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इब्रानियों 12:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

22 आप लोग सियोन पर्वत, जीवन्‍त परमेश्‍वर के नगर, स्‍वर्गीय यरूशलेम के पास पहुँचे हैं, जहाँ लाखों स्‍वर्गदूत आनन्‍द-उत्‍सव मनाते हैं

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पवित्र बाइबल

22 किन्तु तुम तो सिओन पर्वत, सजीव परमेश्वर की नगरी, स्वर्ग के यरूशलेम के निकट आ पहुँचे हो। तुम तो हज़ारों-हज़ार स्वर्गदूतों की आनन्दपूर्ण सभा,

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Hindi Holy Bible

22 पर तुम सिय्योन के पहाड़ के पास, और जीवते परमेश्वर के नगर स्वर्गीय यरूशलेम के पास।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

22 पर तुम सिय्योन के पहाड़ के पास, और जीवते परमेश्‍वर के नगर, स्वर्गीय यरूशलेम, के पास और लाखों स्वर्गदूतों

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नवीन हिंदी बाइबल

22 परंतु तुम तो सिय्योन पहाड़, और जीवित परमेश्‍वर के नगर अर्थात् स्वर्गीय यरूशलेम, तथा असंख्य स्वर्गदूतों के पास,

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सरल हिन्दी बाइबल

22 किंतु तुम ज़ियोन पर्वत के, जीवित परमेश्वर के नगर स्वर्गीय येरूशलेम के, असंख्य हजारों स्वर्गदूतों के,

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इब्रानियों 12:22
49 क्रॉस रेफरेंस  

सम्‍भवत: आपके प्रभु परमेश्‍वर ने मुख्‍य साकी के शब्‍द सुने हैं, जिसको असीरिया के राजा ने जीवित परमेश्‍वर का मजाक उड़ाने के लिए भेजा था। अब आपका प्रभु परमेश्‍वर उन शब्‍दों को झूठा सिद्ध करे। कृपया, जो व्यक्‍ति शेष रह गए हैं, उनके लिए प्रार्थना कीजिए।’


“मैंने अपने पवित्र पर्वत सियोन के सिंहासन पर अपने राजा को प्रतिष्‍ठित किया है।”


मेरा प्राण परमेश्‍वर के, जीवंत परमेश्‍वर के दर्शन का प्‍यासा है। मैं कब जाऊंगा और परमेश्‍वर के मुख का दर्शन पाऊंगा?


उसका पवित्र पर्वत, जिसकी उठान सुन्‍दर है, समस्‍त पृथ्‍वी के हर्ष का कारण है। सियोन पर्वत श्रेष्‍ठ पर्वत है, और वह राजाधिराज का नगर है।


परमेश्‍वर के रथ हजारों हैं, हजारों-हजार है; स्‍वामी सीनय पर्वत से पवित्र स्‍थान में आया।


प्रभु के आंगनों के लिए मेरा प्राण इच्‍छुक है, मूर्छित है; मेरा हृदय, मेरा शरीर जीवंत परमेश्‍वर का जय-जयकार करता है।


ओ परमेश्‍वर के नगर, तेरे विषय में प्रभु ने ये महिमायुक्‍त बातें कहीं हैं: सेलाह


ओ सियोन के निवासियो, जयजयकार करो, आनन्‍द से गीत गाओ; तुम्‍हारे मध्‍य रहनेवाला इस्राएल का पवित्र परमेश्‍वर महान है।”


राष्‍ट्र के राजदूतों को क्‍या उत्तर देना चाहिए? यह कि प्रभु ने सियोन की नींव डाली है, उसकी प्रजा के दु:खी जन उसमें शरण लेंगे।


तब चन्‍द्रमा शर्म से मुंह छिपाएगा, सूर्य का मुंह काला होगा; क्‍योंकि आकाश की शक्‍तियों का प्रभु सियोन पर्वत पर, यरूशलेम नगर पर शासन करेगा; और अपने सेवक-धर्मवृद्धों के सम्‍मुख अपनी महिमा प्रकट करेगा।


