बाइबिल के पद

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उपश्रेणी

100 बुज़ुर्गों की देखभाल पर बाइबल के वचन


लैव्यव्यवस्था 19:32

“बूढ़े लोगों का सम्मान करो। जब वे कमरे में आएँ तो खड़े हो जाओ। अपने परमेश्वर का सम्मान करो। मैं यहोवा हूँ!”

उत्पत्ति 25:8

इब्राहीम धीरे—धीरे कमज़ोर पड़ता गया और भरे—पूरे जीवन के बाद चल बसा। उसने लम्बा भरपूर जीवन बिताया और फिर वह अपने पुरखों के साथ दफनाया गया।

अय्यूब 32:7

मैंने मन में सोचा कि बड़े को पहले बोलना चाहिये, और जो आयु में बड़े है उनको अपने ज्ञान को बाँटना चाहिये।

भजन संहिता 37:25

मैं युवक हुआ करता था पर अब मैं बूढा हूँ। मैंने कभी यहोवा को सज्जनों को असहाय छोड़ते नहीं देखा। मैंने कभी सज्जनों की संतानों को भीख माँगते नहीं देखा।

यशायाह 46:3-4

“याकूब के परिवार, मेरी सुन! हे इस्राएल के लोगों जो अभी जीवित हो, सुनो! मैं तुम्हें तब से धारण किए हूँ जब अभी तुम माता के गर्भ में ही थे।

मैं तुम्हें तब से धारण किए हूँ जब से तुम्हारा जन्म हुआ है और मैं तुम्हें तब भी धारण करूँगा, जब तुम बूढ़े हो जाओगे। तुम्हारे बाल सफेद हो जायेंगे, मैं तब भी तुम्हें धारण किए रहूँगा क्योंकि मैंने तुम्हारी रचना की है। मैं तुम्हें निरन्तर धारण किए रहूँगा और तुम्हारी रक्षा करूँगा।

नीतिवचन 23:22

अपने पिता की सुन जिसने तुझे जीवन दिया है, अपनी माता का निरादर मत कर जब वह वृद्ध हो जाये।

नीतिवचन 13:1

समझदार पुत्र निज पिता की शिक्षा पर कान देता, किन्तु उच्छृंखल झिड़की पर भी ध्यान नहीं देता।

रूत 4:15

वह तुम्हें फिर देगा एक जीवन! और बुढ़ापे में तुम्हारा वह रखेगा ध्यान। तुम्हारी बहू के कारण घटना घटी है यह गर्भ में धारण किया उसने यह बच्चा तुम्हारे लिए। प्यार वह करती है तुमसे और वह उत्तम है तम्हारे लिए सात बेटों से अधिक।”

यशायाह 46:4

मैं तुम्हें तब से धारण किए हूँ जब से तुम्हारा जन्म हुआ है और मैं तुम्हें तब भी धारण करूँगा, जब तुम बूढ़े हो जाओगे। तुम्हारे बाल सफेद हो जायेंगे, मैं तब भी तुम्हें धारण किए रहूँगा क्योंकि मैंने तुम्हारी रचना की है। मैं तुम्हें निरन्तर धारण किए रहूँगा और तुम्हारी रक्षा करूँगा।

1 तीमुथियुस 5:1-2

किसी बड़ी आयु के व्यक्ति के साथ कठोरता से मत बोलो, बल्कि उन्हें पिता के रूप में देखते हुए उनके प्रति विनम्र रहो। अपने से छोटों के साथ भाइयों जैसा बर्ताव करो।

तथा जो बाल बच्चों को पालते हुए, अतिथि सत्कार करते हुए, पवित्र लोगों के पांव धोते हुए दुखियों की सहायता करते हुए, अच्छे कामों के प्रति समर्पित होकर सब तरह के उत्तम कार्यों के लिए जानी-मानी जाती हो।

किन्तु युवती-विधवाओं को इस सूची में सम्मिलित मत करो क्योंकि मसीह के प्रती उनके समर्पण पर जब उनकी विषय वासना पूर्ण इच्छाएँ हावी होती हैं तो वे फिर विवाह करना चाहती हैं।

वे अपराधिनी हैं क्योंकि उन्होंने अपनी मूलभूत प्रतिज्ञा को तोड़ा है।

इसके अतिरिक्त उन्हें आलस की आदत पड़ जाती है। वे एक घर से दूसरे घर घूमती फिरती हैं तथा वे न केवल आलसी हो जाती हैं, बल्कि वे बातूनी बन कर लोगों के कामों में टाँग अड़ाने लगाती हैं और ऐसी बातें बोलने लगती हैं जो उन्हें नहीं बोलनी चाहिए।

इसलिए मैं चाहता हूँ कि युवती-विधवाएँ विवाह कर लें और संतान का पालन-पोषण करते हुए अपने घर बार की देखभाल करें ताकि हमारे शत्रुओं को हम पर कटाक्ष करने का कोई अवसर न मिल पाए।

मैं यह इसलिए बता रहा हूँ कि कुछ विधवाएँ भटक कर शैतान के पीछे चलने लगी हैं।

यदि किसी विश्वासी महिला के घर में विधवाएँ हैं तो उसे उनकी सहायता स्वयं करनी चाहिए और कलीसिया पर कोई भार नहीं डालना चाहिए ताकि कलीसिया सच्ची विधवाओं की सहायता कर सके।

जो बुज़ुर्ग कलीसिया की उत्तम अगुआई करते हैं, वे दुगुने सम्मान के पात्र होने चाहिए। विशेष कर वे जिनका काम उपदेश देना और पढ़ाना है।

