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2 इतिहास 5:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 राजा सुलेमान ने इस्राएल के धर्मवृद्धों को, कुलों के नेताओं को, इस्राएलियों के पितृकुलों के अगुओं को यरूशलेम में एकत्र किया। प्रभु की विधान-मंजूषा उस समय सियोन नगर अर्थात् दाऊद-पुर में थी। राजा सुलेमान मंजूषा को वहाँ से लाना चाहता था।

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पवित्र बाइबल

2 सुलैमान ने इस्राएल के सभी अग्रजों, परिवार समूहों के प्रमुखों और इस्राएल में परिवार प्रमुखों को इकट्ठा किया। उसने सभी को यरूशलेम में इकट्ठा किया। सुलैमान ने यह इसलिये किया कि लेवीवंशी साक्षीपत्र के सन्दूक को दाऊद के नगर से ला सकें। दाऊद का नगर सिय्योन है।

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Hindi Holy Bible

2 तब सुलैमान ने इस्राएल के पुरनियों को और गोत्रों के सब मुखय पुरुष, जो इस्राएलियों के पितरों के घरानों के प्रधान थे, उन को भी यरूशलेम में इस मनसा से इकट्ठा किया, कि वे यहोवा की वाचा का सन्दूक दाऊदपुर से अर्थात सिय्योन से ऊपर लिवा ले आएं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 तब सुलैमान ने इस्राएल के पुरनियों को और गोत्रों के सब मुख्य पुरुष, जो इस्राएलियों के पितरों के घरानों के प्रधान थे, उनको भी यरूशलेम में इस उद्देश्य से इकट्ठा किया, कि वे यहोवा की वाचा का सन्दूक दाऊदपुर से अर्थात् सिय्योन से ऊपर ले आएँ।

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सरल हिन्दी बाइबल

2 शलोमोन ने येरूशलेम में इस्राएल के सभी पुरनियों को, गोत्र प्रमुखों और पूर्वजों के परिवारों के प्रधानों को आमंत्रित किया. ये सभी राजा शलोमोन के सामने येरूशलेम में इकट्‍ठे हो गए, कि याहवेह की वाचा के संदूक को दावीद के नगर अर्थात् ज़ियोन से लाया जा सके.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

2 तब सुलैमान ने इस्राएल के पुरनियों को और गोत्रों के सब मुख्य पुरुष, जो इस्राएलियों के पितरों के घरानों के प्रधान थे, उनको भी यरूशलेम में इस उद्देश्य से इकट्ठा किया कि वे यहोवा की वाचा का सन्दूक दाऊदपुर से अर्थात् सिय्योन से ऊपर ले आएँ।

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2 इतिहास 5:2
21 क्रॉस रेफरेंस  

किन्‍तु दाऊद ने सियोन गढ़ पर अधिकार कर लिया। वह आज दाऊदपुर कहलाता है।


किसी ने यह बात राजा दाऊद को बताई, ‘प्रभु परमेश्‍वर ने अपनी मंजूषा के कारण ओबेद-एदोम के परिवार, तथा उसके पास जो कुछ है, उस पर आशिष की है।’ अत: दाऊद गया। वह आनन्‍द के साथ परमेश्‍वर की मंजूषा ओबेद-एदोम के घर से दाऊदपुर में ले आया।


दाउद ने दाउद-पुर में अपने लिए भवन बनाए। उसने परमेश्‍वर की मंजूषा के लिए एक स्‍थान भी तैयार किया। उसने मंजूषा के लिए वहां एक तम्‍बू गाड़ा।


दाऊद ने उनसे यह कहा, ‘आप लोग लेवी पितृकुल के अगुए हैं। आप अपने आपको तथा अपने चचेरे भाई-बन्‍धुओं को शुद्ध करें। आप-सब इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर की मंजूषा को उठाकर उस स्‍थान पर लाएंगे जिसको मैंने मंजूषा के लिए तैयार किया है।


अत: दाऊद, इस्राएलियों के धर्मवृद्ध और सेनानायक ओबेद-एदोम के घर गए कि वे वहां से प्रभु की विधान-मंजूषा आनन्‍दपूर्वक लाएं।


दाऊद ने प्रभु की मंजूषा को वापस लाने, और उसको उस स्‍थान पर प्रतिष्‍ठित करने के लिए, जिसको उसने मंजूषा के लिए तैयार किया था, समस्‍त इस्राएलियों की धर्मसभा यरूशलेम नगर में बुलाई।