उस दिन महा नरसिंगा फूंका जाएगा। तब जो इस्राएली असीरिया देश में खो गए थे, और जो मिस्र देश को खदेड़ दिए गए थे, वे सब आएंगे, और यरूशलेम नगर में, पवित्र पर्वत पर प्रभु की आराधना करेंगे।


इसलिए प्रभु, स्‍वामी यों कहता है: “देखो, मैं सियोन की नींव के लिए एक पत्‍थर, कसौटी पर कसा गया एक पत्‍थर, सुदृढ़ नींव के लिए आधार-शिला का कीमती पत्‍थर रख रहा हूं: ‘विश्‍वास करनेवाला अपने विश्‍वास में डगमगाता नहीं।’


प्रभु के द्वारा मुक्‍त किए गए लोग हर्ष के गीत गाते हुए सियोन में आएंगे। शाश्‍वत आनन्‍द से उनके मुख चमकते होंगे। उन्‍हें हर्ष और सुख प्राप्‍त होगा। उनके दु:ख और आहों का अन्‍त हो जाएगा।


मैंने अपने शब्‍द तेरे मुंह में रखे हैं; मैंने अपने हाथ की छाया में तुझे छिपाकर रखा है। मैंने ही आकाश को फैलाया है, मैंने ही पृथ्‍वी की नींव डाली है। मैं सियोन से यह कहता हूं : “तू ही मेरी प्रजा है।” ’


याकूब के वंशजों के पास जो अपने अपराधों से पश्‍चात्ताप करते हैं, वह सियोन में मुक्‍तिदाता के रूप में आएगा। प्रभु की यही वाणी है।


जिन्‍होंने तुझ पर अत्‍याचार किया था, उनकी सन्‍तान सिर झुकाए हुए तेरे पास आएगी; जो तुझसे घृणा करते थे, वे तेरे चरणों पर गिरकर तुझे साष्‍टांग प्रणाम करेंगे। वे तुझे इस नाम से पुकारेंगे: “प्रभु की नगरी” , “इस्राएल के पवित्र परमेश्‍वर का नगर-सियोन।”


किन्‍तु प्रभु ही सच्‍चा ईश्‍वर है। वह जीवंत परमेश्‍वर है, और शाश्‍वत महाराजाधिराज है। जब वह क्रुद्ध होता है, तब पृथ्‍वी कांप उठती है; उसके क्रोध को सहन करने की शक्‍ति किसी राष्‍ट्र में नहीं है।


तो दाऊद के सिंहासन पर बैठने वाले राजा इस नगर के प्रवेश-द्वारों से सदा प्रवेश करते रहेंगे। रथों और घोड़ों पर सवार राजा और राजकुमार तथा यहूदा प्रदेश के योद्धा, और यरूशलेम के निवासी, इन प्रवेश-द्वारों से आते-जाते रहेंगे। यह यरूशलेम नगर सदा आबाद रहेगा।


मैं यह राजाज्ञा प्रसारित कर रहा हूं कि मेरे साम्राज्‍य के समस्‍त स्‍त्री-पुरुष दानिएल के परमेश्‍वर के सम्‍मुख कांपते और डरते रहेंगे, क्‍योंकि केवल वही जीवित परमेश्‍वर है; वह युगानुयुग विद्यमान है। उसका राज्‍य कभी नष्‍ट न होगा, उसके शासन का कभी अन्‍त न होगा।


उसके सामने से अग्‍नि-ज्‍वाला निकल रही थी, उसके सम्‍मुख लपटें निकल रही थीं। हजारों-हजार सेवक उसकी परिचर्या कर रहे थे; और लाखों-लाख लोग उसके सम्‍मुख हाथ-जोड़े खड़े थे। न्‍याय करने के लिए दरबार लगा था; और संविधान के ग्रंथ खुले थे।