क्योंकि शास्त्र में कहा गया है, “बैल जब खलिहान में हो तो उसका मुँह मत बाँधो।” तथा, “मज़दूर को अपनी मज़दूरी पाने का अधिकार है।”

किसी बुज़ुर्ग पर लगाए गए किसी लांछन को तब तक स्वीकार मत करो जब तक दो या तीन गवाहियाँ न हों।

बड़ी महिलाओं को माँ समझो तथा युवा स्त्रियों को अपनी बहन समझ कर पूर्ण पवित्रता के साथ बर्ताव करो।

यशायाह 40:29-31

यहोवा शक्तिहीनों को शक्तिशाली बनने में सहायता देता है। वह ऐसे उन लोगों को जिनके पास शक्ति नहीं है, प्रेरित करता है कि वह शक्तिशाली बने।

सुनो! एक व्यक्ति का जोर से पुकारता हुआ स्वर: “यहोवा के लिये बियाबान में एक राह बनाओ! हमारे परमेश्वर के लिये बियाबान में एक रास्ता चौरस करो!

युवक थकते हैं और उन्हें विश्राम की जरुरत पड़ जाती है। यहाँ तक कि किशोर भी ठोकर खाते हैं और गिरते हैं।

किन्तु वे लोग जो यहोवा के भरोसे हैं फिर से शक्तिशाली बन जाते हैं। जैसे किसी गरुड़ के फिर से पंख उग आते हैं। ये लोग बिना विश्राम चाहे निरंतर दौड़ते रहते हैं। ये लोग बिना थके चलते रहते हैं।

भजन संहिता 78:5-6

यहोवा ने याकूब से वाचा किया। परमेश्वर ने इस्राएल को व्यवस्था का विधान दिया, और परमेश्वर ने हमारे पूर्वजों को आदेश दिया। उसने हमारे पूर्वजों को व्यवस्था का विधान अपने संतानों को सिखाने को कहा।

परमेश्वर ने क्रोध प्रकट करने के लिये एक राह पायी। उनमें से किसी को जीवित रहने नहीं दिया। हिंसक महामारी से उसने सारे ही पशुओं को मर जाने दिया।

परमेश्वर ने मिस्र के हर पहले पुत्र को मार डाला। हाम के घराने के हर पहले पुत्र को उसने मार डाला।

फिर उसने इस्राएल की चरवाहे के समान अगुवाई की। परमेश्वर ने अपने लोगों को ऐसे राह दिखाई जैसे जंगल में भेड़ों कि अगुवाई की है।

वह अपनेनिज लोगों को सुरक्षा के साथ ले चला। परमेश्वर के भक्तों को किसी से डर नहीं था। परमेश्वर ने उनके शत्रुओं को लाल सागर में हुबाया।

परमेश्वर अपने निज भक्तों को अपनी पवित्र धरती पर ले आया। उसने उन्हें उस पर्वत पर लाया जिसे उसने अपनी ही शक्ति से पाया।

परमेश्वर ने दूसरी जातियों को वह भूमि छोड़ने को विवश किया। परमेश्वर ने प्रत्येक घराने को उनका भाग उस भूमि में दिया। इस तरह इस्राएल के घराने अपने ही घरों में बस गये।

इतना होने पर भी इस्राएल के लोगों ने परम परमेश्वर को परखा और उसको बहुत दु:खी किया। वे लोग परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन नहीं करते थे।

इस्राएल के लोग परमेश्वर से भटक कर विमुख हो गये थे। वे उसके विरोध में ऐसे ही थे, जैसे उनके पूर्वज थे। वे इतने बुरे थे जैसे मुड़ा धनुष।

इस्राएल के लोगों ने ऊँचे पूजा स्थल बनाये और परमेश्वर को कुपित किया। उन्होंने देवताओं की मूर्तियाँ बनाई और परमेश्वर को ईर्ष्यालु बनाया।

परमेश्वर ने यह सुना और बहुत कुपित हुआ। उसने इस्राएल को पूरी तरह नकारा!

इस तरह लोग व्यवस्था के विधान को जानेंगे। यहाँ तक कि अन्तिम पीढ़ी तक इसे जानेगी। नयी पीढ़ी जन्म लेगी और पल भर में बढ़ कर बड़े होंगे, और फिर वे इस कहानी को अपनी संतानों को सुनायेंगे।

निर्गमन 12:26-27

जब तुम लोगों के बच्चे तुम से पूछेंगे, ‘हम लोग यह त्योहार क्यों मनाते हैं?’

तो तुम लोग कहोगे, ‘यह फसह पर्व यहोवा की भक्ति के लिए है। क्यों? क्योंकि जब हम लोग मिस्र में थे तब यहोवा इस्राएल के घरों से होकर गुजरा था। यहोवा ने मिस्रियों को मार डाला, किन्तु उसने हम लोगों के घरों में लोगों को बचाया।’” इसलिए लोग अब यहोवा को झुककर प्रणाम करते हैं तथा उपासना करते हैं।

सभोपदेशक 12:1

बचपन से ही अपने बनाने वाले का स्मरण करो। इससे पहले कि बुढ़ापे के बुरे दिन तुम्हें आ घेरें। पहले इसके कि तुम्हें यह कहना पड़े कि “हाय, में जीवन का रस नहीं ले सका।”

नीतिवचन 16:31

श्वेत केश महिमा मुकुट होते हैं जो धर्मी जीवन से प्राप्त होते हैं।

1 राजाओं 12:6-7

कुछ अग्रज लोग थे जो सुलैमान के जीवित रहते उसके निर्णय करने में सहायता करते थे। इसलिए राजा रहूबियाम ने इन व्यक्तियों से पूछा कि उसे क्या करना चाहिये। उसने कहा, “आप लोग क्या सोचते हैं, मुझे इन लोगों को क्या उत्तर देना चाहिये?”

