है; मैं उसकी शरण में आता हूँ। वह मेरी ढाल, मेरा शक्‍तिशाली उद्धारकर्ता, मेरा गढ़, मेरा आश्रय-स्‍थल है। प्रभु, हिंसा से तू मुझे बचाता है।


मेरी पुकार पर ध्‍यान दे; क्‍योंकि मेरी बहुत दुर्दशा की गई है! मेरा पीछा करनेवालों से मुझे छुड़ा; वे मुझसे अधिक बलवान हैं।


तब धरती में कंपन हुआ, और वह डोल उठी; पर्वतों की नींव कंपित होकर हिल गई; क्‍योंकि प्रभु अति क्रुद्ध था।


यद्यपि मैं घोर अंधकारमय घाटी से गुजरता हूँ, तो भी अनिष्‍ट से नहीं डरता, क्‍योंकि हे प्रभु, तू मेरे साथ है। तेरी सोंठी, तेरी लाठी मुझे सहारा देती हैं।


यद्यपि सेना ने मुझे घेरा है, तोभी मेरा हृदय आतंकित न होगा; यद्यपि मेरे विरुद्ध युद्ध छिड़ा है; फिर भी मैं आश्‍वस्‍त रहूँगा।


प्रभु मेरी शक्‍ति और ढाल है। उस पर ही मैं भरोसा करता हूँ। अत: मुझे सहायता मिली है। मेरा हृदय हर्षित होता है; और मैं अपने गीतों द्वारा उसकी स्‍तुति करता हूँ।


धार्मिक मनुष्‍यों का उद्धार प्रभु से है; वह संकटकाल में उनका सुदृढ़ गढ़ है।


हे मेरे बल, मैं तेरी स्‍तुति गाऊंगा; क्‍योंकि, परमेश्‍वर, तू मेरा सुदृढ़ गढ़ है; परमेश्‍वर, तू मुझ पर करुणा करता है।


लोगो, हर समय परमेश्‍वर पर ही भरोसा करो। उसके सम्‍मुख अपना हृदय उण्‍डेल दो, परमेश्‍वर ही हमारे लिए शरण-स्‍थल है। सेलाह


अकुलीन मनुष्‍य श्‍वास मात्र है, कुलीन केवल मिथ्‍या है; तुला पर वे ऊपर उठ जाते हैं, वे सब मिलकर सांस से भी हलके हैं।


वे जानते नहीं, वे समझते नहीं, वे अंधकार में भटक रहे हैं; पृथ्‍वी के समस्‍त आधार डगमगाने लगे हैं।


प्रभु से यह कह, “तू मेरा शरण-स्‍थल और गढ़ है, तू मेरा परमेश्‍वर है, तुझ पर मैं भरोसा करता हूँ।”


प्रभु, तू इस्राएल की आशा है। संकट-काल में तू ही बचानेवाला है। तब तू क्‍यों हम से परदेशियों की तरह व्‍यवहार कर रहा है? तू ऐसा व्‍यवहार कर रहा है मानो तू राह से गुजरता हुआ पथिक है जो एक रात का मेहमान होता है।


प्रभु भला है। वह संकट-काल में आश्रय-स्‍थल है। वह अपने शरणागत को जानता है।


येशु ने उन्‍हें उत्तर दिया, “मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ : यदि तुम विश्‍वास करो और सन्‍देह न करो, तो तुम न केवल वह करोगे, जो मैंने अंजीर के पेड़ के साथ किया है; परन्‍तु यदि तुम इस पहाड़ से यह कहोगे, ‘उठ और समुद्र में जा गिर’, तो वैसा ही हो जाएगा।


आकाश और पृथ्‍वी टल जाएँ, तो टल जाएँ, परन्‍तु मेरे शब्‍द कदापि नहीं टल सकते।


इसलिए हम विश्‍वस्‍त हो कर यह कह सकते हैं, “प्रभु मेरी सहायता करता है, मैं नहीं डरूँगा। मनुष्‍य मेरा क्‍या कर सकता है?”


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