बाइबिल के पद

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उपश्रेणी

101 बाइबल के श्लोक: शराब पर प्रकाश

सोचो, यीशु ने अपनी शक्ति हमारे साथ बाँटी है! इस शक्ति से हम पाप पर विजय पा सकते हैं, हर मुश्किल को पार कर सकते हैं। वो हमें बचाने आए थे, और उन्होंने बिना पाप किए हर प्रलोभन को हराया।

उनके बलिदान ने हमें क्षमा दिलाई है, और उनके पुनरुत्थान ने मौत पर उनकी विजय का प्रमाण दिया है। ईश्वर जो उपचार देते हैं, वो सिर्फ़ शराब या दूसरी बुरी आदतों की प्यास बुझाने से कहीं बढ़कर है; उनकी असीम शक्ति पूरी तरह से लत को जड़ से मिटा देती है।

यीशु ने दुश्मन को हरा दिया है, और वो हमें निराशा और मौत से आज़ाद करने के लिए तैयार हैं। हमें बस पवित्र आत्मा को बिना किसी बहाने के अपनी ज़िंदगी बदलने देना है। यीशु में हमें हर परिस्थिति से उठने की ताकत मिलती है।

हिम्मत रखो! तुम यीशु की बदलने वाली शक्ति का जीता-जागता प्रमाण बनोगे।


इफिसियों 5:18

मदिरा पान करके मतवाले मत बने रहो क्योंकि इससे कामुकता पैदा होती है। इसके विपरीत आत्मा से परिपूर्ण हो जाओ।

गलातियों 5:1

मसीह ने हमें स्वतन्त्र किया है, ताकि हम स्वतन्त्रता का आनन्द ले सकें। इसलिए अपने विश्वास को दृढ़ बनाये रखो और फिर से व्यवस्था के विधान के जुए का बोझ मत उठाओ।

1 कुरिन्थियों 6:12

“मैं कुछ भी करने को स्वतन्त्र हूँ।” किन्तु हर कोई बात हितकर नहीं होती। हाँ! “मैं सब कुछ करने को स्वतन्त्र हूँ।” किन्तु मैं अपने पर किसी को भी हावी नहीं होने दूँगा।

यूहन्ना 8:36

अतः यदि पुत्र तुम्हें मुक्त करता है तभी तुम वास्तव में मुक्त हो। मैं जानता हूँ तुम इब्राहीम के वंश से हो।

1 कुरिन्थियों 6:10

लुटेरे, लालची, पियक्कड़, चुगलखोर और ठग परमेश्वर के राज्य के उत्तराधिकारी नहीं होंगे।

नीतिवचन 20:1

मदिरा और यवसुरा लोगों को काबू में नहीं रहने देते। वह मजाक उड़वाती है और झगड़े करवाती है। वह मदमस्त हो जाते हैं और बुद्धिहीन कार्य करते हैं।

उत्पत्ति 9:20-21

नूह किसान बना। उसने अंगूरों का बाग लगाया।

नूह ने दाखमधु बनाया और उसे पिया। वह मतवाला हो गया और अपने तम्बू में लेट गया। नूह कोई कपड़ा नहीं पहना था।

1 यूहन्ना 1:9

यदि हम अपने पापों को स्वीकार कर लेते हैं तो हमारे पापों को क्षमा करने के लिए परमेश्वर विश्वसनीय है और न्यायपूर्ण है और समुचित है। तथा वह सभी पापों से हमें शुद्ध करता है।

याकूब 4:7

इसलिए अपने आपको परमेश्वर के अधीन कर दो। शैतान का विरोध करो, वह तुम्हारे सामने से भाग खड़ा होगा।

1 पतरस 5:8

अपने पर नियन्त्रण रखो। सावधान रहो। तुम्हारा शत्रु शैतान एक गरजते सिंह के समान इधर-उधर घूमते हुए इस ताक में रहता है कि जो मिले उसे फाड़ खाए।

उत्पत्ति 19:32-35

इसलिए हम लोग अपने पिता का उपयोग बच्चों को जन्म देने के लिए करें जिससे हम लोगों का वंश चल सके। हम लोग अपने पिता के पास चलेंगे और दाखरस पिलायेंगे तथा उसे मदहोश कर देंगे। तब हम उसके साथ सो सकते हैं।”

उस रात दोनों पुत्रियाँ अपने पिता के पास गईं और उसे उन्होंने दाखरस पिलाकर मदहोश कर दिया। तब बड़ी पुत्री पिता के बिस्तर में गई और उसके साथ सोई। लूत अधिक मदहोश था इसलिए यह न जान सका कि वह उसके साथ सोया।

दूसरे दिन बड़ी पुत्री ने छोटी से कहा, “पिछली रात मैं अपने पिता के साथ सोई। आओ इस रात फिर हम उसे दाखरस पिलाकर मदहोश कर दें। तब तुम उसके बिस्तर में जा सकती हो और उसके साथ सो सकती हो। इस तरह हम लोगों को अपने पिता का उपयोग बच्चों को जन्म देकर अपने वंश को चलाने के लिए करना चाहिए।”

इसलिए उन दोनों पुत्रियों ने अपने पिता को दाखरस पिलाकर मदहोश कर दिया। तब छोटी पुत्री उसके बिस्तर में गई और उसके पास सोई। लूत इस बार भी न जान सका कि उसकी पुत्री उसके साथ सोई।