अग्रजों ने उत्तर दिया, “यदि आज तुम उनके सेवक की तरह रहोगे तो वे सच्चाई से तुम्हारी सेवा करेंगे। यदि तुम दयालुता के साथ उनसे बातें करोगे तब वे तुम्हारी सदा सेवा करेंगे।”

निर्गमन 20:12

“अपने माता और अपने पिता का आदर करो। यह इसलिए करो कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा जिस धरती को तुम्हें दे रहा है, उसमें तुम दीर्घ जीवन बिता सको।

अय्यूब 32:9

आयु में बड़े व्यक्ति ही नहीं ज्ञानी होते है। क्या बस बड़ी उम्र के लोग ही यह जानते हैं कि उचित क्या है?

भजन संहिता 92:14-15

वे जब तक बूढ़े होंगे तब तक वे फल देते रहेंगे। वे हरे भरे स्वस्थ वृक्षों जैसे होंगे।

वे हर किसी को यह दिखाने के लिये वहाँ है कि यहोवा उत्तम है। वह मेरी चट्टान है! वह कभी बुरा नहीं करता।

इब्रानियों 13:7

अपने मार्ग दर्शकों को याद रखो जिन्होंने तुम्हें परमेश्वर का वचन सुनाया है। उनकी जीवन-विधि के परिणाम पर विचार करो तथा उनके विश्वास का अनुसरण करो।

1 तीमुथियुस 5:8

किन्तु यदि कोई अपने रिश्तेदारों, विशेषकर अपने परिवार के सदस्यों की सहायता नहीं करता, तो वह विश्वास से फिर गया है तथा किसी अविश्वासी से भी अधिक बुरा है।

नीतिवचन 23:24

नेक जन का पिता महा आनन्दित रहता और जिसका पुत्र विवेक पूर्ण होता है वह उसमें ही हर्षित रहता है।

नीतिवचन 20:29

युवकों की महिमा उनके बल से होती है और वृद्धों का गौरव उनके पके बाल हैं।

नीतिवचन 15:20

विवेकी पुत्र निज पिता को आनन्दित करता है, किन्तु मूर्ख व्यक्ति निज माता से घृणा करता।

अय्यूब 12:12

हम कहते है, ‘ऐसे ही बूढ़ों के पास विवेक रहता है और लम्बी आयु समझ बूझ देती है।’

मत्ती 19:19

‘अपने पिता और अपनी माता का आदर कर’ और ‘जैसे तू अपने आप को प्यार करता है, वैसे ही अपने पड़ोसी से भी प्यार कर।’”

व्यवस्थाविवरण 27:16

“लेवीवंशी कहेंगे, ‘वह व्यक्ति अभिशप्त है जो ऐसा कार्य करता है जिससे पता चलता है कि वह अपने माता—पिता का अपमान करता है!’ “तब सभी लोग उत्तर देंगे, ‘आमीन!’

भजन संहिता 71:9

केवल इस कारण की मैं बूढ़ा हो गया हूँ मुझे निकाल कर मत फेंक। मैं कमजोर हो गया हूँ मुझे मत छोड़।

1 पतरस 3:7

ऐसे ही हे पतियों, तुम अपनी पत्नियों के साथ समझदारी पूर्वक रहो। उन्हें निर्बल समझ कर, उनका आदर करो। जीवन के वरदान में उन्हें अपना सह उत्तराधिकारी भी मानो ताकि तुम्हारी प्रार्थनाओं में बाधा न पड़े।

इफिसियों 6:1-3

हे बालकों, प्रभु में आस्था रखते हुए माता-पिता की आज्ञा का पालन करो क्योंकि यही उचित है।

मतलब यह कि प्रभु में स्थित होकर उसकी असीम शक्ति के साथ अपने आपको शक्तिशाली बनाओ।

परमेश्वर के सम्पूर्ण कवच को धारण करो। ताकि तुम शैतान की योजनाओं के सामने टिक सको।

क्योंकि हमारा संघर्ष मनुष्यों से नहीं है, बल्कि शासकों, अधिकारियों इस अन्धकारपूर्ण युग की आकाशी शक्तियों और अम्बर की दुष्टात्मिक शक्तियों के साथ है।

इसलिए परमेश्वर के सम्पूर्ण कवच को धारण करो ताकि जब बुरे दिन आयें तो जो कुछ सम्भव है, उसे कर चुकने के बाद तुम दृढ़तापूर्वक अडिग रह सको।

सो अपनी कमर पर सत्य का फेंटा कस कर धार्मिकता की झिलम पहन कर तथा पैरों में शांति के सुसमाचार सुनाने की तत्परता के जूते धारण करके तुम लोग अटल खड़े रहो।

इन सब से बड़ी बात यह है कि विश्वास को ढाल के रूप में ले लो। जिसके द्वारा तुम उन सभी जलते तीरों को बुझा सकोगे, जो बदी के द्वारा छोड़े गये हैं।

छुटकारे का शिरस्त्राण पहन लो और परमेश्वर के संदेश रूपी आत्मा की तलवार उठा लो।

हर प्रकार की प्रार्थना और निवेदन सहित आत्मा की सहायता से हर अवसर पर विनती करते रहो। इस लक्ष्य से सभी प्रकार का यत्न करते हुए सावधान रहो। तथा सभी संतों के लिये प्रार्थना करो।

