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1 इतिहास 17:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 दाऊद अपने महल में रहने लगा। उसने एक दिन नबी नातान से यह कहा, ‘देखिए मैं तो देवदार के महल में रहता हूं, परन्‍तु प्रभु की विधान-मंजूषा तम्‍बू में परदों के मध्‍य पड़ी है!’

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पवित्र बाइबल

1 दाऊद ने अपने घर चले जाने के बाद नातान नबी से कहा, “देखो, मैं देवदारू से बने घर में रह रहा हूँ, किन्तु यहोवा का साक्षीपत्र का सन्दूक तम्बू में रखा है। मैं परमेश्वर के लिये एक मन्दिर बनाना चाहता हूँ।”

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Hindi Holy Bible

1 जब दाऊद अपने भवन में रहने लगा, तब दाऊद ने नातान नबी से कहा, देख, मैं तो देवदारु के बने हुए घर में रहता हूँ, परन्तु यहोवा की वाचा का सन्दूक तम्बू में रहता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 जब दाऊद अपने भवन में रहने लगा, तब दाऊद ने नातान नबी से कहा, “देख, मैं तो देवदारु के बने हुए घर में रहता हूँ, परन्तु यहोवा की वाचा का सन्दूक तम्बू में रहता है।”

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सरल हिन्दी बाइबल

1 जब दावीद अपने लिए बनाए गए भवन में रहने लगे, तब उन्होंने भविष्यद्वक्ता नाथान से कहा, “देखिए, मैं तो देवदार से बने भवन में रह रहा हूं, मगर याहवेह की वाचा का संदूक सिर्फ पर्दों के अंदर रखा हुआ है.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

1 जब दाऊद अपने भवन में रहने लगा, तब दाऊद ने नातान नबी से कहा, “देख, मैं तो देवदार के बने हुए घर में रहता हूँ, परन्तु यहोवा की वाचा का सन्दूक तम्बू में रहता है।”

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1 इतिहास 17:1
28 क्रॉस रेफरेंस  

जिस दिन से मैं इस्राएलियों को बाहर निकाल लाया, उस दिन से आज तक मैं भवन में नहीं रहा। मैं एक तम्‍बू से दूसरे तम्‍बू में, एक निवास-स्‍थान से दूसरे निवास-स्‍थान में यात्रा करता रहा।


दाउद ने दाउद-पुर में अपने लिए भवन बनाए। उसने परमेश्‍वर की मंजूषा के लिए एक स्‍थान भी तैयार किया। उसने मंजूषा के लिए वहां एक तम्‍बू गाड़ा।


तुमने फसल अधिक पाने की आशा की थी, पर वह तुम्‍हें मिली थोड़ी। जब तुम फसल घर में लाए तब मैंने उसे फूंक दिया। क्‍यों? सुनो, मैं, स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु तुमसे यह कह रहा हूं: मैंने अपने भवन के कारण यह किया है। मेरा भवन ध्‍वस्‍त पड़ा है, और तुम सब अपना-अपना घर बनाने में व्‍यस्‍त हो।


‘क्‍या यह समय तुम्‍हारे लिए तख्‍ते जड़े मकान में रहने का है, जबकि यह मन्‍दिर ध्‍वस्‍त पड़ा है?


“मैं, नबूकदनेस्‍सर अपने निवास-स्‍थान में सुख-चैन से था और अपने महल में सुख-समृद्धि भोग रहा था।


क्‍या तू इसलिए राजा बना है कि दूसरों से अधिक देवदार की इमारतें बनाए? तेरा पिता खाता-पीता, आमोद-प्रमोद करता था, फिर भी वह न्‍याय और धर्म का आचरण करता था। अत: उसका भला हुआ।


जब तक मैं प्रभु के लिए एक स्‍थान, याकूब के सर्वशक्‍तिमान प्रभु के लिए एक निवास-स्‍थान प्राप्‍त न कर लूं।’


(किन्‍तु राजा दाऊद ने यरूशलेम नगर में उसके लिए एक तम्‍बू गाड़ा था। अत: वह परमेश्‍वर की मंजूषा को किर्यत-यआरीम नगर से यरूशलेम नगर में ले आया, और उसको उस स्‍थान में रखा जो उसने उसके लिए तैयार किया था।)


