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इब्रानियों 9:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

4 वहाँ धूपदान की स्‍वर्णमय वेदी और विधान की स्‍वर्ण से मढ़ी हुई मंजूषा थी। मंजूषा में “मन्ना” से भरा हुआ स्‍वर्णमय पात्र था, हारून की छड़ी थी, जो पल्‍लवित हो उठी थी, और विधान की शिला-पट्टियां थीं

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पवित्र बाइबल

4 इसमें सुगन्धित सामग्री के लिए सोने की वेदी और सोने की मढ़ी वाचा की सन्दूक थी। इस सन्दूक में सोने का बना मन्ना का एक पात्र था, हारून की वह छड़ी थी जिस पर कोंपलें फूटी थीं तथा वाचा के पत्थर के पतरे थे।

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Hindi Holy Bible

4 उस में सोने की धूपदानी, और चारों ओर सोने से मढ़ा हुआ वाचा का संदूक और इस में मन्ना से भरा हुआ सोने का मर्तबान और हारून की छड़ी जिस में फूल फल आ गए थे और वाचा की पटियां थीं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

4 उसमें सोने की धूपदानी, और चारों ओर सोने से मढ़ा हुआ वाचा का सन्दूक और इसमें मन्ना से भरा हुआ सोने का मर्तबान और हारून की छड़ी जिसमें फूल फल आ गए थे और वाचा की पटियाँ थीं।

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नवीन हिंदी बाइबल

4 उसमें धूप जलाने के लिए सोने की एक वेदी और चारों ओर से सोने से मढ़ा हुआ वाचा का संदूक था, जिसमें मन्‍ना से भरा हुआ सोने का मर्तबान, हारून की अंकुरित हुई लाठी और वाचा की पटियाँ थीं।

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सरल हिन्दी बाइबल

4 वहां धूप के लिए सोने की वेदी, सोने की पत्रियों से मढ़ी हुई वाचा का संदूक, जिसमें मन्‍ना से भरा सोने का बर्तन, हमेशा कोमल पत्ते लगते रहनेवाली हारोन की लाठी तथा वाचा की पटियां रखे हुए थे.

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इब्रानियों 9:4
26 क्रॉस रेफरेंस  

शुद्ध सोने के तसले, कैंचियां, रक्‍त छिड़कने के लिए पात्र, धूपदान और करछे; और पवित्र अन्‍तर्गृह − परम पवित्र स्‍थान − के दरवाजों तथा मध्‍यभाग के दरवाजों के कबजे। उसने ये भी सोने के बनाए थे।


मैंने वहां, भवन में मंजूषा के लिए स्‍थान भी निर्धारित कर दिया है। मंजूषा में प्रभु के विधान की पट्टियां हैं। जब प्रभु ने हमारे पूर्वजों को मिस्र देश से बाहर निकाला था, तब उसने हमारे पूर्वजों के साथ यह विधान स्‍थापित किया था।’


मंजूषा में पत्‍थर की दो पट्टियों के अतिरिक्‍त और कुछ नहीं था। मूसा ने होरेब पर्वत पर उनको मंजूषा में रखा था। जब इस्राएली लोग मिस्र देश की गुलामी से मुक्‍त हो मिस्र देश से बाहर निकले थे, तब प्रभु ने होरेब पर्वत पर उनके साथ विधान स्‍थापित किया था।


तू अन्‍त:पट को अंकड़ों द्वारा लटकाना, और साक्षी-मंजूषा को अन्‍त:पट के पीछे भीतर ले आना। अन्‍त:पट तुम्‍हारे लिए पवित्र स्‍थान को महापवित्र स्‍थान से अलग करेगा।


जब प्रभु ने सीनय पर्वत पर मूसा से वार्तालाप समाप्‍त किया तब उन्‍हें साक्षी की दो पट्टियाँ, अपने हाथ से लिखी पत्‍थर की दो पट्टियाँ दीं।


मूसा लौटे। वे अपने हाथ में दोनों साक्षी-पट्टियाँ लिये हुए पहाड़ से उतर गए। पट्टियों पर दोनों ओर लिखा हुआ था। वे सामने की ओर तथा पीछे की ओर लिखी हुई थीं।


जब मूसा सीनय पर्वत से उतरे, उनके हाथ में साक्षी की दो पट्टियाँ थीं। जब मूसा सीनय पर्वत से उतरे, उन्‍हें ज्ञात नहीं था कि परमेश्‍वर के साथ वार्तालाप करने के कारण उनका मुख प्रकाशवान हो गया है।


उसने बबूल की लकड़ी की एक धूप-वेदी बनाई। उसकी लम्‍बाई पैंतालीस सेंटीमीटर, और चौड़ाई भी पैंतालीस सेंटीमीटर थी। वह वर्गाकार थी। उसकी ऊंचाई नबे सेंटीमीटर थी। उसके सींग एक ही टुकड़े से बनाए गए थे।


खम्‍भों और दया-आसन सहित साक्षी-मंजूषा;


तू वहाँ साक्षी-मंजूषा रखना। साक्षी-मंजूषा को अन्‍त:पट की आड़ में कर देना।


तब वह प्रभु के सम्‍मुख की वेदी से अंगारों-भरा धूपदान तथा अंजलि भर पिसा हुआ सुगन्‍धित धूप-द्रव्‍य लेगा। वह उसको अन्‍त:पट के भीतर लाएगा,


प्रभु ने मूसा से कहा, ‘तू हारून की लाठी को साक्षी कि पट्टियों के सम्‍मुख पुन: रख दे ताकि वह विद्रोहियों के लिए चिह्‍न हेतु सुरक्षित रहे, और तू मेरे विरुद्ध उनकी बक-बक को समाप्‍त कर दे; ऐसा न हो कि वे मर जाएँ।’


जिस व्यक्‍ति को मैं चुनूंगा, उसकी लाठी में अंकुर निकल आएंगे। इस प्रकार मैं इस्राएलियों की बक-बक, जिसे वे तुम्‍हारे विरुद्ध करते हैं, अपने ऊपर से दूर करूंगा।’


दूसरे दिन मूसा साक्षी के तम्‍बू में आए। उन्‍होंने देखा कि हारून की लाठी में जो लेवी-परिवार के लिए थी, अंकुर निकल आए। उसमें कलियाँ खिलीं, फूल फूले और पके बादाम भी लग गए।


प्रभु ने चालीस दिन और चालीस रात के अन्‍त में पत्‍थर की दो पट्टियाँ, विधान की पट्टियाँ मुझे दीं।


जब मैं पत्‍थर की पट्टियाँ, उस विधान की पट्टियाँ, जो प्रभु ने तुम्‍हारे साथ स्‍थापित किया, ग्रहण करने के लिए पहाड़ पर चढ़ा था, तब मैं चालीस दिन और चालीस रात तक पहाड़ पर रहा। मैंने न रोटी खायी और न पानी पिया।


तब स्‍वर्ग में परमेश्‍वर का मन्‍दिर खुल गया और मन्‍दिर में परमेश्‍वर के विधान की मंजूषा दिखाई पड़ी। बिजलियाँ, वाणियाँ एवं मेघगर्जन उत्‍पन्न हुए, भूकम्‍प हुआ और भारी ओला-वृष्‍टि हुई।


तब तक दूसरा स्‍वर्गदूत, सोने का धूपदान लिये आया, और वेदी के सामने खड़ा हो गया। उसे बहुत-सा धूप दिया गया, जिससे वह उसे सब सन्‍तों की प्रार्थनाओं के साथ सिंहासन के सामनेवाली स्‍वर्ण वेदी पर चढ़ाये।


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