जब पौ फटने लगी तब दूतों ने लोट से आग्रह किया कि वह शीघ्रता करे। उन्होंने कहा, ‘उठो, अपनी पत्नी और दोनों पुत्रियों को जो यहाँ हैं, लेकर चले जाओ। अन्यथा तुम भी इस नगर के कुकर्म-दण्ड में भस्म हो जाओगे।’
उत्पत्ति 19:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु वह विलम्ब करता रहा। अत: दूत उसका तथा उसकी पत्नी एवं उसकी दोनों पुत्रियों का हाथ पकड़कर उन्हें नगर से बाहर ले गए; क्योंकि प्रभु लोट के प्रति दयालु था। पवित्र बाइबल लेकिन लूत दुविधा में रहा और नगर छोड़ने की जल्दी उसने नहीं की। इसलिए दोनों स्वर्गदूतों ने लूत, उसकी पत्नी और उसकी दोनों पुत्रियों के हाथ पकड़ लिए। उन दोनों ने लूत और उसके परिवार को नगर के बाहर सुरक्षित स्थान में पहुँचाया। लूत और उसके परिवार पर यहोवा की कृपा थी। Hindi Holy Bible पर वह विलम्ब करता रहा, इस से उन पुरूषों ने उसका और उसकी पत्नी, और दोनों बेटियों का हाथ पकड़ लिया; क्योंकि यहोवा की दया उस पर थी: और उसको निकाल कर नगर के बाहर कर दिया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पर वह विलम्ब करता रहा; इस पर उन पुरुषों ने उसका और उसकी पत्नी, और दोनों बेटियों के हाथ पकड़े, क्योंकि यहोवा की दया उस पर थी; और उनको निकालकर नगर के बाहर कर दिया। नवीन हिंदी बाइबल परंतु वह विलंब करता रहा। तब उन पुरुषों ने उसका और उसकी पत्नी और दोनों बेटियों का हाथ पकड़ा तथा उन्हें नगर के बाहर ले आए, क्योंकि यहोवा की दया उस पर थी। सरल हिन्दी बाइबल किंतु लोत विलंब करते रहे. तब उन अतिथियों ने उनका, उनकी पत्नी तथा उनकी दोनों पुत्रियों का हाथ पकड़कर उन्हें सुरक्षित बाहर ले गये, क्योंकि याहवेह की दया उन पर थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पर वह विलम्ब करता रहा, इस पर उन पुरुषों ने उसका और उसकी पत्नी, और दोनों बेटियों के हाथ पकड़े; क्योंकि यहोवा की दया उस पर थी: और उसको निकालकर नगर के बाहर कर दिया। (2 पत. 2:7) |
जब पौ फटने लगी तब दूतों ने लोट से आग्रह किया कि वह शीघ्रता करे। उन्होंने कहा, ‘उठो, अपनी पत्नी और दोनों पुत्रियों को जो यहाँ हैं, लेकर चले जाओ। अन्यथा तुम भी इस नगर के कुकर्म-दण्ड में भस्म हो जाओगे।’
प्रभु की स्तुति करो! प्रभु की सरहाना करो, क्योंकि वह भला है; क्योंकि उसकी करुणा सदा बनी रहती है।
दुर्जन को अनेक दु:ख हैं; किन्तु प्रभु पर भरोसा करने वाले को प्रभु की करुणा घेरे रहती है।
देखो, प्रभु की दृष्टि उन लोगों पर है जो उससे डरते हैं; और उन पर है जो उसकी करुणा की प्रतीक्षा करते हैं;
वह कौन मनुष्य है जो जीवन की कामना करता है; जो दीर्घ आयु का इच्छुक है कि भलाई को देख सके?
