दाऊद सियोन गढ़ में रहने लगा। उसने उसका नाम दाऊदपुर रखा। उसने उसके चारों ओर एक परकोटा बनाया, जो मिल्लो से भीतर की ओर गया था।
1 इतिहास 11:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यबूस के निवासियों ने दाऊद से कहा, ‘तुम यहां प्रवेश नहीं कर सकते।’ फिर भी दाऊद ने सियोन गढ़ पर अधिकार कर लिया। वह आज दाऊद-पुर कहलाता है। पवित्र बाइबल उस नगर के निवासियों ने दाऊद से कहा, “तुम हमारे नगर के भीतर प्रवेश नहीं कर सकते।” किन्तु दाऊद ने उन लोगों को पराजित कर दिया। दाऊद ने सिय्योन के किले पर अधिकार कर लिया। यह स्थान “दाऊद नगर” बना। Hindi Holy Bible तब यबूस के निवासियों ने दाऊद से कहा, तू यहां आने नहीं पाएगा। तौभी दाऊद ने सिय्योन नाम गढ़ को ले लिया, वही दाऊदपुर भी कहलाता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब यबूस के निवासियों ने दाऊद से कहा, “तू यहाँ आने नहीं पाएगा।” तौभी दाऊद ने सिय्योन नामक गढ़ को ले लिया, वही दाऊदपुर भी कहलाता है। सरल हिन्दी बाइबल यबूसियों ने दावीद से कहा, “आप इस नगर में कभी आने न पाओगे.” फिर भी दावीद ने ज़ियोन गढ़ पर अधिकार कर लिया, जिसे दावीद-नगर भी कहा जाता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब यबूस के निवासियों ने दाऊद से कहा, “तू यहाँ आने नहीं पाएगा।” तो भी दाऊद ने सिय्योन नामक गढ़ को ले लिया, वही दाऊदपुर भी कहलाता है। |
दाऊद सियोन गढ़ में रहने लगा। उसने उसका नाम दाऊदपुर रखा। उसने उसके चारों ओर एक परकोटा बनाया, जो मिल्लो से भीतर की ओर गया था।
अत: उसने निश्चय किया कि वह प्रभु की मंजूषा को दाऊदपुर में नहीं ले जाएगा। वह उसको गत नगर के निवासी ओबेद-एदोम के घर में ले गया।
किसी ने यह बात राजा दाऊद को बताई, ‘प्रभु परमेश्वर ने अपनी मंजूषा के कारण ओबेद-एदोम के परिवार, तथा उसके पास जो कुछ है, उस पर आशिष की है।’ अत: दाऊद गया। वह आनन्द के साथ परमेश्वर की मंजूषा ओबेद-एदोम के घर से दाऊदपुर में ले आया।
सुलेमान ने दाऊदपुर से, जिसको सियोन कहते हैं, प्रभु की विधान-मंजूषा को लाने के लिए इस्राएली राष्ट्र के सब धर्मवृद्धों को यरूशलेम में बुलाया। ये धर्मवृद्ध कुलाधिपति और इस्राएली पितृकुलों के मुखिया थे।
दाऊद ने समस्त इस्राएली राष्ट्र की सेना के साथ यरूशलेम पर आक्रमण किया। यरूशलेम का नाम यबूस था। वहां के मूल निवासी यबूसी थे।
उस दिन दाऊद ने यह कहा था, ‘जो व्यक्ति यबूसियों पर सर्वप्रथम प्रहार करेगा, वह मेरी सेना का नायक और सेनापति होगा।’ योआब बेन-सरूयाह ने सबसे पहले आक्रमण किया। अत: वह इस्राएली सेना का नायक बन गया।
राजा सुलेमान ने इस्राएल के धर्मवृद्धों को, कुलों के नेताओं को, इस्राएलियों के पितृकुलों के अगुओं को यरूशलेम में एकत्र किया। प्रभु की विधान-मंजूषा उस समय सियोन नगर अर्थात् दाऊद-पुर में थी। राजा सुलेमान मंजूषा को वहाँ से लाना चाहता था।
उसका पवित्र पर्वत, जिसकी उठान सुन्दर है, समस्त पृथ्वी के हर्ष का कारण है। सियोन पर्वत श्रेष्ठ पर्वत है, और वह राजाधिराज का नगर है।
किन्तु सियोन के विषय में कहा जाएगा: ‘यह अथवा वह, उसमें उत्पन्न हुआ था।’ स्वयं सर्वोच्च प्रभु नगर को सुरक्षित रखेगा।”
सियोन पर विराजने वाले प्रभु का गुणगान करो; जाति-जाति के लोगों में उसके कार्य प्रकट करो।
जैसे कि धर्मग्रन्थ में लिखा है, “देखो, मैं सियोन में ठोकर का पत्थर, लोगों को गिराने वाली शिला रख रहा हूँ। परन्तु जो उस पर विश्वास करता है, उसे लज्जित नहीं होना पड़ेगा।”
आप लोग सियोन पर्वत, जीवन्त परमेश्वर के नगर, स्वर्गीय यरूशलेम के पास पहुँचे हैं, जहाँ लाखों स्वर्गदूत आनन्द-उत्सव मनाते हैं
मैंने फिर देखा। मेमना सियोन पर्वत पर खड़ा है। उसके साथ एक लाख चौवालीस हजार व्यक्ति हैं, जिनके माथे पर उसका नाम और उसके पिता का नाम अंकित है।
परन्तु लेवीय पुरुष वहाँ रात व्यतीत करने को सहमत न हुआ। उसने तैयारी की और चला गया। वह यबूस नगर (अर्थात् यरूशलेम) के सामने पहुँचा। उसके साथ जीन कसे हुए दो गधे, उसकी रखेल और उसका सेवक था।
दाऊद ने अपने पास खड़े सैनिकों से पूछा, ‘जो व्यक्ति इस पलिश्ती योद्धा को मार डालेगा, और इस्राएल के इस अपमान को दूर करेगा, उसके साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा? यह बेखतना पलिश्ती कौन है, जो जीवन्त परमेश्वर के सैन्यदलों को चुनौती दे रहा है?’
मैंने, आपके सेवक ने, सिंह और भालू दोनों को मारा है। यह बेखतना पलिश्ती भी उनके समान मारा जाएगा; क्योंकि इसने जीवन्त परमेश्वर के सैन्यदलों को चुनौती दी है।’