1 कुरिन्थियों 10:13

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े हो, जो मनुष्यों के लिये सामान्य नहीं है। परमेश्वर विश्वसनीय है। वह तुम्हारी सहन शक्ति से अधिक तुम्हें परीक्षा में नहीं पड़ने देगा। परीक्षा के साथ साथ उससे बचने का मार्ग भी वह तुम्हें देगा ताकि तुम परीक्षा को उत्तीर्ण कर सको।

रोमियों 14:21

माँस नहीं खाना श्रेष्ठ है, शराब नहीं पीना अच्छा है और कुछ भी ऐसा नहीं करना उत्तम है जो तेरे भाई को पाप में ढकेलता हो।

निर्गमन 20:5

किसी भी प्रकार की मूर्ति की पूजा मत करो, उसके आगे मत झुको। क्यों? क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। मेरे लोग जो दूसरे देवताओं की पूजा करते हैं मैं उनसे घृणा करता हूँ। यदि कोई व्यक्ति मेरे विरुद्ध पाप करता है तो मैं उसका शत्रु हो जाता हूँ। मैं उस व्यक्ति की सन्तानों की तीसरी और चौथी पीढ़ी तक को दण्ड दूँगा।

मत्ती 26:41

जागते रहो और प्रार्थना करो ताकि तुम परीक्षा में न पड़ो। तुम्हारा मन तो वही करना चाहता है जो उचित है किन्तु, तुम्हारा शरीर दुर्बल है।”

लैव्यव्यवस्था 10:9

“तुम्हें और तम्हारे पुत्रों को दाखमधु या मध उस समय नहीं पीनी चाहिए जब तुम लोग मिलापवाले तम्बू में आओ। यदि तुम ऐसा करोगे तो मर जाओगे! यह नियम तुम्हारी पीढ़ियों में सदा चलता रहेगा।

रोमियों 6:5-6

क्योंकि जब हम उसकी मृत्यु में उसके साथ रहे हैं तो उसके जैसे पुनरुत्थान में भी उसके साथ रहेंगे।

हम यह जानते हैं कि हमारा पुराना व्यक्तित्व यीशु के साथ ही क्रूस पर चढ़ा दिया गया था ताकि पाप से भरे हमारे शरीर नष्ट हो जायें। और हम आगे के लिये पाप के दास न बने रहें।

तीतुस 2:11-12

क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह सब मनुष्यों के उद्धार के लिए प्रकट हुआ है।

इससे हमें सीख मिलती है कि हम परमेश्वर विहीनता को नकारें और सांसारिक इच्छाओं का निषेध करते हुए ऐसा जीवन जीयें जो विवेकपूर्ण नेक, भक्ति से भरपूर और पवित्र हो। आज के इस संसार में

गिनती 6:3

उस काल में व्यक्ति को कोई दाखमधु या कोई अधिक नशीली चीज़ नहीं पीनी चाहिए। व्यक्ति को सिरका जो दाखमधु से बना हो या किसी अधिक नशीले पेय को नहीं पीना चाहिए। उस व्यक्ति को अंगूर का रस नहीं पीना चाहिए और न ही अंगुर या किशमिश खाने चाहिए।

व्यवस्थाविवरण 29:6

तुम्हारे पास कुछ भी भोजन नहीं था। तुम्हारे पास कुछ भी दाखमधु या कोई अन्य पीने की चीज़ नहीं थी। किन्तु यहोवा ने तुम्हारी देखभाल की उसने यह इसलिए किया कि तुम समझोगे कि वह यहोवा, तुम्हारा परमेश्वर है।

न्यायियों 13:4

तुम दाखमधु या कोई नशीली पीने की चीज न पीओ। किसी भी अशुद्ध जानवर को न खाओ।

न्यायियों 13:7

किन्तु उसने मुझसे कहा, ‘तुम गर्भवती हो और तुम्हें एक पुत्र होगा। कोई दाखमधु या नशीली पीने की चीज़ मत पीओ। कोई ऐसा जानवर न खाओ जो अशुद्ध हो, क्योंकि वह लड़का विशेष रूप से परमेश्वर को समर्पित होगा। वह लड़का जन्म के पहले से लेकर मरने के दिन तक परमेश्वर का विशेष व्यक्ति होगा।’”

1 शमूएल 1:14-15

एली ने समझा कि हन्ना दाखमधु से मत्त है। एली ने हन्ना से कहा, “तुम्हारे पास पीने को अत्याधिक था! अब समय है कि दाखमधु को दूर करो।”

हन्ना ने उत्तर दिया, “मैंने दाखमधु या दाखरस नहीं पिया है। मैं बहुत अधिक परेशान हूँ। मैं यहोवा से प्रार्थना करके अपनी समस्याओं का निवेदन कर रही थी।

2 शमूएल 11:13

तब दाऊद ने उसे आने और खाने के लिये बुलाया। ऊरिय्याह ने दाऊद के साथ पीया और खाया। दाऊद ने ऊरिय्याह को नशे में कर दिया। किन्तु ऊरिय्याह, फिर भी घर नहीं गया। उस शाम को ऊरिय्याह राजा के सेवकों के साथ राजा के द्वार के बाहर सोया।

2 शमूएल 13:28

तब अबशालोम ने अपने सवेकों को आदेश दिया। उसने उनसे कहा, “अम्नोन पर नजर रखो। जब वह नशे में धुत होगा तब मैं तुम्हें आदेश दूँगा अम्नोन को जान से मार डालो। सजा पाने से डरो नहीं। आखिरकार, तुम मेरे आदेश का पालन करोगे। अब शक्तिशाली और वीर बनों।”

