18 “प्रभु विलम्ब-क्रोधी, अत्यन्त करुणामय, अधर्म और अपराध को क्षमा करनेवाला है। किन्तु वह दोषी को किसी भी प्रकार निर्दोष सिद्ध न करेगा। वह पूर्वजों के अधर्म का दण्ड तीसरी और चौथी पीढ़ी तक उनकी संतान को देता रहता है।”
18 तूने कहा था, ‘यहोवा क्रोधित होने में सहनशील है। यहोवा प्रेम से परिपूर्ण है। यहोवा पाप को क्षमा करता है और उन लोगों को क्षमा करता है जो उसके विरुद्ध भी हो जाते हैं। किन्तु यहोवा उन लोगों को अवश्य दण्ड देगा जो अपराधी हैं। यहोवा तो बच्चों को, उनके पितामह और प्रपितामह के पापों के लिए भी दण्ड देता है!’
18 कि यहोवा कोप करने में धीरजवन्त और अति करूणामय है, और अधर्म और अपराध का क्षमा करनेवाला है, परन्तु वह दोषी को किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराएगा, और पूर्वजों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों, और पोतों, और परपोतों को देता है।
18 कि यहोवा कोप करने में धीरजवन्त और अति करुणामय है, और अधर्म और अपराध का क्षमा करनेवाला है, परन्तु वह दोषी को किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराएगा, और पूर्वजों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों, और पोतों, और परपोतों को देता है।
18 ‘याहवेह क्रोध करने में धीरजवंत तथा अति करुणामय, वह अधर्म एवं अपराध के लिए क्षमा करनेवाले हैं, किंतु वह किसी भी स्थिति में दोषी को बिना दंड दिए नहीं छोड़ते. वह पूर्वजों के अधर्म का दंड उनके बेटों, पोतों और परपोतों तक को देते हैं.’
18 कि यहोवा कोप करने में धीरजवन्त और अति करुणामय है, और अधर्म और अपराध का क्षमा करनेवाला है, परन्तु वह दोषी को किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराएगा, और पूर्वजों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों, और पोतों, और परपोतों को देता है।
उन्होंने तेरी आज्ञाओं की अवहेलना की; जो आश्चर्यपूर्ण कार्य तूने उनके मध्य किए थे, उन्होंने उनकी उपेक्षा कर दी। वे ढीठ बन गए, उन्होंने तेरे नेतृत्व के प्रति विद्रोह कर दिया; और मिस्र की गुलामी में लौटने के उद्देश्य से एक नेता को नियुक्त किया। पर परमेश्वर, तू तो सदा क्षमाशील है, अनुग्राही और दयालु, विलम्ब से क्रोध करनेवाला और करुणासागर है। तूने उनको नहीं त्यागा।
तुम यह कहते हो, कि परमेश्वर दुर्जनों के अधर्म का बदला उनकी सन्तान से लेता है। अच्छा हो कि परमेश्वर उनके अधर्म का बदला उनसे ही ले, ताकि उनको अनुभव हो!
परन्तु परमेश्वर दयालु है, वह विनाश नहीं करता, वरन् वह अधर्म को ढांपता है। उसने बार-बार अपने क्रोध को लौटा लिया, और अपने रोष को पुन: भड़कने नहीं दिया।
तू झुककर उनकी वन्दना न करना और न उनकी सेवा करना; क्योंकि मैं तुम्हारा प्रभु परमेश्वर, ईष्र्यालु ईश्वर हूं। जो मुझसे घृणा करते हैं, उनके अधर्म का दण्ड मैं तीसरी और चौथी पीढ़ी तक उनकी संतान को देता रहता हूं।
इसलिए मैं − तुम्हारा इस्राएली राष्ट्र का प्रभु परमेश्वर, अपने निज लोगों के शासकों-चरवाहों के सम्बन्ध में यों कहता हूं : तुमने मेरी भेड़ों की सुधि नहीं ली, और उन्हें तितर-बितर कर दिया, उनको चरागाह से हांक दिया। अत: मैं तुम्हारे इन दुष्कर्मों की सुधि लूंगा।’ प्रभु कहता है,
तू लाखों पर करुणा करता है, फिर भी तू बाप-दादों के दुष्कर्मों का प्रतिफल उनके मरने के बाद उनकी संतान को देता है। हे महान और सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तेरा नाम “स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु” है।
उसने प्रभु से प्रार्थना की। उसने कहा, ‘प्रभु, मेरी तुझसे यह प्रार्थना है: जब मैं अपने देश में था, तब मैंने तुझ से यही तो कहा था; अब तो वही बात हुई। इसी कारण मैं तुरन्त तर्शीश नगर को भागा था। मैं जानता था कि तू कृपालु और दयालु परमेश्वर है। तू विलम्ब से क्रोध करने वाला और करुणा का सागर है। तू विपत्ति ढाहने के अपने निर्णय को बदलता भी है।
हे प्रभु, तेरे समान अधर्म को क्षमा करनेवाला, अपनी मीरास के बचे हुए लोगों के अपराध क्षमा करनेवाला और कौन ईश्वर है? तू सदा क्रोध नहीं करता, क्योंकि तू करुणा से प्रसन्न होता है।
इस प्रकार पाप, मृत्यु के माध्यम से, राज्य करता रहा; किन्तु हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा अनुग्रह, धार्मिकता के माध्यम से, अपना राज्य स्थापित करेगा और हमें शाश्वत जीवन में ले जायेगा।
तू झुककर उनकी वन्दना न करना, और न उनकी सेवा करना; क्योंकि मैं, तुम्हारा प्रभु परमेश्वर, ईष्र्यालु ईश्वर हूँ। जो मुझसे घृणा करते हैं, उनके अधर्म का दण्ड मैं तीसरी और चौथी पीढ़ी तक उनकी संतान को देता रहता हूँ;
किन्तु जो लोग उससे घृणा करते हैं, उन्हीं से वह प्रतिशोध लेता है और उनको नष्ट कर देता है। जो व्यक्ति उससे घृणा करता है, उसी व्यक्ति से प्रतिशोध लेने में वह विलम्ब नहीं करेगा।
अत: तू जान ले कि तेरा प्रभु परमेश्वर ही परमेश्वर है। वह विश्वस्त परमेश्वर है। वह विधान का पालन करने वाला है। जो लोग उससे प्रेम करते हैं और उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं, उन पर वह हजार पीढ़ियों तक करुणा करता है।