और मेरे लिये भी प्रार्थना करो कि मैं जब भी अपना मुख खोलूँ, मुझे एक सुसंदेश प्राप्त हो ताकि निर्भयता के साथ सुसमाचार के रहस्यपूर्ण सत्य को प्रकट कर सकूँ।

“अपने माता-पिता का सम्मान कर।” यह पहली आज्ञा है जो इस प्रतिज्ञा से भी युक्त है,

इसी के लिए मैं ज़ंजीरों में जकड़े हुए राजदूत के समान सेवा कर रहा हूँ। प्रार्थना करो कि मैं, जिस प्रकार मुझे बोलना चाहिए, उसी प्रकार निर्भयता के साथ सुसमाचार का प्रवचन कर सकूँ।

तुम भी, मैं कैसा हूँ और क्या कर रहा हूँ, इसे जान जाओ। सो तुखिकुस तुम्हें सब कुछ बता देगा। वह हमारा प्रिय बंधु है और प्रभु में स्थित एक विश्वासपूर्ण सेवक है

इसीलिए मैं उसे तुम्हारे पास भेज रहा हूँ ताकि तुम मेरे समाचार जान सको और इसलिए भी कि वह तुम्हारे मन को शांति दे सके।

हे भाइयों, तुम सब को परम पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से विश्वास शांति और प्रेम प्राप्त हो।

जो हमारे प्रभु यीशु मसीह से अमर प्रेम रखते हैं, उन पर परमेश्वर का अनुग्रह होता है।

“तेरा भला हो और तू धरती पर चिरायु हो।”

1 पतरस 5:5

इसी प्रकार हे नव युवकों! तुम अपने धर्मवृद्धों के अधीन रहो। तुम एक दूसरे के प्रति विनम्रता धारण करो, क्योंकि “परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है किन्तु दीन जनों पर सदा अनुग्रह रहता है।”

भजन संहिता 127:3-4

बच्चे यहोवा का उपहार है, वे माता के शरीर से मिलने वाले फल हैं।

जवान के पुत्र ऐसे होते हैं जैसे योद्धा के तरकस के बाण।

भजन संहिता 92:12-14

सज्जन लोग तो लबानोन के विशाल देवदार वृक्ष की तरह है जो यहोवा के मन्दिर में रोपे गए हैं।

सज्जन लोग बढ़ते हुए ताड़ के पेड़ की तरह हैं, जो यहोवा के मन्दिर के आँगन में फलवन्त हो रहे हैं।

वे जब तक बूढ़े होंगे तब तक वे फल देते रहेंगे। वे हरे भरे स्वस्थ वृक्षों जैसे होंगे।

सभोपदेशक 7:10

मत कहो, “बीते दिनों में जीवन अच्छा क्यों था?” विवेकी हमें यह प्रश्न पूछने को प्रेरित नहीं करता है। विवेकी हमें प्रेरित नहीं करता है पूछने यह प्रश्न।

तीतुस 2:2-3

वृद्ध पुरुषों को शिक्षा दो कि वे शालीन और अपने पर नियन्त्रण रखने वाले बनें। वे गंभीर, विवेकी, प्रेम और विश्वास में दृढ़ और धैर्यपूर्वक सहनशील हों।

इसी प्रकार वृद्ध महिलाओं को सिखाओ कि वे पवित्र जनों के योग्य उत्तम व्यवहार वाली बनें। निन्दक न बनें तथा बहुत अधिक दाखमधु पान की लत उन्हें न हो। वे अच्छी-अच्छी बातें सिखाने वाली बनें

1 राजाओं 12:8

किन्तु रहूबियाम ने उनकी यह सलाह न मानी। उसने उन नवयुवकों से सलाह ली जो उसके मित्र थे।

नीतिवचन 6:20

हे मेरे पुत्र, अपने पिता की आज्ञा का पालन कर और अपनी माता की सीख को कभी मत त्याग।

नीतिवचन 22:6

बच्चे को यहोवा की राह पर चलाओ वह बुढ़ापे में भी उस से भटकेगा नहीं।

व्यवस्थाविवरण 32:7

“याद करो बीते हुए दिनों को सोचो बीती पीढ़ीयों के वर्षों को, पूछो वृद्ध पिता से, वही कहेंगे पूछो अपने प्रमुखों से; वही कहेंगे।

1 थिस्सलुनीकियों 5:12-13

हे भाइयों, हमारा तुमसे निवेदन है कि जो लोग तुम्हारे बीच परिश्रम कर रहे हैं और प्रभु में जो तुम्हें राह दिखाते हैं, उनका आदर करते रहो।

हमारा तुमसे निवेदन है कि उनके काम के कारण प्रेम के साथ उन्हें पूरा आदर देते रहो। परस्पर शांति से रहो।

भजन संहिता 71:17

हे परमेश्वर, तूने मुझको बचपन से ही शिक्षा दी। मैं आज तक बखानता रहा हूँ, उन अद्भुत कर्मो को जिनको तू करता है!

नीतिवचन 19:20

सुमति पर ध्यान दे और सुधार को अपना ले तू जिससे अंत में तू बूद्धिमान बन जाये।

नीतिवचन 10:7

धर्मी का वरदान स्मरण मात्र बन जाये; किन्तु दुष्ट का नाम दुर्गन्ध देगा।

1 तीमुथियुस 5:17

जो बुज़ुर्ग कलीसिया की उत्तम अगुआई करते हैं, वे दुगुने सम्मान के पात्र होने चाहिए। विशेष कर वे जिनका काम उपदेश देना और पढ़ाना है।

नीतिवचन 10:1

एक बुद्धिमान पुत्र अपने पिता को आनन्द देता है किन्तु एक मूर्ख पुत्र, माता का दुःख होता है।

नीतिवचन 4:1-2

हे मेरे पुत्रों, एक पिता की शिक्षा को सुनों उस पर ध्यान दो और तुम समझ बूझ पा लो!