1 राजाओं 16:9

राजा एला के अधिकारियों में से जिम्री एक था। जिम्री एला के आधे रथों को आदेश देता था। किन्तु जिम्री ने एला के विरुद्ध योजना बनाई। राजा एला तिर्सा में था। वह अर्सा के घर में दाखमधु पी रहा था और मत्त हो रहा था। अर्सा, तिर्सा के महल का अधिकारी था।

1 राजाओं 20:16

दोपहर को, राजा बेन्हदद और उसके सहायक बत्तीस राजा अपने डेरे में मदिरा पान कर रहे थे और मद मत्त हो रहे थे। इसी समय राजा अहाब का आक्रमण आरम्भ हुआ।

1 इतिहास 12:39-40

उन लोगों ने दाऊद के साथ हेब्रोन में तीन दिन बिताए। उन्होंने खाया और पिया, क्योंकि उनके सम्बन्धियों ने उनके लिये भोजन बनाया था।

गिबोनी नगर का यिशमायाह; (यिशमायाह तीनों वीरों के साथ एक वीर था और वह तीन वीरों का प्रमुख भी था।); गदेरा लोगों में से यिर्मयाह, यहजीएल, योहानान और योजाबाद;

जहाँ इस्सकार, जबूलून, और नप्ताली के समूह रहते थे, उस क्षेत्र से भी उनके पड़ोसी गधे, ऊँट, खच्चर, और गायों पर भोजन लेकर आये। वे बहुत सा आटा, अंजीर—पूड़े, रेशिन, दाखमधु, तेल, गाय बैल और भेड़ें लाए। इस्राएल में लोग बहुत खुश थे।

भजन संहिता 75:8

परमेश्वर दुष्टों को दण्ड देने को तत्पर है। परमेश्वर के पास विष मिला हुआ मधु पात्र है। परमेश्वर इस दाखमधु (दण्ड) को उण्डेलता है और दुष्ट जन उसे अंतिम बूँद तक पीते हैं।

भजन संहिता 104:15

परमेश्वर, हमें दाखमधु देता है, जो हमको प्रसन्न करती है। हमारा चर्म नर्म रखने को तू हमें तेल देता है। हमें पुष्ट करने को वह हमें खाना देता है।

नीतिवचन 4:17

वे तो बस सदा नीचता की रोटी खाते और हिंसा का दाखमधु पीते हैं।

नीतिवचन 21:17

जो सुख भोगों से प्रेम करता रहता वह दरिद्र हो जायेगा, और जो मदिरा का प्रेमी है, तेल का कभी धनी नहीं होगा।

नीतिवचन 23:19-20

मेरे पुत्र, सुन! और विवेकी बनजा और अपनी मन को नेकी की राह पर चला।

यदि तू पेटू है तो खाने पर नियन्त्रण रख।

तू उनके साथ मत रह जो बहुत पियक्कड़ हैं, अथवा ऐसे, जो ठूंस—ठूंस माँस खाते हैं।

नीतिवचन 23:29-30

कौन विपत्ति में है कौन दुःख में पड़ा है कौन झगड़े—टंटों में किसकी शिकायतें हैं कौन व्यर्थ चकना चूर किसकी आँखें लाल हैं वे जो निरन्तर दाखमधु पीते रहते हैं और जिसमें मिश्रित मधु की ललक होती है!

उसके पकवानों की लालसा मत कर क्योंकि वह भोजन तो कपटपूर्ण होता है।

नीतिवचन 23:31-32

जब दाखमधु लाल हो, और प्यालें में झिलमिलाती हो और धीरे—धीरे डाली जा रही हो, उसको ललचायी आँखों से मत देखो।

सर्प के समान वह डसती, अन्त में जहर भर देती है जैसे नाग भर देता है।

नीतिवचन 31:4

हे लमूएल! राजा को मधुपान शोभा नहीं देता, और न ही यह कि शासक को यवसुरा ललचाये।

नीतिवचन 31:5-7

नहीं तो, वे मदिरा का बहुत अधिक पान करके, विधान की व्यवस्था को भूल जायेगें और वे सारे दीन दलितों के अधिकारों को छीन लेंगे।

वे जो मिटे जा रहे हैं उन्हें यवसुरा, मदिरा उनको दे जिन पर दारूण दुःख पड़ा हो।

उनको पीने दे और उन्हें उनके अभावों को भूलने दे। उनका वह दारूण दुःख उन्हें नहीं याद रहे।

सभोपदेशक 2:3

सो मैंने निश्चय किया कि मैं अपनी देह को दाखमधु से भर लूँ यद्यपि मेरा मस्तिष्क मुझे अभी ज्ञान की राह दिखा रहा था। मैंने यह मूर्खता पूर्ण आचरण किया, क्योंकि मैं आनन्द का कोई मार्ग ढूँढना चाहता था। मैं चाहता था कि लोगों के लिये अपने जीवन के थोड़े से दिनों में क्या करना उत्तम है, इसे खोज लूँ।

सभोपदेशक 9:7

सो अब तुम जाओ और अपना खाना खाओ और उसका आनन्द लो। अपना दाखमधु पिओ और खुश रहो। यदि तुम ये बातें करते हो तो ये बातें परमेश्वर से समर्थित है।

यशायाह 5:11

तुम्हें धिक्कार है, तुम लोग अलख सुबह उठते हो और अब सुरा पीने की ताक में रहते हो। रात को देर तक जागते हुए दाखमधु पी कर धुत होते हो।

यशायाह 5:22

बुरा हो उनका जो दाखमधु पीने के लिए जाने माने जाते हैं। दाखमधु के मिश्रण में जिन्हें कुशलता हासिल है।

