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1 शमूएल 4:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जब इस्राएली सेना पड़ाव में आई तब इस्राएली धर्मवृद्धों ने यह कहा, ‘प्रभु ने हमें आज पलिश्‍तियों से क्‍यों पराजित करवाया? आओ, हम शिलोह से प्रभु के विधान की मंजूषा ले आएँ, जिससे प्रभु हमारे मध्‍य आए, और हमें हमारे शत्रुओं के पंजे से मुक्‍त करे।’

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पवित्र बाइबल

इस्राएलियों के बाकी सैनिक अपने डेरे में लौट गए। इस्राएल के अग्रजों (प्रमुखों) ने पूछा, “यहोवा ने पलिश्तियों को हमें क्यों पराजित करने दिया? हम लोग शीलो से वाचा के सन्दूक को ले आयें। इस प्रकार, परमेश्वर हम लोगों के साथ युद्ध में जायेगा। वह हमें हमारे शत्रुओं से बचा देगा।”

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Hindi Holy Bible

और जब वे लोग छावनी में लौट आए, तब इस्राएल के वृद्ध लोग कहने लगे, कि यहोवा ने आज हमें पलिश्तियों से क्यों हरवा दिया है? आओ, हम यहोवा की वाचा का सन्दूक शीलो से मांग ले आएं, कि वह हमारे बीच में आकर हमें शत्रुओं के हाथ से बचाए।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जब वे लोग छावनी में लौट आए, तब इस्राएल के वृद्ध लोग कहने लगे, “यहोवा ने आज हमें पलिश्तियों से क्यों हरवा दिया है? आओ, हम यहोवा की वाचा का सन्दूक शीलो से माँग ले आएँ कि वह हमारे बीच में आकर हमें शत्रुओं के हाथ से बचाए।”

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सरल हिन्दी बाइबल

जब सेना लौटकर छावनी में आई, इस्राएलियों के पुरनियों ने विचार किया, “क्या कारण है कि याहवेह ने आज हमें फिलिस्तीनियों से हार जाने दिया? ऐसा करें, हम शीलो से याहवेह की वाचा का संदूक ले आते हैं. संदूक के हमारे साथ रहने पर फिलिस्तीनी हमें हरा न सकेंगे.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जब वे लोग छावनी में लौट आए, तब इस्राएल के वृद्ध लोग कहने लगे, “यहोवा ने आज हमें पलिश्तियों से क्यों हरवा दिया है? आओ, हम यहोवा की वाचा का सन्दूक शीलो से माँग ले आएँ, कि वह हमारे बीच में आकर हमें शत्रुओं के हाथ से बचाए।”

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1 शमूएल 4:3
34 क्रॉस रेफरेंस  

राजा ने सादोक को आदेश दिया, ‘परमेश्‍वर की मंजूषा को नगर में वापस ले जाओ। यदि मैं प्रभु की कृपा-दृष्‍टि प्राप्‍त करूँगा तो वह मुझे इस नगर में वापस लाएगा और मुझे अपनी मंजूषा और उसके निवास-स्‍थान के फिर दर्शन कराएगा।


दाऊद अपने महल में रहने लगा। उसने एक दिन नबी नातान से यह कहा, ‘देखिए मैं तो देवदार के महल में रहता हूं, परन्‍तु प्रभु की विधान-मंजूषा तम्‍बू में परदों के मध्‍य पड़ी है!’


हे परमेश्‍वर, क्‍यों तूने हमें सदा के लिए त्‍याग दिया? क्‍यों तेरी क्रोधाग्‍नि तेरे चारागाह की भेड़ों के प्रति भड़क उठी?


तूने अपना हाथ, दाहिना हाथ क्‍यों खींच लिया है? तूने उसे वक्ष में क्‍यों छिपा लिया है?


प्रभु यों कहता है, ‘क्‍या तुम्‍हारी मां के पास तलाक-पत्र है, जिससे यह प्रमाणित हो कि मैंने उसे त्‍याग दिया है? मैंने किस साहूकार के हाथ तुम्‍हें बेचा है? सुनो, तुम स्‍वयं दुष्‍कर्मों के कारण बिक गए हो। तुम्‍हारे ही अपराधों के कारण तुम्‍हारी मां को तलाक मिला है!


वे मुझसे कहते हैं: ‘हम उपवास करते हैं किन्‍तु तू उसको देखता नहीं, हम अपने प्राण को कष्‍ट देते हैं, परन्‍तु तू उस पर ध्‍यान नहीं देता।’ देखो, जब तुम उपवास करते हो, तब तुम्‍हारा उद्देश्‍य अपनी इच्‍छाओं को पूर्ण करना होता है; तुम अपने मजदूरों पर अत्‍याचार करते हो।


देखो, प्रभु का हाथ इतना छोटा नहीं है कि वह बचा न सके। प्रभु के कान बहरे नहीं हैं, कि वह सुन न सके।


किन्‍तु तुम्‍हारे अधर्म के कामों ने तुम्‍हारे और तुम्‍हारे परमेश्‍वर के मध्‍य अलगाव की दीवार खड़ी कर दी है। तुम्‍हारे पापों ने परमेश्‍वर के मुख को तुम से छिपा दिया है, इसलिए वह तुम्‍हारी बात नहीं सुनता।