सुन, हे मेरे पुत्र। जो मैं कहता हूँ तू उसे ग्रहण कर! तू अनगिनत सालों साल जीवित रहेगा।

मैं तुझे बुद्धि के मार्ग की राह दिखाता हूँ, और सरल पथों पर अगुवाई करता हूँ।

जब तू आगे बढ़ेगा तेरे चरण बाधा नहीं पायेंगे, और जब तू दौड़ेगा ठोकर नहीं खायेगा।

शिक्षा को थामे रह, उसे तू मत छोड़। इसकी रखवाली कर। यही तेरा जीवन है।

तू दुष्टों के पथ पर चरण मत रख या पापी जनों की राह पर मत चल।

तू इससे बचता रह, इसपर कदम मत बढ़ा। इससे तू मुड़ जा। तू अपनी राह चल।

वे बुरे काम किये बिना सो नहीं पाते। वे नींद खो बैठते हैं जब तक किसी को नहीं गिराते।

वे तो बस सदा नीचता की रोटी खाते और हिंसा का दाखमधु पीते हैं।

किन्तु धर्मी का पथ वैसा होता है जैसी प्रात: किरण होती है। जो दिन की परिपूर्णता तक अपने प्रकाश में बढ़ती ही चली जाती है।

किन्तु पापी का मार्ग सघन, अन्धकार जैसा होता है। वे नहीं जान पाते कि किससे टकराते हैं।

मैं तुम्हें गहन—गम्भीर ज्ञान देता हूँ। मेरी इस शिक्षा का त्याग तुम मत करना।

अय्यूब 5:26

तू उस पके गेहूँ जैसा होगा जो कटनी के समय तक पकता रहता है। हाँ, तू पूरी वृद्ध आयु तक जीवित रहेगा।

अय्यूब 29:8-9

वहाँ सभी लोग मेरा मान किया करते थे। युवा पुरुष जब मुझे देखते थे तो मेरी राह से हट जाया करते थे। और वृद्ध पुरुष मेरे प्रति सम्मान दर्शाने के लिये उठ खड़े होते थे।

जब लोगों के मुखिया मुझे देख लेते थे, तो बोलना बन्द किया करते थे।

नीतिवचन 3:1-2

हे मेरे पुत्र, मेरी शिक्षा मत भूल, बल्कि तू मेरे आदेश अपने हृदय में बसा ले।

तेरे भण्डार ऊपर तक भर जायेंगे, और तेरे मधुपात्र नये दाखमधु से उफनते रहेंगे।

हे मेरे पुत्र, यहोवा के अनुशासन का तिरस्कार मत कर, उसकी फटकार का बुरा कभी मत मान।

क्यों क्योंकि यहोवा केवल उन्हीं को डाँटता है जिनसे वह प्यार करता है। वैसे ही जैसे पिता उस पुत्र को डाँटे जो उसको अति प्रिय है।

धन्य है वह मनुष्य, जो बुद्धि पाता है। वह मनुष्य धन्य है जो समझ प्राप्त करें।

बुद्धि, मूल्यवान चाँदी से अधिक लाभदायक है, और वह सोने से उत्तम प्रतिदान देती है!

बुद्धि मणि माणिक से अधिक मूल्यवान है। उसकी तुलना कभी किसी उस वस्तु से नहीं हो सकती है जिसे तू चाह सके!

बुद्धि के दाहिने हाथ में सुदीर्घ जीवन है, उसके बायें हाथ में सम्पत्ति और सम्मान है।

उसके मार्ग मनोहर हैं और उसके सभी पथ शांति के रहते हैं।

बुद्धि उनके लिये जीवन वृक्ष है जो इसे अपनाते हैं, वे सदा धन्य रहेंगे जो दृढ़ता से बुद्धि को थामे रहते हैं!

यहोवा ने धरती की नींव बुद्धि से धरी, उसने समझ से आकाश को स्थिर किया।

क्योंकि इनसे तेरी आयु वर्षों वर्ष बढ़ेगी और ये तुझको समपन्न कर देगें।

भजन संहिता 92:14

वे जब तक बूढ़े होंगे तब तक वे फल देते रहेंगे। वे हरे भरे स्वस्थ वृक्षों जैसे होंगे।

भजन संहिता 71:20

तूने मुझे बुरे समय और कष्ट देखने दिये। किन्तु तूने ही मुझे उन सब से बचा लिया और जीवित रखा है। इसका कोई अर्थ नहीं, मैं कितना ही गहरा डूबा तूने मुझको मेरे संकटों से उबार लिया।

भजन संहिता 90:10

हम सत्तर साल तक जीवित रह सकते हैं। यदि हम शक्तिशाली हैं तो अस्सी साल। हमारा जीवन परिश्रम और पीड़ा से भरा है। अचानक हमारा जीवन समाप्त हो जाता है! हम उड़कर कहीं दूर चले जाते हैं।

2 कुरिन्थियों 4:16

इसलिए हम निराश नहीं होते। यद्यपि हमारे भौतिक शरीर क्षीण होते जा रहे हैं, तो भी हमारी अंतरात्मा प्रतिदिन नयी से नयी होती जा रही है।

1 तीमुथियुस 4:12

तू अभी युवक है। इसी से कोई तुझे तुच्छ न समझे। बल्कि तू अपनी बात-चीत, चाल-चलन, प्रेम-प्रकाशन, अपने विश्वास और पवित्र जीवन से विश्वासियों के लिए एक उदाहरण बन जा।