यशायाह 24:9

अब लोग जब दाखमधु पीते हैं, तो प्रसन्नता के गीत नहीं गाते। अब जब व्यक्ति दाखमधु पीते है, तब वह उसे कड़वी लगती है।

यशायाह 28:1

शोमरोन को देखो! एप्रैम के मदमस्त लोग उस नगर पर गर्व करते हैं। वह नगर पहाड़ी पर बसा है जिसके चारों तरफ एक सम्पन्न घाटी है। शोमरोन के वासी यह सोचा करते हैं कि उनका नगर फूलों के मुकुट सा है। किन्तु वे दाखमधु से धुत्त हैं और यह “सुन्दर मुकुट” मुरझाये पौधे सा है।

यशायाह 28:7

किन्तु अभी वे मुखिया लोग मदमत्त हैं। याजक और नबी सभी दाखमधु और सुरा से धुत्त हैं। वे लड़खड़ाते हैं और नीचे गिर पड़ते हैं। नबी जब अपने सपने देखते हैं तब वे पिये हुए होते हैं। न्यायाधीश जब न्याय करते हैं तो वे नशे में डूबे हुए होते हैं।

यशायाह 56:12

वे कहा करते हैं, “आओ थोड़ी दाखमधु ले और उसे पीयें यव सुरा भरपेट पियें। हम कल भी यही करेंगे, कल थोड़ी और अधिक पियेंगे।”

यिर्मयाह 35:5-6

तब मैंने (यिर्मयाह) रेकाबी परिवार के सामने कुछ प्यालों के साथ दाखमधु से भरे कुछ कटोरे रखे और मैंने उनसे कहा, “थोड़ी दाखमधु पीओ।”

किन्तु रेकाबी लोगों ने उत्तर दिया, “हम दाखमधु कभी नहीं पीते। हम इसलिये नहीं पीते क्योंकि हमारे पूर्वज रेकाबी के पुत्र योनादाब ने यह आदेश दिया था: ‘तुम्हें और तुम्हारे वंशजों को दाखमधु कभी नहीं पीनी चाहिये

यहेजकेल 44:21

कोई भी याजक उस समय दाखमधु नहीं पी सकता जब वे भीतरी आँगन में जाता है।

दानिय्येल 1:8

दानिय्येल राजा के उत्तम भोजन और दाखमधु को ग्रहण करना नहीं चाहता था। दानिय्येल नहीं चाहता था कि वह उस भोजन और उस दाखमधु से अपने आपको अशुद्ध कर ले। सो उसने इस प्रकार अपने आपको अशुद्ध होने से बचाने के लिये अशपनज से विनती की।

दानिय्येल 5:1-2

राजा बेलशस्सर ने अपने एक हजार अधिकारियों को एक बड़ी दावत दी। राजा उनके साथ दाखमधु पी रहा था।

तभी जहाँ वह दावत चल रही थी, वहाँ राजा की माँ आई। उसने राजा और उसके राजकीय अधिकारीयों की आवाज़े सुन लीं थी, उसने कहा, “हे राजा, चिरंजीव रह! डर मत! तु अपने मुहँ को डर से इतना पीला मत पड़ने दे!

देख, तेरे राज्य में एक ऐसा व्यक्ति है जिसमें पवित्र ईश्वरों की आत्मा बसती है। तेरे पिता के दिनों में इस व्यक्ति ने यह दर्शाया था कि वह रहस्यों को समझ सकता है। उसने यह दिखा दिया था कि वह बहुत चुस्त और बुद्धिमान है। उसने यह प्रकट कर दिया था कि इन बातों में वह ईश्वर के समान है। तेरे दादा राजा नबूकदनेस्सर ने इस व्यक्ति को सभी बुद्धिमान पुरूषों पर मुखिया नियुक्त किया था। वह सभी तांत्रिकों और कसदियों पर हुकूमत करता था।

मैं जिस व्यक्ति के बारे में बातें कर रही हूँ उसका नाम दानिय्येल है। किन्तु राजा ने उसे बेलतशस्सर का नाम दे दिया था। बेलतशस्सर (दानिय्येल) बहुत चुस्त है और वह बहुत सी बाते जानता है। वह स्वप्नों की व्याख्या कर सकता है। पहेलियों को समझा सकता है और कठिन से कठिन हलों को सुलझा सकता है। तू दानिय्येल को बुला। दीवार पर जो लिखा है, उसका अर्थ तुझे वही बतायेगा।”

सो वह दानिय्येल को राजा के पास ले आये। राजा ने दानिय्येल से कहा, “क्या तेरा नाम दानिय्येल है मेरे पिता महाराज यहूदा से जिन लोगों को बन्दी बनाकर लाये थे, क्या तू उन्ही में से एक है

मैंने सुना है, कि ईश्वरों की आत्मा का तुझमें निवास है और मैंने यह भी सुना है कि तू रहस्यों को समझता है, तू बहुत चुस्त और बुद्धिमान है।

बुद्धिमान पुरूष और तांत्रिकों को इस दीवार की लिखावट को समझाने के लिए मेरे पास लाया गया। मैं चाहता था कि वे लोग उस लिखावट का अर्थ बतायें। किन्तु दीवार पर लिखी इस लिखावट की व्याख्या वे मुझे नहीं दे पाए।

मैंने तेरे बारे में सुना है कि तू बातों के अर्थ की व्याख्या कर सकता है और तू अत्यंत कठिन समस्याओं के उत्तर भी ढ़ँूढ सकता है। यदि दीवार की इस लिखावट को तू पढ़ दे और इसका अर्थ तू मुझे समझा दे तो मैं तुझे यहे वस्तुएँ दूँगा। मैं तुझे बैंगनी रंग की पोशाक प्रदान करूँगा, तेरे गले में सोने का हार पहनाऊँगा। फिर तो तू इस राज्य का तीसरा सबसे बड़ा शासक बन जायेगा।”