उन दिनों में, जब तेरी आबादी इतनी बढ़ जाएगी कि लोग देश में भर जाएंगे, वे “प्रभु की विधान-मंजूषा” के विषय में चर्चा नहीं करेंगे। उसका विचार उनके मस्‍तिष्‍क में नहीं आएगा। वे उसका स्‍मरण नहीं करेंगे। वे उसकी अनुपस्‍थिति भी अनुभव नहीं करेंगे, और नयी विधान-मंजूषा भी नहीं बनाएंगे।


इन झूठे शब्‍दों के भरोसे में मत रहना, जो तुम बार-बार दुहराते हो: “यह प्रभु का भवन है। यह प्रभु का भवन है। यह प्रभु का भवन है।”


अत: उन लोगों ने प्रभु के पर्वत से प्रस्‍थान किया, और तीन दिन के मार्ग की दूरी तय की। तीन दिन की इस यात्रा में प्रभु के विधान की मंजूषा उनके लिए विश्राम-स्‍थल ढूंढ़ने के अभिप्राय से उनके आगे-आगे गई।


जब मंजूषा प्रस्‍थान करती तब मूसा कहते, ‘प्रभु! उठ, जिससे तेरे शत्रु तितर-बितर हो जाएँ! तुझसे बैर करने वाले तेरे सम्‍मुख से भाग जाएं!’


मूसा ने प्रत्‍येक कुल के इन हजार-हजार पुरुषों को युद्ध में भेज दिया। इनके साथ पुरोहित एलआजर का पुत्र पीनहास था। उसके हाथ में पवित्र-स्‍थान के पात्र और संकट की सूचना देने के लिए तुरहियाँ थीं।


सारे राष्‍ट्र पूछेंगे, “प्रभु ने क्‍यों इस देश के साथ ऐसा व्‍यवहार किया? प्रभु की यह भयंकर क्रोधाग्‍नि क्‍यों भड़क उठी?”


‘व्‍यवस्‍था की यह पुस्‍तक लो, और उसको अपने प्रभु परमेश्‍वर की विधान-मंजूषा के पास रख दो। इसको वहीं रहने देना ताकि वह तुम्‍हारे विरुद्ध साक्षी दे।


वे भक्‍ति का स्‍वांग तो रचेंगे ही, किन्‍तु इसका वास्‍तविक स्‍वरूप अस्‍वीकार करेंगे। तुम ऐसे लोगों से दूर रहो।


वहाँ धूपदान की स्‍वर्णमय वेदी और विधान की स्‍वर्ण से मढ़ी हुई मंजूषा थी। मंजूषा में “मन्ना” से भरा हुआ स्‍वर्णमय पात्र था, हारून की छड़ी थी, जो पल्‍लवित हो उठी थी, और विधान की शिला-पट्टियां थीं


तब तुम उनसे कहना, “प्रभु की विधान-मंजूषा के सम्‍मुख यर्दन नदी का जल-प्रवाह रुक गया था। जब प्रभु की विधान-मंजूषा ने यर्दन नदी पार की, तब उसका जल सूख गया था।” अत: ये पत्‍थर इस्राएली समाज के लिए सदा-सर्वदा स्‍मारक-चिह्‍न माने जाएंगे।’


यहोशुअ बेन-नून ने पुरोहितों को बुलाया और उनसे यह कहा, ‘विधान-मंजूषा उठाओ। तुम में से सात पुरोहित मेढ़े के सींग के सात नरसिंघे उठाकर विधान-मंजूषा के आगे-आगे जाएंगे।’


यहोशुअ ने कहा, ‘हे स्‍वामी! हे प्रभु, तू इस प्रजा को यर्दन नदी के इस पार क्‍यों लाया? हमें एमोरी जाति के हाथ सौंप देने के लिए? हमें नष्‍ट करने के लिए? भला होता कि हम यर्दन नदी के उस पार ही बस गए होते! यह हमारे लिए लाभदायक होता!


हे स्‍वामी, मैं क्‍या कह सकता हूँ? इस्राएलियों ने युद्ध में शत्रुओं को अपनी पीठ दिखाई है।


यह बपतिस्‍मा का प्रतीक है, जो अब आपका उद्धार करता है। बपतिस्‍मा का अर्थ शरीर का मैल धोना नहीं, बल्‍कि शुद्ध हृदय से अपने को परमेश्‍वर के प्रति समर्पित करना है। यह बपतिस्‍मा येशु मसीह के पुनरुत्‍थान द्वारा हमारा उद्धार करता है।


यद्यपि आप लोग यह सब जानते हैं, फिर भी मैं आप को याद दिलाना चाहता हूँ कि प्रभु ने मिस्र देश से इस्राएली प्रजा का अद्वितीय उद्धार करने के बाद भी उन लोगों का विनाश किया, जो विश्‍वास करने से इनकार करते हैं।


जब हन्नाह ने बालक का दूध छुड़ाया तब वह उसको लेकर शिलोह गई। वह अपने साथ तीन वर्षीय एक बछड़ा, दस किलो आटा और एक कुप्‍पा अंगूर का रस ले गई। वह बालक को शिलोह में प्रभु-गृह में लाई। उस समय वह लड़का ही था।


शाऊल ने पुरोहित अहीयाह को आदेश दिया, ‘परमेश्‍वर की मंजूषा यहाँ लाओ।’ उस समय परमेश्‍वर की मंजूषा इस्राएलियों के पास थी।


पलिश्‍तियों ने इस्राएलियों के विरुद्ध युद्ध की व्‍यूह-रचना की। घमासान युद्ध होने लगा। पर इस्राएली पलिश्‍तियों से हार गए। पलिश्‍तियों ने इस्राएलियों के चार हजार सैनिकों को युद्ध-भूमि में मार डाला।