अय्यूब 42:16-17

इसके बाद अय्यूब एक सौ चालीस साल तक और जीवित रहा। वह अपने बच्चों, अपने पोतों, अपने परपोतों और परपोतों की भी संतानों यानी चार पीढ़ियों को देखने के लिए जीवित रहा।

जब अय्यूब की मृत्यु हुई, उस समय वह बहुत बूढ़ा था। उसे बहुत अच्छा और लम्बा जीवन प्राप्त हुआ था।

भजन संहिता 71:18

मैं अब बूढा हो गया हूँ और मेरे केश श्वेत है। किन्तु मैं जानता हूँ कि तू मुझको नहीं तजेगा। हर नयी पीढ़ी से, मैं तेरी शक्ति का और तेरी महानता का वर्णन करूँगा।

नीतिवचन 30:17

जो आँख अपने ही पिता पर हँसती है, और माँ की बात मानने से घृणा करती है, घाठी के कौवे उसे नोंच लेंगे और उसको गिद्ध खा जायेंगे।

नीतिवचन 15:33

यहोवा का भय लोगों को ज्ञान सिखाता है। आदर प्राप्त करने से पहले नम्रता आती है।

नीतिवचन 17:6

नाती—पोते वृद्ध जन का मुकुट होते हैं, और माता—पिता उनके बच्चों का मान हैं।

मत्ती 15:4

क्योंकि परमेश्वर ने तो कहा था ‘तू अपने माता-पिता का आदर कर’ और ‘जो कोई अपने पिता या माता का अपमान करता है, उसे अवश्य मार दिया जाना चाहिये।’

उत्पत्ति 15:15

“तुम बहुत लम्बी आयु तक जीवित रहोगे। तुम शान्ति के साथ मरोगे और तुम अपने पुरखाओं के पास दफनाए जाओगे।

1 कुरिन्थियों 13:4-7

प्रेम धैर्यपूर्ण है, प्रेम दयामय है, प्रेम में ईर्ष्या नहीं होती, प्रेम अपनी प्रशंसा आप नहीं करता।

वह अभिमानी नहीं होता। वह अनुचित व्यवहार कभी नहीं करता, वह स्वार्थी नहीं है, प्रेम कभी झुँझलाता नहीं, वह बुराइयों का कोई लेखा-जोखा नहीं रखता।

बुराई पर कभी उसे प्रसन्नता नहीं होती। वह तो दूसरों के साथ सत्य पर आनंदित होता है।

वह सदा रक्षा करता है, वह सदा विश्वास करता है। प्रेम सदा आशा से पूर्ण रहता है। वह सहनशील है।

फिलिप्पियों 4:13

जो मुझे शक्ति देता है, उसके द्वारा मैं सभी परिस्थितियों का सामना कर सकता हूँ।

भजन संहिता 103:17

किन्तु यहोवा का प्रेम सदा बना रहता है। परमेश्वर सदा—सर्वदा निज भक्तों से प्रेम करता है परमेश्वर की दया उसके बच्चों से बच्चों तक बनी रहती है।

नीतिवचन 31:23

लोग उसके पति का आदर करते हैं वह स्थान पाता है नगर प्रमुखों के बीच।

नीतिवचन 1:8-9

हे मेरे पुत्र, अपने पिता की शिक्षा पर ध्यान दे और अपनी माता की नसीहत को मत भूल।

वे तेरा सिर सजाने को मुकुट और शोभायमान करने तेरे गले का हार बनेंगे।

1 शमूएल 12:2

अब तुम्हारे मार्गदर्शन के लिये एक राजा है। मैं श्वेतकेशी बूढ़ा हूँ। मेरे पुत्र तुम्हारे साथ हैं। जब मैं एक छोटा बालक था तब से मैं तुम्हारा मार्ग दर्शक रहा हूँ।

यशायाह 3:5

हर व्यक्ति आपस में एक दूसरे के विरुद्ध हो जायेगा। नवयुवक बड़े बूढ़ों का आदर नहीं करेंगे। साधारण लोग महत्वपूर्ण लोगों को आदर नहीं देंगे।”

लूका 2:25

यरूशलेम में शमौन नाम का एक धर्मी और भक्त व्यक्ति था। वह इस्राएल के सुख-चैन की बाट जोहता रहता था। पवित्र आत्मा उसके साथ था।

यहोशू 14:10-11

“अब, सोचो कि उस समय से यहोवा ने जैसा कहा था उसी प्रकार मुझे पैंतालीस वर्ष तक जीवित रखा है। उस समय हम सब मरुभूमि में भटकते रहे। अब, मैं पचासी वर्ष का हो गया हूँ।

मैं अब भी उतना ही शक्तिशाली हूँ जितना शक्तिशाली मैं उस समय था, जब मूसा ने मुझे भेजा था। मैं उन दिनों की तरह अब भी युद्ध करने को तैयार हूँ।

1 राजाओं 12:13-14

उस समय राजा रहूबियाम ने उनसे कठोर शब्द कहे। उसने अग्रजों की सलाह न मानी।

उसने वही किया जो उसके मित्रों ने उसे करने को कहा। रहूबियाम ने कहा, “मेरे पिता ने तुम्हें कठिन श्रम करने को विवश किया। अत: मैं तुम्हें और अधिक काम दूँगा। मेरे पिता ने तुमको कोड़े से पीटा। किन्तु मैं तुम्हें उन कोड़ों से पीटूँगा जिनमें तुम्हें घायल करने के लिये धरादर लोहे के टुकड़े हैं।”