इसके बाद दानिय्येल ने राजा को उत्तर देते हुए कहा, “हे राजा बेलशस्सर, तुम अपने उपहार अपने पास रखो, अथवा चाहो तो उन्हें किसी और को दे दो। मैं तुम्हें वैसे ही दीवार की लिखावट पढ़ दूँगा और उसका अर्थ क्या है, यह तुम्हें समझा दूँगा।

“हे राजन, परम प्रधान परमेश्वर ने तुम्हारे दादा नबूकदनेस्सर को एक महान शक्तिशाली राजा बनाया था। परमेश्वर ने उन्हें अत्याधिक महत्वपूर्ण बनाया था।

बहुत से देशों के लोग और विभिन्न भाषाएँ बोलनेवाले नबूकदनेस्सर से डरा करते थे क्योंकि परम प्रधान परमेश्वर ने उसे एक बहुत बड़ा राजा बनाया था। यदि नबूकदनेस्सर किसी को मार डालना चाहता तो वह मार दिया जाता और यदि वह चाहता कि कोई व्यक्ति जीवित रहे तो उसे जीवित रहने दिया जाता। यदि वह लोगों को बड़ा बनाना चाहता तो वह उन्हें बड़ा बना देता और यदि वह चाहता कि उन्हें महत्वहीन कर दिया जाये तो वह उन्हें महत्वहीन कर देता।

राजा बेलशस्सर ने दाखमधु पीते हुए अपने सेवकों को सोने और चाँदी के प्याले लाने को कहा। ये वे प्याले थे जिन्हें उसके दादा नबूकदनेस्सर ने यरूशलेम के मन्दिर से लिया था। राजा बेलशस्सर चाहता था कि उसके शाही लोग, उसकी पत्नियाँ, तथा उसकी दासियाँ इन प्यालों से दाखमधु पियें।

दानिय्येल 5:23

नहीं! तुम विनम्र तो नहीं हुए और उलटे स्वर्ग के यहोवा के विरूद्ध हो गये। तुमने यहोवा के मन्दिर के पात्रों को अपने पास लाने की आज्ञा दी और फिर तुमने, तुम्हारे शाही हाकिमों ने, तुम्हारी पत्नियों ने, तुम्हारी दासियों ने उन पात्रों में दाखमधु पीया। तुमने चाँदी, सोने, काँसे, लोहे, लकड़ी और पत्थर के देवताओं के गुण गाये। वे सचमुच के देवता नहीं हैं। वे देख नहीं सकते, सुन नहीं सकते तथा वे कुछ समझ भी नहीं सकते हैं। तुमने उस परमेश्वर को आदर नही दिया, जिसका तुम्हारे जीवन या जो कुछ भी तुम करते हो, उस पर अधिकार है।

होशे 4:11

“व्यभिचार, तीव्र मदिरा और नयी दाखमधु किसी व्यक्ति की सीधी तरह से सोचने की शक्ति को नष्ट कर देते हैं।

योएल 1:5

ओ मतवालों, जागो, उठो और रोओ! ओ सभी लोगों दाखमधु पीने वालों, विलाप करो। क्योंकि तुम्हारी मधुर दाखमधु अब समाप्त हो चुकी है। अब तुम, उसका नया स्वाद नहीं पाओगे।

आमोस 2:8

उन्होंने गरीब लोगों के वस्त्रों को लिया और वे उन पर गलीचे की तरह तब तक बैठे जब तक वे वेदी पर पूजा करते रहे। उन्होंने गरीबों को उनके वस्त्र गिरवी रख कर सिक्के उधार दिये। उन्होंने लोगों को जुर्माना देने को मजबूर किया और उस जुर्माने की रकम से अपने परमेश्वर के मन्दिर में पीने के लिये दाखमधु खरीदी।

मीका 2:11

सम्भव है, कोई झूठा नबी आये और वह झूठ बोले। सम्भव है, वह कहे, “ऐसा समय आयेगा जब दाखमधु बहुत होगा, जब मन्दिर बहुतायत में होगी और फिर इस तरह वह उसका नबी बन जायेगा।”

हबक्कूक 2:5

परमेश्वर ने कहा, “दाखमधु व्यक्ति को भरमा सकती है। इसी प्रकार किसी शक्तिशाली पुरूष को उसका अहंकार मूर्ख बना देता है। उस व्यक्ति को शांति नहीं मिलेगी। मृत्यु के समान कभी उसका पेट नहीं भरता, वह हर समय अधिक से अधिक की इच्छा करता रहता है। मृत्यु के समान ही उसे कभी तृप्ति नहीं मिलेगी। वह दूसरे देशों को हराता रहेगा। वह दूसरे देशों के उन लोगों को अपनी प्रजा बनाता रहेगा।

हबक्कूक 2:15

उस पर हाय पड़े जो अपने क्रोध में लोगों को उन्हें अपमानित करने के लिये मारता—पीटता है और उन्हें तब तक मारता रहता है जब तक वे लड़खड़ा न जायें।

मत्ती 11:18-19

बपतिस्मा देने वाला यूहन्ना आया। जो न औरों की तरह खाता था और न ही पीता था। पर लोगों ने कहा था कि उस में दुष्टात्मा है।