इस्राएली राष्‍ट्र की जनसंख्‍या सागर-तट के रेत कणों के सदृश असंख्‍य हो जाएगी, जिनको न मापा जा सकता है और न जिनकी गणना ही की जा सकती है। जिस स्‍थान में उनको ‘लो-अम्‍मी’ अर्थात् ‘मेरे लोग नहीं’ कहा गया था, वही उन्‍हें कहा जाएगा, ‘जीवित परमेश्‍वर की संतान’।


उस दिन यह होगा : जो भी व्यक्‍ति मुझ-प्रभु का नाम लेगा, वह संकट से मुक्‍त होगा। सियोन पहाड़ पर संकटमुक्‍त व्यक्‍ति रहेंगे। जैसा मैंने कहा है: यरूशलेम नगर में बचे हुए वे लोग होंगे, जिन्‍हें मैं-प्रभु ने बुलाया है।


सिमोन पतरस ने उत्तर दिया, “आप मसीह हैं, आप जीवन्‍त परमेश्‍वर के पुत्र हैं।”


न पृथ्‍वी की, क्‍योंकि वह उसका पायदान है; न यरूशलेम की, क्‍योंकि वह राजाधिराज का नगर है।


ऐसा हो जाने पर सम्‍पूर्ण इस्राएल को मुक्‍ति प्राप्‍त होगी। जैसा कि धर्मग्रन्‍थ में लिखा है, “सियोन में मुक्‍तिदाता का आगमन होगा और वह याकूब से अधर्म को दूर कर देगा।


और जिस स्‍थान पर उसने उन से यह कहा था, ‘तुम मेरी प्रजा नहीं हो’ वहीं वे जीवन्‍त परमेश्‍वर की संतान कहलायेंगे।”


किन्‍तु दिव्‍य यरूशलेम स्‍वतन्‍त्र है। वह हमारी माता है;


आप लोग अब परदेशी अथवा प्रवासी नहीं रहे, बल्‍कि सन्‍तों के सह-नागरिक तथा परमेश्‍वर के परिवार के सदस्‍य बन गये हैं।


मूसा ने कहा, ‘प्रभु सीनय पर्वत से आया, वह सेईर देश से हम पर उदित हुआ, वह पारन पर्वत से प्रकाशवान हुआ। वह लाखों पवित्र प्राणियों के मध्‍य से आया। उसके दाहिने हाथ में ज्‍वालामय अग्‍नि थी।


समस्‍त प्राणियों में वह कौन प्राणी है, जिसने अग्‍नि के मध्‍य से जीवन्‍त परमेश्‍वर का स्‍वर सुना, उसको वार्तालाप करते हुए सुना, जैसे हमने सुना, और वह फिर भी जीवित रहा?


हमारा स्‍वदेश तो स्‍वर्ग है और हम स्‍वर्ग से आने वाले अपने मुक्‍तिदाता प्रभु येशु मसीह की राह देखते रहते हैं।


लोग स्‍वयं हमें बताते हैं कि आप के यहाँ हमारा कैसा स्‍वागत हुआ और आप किस प्रकार देवमूर्तियाँ छोड़ कर परमेश्‍वर की ओर अभिमुख हुए, जिससे आप सच्‍चे तथा जीवन्‍त परमेश्‍वर के सेवक बनें


प्रभु मुझे दुष्‍टों के हर फन्‍दे से छुड़ायेगा। वह मुझे सुरक्षित रखेगा और अपने स्‍वर्गराज्‍य तक पहुँचा देगा। उसी की महिमा युगानयुग हो। आमेन!


जीवन्‍त परमेश्‍वर के हाथ पड़ना कितनी भयंकर बात है!