भजन संहिता 78:4

इस कहानी को हम नहीं भूलेंगे। हमारे लोग इस कथा को अगली पीढ़ी को सुनाते रहेंगे। हम सभी यहोवा के गुण गायेंगे। हम उन के अद्भुत कर्मो का जिनको उसने किया है बखान करेंगे।

प्रेरितों के काम 2:17

‘परमेश्वर कहता है: अंतिम दिनों में ऐसा होगा कि मैं सभी मनुष्यों पर अपनी आत्मा उँड़ेल दूँगा फिर तुम्हारे पुत्र और पुत्रियाँ भविष्यवाणी करने लगेंगे। तथा तुम्हारे युवा लोग दर्शन पायेंगे और तुम्हारे बूढ़े लोग स्वप्न देखेंगे।

यूहन्ना 19:26-27

यीशु ने जब अपनी माँ और अपने प्रिय शिष्य को पास ही खड़े देखा तो अपनी माँ से कहा, “प्रिय महिला, यह रहा तेरा बेटा।”

फिर वह अपने शिष्य से बोला, “यह रही तेरी माँ।” और फिर उसी समय से वह शिष्य उसे अपने घर ले गया।

2 तीमुथियुस 1:5

मुझे तेरा वह सच्चा विश्वास भी याद है जो पहले तेरी नानी लोईस और तेरी माँ यूनीके में था। मुझे भरोसा है कि वही विश्वास तुझमें भी है।

अय्यूब 12:13

विवेक और सामर्थ्य परमेश्वर के साथ रहते है, सम्मत्ति और सूझ—बूझ उसी की ही होती है।

नीतिवचन 12:15

मूर्ख को अपना मार्ग ठीक जान पड़ता है, किन्तु बुद्धिमान व्यक्ति सन्मति सुनता है।

नीतिवचन 22:28

तेरी धरती की सम्पत्ति जिसकी सीमाएँ तेरे पूर्वजों ने निर्धारित की उस सीमा रेखा को कभी भी मत हिला।

इब्रानियों 12:9

और फिर यह भी कि इन सब को वे पिता भी जिन्होंने हमारे शरीर को जन्म दिया है, हमें ताड़ना देते हैं। और इसके लिए हम उन्हें मान देते हैं तो फिर हमें अपनी आत्माओं के पिता के अनुशासन के तो कितना अधिक अधीन रहते हुए जीना चाहिए।

व्यवस्थाविवरण 4:9

किन्तु तुम्हें सावधान रहना है। निश्चय कर लो कि जब तक तुम जीवित रहोगे, तब तक तुम देखी गई चीजों को नहीं भूलोगे। तुम्हें इन उपदेशों को अपने पुत्रों और पौत्रों को देना चाहिए।

भजन संहिता 71:5-6

मेरे स्वामी, तू मेरी आशा है। मैं अपने बचपन से ही तेरे भरोसे हूँ।

जब मैं अपनी माता के गर्भ में था, तभी से तेरे भरोसे था। जिस दिन से मैंने जन्म धारण किया, मैं तेरे भरोसे हूँ। मैं तेरी प्रर्थना सदा करता हूँ।

नीतिवचन 3:5-6

अपने पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रख! तू अपनी समझ पर भरोसा मत रख।

उसको तू अपने सब कामों में याद रख। वही तेरी सब राहों को सीधी करेगा।

नीतिवचन 11:14

जहाँ मार्ग दर्शन नहीं वहाँ राष्ट्र पतित होता, किन्तु बहुत सलाहकार विजय को सुनिश्चित करते हैं।

भजन संहिता 37:4

यहोवा की सेवा में आनन्द लेता रह, और यहोवा तुझे तेरा मन चाहा देगा।

उत्पत्ति 21:2

सारा गर्भवती हुई और बुढ़ापे में इब्राहीम के लिए एक बच्चा जनी। सही समय पर जैसा परमेश्वर ने वचन दिया था वैसा ही हुआ।

उत्पत्ति 48:9

यूसुफ ने अपने पिता से कहा, “ये मेरे पुत्र हैं। ये वे लड़के हैं जिन्हें परमेश्वर ने मुझे दिया है।” इस्राएल ने कहा, “अपने पुत्रों को मेरे पास लाओ। मैं उन्हें आशीर्वाद दूँगा।”

लूका 1:6

वे दोनों ही धर्मी थे। वे बिना किसी दोष के प्रभु के सभी आदेशों और नियमों का पालन करते थे।

अय्यूब 42:10

इस प्रकार जब अय्यूब अपने मित्रों के लिये प्रार्थना कर चुका तो यहोवा ने अय्यूब की फिर सफलता प्रदान की। परमेश्वर ने जितना उसके पास पहले था, उससे भी दुगुना उसे दे दिया।

उत्पत्ति 17:1

जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हुआ, यहोवा ने उससे बात की। यहोवा ने कहा, “मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ। मेरे लिए ये काम करो। मेरी आज्ञा मानो और सही रास्ते पर चलो।

फिलिप्पियों 2:3-4

ईर्ष्या और बेकार के अहंकार से कुछ मत करो। बल्कि नम्र बनो तथा दूसरों को अपने से उत्तम समझो।

क्योंकि मसीह के काम के लिये वह लगभग मर गया था ताकि तुम्हारे द्वारा की गयी मेरी सेवा में जो कभी रह गई थी, उसे वह पूरा कर दे, इसके लिये उसने अपने प्राणों की बाजी लगा दी।

तुममें से हर एक को चाहिए कि केवल अपना ही नहीं, बल्कि दूसरों के हित का भी ध्यान रखे।