फिर मनुष्य का पुत्र आया। जो औरों के समान ही खाता-पीता है, पर लोग कहते हैं, ‘इस आदमी को देखो, यह पेटू है, पियक्कड़ है। यह चुंगी वसूलने वालों और पापियों का मित्र है।’ किन्तु बुद्धि की उत्तमता उसके कामों से सिद्ध होती है।”

मत्ती 24:49

सो वह अपने साथी दासों से मार पीट करने लगता है और शराबियों के साथ खाना पीना शुरु कर देता है।

लूका 1:15

क्योंकि वह प्रभु की दृष्टि में महान होगा। वह कभी भी किसी दाखरस या किसी भी मदिरा का सेवन नहीं करेगा। अपने जन्म काल से ही वह पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होगा।

लूका 7:33-34

क्योंकि बपतिस्मा देने वाला यूहन्ना आया जो न तो रोटी खाता था और न ही दाखरस पीता था और तुम कहते हो, ‘उसमें दुष्टात्मा है।’

फिर खाते पीते हुए मनुष्य का पुत्र आया, पर तुम कहते हो, ‘देखो यह पेटू है, पियक्कड़ है, कर वसूलने वालों और पापियों का मित्र है।’

लूका 10:34

सो वह उसके पास आया और उसके घावों पर तेल और दाखरस डाल कर पट्टी बाँध दी। फिर वह उसे अपने पशु पर लाद कर एक सराय में ले गया और उसकी देखभाल करने लगा।

लूका 12:45

“किन्तु यदि वह सेवक अपने मन में यह कहे कि मेरा स्वामी तो आने में बहुत देर कर रहा है और वह दूसरे पुरुष और स्त्री सेवकों को मारना पीटना आरम्भ कर दे तथा खाने-पीने और मदमस्त होने लगे

रोमियों 13:13

इसलिए हम वैसे ही उत्तम रीति से रहें जैसे दिन के समय रहते हैं। बहुत अधिक दावतों में जाते हुए खा पीकर धुत्त न हो जाओ। लुच्चेपन दुराचार व्यभिचार में न पड़ें। न झगड़ें और न ही डाह रखें।

1 कुरिन्थियों 5:11

किन्तु मैंने तुम्हें जो लिखा है, वह यह है कि किसी ऐसे व्यक्ति से नाता मत रखो जो अपने आपको मसीही बन्धु कहला कर भी व्यभिचारी, लोभी, मूर्तिपूजक चुगलखोर, पियक्कड़ या एक ठग है। ऐसे व्यक्ति के साथ तो भोजन भी ग्रहण मत करो।

1 कुरिन्थियों 10:31

इसलिए चाहे तुम खाओ, चाहे पिओ, चाहे कुछ और करो, बस सब कुछ परमेश्वर की महिमा के लिये करो।

गलातियों 5:19-21

अब देखो! हमारे शरीर की पापपूर्ण प्रकृति के कामों को तो सब जानते हैं। वे हैं: व्यभिचार अपवित्रता, भोगविलास,

सुनो! स्वयं मैं, पौलुस तुमसे कह रहा हूँ कि यदि ख़तना करा कर तुम फिर से व्यवस्था के विधान की ओर लौटते हो तो तुम्हारे लिये मसीह का कोई महत्त्व नहीं रहेगा।

मूर्ति पूजा, जादू-टोना, बैर भाव, लड़ाई-झगड़ा, डाह, क्रोध, स्वार्थीपन, मतभेद, फूट, ईर्ष्या,

नशा, लंपटता या ऐसी ही और बातें। अब मैं तुम्हें इन बातों के बारे में वैसे ही चेता रहा हूँ जैसे मैंने तुम्हें पहले ही चेता दिया था कि जो लोग ऐसी बातों में भाग लेंगे, वे परमेश्वर के राज्य का उत्तराधिकार नहीं पायेंगे।

फिलिप्पियों 4:5

तुम्हारी सहनशील आत्मा का ज्ञान सब लोगों को हो। प्रभु पास ही है।

कुलुस्सियों 2:16

इसलिए खाने पीने की वस्तुओं अथवा पर्वो, नये चाँद के पर्वों, या सब्त के दिनों को लेकर कोई तुम्हारी आलोचना न करे।

1 थिस्सलुनीकियों 5:6-8

इसलिए हमें औरों की तरह सोते नहीं रहना चाहिए, बल्कि सावधानी के साथ हमें तो अपने पर नियन्त्रण रखना चाहिए।

क्योंकि जो सोते हैं, रात में सोते हैं और जो नशा करते हैं, वे भी रात में ही मदमस्त होते हैं।

किन्तु हम तो दिन से सम्बन्धित हैं इसलिए हमें अपने पर काबू रखना चाहिए। आओ विश्वास और प्रेम की झिलम धारण कर लें और उद्धार पाने की आशा को शिरस्त्राण की तरह ओढ़ लें।

1 तीमुथियुस 3:2-3

अब देखो उसे एक ऐसा जीवन जीना चाहिए जिसकी लोग न्यायसंगत आलोचना न कर पायें। उसके एक ही पत्नी होनी चाहिए। उसे शालीन होना चाहिए, आत्मसंयमी, सुशील तथा अतिथिसत्कार करने वाला एवं शिक्षा देने में निपूण होना चाहिए।

वह पियक्कड़ नहीं होना चाहिए, न ही उसे झगड़ालू होना चाहिए। उसे तो सज्जन तथा शांतिप्रिय होना चाहिए। उसे पैसे का प्रेमी नहीं होना चाहिए।