अब्राहम ने ऐसा किया, क्‍योंकि वह उस पक्‍की नींव वाले नगर की प्रतीक्षा में थे, जिसका वास्‍तुकार तथा निर्माता परमेश्‍वर है।


पर नहीं, वे तो एक उत्तम स्‍वदेश अर्थात् स्‍वर्ग की खोज में लगे हुए थे; इसलिए परमेश्‍वर को उन लोगों का परमेश्‍वर कहलाने में लज्‍जा नहीं होती। उसने तो उनके लिए एक नगर का निर्माण किया है।


क्‍योंकि इस पृथ्‍वी पर हमारा कोई स्‍थायी नगर नहीं। हम तो भविष्‍य के नगर की खोज में लगे हुए हैं।


भाइयो और बहिनो! आप सावधान रहें। आप लोगों में से किसी के मन में इतनी बुराई और अविश्‍वास न हो कि वह जीवन्‍त परमेश्‍वर से विमुख हो जाये।


तो फिर मसीह का रक्‍त, जिन्‍होंने अपने आपको शाश्‍वत आत्‍मा के द्वारा निर्दोष बलि के रूप में परमेश्‍वर को अर्पित किया, हमारे अन्‍त:करण को मृत कर्मों से क्‍यों नहीं शुद्ध करेगा और हमें जीवन्‍त परमेश्‍वर की सेवा के योग्‍य क्‍यों नहीं बनायेगा?


उसने आगे कहा, ‘तुम्‍हें आज ज्ञात होगा कि तुम्‍हारे मध्‍य जीवित परमेश्‍वर है, और वह तुम्‍हारे सामने से कनानी, हित्ती, हिव्‍वी, परिज्‍जी, गिर्गाशी, एमोरी और यबूसी जातियों को निश्‍चय ही खदेड़ देगा।


आदम की सातवीं पीढ़ी में हनोक ने इन लोगों के विषय में यह कहते हुए भविष्‍यवाणी की, “देखो, प्रभु अपने सहस्रों पवित्र दूतों के साथ आ कर


मैंने फिर देखा। मेमना सियोन पर्वत पर खड़ा है। उसके साथ एक लाख चौवालीस हजार व्यक्‍ति हैं, जिनके माथे पर उसका नाम और उसके पिता का नाम अंकित है।


मैं आत्‍मा से आविष्‍ट हो गया और स्‍वर्गदूत ने मुझे एक विशाल तथा ऊंचे पर्वत पर ले जा कर पवित्र नगरी यरूशलेम दिखायी। वह स्‍वर्ग से परमेश्‍वर के यहाँ से उतर रही थी।


मैंने पवित्र नगरी, नवीन यरूशलेम को परमेश्‍वर के यहाँ से आकाश में उतरते देखा। वह अपने दूल्‍हे के लिए सजायी हुई दुलहन की तरह अलंकृत थी।


और यदि कोई नबूवत की इस पुस्‍तक की बातों से कुछ निकालेगा, तो परमेश्‍वर इस पुस्‍तक में वर्णित जीवन-वृक्ष और पवित्र नगर से उसका भाग निकाल देगा।”


“यदि तुम विजय प्राप्‍त करोगे तो मैं तुम को अपने परमेश्‍वर के मन्‍दिर का स्‍तम्‍भ बनाऊंगा। वह फिर कभी उसके बाहर नहीं जायेगा। मैं अपने परमेश्‍वर का नाम, अपने परमेश्‍वर के नगर, उस नवीन यरूशलेम का नाम, जो मेरे परमेश्‍वर के यहाँ से स्‍वर्ग से उतरने वाला है और अपना नया नाम भी उस पर अंकित करूँगा।


मैंने एक अन्‍य दूत को पूर्व से ऊपर उठते देखा। जीवन्‍त परमेश्‍वर की मुहर उसके पास थी और उसने उन चार दूतों से, जिन्‍हें पृथ्‍वी और समुद्र को उजाड़ने का अधिकार मिला था, पुकार कर कहा,


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