किन्तु तू, हे स्वामी, दयालु, कृपालु, विलम्ब से क्रोध करनेवाला, करुणा और सच्चाई से परिपूर्ण परमेश्वर है।
प्रभु उनके सामने से निकला और उसने घोषित किया, ‘प्रभु! प्रभु! वह दयालु, और अनुग्रह करने वाला, विलम्ब-क्रोधी, अत्यन्त करुणामय, सत्य परमेश्वर है।
वह हजारों पीढ़ियों पर करुणा करने वाला; अधर्म, अपराध और पाप को क्षमा करनेवाला है। किन्तु वह दोषी को किसी भी प्रकार निर्दोष सिद्ध न करेगा। वह पूर्वजों के अधर्म का दण्ड तीसरी और चौथी पीढ़ी तक उनकी संतान तथा आनेवाली संतान को देता रहता है।’
“प्रभु विलम्ब-क्रोधी, अत्यन्त करुणामय, अधर्म और अपराध को क्षमा करनेवाला है। किन्तु वह दोषी को किसी भी प्रकार निर्दोष सिद्ध न करेगा। वह पूर्वजों के अधर्म का दण्ड तीसरी और चौथी पीढ़ी तक उनकी संतान को देता रहता है।”
चुंगी-अधिकारी कुछ दूरी पर खड़ा था। उसे स्वर्ग की ओर आँख उठाने तक का साहस नहीं हुआ। वह अपनी छाती पीट-पीट कर यह कह रहा था, ‘परमेश्वर! मुझ पापी पर दया कर।’ ”
जब तक पिता, जिसने मुझे भेजा है, आकर्षित न करे, कोई मेरे पास नहीं आ सकता है; और मैं उसे अंतिम दिन पुनर्जीवित कर दूँगा।
धन्य है परमेश्वर, हमारे प्रभु येशु मसीह का पिता, परमदयालु पिता और हर प्रकार की सान्त्वना का परमेश्वर!
क्योंकि तुम्हरा प्रभु परमेश्वर दयालु परमेश्वर है। वह तुम्हें निस्सहाय नहीं छोड़ेगा, तुम्हें नष्ट नहीं करेगा; जो विधान उसने तुम्हारे पूर्वजों से शपथ खाकर स्थापित किया था उसको वह नहीं भूलेगा।
तू स्मरण रखना कि मिस्र देश में तू भी सेवक था, और तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे वहाँ से अपने भुजबल और उद्धार के हेतु फैले हुए हाथों से बाहर निकाल लाया था। इस कारण तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे विश्राम दिवस का पालन करने की आज्ञा दी है।
तब तू अपनी सन्तान से कहना, “हम मिस्र देश में फरओ के गुलाम थे; और प्रभु अपने भुजबल से हमें मिस्र देश से बाहर निकाल लाया था।
नहीं, प्रभु तुझसे प्रेम करता है, इस कारण उसने तुझे चुना है। वह अपनी उस शपथ का पालन कर रहा है, जो उसने तेरे पूर्वजों से खायी थी। इसलिए प्रभु ने अपने भुजबल के द्वारा तुझे मिस्र देश से बाहर निकाला था। उसने तुझे दासत्व के घर से, मिस्र देश के राजा फरओ के हाथ से मुक्त किया था।
उसने नवजीवन के जल और पवित्र आत्मा की संजीवन शक्ति द्वारा हमारा उद्धार किया। उसने हमारे किसी पुण्य धर्म-कर्म के कारण ऐसा नहीं किया, बल्कि इसलिए कि वह दयालु है।
यहोशुअ ने उस देश का भेद लेने वाले दोनों गुप्तचरों से कहा, ‘वेश्या के घर जाओ, और अपनी शपथ के अनुसार उसे तथा उसके सब सम्बन्धियों को घर से बाहर निकाल लो।’
किन्तु उसने धर्मी लोट को बचाया, जो उन दुष्ट लोगों के व्यभिचारपूर्ण आचरण के कारण दु:खी था।
इस प्रकार हम देखते हैं कि प्रभु धर्मात्माओं को संकटों से छुड़ाने और विधर्मियों को दण्ड देने के लिए उन्हें न्याय के दिन तक रख छोड़ने में समर्थ है,