1 तीमुथियुस 3:8

इसी प्रकार कलीसिया के सेवकों को भी सम्मानीय होना चाहिए जिसके शब्दों पर विश्वास किया जाता हो। मदिरा पान में उसकी रूचि नहीं होनी चाहिए। बुरे रास्तों से उन्हें धन कमाने का इच्छुक नहीं होना चाहिए।

1 तीमुथियुस 5:23

केवल पानी ही मत पीता रह। बल्कि अपने हाज़में और बार-बार बीमार पड़ने से बचने के लिए थोड़ा सा दाखरस भी ले लिया कर।

तीतुस 1:7

निरीक्षक को निर्दोष तथा किसी भी बुराई से अछूता होना चाहिए। क्योंकि जिसे परमेश्वर का काम सौंपा गया है, उसे अड़ियल, चिड़चिड़ा और दाखमधु पीने में उसकी रूचि नहीं होनी चाहिए। उसे झगड़ालू, नीच कमाई का लोलुप नहीं होना चाहिए

तीतुस 2:3

इसी प्रकार वृद्ध महिलाओं को सिखाओ कि वे पवित्र जनों के योग्य उत्तम व्यवहार वाली बनें। निन्दक न बनें तथा बहुत अधिक दाखमधु पान की लत उन्हें न हो। वे अच्छी-अच्छी बातें सिखाने वाली बनें

1 पतरस 1:13

इसलिए मानसिक रूप से सचेत रहो और अपने पर नियन्त्रण रखो। उस वरदान पर पूरी आशा रखो जो यीशु मसीह के प्रकट होने पर तुम्हें दिया जाने को है।

1 पतरस 4:3

क्योंकि तुम अब तक अबोध व्यक्तियों के समान विषय-भोगों, वासनाओं, पियक्कड़पन, उन्माद से भरे आमोद-प्रमोद, मधुपान उत्सवों और घृणापूर्ण मूर्ति-पूजाओं में पर्याप्त समय बिता चुके हो।

व्यवस्थाविवरण 32:33

उनकी दाखमधु साँपों के विष जैसी है और क्रूर कालकूट अस्प नाम का।”

यशायाह 19:14

यहोवा ने मुखियाओं को उलझन में डाल दिया है। वे भटक गये हैं और मिस्र को गलत रास्ते पर ले जा रहे हैं। वे नशे में धुत ऐसे लोगों के समान हैं जो बीमारी के कारण धरती में लोट रहे हैं।

भजन संहिता 60:3

तूने अपने लोगों को बहुत यातनाएँ दी है। हम दाखमधु पिये जन जैसे लड़खड़ा रहे और गिर रहे हैं।

यिर्मयाह 25:27

“यिर्मयाह, उन राष्ट्रों से कहो कि इस्राएल के लोगों का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा जो कहता है, वह यह है: ‘मेरे क्रोध के इस प्याले को पीओ। उसे पीकर मत्त हो जाओ और उलटियाँ करो। गिर पड़ो और उठो नहीं, क्योंकि तुम्हें मार डालने के लिये मैं तलवार भेज रहा हूँ।’

नीतिवचन 31:6

वे जो मिटे जा रहे हैं उन्हें यवसुरा, मदिरा उनको दे जिन पर दारूण दुःख पड़ा हो।

भजन संहिता 107:27

लोग लड़खड़ा रहे थे, गिरे जा रहे थे जैसे नशे में धुत हो। खिवैया उनकी बुद्धि जैसे व्यर्थ हो गयी हो।

यशायाह 29:9

आश्चर्यचकित हो जाओ और अचरज मे भर जाओ। तुम सभी धुत्त होगे किन्तु दाखमधु से नहीं। देखो और अचरज करो! तुम लड़खड़ाओगे और गिर जाओगे किन्तु सुरा से नहीं।

1 शमूएल 1:15

हन्ना ने उत्तर दिया, “मैंने दाखमधु या दाखरस नहीं पिया है। मैं बहुत अधिक परेशान हूँ। मैं यहोवा से प्रार्थना करके अपनी समस्याओं का निवेदन कर रही थी।

अय्यूब 12:25

वे प्रमुख अंधकार के बीच टटोलते हैं, कोई भी प्रकाश उनके पास नहीं होता है। परमेश्वर उनको ऐसे चलाता है, जैसे पी कर धुत्त हुये लोग चलते हैं।”

यशायाह 5:22-23

बुरा हो उनका जो दाखमधु पीने के लिए जाने माने जाते हैं। दाखमधु के मिश्रण में जिन्हें कुशलता हासिल है।

और यदि तुम उन लोगों को रिश्वत दे दो तो वे एक अपराधी को भी छोड़ देंगे। किन्तु वे अच्छे व्यक्ति का भी निष्पक्षता से न्याय नहीं होने देते।

भजन संहिता 69:12

वे जनता के बीच मेरी चर्चायें करतें, और पियक्कड़ मेरे गीत रचा करते हैं।

नीतिवचन 31:6-7

वे जो मिटे जा रहे हैं उन्हें यवसुरा, मदिरा उनको दे जिन पर दारूण दुःख पड़ा हो।

उनको पीने दे और उन्हें उनके अभावों को भूलने दे। उनका वह दारूण दुःख उन्हें नहीं याद रहे।

मत्ती 24:48-49

“दूसरी तरफ़ सोचो एक बुरा दास है, जो अपने मन में कहता है मेरा स्वामी बहुत दिनों से वापस नहीं आ रहा है।

सो वह अपने साथी दासों से मार पीट करने लगता है और शराबियों के साथ खाना पीना शुरु कर देता है।

1 कुरिन्थियों 9:27

बल्कि मैं तो अपने शरीर को कठोर अनुशासन में तपा कर, उसे अपने वश में करता हूँ। ताकि कहीं ऐसा न हो जाय कि दूसरों को उपदेश देने के बाद परमेश्वर के द्वारा मैं ही व्यर्थ ठहरा दिया जाऊँ!