वे परमेश्‍वर की मंजूषा भीतर लाए। उन्‍होंने मंजूषा को तम्‍बू के मध्‍य में प्रतिष्‍ठित किया। यह तम्‍बू दाऊद ने मंजूषा के लिए गाड़ा था। तत्‍पश्‍चात् उन्‍होंने परमेश्‍वर के सम्‍मुख अग्‍नि-बलि और सहभागिता-बलि चढ़ाई।


इन्‍होंने भी, हारून-वंशीय अपने चचेरे भाई-बन्‍धुओं के समान, राजा दाऊद, पुरोहित सादोक, अहीमेलेक, पुरोहितों और उप-पुरोहितों के पितृकुलों के अगुओं के सम्‍मुख चिट्ठी डालकर नाम निकाले। इस प्रकार ज्‍येष्‍ठ और कनिष्‍ठ पुत्रों ने पितृकुलों के नाम चुनने के लिए साथ ही साथ चििट्ठयां डालीं।


लेवी कुल के उप-पुरोहित लिपिक शमयाह बेन-नतनएल ने राजा एवं दरबारियों के सम्‍मुख, पुरोहित सादोक एवं अहीमेलेक बेन-अबीयातार के सम्‍मुख तथा पुरोहितों और उप-पुरोहितों के पितृकुलों के अगुओं के सम्‍मुख उनके नाम लिखे। एलआजर वंश से एक पुरोहित-परिवार तथा ईतामार के वंश से एक पुरोहित-परिवार चुना गया।


शलोमोत और उसके भाई उस अर्पित कोषागार के अधिकारी थे, जिसको राजा दाऊद ने, पितृकुलों के नेताओं, सहस्र सैनिकों के नायकों, सौ सैनिकों के नायकों और सेनापतियों ने प्रभु को अर्पित किया था।


दाऊद ने यरूशलेम नगर में इस्राएली राष्‍ट्र के सब उच्‍चाधिकारियों को एकत्र किया। ये विभिन्न कुलों के मुखिया, राजा की शासकीय सेवा में संलग्‍न विभिन्न विभागों के अध्‍यक्ष, हजार-हजार सैनिक दलों के नायक, सौ-सौ सैनिक दलों के नायक, राजकीय धन-सम्‍पत्ति के कोषाध्‍यक्ष, राजा और राजपुत्रों की पशु-शालाओं के अधिकारी थे। इनके अतिरिक्‍त खोजा, योद्धा और सशक्‍त सैनिक यरूशलेम नगर में एकत्र हुए।


(किन्‍तु राजा दाऊद ने यरूशलेम नगर में उसके लिए एक तम्‍बू गाड़ा था। अत: वह परमेश्‍वर की मंजूषा को किर्यत-यआरीम नगर से यरूशलेम नगर में ले आया, और उसको उस स्‍थान में रखा जो उसने उसके लिए तैयार किया था।)


यों राजा सुलेमान के प्रभु के भवन का निर्माण-कार्य समाप्‍त किया। तत्‍पश्‍चात् वह अपने पिता दाऊद के द्वारा अर्पित की गई वस्‍तुएं भवन में ले गया। उसने सोना, चांदी तथा अमूल्‍य पात्र भवन के भण्‍डार-गृहों में रख दिये।


लेवीय कुल के गायक, आसाफ, हेमान, यदूतून, उनके पुत्र और नाते-रिश्‍तेदार सूती-मलमल की पोशाक पहिने हुए और हाथों में वाद्य-यन्‍त्र−झांझ, सारंगियां और वीणा−लिए हुए वेदी के पूर्व में खड़े थे। उनके साथ तुरही बजाने वाले एक सौ बीस पुरोहित भी थे।


“मैंने अपने पवित्र पर्वत सियोन के सिंहासन पर अपने राजा को प्रतिष्‍ठित किया है।”


प्रभु इस्राएल के समस्‍त निवास-स्‍थानों से अधिक सियोन के द्वारों से प्रेम करता है।


जिन वस्‍तुओं को लाने का आदेश मूसा ने दिया था, वे उनको मिलन-शिविर के द्वार पर ले आए। सारी मण्‍डली निकट आई और प्रभु के सम्‍मुख खड़ी हो गई।


अत: उन लोगों ने प्रभु के पर्वत से प्रस्‍थान किया, और तीन दिन के मार्ग की दूरी तय की। तीन दिन की इस यात्रा में प्रभु के विधान की मंजूषा उनके लिए विश्राम-स्‍थल ढूंढ़ने के अभिप्राय से उनके आगे-आगे गई।


जब मंजूषा विश्राम करती तब वह कहते, ‘प्रभु! लौट आ, इस्राएल के हजारों-हजार लोगों के पास!’


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