उत्पत्ति 45:9

यूसुफ ने कहा, “इसलिए जल्दी मेरे पिता के पास जाओ। मेरे पिता से कहो कि उसके पुत्र यूसुफ ने यह सन्देश भेजा है: ‘परमेश्वर ने मुझे पूरे मिस्र का शासक बनाया है। मेरे पास आइये। प्रतीक्षा न करें। अभी आएँ।

लूका 2:36-37

वहीं हन्नाह नाम की एक महिला नबी थी। वह अशेर कबीले के फनूएल की पुत्री थी। वह बहुत बूढ़ी थी। अपने विवाह के बस सात साल बाद तक ही वह पति के साथ रही थी।

और फिर चौरासी वर्ष तक वह वैसे ही विधवा रही। उसने मन्दिर कभी नहीं छोड़ा। उपवास और प्रार्थना करते हुए वह रात-दिन उपासना करती रहती थी।

रोमियों 12:10

भाई चारे के साथ एक दूसरे के प्रति समर्पित रहो। आपस में एक दूसरे को आदर के साथ अपने से अधिक महत्व दो।

भजन संहिता 103:1-5

हे मेरी आत्मा, तू यहोवा के गुण गा! हे मेरी अंग—प्रत्यंग, उसके पवित्र नाम की प्रशंसा कर।

हम ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किये, किन्तु परमेश्वर हमें दण्ड नहीं देता जो हमें मिलना चाहिए।

अपने भक्तों पर परमेश्वर का प्रेम वैसे महान है जैसे धरती पर है ऊँचा उठा आकाश।

परमेश्वर ने हमारे पापों को हमसे इतनी ही दूर हटाया जितनी पूरब कि दूरी पश्चिम से है।

अपने भक्तों पर यहोवा वैसे ही दयालु है, जैसे पिता अपने पुत्रों पर दया करता है।

परमेश्वर हमारा सब कुछ जानता है। परमेश्वर जानता है कि हम मिट्टी से बने हैं।

परमेश्वर जानता है कि हमारा जीवन छोटा सा है। वह जानता है हमारा जीवन घास जैसा है।

परमेश्वर जानता है कि हम एक तुच्छ बनफूल से हैं। वह फूल जल्दी ही उगता है। फिर गर्म हवा चलती है और वह फूल मुरझाता है। औप फिर शीघ्र ही तुम देख नहीं पातेकि वह फूल कैसे स्थान पर उग रहा था।

किन्तु यहोवा का प्रेम सदा बना रहता है। परमेश्वर सदा—सर्वदा निज भक्तों से प्रेम करता है परमेश्वर की दया उसके बच्चों से बच्चों तक बनी रहती है।

परमेश्वर ऐसे उन लोगों पर दयालु है, जो उसकी वाचा को मानते हैं। परमेश्वर ऐसे उन लोगों पर दयालु है जो उसके आदेशों का पालन करते हैं।

परमेश्वर का सिंहासन स्वर्ग में संस्थापित है। हर वस्तु पर उसका ही शासन है।

हे मेरी आत्मा, यहोवा को धन्य कह और मत भूल की वह सचमुच कृपालु है!

हे स्वर्गदूत, यहोवा के गुण गाओ। हे स्वर्गदूतों, तुम वह शक्तिशाली सैनिक हो जो परमेश्वर के आदेशों पर चलते हो। परमेश्वर की आज्ञाएँ सुनते और पालते हो।

हे सब उसके सैनिकों, यहोवा के गुण गाओ, तुम उसके सेवक हो। तुम वही करते हो जो परमेश्वर चाहता है।

हर कहीं हर वस्तु यहोवा ने रची है। परमेश्वर का शासन हर कहीं वस्तु पर है। सो हे समूची सृष्टि, यहोवा को तू धन्य कह। ओ मेरे मन यहोवा की प्रशंसा कर।

उन सब पापों के लिये परमेश्वर हमको क्षमा करता है जिनको हम करते हैं। हमारी सब व्याधि को वह ठीक करता है।

परमेश्वर हमारे प्राण को कब्र से बचाता है, और वह हमे प्रेम और करुणा देता है।

परमेश्वर हमें भरपूर उत्तम वस्तुएँ देता है। वह हमें फिर उकाब सा युवा करता है।

भजन संहिता 71:8

उन अद्भुत कर्मो को सदा गाता रहा हूँ, जिनको तू करता है।

नीतिवचन 9:10

यहोवा का आदर करना सुबुद्धि को हासिल करने का पहिला कदम है, यहोवा का ज्ञान प्राप्त करना समझबूझ को पाने का पहिला कदम है।

नीतिवचन 14:26

ऐसा मनुष्य जो यहोवा से डरता है, उसके पास एक संरक्षित गढ़ी होती है। और वहीं उसके बच्चों को शरण मिलती है।

सभोपदेशक 4:13

एक गरीब किन्तु बुद्धिमान युवा नेता, एक वृद्ध किन्तु मूर्ख राजा से अच्छा है। वह वृद्ध राजा चेतावनियों पर ध्यान नहीं देता।

रोमियों 15:2

हम में से हर एक, दूसरों की अच्छाइयों के लिए इस भावना के साथ कि उनकी आत्मिक बढ़ोतरी हो, उन्हें प्रसन्न करे।

2 कुरिन्थियों 12:9

किन्तु उसने मुझसे कह दिया है, “तेरे लिये मेरा अनुग्रह पर्याप्त है क्योंकि निर्बलता में ही मेरी शक्ति सबसे अधिक होती है” इसलिए मैं अपनी निर्बलता पर प्रसन्नता के साथ गर्व करता हूँ। ताकि मसीह की शक्ति मुझ में रहे।