इफिसियों 5:15-18

इसलिए सावधानी के साथ देखते रहो कि तुम कैसा जीवन जी रहे हो। विवेकहीन का सा आचरण मत करो, बल्कि बुद्धिमान का सा आचरण करो।

जो हर अवसर का अच्छे कर्म करने के लिये पूरा-पूरा उपयोग करते हैं, क्योंकि ये दिन बुरे हैं

इसलिए मूर्ख मत बनो बल्कि यह जानो कि प्रभु की इच्छा क्या है।

मदिरा पान करके मतवाले मत बने रहो क्योंकि इससे कामुकता पैदा होती है। इसके विपरीत आत्मा से परिपूर्ण हो जाओ।

1 तीमुथियुस 4:16

अपने जीवन और उपदेशों का विशेष ध्यान रख। उन ही पर टिका रह क्योंकि ऐसा आचरण करते रहने से तू स्वयं अपने आपका और अपने सुनने वालों का उद्धार करेगा।

1 कुरिन्थियों 8:9

सावधान रहो! कहीं तुम्हारा यह अधिकार उनके लिये, जो दुर्बल हैं, पाप में गिरने का कारण न बन जाये।

लूका 21:34

“अपना ध्यान रखो, ताकि तुम्हारे मन कहीं डट कर पीने पिलाने और सांसारिक चिंताओं से जड़ न हो जायें। और वह दिन एक फंदे की तरह तुम पर अचानक न आ पड़े।

भजन संहिता 16:5-6

नहीं, बस मेरा भाग यहोवा में है। बस यहोवा से ही मेरा अंश और मेरा पात्र आता है। हे यहोवा, मुझे सहारा दे और मेरा भाग दे।

मेरा भाग अति अद्भुत है। मेरा क्षय अति सुन्दर है।

भजन संहिता 23:5

हे यहोवा, तूने मेरे शत्रुओं के समक्ष मेरी खाने की मेज सजाई है। तूने मेरे शीश पर तेल उँडेला है। मेरा कटोरा भरा है और छलक रहा है।

सभोपदेशक 10:17

किन्तु किसी देश के लिये यह बहुत अच्छा है कि उसका राजा किसी उत्तम वंश का हो। किसी देश के लिये यह बहुत उत्तम है कि उसके अधिकारी अपने खाने और पीने पर नियन्त्रण रखते हैं। वे अधिकारी बलशाली होने के लिये खाते पीते हैं न कि मतवाले हो जाने के लिये।

लूका 22:18

क्योंकि मैं तुमसे कहता हूँ आज के बाद जब तक परमेश्वर का राज्य नहीं आ जाता मैं कोई भी दाखरस कभी नहीं पिऊँगा।”

ईश्वर से प्रार्थना

हे परम दयालु, अनन्त परमेश्वर, सर्वोच्च प्रभु! मैं आपकी स्तुति करता/करती हूँ क्योंकि आप न्यायी, पवित्र और सर्वोच्च प्रशंसा और आराधना के योग्य हैं। हे मेरे स्वर्गीय पिता, मैं आपकी ओर पुकार करता/करती हूँ क्योंकि केवल आपके पास ही मेरा जीवन मुक्त और पुनर्स्थापित करने की शक्ति है। आपका वचन कहता है, "यदि पुत्र तुम्हें स्वतंत्र करेगा, तो तुम सचमुच स्वतंत्र हो जाओगे।" मैं आपसे प्रार्थना करता/करती हूँ कि आप उन सभी बंधनों को तोड़ दें जो मुझे शराब की लत से बांधे हुए हैं। मुझे अपने पवित्र आत्मा की मदद से अपने विश्वास को मजबूत करने और इस बुरी आदत के प्रलोभन के सामने दृढ़ रहने में मदद करें। मुझे अपने स्वास्थ्य, अपने वित्त और अपने परिवार को वापस पाने के लिए इस बुराई को त्यागने में मदद करें। मैं आपकी इच्छा के अनुसार चलना चाहता/चाहती हूँ, क्योंकि आपका वचन स्पष्ट रूप से कहता है, "न तो चोर, न लोभी, न शराबी, न गाली देने वाले, न ठग, परमेश्वर के राज्य के वारिस होंगे।" मुझे अपने और अपने आसपास के लोगों के लिए एक सुखद जीवन जीना सिखाएं। मैं अपने जीवन में दुश्मन को और जगह नहीं देना चाहता/चाहती हूँ। मुझे बचाएं और उन सभी लोगों को दूर भगाएं जो किसी न किसी तरह मुझे शराब के दलदल में धकेलने की कोशिश करते हैं। प्रभु, मैं उन लोगों के जीवन की मुक्ति और पुनर्स्थापना के लिए भी प्रार्थना करता/करती हूँ जो इसी स्थिति से गुजर रहे हैं। उनका मार्गदर्शन करें, उनकी मदद करें और उन्हें यह समझने में मदद करें कि केवल आप में ही वे सच्ची शारीरिक और आध्यात्मिक स्वतंत्रता पा सकते हैं, और केवल आपका हाथ थामकर ही कोई भी बुरी आदत पर विजय प्राप्त कर सकता है, क्योंकि केवल आप ही विजय प्रदान करते हैं। यीशु के नाम में, आमीन।