राजा दाउद के कार्यों का वर्णन, आदि से अन्‍त तक निम्‍नलिखित इतिहास-ग्रन्‍थों में लिखा हुआ है: द्रष्‍टा शमूएल का इतिहास-ग्रन्‍थ, नबी नातान का इतिहास-ग्रन्‍थ और द्रष्‍टा गाद का इतिहास-ग्रन्‍थ।


वे परमेश्‍वर की मंजूषा भीतर लाए। उन्‍होंने मंजूषा को तम्‍बू के मध्‍य में प्रतिष्‍ठित किया। यह तम्‍बू दाऊद ने मंजूषा के लिए गाड़ा था। तत्‍पश्‍चात् उन्‍होंने परमेश्‍वर के सम्‍मुख अग्‍नि-बलि और सहभागिता-बलि चढ़ाई।


सोर देश के राजा हीराम ने दाऊद के पास दूत तथा देवदार की लकड़ी, बढ़ई और राजमिस्‍त्री भेजे। उन्‍होंने दाऊद के लिए एक महल बनाया।


महाराज ने उनके साथ पुरोहित सादोक, नबी नातान, और बनायाह बेन-यहोयादा और करेत तथा पलेत नगर के रहने वाले अंगरक्षकों को भेजा है। उन्‍होंने सुलेमान को राजा के खच्‍चर पर बैठाया।


राजा को यह बताया गया, ‘नबी नातान आए हैं।” नातान राजा के सम्‍मुख उपस्‍थित हुआ। उसने भूमि पर मुंह के बल गिरकर राजा का अभिवादन किया।


किन्‍तु ये व्यक्‍ति अदोनियाह के साथ नहीं गए : पुरोहित सादोक, बनायाह बेन-यहोयादा, नबी नातान, शिमई, रेई तथा दाऊद के योद्धा।


और उसने अपना यह प्रेमभाव नबी नातान के द्वारा प्रकट किया। नातान ने प्रभु के वचन के अनुसार उसका नाम यदीद्याह रखा।


तब प्रभु ने नबी नातान को दाऊद के पास भेजा। वह दाऊद के पास आया। उसने दाऊद से कहा, ‘एक नगर में दो मनुष्‍य रहते थे। एक धनी था, और दूसरा गरीब।


वे प्रभु की मंजूषा को भीतर लाए। दाऊद ने उसके लिए एक तम्‍बू गाड़ा था। उन्‍होंने उसको तम्‍बू के भीतर उसके निर्धारित स्‍थान पर प्रतिष्‍ठित कर दिया। दाऊद ने प्रभु के सम्‍मुख अग्‍नि-बलि और सहभागिता-बलि अर्पित की।


दाऊद को परमेश्‍वर की कृपादृष्‍टि प्राप्‍त थी और उसने याकूब के वंश के लिए एक निवास स्‍थान प्राप्‍त करने का वर मांगा;


मेरे पिता दाऊद की यह हार्दिक इच्‍छा थी कि वह इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर के नाम की महिमा के लिए एक भवन बनाएं;


तब नातान ने दाऊद से कहा, ‘जो कुछ आपके हृदय में है, उसको कर डालिए; क्‍योंकि परमेश्‍वर आपके साथ है।’


दाऊद ने सुलेमान से यह कहा, ‘मेरे पुत्र, मेरी हार्दिक इच्‍छा थी कि मैं अपने प्रभु परमेश्‍वर के नाम की प्रतिष्‍ठा के लिए एक भवन बनाऊं।


तब राजा दाऊद खड़ा हुआ। उसने कहा, ‘ओ मेरे भाइयो, मेरे निज लोगो! मेरी यह हार्दिक इच्‍छा थी कि मैं अपने परमेश्‍वर के चरणों की चौकी के लिए, प्रभु की विधान-मंजूषा के लिए एक भवन बनाऊं, जहां वह प्रतिष्‍ठित की जा सके। मैंने भवन-निर्माण के लिए तैयारी कर ली है।


‘तू दस परदों का एक निवास-स्‍थान बनाना। ये परदे पतले सूत से बुने हुए नीले, बैंजनी और लोहित रंग के वस्‍त्र के होने चाहिए। तू उन पर कुशलता से करूबों के चित्रों की कढ़ाई करना।


एक दिन दाऊद ने अपने पुत्र सुलेमान को बुलाया, और उसको इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर के लिए भवन बनाने का आदेश दिया।


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